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कोरोना... 24 घंटे में 6148 मरीजों की मौत से खौफ, कोरोना के 94,052 नए मामले
Posted Date : 10-Jun-2021 4:45:22 pm

कोरोना... 24 घंटे में 6148 मरीजों की मौत से खौफ, कोरोना के 94,052 नए मामले

देश में ढ़लान के बावजूद मौतों के तांडव ने तोड़ा रिकार्ड
नई दिल्ली ,10 जून । देश में कोरोना महामारी के दौरान एक दिन में 6148 मरीजों की मौत ने खौफ पैदा कर दिया, जो कोरोना काल में अब तक की सबसे ज्यादा रिकार्ड मौतें हुई। जब कि कोरोना की दूसरी लहर की रफ्तार धीमी पड़ रही है और इस दौरान केवल 94,052 नए मामले दर्ज किये गये हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ो के अनुसार बीते 24 घंटे में लगातार तीसरे दिन कोरोना के दैनिक संक्रमित मामले तो एक लाख से कम आए हैं, लेकिन इस दौरान कोरोना से होने वाली मौत का आंकड़ा 6148 दर्ज किया गया, जिसके कारण कोरोना वायरस से हुई मौत के आंकड़े ने सभी को चौंका कर रख दिया है। गौरतलब है कि कोरोना की दोनों लहरों में अबतक दैनिक मौत का आंकड़ा इतनी बड़ी संख्या में रिकॉर्ड नहीं किया गया है। बीते 24 घंटे में कोरोना से होने वाली मौतों ने अबतक के सभी रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिए हैं। एक ही दिन में कोरोना से 6148 मरीजों ने जान गंवाई है। मंत्रालय के मुताबिक, देश में कोरोना के 94,052 नए मामले आने के बाद कुल पॉजिटिव मामलों की संख्या 2,91,83,121 हुई और एक दिन में 6,148 नई मौतों के बाद कुल मौतों की संख्या 3,59,676 हो गई है। 1,51,367 नए डिस्चार्ज के बाद कुल डिस्चार्ज की संख्या 2,76,55,493 हुई। देश में सक्रिय मामलों की कुल संख्या 11,67,952 है। हालांकि एक दिन में मौत का आंकड़ा इसलिए बढ़ा हुआ दिखाई दे रहा है क्योंकि इसमें बिहार ने अपने आंकड़े रिवाइज करके जोड़े हैं।
सक्रिय मामलों की संख्या में गिरावट
स्वास्थ्य मंत्रालय ने जानकारी दी कि 60 दिनों बाद देश में कोरोना वायरस के सक्रिय मामले 12 लाख से कम हैं। बता दें कि पिछले 24 घंटे में कोरोना से संक्रमित मरीजों से ज्यादा ठीक हुए मरीजों का आंकड़ा ज्यादा आया है। बीते 24 घंटे में 1,51,367 मरीजों ने कोरोना को मात दी है और घर वापस लौटे हैं। वहीं मौजूदा समय में सक्रिय मामलों की संख्या 11,67,952 हो गई है। इसके अलावा देश में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस की 33,79,261 वैक्सीन लगाई गईं, जिसके बाद कुल वैक्सीनेशन का आंकड़ा 24,27,26,693 हुआ। हालांकि मौत का आंकड़ा बढक़र 3,59,676 हो गया है।

धर्मेन्द्र प्रधान ने भिलाई, छत्तीसगढ़ में जम्बो कोविड केयर सुविधा को राष्ट्र को किया समर्पित
Posted Date : 10-Jun-2021 4:44:48 pm

धर्मेन्द्र प्रधान ने भिलाई, छत्तीसगढ़ में जम्बो कोविड केयर सुविधा को राष्ट्र को किया समर्पित

