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मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी की बड़ी कार्रवाई: शिल्पा शेट्टी के पति राज कुंद्रा की 97 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त
Posted Date : 18-Apr-2024 8:07:05 pm

मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी की बड़ी कार्रवाई: शिल्पा शेट्टी के पति राज कुंद्रा की 97 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त

मुंबई  । प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अभिनेता शिल्पा शेट्टी के पति और व्यवसायी राज कुंद्रा के खिलाफ एडल्ट फिल्मों के निर्माण और प्रसार के संबंध में दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग के मामले पर एक्शन लिया है। ईडी ने बताया कि पीएमएलए, 2002 के प्रावधानों के तहत रिपु सूदन कुंद्रा उर्फ राज कुंद्रा से संबंधित 97.79 करोड़ रुपये की अचल और चल संपत्तियों को अस्थायी रूप से जब्त कर लिया है।
कुर्क की गई संपत्तियों में जुहू स्थित एक आवासीय फ्लैट शामिल है जो वर्तमान में पत्नि शिल्पा शेट्टी के नाम पर है। वहीं, पुणे स्थित आवासीय बंगला और इक्विटी शेयर राज कुंद्रा के नाम पर है।

 

एप्पल का लक्ष्य है चीन पर निर्भरता कम करने के लिए भारत में आईफोन कैमरा मॉड्यूल को असेंबल करना
Posted Date : 18-Apr-2024 3:52:35 am

एप्पल का लक्ष्य है चीन पर निर्भरता कम करने के लिए भारत में आईफोन कैमरा मॉड्यूल को असेंबल करना

नई दिल्ली  । एप्पल चीन पर अपनी निर्भरता जैसे-जैसे कम कर रहा है, आईफोन निर्माता भारत में निवेश बढ़ा रहा है और कथित तौर पर फोन कैमरा मॉड्यूल के लिए उप-घटकों (सब-कंपोनेंट्स) को इक_ा करने के लिए टाटा समूह की टाइटन कंपनी और मुरुगप्पा समूह के साथ बातचीत कर रहा है। इसका मकसद है मेक इन इंडिया’ पहल को बढ़ावा देना और देश को वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला का एक अभिन्न अंग बनना।
रिपोर्टों के अनुसार, आईफोन के कैमरा मॉड्यूल के लिए इस समय कोई भारतीय आपूर्तिकर्ता नहीं है, जो प्रौद्योगिकी का एक परिष्कृत हिस्सा हो और इस कदम से चीनी आपूर्तिकर्ताओं पर एप्पल की निर्भरता कम हो सकती हो। मुरुगप्पा और टाटा के टाइटन दोनों के पास उच्च परिशुद्धता विनिर्माण में एक ठोस पृष्ठभूमि है।
टाइटन और मुरुगप्पा दोनों पहले ही देश में चिप असेंबली इकाई स्थापित करने के लिए पीएलआई योजना के तहत सरकारी प्रोत्साहन के लिए अर्हता प्राप्त कर चुके हैं। टाटा या मुरुगप्पा समूह ने रिपोर्टों पर तुरंत कोई टिप्पणी नहीं की।
टाटा समूह ने पिछले साल ताइवानी इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माता विस्ट्रॉन के भारत परिचालन का 125 मिलियन डॉलर में अधिग्रहण किया था। कथित तौर पर यह चेन्नई के पास पेगाट्रॉन की आईफोन विनिर्माण सुविधा का अधिग्रहण करने पर भी नजर गड़ाए हुए है। पिछले साल के अंत में रिपोर्टें सामने आईं कि टाटा समूह तमिलनाडु के होसुर में भारत के सबसे बड़े आईफोन असेंबली प्लांट में से एक बनाने की योजना बना रहा है।
पिछले महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में 1.25 लाख करोड़ रुपये की तीन सेमीकंडक्टर परियोजनाओं की आधारशिला रखी थी। गुजरात में धोलेरा विशेष निवेश क्षेत्र (डीएसआईआर) में चिप निर्माण सुविधा टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा 91,000 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश के साथ स्थापित की जा रही है। टाटा समूह लगभग 27,000 करोड़ रुपये के कुल निवेश के साथ असम में एक आउटसोर्स सेमीकंडक्टर असेंबली एंड टेस्ट (ओएसएटी) सुविधा भी स्थापित कर रहा है।

