व्यापार

अब सेना अधिकारियों को महंगी कारों पर नहीं मिलेगा डिस्काउंट
Posted Date : 30-May-2019 12:27:41 pm

अब सेना अधिकारियों को महंगी कारों पर नहीं मिलेगा डिस्काउंट

नई दिल्ली ,30 मई । अब मिलिटरी अधिकारियों को एसयूवी सहित दूसरी महंगी कारों पर भारी डिस्काउंट नहीं मिलेगा। अभी तक सैन्य बलों के अधिकारियों को महंगी कारें खरीदने के लिए भारी छूट मिलती थी लेकिन अब सरकार ने सुरक्षाबलों को मिलने वाली यह सुविधा वापस ले ली है। इस नए निर्णय के बाद अब सैन्य अधिकारी चाहे वह सर्विस में हों या रिटायर्ड हो चुके हों वे सभी 8 साल में सिर्फ 1 बार ही डिस्काउंट प्राइज पर (सीएसडी कैंटीन से) कार खरीद सकते हैं। 
आर्मी चर्टर मास्टर जनरल (क्यूएमजी) ब्रांच ने 24 मई को निर्देश दिए हैं कि एक जून से सैन्य अधिकारी सीएसडी कैंटीन से 12 लाख रुपये तक की कार, जिसकी इंजन क्षमता 2500 सीसी तक होगी उस पर ही छूट ले सकेंगे, इसमें जीएसटी शामिल नहीं होगा। ठीक इसी तरह का आदेश रक्षा प्रतिष्ठानों में सेवारत सिविलियन अधिकारी पर भी लागू हैं। 
इसके अलावा दूसरी रैंक के जवान अब 5 लाख रुपये और 1400 सीसी इंजन क्षमता वाली कार खरीद सकते हैं। इसमें जीएसटी शामिल नहीं है। वह एक कार अपने सेवा कार्यकाल के दौरान और दूसरी सेवानिवृत्ति पर ही खरीद सकते हैं। सीएसडी कैंटीन से कार खरीदने पर एक शख्स को 50,000 से डेढ़ लाख रुपये का फायदा होता है। यह चार पहियों की सीएसडी कैंटीन में कीमतों के आधार पर निर्भर करता है क्योंकि सरकार जीएसटी पर 50 प्रतिशत की छूट देती है और ऑटोमोबाइल निर्माता कंपनी के साथ बातचीत करके सीएसडी में बिक्री के लिए आने वाली कारों की कीमत बाजार को भाव से पहले ही कुछ कम कर दी जाती है।
सेना के अधिकारियों को सरकार का यह आदेश रास नहीं आ रहा है। इससे युवा अधिकारियों और वरिष्ठों में खासा रोष है। एक मेजर ने कहा, सीएसडी के जरिए मैं अब एक जीप कंपास (इसकी मूल कीमत 15-16 लाख रुपये से शुरू) क्यों नहीं खरीद सकता, जैसा कई वरिष्ठ अधिकारी खरीद चुके हैं? 
एक ब्रिगेडियर ने कहा, नए नियम आधारहीन हैं। इससे पहले कीमत और इंजन क्षमता को लेकर कोई प्रतिबंध नहीं था और अधिकारी हर चार-पांच साल में नई कार खरीद सकते थे। हां उसका कुछ दुरुपयोग होता था लेकिन इसके लिए ऐसे आदेशों की बजाए निगरानी प्रणाली को मजबूत करने की जरुरत है।

नई सरकार के गठन से पहले पेट्रोल, डीजल के दाम में राहत
Posted Date : 30-May-2019 12:23:34 pm

