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मोदी ने पूर्व पीएम इंदिरा गांधी को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि दी
Posted Date : 31-Oct-2019 3:54:57 pm

मोदी ने पूर्व पीएम इंदिरा गांधी को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि दी

नईदिल्ली,31 अक्टूबर । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि दी है। प्रधानमंत्री ने अपने संदेश में कहा देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को उनकी पुण्यतिथि पर विनम्र श्रद्धांजलि।

प्रधानमंत्री वन धन योजना पर राष्ट्रीय कार्यशाला शुरु
Posted Date : 30-Oct-2019 2:47:11 pm

प्रधानमंत्री वन धन योजना पर राष्ट्रीय कार्यशाला शुरु

नईदिल्ली,30 अक्टूबर । प्रधानमंत्री वन धन योजना (पीएमवीडीवाई)पर दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला बुधवार से नई दिल्ली में शुरू हो रही है। पीएमवीडीवाई जनजातीय कार्य मंत्रालय की 100 दिनों की योजना का एक घटक है। कार्यशाला का आयोजन कार्यक्रम के तहत सभी गतिविधियों का जायजा लेने और भविष्य के कदमों की योजना बनाने के लिए किया गया है। इस कार्यशाला में ट्राइफेड टीम के साथ 25 राज्यों के प्रतिभागी भाग ले रहे हैं।
ट्राइफेड के महानिदेशक प्रवीण कृष्णा ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि वन धन योजना जनजातीय उद्यमी तैयार कर रही है और यह एमएसपी कार्यक्रम नहीं है। उन्होंने जोर देकर कहा कि जनजातीय उत्पादों की ब्रांडिंग, पैकेजिंग और विपणन बहुत महत्वपूर्ण कारक हैं। इसके अलावा खुदरा विक्रेताओं को अच्छा कमीशन प्रदान करते हुए उनका एक निष्ठावान नेटवर्क तैयार किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सुदृढ़ तकनीकी सहायता के साथ-साथ एक अच्छा व्यवसाय मॉडल अपनाने की और मूल्य संवर्धन पर ध्यान केंद्रित किए जाने की जरूरत है।    
ट्राइफेड को अब तक 15 राज्यों से 555 वीडीवीके प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं और उन्हें मंजूरी दी जा चुकी है, इनमें आंध्र प्रदेश (30), असम (3), बिहार (8), छत्तीसगढ़ (136), गुजरात (17), झारखंड (39), कर्नाटक (19), मध्य प्रदेश (20), महाराष्ट्र (64), मणिपुर (6), नागालैंड (20), ओडिशा (156), राजस्थान (25), तमिलनाडु (7) और उत्तर प्रदेश (5) शामिल हैं।
राज्य नोडल विभागों तथा राज्यों की कार्यान्वयन एजेंसियों को अपने-अपने राज्य में वन धन केंद्रों की स्थापना के लिए आवश्यक कार्रवाई करने की जरूरत है, जिनमें प्रत्येक राज्य में एक-एक मॉडल डेमो वीडीवीके केंद्र की स्थापना किया जाना भी शामिल है। राज्य नोडल/कार्यान्वयन एजेंसी में से प्रत्येक के वरिष्ठ अधिकारियों से अपेक्षा की जाती है कि वे राज्य में पीएमवीडीवाई के कार्यान्वयन के संबंध में मंजूरी के बाद होने वाली गतिविधियों का एक संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत करें। 
लगभग 208 वीडीवीके प्रस्ताव जिनमें मध्य प्रदेश (100), मणिपुर (69) और मिजोरम (39) अभी योजना की प्रक्रिया में हैं, जिनके 10 नवंबर, 2019 तक प्राप्त होने और स्वीकृत होने की उम्मीद है। राज्यों के संबंधित नोडल विभागों/कार्यान्वयन एजेंसियों को उन्हें जल्द से जल्द प्रस्तुत करने और साथ ही साथ राज्य में पीएमवीडीवाई के कार्यान्वयन से संबंधित गतिविधियों का संक्षिप्त विवरण भी पेश किए जाने की जरूरत है। इसके अलावा, शेष राज्यों में जहां भी पीएमवीडीवाई का कार्यान्वयन शुरू होना बाकी है,  वहां आवश्यक कार्रवाई किए जाने और वीकेडीके प्रस्तावों को तुरंत प्रस्तुत करने की जरूरत है।
वन धन कार्याक्रम से संबंधित सभी प्रकार के दिशा-निर्देशों, परिचालन प्रक्रियाओं, सम्मिलित की गई प्रक्रियाओं, प्रस्ताव के प्रारूपों, व्यावसायिक मॉडल्स, अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों तथा स्वीकृति से पहले और बाद की गतिविधियों आदि से संबंधित सभी दस्तावेज, दिए गए लिंक के अनुसार: - गूगल शीट वन धन की राज्य निगरानी शीर्षक वाले डैशबोर्ड पर अपलोड किए गए हैं। उपरोक्त डैशबोर्ड गतिविधियों की निगरानी करने और साथ ही साथ उन मुद्दों को उजागर करने के लिए सृजित किए गए हैं, जिनके निवारण किए जाने की आवश्यकता है। राज्य नोडल विभागों/राज्य कार्यान्वयन एजेंसियों से पहले ही एक नोडल व्यक्ति और एक टीम को नामित करने का अनुरोध किया जा चुका है, जो नियमित आधार पर वन धन डैशबोर्ड का समन्वय और उसे अद्यतन कर सके।
ट्राइफेड पीएमवीडीवाई के लिए आईटी प्लेटफॉर्म और मोबाइल एप्लीकेशन तैयार करने की प्रक्रिया में है। कार्यशाला में इसकी विभिन्न विशेषताओं के बारे में चर्चा की जाएगी और इसे सभी हितधारकों के साथ साझा किया जाएगा, ताकि इस बारे में उनकी प्रतिक्रिया का पता लगाया जा सके। आईटी प्लेटफॉर्म और मोबाइल ऐप के लिए एसआरएस दस्तावेज वन धन डैशबोर्ड पर अपलोड कर दिया गया है।

