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शोधकर्ताओं को बड़ी सफलता, कैंसर से लड़ने और स्वस्थ कोशिकाओं को सुरक्षित रखने के लिए विकसित की नई थेरेपी
Posted Date : 20-Apr-2024 12:28:56 pm

शोधकर्ताओं को बड़ी सफलता, कैंसर से लड़ने और स्वस्थ कोशिकाओं को सुरक्षित रखने के लिए विकसित की नई थेरेपी

नई दिल्ली । अमेरिकी शोधकर्ताओं ने एक नई इम्यूनोथेरेपी तकनीक विकसित की है जो स्वस्थ कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाए बिना ट्यूमर को प्रभावी ढंग से लक्षित करने वाले संभावित उपचार के रूप में साइटोकिन प्रोटीन का उपयोग करती है।
साइटोकिन्स छोटे प्रोटीन अणु होते हैं जो शरीर में सूजन को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। वे कैंसर से लडऩे और उपचार की प्रभावशीलता में सुधार करने के लिए शरीर की प्रतिरक्षा कोशिकाओं द्वारा जारी किए जाते हैं।
वर्जीनिया टेक कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग की टीम ने नई तकनीक विकसित की है जो यह सुनिश्चित करती है कि प्रतिरक्षा कोशिका साइटोकिन्स को बढ़ावा देती है जो ट्यूमर को अन्य टीशू अंगों में फैलने से रोकती है। यह शरीर के बाकी हिस्सों में विषाक्तता को उजागर न करने के लिए साइटोकिन्स संरचना और प्रतिक्रियाशीलता स्तर को भी संरक्षित करता है।
वर्जीनिया टेक में केमिकल इंजीनियरिंग के एसोसिएट प्रोफेसर रोंग टोंग ने कहा, कैंसर कोशिकाओं को खत्म करने के लिए प्रतिरक्षा कोशिकाओं को उत्तेजित करने में साइटोकिन्स अत्यधिक प्रभावी हैं।
उन्होंने कहा, समस्या यह है कि वे इतने शक्तिशाली हैं कि यदि वे पूरे शरीर में स्वतंत्र रूप से घूमते हैं तो वे अपने सामने आने वाली प्रत्येक प्रतिरक्षा कोशिका को सक्रिय कर देंगे, जिससे संभावित घातक दुष्प्रभाव हो सकते हैं।
इसके विपरीत वर्तमान कैंसर उपचार जैसे कि कीमोथेरेपी स्वस्थ कोशिकाओं और कैंसर कोशिकाओं के बीच अंतर नहीं कर पाती है जिसके चलते बालों का झडऩा और थकान जैसे दुष्प्रभाव होते हैं क्योंकि यह शरीर की सभी कोशिकाओं को प्रभावित करता है।
शोधकर्ताओं ने जर्नल साइंस एडवांसेज में प्रकाशित पेपर में कहा, ट्यूमर पर हमला करने के लिए शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को उत्तेजित करना कैंसर के इलाज का एक आशाजनक विकल्प है। साइटोकिन्स ट्यूमर में प्रतिरक्षा कोशिकाओं को शुरू कर सकता है लेकिन स्वस्थ कोशिकाओं को अत्यधिक उत्तेजित करने से गंभीर दुष्प्रभाव हो सकते हैं।

 

देश के जीडीपी में 8.3 फीसदी से अधिक का योगदान देता है गुजरात : वित्त मंत्री सीतारमण
Posted Date : 20-Apr-2024 12:28:33 pm

देश के जीडीपी में 8.3 फीसदी से अधिक का योगदान देता है गुजरात : वित्त मंत्री सीतारमण

