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तिहाड़ में बंद शिवकुमार से मिलने पहुंचीं सोनिया
Posted Date : 23-Oct-2019 3:41:45 pm

तिहाड़ में बंद शिवकुमार से मिलने पहुंचीं सोनिया

0-मनी लॉन्ड्रिंग केस 
नईदिल्ली,23 अक्टूबर । मनी लॉन्ड्रिंग केस में तिहाड़ जेल में बंद कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार से मिलने बुधवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पहुंचीं। सोनिया गांधी के साथ कांग्रेस के कई और नेता भी उनके साथ मौजूद थे। सोनिया गांधी ने तिहाड़ में डीके शिवकुमार की सेहत से जुड़ी जानकारी ली और उनसे कुछ देर बात की। गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही कांग्रेस नेता अहमद पटेल और आनंद शर्मा भी डीके शिवकुमार से मिलने तिहाड़ पहुंचे थे।
कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक सोनिया सुबह करीब नौ बजे तिहाड़ पहुंचीं। एक सूत्र ने बताया कि सोनिया कर्नाटक के वरिष्ठ कांग्रेस नेता शिवकुमार की खैरियत जानने के साथ साथ उनके प्रति एकजुटता प्रकट करने जेल पहुंचीं।
गौरतलब है कि मनी लांड्रिंग मामले के आरोप में गिरफ्तार शिवकुमार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कुछ हफ्ते पहले गिरफ्तार किया था और वह फिलहाल तिहाड़ जेल में बंद हैं। सोनिया ने आईएनएक्स मीडिया मामले में गिरफ्तार कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम से भी तिहाड़ पहुंचकर मुलाकात की थी।
वहीं डी के शिवकुमार की जमानत याचिका पर बुधवार को अपना फैसला सुना सकता है। न्यायमूर्ति सुरेश कैत ने उनकी जमानत याचिका पर 17 अक्तूबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिखा था। याचिका में दावा किया गया है कि यह मामला राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता का परिणाम था और उनके खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं हैं।
ईडी ने उनकी जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि वह प्रभावशाली व्यक्ति हैं और अगर उन्हें रिहा किया गया तो वह सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर सकते हैं और गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं।

मूसा के बाद मुखिया बने हामिद लोन को किया ढेर
Posted Date : 23-Oct-2019 3:41:12 pm

मूसा के बाद मुखिया बने हामिद लोन को किया ढेर

0-सेना को मिली बड़ी कामयाबी
पुलवामा,23 अक्टूबर । जम्मू-कश्मीर में आतंकियों के नापाक मंसूबों को कुचलने के लिए भारतीय सेना आतंक के आकाओं का चुन-चुनकर सफाया कर रही है। जाकिर मूसा के मारे जाने के बाद अल कायदा से जुड़े संगठन अंसार गजवत उल हिंद की कमान संभालने वाले आतंकी हामिद ललहारी (लोन) को भी अब सेना ने मौत के घाट उतार दिया है। दरअसल, ऑपरेशन ऑलआउट के तहत सेना की रणनीति है कि आतंकी कमांडर चुने जाने या चर्चा में आते ही जल्द से जल्द टॉप आतंकियों को खत्म कर दिया जाए। इसका असर भी दिख रहा है और आतंकी संगठनों के हौसले पस्त हुए हैं। मेसेज साफ है- फन उठाने से पहले ही आतंक का सफाया।
सुरक्षा बलों को पुलवामा जिले के अवंतीपोरा इलाके के राजपोरा गांव में एक मकान में आतंकियों के छिपे होने की सूचना मिली। इस सूचना के आधार पर सुरक्षा बलों ने पूरे इलाके की घेराबंदी कर घर-घर तलाशी अभियान शुरू कर दिया। घेरा सख्त होता देख इलाके में छिपे आतंकियों ने सुरक्षा बलों पर फायरिंग शुरू कर दी। सुरक्षा बलों ने इन्हें समर्पण करने के लिए कहा, लेकिन वे नहीं माने और सुरक्षा बलों पर लगातार फायरिंग करते रहे। इसके बाद जवाबी कार्रवाई से मुठभेड़ शुरू हो गई। रात लगभग आठ बजे तक चली मुठभेड़ में तीन आतंकियों को मारने में सफलता मिली। 
इससे पहले 16 अक्तूबर को अनंतनाग के बिजबिहाड़ा में सुरक्षा बलों ने लश्कर-ए-ताइबा के तीन स्थानीय आतंकियों को ढेर किया था। छह घंटे से अधिक समय तक चली इस मुठभेड़ में मारे गए तीनों आतंकी हाल ही में आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन छोडक़र लश्कर-ए-ताइबा में शामिल हुए थे। तीनों पिछले करीब दो वर्षों से इलाके में सक्रिय थे।
सुरक्षा बलों ने एक सप्ताह में छह आतंकियों का काम तमाम कर दिया। दोनों ही मुठभेड़ की घटनाएं दक्षिणी कश्मीर में हुईं। इनमें लश्कर और जैश के तीन-तीन आतंकी मारे गए। अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद पांच अगस्त से मोबाइल फोन सेवा बंद होने के कारण आतंकरोधी अभियानों की गति धीमी हो गई थी। दरअसल संचार संपर्क न होने से सुरक्षाबलों को आतंकियों के मूवमेंट की जानकारी नहीं हो पा रही थी।  

