नई दिल्ली ,12 जून । वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) एवं लैक्साई लाइफ साइंसेज प्राइवेट लिमिटेड हैदराबाद, को भारतीय औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई)द्वारा कोविड-19 रोगियों के उपचार के दौरान नैदानिक परिणामों में सुधार के लिए कोल्किसिन दवाकी सुरक्षा और प्रभावकारिता का आकलन करने के लिए टू-आर्म फेज-2 क्लीनिकल ट्रायल करने के लिए विनियामकीय मंजूरी मिल गयी है। इस महत्वपूर्ण क्लीनिकल ट्रायल में सीएसआईआर-भारतीय रासायनिक प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईसीटी), हैदराबाद और सीएसआईआर-भारतीय एकीकृत चिकित्सा संस्थान (आईआईआईएम), जम्मू भागीदार हैं।
सीएसआईआर के महानिदेशक डॉ. शेखर सी मांडे ने गठिया और संबंधित ज्वलनशील दशाओं के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाने वाली इस अनुमोदित दवा के क्लीनिकल ट्रायल के लिए दी गई मंजूरी पर खुशी जाहिर की। सीएसआईआर महानिदेशक के सलाहकार डॉ. राम विश्वकर्मा ने इस बात पर प्रकाश डाला कि स्वास्थ्य सेवा मानक के साथ संयोजन में कोल्किसिन हृदय संबंधी सह-रुग्णता वाले कोविड रोगियों के लिए एक महत्वपूर्ण चिकित्सीय हस्तक्षेप होगा और साथ ही प्रिनफ्लेमेटरी साइटोकिन्स को कम करने में भी मददगार होगा, जिससे रोगियों की दशा में तेजी से सुधार होगा। कई वैश्विक अध्ययनों ने अब इस बात की पुष्टि की है कि कोविड-19 संक्रमण और पोस्ट-कोविड सिंड्रोम के दौरान हृदय संबंधी जटिलताओं से कई लोगों की जान चली जाती हैऔर इसलिए नई दवाओं या नये उद्देश्य वाले दवाओं की तलाश करना आवश्यक है।
डॉ. एस चंद्रशेखर (निदेशक सीएसआईआर-आईआईसीटी, हैदराबाद) और डॉ. डीएस रेड्डी (निदेशक, सीएसआईआर-आईआईआईएम, जम्मू) और सीएसआईआर के दो सहयोगी संस्थानों ने कहा कि वे कोल्किसिन से जुड़े इस फेज-2नैदानिकप्रभावकारिता परीक्षण के परिणाम की प्रतीक्षा कर रहे हैं जिससे अस्पताल में भर्ती मरीजों के प्रबंधन में जीवन रक्षक हस्तक्षेप हो सकता है। भारत इस प्रमुख दवा के सबसे बड़े उत्पादकों में से एक है और अगर यह सफल रहा तो इसे मरीजों को सस्ती कीमत पर उपलब्ध कराया जाएगा।
लैक्साई के सीईओ डॉ. राम उपाध्याय ने बताया कि भारत भर में कई साइटों पर मरीजों का नामांकन शुरू हो चुका है और अगले आठ से 10 हफ्तों में ट्रायल पूरा होने की संभावना है। उन्होंने आगे कहा कि इस ट्रायल के परिणामों और नियामकीय मंजूरी के आधार पर यह दवा भारत की बड़ी आबादी को उपलब्ध कराई जा सकती है।
प्रमुख चिकित्सा पत्रिकाओं में हाल में प्रकाशित हुए नैदानिक अध्ययनों के अनुसार कोल्किसिन का दिल की सर्जरी और एट्रियल फाइब्रिलेशन एब्लेशन के बाद रिकरंट पेरीकार्डिटिस, पोस्ट-पेरीकार्डियोटॉमी सिंड्रोम और पेरी-प्रोसिजरल एट्रियल फाइब्रिलेशन की दरों में होने वाली महत्वपूर्ण कमी से संबंध है।
