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पतंजलि के 14 उत्पादों के लाइसेंस निलंबित, उत्तराखंड सरकार ने उच्चतम न्यायालय में दाखिल किया हलफनामा
Posted Date : 30-Apr-2024 10:54:11 pm

पतंजलि के 14 उत्पादों के लाइसेंस निलंबित, उत्तराखंड सरकार ने उच्चतम न्यायालय में दाखिल किया हलफनामा

नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय की फटकार के बाद उत्तराखंड सरकार ने दिव्य फार्मेसी और पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के 14 उत्पादों के विनिर्माण लाइसेंस को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। सरकार ने एक हलफनामा दाखिल कर शीर्ष अदालत के समक्ष कहा है कि उत्तराखंड राज्य लाइसेंसिंग प्राधिकरण ने 15 अप्रैल को निलंबन संबंधी आदेश जारी किया। यह हलफनामा प्राधिकरण की ओर से इसके संयुक्त निदेशक मिथिलेश कुमार ने दायर किया है। राज्य सरकार ने जिन उत्पादों के विनिर्माण लाइसेंस को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया है, उनमें ‘स्वसारि गोल्ड’, ‘स्वसारि वटी, ब्रोंकोम’, ‘स्वसारि प्रवाही’, ‘स्वसारि अवलेह’, ‘मुक्ता वटी एक्स्ट्रा पावर’, ‘लिपिडोम’, ‘बीपी ग्रिट’, ‘मधुग्रिट’, ‘मधुनाशिनी’ वटी एक्स्ट्रा पावर’, ‘लिवमृत एडवांस’, ‘लिवोग्रिट’, ‘आईग्रिट गोल्ड’ और ‘पतंजलि दृष्टि आई ड्रॉप’ शामिल हैं।
संयुक्त निदेशक ने अदालत के आदेशों का अनजाने में अनुपालन नहीं करने के लिए बिना शर्त माफी मांगी है। इसके साथ ही अदालत को आश्वासन दिया है कि वह (प्राधिकरण) जानबूझकर कोई ऐसा कार्य नहीं करेगा, जो शीर्ष अदालत के किसी भी आदेश की अवज्ञा करेगा या इसकी महिमा को कमजोर करेगा। संयुक्त निदेशक ने शीर्ष अदालत से यह कहा, ‘वह स्थिति और मामले की गंभीरता से पूरी तरह अवगत हैं। उन्होंने हमेशा अपनी सर्वोत्तम क्षमता और कानून के अनुसार अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने का प्रयास किया है।उत्तराखंड सरकार ने अदालत को यह भी कहा कि वह दिव्य फार्मेसी या पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के खिलाफ कानून में निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार या इस शीर्ष अदालत के निर्देशों के अनुसार सभी उचित या आगे के कदम उठाना जारी रखेगी।
न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ (शीर्ष अदालत की) 30 अप्रैल को सरकार के हलफनामे में विचार करेगी।उच्चतम न्यायालय ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) की 2022 की एक याचिका से संबंधित अदालती अवमानना के मामले की सुनवाई करते हुए उत्तराखंड सरकार से जवाब तलब किया था। उसे इस संबंध में एक हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया था। आईएमए ने अपनी याचिका में पतंजलि आयुर्वेद पर कोविड टीकाकरण अभियान और चिकित्सा की आधुनिक प्रणालियों (एलोपैथ) को बदनाम करने का आरोप लगाया गया है।इस मामले में अदालत की अवमानना करने पर पतंजलि आयुर्वेद के संस्थापक योग गुरु स्वामी रामदेव और कंपनी के प्रबंध निदेशक आचार्य बालकृष्ण अदालत से बिना शर्त माफी मांग चुके हैं।कंपनी की ओर से विभिन्न अखबारों में भी विज्ञापन जारी कर माफी मांगी गई थी।

 

बैंक आपसे नहीं वसूल पाएंगे ऋण पर अतिरिक्त ब्याज, आरबीआई ने बैंकों को दिया सख्त निर्देश
Posted Date : 30-Apr-2024 10:53:53 pm

बैंक आपसे नहीं वसूल पाएंगे ऋण पर अतिरिक्त ब्याज, आरबीआई ने बैंकों को दिया सख्त निर्देश

मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बैंकों और एनबीएफसी को निर्देश दिया कि वे ग्राहकों से वसूले जाने वाले ब्याज के मामले में निष्पक्ष और पारदर्शी हों। आरबीआई ने बैंकों से अपने कार्यों की समीक्षा करनेे को कहा गया। आरबीआई ने कहा कि ऐसे कई उदाहरण सामने आए हैं, जहां ऋण पर तय सीमा से अधिक ब्याज लिया गया।
आरबीआई ने अपने सर्कुलर में बताया है कि 31 मार्च, 2023 को समाप्त अवधि के लिए विनियमित संस्थाओं (बैंकों, एनबीएफसी और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों) की ऑनसाइट जांच के दौरान, ऋणदाताओं द्वारा शुल्क वसूलने में कुछ अनुचित प्रथाओं का सहारा लेने के उदाहरण सामने आए।
आरबीआई ने सर्कुलर में कहा, इसलिए, निष्पक्षता और पारदर्शिता के लिए सभी विनियमित संस्थाओं को निर्देश दिया जाता है कि वे ऋण वितरण के तरीके, ब्याज के आवेदन और अन्य शुल्कों के संबंध में अपनी प्रथाओं की समीक्षा करें और सिस्टम स्तर पर बदलाव सहित सुधारात्मक कार्रवाई करें।
आरबीआई द्वारा देखी गई कुछ अनुचित प्रथाएं इस प्रकार हैं:
* ऋण की मंजूरी की तारीख या ऋण समझौते के निष्पादन की तारीख से ब्याज लगाना, न कि ग्राहक को धनराशि के वास्तविक वितरण की तारीख से। इसी प्रकार, चेक द्वारा वितरित ऋण के मामले में, ऐसे उदाहरण देखे गए, जहां चेक की तारीख से ब्याज लिया गया, जबकि चेक कई दिनों बाद ग्राहक को सौंपा गया।
*महीने के दौरान ऋण के वितरण या पुनर्भुगतान के मामले में, कुछ बैंक केवल उस अवधि के लिए ब्याज नहीं ले रहे थे, जिसके लिए ऋण बकाया था।
*कुछ मामलों में, यह देखा गया कि बैंक एक या अधिक किस्तें पहले ही वसूल कर रहे थे, लेकिन ब्याज वसूलने के लिए ऋण की पूरी राशि की गणना कर रहे थे।
आरबीआई ने कहा कि ब्याज वसूलने की ये और ऐसी अन्य गैर-मानक प्रथाएं, जो ग्राहकों के साथ व्यवहार करते समय निष्पक्षता और पारदर्शिता की भावना के अनुरूप नहीं हैं, गंभीर चिंता का कारण है। केंद्रीय बैंक ने कहा कि जहां भी ऐसी प्रथाएं सामने आई हैं, आरबीआई ने उन बैंकों, एनबीएफसी और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों को ग्राहकों को इस तरह के अतिरिक्त ब्याज और अन्य शुल्क वापस करने की सलाह दी है। आरबीआई ने कहा कि कुछ मामलों में ऋण वितरण के लिए जारी किए गए चेक के बदले ऋणदाताओं को खाते में ऑनलाइन हस्तांतरण के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।

 

भारतीय ईवी कंपनी ब्लूस्मार्ट ने वार्षिक रन रेट 500 करोड़ रुपये को किया पार
Posted Date : 30-Apr-2024 10:53:32 pm

भारतीय ईवी कंपनी ब्लूस्मार्ट ने वार्षिक रन रेट 500 करोड़ रुपये को किया पार

नई दिल्ली। घरेलू इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) कंपनी ब्लूस्मार्ट ने बताया कि उसने पिछले वित्त वर्ष की तुलना में वित्त वर्ष 2024 में 102 प्रतिशत की वृद्धि के साथ वार्षिक रन रेट (एआरआर) 500 करोड़ रुपये को पार कर लिया है।
एक बयान में कहा गया है कि कंपनी के सकल व्यापार मूल्य (जीबीवी) ने तीन वर्षों में 300 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) प्रदान की है।
ब्लूस्मार्ट के सह-संस्थापक अनमोल सिंह जग्गी ने कहा, जैसे-जैसे हम आगे बढ़ रहे हैं, पूरी तरह से एकीकृत ऊर्जा-बुनियादी ढांचा, गतिशीलता और प्रौद्योगिकी व्यवसाय बनाने की हमारी प्रतिबद्धता अटूट बनी हुई है।
उन्होंने कहा, हम टिकाऊ गतिशीलता समाधानों की मांग में वृद्धि देख रहे हैं, जो एक हरित, अधिक टिकाऊ भविष्य के विकास को मजबूत कर रहा है।
ब्लूस्मार्ट ने कहा कि उसके पास दक्षिण एशिया में 7,300 से अधिक ईवी का सबसे बड़ा बेड़ा है, जिसने 460 मिलियन स्वच्छ किलोमीटर की दूरी तय की है और 34 मिलियन किलोग्राम कार्बन डाईआक्साइड उत्सर्जन बचाया है।
ब्लूस्मार्ट चार्जिंग नेटवर्क भी कई गुना बढ़ गया है और दिल्ली-एनसीआर और बेंगलुरु के प्रमुख स्थानों तक फैल गया है।
इस साल की शुरुआत में, ब्लूस्मार्ट 100 प्रतिशत उत्सर्जन-मुक्त स्थिति हासिल करने वाली भारत की पहला कंपनी बन गई है।
कंपनी का लक्ष्य 2024 के अंत तक अपने बेड़े में 10 हजार ईवी वाहन शामिल करने का है।