नई दिल्ली ,10 जून । केंद्रीय पेट्रोलियम तथा प्राकृतिक गैस और इस्पात मंत्री  धर्मेन्द्र प्रधान ने आज छत्तीसगढ़ के सेल के भिलाई स्टील प्लांट में बनी 114 बिस्तर की कोविड केयर सुविधा को राष्ट्र देश को समर्पित किया।यह अस्पताल गैसीय ऑक्सीजन से लैस है और इसकी स्थापना संयंत्र से गैसीय ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए 1.5 किलोमीटर की पाइपलाइन बिछाने के बाद की गई है। यह इस परियोजना का पहला चरण है जिसका उद्देश्य अगले दो चरणों में ऑक्सीजनयुक्त 500 बिस्तरों तक विस्तार करना है। इस केंद्र में दोहरी ऑक्सीजन बैकअप सप्लाई की सुविधा है। मुख्य स्त्रोत के रूप में गैसीय ऑक्सीजन के अतिरिक्त संग्रहित तरल मेडिकल ऑक्सीजन बैकअप का भी प्रावधान है। यह सुविधा आईटी आवश्यकताओं और दूरस्थ परामर्श की सुविधा के लिए आवश्यक इंटरनेट और दूरसंचार सेवाओं से भी लैस है। इस अवसर पर  प्रधान ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गैसीय ऑक्सीजन के स्रोत के निकट अस्पताल स्थापित करने और जहां बीमार, वहां उपचार का मंत्र दिया है और आज का उद्घाटन उस विजन की दिशा में एक और कदम है।
कोविड काल में भिलाई स्टील प्लांट की भूमिका की सराहना करते हुए  प्रधान ने कहा कि इसके अस्पताल ने कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान मरीजों के इलाज में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है और देश में तरल चिकित्सा ऑक्सीजन की आपूर्ति और एलएमओ की बढ़ती मांग को पूरी करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। कोविड-19 की दूसरी लहर में ऑक्सीजन की मांग में अचानक वृद्धि हुई। अप्रैल के शुरु में तरल मेडिकल ऑक्सीजन की मांग रोजाना 1300 एमटी थी जो मध्य मई तक बढक़र 10 हजार एमटी तक हो गई। कई कदम उठा कर इस बोझ को प्रबंधित किया गया और इस्पात क्षेत्र ने इसमें मुख्य भूमिका निभाई।इस्पात संयंत्रों ने स्वयं को योग्य साबित किया और अपने उत्पाद में कमी करने की कीमत पर भी देश की आवश्यकताओं को पूरा किया। 2.8 लाख मीट्रिक टन एलएमओ की आपूर्ति की गई थी जिसमें से 2 लाख एमटी इस्पात और पेट्रोलियम क्षेत्रों द्वारा दिए गए।
 प्रधान ने टीकाकरण के बारे में कहा कि प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी ने टीकाकरण के लिए रोडमैप तैयार किया है।  प्रधान ने आश्वासन दिया कि भारत सरकार और सेल छत्तीसगढ़ के साथ है और राज्य के लोगों के लिए टीकाकरण को अधिक से अधिक बढ़ाने के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा। उन्होंने छत्तीसगढ़ में कॉरपोरेट तथा राज्य सरकार से कम से कम समय में टीकाकरण को ज्यादा से ज्यादा बढ़ाने के लिए साथ मिलकर काम करने का आह्वान किया। उन्होंने आश्वासन दिया कि हाल के अनुभव से सीख लेते हुए भिलाई स्टील प्लांट में बनी  कोविड केयर सुविधा भविष्य में भी बीमारी में वृद्धि से निपटने के लिए तैयार होगी। जब तक जरूरत महसूस होगी, तब तक यह सुविधा काम करती रहेगी। उन्होंने यह भी कहा कि सेल एक कारपोरेट नागरिक के रूप में अपनी जिम्मेदारी के प्रति सजग है और जल्द ही कोविड-19 से प्रभावित परिवारों के लिए अनुकंपा नियुक्तियों की मांग पर निर्णय लेगा।
इस्पात राज्य मंत्री  फग्गन सिंह कुलस्ते ने कोविड-19 महामारी के दौरान इस्पात क्षेत्र द्वारा किए जा रहे विभिन्न उपायों की चर्चा की।
इस वर्चुअल उद्घाटन समारोह में छत्तीसगढ़ सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, चिकित्सा शिक्षा, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री  टी. एस. सिंह देव, छत्तीसगढ़ सरकार के परिवहन, आवास, पर्यावरण, वन एवं विधि मंत्री  मोहम्मद अकबर, राज्यसभा सांसद सु सरोज पांडेय, लोकसभा में दुर्ग के सांसद  विजय बघेल और भिलाई के विधायक  देवेंद्र यादव ने भी भाग लिया। समारोह में एक लघु ऑडियो- विजुअल फिल्म भी दिखाई गई। 
सेल-भिलाई स्टील प्लांट के जेएलएन हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर ने इस क्षेत्र के कोविड मरीजों के इलाज में अहम भूमिका निभाई है। भिलाई के इस अस्पताल में अब तक 8000 कोविड मरीजों का इलाज किया जा चुका है। हाल ही में मरीजों की संख्या बढऩे से ऑक्सीजन सुविधा वाले बेड की संख्या बढ़ाकर 594 कर दी गई है, जिसमें पाइप से ऑक्सीजन सप्लाई वाले 560 बेड शामिल हैं। दाखिल रोगी के उपचार के अलावा, लगभग 31,000 व्यक्तियों की चार केंद्रों पर कोविड की जांच की गई जिसमें एक केंद्र संयंत्र के भीतर है। एक विशेष फ्लू-क्लिनिक की स्थापना की गई थी जहां 35,000 से अधिक कोविड-संदिग्ध व्यक्तियों को चिकित्सा परामर्श दिया गया था।

