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दर्दनाक हादसा: खाना बनाने के दौरान गैस सिलेंडर में लीकेज से लगी भीषण आग, मां और तीन बच्चे जिंदा जले
Posted Date : 01-May-2024 10:39:29 pm

दर्दनाक हादसा: खाना बनाने के दौरान गैस सिलेंडर में लीकेज से लगी भीषण आग, मां और तीन बच्चे जिंदा जले

किशनगंज । बिहार के किशनगंज जिले के पौआखाली में खाना बनाने के दौरान रसोई गैस सिलेंडर में लीकेज के कारण आग लगने से एक महिला और उनके तीन बच्चों की मौत हो गई। इस घटना में दो लोग बुरी तरह झुलस गए, जिनका इलाज चल रहा है। पुलिस के मुताबिक, मंगलवार की रात पौआखाली नगर पंचायत अंतर्गत नानकार गांव में मोहम्मद अंसार के घर में खाना बनाने के दौरान रसोई गैस सिलेंडर में लीकेज के कारण किसी तरह आग लग गई।
इस घटना में घर के सभी छह सदस्य बुरी तरह झुलस गए। आनन फानन में सभी को इलाज के लिए स्थानीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां से इन्हें सदर अस्पताल भेज दिया गया। इसके बाद बेहतर इलाज के लिए इन सभी को पूर्णिया रेफर कर दिया गया।
बताया जाता है कि इलाज के क्रम में एक महिला और उसकी दो बेटियों और एक पुत्र की मौत हो गई। मृतकों की पहचान मोहम्मद अंसार की पत्नी साहिबा (30), उनकी पुत्री अनीशा (8) और आरुषि (4) तथा पुत्र अनीस (5 ) के रूप में हुई है। इस घटना में घायल दो अन्य लोगों का इलाज पूर्णिया के एक निजी अस्पताल में चल रहा है। पुलिस पूरे मामले की छानबीन कर रही है। घटना के बाद से गांव में मातम पसरा है।

 

भुवनेश्वर से दिल्ली जा रहे विस्तारा विमान का टूटा शीशा, 169 यात्रियों की अटकी सांसें
Posted Date : 01-May-2024 10:39:13 pm

भुवनेश्वर से दिल्ली जा रहे विस्तारा विमान का टूटा शीशा, 169 यात्रियों की अटकी सांसें

नई दिल्ली । भुवनेश्वर से दिल्ली के लिए रवाना हुए विस्तारा विमान में बैठे यात्रियों की सांसे उस समय अटक गई जब विमान की विंड सील का शीशा टूट गया। जिसके बाद विमान की भुवनेश्वर के बीजू पटनायक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर आपात लैंडिंग कराई गई। गनीमत रही कि किसी प्रकार की कोई अनहोनी नहीं हुई और विमान के सुरक्षित लैंडिंग के साथ ही उसमें सवार यात्री सुरक्षित उतर गए।
उड़ान भरने के 10 मिनट बाद करानी पड़ी लैंडिंग
जानकारी के अनुसार, विस्तारा का विमान भुवनेश्वर से दिल्ली जा रहा था। आकाश में उड़ान भरने के बाद अचानक ओलावृष्टि शुरू हो गई। ओलावृष्टि के कारण विंड सील क्रेक हो गया। ऐसे में उड़ान भरने के 10 मिनट के अंदर ही विमान को आनन-फानन में भुवनेश्वर एयरपोर्ट पर लैंडिंग करानी पड़ी। विमान में 169 यात्रियों के साथ आठ क्रु सदस्य थे। सभी यात्री स्वस्थ्य एवं सुरक्षित हैं। यात्रियों के लिए विस्तारा की तरफ से अन्य दो विमान की व्यवस्था की गई, जिससे वह दोबारा दिल्ली रवाना हुए।

 

कानून से ऊपर नहीं ईडी, आम लोगों के खिलाफ नहीं कर सकता सख्त कार्रवाई’; जांच एजेंसी पर कोर्ट की सख्त टिप्पणी
Posted Date : 01-May-2024 10:38:55 pm

