नई दिल्ली ,15 जून । इंडो-जर्मन विज्ञान और प्रौद्योगिकी केंद्र (आईजीएसटीसी) औद्योगिक फेलोशिप कार्यक्रम की शुरुआत 14 जून 2021 को आईजीएसटीसी के 11वें स्थापना दिवस के अवसर पर भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव प्रोफेसर आशुतोष शर्मा ने किया था।
प्रोफेसर आशुतोष शर्मा ने कहा, यह फेलोशिप क्षमता निर्माण को प्रोत्साहित करेगी और छात्रों कोउद्योग व अनुसंधान समाधानों के सामने आने वाली चुनौतियों के बारे में सोचने के लिए प्रोत्साहित करेगी।यह युवा शोधकर्ताओं के लिए जर्मन व्यवस्था में अनुप्रयुक्त अनुसंधान,प्रौद्योगिकी विकास और औद्योगिक अनुभव को प्रोत्साहित करेगा।
आईजीएसटीसी इंडस्ट्रियल फेलोशिप जर्मन उद्योगों और औद्योगिक अनुसंधान व विकास संस्थानों में औद्योगिक प्रदर्शन के लिए विज्ञान और इंजीनियरिंग में युवा भारतीय पीएचडी छात्रों और पोस्ट-डॉक्टरेट शोधकर्ताओं की सहायता करेगी।
अधिकतम एक वर्ष के लिए आकर्षक अनुदान समर्थित, इसफेलोशिप का उद्देश्य युवा भारतीय शोधकर्ताओं को अनुप्रयुक्त अनुसंधान के लिए प्रेरित करना और उन्नत जर्मन औद्योगिक वातावरण में प्रदर्शन के माध्यम से नवाचार व प्रौद्योगिकी विकास को बढ़ावा देने की क्षमता का निर्माण करना है।
इस कार्यक्रम को आईजीएसटीसी शासकीय निकाय के सह-अध्यक्षों व सदस्यों के साथभारतीय व जर्मन सरकारों, उद्योग और अकादमिक क्षेत्र के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में एक वर्चुअल बैठक में शुरू किया गया था।
डीएसटी के अंतर्राष्ट्रीय विभाग के प्रमुख और आईजीएसटीसी के भारतीय सह-अध्यक्ष एसके वार्ष्णेयने सभी हितधारकों को बधाई देते हुए उल्लेख किया कि उद्योगों के अनुप्रयुक्त अनुसंधान और प्रौद्योगिकी विकास में भारत-जर्मन सहयोग कोआगे बढ़ाकर केंद्र ने अपने लिए एक जगह बनाई है। उन्होंने सभी वैज्ञानिक एजेंसियों और उद्योग से औद्योगिक प्रासंगिकता के द्विपक्षीय वैज्ञानिक सहयोग को आगे बढ़ाने के लिए केंद्र की सेवाओं का उपयोग करने का अनुरोध किया।
बीएमबीएफ की निदेशक और आईजीएसटीसी की जर्मन सह-अध्यक्ष मती कैथरीन मेयर्सने कहा, यह कार्यक्रम प्रतिभाशाली भारतीय शोधकर्ताओं को जर्मनी की कंपनियों या सरकारी संस्थानों के साथ व्यावहारिक विज्ञान के लिए काम करने के लिए साथ लाएगा। बतौरफेलो, वे भविष्य के लिए दोनों देशों के बीच लंबे समय तक चलने वाले संबंध बना सकते हैं।
उन्होंने आगे कहा, चूंकि केंद्र उद्योग के नेतृत्व में और अकादमिक/अनुसंधान संगठनों के समर्थित अनुसंधान को बढ़ावा दे रहा है, यह भी एक अनूठा मंच प्रदान करता है जिसका उपयोग नए सहयोग के लिए किया जाना चाहिए।
आईजीएसटीसीकी स्थापना भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) और जर्मनी सरकार के संघीय शिक्षा व अनुसंधान मंत्रालय (बीएमबीएफ) नेउद्योग की भागीदारी, अनुप्रयुक्त अनुसंधान और प्रौद्योगिकी विकास पर जोर देने के साथ इंडो-जर्मन अनुसंधान व विकासनेटवर्किंग की सुविधा के लिए की थी।
आईजीएसटीसी, अपने प्रमुख कार्यक्रम '2+2 परियाजनाएं के जरिएभारत और जर्मनी के अनुसंधान व शैक्षणिक संस्थानों और सार्वजनिक/निजी उद्योगों की मजबूती को जोडक़र नवाचार-केंद्रित अनुसंधान व विकासपरियोजनाओं की सहायता कर रहा है।
