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भारत, इंडोनेशिया ने 2025 तक द्विपक्षीय व्यापार 50 अरब डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा
Posted Date : 29-Jun-2019 11:47:04 am

भारत, इंडोनेशिया ने 2025 तक द्विपक्षीय व्यापार 50 अरब डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा

ओसाका,29 जून । भारत और इंडोनेशिया ने अगले छह साल में द्विपक्षीय व्यापार बढ़ाकर 50 अरब डॉलर तक पहुंचाने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य तय किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विदोदो के साथ जी20 शिखर सम्मेलन से इतर शनिवार को हुई मुलाकात में यह लक्ष्य तय किया गया। दोनों नेताओं ने अर्थव्यवस्था, रक्षा तथा समुद्री सुरक्षा समेत कई मुख्य क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की। उन्होंने द्विपक्षीय व्यापार बढ़ाने के तरीकों तथा व्यापार एवं निवेश के क्षेत्र में विस्तृत तालमेल पर भी चर्चा की। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार के अनुसार, भारत और इंडोनेशिया ने 2025 तक द्विपक्षीय व्यापार 50 अरब डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। इंडोनेशिया की केंद्रीय सांख्यिकी एजेंसी के अनुसार, दोनों देशों के बीच व्यापार 2016 में 12.90 अरब डॉलर रहा। वर्ष 2017 में यह 28.70 प्रतिशत बढक़र 18.13 अरब डॉलर पर पहुंच गया। दोनों नेताओं की हुई बैठक में व्यापार एवं निवेश, रक्षा तथा समुद्री सुरक्षा के मुद्दों पर द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की गयी। प्रधानमंत्री कार्यालय ने ट्वीट किया, ‘‘जी20 शिखर सम्मेलन के दूसरे दिन की शुरुआत एक अहम दोस्त से मुलाकात के साथ हुई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति (इंडोनेशिया के) जोकोवि के साथ भारत-इंडोनेशिया सहयोग बढ़ाने के तौर तरीकों पर चर्चा की।’’ कुमार ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘विस्तृत रणनीतिक भागीदारी को आगे ले जाते हुए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जी20 शिखर सम्मेलन से इतर इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोकोवि के साथ सफल बैठक की। व्यापार एवं निवेश, रक्षा, समुद्री सुरक्षा, अंतरिक्ष क्षेत्र में भागीदारी विस्तृत करने पर चर्चा हुई और भारत-प्रशांत क्षेत्र को लेकर दृष्टिकोण पर विचारों का आदान-प्रदान हुआ।

बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए जापान से खरीदी जाएंगी 24 रेलगाडिय़ां
Posted Date : 29-Jun-2019 11:46:47 am

बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए जापान से खरीदी जाएंगी 24 रेलगाडिय़ां