नई दिल्ली ,12 जून । रक्षा मंत्रालय ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए युद्धों और अभियानों के इतिहास के संग्रह, संकलन, प्रकाशन और उन्हें सार्वजनिक करने की नीति को मंजूरी दे दी है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को इस नीति को मंजूरी दी। इस नीति के तहत रक्षा मंत्रालय का प्रत्येक संगठन जैसे सेनाएं, एकीकृत रक्षा स्टाफ, असफ राइफल्स और भारतीय तटरक्षक युद्ध डायरियों, कार्यवाही से संबंधित पत्रों, संचालन संबंधी रिकार्ड बुक और अन्य सभी रिकार्ड रक्षा मंत्रालय के इतिहास विभाग को भेजेंगे जिससे कि उन्हें संकलित और संग्रहित कर इतिहास लेखन के काम में इस्तेमाल किया जा सके। रिकार्ड को सार्वजनिक करने की जिम्मेदारी पब्लिक रिकार्ड एक्ट 1993 और पब्लिक रिकार्ड रूल 1997 के तहत संबंधित संगठन की ही होगी। नयी नीति के अनुसार सामान्य तौर पर रिकार्ड 25 वर्षों में सार्वजनिक किए जाने चाहिए। पच्चीस वर्षों से पुराने रिकार्ड युद्ध और अभियानों के इतिहास के संकलन तथा विशेषज्ञों को सूचना देने के बाद राष्ट्रीय अभिलेखागार में भेजे जाने चाहिए।
युद्ध और अभियानों के संकलन, मंजूरी और प्रकाशन के समन्वय की जिम्मेदारी इतिहास विभाग की होगी। नीति में रक्षा मंत्रालय के संयुक्त सचिव की अध्यक्षता में एक समिति के गठन का प्रावधान किया गया है जिसमें सेनाओं, विदेश मंत्रालय और गृह मंत्रालय के साथ साथ अन्य संगठनों के प्रतिनिधि और जरूरत पडऩे पर जाने माने सैन्य इतिहासकार शामिल होंगे जो इतिहास का संकलन करेंगे। इस समिति का गठन युद्ध के दो वर्ष के अंदर किया जाना होगा और इसे तीन वर्षों में रिकार्ड का संकलन उसे संबंधित पक्षों को भेजना होगा।
इस नीति की सिफारिश कारगिल समीक्षा समिति ने की थी और इसका उद्देश्य विभिन्न सबकों का विश्लेषण करना तथा भविष्य में गलतियों को न दोहराना है। इसके अलावा युद्धों के इतिहास के समय से प्रकाशन से लोगों को घटनाओं की सही जानकारी मिलेगी और शोध में मदद के साथ साथ अफवाहों से निपटने में मदद मिलेगी।
0- एंबुलेंस समेत कई दवाइयों पर टैक्स की दर घटी
नई दिल्ली ,12 जून । आज जीएसटी काउंसिल की 44वीं बैठक हुई। बैठक की अध्यक्षता वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए की। बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए जैसे कि कोविड संबंधी दवा, वैक्सीन और अन्य जरूरी वस्तुओं जैसे कि एम्बुलेंस आदि पर जीएसटी की दर घटाने का अहम फैसला लिया गया। केंद्र सरकार ने इन सभी आवश्यक वस्तुओं पर लगने वाले जीएसटी कर की अलग-अलग दरों को जरूरत के आवश्यकता के अनुसार घटाया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जीएसटी परिषद की बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी देते हुए कहा कि परिषद में टीके पर पांच फीसदी की कर दर को कायम रखने पर सहमति बनी है। इसके साथ ही एम्बुलेंस पर जीएसटी की दर को 28 फीसदी से घटाकर 12 फीसदी किया गया है। परिषद ने रेमडेसिविर पर कर की दर को 12 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी करने को लेकर सहमति दी है। टोसिलिमैब, एम्फोटेरिसिन पर भी कोई कर नहीं लगेगा। सीतारमण ने कहा कि जीएसटी परिषद ने मेडिकल ग्रेड ऑक्सीजन, बीआईपीएपी मशीनों, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, वेंटिलेटर, पल्स ऑक्सीमीटर पर कर की दर को 12 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी किया है। ब्लैक फंगस के बढ़ते मामलों को देखते हुए काउंसिल ने इसके इलाज में काम आने वाली दवा पर जीएसटी की दर शून्य कर दी है।
2 नागरिकों की भी मौत
