नई दिल्ली । भारत के ट्रैवल और टूरिज्म सेक्टर का योगदान देश की अर्थव्यवस्था में 2035 तक बढक़र 42 लाख करोड़ रुपए पहुंचने का अनुमान है। वर्ल्ड ट्रैवल एंड टूरिज्म काउंसिल (डब्ल्यूटीटीसी) की रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई।
रिपोर्ट में बताया गया कि देश को प्रतिस्पर्धी बने रहने और इस सेक्टर की विकास की गति को बनाए रखने के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर और डेस्टिनेशन मार्केटिंग में अधिक निवेश करने की आवश्यकता है।
रिपोर्ट के अनुसार, 2024 में अंतरराष्ट्रीय यात्रियों द्वारा देश में किया जाने वाला खर्च प्री-कोविड स्तर को पीछे छोड़ते हुए ऑल-टाइम हाई 3.1 लाख करोड़ रुपए रहा था। इस दौरान घरेलू यात्रियों ने करीब 15.5 लाख करोड़ रुपए खर्च किए थे, जो कि 2019 के मुकाबले 22 प्रतिशत अधिक है।
इसके अतिरिक्त, डब्ल्यूटीटीसी की ओर से बताया गया कि भारत के ट्रैवल और टूरिज्म सेक्टर में 2035 तक नौकरियों की संख्या बढक़र 6.4 करोड़ तक पहुंच जाएगी, जो कि फिलहाल 4.65 करोड़ पर है।
हाल ही में राष्ट्रीय राजधानी में सीआईआई ‘एनुअल बिजनेस समिट 2025’ में केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा था कि ग्लोबल इकोनॉमी में 10 प्रतिशत योगदान टूरिज्म सेक्टर का होता है और मुझे यकीन है कि ग्लोबल पैरामीटर के तहत 2030 तक हमारा पर्यटन क्षेत्र भी देश की जीडीपी में 10 प्रतिशत का योगदान देगा। हम इस विजन पर तेजी से काम कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, भारत के टूरिज्म सेक्टर को प्रमोट करने और वैश्विक स्तर पर देश की क्षमता को बढ़ाने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर क्रिएशन पहली जरूरत थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में सडक़ें, एक्सप्रेसवे और डेढ़ लाख किलोमीटर के हाइवे बने, नया मॉडर्न रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार हुआ। नए एयरपोर्ट्स बने।
उन्होंने आगे कहा, हालांकि, अभी भी बहुत से काम किए जाने बाकी हैं। फ्लाइट्स की संख्या बढ़ाए जाने की जरूरत है। भविष्य में 3,000 एयरक्राफ्ट्स आने वाले हैं। एयरक्राफ्ट्स की बढ़ती संख्या इस बात का संकेत है कि दुनिया का भारत को देखने का नजरिया बदल रहा है।
नई दिल्ली । ब्याज दरों की समीक्षा के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति कमेटी (एमपीसी) की बैठक बुधवार से शुरू हो गई है। अर्थशास्त्री और इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स का मानना है कि केंद्रीय बैंक रेपो रेट में 25 आधार अंक या 0.25 प्रतिशत की कटौती कर सकता है।
आरबीआई के गवर्नर संजय मल्होत्रा 6 जून को एमपीसी के फैसलों का ऐलान करेंगे। इससे पहले की दो एमपीसी बैठकों में केंद्रीय बैंक द्वारा रेपो रेट में 50 आधार अंक की कटौती की जा चुकी है, जिसके कारण रेपो रेट घटकर 6 प्रतिशत पर आ गया है। अर्थव्यवस्था में ब्याज दर कटौती की सकारात्मक परिस्थितियों के कारण बाजार के जानकार मान रहे हैं कि इस बार केंद्रीय बैंक रेपो रेट में 25 आधार अंक की कटौती कर सकता है, जिससे यह घटकर 5.75 प्रतिशत पर आ जाएगी, जो कि फिलहाल 6 प्रतिशत है।
हेडलाइन महंगाई दर आरबीआई के मध्यम अवधि के लक्ष्य 4 प्रतिशत से लगातार नीचे बनी हुई है, जबकि हाल ही में अमेरिकी नीतिगत कदमों जैसे बाहरी झटकों के कारण जीडीपी वृद्धि में नरमी दिख रही है। कई रेटिंग एजेंसियों और वैश्विक संस्थानों ने वित्त वर्ष 26 के लिए भारत के जीडीपी विकास अनुमानों को घटा दिया है। हालांकि आरबीआई ने अप्रैल में अपने 6.5 प्रतिशत विकास अनुमान को बनाए रखा, लेकिन अन्य ने अनुमानों को संशोधित कर 6.0 प्रतिशत से 6.3 प्रतिशत की सीमा तक कर दिया है।