नईदिल्ली,29 जून । सरकार ने शुक्रवार को कहा कि मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल परियोजना के लिए जापान से 24 बुलेट ट्रेन खरीदने की रेल मंत्रालय की योजना है। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में बताया कि राष्ट्रीय हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लि. और जापानी पक्ष के बीच हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन के अनुसार मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने के उद्देश्य से खरीदी जाने वाली 24 रेलगाडिय़ों में से छह को भारत में असेंबल करने की योजना है। उन्होंने बताया कि इस परियोजना की कुल अनुमानित लागत 1.08 लाख करोड़ रुपये है। इसमें से 81 प्रतिशत लागत का वित्त पोषण जापान इंटरनैशनल को-ऑपरेशन एजेंसी (जीका) के माध्यम से किया जाएगा। इस काम को 2023 में पूरा करने का लक्ष्य है।
राजधानी और शताब्दी जैसी रेलगाडिय़ों के निजीकरण की बात को सिरे से खारिज करते हुए रेल मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को कहा कि ऐसी कोई योजना नहीं है। रेल मंत्री ने राज्यसभा को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया ‘राजधानी और शताब्दी जैसी रेलगाडिय़ों का निजीकरण करने की कोई योजना नहीं बनाई गई है। रेलवे के निजीकरण की कोई योजना ही नहीं है।’ गोयल से एसपी सदस्य सुरेन्द्र सिंह नागर ने पूछा था कि क्या सरकार राजधानी और शताब्दी जैसी रेलगाडिय़ों का निजीकरण करने की योजना बना रही है। 
गोयल ने एक अन्य प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि सरकार का लंबी दूरी की सभी ट्रेनों के डिब्बों में सीसीटीवी कैमरे लगाने की योजना है। प्रीमियम, मेल, एक्सप्रेस और उपनगरीय रेल गाडिय़ों के सभी सवारी डिब्बों में सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए कदम उठाए गए हैं। पहले चरण के दौरान इन गाडिय़ों के 7020 सवारी डिब्बों में सीसीटीवी कैमरे लगाने की योजना है। उन्होंने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया ‘31 जनवरी 2019 तक बड़ी लाइन के बिना चौकीदार वाले सभी रेलवे क्रॉसिंग को समाप्त कर दिया गया है। 
मौजूदा नीति के अनुसार, मीटर लाइन और छोटी लाइन पर बिना चौकीदार वाले रेलवे क्रॉसिंग को अमान परिवर्तन के दौरान समाप्त कर दिया जाएगा। गोयल ने अन्य एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह भी बताया कि त्यौहारों, गर्मी की छुट्टियों, अन्य अवकाशों जैसी भीड़ वाली अवधि के दौरान मांग उपलब्धता से अधिक हो जाती है तब यात्री सीटों की आरक्षण प्रणाली के दुरूपयोग के मामले भी होते हैं। उन्होंने बताया कि इस तरह के मामलों में वर्ष 2018 के दौरान 2391 दलालों को गिरफ्तार किया गया और 78001 ई-टिकट पकड़े गए। इसी तरह वर्ष 2019 में मई तक 613 दलालों को गिरफ्तार किया गया और 18784 ई-टिकट पकड़े गए।

अब पेट्रोल-डीजल पर वॉटर सेस लगा सकती है सरकार
Posted Date : 29-Jun-2019 11:46:30 am

अब पेट्रोल-डीजल पर वॉटर सेस लगा सकती है सरकार

नईदिल्ली,29 जून । तमिलनाडु में पानी के संकट ने गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। अगर देश में अभी से राष्ट्रीय स्तर पर जल नीति नहीं बनाई गई, तो आने वाले वक्त में जल संकट की स्थिति काफी भयावह हो सकती है। यही कारण है कि अब सरकार ने बढ़ते जल संकट से निपटने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर योजनाएं बनाने का काम शुरू कर दिया है।
इन योजनाओं के लिए फंड की जरूरत भी पड़ेगी। इसके लिए सरकार पेट्रोल और डीजल पर वॉटर सेस यानी उपकर लगाने पर विचार कर रही है। सूत्रों के अनुसार, इस बारे में पेट्रोलियम मंत्रालय के साथ बातचीत चल रही है। इस पर सैद्धांतिक तौर पर सहमति भी बन गई है। 
पेट्रोल-डीजल पर वॉटर सेस लगाने की घोषणा बजट भाषण या फिर उसके बाद भी की जा सकती है। सेस 30 पैसे से 50 पैसे प्रति लीटर हो सकता है। यानी पेट्रोल-डीजल के दामों में उतार-चढ़ाव का असर सेस पर नहीं होगा। अगर पेट्रोल की कीमत ज्यादा हुई तो भी सेस नहीं बढ़ेगा। अगर दाम कम हुई तो भी यह नहीं कम होगा। 
2018 के बजट में पेट्रोल-डीजल पर 8 रुपये का रोड और इन्फ्रास्ट्रक्चर सेस लगाया गया था। सरकार ने कहा था कि प्रति लीटर पेट्रोल, डीजल पर 8 रुपये सेस लगाकर जुटाई रकम सडक़ और अन्य बुनियादी ढांचों के निर्माण- रखरखाव में खर्च की जाएगी। इसके अलावा राज्य सरकारें अलग-अलग दर से पलूशन सेस भी वसूल करती हैं।