नई दिल्ली ,15 जून । भारतीय रेलवे द्वारा हाल ही में विकसित डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (डीएफसी) देश भर में माल ढुलाई की आवाजाही तेजी से प्रदान करता है। भारतीय सेना ने सोमवार (14 जून, 2021) को डीएफसी की प्रभावकारिता को मान्य करते हुए न्यू रेवाड़ी से न्यू फुलेरा तक वाहनों और उपकरणों से भरी सैन्य गाड़ी को ले जाकर सफल परीक्षण किया । भारतीय सेना द्वारा डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (डीएफसीसीआईएल) और भारतीय रेलवे के साथ करीबी और समकालिक समन्वय से सशस्त्र बलों की लामबंदी क्षमता में काफी वृद्धि होगी । ये परीक्षण राष्ट्रीय संसाधनों को अनुकूलित करने और विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के बीच बाधारहित तालमेल की के लिए हॉल ऑफ द नेशन एप्रोच का हिस्सा थे ।
भारतीय सेना द्वारा डीएफसीसीआईएल और भारतीय रेलवे सहित सभी हितधारकों के साथ बातचीत से अब सशस्त्र बलों की तैनाती में डीएफसी और संबद्ध बुनियादी ढांचे का लाभ उठाने में सहायता मिलेगी । रोल ऑन-रोल ऑफ (आरओ-आरओ) सेवा पर रक्षा स्वामित्व वाले रोलिंग स्टॉक के कदम को मान्य करने के लिए मोबिलाइज़ेशन और परीक्षणों का समर्थन करने हेतु कुछ स्थानों पर बुनियादी ढांचे के विकास को औपचारिक रूप दिया जा रहा है तथा तौर-तरीके विकसित किए जा रहे हैं ।
यह परीक्षण सशस्त्र बलों की अभियान सम्बंधी तत्परता को बढ़ाने का मार्ग प्रशस्त करने के लिए इस प्रक्रिया में पहला कदम है । यह पहल यह सुनिश्चित करने वाली प्रक्रियाओं का निर्धारण करेगी कि योजना के स्तर पर ही राष्ट्रीय बुनियादी ढांचे के विकास में सैन्य आवश्यकताओं का आपसी मेलजोल हो ।
0- आरोपों को बताया राजनीतिक
0- कहा बाजार मूल्य से कम कीमत पर खरीदी गई जमीन
नई दिल्ली ,15 जून । जमीन खरीद में भ्रष्टïाचार के आरोपों का सामना कर रहे राम मंदिर ट्रस्ट ने मंगलवार को इससे संबंधित रिपोर्ट केंद्र सरकार के साथ-साथ राष्टï्रीय स्वयं सेवक संघ को सौंप दी है। रिपोर्ट में आरोपों को राजनीतिक बताते हुए कहा गया है कि संबंधित जमीन को बाजार मूल्य से कम कीमत पर खरीदा गया है। गौरतलब है कि सपा और आप के आरोपों के बाद केंद्र सरकार ने जमीन खरीद मामले में ट्रस्ट से रिपोर्ट मांगी थी।
सूत्रों के मुताबिक रिपोर्ट में जमीन खरीद से संबंधित सारे दस्तावेज देने केसाथ ही पूरी खरीद प्रक्रिया को बिंदुवार समझाया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि राम मंदिर के विरोधी राजनीतिक कारणों से ट्रस्ट पर भ्रष्टïाचार के आरोप लगा रहे हैं। रिपोर्ट में संबंधित जमीन के आसपास की जमीन की वर्तमान कीमतों की भी जानकारी दी गई है। इसके अलावा जमीन सौदे की एक-एक जानकारी से अवगत कराया गया है। ट्रस्ट ने इसे विपक्ष की साजिश करार देते हुए कहा है कि उत्तर प्रदेश में कुछ महीने बाद होने जा रहे विधानसभा चुनाव के कारण इस मुद्दे को तूल दिया जा रहा है।
सरकार और भाजपा सतर्क
इस पूरे मामले के तूल पकडऩे से सरकार और भाजप सतर्क है। पूरी कोशिश है कि इसे राजनीतिक मुद्दा बनने से रोका जाए। भाजपा भी मान रही है कि पूरा प्रकरण उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनााव से जुड़ा है। विधानसभा चुनाव के कारण विपक्ष इसे बड़ा मुद्दा बनाने की कोशिश करेगा। ऐसे में पार्टी और सरकार इस मामले का जल्द निपटारा करना चाहती है।
नई दिल्ली ,14 जून । जयपुर हवाई अड्डा टीकों, चिकित्सा उपकरणों और अन्य आवश्यक सामग्रियों को सुरक्षित तरीके से लोड कर उन्हें समय से गंतव्य तक पहुंचाने का काम सुनिश्चित करने के लिए 24&7 अथक रूप से काम कर रहा है। जयपुर हवाई अड्डे से 1 मई से 9 जून 2021 तक कोविड टीकों के कुल 683 बक्से (20.59 मीट्रिक टन), ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर के 527 बक्से (8.24 मीट्रिक टन), ऑक्सीमीटर के 42 बक्से (475 किलो),कोविड-19 डिटेक्शन किट के 30 बक्से (542 किलो), टीकाकरण किट के 08 बक्से (224 किलो) और ब्लैक फंगस बीमारी की दवाओं के 85 बक्से (612 किलो)विभिन्न विमान सेवाओं के माध्यम से भेजे गए।
ऑक्सीजन संकट पर काबू पाने के लिए 26 अप्रैल2021 से 16 मई 2021 तक ऑक्सीजन के 9 खाली टैंकर भारतीय वायु सेना के विमान (सी17) से जयपुर से जामनगर भेजे गए।
इसके अतिरिक्त जयपुर हवाई अड्डा द्वारा केंद्र तथा राज्य सरकार के निर्देश के अनुसार कोविड-19 से संबंधित दिशा-निर्देशों और प्रोटोकॉल का भी पालन किया जा रहा है ताकि यात्रियों की सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित की जा सके। हवाई अड्डा के कर्मचारी सभी यात्रियों, हितधारकों, आगंतुकों और कर्मचारियों से कोविड उपयुक्त व्यवहार का हमेशा पालन करने और भीड़ कम करने के लिए समय में अंतर को बनाए रखने के लिए निरंतर अनुरोध कर रहे हैं। हवाई अड्डा कोविड उपयुक्त व्यवहार के बारे में जागरूकता पैदा करने, यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिएटर्मिनल पर कई इलेक्ट्रॉनिक और स्थायी डिस्प्ले के माध्यम से निर्देश भी प्रदर्शित कर रहा है।
जयपुर हवाई अड्डे ने सभी सुरक्षा उपायों को ध्यान में रखते हुए राजस्थान सरकार के सहयोग से भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण(एएआई)के कर्मचारियों और अन्य हितधारकों के लिए कोविड टीकाकरण शिविर का भी आयोजन किया है। मई और जून 2021 में जयपुर हवाई अड्डे पर कुल 09 टीकाकरण शिविर आयोजित किए गए जिसमें लगभग 2000 लाभार्थियों को टीका लगाया गया।
नई दिल्ली ,14 जून । भारत में दैनिक नये मामलों की संख्या में लगातार कमी दर्ज की जा रही है। पिछले 24 घंटे में देश में 70,421 दैनिक नये मामले दर्ज किए गए। लगातार सातवें दिन देश में कोविड-19 के नये मामलों की संख्या एक लाख से कम दर्ज की गयी। यह केंद्र और राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के सहयोग से किए जा रहे सतत प्रयासों का नतीजा है।
भारत में कोविड-19 के सक्रिय मामलों की संख्या लगातार घट रही है। सक्रिय मामलों की संख्या गिरकर आज 9,73,158 हो गयी। सक्रिय मामलों की संख्या 66 दिनों के बाद 10 लाख से कम हुई है।
पिछले 24 घंटे में सक्रिय मामलों की संख्या में कुल 53,001 की कमी आयी है। यह अब देश के कुल कोविड पॉजिटिव मामलों का केवल 3.30 प्रतिशत है।
साथ ही ज्यादा लोगों के कोविड-19 संक्रमण से स्वस्थ होने के साथ लगातार 32वें दिन बीमारी से स्वस्थ होने वाले लोगों की दैनिक संख्या कोविड-19 के दैनिक नए मामलों से ज्यादा है। पिछले 24 घंटे में बीमारी से 1,19,501 लोग स्वस्थ हुए हैं।
पिछले 24 घंटे में दैनिक नये मामलों की तुलना में बीमारी से करीब 50,000 (49,080) ज्यादा लोग स्वस्थ हुए हैं।
भारत में महामारी के शुरू होने के बाद से पहले ही कुल 2,81,62,947 लोगों में कोविड-19 ठीक हो चुका है और पिछले 24 घंटे में बीमारी से कुल 1,19,501 लोग स्वस्थ हुए हैं। बीमारी से स्वस्थ होने की राष्ट्रीय दर भी बेहतर होकर 95.43 प्रतिशत हो गयी है और इसमें लगातार वृद्धि हो रही है। भारत में पिछले 24 घंटे में कुल 14,92,152 जांच हुई जिसके साथ अब तक हुए जांच की कुल संख्या करीब 38 करोड़ (37,96,24,626) है।
जहां एक तरफ पूरे देश में कोविड की जांच बढ़ गयी है, वहीं दूसरी तरफ साप्ताहिक पॉजिटिविटी रेट भी लगातार घट रहा है। साप्ताहिक पॉजिटिविटी रेट इस समय 4.54 प्रतिशत है जबकि दैनिक पॉजिटिविटी रेट आज 4.72 प्रतिशत हो गया। यह लगातार 21 दिनों से 10 प्रतिशत से कम बना हुआ है।
अस्थायी रिपोर्ट के अनुसार आज सुबह सात बजे तक 35,32,375 सत्रों में देश में कोविड-19 के टीके की कुल 25,48,49,301 खुराक दी जा चुकी हैं।
देहरादून 14 जून । उत्तराखंड में म्यूकोरमाइकोसिस (ब्लैक फंगस) के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। प्रदेश में अब ब्लैक फंगस के कुल मरीजों की संख्या 400 हो गई है। वहीं अब तक 42 लोग स्वस्थ भी हो चुके हैं। जबकि मौत का आंकड़ा 67 तक पहुंच गया है। म्यूकोरमाइकोसिस (ब्लैक फंगस) के सबसे अधिक मरीज एम्स ऋषिकेश में सामने आए हैं, यहां अब तक 256 मामले दर्ज किए गए हैं जिनमें से 44 मरीजों की मौत हो चुकी है व 10 स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हो चुके हैं। दून मेडिकल कॉलेज में ब्लैक फंगस के 20 मरीज भर्ती हैं, जिसमें से 5 मरीज स्वस्थ होकर घर लौटे हैं, जबकि 1 मरीज की मौत भी हो चुकी है। मैक्स हॉस्पिटल 15 मरीजो में से 9 स्वस्थ हो चुके हैं, जबकि 2 मरीजों की मौत भी हो चुकी है। महंत इंद्रेश हॉस्पिटल में 28 मरीज सामने आए हैं जिनमें से 3 मरीजों की मौत हो चुकी है व 11 मरीज स्वस्थ होकर घर लौट चुके हैं। एचआईएचटी जॉली ग्रांट में 35 मामले दर्ज किए जा चुके हैं, जिनमें से 9 मरीजों की मौत हो चुकी है व 7 स्वस्थ हो चुके हैं। इसके अलावा आरोग्यधाम अस्पताल में 2 व सिटी हार्ट अस्पताल में 1 मरीज का इलाज चल रहा है। ओएनजीसी अस्पताल में भी 2 मरीज भर्ती है। सिनर्जी अस्पताल में भी 2 मरीज सामने आए जिसमें 1 मरीज की मौत हो चुकी है। वहीं 1 मरीज मिलट्री हॉस्पिटल में भी सामने आया है। नैनीताल जनपद की बात करें तो यहां 3 मरीज कृष्णा हॉस्पिटल हल्द्वानी में सामने आए, जिनमें से एक की मौत हो चुकी है, 29 मरीज डॉ. सुशीला तिवारी अस्पताल में सामने आ चुके हैं, जहां 4 मरीजों की मौत हो चुकी है। 2 मरीज उत्तरकाशी जिला अस्पताल में सामने आए हैं, 1 मरीज ऊधमसिंहनगर जनपद में भी सामने आया था जिसकी मौत हो चुकी है। वहीं 2 मरीज मिलिट्री अस्पताल रूडक़ी में भी सामने आए हैं, जिसमें 1 मरीज की मौत हो चुकी है। 1 मरीज आरोग्यम हॉस्पिटल रूडक़ी में भी सामने आया है।