नई सरकार के गठन से पहले पेट्रोल, डीजल के दाम में राहत

नई दिल्ली ,30 मई । नई सरकार के गठन से पहले उपभोक्ताओं के लिए एक राहत की खबर है कि तेल विपणन कंपनियों ने पेट्रोल और डीजल के दाम में थोड़ी कटौती की है। पेट्रोल गुरुवार को छह पैसे प्रति लीटर जबकि डीजल छह-सात पैसे प्रति लीटर सस्ता हो गया है।
लोकसभा चुनाव के आखिरी चरण का मतदान 19 मई को संपन्न होने के बाद पहली बार तेल के दाम में कटौती की गई है। 
इससे पहले पेट्रोल के दाम में 18 मई को जबकि डीजल के दाम में 14 मई को कटौती की गई थी। 
इंडियन ऑयल की वेबसाइट के अनुसार, दिल्ली, कोलकता, मुंबई और चेन्नई में पेट्रोल के दाम घटकर क्रमश: 71.80 रुपये, 73.86 रुपये, 77.41 रुपये और 74.53 रुपये प्रति लीटर हो गए हैं। डीजल के दाम भी चारों महानगरों में घटकर क्रमश: 66.63 रुपये, 68.39 रुपये, 69.82 रुपये और 70.43 रुपये प्रति लीटर हो गए हैं।
तेल विपणन कंपनियों ने दिल्ली, कोलकाता, मुंबई और चेन्नई में पेट्रोल के दाम में छह पैसे लीटर की कटौती की है। डीजल दिल्ली, कोलकाता और मुंबई में छह पैसे प्रति लीटर जबकि चेन्नई में सात पैसे प्रति लीटर सस्ता हो गया है। 
इससे पहले बुधवार को पेट्रोल और डीजल के दाम में कोई बदलाव नहीं किया गया था। 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी अगली पारी की शुरुआत करते हुए गुरुवार को दूसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे। 
लोकसभा चुनाव 2019 के नतीजे 23 मई को आए थे जिसमें भारतीय जनता पार्टी की अगुवाई में सत्ताधारी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन को प्रचंड बहुमत मिला। 

एशिया के पांच टॉप औद्योगिक शहरों में गुरुग्राम और बेंगलुरु
Posted Date : 29-May-2019 12:58:02 pm

एशिया के पांच टॉप औद्योगिक शहरों में गुरुग्राम और बेंगलुरु

नई दिल्ली ,29 मई । सिलिकॉन वैली के समान स्तर के मुख्य शहर या क्लस्टर की अनुपस्थिति के बावजूद टेक कंपनियों के द्वारा एपीएसी क्षेत्र में कार्यालय स्थलों की मांग बढ़ रही है। भारत के गुरुग्राम और बेंगलुरु एशिया पसिफिक के शीर्ष पांच शहरों में हैं। यह आंकड़ा भारत की अग्रणी रियल एस्टेट कन्सल्टिंग फर्म सीबीआरई साउथ एशिया प्राइवेट लिमिटेड ने अपनी रिपोर्ट में पेश किया है।
सीबीआरई के भारत, दक्षिण-पूर्वी एशिया, मध्यपूर्व और अफ्रीका के चेयरमैन और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अंशुमन मैगजीन ने कहा, ‘दिल्ली-एनसीआर और बेंगलुरु में बड़ी संख्या में मौजूद आईटी प्रतिभा तथा बेहतर इन्क्यूबेटर और एक्सेलरेटर प्रोग्रामों के चलते नए विचारों को प्रोत्साहन मिला है। एशिया पसिफिक में 84 लाख उम्मीदवार हैं जो स्टैम में ग्रेजुएट हैं, इनमें से 30 फीसदी भारत में हैं, जो कि एक बड़ी संख्या है।’ 
रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया के अग्रणी टेक हब सिलिकॉन वैली का वातावरण टेक्नॉलजी सेक्टर के विकास के लिए अनुकूल है। अग्रणी टेक्नॉलजी शहर जैसे बीजिंग, बैंगलोर, शंघाई, सिंगापुर और गुडग़ांव एक गतिशील प्रणाली का निर्माण कर रहे हैं और तकनीक के द्वारा सेक्टर के विकास के प्रोत्साहित कर रहे हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि बैंगलोर इस द्दष्टि से भारत में सबसे अग्रणी है। भारत की स्टार्ट-अप राजधानी कहे जाने वाले बेंगलुरु में देश के 30 फीसदी स्टार्ट-अप हैं जो भारत में प्रौद्योगिकी सेक्टर के विकास में उल्लेखनीय योगदान देते हैं। 
इसी तरह ‘मिलेनियल सिटी’ कहलाने वाले शहर गुडग़ांव में कुछ सबसे बड़े विश्वस्तरीय एवं घरेलू उद्यम हैं। देश की राजधानी तथा अन्तरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के नजदीक होने के कारण यह क्षेत्र अधिकतर सॉफ्टवेयर पेशेवरों के लिए सुलभ है। एशिया-पसिफिक में स्थित टैक कंपनियां तेजी से बढ़ हो रही हैं। 
2018 में एशिया पसिफिक कंपनियों ने दुनिया की टॉप सीबीआरई ने एशिया पेसिफिक के 15 बाजारों में कारोबार की स्थितियों, इनोवेशन्स, लागत एवं उपलब्धता का मूल्यांकन किया है। कारोबार का वातावरण, आधुनिक वातावरण, लागत और उपलब्धता आदि कारण हैं जिनके कारण ज्यादातर कंपनियां इन शहरों की ओर आकर्षित हो रही हैं। टेक्नॉलजी और रेंटल कीमतें, मुनाफे में विविधता, तकनीक के साथ बढ़ते स्थाई लीजिंग वॉल्युम आदि मानकों के आधार पर रिपोर्ट तैयार की गई है। सीबीआरई ने यह अध्ययन इसी वर्ष जनवरी और मार्च के बीच किया गया।

