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ईपीएफओ कर्मचारियों को दिवाली पर मिलेगा डबल बोनस
Posted Date : 18-Oct-2019 3:12:34 pm

ईपीएफओ कर्मचारियों को दिवाली पर मिलेगा डबल बोनस

नई दिल्ली,18 अक्टूबर । सरकार ने कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के कर्मचारियों को दिवाली से पहले सबसे बड़ा गिफ्ट दिया है। ईपीएफओ के बी और सी श्रेणी के कर्मचारियों को 60 दिन का दिवाली बोनस दिया जाएगा। इसे लेकर श्रम मंत्रालय की तरफ से अधिसूचना जारी कर दी गई है। 
सरकार की ओर से जारी अधिसूचना के मुताबिक ग्रुप बी और ग्रुप सी के कर्मचारियों को प्रोडक्टिविटी लिंक्ड बोनस (पीएलबी) स्कीम के तहत 60 दिन का बोनस दिया जाएगा। सरकार ने 60 दिन का बोनस देने का निर्णय लिया है। ऐसा माना जा रहा है कि इससे प्रत्येक कर्मचारी को औसतन 7000 रुपये की बोनस मिलेगा। ये बोनस एक फॉर्मूले के तहत निकाला जाता है। प्रोडिक्ट्विटी लिंक्ड बोनस के तहत 25 फीसदी राशि कर्मचारी के सैलरी एकाउंट और बाकी पीएफ अकाउंट में जाएगी। 
अंशधारकों को भी मिला रहा है ब्याज
ईपीएफओ ने छह करोड़ से अधिक सदस्यों को वित्त वर्ष 2018-19 के लिए 8.65 प्रतिशत की दर से जल्द ब्याज पीएफ खातों में आने लगा है। वाला है। भविष्य निधि निकासी दावों के तहत ईपीएफओ 2018-19 के लिए 8.65 प्रतिशत की दर से ब्याज का भुगतान कर रही है। वहीं, वित्त वर्ष 2017-18 के लिए ईपीएफ जमा पर 8.55 प्रतिशत की ब्याज दर से ब्याज दिया गया था। 

आयकर विभाग ने चलाया चेन्नई में एक ‘वेलनेस’ समूह के खिलाफ तलाशी अभियान
Posted Date : 18-Oct-2019 3:12:10 pm