बजाज ब्रोकिंग रिसर्च ने कहा, एमपीसी ने स्पष्ट रूप से न्यूट्रल से अकोमोडेटिव रुख अपनाया है, जो आरबीआई की तरलता बढ़ाने और विकास को समर्थन देने की मंशा को दर्शाता है। अप्रैल में खुदरा महंगाई दर के 3.2 प्रतिशत पर आ जाने से यह स्थिति और मजबूत हुई है, जो जुलाई 2019 के बाद महंगाई का सबसे कम स्तर है।
हाल ही में आई एसबीआई की रिपोर्ट में बताया गया था कि अनिश्चित माहौल को संतुलित करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) जून एमपीसी में रेपो रेट में 50 आधार अंक तक की कटौती कर सकता है। एसबीआई रिपोर्ट में कहा गया, हमारा अनुमान है कि आरबीआई विकास दर को सपोर्ट करने के लिए रेपो रेट में 50 आधार अंक की कटौती कर सकता है। वहीं, बैंक ऑफ बड़ौदा की रिपोर्ट का कहना है कि आने वाली आरबीआई एमपीसी में रेपो रेट में 25 आधार अंक की कटौती हो सकती है।
अहमदाबाद । मई का महीना देश के लॉजिस्टिक्स सेक्टर के लिए ऐतिहासिक रहा है। अदाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन (एपीएसईजेड) ने वैश्विक मानकों पर देश की क्षमता को प्रदर्शित करते हुए 4.18 करोड़ टन कार्गो हैंडलिंग का नया बेंचमार्क स्थापित किया, जो कंपनी के लिए सर्वकालिक रिकॉर्ड है।
पिछले साल की तुलना में 17 प्रतिशत की वृद्धि केवल एक आंकड़ा नहीं है – यह देश में तेजी से विकसित हो रहे आर्थिक ढांचे और बुनियादी ढांचे के विकास की मजबूत नींव का प्रमाण है।
अदाणी पोर्ट्स के शानदार प्रदर्शन के मुख्य चालक कंटेनर ट्रैफिक (साल-दर-साल आधार पर 22 प्रतिशत की वृद्धि) और ड्राई कार्गो (साल-दर-साल 17 प्रतिशत की वृद्धि) थे।
वैश्विक बंदरगाह कंपनियां जब मंदी और भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं से जूझ रही हैं, एपीएसईजेड ने न केवल स्थिरता बनाए रखी है, बल्कि तेजी से विस्तार भी किया है।
कंपनी ने इस साल मई तक कुल 7.93 करोड़ टन कार्गो हैंडलिंग की है, जो साल-दर-साल 10 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है। कंटेनर हैंडलिंग में 21 प्रतिशत की वृद्धि एपीएसईजेड की परिचालन दक्षता और तकनीकी उन्नयन को उजागर करती है।
मई में अदाणी लॉजिस्टिक्स ने 0.6 लाख टीईयू रेल वॉल्यूम (साल-दर-साल 13 प्रतिशत की वृद्धि) और 20.1 लाख टन जीपीडब्ल्यूआईएस (जेनरल पर्पस वैगन इंवेस्टमेंट स्कीम) वॉल्यूम (साल-दर-साल चार प्रतिशत की वृद्धि) दर्ज किया।
इस साल अब तक रेल वॉल्यूम 1.2 लाख टीईयू (साल-दर-साल आधार पर 15 प्रतिशत की वृद्धि) और जीपीडब्ल्यूआईएस वॉल्यूम 38 लाख टन रहा। यह स्पष्ट रूप से इंगित करता है कि मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक्स इंफ्रास्ट्रक्चर पर कंपनी का रणनीतिक फोकस ठोस परिणाम दिखाने लगा है।
देश के अन्य प्रमुख बंदरगाहों जैसे कि जेएनपीटी और पारादीप पोर्ट – ने मई में क्रमश: लगभग सात प्रतिशत और नौ प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की। वहीं, एपीएसईजेड ने 17 प्रतिशत की छलांग के साथ बढ़त हासिल की, जो प्रतिस्पर्धा पर अपनी बढ़त का संकेत देता है।