अहमदाबाद । वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को अहमदाबाद में एक कार्यक्रम में मौजूदा सरकार की परिवर्तनकारी आर्थिक नीतियों की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि 2014 से पहले मुद्रास्फीति दहाई अंक में थी और व्यवसाय विदेश भाग रहे थे। वर्तमान सरकार ने मुद्दों को प्रभावी ढंग से हल किया है। सीतारमण ने कहा, आरबीआई अब बैलेंस शीट की दोहरी समस्या को एक सकारात्मक बदलाव के रूप में देखता है, जो हमारी सफल आर्थिक रणनीतियों का प्रतीक है।
गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (जीसीसीआई) और इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई), अहमदाबाद चैप्टर की पश्चिमी भारत क्षेत्रीय परिषद द्वारा ‘संवाद विकासशील भारत ञ्च2047’ विषय पर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री ने कपड़ा, रसायन, सेमीकंडक्टर और एयरोस्पेस जैसे क्षेत्रों में निवेश आकर्षित करने में राज्य की रणनीतिक भूमिका और नेतृत्व के बारे में बताया। उन्होंने कहा, देश की केवल 5 प्रतिशत भूमि के साथ, गुजरात आश्चर्यजनक रूप से राष्ट्रीय सकल घरेलू उत्पाद में 8.3 प्रतिशत से अधिक का योगदान देता है।
वित्त मंत्री ने स्थानीय भाजपा कार्यालय में पार्टी सदस्यों से भी मुलाकात की। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय बैंकों के संघर्षों के बिल्कुल विपरीत, कोविड-19 महामारी के कारण हुई वैश्विक उथल-पुथल के बाद भारतीय बैंकों के मजबूत प्रदर्शन पर जोर दिया। उन्होंने कहा, हमारे बैंकों ने उल्लेखनीय मजबूती दिखाई है और बैंकिंग मुद्दों तथा विलय का सफल समाधान भारत के वित्तीय बुनियादी ढांचे की मजबूती को रेखांकित करता है।

 

सनकी पिता की करतूत, दो बेटियों पर चाकू से किया वार, एक की मौत; दूसरी जिंदगी और मौत से लड़ रही जंग
Posted Date : 20-Apr-2024 12:27:45 pm

सनकी पिता की करतूत, दो बेटियों पर चाकू से किया वार, एक की मौत; दूसरी जिंदगी और मौत से लड़ रही जंग

मुजफ्फरपुर । बिहार के मुजफ्फरपुर में एक सनकी पिता ने अपनी ही बेटी को मौत के घाट उतार दिया। उसकी दो बेटियां हैं, उसने दोनों पर चाकुओं से वार किया। एक की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दूसरी अभी अस्पताल में जिंदगी और मौत से जंग लड़ रही है।
घटना के बाद बच्ची को तुरंत एसकेएमसीएच अस्पताल में भर्ती करवाया गया, जहां एक बच्ची ने उपचार के दौरान दम तोड़ दिया, दूसरे का इलाज जारी है। उधर, मामले की जानकारी मिलने के बाद ग्रामीण मौके पर पहुंचे। सभी इसी बात पर आश्चर्य व्यक्त कर रहे हैं कि आखिर कोई पिता ऐसे कैसे कर सकता है? आखिर कोई अपनी ही बेटी को कैसे मौत के घाट उतार सकता है?
फिलहाल, स्थानीय लोग पिता के दिमागी हालत पर किसी भी प्रकार की टिप्पणी करने से बच रहे हैं, लेकिन इस तरह के मामले में नृशंस वारदात को अंजाम देने वाला शख्स दिमागी रूप से असंतुलित या सनकी पाया जाता है। उधर, पुलिस भी इस पर विस्तृत बयान देने से बच रही है।
मुजफ्फरपुर एसएसपी राकेश कुमार ने कहा कि मामला संज्ञान में आया है। पुलिस मामले की जांच कर आगे की कारवाई में जुटी हुई है। मामले की सूचना मिलने के बाद मौके पर तुरंत एफएसएल की टीम को बुलाया गया, जो फिलहाल वस्तुस्थिति को समझने का प्रयास कर रही है।

 

अमेरिका में भारतीय छात्र की मौत ब्लू व्हेल गेम से जुड़ी होने की संभावना
Posted Date : 20-Apr-2024 12:27:15 pm

अमेरिका में भारतीय छात्र की मौत ब्लू व्हेल गेम से जुड़ी होने की संभावना

वाशिंगटन  । अमेरिका में प्रथम वर्ष के एक छात्र ने एक गेम खेलते-खेलते अपनी जान दे दी। घटना मार्च की बताई जा रही है। ऐसी आशंका है कि मौत के इस मामले के पीछे ‘ब्लू व्हेल चैलेंज’ ऑनलाइन गेम था, जिसे ‘सुसाइड गेम’ भी कहा जाता है।
20 वर्षीय मैसाचुसेट्स विश्वविद्यालय में प्रथम वर्ष का छात्र 8 मार्च को मृत मिला था। ब्रिस्टल काउंटी डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी के प्रवक्ता ग्रेग मिलियोट का कहना है कि मामले की जांच आत्महत्या के एंगल से की जा रही है।
रिपोर्ट के अनुसार, शुरू में कहा जा रहा था कि छात्र की हत्या की गई है। छात्र को लूटा गया और फिर हत्या कर उसके शव को जंगल में फेंक दिया गया। छात्र का शव जंगल में कार में मिला था। बोस्टन ग्लोब अखबार ने बाद में छात्र की पहचान उसके नाम से की।
दुनिया भर में नाबालिगों और युवाओं को शिकार बनाने के लिए जाने जाने वाले इस खतरनाक गेम को खेलते समय, भारत और विदेश में भारतीय छात्रों और नाबालिगों और अभिभावकों के लिए एक सतर्क घटना के रूप में रिपोर्ट किए जाने की जरूरत है।
‘ब्लू व्हेल चैलेंज’ एक ऑनलाइन गेम है, जिसमें प्रतिभागियों (पार्टिसिपेंट) को एक चैलेंज दिया जाता है। इस गेम में 50 स्टेप्स हैं, जो धीरे-धीरे कठिन होते जाते हैं।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, चैलेंज के तौर पर छात्र ने दो मिनट तक सांसें रोक कर रखीं। भारत के लिए ब्लू व्हेल चुनौती से मौत की यह पहली घटना हो सकती है।
भारत सरकार कई साल पहले ‘ब्लू व्हेल चैलेंज’ पर प्रतिबंध लगाना चाहती थी, लेकिन इसके बजाय एक एडवाइजरी जारी कर छोड़ दिया गया।
भारतीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने गेम के शुरू होने के एक साल बाद 2017 में जारी एक एडवाइजरी में कहा, ब्लू व्हेल गेम (सुसाइड गेम) आत्महत्या के लिए उकसाने वाला है। इसलिए इससे दूर रहें।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह गेम सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर खेला जाता है। इसमें एक एडमिनिस्ट्रेटर और पार्टिसिपेंट शामिल होता है। एडमिनिस्ट्रेटर 50 दिन की अवधि के दौरान प्रतिदिन एक कार्य सौंपता है। शुरुआत में ये कार्य सरल होते हैं, लेकिन अंतिम चरण में खुद को नुकसान पहुंचाने के साथ वे काफी कठिन होते जाते हैं।
गौरतलब है कि 2015 से 2017 के बीच रूस में ब्लू व्हेल चैलेंज से कई मौतें हुईं थीं।

 

लोकसभा चुनाव 2024 : देश की 102 सीटों पर छिटपुट घटनाओं को छोड़ शांतिपूर्ण रहा मतदान
Posted Date : 20-Apr-2024 12:37:22 am

लोकसभा चुनाव 2024 : देश की 102 सीटों पर छिटपुट घटनाओं को छोड़ शांतिपूर्ण रहा मतदान

नई दिल्ली। देश में लोकसभा चुनाव 2024 के पहले चरण में 102 सीटों पर मतदान संपन्न हुआ। 102 सीटों पर 1625 उम्मीदवार मैदान में थे। छिटपुट घटनाओं को छोडक़र सभी जगह मतदान शांतिपूर्ण रहा। मणिपुर व पश्चिमी बंगाल में हिंसा की खबर है। राजस्थान में कुछ जगह मारपीट व धमकी देने की घटनाएं सामने आई हैं। पहला चरण देश के 102 लोकसभा सीटों में संपन्न हो गया। छिटपुट घटनाओं को छोड़ दिया जाए तो देश के 21 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेश में मतदान शांतिपूर्ण रहा।
शुक्रवार को जिन केंद्रीय मंत्रियों के भाग्य का फैसला वोटिंग मशीन में बंद हुआ उनमें नागपुर से नितिन गडकरी, डिब्रूगढ़ से सर्बानंद सोनोवाल, अरुणाचल पश्चिम से किरण रिजिजू, उधमपुर से जितेंद्र सिंह, अलवर से भूपेंद्र यादव, बीकानेर से अर्जुन राम मेघवाल व तमिलनाडु के नीलगिरी से एल मुरुगन शामिल रहे।
चुनाव आयोग के मुताबिक पहले चरण के मतदान के लिए देश भर में 1.87 लाख मतदान केंद्र बनाए गए थे। इन मतदान केद्रों पर कुल 16.63 करोड़ से अधिक मतदाता थे।
शराब, नशीले पदार्थों, नकदी आदि की अवैध खेप पर नजर रखने के लिए 1,374 अंतरराज्यीय और 162 अंतरराष्ट्रीय सीमा चौकियों पर निगरानी रखी गई। शांतिपूर्ण चुनाव संपन्न कराने के लिए सडक़ मार्ग और सीमाओं के अलावा समुद्री और हवाई मार्ग पर भी कड़ी निगरानी रखी गई।
वोटिंग सुबह 7 बजे शुरू हुई और शाम 6 बजे खत्म हुई। (मतदान समाप्ति का समय कुछ स्थान पर भिन्न था)। इन 102 सीटों पर 16.63 करोड़ से अधिक मतदाताओं में 8.4 करोड़ पुरुष, 8.23 करोड़ महिलाएं और 11,371 थर्ड जेंडर थे।
35.67 लाख मतदाता ऐसे थे, जिनके पास अपने मताधिकार का प्रयोग करने का यह पहला अवसर था। इसके अतिरिक्त, 20-29 वर्ष आयु वर्ग के 3.51 करोड़ युवा मतदाता व 85 वर्ष से अधिक आयु के 14.14 लाख से अधिक पंजीकृत मतदाता थे। 13.89 लाख विकलांग व्यक्ति (पीडब्ल्यूडी) भी इस चुनाव में मतदाता रहे। इन्हें घर से ही मतदान करने का विकल्प प्रदान किया गया था। मतदान और सुरक्षा कर्मियों को लाने-ले जाने के लिए 41 हेलीकॉप्टर, 84 विशेष ट्रेनें और लगभग 1 लाख वाहन तैनात किए गए थे।
सभी मतदान केंद्रों पर माइक्रो ऑब्जर्वर की तैनाती के साथ 50 प्रतिशत से अधिक मतदान केंद्रों पर वेबकास्टिंग की गई।
चुनाव आयोग ने कुल 4,627 उडऩ दस्ते, 5,208 सांख्यिकी निगरानी दल, 2,028 वीडियो निगरानी दल और 1,255 वीडियो देखने वाली टीमें तैनात की थी।
लोकसभा चुनाव के पहले चरण में जिन महत्वपूर्ण सीटों पर चुनाव हुआ उनमें नागपुर, कन्याकुमारी, चेन्नई सेंट्रल, मुज्जफनगर, सहारनपुर, कैराना, पीलीभीत, डिब्रूगढ़, जोरहाट, जयपुर, छिंदवाड़ा, जमुई, बस्तर, नैनीताल व लक्षद्वीप शामिल रहे।
पहले चरण के मुख्य चेहरों में उत्तर प्रदेश के पीलीभीत से जितिन प्रसाद, तमिलनाडु से कार्ति चिदंबरम, तमिलनाडु के कोयंबटूर से भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के. अन्नामलाई, चेन्नई सेंट्रल से दयानिधि मारन व छिंदवाड़ा से नकुलनाथ भी शामिल थे।
शांतिपूर्ण और निष्पक्ष चुनाव के लिए चुनाव आयोग ने 18 लाख से अधिक मतदान अधिकारियों की तैनाती की थी।
 


लोकसभा चुनाव 2024: देश की 102 सीटों पर कुल 59.71% मतदान दर्ज
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव का पहला चरण शुक्रवार को संपन्न हो गया। पहले चरण में 102 सीटों पर मतदान हुआ। देश की 102 सीटों पर 59.71% मतदान दर्ज किया गया है। राजस्थान में 50.27% मतदान दर्ज किया गया है। वही अंडमान &निकोबार में 56.87%,अरुणाचल प्रदेश में 63.27% ,असम में 70.77 महाराष्ट्र में 54.85%, मणिपुर में 67.46% , मेघालय में 69.91%, मिजोरम में 52.62%, नागालैंड में 55.75%, पांडुचेरी में 72.84%, सिक्किम में 67.58%, तमिलनाडु में 62.02%,त्रिपुरा- 76.10%, उत्तर प्रदेश में 57.54%,उत्तराखंड में 53.56%,पश्चिम बंगाल में 77.37% मतदान हुआ।
इन 102 सीटों पर कुल 1,625 उम्मीदवार चुनाव मैदान में थे।
 