बिरसा मुंडा की तरह समर्पित होकर करें कार्य, हर क्षेत्र में मिलेगी सफलता- राज्यपाल
Posted Date : 09-Jun-2021 3:43:17 pm

बिरसा मुंडा की तरह समर्पित होकर करें कार्य, हर क्षेत्र में मिलेगी सफलता- राज्यपाल

0 राज्यपाल बिरसा मुण्डा बलिदान दिवस के अवसर पर आयोजित वेबिनार में हुई शामिल
रायपुर, 09 जून । बिरसा मुंडा की तरह समर्पित होकर कार्य करें, हर क्षेत्र में सफलता मिलेगी। बिरसा मुंडा ने अपने समय में शोषण के विरूद्ध आवाज उठाई और आम लोगों की समस्याओं को दूर करने का प्रयास किया। आज उनकी पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए हमें उनके जीवन से प्रेरणा लेने की आवश्यकता है। यह बात राज्यपाल सु अनुसुईया उइके आज राजभवन में आदिवासी समन्वय मंच द्वारा बिरसा मुण्डा बलिदान दिवस के अवसर पर आयोजित वेबिनार को संबोधित करते हुए कही। इस अवसर पर राज्यपाल ने बिरसा मुण्डा को नमन किया।
राज्यपाल ने कहा कि किसी महापुरूषों के कार्यों, अवदानों एवं जीवन का मूल्यांकन इस बात से होता है कि उन्होंने राष्ट्रीय एवं सामाजिक समस्याओं का समाधान किस सीमा तक किया, कितने कठोर संघर्षों से लोहा लिया। बिरसा मुंडा भी ऐसे ही एक युगांतरकारी शख्सियत थे, जिन्होंने अल्प अवधि में एक जननायक की पहचान बनाई। बिरसा मुंडा एक ऐसे आदिवासी नेता थे, जिन्होंने शोषण, गुलामी के खिलाफ आवाज बुलंद की थी। उन्होंने अपनी क्रांतिकारी चिंतन से आदिवासी समाज की दशा एवं दिशा बदल दी। बिरसा मुण्डा ने आदिवासियों को जल, जंगल, जमीन और उनके प्राकृतिक संसाधनों से बेदखल करने के खिलाफ महाविद्रोह ‘ऊलगुलान’ चलाकर तत्कालीन ब्रिटिश साम्राज्य को चुनौती भी दी। उन्होंने ब्रिटिश शासन द्वारा लागू किए गए कानूनों के खिलाफ संघर्ष करने के लिए आदिवासियों को संगठित किया। वे आदिवासियों को महामारी, हैजा, चेचक आदि को दैविक प्रकोप न मानकर उनसे बचने के उपायों के बारे में जानकारी देते थे। बिरसा मुंडा ने उस समय की व्यवस्था और अंधविश्वासों के विरूद्ध आदिवासियों को संगठित किया और अंतिम समय तक संघर्ष करते रहे।
राज्यपाल ने कहा कि बिरसा मुण्डा ने अनुभव किया कि आदिवासी समाज सामाजिक कुरीतियों और आडंबरों से घिरा हुआ है। इसे देखते हुए उन्होंने समाज को इन कुरीतियों से दूर रहने और समाज में प्रचलित आडंबरों के खिलाफ लोगों को जागरूक किया और समाज को अच्छाईयों को ग्रहण करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि बिरसा मुण्डा, गुण्डाधुर और शहीद वीर नारायण सिंह जैसे अनेक स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों तथा महानायकों की बदौलत हमें अमूल्य आजादी मिली है। उन्होंने ब्रिटिश शासन काल के परतंत्रता से मुक्ति दिलाई पर उनका सपना अभी भी पूरा होना बाकी है। इसके लिए हमें सामाजिक बुराईयों, अशिक्षा तथा अन्य आडंबरों से मुक्त होना पड़ेगा।
इस अवसर पर राज्यसभा सांसद श्रीमती सम्पत्तिया उइके, पूर्व मंत्री  ओमकार सिंह मरकाम, पूर्व मंत्री  रमेश तवडकार, यू.एन.ओ. नेपाल के उपाध्यक्ष  फूलमन चौधरी, आदिवासी एकता परिषद के महासचिव  अशोक चौधरी, आदिवासी समन्वय मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष  नकताराम भील, विधायक  धनंजय, विधायक  राजकुमार रोत, आदिवासी समन्वय मंच के सह संयोजक  विक्रम परते उपस्थित थे।