श्रीनगर ,12 जून । जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमले की घटना सामने आई है। यहां के सोपोर के आरामपोरा में नाका पर आतंकियों ने पुलिस और सीआरपीएफ की संयुक्त टीम पर हमला कर दिया है। इस हमले में 2 पुलिसकर्मी शहीद हो गए और 2 आम नागरिकों की मौत हो गई है। वहीं कई लोग घायल भी हुए हैं। सुरक्षाबलों का सर्च ऑपरेशन जारी है। आतंकियों की तलाश की जा रही है। मिली जानकारी के अनुसार सोपोर के अरंपोरा में तैनात पुलिस और सीआरपीएफ की नाका पार्टी को निशाना बनाकर आतंकियों ने फायरिंग की। हमला करने के बाद आतंकी फरार हो गए। हमलावरों को पकडऩे के लिए इलाके की घेराबंदी कर बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान चलाया जा रहा है।
इससे पहले शुक्रवार को शोपियां में लिटर अग्लर इलाके में तैनात पुलिस और सीआरपीएफ की नाका पार्टी को आतंकियों ने दूर से निशाना बनाकर कई राउंड फायरिंग की थी। इसके बाद आतंकी फरार हो गए। हालांकि इस हमले में किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं हुआ था।
आतंकी संगठन लगातार सुरक्षाबलों को निशाना बनाने की साजिशें रच रहे हैं। घाटी में आतंकियों की दो साजिशों को सुरक्षाबलों ने सोमवार को नाकाम किया था। श्रीनगर नगर निगम के बाहर और त्राल में प्लांट की गई आईईडी बरामद कर आतंकियों के मंसूबे को विफल करने में सफलता मिली। दोनों ही स्थानों पर सुरक्षाबलों ने तलाशी अभियान चलाया, लेकिन कोई सुराग हाथ नहीं लगा।
0- 24 घंटे में कोरोन के 91,702 नए मामले, 3,403 मरीजों की मौत
नई दिल्ली ,11 जून । देश में भले ही पिछले चार दिन से कोरोना संक्रमण के दैनिक मामले एक लाख से कम आ रहे हों, लेकिन कोरोना से होने वाली दैनिक मौतें अभी तक डरा रही है। पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस के 91,702 नए मामले सामने आए। जबकि 3,403 मरीज कोरोना की जंग हार गये और उसके काल का ग्रास बन गये। वहीं दूसरी तरफ इस एक दिन में नए मामलों से कहीं ज्यादा 1,34,580 मरीजों ने इस कोरोना वायरस को मात देकर इस जंग को जीता है और उपचाराधीन मरीजों की संख्या में भी लगातार कमी आ रही है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के शुक्रवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक देश में लगातार चौथे दिन 24 घंटे में कोविड-19 के एक लाख से कम 91,702 नए मामले सामने आए, जिससे देश में संक्रमितों की संख्या बढक़र 2,92,74,823 हो गई है। वहीं इस दौरान 3,403 और लोगों की संक्रमण से मौत के बाद मृतक संख्या बढक़र 3,63,079 हो गई। इस प्रकार कोविड-19 से मत्यु दर 1.24 प्रतिशत है। जबकि नमूनों के संक्रमित आने की दैनिक दर भी कम होकर 4.49 प्रतिशत हो गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार देश में उपचाराधीन मरीजों की 46,281 संख्या भी कम होकर 11,21,671 हो गई है, जो कुल मामलों का 3.83 प्रतिशत है। पिछले 24 घंटे में उपचाराधीन मामलों में कुल 46,281 की कमी आई है। देश में अभी तक कुल 2,77,90,073 लोग संक्रमण मुक्त हो चुके हैं और मरीजों के ठीक होने की राष्ट्रीय दर भी बढक़र 94.93 प्रतिशत हो गई है। कोविड-19 से मत्यु दर 1.24 प्रतिशत है।
24.60 करोड़ लोगों को लगा टीका