अदाणी पोर्ट्स न केवल देश का सबसे बड़ा निजी बंदरगाह संचालक है; यह देश की वैश्विक व्यापार रणनीति का एक स्तंभ भी बन रहा है। एपीएसईजेड की भूमिका और भी महत्वपूर्ण होने वाली है। मल्टीमॉडल हब, स्मार्ट पोर्ट, ग्रीन एनर्जी और डिजिटल ट्रैकिंग सिस्टम के जरिए कंपनी लॉजिस्टिक्स के भविष्य को आकार दे रही है।
मई के आंकड़े देश के लॉजिस्टिक्स और इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में हो रहे बदलावों की झलक दिखाते हैं। अदाणी पोर्ट्स ने यह साबित कर दिया है कि जब रणनीति, निवेश और इनोवेशन एक साथ काम करते हैं, तो भारत न केवल आत्मनिर्भर बन सकता है, बल्कि वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में नेतृत्व की भूमिका भी निभा सकता है।
पेरिस । फ्रांस की एनर्जी कंपनी टोटलएनर्जीज के सीईओ और चेयरमैन पैट्रिक पोयाने ने कहा कि उनकी कंपनी अदाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड के विस्तार का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध है।
केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल के साथ पेरिस में बातचीत के दौरान पोयाने ने कहा कि वे अदाणी ग्रीन के विस्तार का समर्थन जारी रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
उन्होंने कहा, अदाणी ग्रीन जिसकी क्षमता 14 गीगावाट है। हम इसकी ग्रोथ को समर्थन जारी रखेंगे।
गोयल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए लिखा, टोटलएनर्जीज के चेयरमैन और सीईओ पैट्रिक पोयाने से मुलाकात की और भारत के लिए कंपनी की निवेश योजनाओं और रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में सहयोग के अवसरों पर चर्चा की।
फ्रांसीसी एनर्जी कंपनी ने भारत में लगभग 5 बिलियन डॉलर का निवेश किया है, जो प्राकृतिक गैस इन्फ्रास्ट्रक्चर, सिटी गैस डेवलपमेंट और क्लीन एनर्जी प्रोजेक्ट्स विशेष रूप से सौर और पवन ऊर्जा पर केंद्रित है।
जनवरी 2021 में अदाणी ग्रुप की कंपनी अदाणी ग्रीन में टोटलएनर्जीज ने माइनॉरिटी हिस्सेदारी लेकर साझेदारी की शुरुआत की थी।
पिछले महीने अदाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड दुनिया की पहली ऐसी स्वतंत्र बिजली उत्पादक (आईपीपी) रिन्यूएबल एनर्जी (आरई) कंपनी बन गई है, जिसने अपने पूरे परिचालन पोर्टफोलियो को वाटर पॉजिटिव में बदल दिया है।
अदाणी ग्रीन एनर्जी ने सस्टेनेबिलिटी के लिए एक नया मानक स्थापित करने के लिए अपने वित्त वर्ष 26 के लक्ष्य से एक साल पहले वाटर पॉजिटिव होने का लक्ष्य हासिल किया है। यह इस मील के पत्थर तक पहुंचने वाली शीर्ष 10 वैश्विक कंपनियों (परिचालन आरई पोर्टफोलियो के संदर्भ में) में से पहली और एकमात्र है।
अदाणी ग्रीन ने वित्त वर्ष 25 के लिए शानदार नतीजे पेश किए। इस दौरान कंपनी ईबीआईटीडीए एक अरब डॉलर के पार पहुंच गया और 30 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ कंपनी देश में सबसे अधिक 14.2 गीगावाट रिन्यूएबल एनर्जी क्षमता वाली कंपनी का खिताब बरकरार रखा।
मुंबई । भारतीय शेयर बाजार मंगलवार को लाल निशान में खुला। सुबह 9:43 पर सेंसेक्स 234 अंक या 0.29 प्रतिशत की गिरावट के साथ 81,139 और निफ्टी 64 अंक या 0.28 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 24,649 पर था।
लार्जकैप की अपेक्षा मिडकैप और स्मॉलकैप में तेजी देखी जा रही है। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 83.60 अंक या 0.14 प्रतिशत की तेजी के साथ 57,859 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 107.45 अंक या 0.59 प्रतिशत की बढ़त के साथ 18,203 पर था।
