केंद्र सरकार ने दिया किसानों को तोहफा
नई दिल्ली ,09 जून । केंद्र सरकार ने बाजार सत्र 2021-22 के लिए खरीफ की फसलों पर एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) बढ़ाने को अनुमति दे दी। केंद्र ने कहा कि पिछले साल के मुकाबले एमएसपी में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी तिल (452 रुपये प्रति कुंतल) में की गई है। इसके बाद तुअर और उड़द (दोनों 300 रुपये प्रति कुंतल) आते हैं।
केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने खरीफ की फसलों पर 50 फीसदी तक एमएसपी बढ़ाने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार पिछले सात साल से किसानों के हित में फैसले ले रही है और उनकी समस्याओं के समाधान के लिए चर्चा करने के लिए हर वक्त तैयार है। तोमर ने कहा कि केंद्र सरकार के इस फैसले के बाद धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य पिछले साल के मुकाबले 72 रुपये बढक़र 1940 रुपये प्रति कुंतल हो गया है। उन्होंने कहा कि पिछले साल यह राशि 1868 रुपये प्रति कुंतल थी। उल्लेखनीय है कि एमएसपी वह दर होती है जिस दर से सरकार किसानों से खाद्यान्न खरीदती है।
इन फैसलों को भी मिली मंजूरी
कैबिनेट ने रेलवे की संचार व सिग्नल प्रणाली उन्नत करने के लिए पांच मेगाहर्ट्ज के 4जी स्पेक्ट्रम को मंजूरी दे दी। इस पर अगले पांच साल में 25 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे। रामागुंडम फर्टिलाइजर्स एंड केमिकल्स लिमिटेड में संशोधन के साथ नई निवेश नीति (एनआईपी)-2012 की प्रायोज्यता के विस्तार को भी मंजूरी दे दी गई।
जिद छोड़े केंद्र सरकार : कांग्रेस
वहीं केंद्र सरकार के इस फैसले पर कांग्रेस ने कहा है कि किसानों के आंदोलन को समाप्त करने का एक ही तरीका है कि तीनों नए कृषि कानून वापस लिए जाएं। देश के मुख्य विपक्षी दल ने इन कानूनों को विनाशकारी करार देते हुए कहा कि सरकार को अपनी जिद छोड़ देनी चाहिए और किसानों की मांगें मान लेनी चाहिए।
0- एक जुलाई से जारी होगा इलेक्ट्रॉनिक पेंशन पेमेंट ऑर्डर
नई दिल्ली ,09 जून । केंद्र सरकार में पुरानी पेंशन व्यवस्था के तहत आने वाले लाखों कर्मियों के लिए राहत की खबर है। भारत के महालेखा नियंत्रक कार्यालय ने सभी विभागों को आदेश जारी कर दिया है कि एक जुलाई के बाद रिटायर होने वाले ऐसे कार्मिक, जिन्होंने अपना सेवाकाल पूरा किया है, उन्हें पेंशन पेमेंट ऑर्डर (पीपीओ) की हार्ड कॉपी नहीं मिलेगी। कर्मी को ईपीपीओ जारी होगा। यानी उन्हें इलेक्ट्रॉनिक पेंशन पेमेंट ऑर्डर मुहैया कराया जाएगा। इससे पेंशन दस्तावेजों के खोने की टेंशन भी खत्म होगी। अनेकों ऐसी शिकायतें, जिनमें पेंशन पेपर तैयार करने वाले कर्मियों की लापरवाही सामने आती है, उन पर रोक लगेगी।
भारत के महालेखा नियंत्रक कार्यालय द्वारा जारी आदेशों में कहा गया है कि कुछ केसों में अभी पेंशन पेमेंट ऑर्डर, बतौर हार्ड कॉपी और ईपीपीओ के तौर पर जारी किया जा रहा है। रिटायर होने वाले सभी कर्मियों के मामले में ईपीपीओ सुविधा का इस्तेमाल शुरू नहीं हुआ है। जिन मामलों में पीपीओ, बुक के आकार में और इलेक्ट्रॉनिक आधार पर जारी हुआ है, उन दोनों का मिलान किया जाएगा। उनकी जांच कर यह देखा जाएगा कि उनमें कोई अंतर तो नहीं है। अगर उनमें कोई अंतर पाया जाता है तो उसे 15 जून 2021 तक ठीक कर वापस भेज दें। यह ध्यान रहे कि किसी भी सूरत में पहली जुलाई के बाद सेवानिवृत्त होने वाले कर्मियों को पीपीओ जारी नहीं होगा। उन्हें ईपीपीओ ही इश्यू किया जाएगा।