कानून से ऊपर नहीं ईडी, आम लोगों के खिलाफ नहीं कर सकता सख्त कार्रवाई’; जांच एजेंसी पर कोर्ट की सख्त टिप्पणी

नई दिल्ली । नौकरी के बदले जमीन से जुड़े मनी लांड्रिंग मामले में आरोपित व पूर्व रेल मंत्री लालू यादव के करीबी व्यवसायी अमित कत्याल का इलाज कर रहे निजी डॉक्टरों के बयान दर्ज करने के लिए कड़े धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए)-2002 का इस्तेमाल करने के लिए राउज एवेन्यू कोर्ट की विशेष अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की खिंचाई की है।
ईडी की प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए अदालत ने कहा कि ईडी कानून से बंधा है और आम नागरिकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं कर सकता है। विशेष न्यायाधीश (पीसी एक्ट) विशाल गोगने ने कहा कि मजबूत नेता, कानून और एजेंसियां आम तौर पर उन्हीं नागरिकों को परेशान करती हैं, जिनकी रक्षा करने का वे कसम खाती हैं। हालांकि, अदालत ने कत्याल की अंतरिम जमानत को बढ़ाने से इनकार कर दिया। कल्याल को पांच फरवरी को चिकित्सा आधार पर अंतरिम जमानत मिली थी।
लोकतंत्र में नागरिकों के पास अधिकार
अदालत ने नोट किया कि कत्याल ठीक होने की राह पर हैं और जेल परिसर के भीतर निर्धारित जीवन शैली का पालन कर सकते हैं। विशेष न्यायाधीश (पीसी एक्ट) विशाल गोगने ने कहा कि भारत जैसे लोकतंत्र में नागरिकों के पास अधिकार तो राज्य के पास कुछ कर्तव्य हैं और इस मौलिक संबंध को एक सत्तावादी तर्क को लागू करने के लिए बदला नहीं जा सकता है। अदालत ने कहा कानून और अदालतों के प्रति जवाबदेह एजेंसी के रूप में ईडी अपने अधिकार अपने पास नहीं रख सकती। अदालत ने उक्त टिप्पणी कत्याल की तरफ से पेश किए गए तर्क को स्वीकार करते हुए दिया। कत्याल की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता विकास पाहवा ने पीएमएलए की धारा-50 के तहत मेदांता व अपोलो अस्पताल के उन निजी डाक्टरों के बयान दर्ज करने पर कड़ी आपत्ति दर्ज कराई थी, जिनसे उनका मुवक्किल परामर्श ले रहा था।
आरोपित का इलाज मेदांता अस्पताल में
उन्होंने तर्क दिया था कि यह न केवल धारा-50 पीएमएलए के तहत अनुमेय कार्रवाई का उल्लंघन है, बल्कि चिकित्सा उपचार की गोपनीयता व आरोपित के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है। उन्होंने यह भी तर्क दिया कि ईडी द्वारा चिकित्सकों पर कड़े कानून के उपयोग के कारण अपोलो अस्पताल के डॉक्टरों ने आरोपित का इलाज करने में आनाकानी की और आखिरकार आरोपित का इलाज मेदांता अस्पताल में किया गया। पाहवा के तर्क को स्वीकार करते हुए अदालत ने कहा कि व्याख्या के किसी भी दायरे में धारा-50 के उस विस्तारित दायरे पर विचार नहीं किया जा सकता है, जिसमें डाक्टरों सहित नागरिकों के बयान दर्ज करना शामिल है। अदालत ने कहा कि आरोपित के साथ डाक्टरों की सांठगांठ के रत्ती भर भी आरोप के बगैर ईडी के लिए एक सामान्य नागरिक को धारा -50 की कड़ी प्रक्रिया के अधीन करने का कोई औचित्य नहीं है।
अदालत ने कहा कि यह किसी भी निजी नागरिक या डॉक्टर के लिए चौंकाने वाली बात है, जोकि अधिकतर विभिन्न मुकदमों में अदालतों की सहायता के लिए हैं। अदालत ने कहा कि सख्त कानूनों के इच्छित उद्देश्य की इस तरह की अनदेखी से जांच एजेंसियों द्वारा बचा जाना चाहिए और अदालतों द्वारा सचेत रूप से निगरानी की जानी चाहिए। अदालत को यह दिलचस्प लगा है कि ईडी ने धारा-50 के तहत सरकारी अस्पतालों के उन डॉक्टरों से पूछताछ करने से बचने की कोशिश की, जिनसे कत्याल के बीमारी पर राय ली गई थी। व्यवसायी अमित कात्याल अंतरिम जमानत की अवधि बढ़ाने की मांग को लेकर याचिका दायर की थी। कात्याल पर रेलवे नौकरियों के लिए जमीन घोटाले के सिलसिले में पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव के परिवार के सदस्यों के साथ लेनदेन करने का आरोप है। नौ अप्रैल को गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में उनकी सर्जरी हुई थी।

