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सितंबर महीने के दूसरे दिन भी नहीं बढ़े पेट्रोल-डीजल के दाम
Posted Date : 02-Sep-2019 12:03:48 pm

सितंबर महीने के दूसरे दिन भी नहीं बढ़े पेट्रोल-डीजल के दाम

नईदिल्ली,02 सितंबर । सितंबर महीने के दूसरे दिन आम लोगों को पेट्रोल और डीजल की कीमतों में राहत मिली है. सोमवार को पेट्रोल और डीजल के भाव में कोई बदलाव नहीं हुआ है. आपको बता दें कि पिछले चार दिन से पेट्रोल के दाम में स्थिरता देखी गई है तो वहीं डीजल के दाम लगातार तीन दिन से स्थिर हैं. क्रूड ऑयल के भाव में चल रहे मामूली उतार-चढ़ाव की वजह से घरेलू बाजार में पेट्रोल-डीजल के रेट में स्थिरता बनी हुई है.
इंडियन ऑयल की वेबसाइट के अनुसार सोमवार को दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और चेन्नई में पेट्रोल के लिए ग्राहकों को क्रमश: 72.01 रुपये, 77.67 रुपये, 74.71 रुपये और 74.80 रुपये प्रति लीटर चुकाना पड़ रहा है. वहीं दूसरी ओर चारों महानगरों में ग्राहकों को डीजल के लिए क्रमश: 65.25 रुपये, 68.41 रुपये, 67.63 रुपये और 68.94 रुपये प्रति लीटर रहा.
पेट्रोल-डीजल के दाम हर दिन घटते-बढ़ते रहते हैं. पेट्रोल-डीजल का नया दाम सुबह 6 बजे से लागू हो जाता है. इनकी कीमत में एक्साइज ड्यूटी, डीलर कमीशन सब कुछ जोडऩे के बादल इसकी कीमत लगभग दोगुनी हो जाती है. पेट्रोल डीजल की कीमत को अमेरिकी डॉलर का एक्सचेंज रेट, क्रूड ऑयल की कीमत, ईंधन की मांग और अन्य चीजें प्रभावित करती रहती हैं.

ऑटोमोबाइल सेक्टर में तेज गिरावट जारी, मारुति की बिक्री 33 फीसदी घटी
Posted Date : 02-Sep-2019 12:03:30 pm

ऑटोमोबाइल सेक्टर में तेज गिरावट जारी, मारुति की बिक्री 33 फीसदी घटी

नई दिल्ली ,02 सितंबर । देश के वाहन उद्योग में गिरावट को सिलसिला जारी है और अगस्त में भी मारुति सुजुकी इंडिया, ह्युंदै , महिंद्रा ऐंड महिंद्रा, टाटा मोटर्स और होंडा सहित सभी प्रमुख वाहन निर्माताओं ने बिक्री में भारी गिरावट की सूचना दी है। देश की सबसे बड़ी कार कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया की बिक्री अगस्त महीने में 32.7 प्रतिशत घटकर 1,06,413 वाहन रह गई। इससे पिछले साल के समान महीने में कंपनी की बिक्री 1,58,189 इकाई रही थी।
कंपनी ने बयान में कहा कि अगस्त में उसकी घरेलू बाजार में बिक्री 34.3 प्रतिशत घटकर 97,061 इकाई रह गई, जो अगस्त, 2018 में 1,47,700 इकाई थी। इसी तरह होंडा कार्स इंडिया और टोयोटा किर्लोस्कर मोटर ने बिक्री में क्रमश: 51 प्रतिशत एवं 21 प्रतिशत की गिरावट की सूचना दी है। घरेलू क्षेत्र की प्रमुख वाहन कंपनी टाटा मोटर्स के यात्री वाहनों की घरेलू बिक्री अगस्त में 58 प्रतिशत तक लुढक़ गई। कंपनी ने पिछले 7,316 वाहनों की बिक्री की। कंपनी ने पिछले साल अगस्त में 17,351 वाहनों की बिक्री की थी। 
बिक्री आंकड़ों पर टाटा मोटर्स के यात्री वाहन कारोबार के अध्यक्ष मयंक पारीक ने कहा कि बाजार में परिस्थितियां चुनौतीपूर्ण बनी हुई हैं लेकिन कंपनी खुदरा बिक्री को बेहतर करने की दिशा में काम कर रही है। उन्होंने कहा कि खुदरा बिक्री में 42 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। महिंद्रा ऐंड महिंद्रा की कुल बिक्री घटकर अगस्त में 36,085 इकाइयों पर रही। कंपनी ने पिछले साल अगस्त में 48,324 इकाई बेचे थे। ह्युंदै मोटर इंडिया लिमिटेड की अगस्त में कुल बिक्री 9.54 प्रतिशत घटकर 56,005 वाहन रही। पिछले साल इसी अवधि में यह बिक्री 61,912 वाहन थी। 
कंपनी ने एक बयान में बताया कि समीक्षावधि में उसकी घरेलू बिक्री 16.58 प्रतिशत घटकर 38,205 वाहन रही। इससे पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में 45,801 वाहन थी। होंडा कार्स इंडिया लि.(एचसीआईएल) की घरेलू बिक्री अगस्त महीने में 51.28 प्रतिशत घटकर 8,291 इकाई रह गई, जो एक साल पहले समान महीने में 17,020 इकाई थी। माह के दौरान कंपनी ने 227 वाहनों का निर्यात भी किया। एचसीआईएल के वरिष्ठ उपाध्यक्ष एवं निदेशक बिक्री एवं विपणन राजेश गोयल ने कहा कि उपभोक्ता धारणा कमजोर पडऩे से वाहन क्षेत्र में भारी गिरावट आई है।

मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर अगस्त में गिरकर 15 महीने के निम्न स्तर पर: पीएमआई
Posted Date : 02-Sep-2019 12:03:10 pm

मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर अगस्त में गिरकर 15 महीने के निम्न स्तर पर: पीएमआई

नई दिल्ली ,02 सितंबर । बिक्री, उत्पादन और रोजगार में धीमी वृद्धि से देश के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की गतिविधियां अगस्त महीने में गिरकर 15 महीने के निम्नतम स्तर पर आ गई हैं। एक मासिक सर्वेक्षण में सोमवार को यह जानकारी दी गई है। आईएचएस मार्केट का इंडिया मैन्युफैक्चरिंग पर्चेजिंग मैनेजर्स सूचकांक (पीएमआई) जुलाई में 52.5 से गिरकर अगस्त में 51.4 पर आ गया। यह मई 2018 के बाद का सबसे निचला स्तर है।
यह लगातार 25वां महीना है जब मैन्युफैक्चरिंग का पीएमआई 50 से अधिक रहा है। सूचकांक का 50 से अधिक रहना विस्तार दर्शाता है, जबकि 50 से नीचे का सूचकांक संकुचन का संकेत देता है। आईएचएस मार्केट की प्रधान अर्थशास्त्री पॉलिएना डी लीमा ने कहा, अगस्त महीने में भारतीय मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में सुस्त आर्थिक वृद्धि और अधिक लागत मुद्रास्फीति का दबाव देखा गया। काम के नए ऑर्डरों, उत्पादन और रोजगार को मापने वाले सूचकांकों समेत अधिकांश पीएमआई सूचकांकों में कमजोरी का रुख रहा।
वैश्विक मोर्चे पर बिगड़ती स्थितियों के बीच निजी निवेश और उपभोक्ता मांग में सुस्ती से भारत की आर्थिक वृद्धि दर जून तिमाही में कम हो कर 5 प्रतिशत पर आ गई है। यह छह साल की सबसे कम वृद्धि दर है। अगस्त में, बिक्री में 15 महीनों में सबसे धीमी गति से विस्तार हुआ है। जिसका उत्पादन वृद्धि और रोजगार सृजन पर भी दबाव पड़ा है। इसके अलावा, कारखानों ने मई 2018 के बाद पहली बार खरीदारी में कमी की है। 
लीमा ने कहा, 15 महीने में पहली बार खरीदारी गतिविधियों में गिरावट एक चिंताजनक संकेत है। स्टॉक में जानबूझकर कटौती और पूंजी की कमी के कारण ऐसा हुआ है। सर्वेक्षण में कहा गया कि प्रतिस्पर्धी दबाव और बाजार में चुनौतीपूर्ण स्थितियों ने तेजी को रोकने की कोशिश की। अगस्त में विदेशों से आने वाले नए कारोबारी ऑर्डर की गति भी धीमी रही। घरेलू और अंतरराष्ट्रीय ग्राहकों को होने वाली बिक्री में सुस्ती ने उत्पादन वृद्धि को प्रभावित किया।

चार साल में रेलवे ने तत्काल टिकटों से 25,000 करोड़ से अधिक की कमाई की
Posted Date : 01-Sep-2019 1:08:33 pm