सबसे ज्यादा पश्चिम बंगाल और सबसे कम बिहार में मतदान
नई दिल्ली। लोकतंत्र के सबसे बड़े महापर्व लोकसभा चुनाव के पहले चरण का मतदान शुक्रवार की शाम संपन्न हो गया। शाम 5 बजे तक के मतदान के आंकड़े की बात करें तो सबसे ज्यादा मतदाताओं ने पश्चिम बंगाल में मतदान किया है। इस मामले में बिहार सभी राज्यों और संघ शासित प्रदेशों से पिछड़ गया है।
पश्चिम बंगाल में शाम 5 बजे तक सबसे अधिक 77.57 प्रतिशत मतदाताओं ने वोट डाला। वहीं, बिहार में सबसे कम सिर्फ 46.32 प्रतिशत मतदाताओं ने ही शाम 5 बजे तक वोट डाला है।
अन्य राज्यों के मतदान प्रतिशत की बात करें तो त्रिपुरा में 76.10, असम में 70.77, पुडुचेरी में 72.84, मेघालय में 69.91, मणिपुर में 68.62, सिक्किम में 68.06, जम्मू कश्मीर में 65.08, अरुणाचल प्रदेश में 63.97, छत्तीसगढ़ में 63.41, लक्षद्वीप में 59.02, अंडमान एवं निकोबार द्वीप में 56.87, नागालैंड में 55.02, उत्तराखंड में 53.56 और मिजोरम में 53.03 प्रतिशत मतदान हुआ है।
बड़े राज्यों की बात करें तो शाम 5 बजे तक प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, उत्तर प्रदेश में 57.54, तमिलनाडु में 62.08, मध्य प्रदेश में 63.25, महाराष्ट्र में 54.85 और राजस्थान में 50.27 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया है।

मणिपुर में फायरिंग में तीन लोग घायल, उत्तराखंड में ईवीएम तोड़ी
Posted Date : 20-Apr-2024 12:36:33 am

मणिपुर में फायरिंग में तीन लोग घायल, उत्तराखंड में ईवीएम तोड़ी

नई दिल्ली। लोकसभा के पहले चरण के चुनाव में 21 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 102 सीटों पर मतदान हो रहा है। सीटों के हिसाब से यह सबसे बड़ा फेज है। वोटिंग शाम 6 बजे तक चलेगी। इस दौरान देशभर में मतदान केंद्रों पर हिंसा और मारपीट की घटनाएं सामने आ रही है। वोटिंग के दौरान मणिपुर के बिष्णुपुर में फायरिंग, बंगाल के कूचबिहार हिंसा और छत्तीसगढ़ के बीजापुर में ग्रेनेड ब्लास्ट हुआ है।
मणिपुर के बिष्णुपुर में फायरिंग में तीन लोगों के घायल होने की भी सूचना है। वहीं, बंगाल में टीएमसी और बीजेपी कार्यकर्ताओं के बीच मारपीट भी हुई है। इसके अलावा उत्तराखंड में मतदाता ने श्वङ्करू तोड़ी। बता दें कि 2019 में इन 102 लोकसभा सीटों पर भाजपा ने 40, ष्ठरू्य ने 24, कांग्रेस ने 15 सीटें जीती थीं। अन्य को 23 सीटें मिली थीं। इस फेज में अधिकतर सीटों पर मुकाबला इन्हीं 3 दलों के बीच है।
फर्स्ट फेज में 1,625 कैंडिडेट्स चुनाव लड़ रहे हैं। इनमें 1,491 पुरुष, 134 महिला कैंडिडेट हैं। 8 केंद्रीय मंत्री, एक पूर्व मुख्यमंत्री और एक पूर्व राज्यपाल भी इस बार चुनाव मैदान में हैं। इस फेज के बाद 26 अप्रैल को दूसरे फेज की वोटिंग होगी। कुल 7 फेज में 543 सीटों पर 1 जून को मतदान खत्म होगा। सभी सीटों के रिजल्ट 4 जून को आएंगे।