 

सलमान खान फायरिंग केस: पुलिस हिरासत में आरोपी ने की आत्महत्या, चादर से फंदे लगाया
Posted Date : 01-May-2024 10:38:31 pm

सलमान खान फायरिंग केस: पुलिस हिरासत में आरोपी ने की आत्महत्या, चादर से फंदे लगाया

मुंबई । अभिनेता सलमान खान के घर पर हुई फायरिंग के मामले में बड़ी खबर सामने आई है। खबर यह है कि इस वारदात में आरोपियों को हथियार सप्लाई करने के आरोपी अनुज थापन ने मुंबई पुलिस की कस्टडी में आत्महत्या कर ली। उसने चादर से फंदा लगा लिया। अनुज को बेहद गंभीर हालत में अस्पताल लाया गया था, जहां डॉक्टर्स ने उसे मृत घोषित कर दिया। मुंबई क्राइम ब्रांच ने फायरिंग केस में 25 अप्रैल को अनुज (32) और सुभाष चंदर (37) को पंजाब से हिरासत में लिया था। अनुज लॉरेंस बिश्नोई गैंग के संपर्क में था। वो ट्रक हेल्पर के तौर पर काम करता है। मुंबई की क्राइम ब्रांच ने सूरत की तापी नदी से एक पिस्टल और कुछ जिंदा कारतूस बरामद किए थे। ब्रांच का दावा है कि ये वही हथियार थे, जिसका इस्तेमाल 14 अप्रैल को सलमान खान के घर पर हुई फायरिंग के लिए किया गया। पुलिस के मुताबिक इन हथियारों की सप्लाई अनुज और सुभाष ने की थी। सूत्रों से जानकारी मिली है कि सलमान खान के आवास के बाहर गोलीबारी के सिलसिले में महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) के आरोपों का सामना कर रहे चार आरोपियों में एक ने मामले में सरकारी गवाह बनने की इच्छा जताई थी। हाालांकि पुलिस ने उस आरोपी के नाम का खुलासा नहीं किया था कि वह कौन है।

 

गाजा में फिलीस्तीनियों की मौत का आंकड़ा बढक़र 34,535 हुआ
Posted Date : 01-May-2024 10:37:52 pm

गाजा में फिलीस्तीनियों की मौत का आंकड़ा बढक़र 34,535 हुआ

गाजा  । हमास द्वारा संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि गाजा पट्टी में हो रहे इजरायली हमलों में मरने वाले फिलिस्तीनियों की संख्या बढक़र 34,535 हो गई है। बीते 24 घंटों के दौरान इजरायली सेना ने 47 फिलिस्तीनियों को मार डाला और 61 अन्य घायल हुए हैं।
इजरायल-हमास युद्ध शुरू होने के बाद से मरने वालों की कुल संख्या 34,535 हो गई और घायलों की संख्या 77,704 है। जारी एक बयान के अनुसार, भारी बमबारी और बचाव दल की कमी के बीच कुछ पीडि़त मलबे में दबे हुए मिले।
इजरायली पब्लिक रेडियो के अनुसार, इजरायली सेना ने गाजा में सुरंग प्रवेश द्वार और एक मिसाइल लॉन्च प्लेटफॉर्म सहित 24 लक्ष्यों पर हमला करने की सूचना दी। गाजा में नागरिक सुरक्षा महानिदेशालय ने अनुमान लगाया कि गाजा पट्टी में ध्वस्त इमारतों के मलबे के नीचे कुल मिलाकर 10 हजार से ज्यादा लोग अभी भी लापता हैं।