वित्त मंत्रालय की तरफ से कहा गया है कि पहले उन कर्मियों के मामले में ईपीपीओ जारी किया जाए, जो अपना सेवाकाल पूरा कर रिटायर होते हैं। इसके बाद रिटायरमेंट की दूसरी श्रेणियों के मामले में ईपीपीओ जारी किया जाएगा। जैसे कोई कार्मिक, जिसे दंड की वजह से तय अवधि से पहले ही सेवा छोडऩी पड़ी हो। विकलांगता, स्वैच्छिक रिटायरमेंट या किसी अन्य कारण से सेवा में नहीं रहने वाले कर्मियों के मामले में भी ईपीपीओ योजना लागू की जाएगी। पहली जुलाई से तय श्रेणी में सौ फीसदी ईपीपीओ जारी होगा। अगर किसी विभाग को ईपीपीओ जारी करने में कोई दिक्कत हो रही है तो वह एक सप्ताह के अंदर भारत के महालेखा नियंत्रक कार्यालय को अवगत करा दे।
कानपुर ,09 जून । उत्तर प्रदेश के कानपुर नगर से कुछ दूर सचेंडी थाना क्षेत्र के पास तेज से जा रही एक बस ने लोडर को जोरदार टक्कर मार दी। इस हादसे में 16 लोगों की मौत हो गई। कानपुर रेंज के आईजी से मिली जानकारी के अनुसार यह घटना सचेंडी थाना क्षेत्र जो कि कानपुर आउटर में पड़ता है। इस घटना में लोडर और बस की आमने सामने टक्कर होने से 16 की मौत और 5 घायल हो गए हैं। घायलों का इलाज हैलट में चल रहा है। कुछ लोग इसमें सचेंडी के गांव से चढ़े थे। यह बिस्कुट फैक्टरी में काम करते थे। यह बस लखनऊ से दिल्ली की तरफ जा रही थी। यह प्राइवेट बस थी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कानपुर के सचेंडी क्षेत्र में सडक़ दुर्घटना में लोगों की मृत्यु पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने दुर्घटना में मृतकों के परिजनों को 02-02 लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान करने की घोषणा की है। उन्होंने मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए दिवंगत आत्मा की शांति की कामना की है।
मुख्यमंत्री ने इस सडक़ दुर्घटना में घायल व्यक्तियों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना करते हुए समुचित इलाज की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि उच्चाधिकारी मौके पर पहुंचकर युद्धस्तर पर राहत कार्य सुनिश्चित कराएं। उन्होंने जिला प्रशासन को दुर्घटना के कारणों की जांच कर आख्या प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।
मंगलवार को बस और टेम्पो की भिड़ंत में करीब 16 लोगों की मौत हो गई। इस हादसे में कई अन्य लोग घायल हुए हैं, जिनका इलाज हैलट में चल रहा है। घटना की सूचना मिलते ही प्रशासनिक अलमा चौकन्ना हो गया। आनन-फानन पुलिस की गाडिय़ों और सचेंडी पीएचसी-सीएचसी से एंबुलेंस मौके पर पहुंची।
गाडिय़ां पलटते ही उसमें बैठी सवारियों में चीख-पुकार मचने लगी। इस भयावह दृश्य को वहां मौजूद जिस किसी शख्स ने भी देखा उसके होश ही उड़ गए।
लोग मदद के लिए आगे भी आए। घटना के बाद मौके पर मौजूद लोगों ने देर न करते हुए पुलिस और कंट्रोल रूम को हादसे की जानकारी दी। सूचना पर पहुंची पुलिस ने टेंपो के अंदर फंसे गंभीर रूप से घायलों को सबसे पहले बाहर निकाला। इसके बाद घटनास्थल पर पहुंची दर्जनभर एंबुलेंस सभी को लेकर लाला लाजपत राय एलएलआर अस्पताल रवाना हुईं।
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0- नई वैक्सीन पॉलिसी पर तंज कर फंसे राहुल
नई दिल्ली ,08 जून । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मुफ्त वैक्सीन देने की नई वैक्सीनेशन पॉलिसी का ऐलान भी कांग्रेस नेता राहुल गांधी को रास नहीं आया और पीएम मोदी की आलोचन के आदतन राहुल गांधी हमलावार नजर आए। राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर तंज कसा कि जब वैक्सीन फ्री है तो निजी अस्पतालों में इसके लिए पैसे कैसे ले सकते हैं। इसमें वह यह भी भूल गये कि सर्विस चार्ज लिया जाता है।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी एक बार फिर केंद्र सरकार पर हमलावर हो गए। उन्होंने एक ट्वीट में सरकार से सवाल दाग दिया है कि अगर वैक्सीन फ्री है तो निजी अस्पताल पैसे क्यों ले रहे हैं। राहुल गांधी ने एक ट्वीट में लिखा- एक सीधा सा सवाल- अगर वैक्सीन सभी के लिए फ्री है तो निजी अस्पताल इसके लिए पैसे कैसे ले सकते हैं?