आयकर विभाग ने चलाया चेन्नई में एक ‘वेलनेस’ समूह के खिलाफ तलाशी अभियान

नईदिल्ली,18 अक्टूबर । आयकर विभाग ने 16 अक्टूबर को आयकर विभाग अधिनियम 1961 के तहत आंध्रप्रदेश के वरदइयापलेम में विभिन्न आवासीय परिसरों में पूरे साल ‘वेलनेस’ पाठ्यक्रम और दर्शनशास्त्र, अध्यात्म इत्यादि में प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाने वाले एक समूह के खिलाफ तलाशी अभियान चलाया। आयकर विभाग का चेन्नई और बेंगलुरू में भी तलाशी अभियान चलाया गया।
1980 में एकात्मकता के दर्शन के साथ एक आध्यात्मिक गुरु द्वारा स्थापित समूह अब रियल एस्टेट, निर्माण, खेल इत्यादि क्षेत्रों में भारत सहित विदेशों में भी कार्ररत है। इस समूह का प्रबंधन और नियंत्रण इस समूह के संस्थापक आध्यात्मिक गुरु और उनके बेटे के अधीन है। अध्यात्म और सेहत से जुड़े इन पाठ्यक्रमों में विदेशी लोग शामिल होते हैं, जिससे यह समूह बहुत अधिक विदेशी मुद्रा अर्जित करता है। समूह को लेकर यह खुफिया जानकारी मिली थी कि समूह आंध्र प्रदेश और तमिलनाडू में भू-संपत्ति और विदेशी निवेश की जानकारियां छिपाता है। इस जानकारी के आधार पर आयकर विभाग का चेन्नई, हैदराबाद, बेंगलुरू, वरदइयापलेम में 40 ठिकानों पर तलाशी अभियान जारी है।
तलाशी अभियान के दौरान आयकर विभाग को कुछ ऐसे सबूत मिले हैं जिनसे पता चलता है कि यह समूह विभिन्न केन्द्रों और आश्रमों में निवेश की रसीदों को छिपाता रहा है। समूह के नकद संग्रह का हिसाब रखने वाले एक कर्मचारी के पास से ऐसे सबूत भी मिले हैं, जिनसे यह खुलासा होता है कि यह समूह बिना किसी रसीद के निवेश करता है और संपत्तियों की खरीदारी करता है। यह समूह बिना किसी दस्तावेज़ के संपत्तियों की बिक्री कर पैसे कमाता है। प्रारंभिक अनुमान के अनुसार वित्त वर्ष 2014-15 और उससे आगे समूह के पास 409 करोड़ रुपये की बेहिसाब आय होती रही है। तलाशी अभियान के दौरान आयकर विभाग की टीम को समूह के संस्थापक और उसके बेटे के आवासों और उनके एक परिसर से बड़ी मात्रा में नकद राशि और अन्य मूल्यवान वस्तुएं मिली हैं। तलाशी में समूह के ठिकानों से आयकर विभाग ने 43.9 करोड़ रुपये बरामद किये हैं।
तलाशी अभियान के दौरान नकद राशि के साथ-साथ आयकर विभाग को 2.5 मिलियन डॉलर मूल्य की विदेशी मुद्राएं बरामद हुईं जो लगभग 18 करोड़ रुपये के बराबर है। तलाशी में 26 करोड़ से ज्यादा मूल्य के लगभग 88 किलोग्राम सोने के गहने बरामद हुए। लगभग 5 करोड़ रुपये के 1271 कैरेट के हीरे भी बरामद किये गये। अब तक लगभग 93 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्ति बरामद की गई। समूह की अब तक की अनुमानित आय 500 करोड़ रुपये से अधिक है। तलाशी अभियान अब भी जारी है।
तलाशी के दौरान एक महत्वपूर्ण बात यह सामने आई कि यह समूह भारत के साथ-साथ चीन, अमरीका, सिंगापुर, संयुक्त अरब अमीरात इत्यादि देशों की कंपनियों में निवेश करता है, जिन्हें भारत में चलाये जा रहे ‘वेनलेस’ पाठ्यक्रम में शामिल होने वाले विदेशी लोगों द्वारा भी भुगतान किया जाता रहा है। आयकर विभाग इस तरह निवेश से भारत में कर योग्य आय के विदेशी कंपनियों में जाने के मामले की जांच कर रहा है।   

चुनाव आयोग ने नासिक पश्चिम में पुलिस पर्यवेक्षक और चुनाव अधिकारी को हटाया
Posted Date : 18-Oct-2019 3:11:57 pm

चुनाव आयोग ने नासिक पश्चिम में पुलिस पर्यवेक्षक और चुनाव अधिकारी को हटाया

नईदिल्ली,18 अक्टूबर । निर्वाचन आयोग ने महाराष्ट्र में चुनाव तैयारियों की समीक्षा के बाद नाशिक के पुलिस पर्यवेक्षक और 125 नाशिक (पश्चिम जिला) के एक चुनाव अधिकारी को हटा दिया गया है। पुलिस पर्यवेक्षक को अपनी ड्यूटी सही तरीके से नहीं करने की वजह से हटाया गया है। इसी तरह 125 नाशिक (पश्चिम जिला)  की एक विधानसभा सीट पर मतदाताओं को पहचान पत्र समय से जारी करने के मामले में खराब प्रदर्शन के कारण वहां के एक चुनाव अधिकारी को भी हटा दिया गया है। इन अधिकारियों के स्थान पर नये अधिकारी अपना कार्यभार आज ही संभाल लेंगे।

दो बेटियों के बाद तीसरी भी बेटी ही हुई तो चुरा लिया किसी और का बेटा
Posted Date : 18-Oct-2019 3:11:26 pm

