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25 करोड़ मोबाइल यूजर्स के सिम नहीं होंगे बंद
Posted Date : 30-Nov-2018 10:53:23 am

25 करोड़ मोबाइल यूजर्स के सिम नहीं होंगे बंद

0-ट्राई ने कंपनियों को जारी किए निर्देश
नई दिल्ली ,30 नवंबर । देश की दिग्गज कंपनियों द्वारा नंबर को चालू रखने के लिए 35 रुपये का रिचार्ज करवाना अनिवार्य करने पर भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण ने नाराजगी जताई है। ट्राई ने कंपनियों को ऐसे ग्राहक, जिनके खाते में ‘पर्याप्त’ बैलेंस उपलब्ध है मासिक अवधि बीतने के बावजूद भी उनके कनेक्शन को तुरंत न बंद करने के लिए कहा है। बता दें कि एयरटेल, वोडाफोन-आइडिया ने ग्राहकों को हर महीने 35 रुपये का रिचार्ज करवाना अनिवार्य कर दिया है। कंपनियों का कहना है कि अगर वे रिचार्ज नहीं करवाते हैं तो उनके नंबर बंद कर दिए जाएंगे। इसको लेकर इन टेलिकॉम कंपनियों ने ग्राहकों को मैसेज भी भेजना शुरू कर दिया है।  
ट्राई के चेयरमैन आरएस शर्मा ने कहा, टैरिफ और प्लान को लेकर हम आम तौर पर हस्तक्षेप नहीं करते हैं। लेकिन खाते में पर्याप्त बैलेंस होने के बावजूद अगर लोगों से कहा जा रहा है कि उनकी सेवाएं काट दी जाएंगी तो ये सही नहीं है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में सर्विस प्रोवाइडर्स को मंगलवार को दिशा-निर्देश जारी कर दिये गए। ट्राई वर्तमान में वह इस पूरे मुद्दे को देख रहा है। इसी बीच उसने सेवा प्रदाताओं को स्पष्ट रूप से उपभोक्ताओं को यह बताने का निर्देश दिया है कि उनका मौजूदा प्लान कब खत्म हो रहा है। साथ ही उपभोक्ताओं को न्यूनतम रिचार्ज सहित अन्य विकल्पों के बारे में भी साफ तौर पर जानकारी देने का निर्देश दिया गया है। उसने सभी सर्विस प्रोवाइडर्स को उपभोक्ताओं को तत्काल मोबाइल संदेश के जरिए जानकारी देने को कहा है। ट्राई ने कहा है कि इसमें 72 घंटे से अधिक की देरी नहीं होनी चाहिए। इसके साथ ट्राई ने यह भी कहा है कि इस अवधि तक ऐसे उपभोक्ता जिनके प्रीपेड अकाउंट में न्यूनतम रिचार्ज के बराबर राशि है, उनकी सेवाएं नहीं काटी जानी चाहिए।
एक रिपोर्ट के अनुसार देश के 250 मिलियन सब्सक्राइबर्स एक महीने में 35 रुपये से भी कम का रीचार्ज कराते हैं। इसमें यह भी बताया गया है कि एयरटेल के पास ऐसे 100 मिलियन यूजर और वोडाफोन-आइडिया के पास करीब 150 मिलियन यूजर हैं जो महीने भर में 35 रुपये से भी कम का रीचार्ज कराते हैं। इसलिए कंपनी ने मिनिमम 35 रुपये का रीचार्ज कराने को अनिवार्य करने का ऐलान किया। बता दें कि टेलिकॉम कंपनियों के बीच हो रही कड़ी प्रतिस्पर्धा के कारण एयरटेल और वोडाफोन-आइडिया ने यह फैसला लिया है। इससे कंपनियों के राजस्व और उपभोक्ताओं की संख्या में काफी कमी आई है और इसी के चलते इन कंपनियों ने न्यूनतम मासिक रिचार्ज को अनिवार्य बनाने का ऐलान किया है।

अफसरों ने नहीं की प्रदूषण शिकायत पर कार्रवाई
Posted Date : 27-Nov-2018 12:33:36 pm