चार साल में रेलवे ने तत्काल टिकटों से 25,000 करोड़ से अधिक की कमाई की

नई दिल्ली,01 सितंबर । तत्काल टिकट बुक कराने वाले यात्रियों से रेलवे ने गत चार साल में 25,392 करोड़ रुपये की कमाई की है। यह जानकारी सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत मिली है। रेलवे ने वर्ष 2016 से 2019 के बीच तत्काल कोटे से 21,530 करोड़ रुपये की कमाई की। वहीं 3,862 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आय प्रीमियम तत्काल टिकटों से हुई है।
तत्काल टिकट बुकिंग सेवा 1997 में चुनिंदा रेलगाडिय़ों में शुरू की गई थी। इसका मकसद अचानक यात्रा करने वाले यात्रियों को सुविधा देना था। वर्ष 2004 में तत्काल टिकट बुकिंग सेवा का विस्तार पूरे देश में किया गया। तत्काल टिकट के तहत द्वितीय श्रेणी में मूल किराये से 10 फीसदी अतिरिक्त वसूला जाता है, जबकि बाकी अन्य श्रेणियों में यह राशि मूल किराये की 30 फीसदी है। हालांकि, इस शुल्क में भी न्यूनतम और अधिकतम सीमा तय की गई है। 
प्रीमियम तत्काल सेवा 2014 में शुरू की गई थी और 50 फीसदी तत्काल कोटे की सीटों की बुकिंग इसके तहत डायनेमिक किराया प्रणाली (सीट उपलब्धता के आधार पर कीमत) से होती है।

अगस्त में मारुति की बिक्री 33 प्रतिशत घटकर 1,06,413 इकाई पर
Posted Date : 01-Sep-2019 1:07:53 pm

अगस्त में मारुति की बिक्री 33 प्रतिशत घटकर 1,06,413 इकाई पर

नईदिल्ली,01 सितंबर । देश की सबसे बड़ी कार कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया की बिक्री अगस्त महीने में 32.7 प्रतिशत घटकर 1,06,413 वाहन रह गई। इससे पिछले साल के समान महीने में कंपनी की बिक्री 1,58,189 इकाई रही थी। कंपनी ने बयान में कहा कि अगस्त में उसकी घरेलू बाजार में बिक्री 34.3 प्रतिशत घटकर 97,061 इकाई रह गई, जो अगस्त, 2018 में 1,47,700 इकाई थी। कंपनी की मिनी कारों आल्टो और वैगल आर की बिक्री इस दौरान 71.8 प्रतिशत घटकर 10,123 वाहन रह गई। एक साल पहले समान महीने में यह आंकड़ा 35,895 इकाई का था। इसी तरह कॉम्पैक्ट वाहन खंड में कंपनी की बिक्री 23.9 प्रतिशत घटकर 54,274 इकाई रह गई, जो अगस्त, 2018 में 71,364 इकाई थी। इस खंड में स्विफ्ट, सेलेरियो, इग्निस, बलेनो और डिजाइर गाडिय़ां आती हैं। कंपनी की मध्यम आकार की कार सियाज की बिक्री भी भारी गिरावट के साथ 1,596 इकाई पर आ गई। पिछले साल समान महीने में इसकी बिक्री 7,002 इकाई रही थी। हालांकि, समीक्षाधीन अवधि में कंपनी के यूटिलिटी वाहनों विटारा ब्रेजा, एस क्रॉस और अर्टिगा की बिक्री 3.1 प्रतिशत बढक़र 18,522 इकाई पर पहुंच गई, जो एक साल पहले समान महीने में 17,971 इकाई थी। अगस्त में कंपनी का निर्यात 10.8 प्रतिशत घटकर 9,352 इकाई रह गया, जो एक साल पहले समान महीने में 10,489 इकाई था।

अगरबत्ती के आयात पर प्रतिबंध, लाइसेंस का नियंत्रण लागू
Posted Date : 01-Sep-2019 1:07:19 pm

अगरबत्ती के आयात पर प्रतिबंध, लाइसेंस का नियंत्रण लागू

नई दिल्ली,01 सितंबर । केंद्र सरकार ने देश में अगरबत्ती और इससे जुड़े अन्य उत्पादों के आयात पर शनिवार को रोक लगा दी। इसकी प्रमुख वजह इनका चीन और वियतनाम जैसे देशों से आयात बहुत अधिक बढऩा है। अब इन उत्पादों के आयातकों को आयात के लिए सरकार से लाइसेंस लेना होगा।
विदेश व्यापार महानिदेशालय ने एक अधिसूचना में कहा, ‘अगरबत्ती और अन्य खुशबूदार जलाने योग्य पदार्थों की आयात नीति को संशोधित कर मुक्त से प्रतिबंधित कर दिया गया है।’ इसके अलावा, कमरे इत्यादि को सुगन्धित करने में उपयोग होने वाले अन्य पदार्थों को भी प्रतिबंधित किया गया है। 
इनका आयात 2017-18 में 75.1 लाख डॉलर का था, जो 2018-19 में बढक़र 1.23 करोड़ डॉलर हो गया। इसी तरह अगरबत्ती एवं अन्य सुगन्धित पदार्थों का आयात चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में 1.77 करोड़ डॉलर रहा। वित्त वर्ष 2018-19 में इनका आयात 8.35 करोड़ डॉलर था।