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हम भी मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम:राजनाथ
Posted Date : 22-Oct-2019 2:51:21 pm

हम भी मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम:राजनाथ

0-पाक के परमाणु हमले की धमकी पर बोले रक्षामंत्री
नईदिल्ली,22 अक्टूबर । रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को कहा कि देश की समुद्री सीमाएं नौसेना के हाथों में पूरी तरह सुरक्षित है और उन्हें विश्वास है कि मुंबई जैसे आतंकवादी हमले की पुनरावृत्ति नहीं होने दी जाएगी।
सेना भवन में यहाँ नौसेना के शीर्ष कमांडरों के सम्मेलन को संबोधित करने के बाद सिंह ने संवाददाताओं से कहा कि कमांडरों से बातचीत के बाद वह आश्वस्त हैं कि समुद्री सीमाएं नौसेना के हाथों में सुरक्षित है। समुद्री सीमा पर चाक- चौबंद सुरक्षा व्यवस्था है और उन्हें भरोसा है कि समुद्री सीमा के जरिये मुम्बई जैसे आतंकवादी हमले को दोहराया नहीं जा सकता।
पाकिस्तान के मंत्री शेख रशीद के इस बयान पर कि अब तोप नहीं परमाणु बम चलेगा, उन्होंने कहा कि भारत कभी आक्रमक नहीं रहा है, ना किसी की एक इंच जमीन पर कब्जा किया लेकिन अगर किसी ने हमारी तरफ बुरी नजर से देखा तो हमारी सशस्त्र सेना किसी को भी मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम है।
उन्होंने कहा कि रक्षा क्षेत्र में ‘मेक इन इंडिया’ योजना को बढ़ावा दिया जा रहा है और देश को इस क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के साथ-साथ रक्षा निर्यात का गढ़ बनाने की कोशिश की जा रही है।

इकबाल मिर्ची के खास गुर्गे हुमायूं मर्चेंट को प्रवर्तन निदेशालय ने किया गिरफ्तार
Posted Date : 22-Oct-2019 2:50:46 pm

इकबाल मिर्ची के खास गुर्गे हुमायूं मर्चेंट को प्रवर्तन निदेशालय ने किया गिरफ्तार

मुंबई,22 अक्टूबर । प्रवर्तन निदेशालय की मुंबई टीम ने मंगलवार को बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया. ईडी ने अंडरवर्ल्ड डॉन इकबाल मिर्ची के खास गुर्गे हुमायूं मर्चेंट को गिरफ्तार किया है. बताया जा रहा है कि इकबाल की अवैध संपत्ति, कारोबारी रिश्ते और राजनीतिक साठगांठ से जुड़े मामलों का लेखा जोखा हुमायूं ही रखता है. कांग्रेस सरकार के दौरान मंत्री रहे एनसीपी के नेता प्रफुल्ल पटेल से जुड़े संदिग्ध प्रॉपर्टी खरीद और बिक्री मामलों में भूमिका को लेकर हुमायूं का आरोपी बनाया गया है.
ईडी के सूत्रों के अनुसार हुमायूं मुंबई के वर्ली लैंड डील मामले में प्रमुख तौर पर शामिल था. ईडी को यकीन है कि हुमायूं से पूछताछ के बाद इस मामले में अहम तथ्य सामने आ सकते हैं. जानकारों के अनुसार आने वाले समय में पूर्व मंत्री प्रफुल्ल पटेल की भी मुश्किलें बढ़ सकती है.

भारत आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति जारी रखेगा: रेड्डी
Posted Date : 21-Oct-2019 3:20:11 pm

भारत आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति जारी रखेगा: रेड्डी

नईदिल्ली,21 अक्टूबर । केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री जी. किशन रेड्डी ने कहा कि भारत आतंकवाद के खिलाफ अपनी जीरो टॉलरेंस की नीति जारी रखेगा। रेड्डी आज गुवाहाटी में असम पुलिस द्वारा आयोजित पुलिस स्मृति दिवस कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भारतीय सैन्य बल देश की आंतरिक सुरक्षा पर आने वाले सभी खतरों का मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम है। 
स्मृति परेड के दौरान अपने संबोधन में रेड्डी ने कहा कि पूरा देश पुलिस स्मृति दिवस पर हमारे पुलिस कर्मियों और उनके परिजनों को सलामी देता है और अपने कर्तव्य निर्वहन के दौरान शहीद हुए पुलिस कर्मियों को गर्व से याद करता है। असम पुलिस की उत्कृष्ट सेवाओं को रेखांकित करते हुए रेड्डी ने कहा कि कई दशकों से अलगाववाद और उग्रवाद का सामना करने के दौरान असम पुलिस ने अदम्य साहस, शक्ति और पेशेवर गुणों का परिचय दिया है। 
उग्रवाद, अलगाववाद और अपराध से लडऩे और सीमावर्ती इलाकों में सुरक्षा सुनिश्चित करने व कानून व व्यवस्था को बनाए रखने तथा बाढ़ व अन्य प्राकृतिक आपदाओं के दौरान सहायता प्रदान करने में असम पुलिस कर्मियों ने अपने जीवन की आहूति दी है। राज्य में कानून व व्यवस्था बनाए रखने के लिए 1964 से अब तक कुल 879 असम पुलिस कर्मियों ने अपने जीवन का बलिदान दिया है। 
रेड्डी ने कहा कि असम पुलिस के कारण राज्य में सुरक्षा स्थिति पूरी तरह से बदल गई है और राज्य शांति और समृद्धि के नये युग में प्रवेश कर चुका है। राज्य में निवेश के अवसरों में वृद्धि हुई है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ऐक्ट ईस्ट नीति को राज्य पूरी तरह से लागू कर रहा है। साहस, निष्ठा और समर्पण असम पुलिस की प्रमुख विशेषताएं हैं। 
मीडिया से बात करते हुए रेड्डी ने सभी अलगाववादी और उग्रवादी गुटों से हथियार डालने और मुख्यधारा में शामिल होने की अपील करते हुए कहा कि वे भी राष्ट्र की प्रगति में अपना योगदान दे सकते हैं। भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में प्रत्येक व्यक्ति को हिंसा का त्याग करना चाहिए। शांतिपूर्ण माहौल में आपसी संवाद से जरिए प्रत्येक समस्या का समाधान निकाला जा सकता है। 
केन्द्रीय मंत्री, असम के डीजीपी और अन्य वरिष्ठ अधिकारी स्मृति परेड में शामिल हुए और स्मृति स्तम्भ पर पुष्प अर्पित किए। कार्यक्रम के दौरान असम पुलिस मुख्यालय के अधिकारियों ने 01 सितंबर, 2018 से 31 अगस्त, 2019 के दौरान शहीद हुए पुलिस कर्मियों/व्यक्तियों के नाम पढ़े। 

सरकार सीमा पर बुनियादी ढांचे को सहारा देने के लिए प्रतिबद्ध:राजनाथ
Posted Date : 21-Oct-2019 3:19:57 pm

सरकार सीमा पर बुनियादी ढांचे को सहारा देने के लिए प्रतिबद्ध:राजनाथ

नईदिल्ली,21 अक्टूबर । रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक बार फिर दोहराया है कि सरकार देश में शांति को कम करने के किसी भी खतरे से प्रभावी तरीके से निपटने के लिए सीमा पर बुनियादी ढांचे को सहारा देने के लिए दृढ़ संकल्प है। राजनाथ सिंह सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण कर्नल चेवांग रिनचेन सेतु का आज उद्घाटन कर रहे थे। श्योक नदी पर सीमा सडक़ संगठन (बीआरओ) द्वारा निर्मित पुल पूर्वी लद्दाख में दुरबुक और दौलत बेग ओल्डी को जोड़ता है।
रक्षा मंत्री ने कहा, ‘वर्तमान सुरक्षा स्थिति को ध्यान में रखते हुए, अपनी सीमाओं को मजबूत बनाना समय की मांग है। सीमा क्षेत्र का विकास हमारी सरकार की योजना का एक अभिन्न अंग है और यह सेतु उस रणनीति का एक हिस्सा है।’ 
उन्होंने कहा, ‘भारत चीन के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध साझा करता है। सीमा के मुद्दे पर दोनों देशों के बीच मतभेद है, लेकिन इस मुद्दे को काफी समझदारी और जिम्मेदारी के साथ निपटाया जा रहा है। दोनों देशों ने स्थिति को और भडक़ने अथवा हाथ से निकलने की इजाजत नहीं दी है।’  
रक्षा मंत्री ने कहा, ‘कश्मीर भारत का आंतरिक और अभिन्न मसला है। यहां तक कि चीन के राष्ट्रपति षी जिनपिंग ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ महाबलीपुरम में हुई बैठक में कश्मीर का जिक्र नहीं किया। आतंक के खिलाफ कार्रवाई के संबंध में चीन का हाल का बयान भी महत्वपूर्ण है।’ 
उन्होंने कहा कि लद्दाख को एक अलग संघ शासित प्रदेश बनाने के फैसले के साथ ही सरकार ने लोगों के लंबे समय की मांग पूरी की है, जो अब क्षेत्र में विकास के नये द्वार खोलेगी। उन्होंने कहा, ‘देश के अन्य भागों की तरह, लद्दाख अब निवेश स्थल बन जाएगा। यहां अब राजस्व और स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। 
उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 को हटा देने से आतंकवाद और पृथकतावाद का खात्मा हुआ है, जिसके कारण आजादी के बाद हजारों निर्दोष लोगों की जान गई। उन्होंने कहा, इस फैसले से मानवाधिकार मजबूत होंगे और क्षेत्र में महिलाएं सशक्त होगी।
राजनाथ सिंह ने कर्नल चेवांग रिनचेन सेतु को सकारात्मक बदलाव और देश के चहुंमुखी विकास के सरकार के संकल्प का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि यह सेतु न केवल दुर्ग को दौलत बेग ओल्डी से जोड़ता है, बल्कि लद्दाख की जनता और जम्मू-कश्मीर के सभी अंदरूनी इलाकों को देश के अन्य भागों से जोड़ता है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि इस तरह की पहलों से इस क्षेत्र के लोगों को भारत के विकास की गाथा का हिस्सा बनने का अवसर मिलेगा। 
सीमा सडक़ संगठन (बीआरओ) को प्रेरणाप्रद और अनुशासनात्मक बल के रूप में शाबाशी देते हुए राजनाथ सिंह ने काफी कठिन और दुर्गम क्षेत्रों के दूरदराज वाले इलाकों में बुनियादी ढांचे का विकास करने में प्रमुख भूमिका निभाने के लिए उसकी सराहना की। उन्होंने इन इलाकों में रहने वाले लोगों की मदद करने में प्रमुख भूमिका निभाने के लिए भी बीआरओ की सराहना की। 
रक्षा मंत्री ने सम्पर्क को विकास का एक सबसे महत्वपूर्ण पहलू बताते हुए कहा कि लोगों के बीच आपस में सम्पर्क के जरिये नये रास्ते खोले जा सकते है। यह कहते हुए कि बीआरओ लद्दाख के विकास के लिए 900 करोड़ रुपये का इस्तेमाल कर रहा है, रक्षा मंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि यह क्षेत्र जल्दी ही न केवल घरेलू स्तर पर बल्कि विदेशी पर्यटकों का केन्द्र बन जाएगा। उन्होंने वित्त वर्ष 2018-19 में 1200 किलोमीटर सडक़ का निर्माण करने के लिए बीआरओ को बधाई दी। 
राजनाथ ने कर्नल चेवांग रिनचेन को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उनका साहस और शौर्य सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत है। उन्होंने कर्नल रिनचेन की पुत्री डॉ. फुनसोग आंगमो को देश सेवा में उनके पिता के योगदान के लिए सम्मानित किया। 
इस अवसर पर सेनाध्यक्ष जनरल बिपिन रावत उत्तरी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह, बीआरओ के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल हरपाल सिंह, लद्दाख के सांसद जामयांग त्सेरिंग नामग्याल और सेना, बीआरओ और रक्षा मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। 
काराकोरम और चांग चेनमो पर्वत श्रृंखलाओं के बीच स्थित कर्नल चेवांग रिनचेन सेतु 400 मीटर लंबा पुल है, जिसे माइक्रो पाइलिंग टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करते हुए करीब 15,000 ऊंट की ऊंचाई पर बनाया गया है। इसका निर्माण 15 महीने के रिकॉर्ड समय में पूरा हुआ है। 
कर्नल चेवांग रिनचेनका जन्म लद्दाख क्षेत्र में सुमूर, नूब्रा घाटी में 11 नवम्बर, 1931 को हुआ था। लेह और परतापुर क्षेत्र की रक्षा करने के लिए उनके अदम्य साहस के कारण उन्हें ‘लद्दाख के शेर’ के नाम से जाना जाता था। वह सशस्त्र सेनाओं के उन छह जवानों में से एक है, जिन्हें दूसरा सर्वोच्च भारतीय शौर्य पुरस्कार, महावीर चक्र दो बार प्रदान किया गया। 

भारत-अमरीका व्यापार वार्ता सही दिशा में:गोयल
Posted Date : 21-Oct-2019 3:19:40 pm

भारत-अमरीका व्यापार वार्ता सही दिशा में:गोयल

नईदिल्ली,21 अक्टूबर । केन्द्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि भारत और अमरीका के आपसी संबंध सबसे बेहतरीन दौर में है और अब दोनों के बीच व्यापारिक संबंध बढ़ाने की भी अच्छी संभावनाएं बन रही है। गोयल आज नई दिल्ली में अमरीका-भारत रणनीतिक साझेदारी मंच (यूएसआईएसपीएफ) के दूसरे वार्षिक इंडिया लीडरशिप सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।
भारत और अमरीका के बीच व्यापार वार्ता का जिक्र करते हुए वाणिज्य और उद्योग मंत्री ने कहा कि यह सही दिशा में आग बढ़ रही है। भारत अमरीका से प्रौद्योगिकी नवाचार, कौशल और गुणवत्तायुक्त शिक्षा के क्षेत्र में सहयोग की अपेक्षा रखता है और बदले में अमरीकी कारोबारियों और अमरीकी कंपनियों के देश में एक आकर्षक बाजार और कुशल श्रम-बल उपलब्ध कराने के लिए तैयार है। 
गोयल ने यूएसआईएसपीएफ को बताया कि वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय भारत में निवेश के इच्छुक लोगों के लिए एकल खिडक़ी व्यवस्था शुरू करने जा रहा है। उन्होंने इसके लिए नये विचार और सुझाव आमंत्रित किये। केन्द्रीय मंत्री ने सम्मेलन में उपस्थित लोगों को बताया कि उनका मंत्रालय भारत में विनिर्माण इकाई लगाने वाले कंपनियों के लिए लॉजिस्टिक सेवाओं की लागत कम करने के उपाय भी खोजे जा रहे हैं। 
यूएसआईएसपीएफ के मुताबिक 2025 भारत और अमरीका के बीच द्विपक्षीय व्यापार 238 अरब डॉलर तक पहुंच जाने का अनुमान है। यह वर्तमान रूझानों को उजागर करते हुए द्पिक्षीय संबंधों में विकास और आर्थिक अवसरों के नये रास्तों को रेखांकित करता है। रक्षा, व्यापार, वाणिज्यिक विमान सेवायें, तेल और कोयला, मशीनरी और इलेक्टॉनिक जैसे क्षेत्रों में भारत ने अमरीकी निवेश के लिए प्रचुर संभावनाएं है, जबकि भारत के लिए अमरीकी बाजार में मोटर-वाहन, फार्मा, समुद्री उत्पाद, सूचना प्रौद्योगिकी तथा यात्रा सेवाओं को बढ़ावा देने के मौके हैं।  

वाणिज्य और उद्योग मंत्री स्वीडन की दो दिन की यात्रा करेंगे
Posted Date : 21-Oct-2019 3:19:26 pm

वाणिज्य और उद्योग मंत्री स्वीडन की दो दिन की यात्रा करेंगे

नईदिल्ली,21 अक्टूबर । वाणिज्य और उद्योग तथा रेल मंत्री पीयूष गोयल 23 अक्टूबर को स्टॉकहोम में भारत-स्वीडन आर्थिक, औद्योगिक और वैज्ञानिक सहयोग संयुक्त आयोग के 19वें सत्र में हिस्सा लेंगे। स्वीडन की विदेश व्यापार मंत्री सुअन्ना हॉलबर्ग और पीयूष गोयल सत्र की सह-अध्यक्षता करेंगे।  
स्वीडन का भारत में निवेश का लंबा इतिहास है। अक्टूबर, 2017 के आंकड़ों के अनुसार भारत में 170 से अधिक स्वीडन के संयुक्त उपक्रम और उसके स्वामित्व की सहायक इकाइयां काम कर रही हैं। स्वीडन भारत में 20वां सबसे बड़ा विदेशी निवेशक है और जनवरी, 2003 से जनवरी, 2017 के बीच उसने 8.51 अरब अमेरिकी डॉलर का भारत में निवेश किया है। भारत में काम करने वाली स्वीडन की बहुराष्ट्रीय कंपनियां अब निर्माण के अलावा सूचना प्रौद्योगिकी तथा अनुसंधान और विकास में भी हिस्सा ले रही हैं। भारत में स्वीडन सबसे अधिक निवेश ऑटोमोबाइल (362.20 मिलियन डॉलर), औद्योगिकी मशीनरी (162.09 मिलियन अमेरिकी डॉलर) तथा इंजीनियरिंग उद्योगों (115.67 मिलियन अमेरिकी डॉलर) में कर रहा है।
पिछले दशक के दौरान स्वीडन में भारत का निवेश भी बढ़ा है। इस समय वहां 70 से अधिक भारतीय कंपनियां काम कर रही हैं, जिनमें सूचना प्रौद्योगिकी सहित डॉ. रेड्डीज, बायोकॉन, कैमवेल और कैडिला फार्मा जैसी कंपनियां शामिल हैं। भारत स्वीडन को परिधान, धागा, कपड़ा, धातु, वाहन, सामान्य औद्योगिक मशीनरी और उपकरणों का निर्यात करता है। स्वीडन से भारत कागज, वाहन, गत्ते, लोहा उत्पाद, बिजली पैदा करने वाली मशीनें, उपकरण और अन्य औद्योगिक मशीनरी का आयात करता है।