24 घंटे में 92,596 नए मामले, 2,219 की मौत
Posted Date : 09-Jun-2021 3:41:54 pm

24 घंटे में 92,596 नए मामले, 2,219 की मौत

देश में कोरोना का कहर ढलान पर आया
नई दिल्ली ,09 जून । देश में कोरोना का कहर अब ढलान पर है और पिछले दो दिन से दैनिक मामलों की संख्या एक लाख से नीचे दर्ज की जा रही है। हालांकि इसमें पिछले एक दिन में नए मामलों व मौतों में मामूली इजाफा देखा गया है, लेकिन वहीं कोरोना से ठीक होने वालों की संख्या भी तेजी से बढ़ती नजर आ रही है। मसलन  पिछले 24 घंटे में 92,596 नए मामले दर्ज किये गये, तो वहीं कोरोना संक्रमण की वजह से 2,219 लोगों ने अपनी जान गंवाई है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार देश में अब तक संक्रमितों की संख्या बढक़र 2,90,89,069 हो गई। देश में लगातार दूसरे दिन एक लाख से कम नए मामले सामने आए हैं और उपचाराधीन सक्रीय मरीजों की संख्या कम होकर 12,31,415 हो गई है। मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार देश में संक्रमण से 2,219 और लोगों की मौत के बाद मृतक संख्या बढक़र 3,53,528 हो गई है।
महाराष्ट्र में ज्यादा मौंते
मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार देश में पिछले 24 घंटे में जिन 2,219 लोगों की संक्रमण से मौत हुई, उनमें से महाराष्ट्र के 702 , तमिलनाडु के 409, कर्नाटक के 179 और केरल के 124 लोग थे। मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, देश में संक्रमण से अभी तक कुल 3,53,528 लोगों की मौत हुई है, जिनमें से महाराष्ट्र के 1,01,172 लोग, कर्नाटक के 32,099 लोग, तमिलनाडु के 27,765 लोग, दिल्ली के 24,668 लोग, उत्तर प्रदेश के 21,425 लोग, पश्चिम बंगाल के 16,460 लोग , पंजाब के 15,219 लोग और छत्तीसगढ़ के 13,257 लोग थे।
सक्रीय मरीजों की संख्या में कमी
देश में कोविड-19 के 92,596 नए मामले, उपचाराधीन मरीजों की संख्या घट कर 12,31,415 रह गई है, जो कुल मामलों का 4.23 प्रतिशत है। पिछले 24 घंटे में उपचाराधीन मामलों में कुल 72,287 की कमी आई है। मरीजों के ठीक होने की राष्ट्रीय दर 94.55 प्रतिशत है। संक्रमण मुक्त हुए लोगों की संख्या लगातार 27वें दिन संक्रमण के नए मामलों से अधिक रही। आंकड़ो के अनुसार, देश में अभी तक कुल 2,75,04,126 लोग संक्रमण मुक्त हो चुके हैं। वहीं, कोविड-19 से मृत्यु दर 1.22 प्रतिशत है। आंकड़ों के अनुसार देश में अभी तक कुल 37,01,93,563 नमूनों की कोविड-19 संबंधी जांच की गई है, जिनमें से 19,85,967 नमूनों की जांच मंगलवार को की गई। नमूनों के संक्रमित आने की दैनिक दर 4.66 प्रतिशत है, पिछले 16 दिन से संक्रमण की दैनिक दर 10 प्रतिशत से कम बनी हुई है। वहीं संक्रमण की साप्ताहिक दर भी कम होकर 5.66 प्रतिशत हो गई है।  देश में पिछले साल सात अगस्त को संक्रमितों की संख्या 20 लाख, 23 अगस्त को 30 लाख और पांच सितम्बर को 40 लाख से अधिक हो गई थी। वहीं, संक्रमण के कुल मामले 16 सितम्बर को 50 लाख, 28 सितम्बर को 60 लाख, 11 अक्टूबर को 70 लाख, 29 अक्टूबर को 80 लाख, 20 नवम्बर को 90 लाख के पार हो गए। देश में 19 दिसम्बर को ये मामले एक करोड़ के पार और चार मई को दो करोड़ के पार चले गए थे।