 

2024 में भारत की वृद्धि दर 6.5प्रतिशत रह सकती है, यूएनसीटीएडी ने अपनी रिपोर्ट में किया दावा
Posted Date : 18-Apr-2024 3:52:20 am

2024 में भारत की वृद्धि दर 6.5प्रतिशत रह सकती है, यूएनसीटीएडी ने अपनी रिपोर्ट में किया दावा

नई दिल्ली   । संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के अनुसार 2024 में भारत की अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है। व्यापार और विकास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन ने जारी अपनी रिपोर्ट में कहा कि भारत ने 2023 में 6.7 प्रतिशत की वृद्धि की और 2024 में 6.5 प्रतिशत की वृद्धि होने की उम्मीद है, और यह दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बनी रहेगी। रिपोर्ट में कहा गया है, 2023 में हुई वृद्धि मजबूत सार्वजनिक पूंजीगत निवेश ओर सेवा क्षेत्र की वृद्धि से प्रेरित रही। इस दौरान घरेलू बाजार में उपभोक्ता सेवाओं की मजबूत घरेलू मांग और व्यावसायिक सेवाओं के निर्यात के लिए दृढ़ बाहरी मांग से लाभ मिला। 
रिपोर्ट में कहा गया है कि इन कारकों से 2024 में भी भारत में विकास को समर्थन जारी रहने की उम्मीद है। रिपोर्ट में चीन की ओर इशारा करते हुए कहा गया है कि बहुराष्ट्रीय कंपनियां अपनी आपूर्ति शृंखला में विविधता लाने के लिए विनिर्माण के लिए में भारत पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं। रिपोर्ट में कहा गया, आपूर्ति शृंखलाओं में विविधता लाने और भारत में अपनी विनिर्माण प्रक्रियाओं के विस्तार में बहुराष्ट्रीय कंपनियों की बढ़ती प्रवृत्ति से देश के निर्यात पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा, जबकि कमोडिटी की कीमतों में नरमी देश के आयात बिल के लिए फायदेमंद होगी। 
पिछले हफ्ते, विश्व निकाय में लॉन्च की गई फ्लैगशिप 2024 फाइनेंसिंग फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट रिपोर्ट: फाइनेंसिंग फॉर डेवलपमेंट एट ए क्रॉसरोड्स ने कहा कि दक्षिण एशिया, खासकर भारत में निवेश मजबूत बना हुआ है।इसमें कहा गया है कि भारत को बहुराष्ट्रीय कंपनियों की बढ़ती दिलचस्पी से फायदा हो रहा है, जो विकसित अर्थव्यवस्थाओं की आपूर्ति शृंखला विविधीकरण रणनीतियों तहत देश (भारत) को वैकल्पिक विनिर्माण आधार के रूप में देखते हैं।
आरबीआई की ओर से ब्याज दरों को स्थिर बनाए रखने की उम्मीद
यूएनसीटीएडी की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से निकट भविष्य में ब्याज दरों को स्थिर बनाए रखने की उम्मीद है, जबकि सार्वजनिक उपभोग पर रोक लगाने वाले खर्च की भरपाई मजबूत सार्वजनिक निवेश मद में खर्च से हो जाएगी।
रिपोर्ट के अनुसार हालांकि, अन्य दक्षिणी एशियाई देशों में, आर्थिक विकास अधिक मंद बना हुआ है। इस क्षेत्र के तीन देश बांग्लादेश, पाकिस्तान और श्रीलंका वर्तमान में आईएमएफ से मदद ले रहे हैं, जिनकी शर्तों में सख्त मौद्रिक नीतियों और राजकोषीय मितव्ययिता उपायों को लागू करना है। जिसका प्रभाव कम आय वाले परिवार गंभीर रूप से महसूस कर रहे हैं।    वैश्विक स्तर पर विकास दर 2024 में 2.6 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जो 2023 के 2.7 प्रतिशत की तुलना में थोड़ा धीमा है। 
लगातार तीसरे वर्ष वैश्विक अर्थव्यवस्था महामारी के पहले की तुलना में सुस्त
रिपोर्ट में कहा गया है कि 2024 लगातार तीसरा वर्ष होगा जिसमें वैश्विक अर्थव्यवस्था महामारी से पहले की तुलना में धीमी गति से बढ़ेगी। इससे पहले 2015 से 2019 के दौरान वैश्विक वृद्धि की औसत दर 3.2 प्रतिशत थी। हृष्टञ्ज्रष्ठ की रिपोर्ट में कहा गया है कि 2023 में वैश्विक आर्थिक विकास को धीमा करने के लिए जिन जोखिमों ने काफी हद तक खतरा पैदा किया था, वे पूरी तरह से अमल में नहीं आए।
रिपोर्ट में कहा गया है, चीन, भारत, इंडोनेशिया, रूस, अमेरिका जैसी बड़ी अर्थव्यवस्थाओं समेत कुछ अर्थव्यवस्थाएं इस साल की शुरुआत में आई वित्तीय संकट से बच गईं। इसके परिणामस्वरूप वैश्विक अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 2.7 प्रतिशत रही, जो वैश्विक मंदी की सीमा 2.5 प्रतिशत की सीमा से महज 0.2 प्रतिशत अधिक है। 
रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन की अर्थव्यवस्था 2024 में 4.9 प्रतिशत की दर से बढऩे का अनुमान है, जो बाहरी अनिश्चितताओं, एक समस्याग्रस्त आवास बाजार, एक कम प्रदर्शन करने वाले श्रम बाजार और कम खपत जैसी कुछ विपरीत परिस्थितियों का सामना कर रही है।
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने मंगलवार को जारी विश्व आर्थिक परिदृश्य के अपने नवीनतम संस्करण में कहा कि भारत में वृद्धि दर 2024 में 6.8 प्रतिशत और 2025 में 6.5 प्रतिशत पर मजबूत बने रहने का अनुमान है। यह वृद्धि दर घरेलू मांग में निरंतर मजबूती और बढ़ती कामकाजी उम्र की आबादी के प्रभाव को दर्शाती है।

