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जानिए 1 मई से होने जा रहे ये बड़े बदलाव, आपकी जेब पर होगा सीधा असर
Posted Date : 01-May-2024 10:47:38 pm

जानिए 1 मई से होने जा रहे ये बड़े बदलाव, आपकी जेब पर होगा सीधा असर

नई दिल्ली । एक मई के साथ वित्तीय जगत से जुड़े कई बदलाव होने वाले है। ये परिवर्तन सीधे आम आदमी की जेब पर असर डालेंगे। मई महीने में सिलेंडर की कीमतों में बदलाव हो सकता है। म्युचुअल फंड निवेशकों और बैंक ग्राहकों से जुड़े कई नियम भी बदलने वाले हैं। इसके अलावा क्या बदलाव होने जा रहे है आईए आपको इसके बारे में बताते है।
पेट्रोल-डीजल और एलपीजी कीमतों में बदलाव
पेट्रोलियम कंपनियां हर महीने पेट्रोल-डीजल और एलपीजी के कमर्शियल व घरेलू सिलेंडरों की कीमतों की समीक्षा करती है। ऐसे में संभव है एक मई से इनकी कीमतों में परिवर्तन देखने को मिले। हालांकि इसका एलान 30 अप्रैल की मध्यरात्रि के बाद ही होने की संभावना है। देश में लोकसभा चुनाव चल रहे हैं ऐसे में पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों में होने वाले किसी भी बदलाव पर आम आदमी की नजर बनी रहेगी।
म्युचुअल फंड निवेशकों के लिए जरूरी बदलाव
अगर आप म्युचुअल फंड में निवेश करते हैं तो एक मई 2024 से एक बड़ा बदलाव होने जा रहा है। 30 अप्रैल 2024 के बाद अगर आपके म्युचुअल आवेदन पर लिखा नाम आपके पैन कार्ड पर लिखे नाम के सामान नहीं हुआ तो आपका आवेदन रद्द हो जाएगा।
आधिकारिक रिकॉर्ड में आपका नाम एक जैसा दिखे यह सुनिश्चित करने के लिए केवाईसी नियमों में बदलाव किया गया है। भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड के अनिवार्य केवाईसी नियम कहते हैं कि आपका नाम एक समान होना चाहिए। इसे अनुसार आप पहली बार म्यूचुअल फंड फोलियो में निवेश कर रहे हैं, तो आपका नाम और आपकी जन्मतिथि आपके क्क्रहृ पर लिखे नाम और जन्मतिथि के साथ-साथ आपके इनकम टैक्स रिकॉर्ड के समान होना चाहिए। राहत की बात यह है कि नया नियम नए निवेशकों को प्रभावित करेगा, न कि मौजूदा निवेशकों को।
आईसीआईसीआई बैंक में होंगे ये बदलाव
1 मई से आईसीआईसीआई बैंक बचत खाता सेवाओं पर लगने वाले शुल्क में परिवर्तन करेगा। इसमें डेबिट कार्ड पर लगने वाले 200 रुपये तक की सालाना फीस शामिल है। ग्रामीण इलाकों के लिए यह शुल्क 99 रुपये प्रति वर्ष है। चेक बुक की बात करें तो एक वर्ष में 25 चेक तक को शुल्क देय नहीं होगा पर इससे अधिक के लिए बैंक 4 रुपये प्रति चेक का शुल्क वसूल करेगा।
बैंक आउटवर्ड इमीडिएट पेमेंट सर्विस (आईएमपीएस) लेनदेन के लिए 2.5 रुपये से 15 रुपये प्रति लेनदेन के हिसाब से शुल्क लेगा। डिमांड ड्राफ्ट या पे ऑर्डर को रद्द करने, डुप्लिकेट या रिवैलिडेशन के लिए बैंक 100 रुपये का शुल्क लेगा। बैंक हस्ताक्षर सत्यापन के लिए प्रति आवेदन के लिए 100 रुपये और बैंक शाखा के जरिए किसी विशेष चेक के भुगतान को रोकने के लिए 100 रुपये चार्ज करेगा हालांकि कस्टमर केयर आईवीआर और नेट बैंकिंग के माध्यम से यह सुविधा मुफ्त में मिलेगी। वित्तीय कारणों से ईसीएस/एनएसीएच डेबिट रिटर्न पर 500 रुपये जुर्माना लगेगा।
यस बैंक के बचत खातों से जुड़े शुल्क बदलेंगे
यस बैंक ने 1 मई बचत खाता सेवाओं पर लगने वाले शुल्क में बदलाव की घोषणा की है। बैंक ने बचत खातों में अनिवार्य औसत मासिक शेष (एएमबी) से कम होने की स्थिति में अधिकतम शुल्क बढ़ा दिया है। अब बैंक ऐसी स्थिति में 250 रुपये से 1,000 रुपये के बीच चार्ज करेगा। इससे पहले यह शुल्क 250 रुपये से 750 रुपये के बीच था। बचत खाते के प्रकार, बैंक शाखा के स्थान और खाते में कमी की राशि के आधार पर यह शुल्क अलग-अलग होते हैं।
वरिष्ठ नागरिकों की एफडी से जुड़ा बदलाव
एचडीएफसी बैंक के वरिष्ठ नागरिकों के सावधि जमा खातों में निवेश की आखिरी तारीख 02 मई 2024 है। इन खातों में सामान्य एफडी खातों की तुलना में 0.75त्न अधिक ब्याज दिया जाता है। यह ऑफर 60 वर्ष या उससे से अधिक के वरिष्ठ नागरिकों के लिए है। संभव है कि बैंक की ओर इन खातों में जमा की आखिरी तारीख में बदलाव किया जाए और इसे आगे बढ़ा दिया जाए।
क्रेडिट कार्ड से यूटीलिटी पेंमेंट पर लगेगा चार्ज
यस बैंक और आईडीएफसी बैंक ने एक मई से क्रेडिट कार्ड के जरिए यूटिलिटी भुगतान पर सरचार्ज लगाने का एलान किया है। टेलीफोन बिल, इलेक्ट्रिक बिल, गैस, पानी, इंटरनेट सेवाएं और केबल सर्विसेज से जुड़े पेमेंट यूटिलिटी भुगतान के अंतर्गत आते है। अगर यूटिलिटी सेवाओं का भुगतान 15000 रुपये से अधिक है तो यस बैंक उस पर 1 प्रतिशत के सरचार्ज के अलावे जीएसटी भी वसूलेगा। आईडीएफसी बैंक ने 20,000 रुपये से अधिक के यूटिलिटी भुगतान पर 1 रुपये सरचार्ज के साथ जीएसटी चार्ज करने की बात कही है।

 

नई मुसीबत में फंसे बाबा रामदेव, पतंजलि फूड्स को जीएसटी  विभाग ने भेजा 27 करोड़ का नोटिस
Posted Date : 01-May-2024 10:47:11 pm

नई मुसीबत में फंसे बाबा रामदेव, पतंजलि फूड्स को जीएसटी विभाग ने भेजा 27 करोड़ का नोटिस

मुंबई । योगगुरु बाबा रामदेव की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। विज्ञापन मामले के बाद अब जीएसटी विभाग ने रामदेव की टेंशन बढ़ा दी है। पतंजलि फूड्स को त्रस्ञ्ज विभाग से नोटिस मिला है, जिसमें करोड़ों रुपये के टैक्स क्रेडिट को लेकर सवाल पूछे गए हैं। पतंजलि फूड्स को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) आसूचना विभाग ने कारण बताओ नोटिस भेजकर कंपनी से यह बताने को कहा है कि उससे 27.46 करोड़ रुपये का इनपुट टैक्स क्रेडिट क्यों नहीं वसूला जाना चाहिए। कंपनी द्वारा 26 अप्रैल को नियामक में जमा कराए गए विवरण के अनुसार, योग गुरु रामदेव के नेतृत्व वाली पतंजलि आयुर्वेद समूह की कंपनी को जीएसटी आसूचना महानिदेशालय, चंडीगढ़ जोनल यूनिट से नोटिस मिला है। यह कंपनी मुख्य रूप से खाद्य तेल व्यवसाय में है।
कंपनी ने कहा, ‘‘कंपनी को एक कारण बताओ नोटिस प्राप्त हुआ है। कंपनी, उसके अधिकारियों और अधिकृत हस्ताक्षरकर्ताओं को कारण बताने के लिए कहा गया है कि 27,46,14,343 रुपये की इनपुट टैक्स क्रेडिट राशि (ब्याज सहित) क्यों नहीं वसूली जानी चाहिए, और क्यों जुर्माना नहीं लगाया जाना चाहिए।’ विभाग ने एकीकृत माल एवं सेवा कर (आईजीएसटी) अधिनियम, 2017 की धारा 20 के साथ पठित केंद्रीय माल एवं सेवा अधिनियम, 2017 और उत्तराखंड राज्य माल एवं सेवा अधिनियम, 2017 की धारा 74 और अन्य लागू प्रावधानों का हवाला देते हुए नोटिस दिया है।