अमेरिका की मुद्रा निगरानी सूची से बाहर हुआ भारत
Posted Date : 29-May-2019 12:57:41 pm

अमेरिका की मुद्रा निगरानी सूची से बाहर हुआ भारत

वॉशिंगटन,29 मई । सरकार के कुछ कदमों की वजह से ट्रंप प्रशासन ने भारत को अपनी करंसी मॉनिटरिंग लिस्ट से बाहर कर दिया है। इस लिस्ट में कई बड़े व्यापारिक सहयोगी शामिल होते हैं। इसके अलावा स्विटजरलैंड को भी इस लिस्ट से हटाया गया है। इस सूची में चीन, जापान, साउथ कोरिया, जर्मनी, इटली, आयरलैंड, सिंगापुर, मलेशिया और वियतनाम शामिल हैं। अमेरिका के वित्त मंत्रालय ने कहा है कि भारत सरकार के कुछ कदमों से मौद्रिक नीति को लेकर उसकी आशंकाएं दूर हो गई हैं।
अमेरिका के वित्त मंत्रालय ने अपनी रिपोर्ट में कहा है, भारत को सूची से इसलिए बाहर किया गया है क्योंकि तीन क्राइटीरिया में से यह केवल एक में ही यह प्रतिकूल है। वह क्राइटीरिया है अमेरिका के साथ बायलैटरल सरप्लस। 2017 में विदेशी मुद्रा भंडार की खरीद के बाद 2018 में सरकार ने लगातार रिजर्व बेचे। इससे विदेशी मुद्रा भंडार की कुल बिक्री जीडीपी की 1.7 फीसदी पर पहुंच गई। इसमें कहा गया है कि भारत के पास आईएमएफ मेट्रिक के हिसाब से पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार है। 
रिपोर्ट के मुताबिक भारत और स्विटजरलैंड दोनों देशों के विदेशी मुद्रा क्रय में 2018 में गिरावट दर्ज की गई थी। ट्रेजरी रिपोर्ट के 40 पेज में कहा गया है, स्विटजरलैंड और भारत दोनों ही को एकतरफा दखल देने का जिम्मेदार नहीं पाया गया है। इसीलिए इन दोनों देशों को निगरानी सूची से बाहर किया जाता है। 
बता दें कि भारत को पहली बार मई 2018 में यूएस ने करंसी मॉनिटरिंग लिस्ट में शामिल किया था। इसके साथ ही चीन,जर्मनी, जापान, साउथ कोरिया और स्विट्जरलैंड को भी शामिल किया गया था। दूसरी रिपोर्ट में ट्रेजरी ने कहा है कि भारत ने सुधार किया है और अगली रिपोर्ट में करंसी मैनिपुलेशन लिस्ट से इसका नाम हटा दिया जाएगा। वर्ष 2018 के पहले छह महीने में रिजर्व बैंक द्वारा की गई शुद्ध बिक्री से जून 2018 तक की चार तिमाहियों में विदेशी मुद्रा की शुद्ध खरीद कम होकर 4 अरब डॉलर यानी सकल घरेलू उत्पाद के महज 0.2 प्रतिशत पर आ गई। 
हालांकि अमेरिका ने चीन को इस बार भी सूची में बनाए रखा है, लेकिन उसे मुद्रा के साथ छेड़छाड़ करने वाला देश घोषित करने से इस बार भी इनकार किया है। मंत्रालय ने इस रिपोर्ट में कहा कि कोई भी देश मुद्रा के साथ छेड़छाड़ की शर्तों पर गलत नहीं पाया गया है।