एटीएम ट्रांजेक्शन फेल होने पर कटे पैसे, तो बैंक देगा जुर्माना
Posted Date : 29-Jun-2019 11:45:55 am

एटीएम ट्रांजेक्शन फेल होने पर कटे पैसे, तो बैंक देगा जुर्माना

नईदिल्ली,29 जून । भले ही तकनीक की वजह से हमारी बैंकिंग आसान हो गई है, लेकिन इसके बावजूद कई बार ग्राहकों को कई समस्याओं का सामना भी करना पड़ता है। कई बार ऐसा देखा जाता है कि बैंक ग्राहक किसी एटीएम से पैसे निकालने का प्रयास करता है, उसके खाते से पैसे कट भी जाते हैं, लेकिन पैसे निकलते नहीं हैं। क्या आपके साथ कभी ऐसा हुआ है। अगर हां तो घबराने की जरूरत नहीं है। यह समस्या अकेले आप की नहीं है। तमाम लोगों की यही शिकायत है। 
ऐसा अक्सर होता है कि आप एटीएम से पैसा निकालने जाते हैं और किसी वजह से पैसा नहीं निकलता है, लेकिन आपके अकाउंट से पैसे कट जाते हैं। इसे फेल एटीएम ट्रांजेक्शन कहते हैं। अमूमन ऐसे मामलों में खुद-ब-खुद पैसा रिफंड हो जाता है। अगर, नहीं होता है तो कस्टमर केयर को फोन कर या मेल के जरिए शिकायत करते हैं, जिसके बाद रिफंड मिल जाता है। आरबीआई की डेटा के मुताबिक, वित्त वर्ष 2018 (2017-18) में इस तरह के करीब 16 हजार मामले दर्ज किए गए थे। क्या आप जानते हैं कि अगर बैंक रिफंड करने में देरी करता है तो उससे फाइन वसूला जा सकता है?
आरबीआई के नियम के मुताबिक, जिस दिन आप फेल ट्रांजेक्शन की शिकायत करते हैं उसके सात दिनों (वर्किंग डे) के भीतर अगर आपको रिफंड नहीं मिलता है तो बैंक को रोजाना 100 रुपये के हिसाब से मुआवजा भरना होगा।

बैंक में एक से ज्यादा अकाउंट हैं तो उठाना पड़ेगा भारी नुकसान
Posted Date : 28-Jun-2019 2:14:52 pm

बैंक में एक से ज्यादा अकाउंट हैं तो उठाना पड़ेगा भारी नुकसान

नईदिल्ली,28 जून । आजकल सभी लोगों के पास एक से ज्यादा बैंक अकाउंट होते हैं. बिना किसी जरूरत के भी लोग दो या उससे ज्यादा अकाउंट खुलवा लेते हैं. लेकिन, होता ये है कि बाद में लोग इस अकाउंट को मेंटेन नहीं कर पाते हैं. नौकरीपेशा लोगों के लिए जो बात इसका सबसे बड़ा कारण है, वह है एक उनका सैलरी अकाउंट और दूसरा उनका पर्सनल सेविंग अकाउंट. ऐसे में आज हम आपको बता रहे हैं एक से ज्यादा अकाउंट खोलने पर आपको कैसे उसका नुकसान उठाना पड़ता है.
सेविंग अकाउंट में बैंक की ओर से मिनिमम बैलेंस रखने का प्रावधान होता है. ऐसा न करने पर बैंक आपसे पेनल्टी वसूलता है. कई बैंकों में मिनिमम बैलेंस की सीमा 10,000 रुपए है. ऐसे में अगर आपके पास दो से ज्यादा अकाउंट हैं तो आपकी टेंशन बढ़ सकती है, क्योंकि आम आदमी के लिए सेविंग अकाउंट में 20,000 रुपए जमा रखना काफी मुश्किल है.
ज्यादा बैंकों में अकाउंट होने से टैक्स जमा करते समय काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. कागजी कार्रवाई में भी अधिक माथापच्ची करनी पड़ती है. साथ ही इनकम टैक्स फाइल करते समय सभी बैंक खातों से जुड़ी जानकारियां रखनी पड़ती है. अक्सर उनके स्टेटमेंट का रिकॉर्ड जुटाना काफी पेचीदा काम हो जाता है.
कई अकाउंट होने से आपको सालाना मेंटनेंस फीस और सर्विस चार्ज देने होते हैं. क्रेडिट और डेबिट कार्ड के अलावा अन्य बैंकिंग सुविधाओं के लिए भी बैंक आपसे पैसे चार्ज करता है. तो यहां भी आपको काफी पैसों का नुकसान उठाना पड़ता है.
एक से ज्यादा बैंकों में अकाउंट होने से आपको कम ब्याज के रूप में भी नुकसान उठाना पड़ता है. यानी एक से ज्यादा अकाउंट होने से आपका बड़ा अमाउंट बैंकों में फंस जाता है. उस राशि पर आपको ज्यादा से ज्यादा 4 से 5 फीसदी ही सालाना रिटर्न मिलता है. जबकि आप उस पैसे को दूसरी योजनाओं में लगा सकते हैं. इससे आपको सालाना रिटर्न के तौर पर ज्यादा ब्याज मिलेगा.