अफसरों ने नहीं की प्रदूषण शिकायत पर कार्रवाई

0-सुको ने दिखाई सख्ती
नई दिल्ली ,27 नवंबर । सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) उन सरकारी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू करे, जिन्होंने सोशल मीडिया पर आए 250 शिकायतों पर कोई एक्शन नहीं लिया। ज्ञात हो कि दिल्ली में प्रदूषण को कंट्रोल करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि सोशल मीडिया पर अकाउंट बनाया जाए, ताकि लोग शिकायत कर सकें।
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस मदन बी लोकूर और जस्टिस दीपक गुप्ता की बेंच ने कहा था कि जो अधिकारी शिकायत के बावजूद कार्रवाई करने में विफल रहे हैं उनके खिलाफ अभियोजन होना चाहिए। ऐसे अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा क्यों नहीं कर रहे हैं। आपको ऐसे लोगों के खिलाफ मुकदमा करना चाहिए। ताकि उन्हें इस बात का अहसास होगा कि उन्होंने क्या किया है। सुप्रीम कोर्ट ने सीपीसीबी की ओर से पेश अडिशनल सॉलिसिटर जनरल एएनएस नादकर्णी से कहा है कि शिकायत के बावजूद जिन अधिकारियों ने कोई एक्शन नहीं लिया, उस पर कार्रवाई होनी चाहिए।
इससे पहले नादकर्णी ने कोर्ट को बताया कि एक नवंबर से लेकर 22 नवंबर के बीच सोशल मीडिया अकाउंट पर कुल 749 प्रदूषण से संबंधित शिकायतें आई है और उनमें करीब 500 शिकायतों पर कार्रवाई की गई है। तब सुप्रीम कोर्ट सुझाव दिया है कि जिन अधिकारियों ने शिकायत पर एक्शन नहीं लिया है उनके खिलाफ कार्रवाई हो। नादकर्णी ने कहा कि सीपीसीबी मामले को देखेगी। प्रदूषण मामले की सुनवाई के दौरान सेंट्रल पल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने कोर्ट को 1 नवंबर को बताया था कि प्रदूषण की शिकायत के लिए सोशल मीडिया में ट्विटर और फेसबुक पर अकाउंट खोला गया है ताकि लोग वहां शिकायत कर सकें। सुप्रीम कोर्ट ने सेंट्रल पल्युशन कंट्रोल बोर्ड से कहा है कि वह इस बारे में विज्ञापन दें ताकि लोगों को पता चले कि ट्विटर और फेसबुक पर शिकायत के लिए अकाउंट खोले गए हैं और लोग शिकायत कर सकते हैं।

सब्सिडी का झंझट होगा खत्म, उपभोक्ताओं को सस्ता मिलेगा सिलेंडर
Posted Date : 27-Nov-2018 12:19:25 pm

सब्सिडी का झंझट होगा खत्म, उपभोक्ताओं को सस्ता मिलेगा सिलेंडर

नई दिल्ली ,27 नवंबर । महंगे रसोई गैस सिलेंडर से त्रस्त जनता को राहत मिलने वाली है। जनता को राहत प्रदान करने के लिए सरकार गैस सिलेंडर की कीमत वसूले जाने की पद्धति बदलने वाली है। नए तरीके के मुताबिक अब लोगों को गैस सिलेंडर सस्ता मिलेगा। दरअसल नए प्लान के तहत सरकार ने तय किया है कि वह लोगों को सब्सिडी वाली कीमत पर ही गैस सिलेंडर देगी। सब्सिडी का पैसा बाद में सीधे पेट्रोलियम कंपनी के खाते में भेज दिया जाएगा यानि पैसों की जो वापसी पहले लोगों के खाते में जाती थी वे अब कंपनियों के खाते में जाएगी। इससे फर्क ये पड़ेगा कि सिलेंडर की कीमत लोगों के लिए घट जाएगी। अगर देश की राजधानी दिल्ली की ही बात करें तो इस योजना के लागू होने के बाद दिल्ली में उपभोक्ताओं को गैस का सिलेंडर 942.50 रुपए के बजाए अब 507.42 रुपए में मिलेगा। 
मीडिया रिपोट्र्स के मुताबिक सरकार इस योजना की शुरुआत उज्ज्वला योजना के तहत कनेक्शन लेने वाले उपभोक्ता से करेगी। मंत्रालय का मानना है कि उज्ज्वला योजना के लाभार्थी के लिए एक साथ करीब एक हजार रुपये देने आसान नहीं है। सब्सिडी की राशि बैंक खाते में आती है। इस तरीके से उपभोक्ता को सिर्फ सब्सिडी कीमत देनी होगी।  

व्हाट्सएप के चीफ बिजनेस ऑफिसर नीरज अरोड़ा ने इस्तीफा दिया
Posted Date : 27-Nov-2018 12:18:34 pm

व्हाट्सएप के चीफ बिजनेस ऑफिसर नीरज अरोड़ा ने इस्तीफा दिया

सैन फ्रांसिस्को,27 नवंबर । व्हाइट्सएप के भारतीय मूल के चीफ बिजनेस ऑफिसर नीरज अरोड़ा ने इस्तीफा दे दिया है। नीरज ने कहा है कि उन्हें अपने परिवार के साथ चलिटी टाइम बिताने की जरूरत है।
अरोड़ा फेसबुक द्वारा व्हाट्सएप के अधिग्रहण से पहले से 2011 से इससे जुड़े हुए थे। इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस (आईएसबी) के पूर्व छात्र अरोड़ा ने व्हाट्सएप के अधिग्रहण को पूरा करने में अहम भूमिका निभाई थी। वह व्हाट्सएप से जुडऩे से पहले गूगल के साथ काम करते थे।
अरोड़ा ने मंगलवार को एक पोस्ट में कहा, विश्वास करना मुश्किल हो रहा है कि मुझे यहां सात साल हो गए हैं। जैन कॉम और ब्रायन एक्टन मुझे यहां लेकर आए थे। यह बेहतरीन यात्रा रही। मैं जैन और ब्रायन का शुक्रगुजार हूं, जिन्होंने अपने कारोबारी सहायक के तौर पर इतने वर्षो तक मुझ पर विश्वास किया।

गाय के गोबर से शुरू करें कागज बनाने का बिजनेस, होगी लाखों की कमाई
Posted Date : 27-Nov-2018 12:17:33 pm

गाय के गोबर से शुरू करें कागज बनाने का बिजनेस, होगी लाखों की कमाई

नई दिल्ली,27 नवंबर । दौड़ भाग भरी इस जिंदगी में थकना मना है, जी हां अगर आप किसी अन्य कंपनी में काम कर रहे है तो वहां पर आपसे हर मिनट काम लिया जाता है और उसके बदले में कम सैलरी। लेकिन अगर आपका खुद का बिजनस हो तो आप अपनी ऐसी जिंदगी से निजात पा सकते है। हम आपकों एक ऐसा बिजनेस बताने जा रहे है जिससे आपकों लाखों की कमाई होगी। 
गाय के गोबर से बिजनेस शरू करके आप लाखों कमा सकते है। गोबर से कागज बनाने को लेकर सरकार ने इसका एक सक्सेफुल बिजनेस मॉडल भी बनाया है। खादी ग्रामोद्योग की यूनिट केएनएचपीआई ने गाय के गोबर से कागज का उत्पादन शुरू कर दिया है। अब देशभर में इस तरह के प्लांट लगाने की योजना तैयार की जा रही है। गोबर से कागज बनाने का प्लांट बनाने में 15 लाख रुपये का खर्च आता है। गाय के गोबर के अलावा हाथी के गोबर से भी कागज बनाने की प्रोसेस भी काफी मशहूर है। इस तरह से प्रीमियम चलिटी का कागज बनाया जाता है। एक प्लांट में एक महीने में 1 लाख कागज के बैग बनाए जा सकते हैं। गोबर से कागज बनाने के साथ वेजिटेबल डाई बनाने का भी काम किया जा रहा है। गोबर में से कागज बनाने लायक सिर्फ 7 फीसदी मैटेरियल निकलते हैं। बाकी के 93 फीसदी का इस्तेमाल वेजिटेबल डाई बनाने में इस्तेमाल किया जाएगा। ये वेजिटेबल डाई पर्यावरण के अनुकूल होते हैं। इसका निर्यात भी किया जा सकता है। आज दुनियाभर में कागज की खुब मांग है, और आप इस बिजनेस को शुरू कर सकते है। 

जीडीपी दर 7.5-7.6 फीसदी रहेगी: एसबीआई
Posted Date : 27-Nov-2018 12:16:40 pm

जीडीपी दर 7.5-7.6 फीसदी रहेगी: एसबीआई

मुंबई ,27 नवंबर । चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के आंकड़ों के आधिकारिक रूप से जारी होने से पहले भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने अनुमान लगाया है कि देश की अर्थव्यवस्था की विकास दर घटकर 7.5-7.6 फीसदी रहने की उम्मीद है, जोकि पिछली तिमाही की तुलना में कम है और इसका मुख्य कारण ग्रामीण मांग में आई गिरावट है। देश के सबसे बड़े कर्जदाता ने अपनी इकोरैप रिपोर्ट एसबीआई कंपोजिट लीडिंग इंडिकेटर (सीएलआई) में यह जानकारी दी है, जिसमें 21 प्रमुख संकेतकों की समीक्षा की जाती है। 
रिपोर्ट में कहा गया, चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में सकल मूल्य वर्धित (जीवीए) विकास दर 7.3-7.4 फीसदी हो सकती है, जिसका प्रमुख कारण ग्रामीण मांग में गिरावट है। जीवीए से राष्ट्रीय आय और उत्पादन को मापा जाता हैं, जिसमें कर और सब्सिडीज भी शामिल होती है। केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) द्वारा पहले जारी पहली तिमाही (अप्रैल-जून) के आंकड़ों में बताया गया है कि देश की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) दर 8.2 फीसदी रही थी। 
रिपोर्ट की लेखिका एसबीआई की मुख्य अर्थशास्त्री सौम्य कांति घोष का कहना है, वित्त वर्ष 2017-18 में विनिर्माण क्षेत्र की रफ्तार 5.7 फीसदी रही थी, जिसमें चालू वित्त वर्ष में तेजी लौटी है, जिसे कच्चे तेल की कीमतों में कमी और धीरे-धीरे वापस मजबूत होते रुपये से मदद मिल रही है।