 

कोविशील्ड बनाने वाली कंपनी एस्ट्राजेनेका ने पहली बार माना, वैक्सीन से जम सकता है खून का थक्का
Posted Date : 30-Apr-2024 10:43:48 pm

कोविशील्ड बनाने वाली कंपनी एस्ट्राजेनेका ने पहली बार माना, वैक्सीन से जम सकता है खून का थक्का

नई दिल्ली ।  कोरोना महामारी को पुरी दुनिया ने झेला था। इस बीमारी से बचाव के लिए बड़े स्तर पर टीकाकरण हुआ था। अरबों लोगोंं को कोविड वैक्सीन लग भी चुकी है। इस बीच वैक्सीन के दुष्प्रभाव की बात भी अब सामने आ गई है। यूके की प्रसिद्ध फार्मास्युटिकल कंपनी एस्ट्राजेनेका ने ब्रिटेन की अदालत में पहली बार स्वीकार किया है कि उसकी कोविड-19 की वैक्सीन से लोगों को टीटीएस जैसे साइड इफेक्ट भी हो सकते हैं। कंपनी ने माना है कि उसकी कोविड-19 वैक्सीन में थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम (टीटीएस) के साथ थ्रोम्बोसिस नामक एक दुर्लभ साइड इफेक्ट पैदा करने की क्षमता है। आपको बता दें कि थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम के कारण शरीर में खून के थक्के जम सकते हैं जो आगे चलकर स्ट्रोक या कार्डियक अरेस्ट जैसी घटनाओं का कारण बनते हैं।
बीते साल जेमी स्कॉट नामक व्यक्ति ने रक्त के थक्के से पीडि़त होने के बाद एस्ट्राजेनेका पर कानूनी कार्रवाई की है। स्कॉट ने जानकारी दी है कि अप्रैल 2021 में वैक्सीन लेने के बाद उनके दिमाग में खून का थक्का जम गया और खून बहने लगा जिससे उनके मस्तिष्क में स्थायी चोट लग गई और वह काम करने में असमर्थ हो गए। मई 2023 में कंपनी ने कहा था कि वे यह स्वीकार नहीं करते हैं कि टीटीएस सामान्य स्तर पर वैक्सीन से प्रेरित है।
एस्ट्राजेनेका ने कोवीशील्ड वैक्सीन बनाने के लिए ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के साथ सहयोग किया था। कंपनी इस वक्त एक मुकदमे से निपट रहा है जिसमें दावा किया गया है कि उनके टीके से मौतें हुई हैं और इस वैक्सीन को लेने वालों को गंभीर नुकसान हुआ है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, कोर्ट को सौंपे गए कानूनी दस्तावेज में एस्ट्राजेनेका दवा कंपनी ने कहा कि यह माना जाता है कि वैक्सीन, बहुत ही दुर्लभ मामलों में, टीटीएस का कारण बन सकती है। कंपनी ने कहा है कि इसका कारण अभी पता नहीं है।
यूके की कोर्ट में दायर मुकदमे में प्रभावित व्यक्ति और उनके परिवार करीब £100 मिलियन के मुआवजे की मांग कर रहे हैं। उन्होंने कहा है कि सच्चाई हमारे साथ है और हम हार नहीं मानेंगे। बता दें कि एस्ट्राजेनेका ने वैक्सीन उपलब्ध कराने के लिए वैश्विक स्तर पर सबसे बड़े वैक्सीन निर्माता सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के साथ भी सहयोग किया था।