राष्ट्रपति जामिया मिलिया इस्लामिया के वार्षिक दीक्षांत समारोह में शामिल हुए
Posted Date : 30-Oct-2019 2:46:25 pm

राष्ट्रपति जामिया मिलिया इस्लामिया के वार्षिक दीक्षांत समारोह में शामिल हुए

नईदिल्ली,30 अक्टूबर । राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद बुधवार को नई दिल्ली में जामिया मिलिया इस्लामिया के वार्षिक दीक्षांत समारोह में पधारे और छात्रों को संबोधित किया। 
इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि सरकार समसामयिक चुनौतियों से निपटने के लिए शैक्षिक वातावरण में बदलाव करती रही है। भारत को एक ‘ज्ञान की महाशक्ति’ के रूप में स्थापित करना मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा प्रस्तावित ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति’ के महत्वपूर्ण उद्देश्यों में से एक है। पूरा विश्व भारत के छात्रों की असाधारण प्रतिभा से अवगत है। इस प्रतिभा के समुचित इस्तेमाल के लिए देश के सभी शैक्षिक संस्थाओं को योगदान करना होगा। ‘जामिया’ जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों से इस दिशा में विशेष योगदान की आशा है। 
राष्ट्रपति ने कहा कि विकास के साथ समाज के प्रत्येक हिस्से को जोडऩे के क्रम में, कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व (सीएसआर) की तर्ज पर ‘विश्वविद्यालय के सामाजिक दायित्व’ पर जोर देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि जामिया ने ‘उन्नत भारत अभियान’ के तहत पांच गांवों को गोद लिया है। उन्होंने जामिया से मांग करते हुए कहा कि क्या यह कुछ और गांवों को गोद ले सकता है। उन्होंने कहा कि इस अभियान के लिए काम करते समय, छात्रों को उन गांवों तक जाना चाहिए और उनकी समस्याओं को समझने की कोशिश करनी चाहिए। उन्हें ग्रामीण लोगों को गांव की स्वच्छता, साक्षरता, सभी बच्चों के टीकाकरण और पोषण जैसी योजनाओं से अवगत कराना चाहिए। उन्होंने कहा कि छात्रों को केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं के बारे में भी ग्रामीणों को जानकारी देनी चाहिए। राष्ट्रपति ने बताया कि ऐसे प्रयासों से समाज के कमजोर वर्गों को मदद मिलेगी और ग्रामीण क्षेत्रों के प्रति छात्रों की जागरूकता और संवेदनशीलता बढ़ेगी। 
इस अवसर पर उपस्थित गणमान्य हस्तियों में केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ और मणिपुर की राज्यपाल एवं जामिया मिलिया इस्लामिया की कुलाधिपति डॉ नजमा हेपतुल्ला शामिल थे।  