कोल्हापुर में एक ही घर से मिले 69 देसी बम, दो आरोपी गिरफ्तार
Posted Date : 23-Oct-2019 3:40:47 pm

कोल्हापुर में एक ही घर से मिले 69 देसी बम, दो आरोपी गिरफ्तार

मुंबई,23 अक्टूबर । महाराष्ट्र के कोल्हापुर इलाके में क्राइम ब्रांच की टीम ने एक घर में दबिश देकर 69 देसी बम बरामद किए हैं. इसके साथ ही दो आरोपियों को भी गिरफ्तार किया गया है. बताया जा रहा है कि इनके पास से भारी मात्रा में सल्फर और पोटेशियम पाउडर भी बरामद किया गया है. गौरतलब है कि शुक्रवार को कोल्हापुर के उजलाईवाड़ी ब्रिज के नीचे एक धमाका हुआ था जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई थी. इसके बाद से ही क्राइम ब्रांच ने सर्च ऑपरेशन चलाया हुआ था.
क्राइम ब्रांच की अलग-अलग टीमें बनाई गई थीं और वह मामले की जांच कर रही थीं. इस दौरान पुलिस को सूचना मिली कि कुछ संदिग्ध लोग एक घर में छिपे हैं और कई दिनों से उनके यहां पर कैमिकल्स की बड़ी खेप आ रही है. जिसके बाद पुलिस ने वहां पर दबिश दी तो उनके पास से 69 देसी बम बरामद किए गए. इसके साथ ही वहां से बम बनाने की कई किताबें और अन्य संदिग्ध वस्तुएं बरामद की गई हैं.

जमानत मिलने के बाद भी जेल में रहेंगे चिदंबरम
Posted Date : 22-Oct-2019 2:54:54 pm