कांग्रेस को ही ट्रोल कर रहे राहुल
राहुल के इस सवाल पर कांग्रेस नेता हरदीप सिंह पुरी ने पलटवार किया। उन्होंने राहुल के ट्वीट का स्क्रीनशॉट साझा कर लिखा है कि राहुल गांधी सबसे पूछ रहे हैं कि अगर वैक्सीन फ्री है तो निजी अस्पताल पैसे क्यों ले रहे हैं? क्या ये पंजाब में अपनी ही पार्टी की सरकार को ट्रोल कर रहे हैं? गौरतलब है कि पंजाब की कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार पर कोविड वैक्सीनेशन ड्राइव के दौरान गड़बड़ी कर भारी मुनाफा कमाने के आरोप लग रहे हैं। गौरतलब है कि बीते दिनों पंजाब के कोटे के तहत खरीदी गई कोवैक्सीन को निजी अस्पतालों को बेचने को लेकर राज्य सरकार पर सवाल उठ रहे थे। आरोप है कि पंजाब सरकार ने कोविड वैक्सीन निर्माता कंपनी भारत बायोटेक और सीरम इंस्टीच्यूट से प्रति डोज 400 रुपये के हिसाब से वैक्सीन खरीदी थी और इसे निजी अस्पतालों को 1060 रुपये में बेच रही थी, यानी प्रति डोज 660 रुपये का फायदा। निजी अस्पताल लोगों से प्रति डोज के 1560 रुपये ले रहे यानी वो 500 रुपये और ज्यादा ले रहे हैं।
0- भाजपा नेता स्वपन दासगुप्ता समेत चार बने राज्यसभा सांसद
नई दिल्ली ,08 जून । राज्यसभा के सभापति के रूप में उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने मंगलवार को भाजपा नेता स्वपन दासगुप्ता और तीन अन्य को राज्यसभा के सदस्य के रूप में शपथ दिलाई। इनमें भाजपा ने ता स्वपन दासगुप्ता गुप्ता भी शामिल हैं।
राज्यसभा सचिवालय ने यह जानकारी देते हुए बताया कि स्वपन दासगुप्ता के पुन: राज्यसभा का सदस्य मनोनीत किया गया है। वहीं मनोनीत किये गये सदस्यों में जानेमाने वकील रामजेठमलानी के सुपुत्र एवं वरिष्ठ अधिवक्ता महेश जेठमलानी के अलावा पत्रकार जॉन ब्रिटास और माकपा नेता वी शिवदासन शामिल है, जिन्हें सभापति एम. वेंकैया नायडू ने सदस्यता और गोपनीयता की शपथ दिलाई।
राज्यसभा के लिए फिर से नामांकन पर स्वपन दासगुप्ता ने बुधवार को कहा था कि वह पश्चिम बंगाल के मुद्दों को उजागर करने और देश में शिक्षा प्रणाली पर ध्यान केंद्रित करने के लिए अपने कार्यकाल का उपयोग करने की योजना बना रहे हैं। दासगुप्ता ने कहा कि राज्यसभा के लिए मुझे फिर से नामित करने के लिए वह राष्ट्रपति के आभारी हैं। मुझे उम्मीद है कि मैं अपने शेष कार्यकाल का उपयोग उन मुद्दों को उठाने और उजागर करने के लिए करूंगा जो मुख्य रूप से पश्चिम बंगाल राज्य से संबंधित। साथ ही उन मुद्दों का पता लगाने के लिए जो भारत में शिक्षा की समस्याओं और संभावनाओं से संबंधित हैं। दासगुप्ता ने राज्यसभा सांसद के रूप में अपना इस्तीफा दे दिया था और पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव लड़ा था। हालांकि, वह चुनाव हार गए।
0- दूसरी डोज वालों को प्राथमिकता