दो बेटियों के बाद तीसरी भी बेटी ही हुई तो चुरा लिया किसी और का बेटा

मुंबई,18 अक्टूबर । महाराष्ट्र के बीड जिले में एक चौंकाने वाली वारदात हुई. यहां पर एक अस्पताल से बच्चा चोरी की खबर पर अस्पताल प्रशासन और पुलिस महकमे में हडक़ंप मच गया. इसके बाद पड़ताल शुरू हुई तो सीसीटीवी में बच्चा चोरी करने वाला शख्स दिख गया और उसको पकड़ भी लिया गया. उसके पास से बच्चा भी बरामद हो गया. सभी को लगा बात खत्म लेकिन इस बच्चे को चोरी करने के पीछे जो कहानी सामने आई वो चौंकाने वाली थी. एक तरफ सरकार बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ के नारे दे रही है वहीं इस शख्स ने लडक़े की चाह में अपनी ही नवजात को अस्पताल में बेसहारा छोड़ कर एक मां की गोद से उसका बेटा चुरा लिया.
जानकारी के अनुसार धारुर गांव के सैफ सैख की पत्नी सफीना ने अस्पताल में 9 अक्टूबर को बेटे को जन्म दिया. सफीना अस्पताल में वार्ड नंबर 6 में भर्ती थी. सोमवार को वह कुछ देर के लिए अस्पताल में अकेली थी, दोपहर 12 बजे वह बच्चे के साथ सो गई. जब उसकी आंख खुली तो बच्चा उसके पास नहीं थी. इसके बाद अस्पताल में हडक़ंप मच गया. पुलिस को सूचित किया गया. पुलिस अस्पताल पहुंची ही थी कि वार्ड नंबर 8 में एक लावारिस बच्ची मिलने की खबर आई. दोनों बातों का आपस में संबंध होने का शक हुआ और पुलिस ने इसी दिशा में काम करना शुरू किया. इसके बाद अस्पताल के सीसीटीवी फुटेज को देखा गया तो एक व्यक्ति बच्चे को ले जाता हुआ दिखा. उसकी पहचान अमर जोगदंड क तौर पर हुई. अमर को पुलिस ने पकड़ कर पूछताछ की तो उसने अपना जुर्म कबूल लिया.
अमर ने बताया कि उसके पहले से तीन बेटियां थीं और जब तीसरी भी बेटी हो गई तो उसने किसी का बेटा चुराने की साजिश रची. इसमें उसकी पत्नी ने भी उसका साथ दिया. उसने अपनी नवजात को अस्पताल के एक अन्य वार्ड में छोड़ दिया. इसके बाद वह सफीना के पास आया. यहां पर मां और बेटा दोनों ही गहरी नींद में थे. मौका देखकर अमर ने बच्चे को उठा लिया और चुपचाप वहां से चला गया. हालांकि 24 घंटे में ही पुलिस ने उसे पकड़ लिया.

पीएमसी बैंक ग्राहकों को सुप्रीम कोर्ट का झटका
Posted Date : 18-Oct-2019 3:11:10 pm

पीएमसी बैंक ग्राहकों को सुप्रीम कोर्ट का झटका

0-सुनवाई से किया मना
नईदिल्ली,18 अक्टूबर । पीएमसी बैंक के ग्राहकों को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा है कि वह इस केस को हाईकोर्ट में दाखिल करें। कोर्ट का यह बड़ा फैसला पीडिय़ों के लिए बुरी खबर मानी जा रही है। बता दें पीएमसी बैंक के ग्राहकों के लिए राहत मांग रहे याचिकाकर्ता को सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल करने को कहा है। इस दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को जानकारी दी कि सरकार इस विषय पर चिंतित है और ज़रूरी कदम उठा रही है।
ज्ञात हो, उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को लगभग 15 लाख लोगों के फसे हुए रुपयों पर अंतरिम सुरक्षात्मक उपायों के लिए दिशा-निर्देश मांगने वाली याचिका पर तत्काल सुनवाई के लिए सहमति व्यक्त की थी, जिनका पैसा घोटालेबाज पीएमसी बैंक में अवरुद्ध है। इसके बाद उम्मीद लगाई गई थी कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस मामले पर सुनवाई पर सहमति के बाद पीएमसी बैंक घोटाले के पीडि़तों को न्याय मिल पाएगा। हालांकि, शुक्रवार को कोर्ट ने अपने फैसले में पीएमसी बैंक घोटाला मामले में पीडिय़ों को झटका दिया है। बता दें कि पीएमसी बैंक के जमाकर्ताओं ने शीर्ष अदालत में याचिका दायर कर अपनी जमाओं पर सौ फीसद बीमा मुहैया कराए जाने की मांग की थी।
रिपोर्ट के मुताबिक, शुरुआती जांच में पाया गया था कि पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक में 4355 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है। इसके साथ ही पुलिस ने अपनी जांच के दौरान पाया कि पीएमसी बैंक के अधिकारियों ने घाटे में चल रही एचडीआईएल कंपनी में सीधे 2000 करोड़ रुपये ट्रांसफर कर दिए थे। उन्होंने इस रकम को लोन के नाम एचडीआईएल को दिया था। जांच के बाद इस मामले में एचडीआइएल के मालिक राकेश और सारंग वधावन गिरफ्तार किए जा चुके हैं।