 

 

चिप निर्माण के लिए अरबों डॉलर की सब्सिडी देना सही नहीं, पूर्व आरबीआई गवर्नर ने की आलोचना
Posted Date : 18-Apr-2024 3:51:39 am

चिप निर्माण के लिए अरबों डॉलर की सब्सिडी देना सही नहीं, पूर्व आरबीआई गवर्नर ने की आलोचना

नई दिल्ली  ।  भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने  चिप निर्माण पर भारत की ओर से अरबों डॉलर खर्च करने की आलोचना की है। राजन ने कहा है कि इन चिप विनिर्माण कारखानों को सब्सिडी देने के लिए कई अरब खर्च किए जाने हैं जबकि दूसरी ओर कई रोजगार देने वाले क्षेत्र अच्छा नहीं कर रहे हैं और उन पर किसी का ध्यान नहीं है। 
रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने मंगलवार को कहा कि भारत लोकतंत्र से मिलने वाले लाभ नहीं उठा पा रहा है। जॉर्ज वाशिंगटन विश्वविद्यालय में आयोजित सम्मेलन भारत को 2047 तक उन्नत अर्थव्यवस्था बनाना: इसके लिए क्या चाहिए में राजन ने कहा, मुझे लगता है कि यह लोकतंत्र से लाभ उठाने का समय है, लेकिन समस्या यह है कि हम लाभ नहीं उठा रहे हैं। 
राजन बोले- हम जनसंख्या से लाभ के मामले में चीन और कोरिया से काफी पीछे
पूर्व आरबीआई गवर्नर ने कहा, इसलिए मैंने छह प्रतिशत वृद्धि की बात कही थी। अगर आपको पता करना है कि हम अभी क्या हैं, तो जीडीपी के आंकड़ों में उछाल को दूर करें। हम 6 प्रतिशत जनसांख्यिकीय लाभांश के बीच में है। यह चीन और कोरिया के जनसंख्या के लाभ से काफी कम है। जब हम कहते हैं कि यह बहुत अच्छा है तो हम अत्यधिक उलझ रहे हैं। ऐसा इसलिए नहीं है कि हम जनसांख्यिकीय लाभांश खो रहे हैं बल्कि ऐसा इसलिए है क्योंकि हम लोगों को नौकरी नहीं दे रहे हैं।
उन्होंने कहा, और यह हमें इस सवाल की ओर ले जाता है कि हम उन नौकरियों का निर्माण कैसे करते हैं? राजन ने कहा कि हमें आंशिक रूप से हमारे पास मौजूद लोगों की क्षमताओं बढ़ाने की जरूरत है, आंशिक रूप से उपलब्ध नौकरियों की प्रकृति को बदलना जरूरी है। हमें दोनों मोर्चों पर काम करने की आवश्यकता है।  
उन्होंने कहा, कांग्रेस के घोषणापत्र में अप्रेंटिसशिप का का विचार काम के लायक है। मुझे लगता है कि इसे प्रभावी बनाने के लिए बहुत कुछ किए जाने की जरूरत है, लेकिन हमें कई और ऐसे छात्रों की जरूरत है ताकि वे कम से कम अच्छा काम करने में सक्षम हों।