0- देश में लागू हुई नई टीकाकारण नीति
नई दिल्ली ,08 जून । केंद्र सरकार ने टीकाकरण अभियान की नई गाइडलाइंस जारी कर दी हैं। नई गाइडलाइंस के मुताबिक, केंद्र सरकार वैक्सीन निर्माता कंपनियों से 75 फीसदी वैक्सीन खरीद कर मुफ्त में राज्यों को देगी। हालांकि निजी अस्पतालों के लिए वैक्सीन की कीमत दवा बनाने वाली कंपनियां ही तय करेंगी।
केंद्र की तरफ से राज्यों को जितनी वैक्सीन मिलेंगी, उसके हिसाब से राज्य सरकारें जिलों को वैक्सीन बाटेंगी। यहां स्वास्थ्य कर्मचारी सबसे ऊपर होंगे। इसके बाद 45 उम्र वाले लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी और उसके बाद उन लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी, जिन्हें दूसरी खुराक मिलनी है। नई गाइडलाइंस के मुताबिक अंत में 18+ लोगों को वैक्सीन लगाने का नंबर आएगा। 18+ लोगों को वैक्सीन के लिए राज्य सरकार को खुद से प्राथमिकता तय करनी होगी। इसमें सबसे अहम बात यह है कि केंद्र राज्यों को जनसंख्या, बीमारी के बोझ और टीकाकरण की प्रगति के आधार पर राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को वैक्सीन की डोज आवंटित की जाएगी। वैक्सीन की बर्बादी का आवंटन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
सरकार की ओर से जारी इन दिशानिर्देशों के मुताबिक केंद्र राज्य सरकार को पहले ही बता देगी कि कितने डोज मिलने वाले हैं। इसी हिसाब से राज्य सरकारें जिलों को वैक्सीन का वितरण करेंगी और आखिर में जिलों और वैक्सीनेशन केंद्रों की ओर से जानकारी सार्वजनिक की जाएगी, ताकि लोगों को दिक्कत ना हो। बता दें कि पुरानी नीति के मुताबिक केंद्र सरकार 50 फीसदी वैक्सीन खरीदती थी लेकिन अब 75 फीसदी खरीदेगी। पुरानी नीति के मुताबिक 25 फीसदी राज्यों को वैक्सीन खरीदनी होती थी लेकिन नई नीति के मुताबिक, राज्य अब वैक्सीन नहीं खरीदेंगे। हालांकि निजी अस्पतालों के लिए नई नीति में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
नई नीति के मुताबिक क्या बदलेगा?
केंद्र सरकार जितनी खुराकें खरीदती थी, उनमें से 50 फीसदी प्राथमिकता समूह और 45+ आयु वालों के लिए राज्य को देती थी लेकिन 50 फीसदी की जगह 75 फीसदी वैक्सीन मुफ्त में दी जाएगी। इसके तहत 18+ लोगों को भी वैक्सीन मुफ्त में लगाई जाएगी। एक मई तक राज्यों को 18+ लोगों के लिए वैक्सीन खुद से बाजार से खरीदनी होती थी लेकिन अब केंद्र सरकार मुफ्त में राज्यों को भी वैक्सीन मुहैया कराएगी। 45+ आयु के लोगों को मुफ्त में वैक्सीन लगाने का फायदा मिलता रहेगा, लेकिन निजी अस्पताल में लगवाने के लिए पहले की तरह पैसों के भुगतान करना होगा। 18-44 उम्र के लोग 21 जून से सरकारी केंद्रों पर मुफ्त में वैक्सीन लगवा सकेंगे। हालांकि निजी अस्पतालों में पैसे चुकाने होंगे।