निफ्टी ऑटो, पीएसयू बैंक, मेटल, मीडिया और कमोडिटी सबसे ज्यादा बढऩे वाले इंडेक्स थे। आईटी, एफएमसीजी, इन्फ्रा और प्राइवेट बैंक इंडेक्स लाल निशान में थे।
शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स में शामिल शेयरों में इटरनल (जोमैटो), टाटा स्टील, एमएंडएम, इंडसइंड बैंक, टाटा मोटर्स और एशियन पेंट्स में टॉप गेनर्स थे। एलएंडटी, बजाज फाइनेंस, भारती एयरटेल, एचयूएल, आईसीआईसीआई बैंक, एक्सिस बैंक, मारुति सुजुकी टॉप लूजर्स थे।
चॉइस ब्रोकिंग के डेरिवेटिव विश्लेषक हार्दिक मटालिया ने कहा, सपाट शुरुआत के बाद निफ्टी को 24,700, 24,600 और 24,500 पर सपोर्ट मिल सकता है। तेजी की स्थिति में 24,800, 24,900 और 25,000 रुकावट के स्तर होंगे।
ज्यादा एशियाई बाजार तेजी के साथ कारोबार कर रहे थे। टोक्यो, शंघाई, जकार्ता और हांगकांग हरे निशान में थे।
विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने 2 जून को लगातार दूसरे सत्र में अपनी बिकवाली जारी रखी और 2,589 करोड़ रुपए के इक्विटी बेचे, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने दसवें दिन अपनी खरीद जारी रखी और उसी दिन 5,313 करोड़ रुपए के इक्विटी खरीदे।
वैश्विक कारणों के चलते सोमवार को भी शेयर बाजार लाल निशान में बंद हुआ था। कारोबार के अंत में सेंसेक्स 77.26 अंक या 0.09 प्रतिशत की गिरावट के साथ 81,373.75 और निफ्टी 34.10 अंक या 0.34 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 24,716.60 पर था।
नई दिल्ली । दोपहिया ईवी वाहन बनाने वाली कंपनी ओला इलेक्ट्रिक की बिक्री मई में सालाना आधार पर 51 प्रतिशत गिरकर 18,499 यूनिट्स हो गई है। कंपनी मार्केट में टीवीएस मोटर और बजाज ऑटो के बाद तीसरे स्थान पर खिसक गई है।
सरकारी वाहन डेटा के मुताबिक, मई में दोपहिया ईवी वाहन सेगमेंट का प्रदर्शन मजबूत रहा है और इस दौरान रिटेल बिक्री बढक़र 1,00,266 यूनिट्स हो गई है।
दोपहिया ईवी वाहन सेगमेंट में टीवीएस मोटर शीर्ष पर रही। कंपनी की बिक्री मई में सालाना आधार पर 107 प्रतिशत बढक़र 24,560 यूनिट्स रही और कंपनी का मार्केट शेयर 24 प्रतिशत रहा।
बजाज ऑटो की बिक्री मई में सालाना आधार पर 135 प्रतिशत बढक़र 21,770 यूनिट्स हो गई है। दोपहिया ईवी वाहन सेगमेंट में 22 प्रतिशत के मार्केट शेयर के साथ दूसरे स्थान पर रही।
भाविश अग्रवाल की अगुआई वाली ओला इलेक्ट्रिक ने पिछले महीने 18 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी दर्ज की और मार्केट में तीसरे स्थान पर रही।
एथर एनर्जी ने 12,840 यूनिट्स बेचीं और बाजार में 13 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल की।
बीते हफ्ते ओला इलेक्ट्रिक ने वित्त वर्ष 25 की चौथी तिमाही के नतीजे पेश किए थे। जनवरी-मार्च अवधि में कंपनी का घाटा सालाना आधार पर 109 प्रतिशत बढक़र 870 करोड़ रुपए हो गया है, जो कि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 416 करोड़ रुपए था।
वित्त वर्ष 25 की मार्च तिमाही में कंपनी की ऑपरेशंस से आय सालाना आधार पर 61.8 प्रतिशत कम होकर 611 करोड़ रुपए रह गई है, जो कि एक साल पहले समान अवधि में 1,598 करोड़ रुपए थी।
2021 के अंत में अपने इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की कमर्शियल डिलीवरी शुरू करने के बाद से यह कंपनी का सबसे खराब तिमाही प्रदर्शन है।
पूरे वित्त वर्ष 2025 के लिए ओला इलेक्ट्रिक की आय भी घटकर 4,645 करोड़ रुपए रह गई है, जो वित्त वर्ष 2024 में 5,126 करोड़ रुपए थी।