आंकड़ों के अनुसार देश में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस की 32,74,672 वैक्सीन लगाई गईं, जिसके बाद कुल वैक्सीनेशन का आंकड़ा 24,60,85,649 हुआ। नमूनों के संक्रमित आने की दैनिक दर 4.49 प्रतिशत है। पिछले 18 दिन से संक्रमण की दैनिक दर 10 प्रतिशत से कम बनी हुई है। वहीं, संक्रमण की साप्ताहिक दर भी कम होकर 5.14 प्रतिशत हो गई है। संक्रमण मुक्त हुए लोगों की संख्या लगातार 29वें दिन संक्रमण के नए मामलों से अधिक रही। आंकड़ों के मुताबिक देश भर में कोविड-19 रोधी टीकों की खुराक लेने वाले लाभार्थियों में 10024046 स्वास्थ्य कर्मी भी शामिल हैं जिन्होंने पहली खुराक लगवा ली है जबकि 6928432 स्वास्थ्य कर्मी टीके की दूसरी खुराक भी लगवा चुके हैं। मंत्रालय ने बताया कि 45-60 आयुवर्ग के 73973962 और 11726702 लाभार्थी क्रमश: टीके की पहली और दूसरी खुराक ले चुके हैं। जबकि 60 साल से ज्यादा आयुवर्ग के 6189877 और 19633935 लाभार्थी क्रमश: टीके की पहली और दूसरी खुराक ले चुके हैं। बृहस्पतिवार को टीके की 3032675 खुराक लाभार्थियों को दी गईं।
टीके की बर्बादी रोकने पर बल
भारत सरकार ने कहा है कि टीकाकरण करने वाले व्यक्ति को सलाह दी जाती है कि हर वॉयल (शीशी) को खोलने की तारीख और समय नोट करें। सभी वैक्सीन वॉयल को खुलने के चार घंटे के अंदर उपयोग कर लेना चाहिए। इसलिए, वैक्सीन की बर्बादी एक फीसदी या उससे कम होने की उम्मीद बिल्कुल भी अनुचित नहीं है। यह तार्किक है और इसे प्राप्त किया जा सकता है।
0- मोदी सरकार ने शुरू किया जागरूकता अभियान
नई दिल्ली ,11 जून । कोरोना की वैक्सीन को लेकर लोगों के दिल दिमाग से डर खत्म करना सरकार के लिए किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं। वहीं, मुस्लिम समुदाय में इस झिझक पर अल्प संख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि टीकाकरण को लेकर गलतफहमी भगाने के लिए, हज समितियों, वक्फ बोर्ड, केंद्रीय वक्फ परिषद और स्वयं सहायता समूहों को जान है तो जहान है अभियान में शामिल किया जा रहा है।
नकवी ने कहा कि इस बीच, मुंबई के एक एनजीओ और मुस्लिम मौलवियों ने शहर में झुग्गी-झोपडिय़ों में रहने वालों के लिए जागरूकता अभियान चलाने के लिए हाथ मिलाया है। एनजीओ भामला फाउंडेशन ने मुंबई में विभिन्न मस्जिद समितियों के मौलाना और मौलवियों को एक साथ लाया और उनसे झुग्गी बस्तियों में जागरूकता अभियान चलाने का आग्रह किया। ये ग्रुप न केवल जागरूकता फैलाएगा बल्कि लोगों के लिए टीकाकरण के लिए स्लॉट बुक करने की व्यवस्था भी करेगा। इस संगठन ने अपने अभियान की सारी व्यवस्था के लिए एक वॉर रूम भी तैयार किया है। भामला फाउंडेशन के अध्यक्ष आसिफ भामला ने एएनआई से बात करते हुए कहा, इस पहल से मुस्लिम समुदाय में कोविड टीकाकरण को लेकर विश्वास पैदा होगा।
उन्होंने कहा कि कई लोग कुछ गलतफहमियों के कारण टीकाकरण से डर रहे हैं, इसलिए हमने मौलाना और मौलवियों को शामिल किया जो लोगों को समझा सकते हैं। हम चाहते हैं कि वे मुसलमानों के बीच इस झिझक को दूर करें। अभियान में भाग लेने वाले मौलवी मौलाना तबरेज़ ने कहा कि लोगों में कोरोना वैक्सीन के लिए कई गलत धारणाएं है। कुछ का कहना है कि वे इसे लेने के बाद मर जाएंगे, जबकि अन्य साइड इफेक्ट के बारे में चिंतित हैं। इस गलत सूचना को दूर करने के लिए हम दो अलग-अलग शिफ्टों में घर-घर जाकर टीकाकरण के प्रति जागरूकता फैला रहे हैं। हमारे जागरूकता अभियान के बाद कई लोग टीका लगाने के लिए राजी हुए हैं। मौलाना तबरेज़ ने कहा कि हम एक दिन में कम से कम 100 से 150 लोगों तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं।