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स्वास्थ्य मंत्रालय 28 अक्तूबर से 2 नवम्बर तक सतर्कता जागरूकता सप्ताह मनाएगा
Posted Date : 25-Oct-2019 5:38:15 pm

स्वास्थ्य मंत्रालय 28 अक्तूबर से 2 नवम्बर तक सतर्कता जागरूकता सप्ताह मनाएगा

नईदिल्ली,25 अक्टूबर । केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी), भारत सरकार के निर्देशों के अनुसार स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय 28 अक्टूबर से 2 नवंबर तक सतर्कता जागरूकता सप्ताह मनाएगा। इस वर्ष के सतर्कता जागरूकता का विषय ईमानदारी-एक जीवनशैली है। सतर्कता जागरूकता सप्ताह का आरंभ केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री द्वारा मंत्रालय के अधिकारियों/कर्मचारियों के लिए भ्रष्टाचार के खिलाफ लडऩे तथा ईमानदारी और सत्यनिष्ठा के उच्चतम मानकों के लिए प्रतिबद्धता की ‘ईमानदारी शपथ’ दिलाने के साथ होगा। इस मंत्रालय द्वारा आयोजित की जाने वाली प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कार देने का भी प्रस्ताव है। 
केंद्रीय सतर्कता आयोग का लक्ष्य सार्वजनिक जीवन में सत्यनिष्ठा, पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देना है। सार्वजनिक जीवन में शुचिता को बढ़ावा देने और भ्रष्टाचार मुक्त समाज की स्थापना करने के अपने प्रयासों के तहत, सीवीसी हर साल सतर्कता जागरूकता सप्ताह मनाता है। सतर्कता जागरूकता सप्ताह का आयोजन जनता के बीच जागरूकता उत्पन्न करता है और सभी हितधारकों को सामूहिक रूप से भ्रष्टाचार को रोकने और उसके खिलाफ संघर्ष करने के लिए प्रोत्साहित करता है।
सप्ताह भर चलने वाले सतर्कता जागरूकता अभियान के दौरान, लोगों की शिकायतों के निवारण के लिए जनता के साथ संपर्क, जेनेरिक दवाओं का उपयोग, औचक निरीक्षण, सेमिनार, कार्यशालाओं का आयोजन, छात्रों, शिक्षकों, कर्मचारियों/अधिकारियों के बच्चों के बीच वाद-विवाद प्रतियोगिता, पोस्टर प्रतियोगिता, निबंध लेखन, क्विज, पेंटिंग प्रतियोगिताओं और नैतिकता / नैतिक मूल्यों, तथा वर्ष 2019 के विषय के अनुरूप सतर्कता संबंधी विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा। ये गतिविधियां जीवन के सभी क्षेत्रों से भ्रष्टाचार का खात्मा करने के लिए मंत्रालय के अधिकारियों और कर्मचारियों को अपने कार्य में सतर्कता और पारदर्शिता बरतने के प्रति संवेदनशील बनायेंगी और उन्हें इस दिशा में प्रेरित करेंगी।

एकता, शांति और अहिंसा का प्रतीक:कोविन्द
Posted Date : 25-Oct-2019 5:37:54 pm

एकता, शांति और अहिंसा का प्रतीक:कोविन्द

0-विश्व शांति स्तूप के स्वर्ण जयंती समारोह
नईदिल्ली,25 अक्टूबर । राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शुक्रवार को बिहार के राजगीर में विश्व शांति स्तूप के स्वर्ण जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित समारोह को संबोधित किया।  
राष्ट्रपति ने इस अवसर पर कहा कि विश्व शांति स्तूप एकता, शांति और अहिंसा का प्रतीक है। इसके संदेश में ऐसी सार्वभौमिकता है जो संस्कृतियों,धर्मों और भौगोलिक सीमाओं के दायरे में सिमटी हुई नहीं है। यह जापान और भारत जैसी शांतिपूर्ण लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं के बीच साझेदारी और व्यापक सहयोग को भी दर्शाता है। 
कोविंद ने कहा कि महात्मा बुद्ध के अष्टांगिक मार्ग का दर्शन न केवल दुनिया के आध्यात्मिक परिदृश्य में बड़े परिवर्तन का कारण बना बल्कि इसके साथ ही इसने सामाजिक राजनीतिक और कारोबारी नैतिक मूल्यों को स्थापित करने में भी बड़ी भूमिका निभाई।  उन्होंने कहा कि महात्मा बुद्ध के संदेश दुनियाभर में मौजूद उनके 50 करोड़ से ज्यादा अनुयायियों से भी अधिक लोगों तक पहुंचे हैं। बुद्ध के जीवन से संबंधित स्थानों को पर्यटन स्थलों के रूप में विकसित करना उनके संदेशों की मूल भावना के प्रति लोगों और विशेषकर युवाओं को आकर्षित करने का एक प्रभावी तरीका है।
राष्ट्रपति ने कहा कि विकास के लिए शांति जरूरी है। उन्होंने कहा कि बुद्ध के शांति के संदेश का सार बाह्य शांति के लिए आंतरिक शांति को जरूरी बताता है। आध्यात्मिकता , शांति और विकास एक दूसरे के संबल हैं जबकि संघर्ष,अशांति और विकास की कमी एक दूसरे की वजह बनते हैं। उन्होंने लोगों से गरीबी और संघर्ष को कम करने के लिए एक शक्तिशाली साधन के रूप में शांति और सद्भाव को बढ़ावा देने की अपील की।

महाराष्ट्र नहीं हरियाणा में सरकार बनाने की संभवना तलाशें:सोनिया
Posted Date : 25-Oct-2019 5:37:16 pm

महाराष्ट्र नहीं हरियाणा में सरकार बनाने की संभवना तलाशें:सोनिया

नईदिल्ली,25 अक्टूबर । कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शुक्रवार को महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा चुनाव परिणामों को लेकर बड़ा बयान दिया. उन्होंने कांग्रेस के नेताओं को सलाह देते हुए कहा कि महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर उत्साहित न हों. सिर्फ सरकार बनाने की बेचैनी नहीं दिखे. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार बनानी ही है तो हरियाणा में संभावनाओं की तलाश करें. सोनिया ने इस दौरान नेताओं को शांत रहने और समय के अनुरूप काम करने की सलाह दी.
गौरतलब है कि महाराष्ट्र में कांग्रेस व एनसीपी के खाते में 104 सीटें आई हैं और बहुमत का आंकड़ा 145 पार है. वहीं हरियाणा में पार्टी को 31 सीटें मिली हैं. यहां पर सरकार बनाने के लिए 46 सीटों की जरूरत रहेगी.

आंतरिक सुरक्षा के मामले में आईटीबीपी की भूमिका सराहनीय: रेड्डी
Posted Date : 24-Oct-2019 5:20:34 pm

आंतरिक सुरक्षा के मामले में आईटीबीपी की भूमिका सराहनीय: रेड्डी

0-आईटीबीपी का 58वां स्थापना दिवस
नोएडा,24 अक्टूबर । केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी. किशन रेड्डी ने भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के 58वें स्थापना दिवस पर आयोजित समारोह की अध्यक्षता की और स्थापना दिवस की परेड की सलामी ली। आईटीबीपी के महानिदेशक एस.एस. देशवाल भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
परेड में महिला, कमांडो, स्कीइंग, पर्वतारोहण और पैराट्रूपर्स के दस्ते, डॉग स्क्वायड और घुड़सवार कॉलम सहित सभी फ्रंटियर टुकडिय़ां शामिल थीं। परेड में अभी हाल में शामिल मशीनों और उपकरणों, स्नो स्कूटर, ऑल-टेरेन वाहनों, विभिन्न हाई-एंड एसयूवी, पोल नेट और विभिन्न संचार और निगरानी उपकरणों सहित फोर्स के सभी पहलुओं को प्रदर्शित किया गया।
इस अवसर पर जी. किशन रेड्डी ने कहा कि इन मौजूदा आंतरिक सुरक्षा के संदर्भ में आईटीबीपी की विविध भूमिकाएं हैं। उन्होंने कहा इस बल का विदेशों में भारतीय दूतावासों और वाणिज्य दूतावासों की सुरक्षा, अमरनाथ और मानसरोवर यात्रा के दौरान सुरक्षा व्यवस्था के साथ-साथ वामपंथी अतिवाद क्षेत्रों में संचालन और राहत तथा आपदाओं के दौरान बचाव आदि के कार्यों सहित विभिन्न प्रकार के कानूनी योगदान रहता हैं। रेड्डी ने आईटीबीपी की पहली महिला पर्वतारोही टीम की सराहना करते हुए कहा कि यह महिला सशक्तिकरण के लिए एक बड़ा कदम है।
उन्होंने पंजाब में उग्रवाद के खिलाफ लडऩे में और देश के रेड कॉरिडोर क्षेत्रों में आईटीबीपी कर्मियों की भूमिका और स्थानीय लोगों के दिलों को जीतने में इस बल की प्रशंसा की। वामपंथी अतिवाद (एलडब्ल्यूई) प्रभावित क्षेत्रों में किए जा रहे विकास कार्यों में भी इस बल का महत्वपूर्ण योगदान है। आईटीबीपी को गुरिल्ला युद्ध बल के रूप में भी प्रशिक्षित किया गया है। बल की महान व्यावसायिकता के कारण इसे विदेशों में भारतीय दूतावासों की सुरक्षा के लिए भी तैनात किया गया है। आईटीबीपी ने हिमालयन रेंज में बचाव कार्य के लिए दो एनडीआरएफ बटालियनों का गठन किया है।
रेड्डी ने कहा कि सरकार भविष्य में आईटीबीपी की भूमिका को बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने बल आधुनिकीकरण के लिए सरकार द्वारा उठाए जा रहे विभिन्न कदमों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि बल की क्षमताओं को बढ़ाया जा रहा है। इसके लिए 200 अधिकारियों और जवानों को मैन्डरिन भाषा का प्रशिक्षण दिया गया है और तीव्र गति से आईटीबीपी प्राथमिकता वाली सडक़ों के निर्माण किया जा रहा है। रेड्डी ने कहा कि आईटीबीपी प्राथमिकता सडक़ों के रूप में 20,000 करोड़ रुपये की लागत से 45 नई सडक़ों के निर्माण को मंजूरी दी गई है। उन्होंने कहा कि 2014 से आईटीबीपी की 23 नई सीमा चौकियों की स्थापना की गई है।
रेड्डी ने आईटीबीपी कर्मियों को छह वीरता पदक, विशिष्ट सेवा के लिए छह पुलिस पदक और सराहनीय सेवाओं के लिए 23 पुलिस पदक प्रदान किए। अपने संबोधन के अंत में उन्होंने कहा कि आईटीबीपी के बलिदान और वीरता के लिए राष्ट्र हमेशा उनपर गर्व करेगा और उनका ऋणी रहेगा।
भारत-तिब्बत सीमा पुलिस की 24 अक्टूबर, 1962 को भारत-चीन सीमा पर चीनी आक्रमण के मद्देनजर स्थापना की गई थी। प्रत्येक वर्ष इस दिन को आईटीबीपी के कर्मियों के मनोबल को बढ़ाने के लिए इसकी वीरता और उपलब्धियों को याद करने के लिए इस बल के स्थापना दिवस के रूप में मनाया जाता है। आईटीबीपी को शुरू में सीमावर्ती आसूचना, अवैध घुसपैठ और तस्करी रोकने तथा एक गुरिल्ला बल के रूप में भारत-तिब्बत सीमा के साथ-साथ सुरक्षा स्थापित करने के लिए गठित किया गया था। बल के विस्तार के परिणामस्वरूप, आईटीबीपी को समय-समय पर सीमा सुरक्षा ड्यूटी, आतंकवाद रोधी कार्य और आंतरिक सुरक्षा कार्यों के अलावा अतिरिक्त कार्य भी सौंपे गए हैं।

ओडिशा के सवा लाख छोटे किसानों को कृषि में मदद हेतु विश्व बैंक ने की पहल
Posted Date : 24-Oct-2019 5:20:19 pm

ओडिशा के सवा लाख छोटे किसानों को कृषि में मदद हेतु विश्व बैंक ने की पहल

नईदिल्ली,24 अक्टूबर । भारत सरकार, ओडिशा सरकार और विश्व बैंक ने छोटे किसानों की उत्पादन प्रणालियों को सुदृढ़ करने के साथ-साथ आमदनी बढ़ाने के लिए उनकी उपज में विविधता लाने तथा बेहतर ढंग से विपणन (मार्केटिंग) में उनकी मदद करने के लिए आज 165 मिलियन अमेरिकी डॉलर के ऋ ण समझौते पर हस्ताक्षर किये।
जलवायु परिवर्तन रोधी कृषि के लिए ओडिशा एकीकृत सिंचाई परियोजना को उन ग्रामीण क्षेत्रों में लागू किया जाएगा जहां बार-बार सूखा पडऩे का खतरा रहता है और जो काफी हद तक वर्षा आधारित कृषि पर ही निर्भर रहते हैं। इससे ओडिशा के 15 जिलों के लगभग 1,25,000 छोटे किसान परिवार लाभान्वित होंगे जो 1,28,000 हेक्टेयर कृषि भूमि का प्रबंधन करते हैं। यह परियोजना जलवायु परिवर्तन रोधी बीजों की विभिन्न किस्मों तथा उत्पादन तकनीकों तक छोटे किसानों की पहुंच बढ़ाकर, जलवायु परिवर्तन रोधी फसलों की ओर उऩ्हें उन्मुख कर तथा बेहतर जल प्रबंधन एवं सिंचाई परियोजनाओं तक उनकी पहुंच सुनिश्चित कर प्रतिकूल जलवायु से निपटने में उन्हें सक्षम बनाएगी। 
वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग में अपर सचिव समीर कुमार खरे ने कहा, ‘भारत सरकार जलवायु परिवर्तन पर राष्ट्रीय कार्य योजना के तहत अनेक मिशन कार्यान्वित कर रही है जिनके तहत जलवायु परिवर्तन से निपटने में सक्षम बेहतरीन कृषि प्रथाओं और प्रौद्योगिकियों को भी अपनाया जाता है।’ उन्होंने कहा, ‘वर्ष 2030 तक सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) के तहत टिकाऊ कृषि संबंधी लक्ष्यों की प्राप्ति की हमारी प्रतिबद्धता के अनुरूप सरकार से समर्थन प्राप्त इस तरह की कई पहलों में ओडिशा की परियोजना भी शामिल है।’
भारत सरकार की ओर से आर्थिक मामलों के विभाग में अपर सचिव समीर कुमार खरे और ओडिशा सरकार की ओर से जल संसाधन विभाग में प्रधान सचिव सुरेन्द्र कुमार तथा विश्व बैंक की ओर से कंट्री डायरेक्टर (भारत) जुनैद अहमद ने उपर्युक्त ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किये। 
हाल के वर्षों में जलवायु में व्यापक परिवर्तन ने ओडिशा में कृषि को बुरी तरह प्रभावित किया है। ओडिशा में ज्यादातर किसान ऐसे हैं जिनके पास दो हेक्टेयर से भी कम भूमि है। यही नहीं, ओडिशा में ज्यादातर कृषि क्षेत्रों पर खराब मौसम की मार अक्सर पड़ती रहती है। वर्ष 2009 से ओडिशा में सूखा पडऩे की स्थिति गंभीर हो गई है क्योंकि पहले जहां हर पांच वर्षों में सूखा पड़ता था, वहीं अब हर दो वर्षों में ही सूखा पड़ जाता है। 
अंतर्राष्ट्रीय पुनर्निर्माण एवं विकास बैंक (आईबीआरडी) से मिलने वाले 165 मिलियन डॉलर के ऋण के तहत छह वर्षों की मोहलत अवधि है और इसकी परिपक्वता अवधि 24 वर्ष है। 

नए वित्त वर्ष के लिए बीईएल ने सरकार को 231.69 करोड़ का लाभांश दिया
Posted Date : 24-Oct-2019 5:20:04 pm

नए वित्त वर्ष के लिए बीईएल ने सरकार को 231.69 करोड़ का लाभांश दिया

नईदिल्ली,24 अक्टूबर । रक्षा क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रम- भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) ने वित्त वर्ष 2018-19 के लिए सरकार को 170 प्रतिशत अंतिम लाभांश के रूप में 231.69 करोड़ रुपये का भुगतान किया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज नई दिल्ली में बीईएल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक एम गौतम से लाभांश का चेक प्राप्त किया। यह राशि  राष्ट्रपति द्वारा धारित शेयरों पर भुगतान योग्य है। 
इसके साथ ही बीईएल ने अब वित्त वर्ष 2018-19 के लिए कुल 340 प्रतिशत का लाभांश भुगतान किया है।
फरवरी और मार्च 2019 में सरकार को 170 प्रतिशत के अंतरिम लाभांश (प्रति शेयर प्रति शेयर 1 रुपये मूल्य पर) का भुगतान किया गया था।
बीईएल एक नवरत्न सार्वजनिक उपक्रम और भारत की अग्रणी रक्षा इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी है। बीईएल एक बहु-उत्पाद, बहु-प्रौद्योगिकी, बहु-इकाई समूह है, जो रक्षा उत्पादों जैसे राडार, मिसाइल सिस्टम, सैन्य संचार आदि के क्षेत्रों में 350 से अधिक उत्पादों की आपूर्ति करता है और गैर-रक्षा उत्पादों जैसे इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम), मतदाता सत्यापन पेपर ऑडिट ट्रायल (वीवीपीएटी) और सौर उत्पाद भी इनमें शामिल हैं। 
रक्षा क्षेत्र बीईएल का मुख्य आधार है। फिर भी, कंपनी ने सौर यातायात संकेतों और ईवीएम जैसे अपने विविध उत्पादों के माध्यम से लोगों के जीवन को प्रभावित किया है। सेना, नौसेना, वायु सेना, अर्धसैनिक बल, तटरक्षक बल, पुलिस, दूरसंचार विभाग और भारत निर्वाचन आयोग इसके मुख्य ग्राहक हैं।
बीईएल में अपनी 9 इकाइयों में विकास और इंजीनियरिंग (डी एंड ई) प्रभागों के साथ त्रि-स्तरीय अनुसंधान एवं विकास प्रभाग,  उत्पाद विकास और नवाचार केंद्र (पीडी एंड आईसी), सभी इकाइयों/एसबीबी की नई उत्पाद/उप-सिस्टम विकास प्रणालियों के लिए एक केंद्रीकृत सुविधा और अत्याधुनिक अनुसंधान करने के लिए बेंगलुरू और गाजियाबाद में केंद्रीय अनुसंधान प्रयोगशाला मौजूद हैं। 
बीईएल ने 2018-19 के दौरान 11,789 करोड़ रुपये का कारोबार किया, जो पिछले वर्ष की तुलना में 17 प्रतिशत की वृद्धि का सूचक है।  कर-पूर्व लाभ 2,703 करोड़ रूपये और  कर-पश्चात लाभ 1,927 करोड़ रुपये था। कंपनी ने 153 करोड़ रुपये (लगभग) का निर्यात कारोबार किया।