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कर्नाटक से कांग्रेस नेता राममूर्ति ने थामा भाजपा का दामन
Posted Date : 22-Oct-2019 2:54:00 pm

कर्नाटक से कांग्रेस नेता राममूर्ति ने थामा भाजपा का दामन

नई दिल्ली,22 अक्टूबर । कनार्टक से कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य के एस राममूर्ति इस्तीफा देने के बाद मंगलवार भाजपा में शामिल हो गए। पार्टी के केंद्रीय कायार्लय में भाजपा महासचिव अरुण सिंह, भूपेन्द्र यादव और केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी की मौजूदगी में राममूर्ति ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। उन्होंने बीते बुधवार को राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। 
राज्यसभा में मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के सदस्यों की संख्या अब 45 रह गई है, वहीं सदन में भाजपा सहित एनडीए के सदस्यों की संख्या 106 है, जबकि राज्यसभा में पांच सीटें अभी खाली है। उच्च सदन में अन्नाद्रमुक के 11, बीजद के सात, टीआरएस के छह, वाईएसआर कांग्रेस के दो सदस्यों का भी समर्थन भाजपा को प्राप्त होता है।  ऐसे में भाजपा के लिए यह उम्मीद बढ़ गई है कि आने वाले समय में एनडीए के सदस्यों की संख्या बहमुत पार कर सकती है। इससे कई अहम बिलों पर विपक्ष का विरोध झेलने वाली एनडीए की मुश्किल काफी हद तक कम हो जाएगी। 
जून 2016 में राज्यसभा सदस्य बने थे राममूर्ति
जून 2016 में केसी राममूर्ति राज्यसभा सदस्य निर्वाचित हुए थे। तब कर्नाटक की चार राज्यसभा सीटों के लिए चुनाव हुआ थ, जिनमें से तीन कांग्रेस जबकि एक भाजपा के खाते में गई थी। कांग्रेस से ऑस्कर फर्नांडिस, जयराम रमेश और केसी राममूर्ति राज्यसभा के लिए चुने गए थे, जबकि भाजपा से निर्मला सीतारमन राज्यसभा सदस्य निर्वाचित हुई थीं।

‘हुनर हाट’ के जरिए रोजगार मुहैया कराएगी केंद्र सरकार: नकवी
Posted Date : 22-Oct-2019 2:53:41 pm

‘हुनर हाट’ के जरिए रोजगार मुहैया कराएगी केंद्र सरकार: नकवी

नई दिल्ली,22 अक्टूबर । केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि अगले 5 वर्षों में नरेंद्र मोदी सरकार हुनर हाट’के माध्यम से ‘हुनर के उस्ताद’ लाखों कारीगरों, शिल्पकारों, दस्तकारों और पारंपरिक खानसामों को रोजगार तथा रोजगार के मौके मुहैया कराएगी। 
नकवी ने यह भी कहा कि अगला हुनर हाट प्रयागराज में आगामी एक से 10 नवम्बर के बीच आयोजित किया जायेगा। प्रयागराज में आयोजित किये जा रहे देश भर के हुनर के उस्तादों के मेले में बड़ी संख्या में महिला कारीगरों सहित देश के हर कोने से 300 से अधिक दस्तकार, शिल्पकार, खानसामे भाग लेंगे। 2019-2020 के सभी ‘हुनर हाट’, ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ के थीम पर आधारित होंगे। उन्होंने कहा कि पिछले तीन वर्षों में देश के प्रसिद्ध आर्थिक केंद्रों में आयोजित एक दर्जन से ज्यादा ‘हुनर हाट’ के जरिये 2 लाख 50 हजार से ज्यादा कारीगरों, शिल्पकारों, दस्तकारों, खानसामों और उनसे जुड़े हुए लोगों को रोजगार और रोजगार के मौके मुहैया कराये गए हैं जिनमे बड़ी संख्या में महिला कारीगर भी शामिल हैं। उन्हेंने कहा कि अगले 5 वर्षों में अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय देश के विभिन्न क्षेत्रों में लगभग 100‘हुनर हाट’ का आयोजन करेगा। ये ‘हुनर हाट’ न दिल्ली, गुरुग्राम, मुंबई, बेंगलुरु, चेन्नई, कोलकाता, लखनऊ, अहमदाबाद, देहरादून, पटना, इंदौर, भोपाल, नागपुर, रायपुर, हैदराबाद, पुडुचेरी, चंडीगढ़, अमृतसर, जम्मू, शिमला, गोवा, कोच्चि, गुवाहाटी, रांची, भुवनेश्वर, अजमेर आदि में आयोजित किये जाएंगे। नकवी ने कहा कि ‘हुनर हाट’ में आने वाले दस्तकारों, शिल्पकारों का सशक्तिकरण तो हो ही रहा है साथ ही प्रत्येक दस्तकार, शिल्पकार के साथ कम से कम 40 से 50 लोग जुड़े होते हैं जिन्हें रोजगार के मौके मिलते हैं। इन सभी दस्तकारों, शिल्पकारों को अपने स्वदेशी हस्तनिर्मित उत्पादन को राष्ट्रीय-अंतरर्राष्ट्रीय मार्किट मुहैया होते हैं। 

नोबेल पुरस्कार विजेता बनर्जी से मिले मोदी
Posted Date : 22-Oct-2019 2:53:24 pm

नोबेल पुरस्कार विजेता बनर्जी से मिले मोदी

नई दिल्ली,22 अक्टूबर । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और नोबेल पुरस्कार के लिए चयनित भारतीय मूल के अमेरिकी प्रोफेसर अभिजीत बनर्जी ने मंगलवार को मुलाकात की और दोनों ने विभिन्न मुद्दों पर ‘गहन तथा अच्छी’ चर्चा की। 
बनर्जी मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में प्रोफेसर हैं और उन्हें अर्थशास्त्र के नोबेल पुरस्कार के लिए चयनित किया गया है। यह पुरस्कार उन्हें उनकी पत्नी एस्थर डुफ्लो और माइकल क्रेमर के साथ संयुक्त रूप से दिया जाएगा। इन तीनों को वैश्विक स्तर पर गरीबी से लडऩे संबंधी शोध कार्यों के लिये 2019 के अर्थशास्त्र के नोबेल पुरस्कार के लिए चुना गया है। मोदी ने अपने आधिकारिक आवास में बनर्जी के साथ मुलाकात के बाद ट्वीट किया कि नोबेल पुरस्कार के लिए चयनित अभिजीत बनर्जी के साथ शानदार मुलाकात। मानव सशक्तिकरण के प्रति उनका जुनून स्पष्ट रूप से दिखाई देता है। विभिन्न विषयों पर हमारे बीच अच्छी और गहन चर्चा हुई। भारत को उनकी उपलब्धियों पर गर्व है। भविष्य के लिए मेरी शुभकामनाएं। मोदी ने बनर्जी के साथ अपनी मुलाकात की एक तस्वीर भी साझा की। उल्लेखनीय है कि केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने इस महीने की शुरुआत में एक संवाददाता सम्मेलन में बनर्जी को बधाई देते हुए उन्हें ‘वाम की ओर झुकाव वाला’ बताया था। गोयल ने कहा था कि बनर्जी ने न्यूनतम आय योजना का सुझाव दिया था जिसे भारत की जनता ने नकार दिया था और ‘उनकी सोच को स्वीकार करने’ की आवश्यकता नहीं है।

अब सरकारी कर्मचारियों को मिलेगा 7वें वेतन आयोग का फायदा
Posted Date : 22-Oct-2019 2:53:05 pm

अब सरकारी कर्मचारियों को मिलेगा 7वें वेतन आयोग का फायदा

0-केंद्र सरकार का जम्मू-कश्मीर व लद्दाख को दीवाली का तोहफा
नई दिल्ली ,22 अक्टूबर । केंद्र सरकार ने दीपावली से पहले ही जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के सरकारी कर्मचारियों को अन्य राज्यों की तरह बड़ा तोहफा दिया है। मसलन केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 370 हटने के बाद केंद्र शासित प्रदेश बने जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के सरकारी कर्मचारियों को भी 7वें केंद्रीय वेतन आयोग की सिफारिश के तहत सभी प्रकार के भत्तो का भुगतान किया जाएगा
गृह मंत्रालय के अनुसार केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने 31 अक्तूबर 2019 से अस्तित्व में आने वाले जम्मू-कश्मीर और लद्दाख संघशासित प्रदेशों के कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के तहत सभी अंगीकृत भत्ते देने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। इससे पहले जम्मू कश्मीर पुनर्गठन विधेयक पारित होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 अगस्त 2019 को राष्ट्र के नाम संदेश देते हुए उन्होंने जम्मू कश्मीर और लद्दाख के सरकारी कर्मचारियों को अन्य राज्यों के समान सातवें वेतन आयोग को लागू कर सभी वित्तीय सुविधाएं दिये जाने का आश्वासन दिया था। इसी के आधार पर गृहमंत्री अमित शाह ने जम्मू कश्मीर और लद्दाख के सभी सरकारी कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के प्रस्ताव को स्वीकृत करने के साथ ही गृह मंत्रालय ने इससे संबंधित आदेश जारी कर दिया है। बता दें कि सरकार के इस निर्णय से जम्मू कश्मीर में कार्यरत 4.5 लाख सरकारी कर्मचारियों को लाभ मिलेगा और इस निर्णय को लागू करने से 4800 करोड़ रुपये सालाना खर्च आने का अनुमान लगाया गया है। इसमें 1. चिल्ड्रेन एजूकेशन अलाउयन्स 607 करोड़ रुपये, हॉस्टल अलाउयंस 1823 रुपये, ट्रान्सपोर्ट अलाउयन्स 1200 करोड़ रुपये, लीव ट्रेवल कन्सेशन यानि एलटीसी अलाउयंस 1000 करोड़ रुपये, फिक्सड मेडिकल अलाउयन्स 108 करोड़ तथा अन्य भत्तों पर 62 करोड़ रुपये खर्च किये जाएंगे।

जापान सम्राट नारुहितो के राज्याभिषेक में कोविन्द ने की शिरकत
Posted Date : 22-Oct-2019 2:52:12 pm

जापान सम्राट नारुहितो के राज्याभिषेक में कोविन्द ने की शिरकत

नईदिल्ली,22 अक्टूबर । भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद दो देशों फिलीपींस और जापान के अपने दौरे के अंतिम चरण में सोमवार को जापान की राजधानी टोक्यो पहुंचे।
राष्ट्रपति ने मंगलवार को जापान के शाही महल में सम्राट नारुहितो के राज्याभिषेक समारोह में शिरकत की। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राज्याभिषेक समारोह के दौरान अलग से नेपाल की राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी से भेंट की। राष्ट्रपति ने विचार-विमर्श के दौरान कहा कि नेपाल के साथ निरंतर बढ़ती एवं मजबूत होती साझेदारी हमारी सरकार के लिए एक प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि यह पड़ोस में आर्थिक विकास और समृद्धि को बढ़ावा देने संबंधी भारतीय विजन के अनुरूप है। राष्ट्रपति ने कहा, ‘नेपाल के साथ अपनी विकास साझेदारी को भारत विशेष अहमियत देता है। नेपाल सरकार द्वारा तय की गई प्राथमिकताओं के अनुसार ही नेपाल के आर्थिक विकास एवं तरक्की में इस देश को आवश्यक सहयोग देने के लिए भारत प्रतिबद्ध है।’
फिर इसके बाद संध्या में, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने जापान में भारत के राजदूत संजय कुमार वर्मा द्वारा टोक्यो में आयोजित स्वागत समारोह में भारतीय समुदाय के सदस्यों को संबोधित किया।
इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा, ‘भारत व्यापक बदलाव के पथ पर अग्रसर है। हमारी अर्थव्यवस्था तेज रफ्तार के साथ विकसित हो रही है। हम नई बुनियादी ढांचागत सुविधाएं सृजित कर रहे हैं। हम डिजिटल अर्थव्यवस्था, नई प्रौद्योगिकियों, जलवायु परिवर्तन और ज्ञान समाज की रूपरेखा को विशेष स्वरूप प्रदान करने के मोर्चों पर पूरी दुनिया की अगुवाई करने के प्रयास कर रहे हैं। भारत अपनी प्रगति और समृद्धि में भाग लेने के लिए भारतीय समुदाय को अपार अवसर प्रदान करता है।’ उन्होंने कहा, ‘भारत दरअसल भारतीय समुदाय के सहयोग एवं प्रतिबद्धता की आशा रखता है, ताकि हमारे सपनों के भारत का निर्माण किया जा सके। यह एक ऐसा भारत होगा जो अपनी प्रगति एवं समृद्धि से लाखों घरों को रोशन करेगा। यही नहीं, यह एक ऐसा भारत होगा जो सभी की आवश्यकताओं का ख्याल रखेगा।’
राष्ट्रपति ने कहा, ‘जापान के साथ हमारे सांस्कृतिक संबंध अत्यंत गहरे और ऐतिहासिक हैं। हम बौद्ध धर्म से लेकर हिंदू धर्म तक तथा उससे भी परे आध्यात्मिक एवं धार्मिक जुड़ाव को साझा करते हैं। हमारे रणनीतिक, राजनीतिक, सुरक्षा और आर्थिक सहयोग नए मुकाम पर पहुंच गए हैं। जापान हमारी अर्थव्यवस्था में व्यापक बदलाव लाने में हमारे लिए एक प्रमुख साझेदार है। मुम्बई से अहमदाबाद तक हाई स्पीड रेल परियोजना में जापान की साझेदारी हमारे गहरे पारस्परिक विश्वास एवं मित्रता का एक प्रतीक है। पारस्परिक तकनीकी सहयोग बढ़ाने के लिए हमने भारत-जापान डिजिटल साझेदारी कायम की है।’
राष्ट्रपति ने सोमवार को त्सुकिजी होंगवानजी बौद्ध मंदिर का दर्शन किया और इसके साथ ही उन्होंने बोधगया से लाए गए एक पौधे का रोपण किया। राष्ट्रपति ने शिंतो  मीजी तीर्थ का भी मुआयना किया। राष्ट्रपति ने गोटेम्बा पगोडा के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ संवाद किया।

सुप्रीम कोर्ट तय करेगा, समझौता या फैसला
Posted Date : 22-Oct-2019 2:51:42 pm

सुप्रीम कोर्ट तय करेगा, समझौता या फैसला

0-अयोध्या मामला
नईदिल्ली,22 अक्टूबर । राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले में दूसरे दौर की मध्यस्थता से 70 साल पुराने विवाद का समाधान पेचीदा बन गया है। मामले में मुख्य पक्षकारों ने समाधान के बजाय फैसले पर जोर दिया है। सभी पक्षों में सहमति नहीं होने पर मध्यस्थता समिति सर्वसम्मति से समाधान नहीं कर सकता है।
दूसरे दौर की मध्यस्थता के समय को लेकर उत्सुकता बढ़ गई है क्योंकि शीर्ष अदालत द्वारा 18 अक्टूबर को सुनवाई पूरी करने की समय-सीमा तय करने के बाद इसका प्रस्ताव किया गया।
मध्यस्थता करने के इस प्रस्ताव से सुन्नी वक्फ बोर्ड के दो गुटों में दरार पैदा हो गई है क्योंकि इसके वकील ने अदालत में मामले में सुनवाई पूरी करना पसंद किया और बोर्ड में समाधान चाहने वाले पक्षकारों का विरोध किया।
इस परिस्थिति में हिंदू पक्षकार विवादित स्थल को भगवान राम की जन्मभूमि के रूप में स्थापित करने के लिए पहले ही काफी तर्क दे चुके हैं।
इसलिए माना जा रहा है कि हिंदू पक्षकार रणनीति के तहत अयोध्या विवाद में दूसरे दौर की मध्यस्थता से अलग हो गए हैं क्योंकि उनका मानना है कि बातचीत में शामिल पक्ष एक मंच पर नहीं आ सकते हैं।
हिंदू पक्ष के एक सूत्र ने कहा, हम देख सकते हैं कि वक्फ बोर्ड की राय में मतभेद है और मध्यस्थता का समर्थन करने वाले गुट को मामले में कई वर्षो से शामिल प्रमुख मुस्लिम पक्षकारों का समर्थन नहीं है। हमारा मानना है कि मध्यस्थता से समाधान के बजाय ज्यादा गड़बड़ी ही पैदा होगी। रामलला के वकीलों ने शीर्ष अदालत को साफतौर पर बता दिया कि उनको मध्यस्थता में हिस्सा लेने में दिलचस्पी नहीं है।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय के 2010 के आदेश में रामलला, निर्मोही अखाड़ा और वक्फ बोर्ड के बीच 2.77 एकड़ विवादित भूमि को बराबर हिस्से में बांटने का फैसला हुआ था। रामलला और निर्मोही अखाड़ा में हमेशा टकराव बना रहा क्योंकि कोई विवादित स्थल को लेकर अपने दावे पर समझौता नहीं करना चाहते थे।