10.5 करोड़ कैश का नहीं मिल रहा रिकॉर्ड
Posted Date : 18-Oct-2019 3:10:32 pm

10.5 करोड़ कैश का नहीं मिल रहा रिकॉर्ड

0-पीएमसी बैंक घोटाला में जांच टीम का खुलासा
मुंबई,18 अक्टूबर । पंजाब और महाराष्ट्र कोऑपरेटिव बैंक घोटाले के मामले में चल रही जांच में एक बार फिर चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। जांच कर रही टीम के मुताबिक बैंक के रिकॉर्ड से कुल 10.5 करोड़ रुपये कैश गायब है। जांच टीम को छापेमारी के दौरान एचडीआईएलऔर इससे जुड़ी हुई कंपनियों के कई ऐसे चेक भी मिले हैं, जिसे कभी बैंक में जमा ही नहीं किया गया।
बताया जाता है कि इन चेक को जमा किए बगैर ही उन्हें कैश दे दिया गया। जांच टीम के मुताबिक, ये घोटाला जितना छोटा दिखाई दे रहा है उससे कहीं बड़ा है। अभी तक की जांच के मुताबिक, पीएमसी घोटाला 4355 करोड़ का नहीं 6500 करोड़ से ज्यादा का हो सकता है।
पीएमसी बैंक की आंतरिक जांच कर रही टीम को जो चेक मिले हैं, उनको देखने से पता चलता है कि 10 करोड़ से ज्यादा की हेराफेरी इन चेक से की गई है। बाकी के 50 लाख रुपये का अभी तक कोई हिसाब नहीं मिल सका है। इसके साथ ही अभी तक के अनुमान के मुताबिक, ये घोटाला भले ही 4355 करोड़ रुपये का लग रहा हो, लेकिन ये घोटाला 6500 करोड़ रुपये से ज्यादा का है।
जांच से पता चलता है एपडीआईएल और उससे जुड़ी कंपनियां कैश चाहती थीं। उन्होंने पिछले दो साल में बैंक के पूर्व मैनेजिंग डायरेक्टर जॉय थॉमस को चेक भेजे। थॉमस ने उन्हें चेक के बदले कैश दिए, लेकिन उन्हें बैंक में जमा नहीं कराया। बैंक के रिकॉर्ड बुक में इन चेकों की कोई एंट्री तक नहीं है। इस जांच से पता लगता है कि 10 करोड़ के ऊपर जिस भी रकम का अब तक कुछ पता नहीं चला है। उसे थॉमस ने अपने पास रख लिया था।
पंजाब एंड महाराष्ट्र कोऑपरेटिव बैंक में हुए 6500 करोड़ रुपये के घोटाला मामले में पूर्व एमडी जॉय थॉमस को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। साथ ही, कोर्ट ने पूर्व डायरेक्टर एस सुरजीत सिंह अरोड़ा को भी 14 दिन की पुलिस कस्टडी में भेजा गया है। आपको बता दें कि गुरुवार को सुबह मुंबई की एस्प्लेनेड कोर्ट में दोनों को पेश किया गया। कोर्ट ने जॉय थॉमस को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में और सुरजीत सिंह को 22 अक्टूबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया।