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गिरावट के साथ खुले घरेलू बाजार के दोनों सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी
Posted Date : 26-Oct-2020 1:17:22 pm

गिरावट के साथ खुले घरेलू बाजार के दोनों सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी

मुम्बई। कमजोर वेश्विक संकेतों के बीच सेंसेक्स और निफ्टी की शुरुआत आज कमजोरी के ही साथ हुई है। सेंसेक्स में करीब 120 अंकों की गिरावट के साथ खुला। दिग्गज शेयरों के साथ ही मिडकैप शेयरों में भी कमजोरी देखने को मिल रही है। बीएसई का मिडकैप इंडेक्स 0.12 प्रतिशत की कमजोरी के साथ कारोबार कर रहा है। स्मॉलकैप शेयरों में खरीदारी नजर आ रही है। तेल-गैस शेयरों में भी आज कमजोरी नजर आ रही है। बीएसई का ऑयल एंड गैस इंडेक्स 0.15 प्रतिशत की कमजोरी के साथ कारोबार कर रहा है। फिलहाल बीएसई का 30 शेयरों वाला प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स करीब 175 अंक यानि 0.45 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 40,515 के आसपास कारोबार कर रहा है। एनएसई का 50 शेयरों वाला प्रमुख इंडेक्स निफ्टी करीब 40 अंक यानि 0.33 फीसदी की कमजोरी के साथ 11,890 के आसपास कारोबार कर रहा है।

बीते हफ्ते सेंसेक्स 702 अंक और निफ्टी 168 अंक ऊपर हुआ बंद
Posted Date : 24-Oct-2020 11:48:16 am

बीते हफ्ते सेंसेक्स 702 अंक और निफ्टी 168 अंक ऊपर हुआ बंद

मुम्बई। बीते हफ्ते बॉम्बे स्टाक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 702.52 अंक या 1.75 फीसदी बढ़कर 40685.50 के स्तर पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 50 167.95 अंक या 1.42 फीसदी बढ़कर 11930.4 के स्तर पर बंद हुआ।
बीएसई का स्मॉल-कैप इंडेक्स बीते हफ्ते 2.3 फीसदी बढ़ा। वहीं, दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉरपोरेशन, सागर सीमेंट्स, मैग्मा फिनकॉर्प, पीसी ज्वैलर, चेन्नई पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन 25 फीसदी से अधिक चढ़े, जबकि लॉस में रामको सिस्टम, पटेल इंजीनियरिंग कंपनी, पर्सिस्टेंट सिस्टम्स और एमईपी इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपर्स शामिल थे।
इसके साथ ही बीते हफ्ते बीएसई मिडकैप इंडेक्स में ओबेरॉय रियल्टी, गोदरेज प्रॉपर्टीज, आदित्य बिड़ला फैशन, वोडाफोन आइडिया और आदित्य बिड़ला कैपिटल के समर्थन की बदौलत 2.4 फीसदी की छलांग लगाई। 
वहीं, बीते हफ्ते बीएसई का लार्ज-कैप इंडेक्स हिंदुस्तान जिंक, वेदांता, एक्सिस बैंक, भारती इंफ्राटेल, डीएलएफ और भारती एयरटेल के नेतृत्व में 1.4 फीसदी ऊपर बंद हुआ, जबकि हीरो मोटोकॉर्प, ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज, आयशर मोटर्स, ल्यूपिन और डिविस लेबोरेटरीज गिरावट के साथ बंद हुए।
इसके अलावा बीएसई में सूचिबद्ध शीर्ष 10 कंपनियों में से एचडीएफसी बैंक के बाजार मूल्यांकन में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी दर्ज की गई। इसके बाद क्रमश: भारती एयरटेल, एचडीएफसी और आईसीआईसीआई बैंक रहे। 
विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने बीते सप्ताह 7,375.72 करोड़ रुपये की इच्टिी खरीदी, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने 7,800.22 करोड़ रुपये के इच्टिी बेची। हालांकि, अब तक अक्टूबर के महीने में एफआईआई ने 13,564.74 करोड़ रुपये के इच्टिी खरीदे और डीआईआई ने 7,800.22 करोड़ रुपये के इच्टिी बेची है।
सेक्टोरल मोर्चे पर, बीएसई रियल्टी इंडेक्स मैं भी 2 हफ्ते सबसे ज्यादा 9 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। इसके बाद बीएसई मेटल 5.3, बीएसई पावर 4.3 फीसदी रही। बीएसई एनर्जी इंडेक्स 1.6 फीसदी रहा। साप्ताहिक आधार पर, भारतीय रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 24 पैसे फिसल गया। यह 23 अक्टूबर को 73.60 प्रति डॉलर पर बंद हुआ, जबकि 16 अक्टूबर को 73.34 प्रति डॉलर पर बंद हुआ। 

लगातार 22वें दिन नहीं बढ़ा पेट्रोल-डीजल का दाम
Posted Date : 24-Oct-2020 11:47:33 am

लगातार 22वें दिन नहीं बढ़ा पेट्रोल-डीजल का दाम

नईदिल्ली। दुनिया के अधिकांश देशों में कोविड-19 के मामले फिर से बढऩे की वजह से कच्चे तेल की मांग घट रही है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत 40 डॉलर प्रति बैरल के नीचे आ गया है, जिसका फायदा घरेलू बाजार में देखने को मिल रहा है। तेल विपणन कंपनियों ने लगातार 22वें दिन पेट्रोल-डीजल की कीमत में कोई बदलाव नहहीं किया है। 
इंडियन ऑयल की वेबसाइट के मुताबिक देश के चार महानगरों दिल्ली, मुंबई, चेन्नई और कोलकाता में पेट्रोल का भाव क्रमश: 81.06 रुपये, 87.74 रुपये, 84.14 रुपये और 82.59 रुपये प्रति लीटर है। वहीं, डीजल भी क्रमश: 70.46 रुपये, 76.86 रुपये, 75.95 रुपये और 73.99 रुपये प्रति लीटर पर मिल रहा है। 
इसी तरह देश के अन्य प्रमुख शहरों में पेट्रोल की कीमत क्रमश: नोएडा में 81.58 रुपये, रांची में 80.73 रुपये, लखनऊ में 81.48 रुपये और पटना में 83.73 रुपये प्रति लीटर है। वहीं, डीजल भी क्रमश: नोएडा में 71.00 रुपये, रांची में 74.58 रुपये, लखनऊ में 70.91 रुपये और पटना में 76.10 रुपये प्रति लीटर के भाव बिक रहा है।

कोरोना महामारी फिर से बढऩे पर अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा विपरीत प्रभाव:दास
Posted Date : 24-Oct-2020 11:47:08 am

कोरोना महामारी फिर से बढऩे पर अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा विपरीत प्रभाव:दास

नईदिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास का कहना है कि कोरोना महामारी अगर दोबारा से फैलती है तो उससे अर्थव्यवस्था में जो सुधार की शुरुआत नजर आ रहा है उस पर विपरीत असर पड़ सकता है। 
वहीं, डिप्टी गवर्नर माइकल देबव्रत पात्रा का बताना है कि  कोरोना की वजह से उत्पादन का जो नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई करने में अनेक वर्ष व्यतीत हो सकते हैं।  आरबीआई की ओर से मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक के जारी ब्योरे के अनुसार दास ने यह भी बोला कि नीतिगत दर में कटौती की गुंजाइश है, किन्तु इस दिशा में आगे कदम मुद्रास्फीति के मोर्चे पर उभरती स्थिति पर निर्भर करेगा, जो अभी केंद्रीय बैंक के संतोषजनक स्तर से ऊपर चल रही है।  रिजर्व बैंक की माने तो, सकल मुद्रास्फीति चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में नरम पड़ेगी। अगले वित्त वर्ष की पूर्व तिमाही में इसमें और कमी आने का अंदाजा है। मुद्रास्फीति जून 2020 से 6 फीसदी से ऊपर बनी हुई है। सरकार ने आरबीआई को महंगाई दर 2 फीसदी घट-बढ़ के साथ 4 प्रतिशत के स्तर पर रखने की जिम्मेदारी दी हुई है।  बता दें कि चालू वित्त वर्ष 2020-21 की पूर्व तिमाही में भारत के जीडीपी में 23.9 फीसदी की गिरावट आयी है। डिप्टी गवर्नर पात्रा की माने तो, भारत इस वर्ष की पूर्व तिमाही में तकनीकी रूप से मंदी की स्थिति में पहुंचा है। यह भारत के इतिहास में पहली बार हुआ है। 
आरबीआई के कार्यकारी निदेशक मृदुल सागर ने नीतिगत दर को यथावत रखने के पक्ष में वोट करते हुए इस बात पर चिंता व्यक्त की कि यदि मौजूदा नकारात्मक वास्तविक ब्याज दर और नीचे जाती है, इससे विकृतियां पैदा हो सकती है जिससे सकल बचत, चालू खाता एवं मध्यम अवधि में बढ़ोतरी पर विपरीत असर पड़ सकता है।  समिति ने मुद्रास्फीति को लक्ष्य के दायरे में लाने के संग आर्थिक बढ़ोतरी को गति प्रदान करने हेतु जब तक जरूरी हो, मौद्रिक नीति के मामले में उदार रुख रखने का भी समर्थन किया। अक्टूबर 2020 की पहले पखवाड़े में जारी मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दर रेपो को 4 फीसदी पर बरकरार रखा गया। साथ ही दूसरे दरों में भी कोई परिवर्तन नहीं किया गया। 

शुरुआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 11 पैसे टूटा
Posted Date : 23-Oct-2020 11:34:59 am

शुरुआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 11 पैसे टूटा

मुंबई। विदेश में डॉलर की मजबूती के चलते रुपया शुक्रवार को शुरुआती कारोबार के दौरान अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 11 पैसे टूटकर 73.65 के स्तर पर आ गया। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में रुपया कमजोर रुख के साथ 73.62 के स्तर पर खुला और शुरुआती सौदों में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले गिरावट दर्ज करते हुए 73.65 के स्तर पर आ गया, जो पिछले बंद भाव के मुकाबले 11 पैसे की कमजोरी को दर्शाता है। 
रुपया गुरुवार को अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले चार पैसे बढ़कर 73.54 के स्तर पर बंद हुआ था। 
विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि घरेलू शेयर बाजार में तेजी के बावजूद डॉलर की मजबूती के चलते रुपया कमजोर हुआ। 
इसबीच छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.11 प्रतिशत बढ़कर 93.05 पर आ गया। 
शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक विदेशी संस्थागत निवेशकों ने गुरुवार को सकल आधार पर 1,118.46 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे। 

दशहरा, दिवाली से पहले सस्ते हुए ड्राई फ्रूट्स
Posted Date : 23-Oct-2020 11:34:25 am

दशहरा, दिवाली से पहले सस्ते हुए ड्राई फ्रूट्स

नईदिल्ली। अक्सर दशहरा, दिवाली आते ही काजू, बादाम और किशमिश महंगे हो जाते हैं, लेकिन इस बार त्योहारी सीजन में ड्राई फ्रूट्स सस्ते हो गए हैं। देश में कोरोना संकट के बाद लॉकडाउन के बाद से मेवों के दाम गिरावट जारी है। असल में इसकी सबसे बड़ी वजह बाजार में मेवों की मांग न होना है। आमतौर पर त्योहारों पर ड्राई फ्रूट्स की डिमांड बढ़ती है, लेकिन इस बार नवरात्री, दशहरा और दिवाली के मौसम में भी ग्राहक दुकानों से दूर हैं। 
सूत्रों के मुताबिक इस साल जनवरी से अक्टूबर के बीच ड्राई फ्रूट्स की कीमतों में लगातार गिरावट का रुख है और कीमतें काफी घटी हैं। 
जनवरी में जो काजू 800 रुपये प्रति किलो बिक रहा था, वह अक्टूबर में घटकर 650 रुपये के करीब हैं। इसी तरह किशमिश की कीमत भी 240 रुपये प्रति किलो से घटकर 220 रुपये हो गई है। 
छुहारा भी जनवरी के 300 रुपये प्रतिकिलो से घटकर अक्टूबर में 280 रुपये पर आ चुका है। हालांकि अंजीर की कीमत बढ़ी है। यह फिलहाल 750 रुपये से बढ़कर 800 रुपये प्रति किलोग्राम हो चुके हैं। 
अखरोट जनवरी में 850 रुपये के करीब बिक रहा था जो अक्टूबर में घटकर 600 रुपये प्रतिकिलो पर आ गया है। बादाम भी जनवरी में 650 रुपये बिक रहा था जो अक्टूबर में 590 रुपये पर आ गया है।
जनवरी मेंल छोटी इलायची की कीमत 5000 रुपये प्रतिकिलो थी, जो अक्टूबर में घटकर 3000 रुपये प्रति किलो पर आ गई है। माना जा रहा है कि आने वाले समय में कोरोना की वजह से और गिरावट आ सकती है।