जमानत मिलने के बाद भी जेल में रहेंगे चिदंबरम

0-आईएनएक्स मीडिया मामला
नई दिल्ली,22 अक्टूबर । उच्चतम न्यायालय ने आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम को मंगलवार को जमानत दे दी। सीबीआई की ओर से दर्ज इस मामले में गिरफ्तार किए जाने के दो महीने बाद चिदंबरम को यह राहत मिली है लेकिन उन्हें अभी जेल में ही रहना होगा क्योंकि प्रवर्तन निदेशालय ने एक अन्य मामले में पहले ही उन्हें गिरफ्तार किया है। 
न्यायमूर्ति आर भानुमति, न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय की तीन सदस्यीय खंडपीठ ने चिदंबरम को जमानत प्रदान करते हुये दिल्ली उच्च न्यायालय का 30 सितंबर का फैसला निरस्त कर दिया। उच्च न्यायालय ने भ्रष्टाचार के इस मामले में चिदंबरम की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। शीर्ष अदालत ने अपने फैसले में कहा कि विशेष अदालत में एक लाख रूपए का निजी मुचलका और इतनी ही राशि के दो जमानती देने पर चिदंबरम को रिहा कर दिया जाये। न्यायालय ने सीबीआई की इस दलील को दरकिनार कर दिया कि 74 वर्षीय चिदंबरम ने इस मामले में दो प्रमुख गवाहों को प्रभावित करने का प्रयास किया था। पीठ ने कहा कि जांच ब्यूरो के अनुसार चिदंबरम ने गवाहों को प्रभावित किया और आगे भी प्रभावित किये जाने की संभावना पूर्व वित्त मंत्री को जमानत से इंकार करने का आधार नहीं हो सकता जबकि निचली अदालत में उनकी हिरासत के लिये दाखिल छह आवेदनों में कहीं भी इस तरह की सुगबुगाहट तक नहीं है। पीठ ने चिदंबरम को कुछ शर्तो के साथ जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है। इसमें उन्हें एक लाख रूपए का मुचलका और इतनी ही राशि के दो जमानती देने के साथ ही अपना पासपोर्ट विशेष अदालत में जमा करना होगा। पीठ ने कहा कि वह विशेष अदालत की अनुमति के बगैर देश से बाहर नहीं जायेंगे। इसके अलावा वह उन आदेशों के दायरे में भी होंगे जो विशेष अदालत समय समय पर देगी। पीठ ने कहा कि यह स्पष्ट किया जाता है कि इस फैसले के निष्कर्षो को सीबीआई के मामले में सिर्फ नियमित जमानत देने पर विचार के दौरान व्यक्त विचार माना जायेगा ओर इसका किसी भी अन्य कार्यवाही से कोई संबंध नहीं होगा। शीर्ष अदालत ने सीबीआई की वह याचिका खारिज कर दी जिसमें उच्च न्यायालय के इस निष्कर्ष को चुनौती दी गयी थी जिसमें कहा गया था कि चिदंबरम के भागने का खतरा और साक्ष्यों से छेड़छाड़ की भी संभावना नहीं है। 

यूपी सरकार को सुप्रीम कोर्ट की फिर फटकार
Posted Date : 22-Oct-2019 2:54:29 pm

यूपी सरकार को सुप्रीम कोर्ट की फिर फटकार

नई दिल्ली। यूपी के बुलंदशहर स्थित श्रीमंगला बेला भवानी मंदिर मामले में मंगलवार को उच्चतम न्यायालय ने सुनवाई की। अदालत ने उत्तर प्रदेश सरकार को कड़ी फटकार लगाई। सुनवाई के दौरान अदालत ने यूपी सरकार से कहा कि ये अराजकता है। क्या उत्तर प्रदेश में प्रशासनिक आदेश के तहत कुछ भी कर सकते हैं।
अदालत ने पूछा कि राज्य में मंदिरों और धार्मिक संस्थाओं को नियंत्रित करने के लिए कोई कानून क्यों नहीं है? अदालत ने कहा कि यूपी सरकार इस संबंध में कानून बनाने पर विचार करे, जिसके तहत सरकार गलत प्रबंधन के आरोपों पर मंदिर व धार्मिक संस्था का मैनेजमेंट अपने अधिकार क्षेत्र में ले सके। अदालत ने सरकार से कहा कि मंदिरों और धार्मिक संस्थानों के नियमन के लिए केंद्र सरकार का भी कानून है साथ ही कई राज्यों में भी कानून है। जब आपके राज्य में कानून नही है तो आपने केंद्र सरकार के कानून को नहीं अपनाया? अदालत ने यूपी सरकार को छह हफ्ते के अंदर यह सूचित करने के लिए कहा है कि वह कानून बना रहे हैं या नहीं। शीर्ष अदालत ने कहा कि यह मामला केवल मंदिर का नहीं, बल्कि लोगों से जुड़ा मसला है। हमें लोगों से मतलब है।
यूपी में है जंगलराज
इससे पहले उच्चतम न्यायालय ने गुरुवार को कहा था कि हम उत्तर प्रदेश सरकार से तंग आ चुके हैं। ऐसा लगता है यूपी में जंगलराज है। आखिर ऐसा क्यों होता है कि अधिकतर मामलों में यूपी सरकार की ओर से पेश वकीलों के पास संबंधित अथॉरिटी का कोई उचित निर्देश नहीं होता। बुलंदशहर के सैकड़ों वर्ष पुराने एक मंदिर से जुड़े प्रबंधन के मामले की सुनवाई के दौरान पीठ ने यह टिप्पणी की थी। जस्टिस एनवी रमना की अध्यक्षता वाली पीठ ने यूपी सरकार की ओर से पेश एडिशनल एडवोकेट जनरल से पूछा गया था कि क्या यूपी में कोई ट्रस्ट या सहायतार्थ ट्रस्ट एक्ट है? क्या वहां मंदिर व सहायतार्थ चंदे को लेकर कोई कानून है? यूपी सरकार के वकील ने कहा कि इस बात की उन्हें कोई जानकारी नहीं है। इस पर नाराज होकर पीठ ने कहा था, ऐसा लगता है कि राज्य सरकार चाहती ही नहीं कि वहां कानून हो। पीठ ने कहा, लगता है वहां जंगलराज है। हम यूपी सरकार से परेशान हो गए हैं। हर दिन ऐसा देखने को मिलता है कि सरकार की ओर से पेश वकीलों के पास उचित निर्देश नहीं होते हैं। फिर चाहें वह दीवानी मामला हो या आपराधिक। पीठ ने पूछा कि आखिर ऐसा क्यों हो रहा है।

करतारपुर कॉरिडोर पर भारत-पाक के बीच करार टला
Posted Date : 22-Oct-2019 2:54:11 pm

करतारपुर कॉरिडोर पर भारत-पाक के बीच करार टला

नई दिल्ली,22 अक्टूबर । करतारपुर कॉरिडोर को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच होने वाला समझौता फिलहाल टलता नजर आ रहा है। भारत और पाक दोनों ने बुधवार को समझौते पर हस्ताक्षर होने की घोषणा की थी, लेकिन अब सूत्रों के हवाले से खबर है कि 23 अक्तूबर को दोनों देशों के बीच होने वाला समझौता टल गया है। 
इससे पहले विदेश मंत्रालय ने सोमवार को बताया था कि करतारपुर कॉरिडोर जाने वाले श्रद्धालुओं को पाकिस्तान द्वारा वीजा फ्री एक्सेस देने के लिए 23 अक्तूबर को समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए केंद्र सरकार तैयार है। 12 नवंबर को करतारपुर कॉरिडोर शुरू करने की योजना है। भारत सरकार ने पाकिस्तान से एक बार फिर प्रति दर्शनार्थी 20 डॉलर (लगभग 1400 रुपये) का शुल्क हटाने की मांग की है। गौरतलब है कि भारत-पाकिस्तान अधिकारियों के बीच करतारपुर कॉरिडोर को लेकर तीन बैठकें हो चुकी हैं। अंतिम बैठक में पाकिस्तान ने प्रति श्रद्धालु 20 डॉलर फीस की शर्त रखी थी। भारतीय अधिकारियों ने इस शर्त का तुरंत विरोध किया था।  भारत का तर्क था कि करतारपुर कॉरिडोर सिख धर्म के संस्थापक श्री गुरु नानक देव जी द्वारा स्थापित गुरुद्वारा श्री करतारपुर साहिब के दर्शनों के लिए बनाया गया है। विश्व के किसी भी देश में धार्मिक कॉरिडोर पर एंट्री फीस वसूलने की प्रथा नहीं है, लेकिन पाकिस्तान ने भारत के इस प्रस्ताव को मानने से इंकार कर दिया था।