राजन ने चिप निर्माण पर भारत की ओर से अरबों डॉलर खर्च करने की आलोचना की। राजन ने कहा, इन चिप कारखानों के बारे में सोचो। चिप विनिर्माण को सब्सिडी देने के लिए कई अरब जा रहे हैं। राजन ने कहा कि दूसरी ओर चमड़ा जैसे कई रोजगार देने वाले गहन क्षेत्र अच्छा नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा, हम कई क्षेत्रों में नीचे जा रहे हैं। कोई आश्चर्य नहीं कि हमारे पास नौकरी की समस्या अधिक है। ऐसा नहीं है कि पिछले 10 वर्षों में नौकरी की समस्या पैदा हुई। यह पिछले कुछ दशकों से बढ़ रहा है। 
रोजगार देने वाले गहन क्षेत्रों की उपेक्षा करना सही नहीं: राजन
राजन ने कहा कि लेकिन अगर आप उन क्षेत्रों की उपेक्षा करते हैं जो अधिक गहन हैं, तो यह सही नहीं है। उन्होंने कहा, मैं यह नहीं कह रहा हूं कि हमें अब चमड़ा उद्योग के लिए सब्सिडी की पेशकश करने की आवश्यकता है, लेकिन हमें यह पता लगाना चाहिए कि वहां क्या गलत हो रहा है और हमें कोशिश करनी चाहिए कि इसमें सुधार हो। 
एक सवाल के जवाब में राजन ने कहा कि बड़ी संख्या में भारतीय अब सिंगापुर या सिलिकॉन वैली जा रहे हैं क्योंकि उन्हें वहां से बाजारों तक पहुंच बनाना आसान लगता है। उन्होंने कहा, हमें यह पूछने की जरूरत है कि ऐसा क्या है जो उन्हें भारत के अंदर रहने के बजाय भारत से बाहर जाने के लिए मजबूर करता है?
विराट कोहली वाली मानसिकता पर क्या बोले राजन
पूर्व आरबीआई गवर्नर ने विराट कोहली वाली मानिसकता के बारे में चर्चा करते हुए कहा कि भारत के युवाओं की मानसिकता विरोट कोहली जैसी है, मतलब वे किसी से कम नहीं हैं। वे लोग दुनिया को बदलना चाहते हैं। वे वैश्विक स्तर पर अपना विस्तार करना चाहते हैं। राजन ने कहा कि वास्तव में दिल को छू लेने वाली बात यह है कि कुछ उद्यमियों से बात करने पर पता चलता है कि वे दुनिया को बदलने की उनकी इच्छा रखते हैं पर उनमें से कई देश में रहकर खुश नहीं हैं। वे वास्तव में विश्व स्तर पर अधिक विस्तार करना चाहते हैं पर उन्हें मौके नहीं मिल रहे।
पीएचडी रेलवे में चपरासी के पद के लिए कर रहे आवेदन, राजन ने कसा तंज
राजन ने कहा कि क्षेत्र चाहे कोई भी हो चाहे वह सेवा, विनिर्माण या कृषि निर्माण हो भारत में समस्या है। इस बारे में सबाके पता है और मुझे विस्तार से बताने की आवश्यकता नहीं है। बेरोजगारी की संख्या अधिक है। श्रम शक्ति की भागीदारी कम है, महिला श्रम शक्ति की भागीदारी वास्तव में खतरनाक रूप से कम है। उन्होंने कहा कि हालांकि हाल के दिनों में कृषि और नौकरियों की हिस्सेदारी बढ़ रही है। बेरोजगारी का असर उच्च शिक्षित लोगों के सरकारी नौकरियों के लिए आवेदन करने की संख्या देखने से पता पता है। पीएचडी रेलवे में चपरासी के पद पर नौकरी के लिए आवेदन कर रहे हैं।

 

देश का वस्तु व्यापार घाटा मार्च में 11 महीने के निचले स्तर 15.6 अरब डॉलर पर
Posted Date : 17-Apr-2024 4:50:06 am

देश का वस्तु व्यापार घाटा मार्च में 11 महीने के निचले स्तर 15.6 अरब डॉलर पर

नई दिल्ली  । आयात में उल्लेखनीय गिरावट के कारण देश का वस्तु व्यापार घाटा फरवरी में 18.71 अरब डॉलर की तुलना में मार्च में 11 महीने के निचले स्तर 15.6 अरब डॉलर पर आ गया।
वस्तु व्यापार घाटा किसी देश की वस्तुओं के निर्यात से होने वाली कमाई और आयातित वस्तुओं के लिए किये गये भुगतान का अंतर है। पिछले साल मार्च में यह 18.96 अरब डॉलर तक पहुंच गया था।
वाणिज्य मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, वैश्विक आर्थिक मंदी और लाल सागर क्षेत्र में भू-राजनीतिक तनाव के कारण शिपिंग में व्यवधान के बीच मार्च में निर्यात में 0.3 प्रतिशत की मामूली गिरावट आई और यह 41.68 अरब डॉलर हो गया।
इलेक्ट्रॉनिक आइटम, फार्मास्यूटिकल्स और इंजीनियरिंग सामान जैसे 30 प्रमुख क्षेत्रों में से 17 ने पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में मार्च में निर्यात में सकारात्मक वृद्धि दर्ज की।
माह के दौरान आयात 5.98 प्रतिशत घटकर 57.28 अरब डॉलर रह गया जिससे व्यापार घाटा कम करने में मदद मिली। जिन प्रमुख वस्तुओं के आयात में गिरावट दर्ज की गई उनमें सोना, उर्वरक, चमड़ा उत्पाद, लोहा और इस्पात और पेट्रोलियम उत्पाद शामिल हैं।
देश का वस्तु व्यापार घाटा 31 मार्च को समाप्त पूरे वित्तीय वर्ष के लिए 9.33 प्रतिशत घटकर 240.17 अरब डॉलर हो गया। वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान निर्यात 3.11 प्रतिशत की गिरावट के साथ 437.06 अरब डॉलर रहा, जबकि आयात 5.41 प्रतिशत गिरकर 677.24 अरब डॉलर रहा।
वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने कहा, वित्त वर्ष 2023-24 व्यापार के दृष्टिकोण से कठिन था क्योंकि न केवल यूक्रेन-रूस संघर्ष जारी रहा, बल्कि अन्य संघर्ष भी सामने आए। विश्व स्तर पर लाल सागर और मंदी के साथ-साथ दूसरे बड़े मुद्दे थे। लेकिन भारत ने सभी बाधाओं को हरा दिया है।

 

बैंकिंग के तकनीकी शब्दों के जाल से बचाने के लिए आरबीआई की पहल, अब ग्राहकों को सरल शब्दों में ‘मुख्य तथ्यों का विवरण’ देंगे बैंक
Posted Date : 17-Apr-2024 4:49:38 am

बैंकिंग के तकनीकी शब्दों के जाल से बचाने के लिए आरबीआई की पहल, अब ग्राहकों को सरल शब्दों में ‘मुख्य तथ्यों का विवरण’ देंगे बैंक

मुंबई  । भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सभी बैंकों और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों को निर्देश दिया कि वे लोन लेने वाले संभावित ग्राहकों को उन ऋणों और ब्याज के बारे में सरल शब्दों में ‘मुख्य तथ्यों का विवरण’ (केएफएस) प्रदान करें, जिनका भुगतान करने की उनसे अपेक्षा की जाती है ताकि उन्हें सूचित निर्णय लेने में मदद मिल सके। ग्राहकों को बैंकिंग के तकनीकी शब्दों के जाल से बचाने के लिए केंद्रीय बैंक ने यह पहल की है।
निर्देश में कहा गया है कि बैंकों और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों जैसी सभी विनियमित संस्थाओं को आरबीआई द्वारा दिए गए मानकीकृत प्रारूप के अनुसार, ऋण अनुबंध निष्पादित करने से पहले सभी संभावित उधारकर्ताओं को केएफएस प्रदान करना होगा। आरबीआई ने कहा, केएफएस ऐसे ग्राहकों द्वारा समझी जाने वाली भाषा में लिखा जाएगा। इसके कंटेंट को उधारकर्ता को समझाया जाएगा और एक पावती प्राप्त की जाएगी कि उसने इसे समझ लिया है।
आरबीआई के निर्देश में कहा गया है कि केएफएस को एक यूनीक प्रोपोजल नंबर प्रदान किया जाएगा और सात दिन या उससे अधिक की अवधि वाले ऋणों के लिए कम से कम तीन कार्य दिवसों की वैधता अवधि होगी। सात दिन से कम अवधि वाले ऋणों के लिए एक कार्य दिवस की वैधता अवधि होगी। आरबीआई ने केएफएस पर सभी निर्देशों और वार्षिक प्रतिशत दर (एपीआर) के प्रकटीकरण में सामंजस्य स्थापित करने का निर्णय लिया है।
यह पारदर्शिता बढ़ाने और विभिन्न विनियमित संस्थाओं द्वारा पेश किए जा रहे वित्तीय उत्पादों पर सूचना विषमता को कम करने के लिए किया जा रहा है, जिससे उधारकर्ताओं को सूचित वित्तीय निर्णय लेने में सशक्त बनाया जा सके। सामंजस्यपूर्ण निर्देश सभी विनियमित संस्थाओं, जैसे बैंकों और आवास वित्त कंपनियों द्वारा विस्तारित सभी खुदरा और एमएसएमई सावधि ऋण उत्पादों पर लागू होंगे।