व्यापार युद्ध गहराने के बीच गिरावट के साथ बंद हुआ वॉल स्ट्रीट
Posted Date : 29-May-2019 12:57:16 pm

व्यापार युद्ध गहराने के बीच गिरावट के साथ बंद हुआ वॉल स्ट्रीट

न्यूयॉर्क ,29 मई । अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक तनाव गहरा होने का असर अमेरिकी शेयर बाजार पर देखने को मिला और बाजार गिरावट के साथ बंद हुए। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, मंगलवार को डाव जोंस इंडस्ट्रियल एवरेज 237.92 अंकों यानी 0.93 फीसदी की गिरावट के साथ 25,347.77 पर रहा।
एसएंडपी 500 सूचकांक 23.67 अंकों यानी 0.84 फीसदी की कमजोरी के साथ 2,802.39 पर और नैस्डैक कंपोजिट सूचकांक 29.66 अंकों यानी 0.39 फीसदी की गिरावट के साथ 7,607.35 पर रहा। माइक्रोन टेक्नोलॉजी का प्रदर्शन सबसे खराब रहा, जिसके शेयरों में 3.1 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। 

एयरटेल अफ्रीका की आईपीओ लाने, एलएसई में सूचीबद्धता की योजना
Posted Date : 28-May-2019 12:42:26 pm

एयरटेल अफ्रीका की आईपीओ लाने, एलएसई में सूचीबद्धता की योजना

नईदिल्ली,28 मई । एयरटेल अफ्रीका ने आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) लाने तथा लंदन स्टॉक एक्सचेंज (एलएसई) में सूचीबद्धता की योजना बनाई है। यह भारतीय दूरसंचार कंपनी भारती एयरटेल की अनुषंगी है। भारती एयरटेल ने बंबई शेयर बाजार को भेजी सूचना में कहा, ‘‘हमारी अनुषंगी कंपनी एयरटेल अफ्रीका ने आईपीओ लाने तथा लंदन स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्धता की योजना बनाई है। इस बारे में दस्तावेज ब्रिटेन के वित्तीय व्यवहार प्राधिकरण के पास जमा कराए गए हैं।’’ एयरटेल अफ्रीका का इरादा नए शेयर जारी कर अपने कर्ज के बोझ को कम करने का है। कंपनी अफ्रीका के 14 देशों में सेवाएं दे रही है। एयरटेल अफ्रीका के चेयरमैन सुनील भारती मित्तल ने कहा कि कंपनी अपनी पूंजी बाजार की पृष्ठभूमि बनाने को लेकर मजबूत स्थिति में है। मित्तल ने कहा कि हम अफ्रीका के बाजार में नौ साल पहले उतरे थे। आज एयरटेल अफ्रीका वहां के बाजार की दूसरी सबसे बड़ी मोबाइल आपरेटर है।