राज्यों के पास 1.33 करोड़ से अधिक वैक्सीन की खुराक अब भी मौजूद : केंद्र
Posted Date : 09-Jun-2021 3:41:22 pm

राज्यों के पास 1.33 करोड़ से अधिक वैक्सीन की खुराक अब भी मौजूद : केंद्र

नई दिल्ली ,09 जून । केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों के पास कोविड-19 टीकों की 1.33 करोड़ से अधिक खुराक अब भी मौजूद हैं तथा तीन लाख से अधिक खुराकें अगले तीन दिन के भीतर उन्हें मिल जाएंगी। अब तक राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों को 25 करोड़ से अधिक खुराकें दी गई हैं। ये खुराकें उन्हें भारत सरकार की ओर से नि:शुल्क तरीके से तथा राज्यों द्वारा सीधे खरीद की श्रेणी में दी गई हैं।
मंत्रालय ने बुधवार सुबह आठ बजे तक उपलब्ध आंकड़ों के हवाले से बताया कि कुल 23,74,21,808 खुराकों (बरबाद हुए टीकों समेत) का इस्तेमाल हुआ है। उसने बताया, ‘‘ राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों के पास कोविड-19 टीकों की कुल 1,33,68,727 खुराक अब भी मौजूद हैं। इसके अलावा, अगले तीन दिन में और 3,81,750 खुराकें उन्हें उपलब्ध करवाई जाएंगी। उल्लेखनीय है कि राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान के तहत भारत सरकार राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों को नि:शुल्क टीके दे रही है। इसके अलावा राज्य टीकों की सीधी खरीद भी कर सकते हैं। कोविड टीकाकरण का तीसरा चरण देश में एक मई को आरंभ हुआ था। महामारी से निबटने की सरकार की व्यापक रणनीति का एक अहम स्तंभ टीकाकरण है।

रेलवे में अब कोविड के रोजाना मामले हुए कम
Posted Date : 09-Jun-2021 3:40:53 pm

रेलवे में अब कोविड के रोजाना मामले हुए कम

0- रेल कर्मचारियों को फ्रंटलाइन वर्कर घोषित करने की मांग
नई दिल्ली ,09 जून ।  देश में कोरोना वायरस के संक्रमितों का आंकड़ा भी हर दिन कम होता दिखाई दे रहा है। भारतीय रेलवे से राहत भरी खबर सामने आ रही है। एक समय जहां रेलवे में रोज एक हजार कर्मचारी कोरोना संक्रमित हो रहे थे, अब उनकी संख्या घटकर महज 150 तक रह गई है। हालांकि अब तक कोरोना से करीब 2600 से ज़्यादा रेलवे कर्मचारियों की मौत भी हो चुकी है।
रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष सुनीत शर्मा के अनुसार रेलवे किसी अन्य राज्य या क्षेत्र से अलग नहीं है। हम परिवहन का काम करते हैं और सामान व लोगों को लाते और ले जाते हैं। हमने भी कोविड संक्रमण की मार झेलते लोगों की मदद की है। रेलवे कर्मचारी हमारी पूंजी है। अब तक करीब 60 फीसदी कर्मचारी कोरोना संक्रमित हो चुके हैं। आज कोरोना संक्रमितों की संख्या में कमी देखने को मिल रही है। रोज करीब 150 कर्मचारी ही संक्रमित हो रहे हैं। हम अपने स्टॉफ का पूरा ख्याल रख रहे हैं। उन्हें आवश्यक मेडिकल सुविधा भी उपलब्ध करा रहे हैं। रेलवे के अस्पतालों में बिस्तरों की संख्या बढ़ाई गई है, रेल अस्पतालों में ऑक्सीजन संयंत्र लगाए गए हैं। फिलहाल साढ़े तीन से चार हज़ार रेलवे कर्मी या उनके परिवार के सदस्य इन अस्पतालों में भर्ती हैं। हमारा प्रयास है कि वो जल्दी ठीक हो जाएं। हाल ही में केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने ट्विटर पर लिखा था कि कोविड महामारी की चुनौती से लडऩे के लिये भारतीय रेल के प्रयास निरंतर जारी हैं। इसी क्रम में रेलवे हॉस्पिटल्स में 86 ऑक्सीजन प्लांट्स लगाए जा रहे हैं। इसके साथ ही कोविड बेड्स और वेंटिलेटर्स की संख्या भी बढ़ाई गयी है। हमारे रेल कर्मचारी कोरोना महामारी के विरुद्ध इस लड़ाई में कंधे से कंधा मिलाकर अपना योगदान दे रहे हैं। उन्होंने रेल कर्मचारियों के प्रति उनके इस योगदान के लिए आभार जताया है।
रेलवे के सबसे बड़े कर्मचारी संघ ने सोमवार को एक बड़ा अभियान शुरू किया है। इस अभियान के जरिए उन्होंने मांग की है कि उन्हें फ्रंटलाइन कोविड वर्कर्स घोषित किया जाए क्योंकि वे कोरोनो वायरस संकट के दौरान लोगों की सेवा कर रहे हैं और इस प्रक्रिया में वह 2,000 से अधिक सहयोगियों को खो चुके हैं। उन्होंने अपनी मांग को और मजबूत करने के लिए ट्विटर पर इस अभियान पर लोगों का समर्थन मांगा है। एआईआरएफ के महासचिव शिव गोपाल मिश्रा ने कहा कि दिन-रात अपने कर्तव्यों का पालन करने और अपने मूल्यवान जीवन का बलिदान करने के बावजूद फ्रंटलाइन वर्कर्स के रूप में ना पहचाने जाने पर रेलवे कर्मचारियों में गंभीर अशांति और असंतोष है।उन्होंने कहा कि जहां सरकार अन्य विभागों के कर्मचारियों को फ्रंटलाइन वर्कर मानकर तमाम सुविधाएं मुहैया करा रही है, वहीं रेलकर्मियों के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। अगर मांगें नहीं मानी गईं और सरकार ने उन्हें वो सारे लाभ नहीं दिए जो एक फ्रंटलाइन वर्कर्स को दिए जाते हैं तो आंदोलन तेज कर दिया जाएगा।