 

दिल्ली हाईकोर्ट ने अश्नीर ग्रोवर को भारतपे शेयरों में थर्ड पार्टी राइट बनाने से रोका
Posted Date : 01-May-2024 10:46:53 pm

दिल्ली हाईकोर्ट ने अश्नीर ग्रोवर को भारतपे शेयरों में थर्ड पार्टी राइट बनाने से रोका

नई दिल्ली ।  दिल्ली हाईकोर्ट ने भारतपे के पूर्व प्रबंध निदेशक अश्नीर ग्रोवर के खिलाफ एक निरोधक आदेश जारी किया, जिससे फिनटेक कंपनी के सह-संस्थापक, भाविक कोलाडिया द्वारा उन्हें हस्तांतरित 16,110 शेयरों में किसी भी तीसरे पक्ष के हित या अधिकार बनाने से रोक दिया गया।
यह आदेश न्यायमूर्ति प्रतीक जालान ने ग्रोवर के खिलाफ चल रहे मुकदमे के तहत कोलाडिया द्वारा दायर एक अंतरिम आवेदन के जवाब में जारी किया था। अदालत ने इस बात पर जोर दिया कि ग्रोवर को कानूनी कार्यवाही के समापन तक शेयरों से संबंधित कोई भी तीसरे पक्ष की व्यवस्था करने से बचना चाहिए। ग्रोवर 2017 में सह-संस्थापक कोलाडिया और शाश्वत नाकरानी के भारतपे में शामिल हुए, 2018 में तीसरे सह-संस्थापक के रूप में उन्होंने पिछले साल सार्वजनिक रूप से कहा था कि वह इन शेयरों में किसी तीसरे पक्ष को शामिल नहीं करेंगे।
यह घटनाक्रम इस साल की शुरुआत में नकरानी द्वारा दायर एक मुकदमे की त्वरित सुनवाई के लिए एक डिवीजन बेंच के आदेश का पालन करता है, जिसमें ग्रोवर को उनसे खरीदे गए अवैतनिक शेयरों में किसी तीसरे पक्ष के अधिकार को अलग करने, स्थानांतरित करने या बनाने से रोकने की मांग की गई थी। इससे पहले, एकल न्यायाधीश पीठ ने मुकदमे में अंतरिम आवेदन को खारिज करते हुए ग्रोवर को अवैतनिक शेयरों में तीसरे पक्ष के अधिकार बनाने से रोकने के नाकरानी के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया था।
इस साल मार्च में उच्च न्यायालय ने एक आदेश जारी कर ग्रोवर को फिनटेक कंपनी, उसके पदाधिकारियों या अधिकारियों के खिलाफ अपमानजनक और अपमानजनक बयान देने से रोक दिया था। पिछले साल नवंबर में कोर्ट ने ग्रोवर पर 2 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था। न्यायमूर्ति प्रतिभा एम. सिंह ने ग्रोवर को 48 घंटे के भीतर अपने ट्वीट हटाने का निर्देश दिया था, जिसमें एसबीआई चेयरपर्सन को तुच्छ कहने वाला ट्वीट भी शामिल था।
अदालत ने इकोनॉमिक टाइम्स को ग्रोवर द्वारा आरबीआई अध्यक्ष को लिखे गए पत्रों के आधार पर एक लेख हटाने का भी आदेश दिया था। फंड के दुरुपयोग के आरोप में ग्रोवर और उनकी पत्नी को 2022 में कंपनी से बर्खास्त किए जाने के कुछ महीनों बाद भारतपे ने हाईकोर्ट का रुख किया था। अपने मुकदमे में भारतपे ने कथित धोखाधड़ी और धन के दुरुपयोग के लिए ग्रोवर, उनकी पत्नी और उनके भाई से 88.67 करोड़ रुपये के नुकसान का दावा किया है।

 

पतंजलि के 14 उत्पादों के लाइसेंस निलंबित, उत्तराखंड सरकार ने उच्चतम न्यायालय में दाखिल किया हलफनामा
Posted Date : 30-Apr-2024 10:54:11 pm

पतंजलि के 14 उत्पादों के लाइसेंस निलंबित, उत्तराखंड सरकार ने उच्चतम न्यायालय में दाखिल किया हलफनामा

नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय की फटकार के बाद उत्तराखंड सरकार ने दिव्य फार्मेसी और पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के 14 उत्पादों के विनिर्माण लाइसेंस को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। सरकार ने एक हलफनामा दाखिल कर शीर्ष अदालत के समक्ष कहा है कि उत्तराखंड राज्य लाइसेंसिंग प्राधिकरण ने 15 अप्रैल को निलंबन संबंधी आदेश जारी किया। यह हलफनामा प्राधिकरण की ओर से इसके संयुक्त निदेशक मिथिलेश कुमार ने दायर किया है। राज्य सरकार ने जिन उत्पादों के विनिर्माण लाइसेंस को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया है, उनमें ‘स्वसारि गोल्ड’, ‘स्वसारि वटी, ब्रोंकोम’, ‘स्वसारि प्रवाही’, ‘स्वसारि अवलेह’, ‘मुक्ता वटी एक्स्ट्रा पावर’, ‘लिपिडोम’, ‘बीपी ग्रिट’, ‘मधुग्रिट’, ‘मधुनाशिनी’ वटी एक्स्ट्रा पावर’, ‘लिवमृत एडवांस’, ‘लिवोग्रिट’, ‘आईग्रिट गोल्ड’ और ‘पतंजलि दृष्टि आई ड्रॉप’ शामिल हैं।
संयुक्त निदेशक ने अदालत के आदेशों का अनजाने में अनुपालन नहीं करने के लिए बिना शर्त माफी मांगी है। इसके साथ ही अदालत को आश्वासन दिया है कि वह (प्राधिकरण) जानबूझकर कोई ऐसा कार्य नहीं करेगा, जो शीर्ष अदालत के किसी भी आदेश की अवज्ञा करेगा या इसकी महिमा को कमजोर करेगा। संयुक्त निदेशक ने शीर्ष अदालत से यह कहा, ‘वह स्थिति और मामले की गंभीरता से पूरी तरह अवगत हैं। उन्होंने हमेशा अपनी सर्वोत्तम क्षमता और कानून के अनुसार अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने का प्रयास किया है।उत्तराखंड सरकार ने अदालत को यह भी कहा कि वह दिव्य फार्मेसी या पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के खिलाफ कानून में निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार या इस शीर्ष अदालत के निर्देशों के अनुसार सभी उचित या आगे के कदम उठाना जारी रखेगी।
न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ (शीर्ष अदालत की) 30 अप्रैल को सरकार के हलफनामे में विचार करेगी।उच्चतम न्यायालय ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) की 2022 की एक याचिका से संबंधित अदालती अवमानना के मामले की सुनवाई करते हुए उत्तराखंड सरकार से जवाब तलब किया था। उसे इस संबंध में एक हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया था। आईएमए ने अपनी याचिका में पतंजलि आयुर्वेद पर कोविड टीकाकरण अभियान और चिकित्सा की आधुनिक प्रणालियों (एलोपैथ) को बदनाम करने का आरोप लगाया गया है।इस मामले में अदालत की अवमानना करने पर पतंजलि आयुर्वेद के संस्थापक योग गुरु स्वामी रामदेव और कंपनी के प्रबंध निदेशक आचार्य बालकृष्ण अदालत से बिना शर्त माफी मांग चुके हैं।कंपनी की ओर से विभिन्न अखबारों में भी विज्ञापन जारी कर माफी मांगी गई थी।

 

बैंक आपसे नहीं वसूल पाएंगे ऋण पर अतिरिक्त ब्याज, आरबीआई ने बैंकों को दिया सख्त निर्देश
Posted Date : 30-Apr-2024 10:53:53 pm

बैंक आपसे नहीं वसूल पाएंगे ऋण पर अतिरिक्त ब्याज, आरबीआई ने बैंकों को दिया सख्त निर्देश

मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बैंकों और एनबीएफसी को निर्देश दिया कि वे ग्राहकों से वसूले जाने वाले ब्याज के मामले में निष्पक्ष और पारदर्शी हों। आरबीआई ने बैंकों से अपने कार्यों की समीक्षा करनेे को कहा गया। आरबीआई ने कहा कि ऐसे कई उदाहरण सामने आए हैं, जहां ऋण पर तय सीमा से अधिक ब्याज लिया गया।
आरबीआई ने अपने सर्कुलर में बताया है कि 31 मार्च, 2023 को समाप्त अवधि के लिए विनियमित संस्थाओं (बैंकों, एनबीएफसी और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों) की ऑनसाइट जांच के दौरान, ऋणदाताओं द्वारा शुल्क वसूलने में कुछ अनुचित प्रथाओं का सहारा लेने के उदाहरण सामने आए।
आरबीआई ने सर्कुलर में कहा, इसलिए, निष्पक्षता और पारदर्शिता के लिए सभी विनियमित संस्थाओं को निर्देश दिया जाता है कि वे ऋण वितरण के तरीके, ब्याज के आवेदन और अन्य शुल्कों के संबंध में अपनी प्रथाओं की समीक्षा करें और सिस्टम स्तर पर बदलाव सहित सुधारात्मक कार्रवाई करें।
आरबीआई द्वारा देखी गई कुछ अनुचित प्रथाएं इस प्रकार हैं:
* ऋण की मंजूरी की तारीख या ऋण समझौते के निष्पादन की तारीख से ब्याज लगाना, न कि ग्राहक को धनराशि के वास्तविक वितरण की तारीख से। इसी प्रकार, चेक द्वारा वितरित ऋण के मामले में, ऐसे उदाहरण देखे गए, जहां चेक की तारीख से ब्याज लिया गया, जबकि चेक कई दिनों बाद ग्राहक को सौंपा गया।
*महीने के दौरान ऋण के वितरण या पुनर्भुगतान के मामले में, कुछ बैंक केवल उस अवधि के लिए ब्याज नहीं ले रहे थे, जिसके लिए ऋण बकाया था।
*कुछ मामलों में, यह देखा गया कि बैंक एक या अधिक किस्तें पहले ही वसूल कर रहे थे, लेकिन ब्याज वसूलने के लिए ऋण की पूरी राशि की गणना कर रहे थे।
आरबीआई ने कहा कि ब्याज वसूलने की ये और ऐसी अन्य गैर-मानक प्रथाएं, जो ग्राहकों के साथ व्यवहार करते समय निष्पक्षता और पारदर्शिता की भावना के अनुरूप नहीं हैं, गंभीर चिंता का कारण है। केंद्रीय बैंक ने कहा कि जहां भी ऐसी प्रथाएं सामने आई हैं, आरबीआई ने उन बैंकों, एनबीएफसी और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों को ग्राहकों को इस तरह के अतिरिक्त ब्याज और अन्य शुल्क वापस करने की सलाह दी है। आरबीआई ने कहा कि कुछ मामलों में ऋण वितरण के लिए जारी किए गए चेक के बदले ऋणदाताओं को खाते में ऑनलाइन हस्तांतरण के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।

 

भारतीय ईवी कंपनी ब्लूस्मार्ट ने वार्षिक रन रेट 500 करोड़ रुपये को किया पार
Posted Date : 30-Apr-2024 10:53:32 pm

भारतीय ईवी कंपनी ब्लूस्मार्ट ने वार्षिक रन रेट 500 करोड़ रुपये को किया पार

नई दिल्ली। घरेलू इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) कंपनी ब्लूस्मार्ट ने बताया कि उसने पिछले वित्त वर्ष की तुलना में वित्त वर्ष 2024 में 102 प्रतिशत की वृद्धि के साथ वार्षिक रन रेट (एआरआर) 500 करोड़ रुपये को पार कर लिया है।
एक बयान में कहा गया है कि कंपनी के सकल व्यापार मूल्य (जीबीवी) ने तीन वर्षों में 300 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) प्रदान की है।
ब्लूस्मार्ट के सह-संस्थापक अनमोल सिंह जग्गी ने कहा, जैसे-जैसे हम आगे बढ़ रहे हैं, पूरी तरह से एकीकृत ऊर्जा-बुनियादी ढांचा, गतिशीलता और प्रौद्योगिकी व्यवसाय बनाने की हमारी प्रतिबद्धता अटूट बनी हुई है।
उन्होंने कहा, हम टिकाऊ गतिशीलता समाधानों की मांग में वृद्धि देख रहे हैं, जो एक हरित, अधिक टिकाऊ भविष्य के विकास को मजबूत कर रहा है।
ब्लूस्मार्ट ने कहा कि उसके पास दक्षिण एशिया में 7,300 से अधिक ईवी का सबसे बड़ा बेड़ा है, जिसने 460 मिलियन स्वच्छ किलोमीटर की दूरी तय की है और 34 मिलियन किलोग्राम कार्बन डाईआक्साइड उत्सर्जन बचाया है।
ब्लूस्मार्ट चार्जिंग नेटवर्क भी कई गुना बढ़ गया है और दिल्ली-एनसीआर और बेंगलुरु के प्रमुख स्थानों तक फैल गया है।
इस साल की शुरुआत में, ब्लूस्मार्ट 100 प्रतिशत उत्सर्जन-मुक्त स्थिति हासिल करने वाली भारत की पहला कंपनी बन गई है।
कंपनी का लक्ष्य 2024 के अंत तक अपने बेड़े में 10 हजार ईवी वाहन शामिल करने का है।