 

ओला कैब्स के सीईओ हेमंत बख्शी ने इस्तीफा दिया, कंपनी नौकरियों में 10 फीसदी कटौती की बना रही योजना
Posted Date : 30-Apr-2024 10:51:00 pm

ओला कैब्स के सीईओ हेमंत बख्शी ने इस्तीफा दिया, कंपनी नौकरियों में 10 फीसदी कटौती की बना रही योजना

नई दिल्ली। राइड-हेलिंग प्लेटफॉर्म ओला कैब्स के सीईओ हेमंत बख्शी ने पद संभालने के चार महीने बाद ही इस्तीफा दे दिया है। यह जानकारी सूत्रों ने दी।
कंपनी को एक पुनर्गठन प्रक्रिया से गुजरने की भी उम्मीद है जो कम से कम 10 प्रतिशत कार्यबल को प्रभावित करेगी।
जनवरी में ओला की मूल कंपनी, एएनआई टेक्नोलॉजीज ने यूनिलीवर के पूर्व कार्यकारी बख्शी को कंपनी के दिन-प्रतिदिन के संचालन की देखभाल के लिए नया सीईओ नियुक्त किया।
सूत्रों के मुताबिक, नए सीईओ की नियुक्ति होने तक कंपनी के संस्थापक भाविश अग्रवाल कार्यभार संभालेंगे।
यह विकास ओला कैब्स द्वारा आरंभिक सार्वजनिक पेशकश (आईपीओ) के लिए निवेश बैंकों के साथ प्रारंभिक चर्चा शुरू करने के कुछ ही हफ्तों बाद आया है। इस महीने की शुरुआत में ओला ने घोषणा की थी कि वह बढ़ती प्रतिस्पर्धा के बीच यूके, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में अपने सभी मौजूदा वैश्विक बाजारों को बंद कर रही है।
इसमें कहा गया है कि वह भारतीय बाजार पर ध्यान केंद्रित करेगी, क्योंकि उसे देश में विस्तार का अपार अवसर दिख रहा है।
पिछले साल ओला ने पुनर्गठन अभ्यास के हिस्से के रूप में अपने ओला कैब्स, ओला इलेक्ट्रिक और ओला फाइनेंशियल सर्विसेज वर्टिकल से लगभग 200 कर्मचारियों को निकाल दिया था।

 

सरकार ने छह देशों के लिए दी 99,150 टन प्याज निर्यात की अनुमति
Posted Date : 29-Apr-2024 8:24:52 pm