50 पैसे से लेकर 10 रुपए तक के सभी सिक्के मान्य:आरबीआई
Posted Date : 28-Jun-2019 2:14:31 pm

50 पैसे से लेकर 10 रुपए तक के सभी सिक्के मान्य:आरबीआई

नईदिल्ली,28 जून । आरबीआई ने एक बार फिर कहा है कि 50 पैसे से लेकर 10 रुपये तक के सभी सिक्के मान्य हैं और चलन में हैं. कोई भी इन सिक्कों को लेने से इनकार नहीं कर सकता है. रिजर्व बैंक ने बैंकों को भी सख्त निर्देश दिए हैं कि उनकी शाखाओं में ऐसे सभी सिक्के स्वीकार किए जाएं.
फिलहाल विभिन्न आकार-प्रकार, डिजाइन के 50 पैसा, 1 रुपया, 2 रुपया, 5 रुपया और 10 रुपये की राशि के सिक्के चलन में हैं. केंद्रीय बैंक ने इसके साथ बैंकों से यह भी कहा है कि वे सिक्के बदलने आने वाले ग्राहकों को अपनी शाखाओं से नहीं लौटाएं. नोट और सिक्कों को बदलने के बारे में आरबीआई के परिपत्र में बैंकों को सलाह दी गई है कि किसी भी बैंक शाखा को छोटी राशि के नोट या सिक्कों को लेने से मना नहीं करना चाहिए. हालांकि, आरबीआई को बैंक शाखाओं द्वारा सिक्कों को स्वीकार नहीं करने के बारे में शिकायतें मिलती रही हैं.
रिजर्व बैंक ने एक बयान में कहा, ऐसी खबरें हैं कि जनता के कुछ हिस्सों में इस बारे में संदेह है कि ये सिक्के सही हैं या नहीं. रिजर्व बैंक ने कहा, इसकी वजह से कुछ व्यापारी, दुकानदार और आम लोग सिक्के लेने से हिचकते हैं. इसकी वजह से देश के कई हिस्सों में सिक्कों का निर्बाध तरीके से सर्कुलेशन और इस्तेमाल नहीं हो रहा.
रिजर्व बैंक ने कहा कि लोगों की लेन-देन की जरूरतों को पूरा करने के लिए समय-समय पर जो भी सिक्के चलन में लाए जाते हैं, उनकी विशेषताएं अलग होती हैं. वे विभिन्न विचारों, आर्थिक, सामाजिक और संस्कृति से प्रेरित होती हैं. आरबीआई ने कहा कि सिक्के लंबी अवधि के लिए चलन में बने रहते हैं. साथ ही अलग-अलग डिजाइन और आकार के सिक्के जारी किए जाते हैं.