सरकार ने छह देशों के लिए दी 99,150 टन प्याज निर्यात की अनुमति

नई दिल्ली  । सरकार ने छह देशों - बांगलादेश, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), भूटान, बहरीन, मॉरिशस और श्रीलंका - को 99,150 टन प्याज का निर्यात करने की अनुमति दी है। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने यह जानकारी दी।
पर्याप्त घरेलू उपलब्धता सुनिश्चित करने और कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया गया है। 2023-24 में खरीफ और रबी दोनों फसलों का उत्पादन पिछले वर्ष की तुलना में कम होने का अनुमान है और अंतर्राष्ट्रीय बाजार में मांग बढ़ गई है।
खाद्य मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि इन देशों में प्याज का निर्यात करने वाली एजेंसी नेशनल कोऑपरेटिव एक्सपोर्ट्स लिमिटेड (एनसीईएल) ने एल1 कीमतों पर ई-प्लेटफॉर्म के माध्यम से निर्यात किए जाने वाले घरेलू प्याज की खरीद की है और गंतव्य देश की सरकार द्वारा नामित एजेंसियों को बातचीत में तय दर पर 100 प्रतिशत अग्रिम भुगतान के आधार पर आपूर्ति की है।
खरीदारों के लिए एनसीईएल की पेशकश दर गंतव्य बाजार और अंतर्राष्ट्रीय तथा घरेलू बाजारों में प्रचलित कीमतों को ध्यान में रख कर तय किया गया है। छह देशों को निर्यात के लिए आवंटित कोटा की मांग के अनुसार आपूर्ति की जा रही है।
एनसीईएल द्वारा निर्यात के लिए प्राप्त प्याज का प्रमुख आपूर्तिकर्ता महाराष्ट्र है, जहां देश में इसका सबसे ज्यादा उत्पादन होता है।
सरकार ने विशेष रूप से पश्चिम एशिया और कुछ यूरोपीय देशों के निर्यात बाजारों के लिए उगाए गए दो हजार टन सफेद प्याज के निर्यात की भी अनुमति दी थी।
विशुद्ध रूप से निर्यात-उन्मुख होने के कारण, उच्च बीज लागत, अच्छी कृषि पद्धति (जीएपी) को अपनाने और सख्त अधिकतम अवशेष सीमा (एमआरएल) आवश्यकताओं के अनुपालन के कारण सफेद प्याज की उत्पादन लागत अन्य प्याज की तुलना में अधिक है।
उपभोक्ता मामले विभाग के मूल्य स्थिरीकरण कोष (पीएसएफ) के तहत रबी-2024 में से प्याज की बफर खरीद का लक्ष्य इस साल पांच लाख टन तय किया गया है।

 

एमडीएच और एवरेस्ट की मुश्किलें और बढ़ीं, अमेरिका ने 31प्रतिशत फीसदी मसाले लौटाए
Posted Date : 29-Apr-2024 8:24:27 pm

एमडीएच और एवरेस्ट की मुश्किलें और बढ़ीं, अमेरिका ने 31प्रतिशत फीसदी मसाले लौटाए

नई दिल्ली  । भारतीय मसाला निर्माताओं एमडीएच और एवरेस्ट के कुछ उत्पादों पर लगातार चिंताएं जताई जा रही हैं। इस बीच इन चिंताओं के कारण साल्मोनेला संदूषण के कारण संयुक्त राज्य अमेरिका में रूष्ठ॥ प्राइवेट लिमिटेड द्वारा निर्यात किए गए मसाले से संबंधित शिपमेंट के लिए इनकार दरों में वृद्धि दर्ज की गई है।
जानकारी के अनुसार, पिछले छह महीनों में, अमेरिकी सीमा शुल्क अधिकारियों ने रूष्ठ॥ के 31प्रतिशत मसाला शिपमेंट को अस्वीकार कर दिया, जबकि पिछले साल यह 15प्रतिशत था। साल्मोनेला संदूषण पर इनकार की दर में वृद्धि ऐसे समय में हुई है जब सिंगापुर और हांगकांग दोनों ने मसाला मिश्रणों में कथित कार्सिनोजेनिक कीटनाशक पाए जाने पर एमडीएच और एवरेस्ट फूड प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड की कुछ वस्तुओं की बिक्री निलंबित कर दी थी।
एक रिपोर्ट के मताबिक अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन (स्नष्ठ्र) रूष्ठ॥ और एवरेस्ट उत्पादों पर जानकारी इक_ा कर रहा है। स्नष्ठ्र के एक प्रवक्ता ने बताया, स्नष्ठ्र रिपोर्टों से अवगत है और स्थिति के बारे में अतिरिक्त जानकारी इक_ा कर रहा है। हांगकांग और सिंगापुर के कदमों के बाद भारत में दो सबसे लोकप्रिय मसाला ब्रांड भी गुणवत्ता मानकों के लिए भारतीय नियामक की जांच के दायरे में हैं।
भारत में उद्योग नियामक, मसाला बोर्ड ने मसाला निर्माताओं रूष्ठ॥ और एवरेस्ट के कुछ उत्पादों में कैंसर पैदा करने वाले कीटनाशकों की रिपोर्ट सामने आने के बाद गुणवत्ता मानकों के अनुपालन के लिए उनकी सुविधाओं का निरीक्षण करना शुरू कर दिया है। बोर्ड ने बुधवार को कहा कि उसने हांगकांग और सिंगापुर में संबंधित अधिकारियों से एमडीएच और एवरेस्ट निर्यात पर डेटा मांगा था और इस मुद्दे का मूल कारण खोजने के लिए कंपनियों के साथ काम कर रहा था।