प्रधानमंत्री आज स्टैच्यू ऑफ यूनिटी जाकर सरदार पटेल को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे
Posted Date : 30-Oct-2019 2:45:03 pm

प्रधानमंत्री आज स्टैच्यू ऑफ यूनिटी जाकर सरदार पटेल को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे

नईदिल्ली,30 अक्टूबर । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भारत के लौह पुरूष सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती के अवसर पर 31 अक्तूबर को केवडिय़ा, गुजरात में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी जाकर सरदार पटेल को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। 
प्रधानमंत्री मोदी केवडिय़ा में एकता दिवस परेड में भाग लेंगे, प्रौद्योगिकी प्रदर्शनी स्थल का दौरा करेंगे और बाद में प्रशासनिक सेवा के प्रोबेशनर्स के साथ बातचीत करेंगे। 
वर्ष 2014 से 31 अक्तूबर राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया जा रहा है और सभी वर्गों के लोग एकता दौड़ में भाग लेते रहे हैं। 
अपने मन की बात कार्यक्रम में 27 अक्तूबर 2019 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लोगों से आग्रह किया था कि वे एक लक्ष्य- एक भारत श्रेष्ठ भारत के लिए एकता दौड़ में बड़ी संख्या में भाग लें। 
उन्होंने कहा, ‘मित्रों जैसा कि आप जानते हैं कि वर्ष 2014 से हर वर्ष 31 अक्तूबर राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। यह दिन किसी भी कीमत पर हमारे देश की एकता, अखण्डता और सुरक्षा की रक्षा करने का संदेश देता है। पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी 31 अक्तूबर को एकता दौड़ का आयोजन किया गया है। एकता दौड़ ऐसे सामंजस्य का प्रतीक है जहां एकजुट होने के नाते देश एक दिशा में आगे बढ़ रहा है और इसका सामूहिक उद्देश्य एक लक्ष्य है ! -  एक भारत श्रेष्ठ भारत।’
मेरे प्यारे देशवासियो, सरदार पटेल ने एकता के साथ राष्ट्र को एक सूत्र में पिरोया। एकता का यह मंत्र हमारे जीवन में और एक ऐसे देश में संस्कार की तरह है, जो विविधताओं से भरा हुआ है। हमें सभी मार्गों, प्रत्येक मोड़ों और प्रत्येक ठहराव पर एकता के इस मंत्र को मजबूत बनाना जारी रखना चाहिए। मेरे प्यारे देशवासियो, हमारा देश हमेशा से देश की एकता और साम्प्रदायिक सौहार्द को मजबूत बनाने में अत्यधिक सक्रिय और चौकस रहा है। यदि हम अपने आस-पास देखें तो हमें ऐसे अनेक लोगों के उदाहरण मिलेंगे, जो साम्प्रदायिक सौहार्द को बढ़ावा देने के लिए निरंतर कार्य कर रहे हैं। 
प्रधानमंत्री ने कहा,‘पिछले पांच वर्षों में – न केवल दिल्ली में बल्कि भारत के सैकड़ों शहर, संघ शासित प्रदेश, राज्य की राजधानियां, जिला केन्द्र, टियर-2 और टियर-3 श्रेणी वाले छोटे शहरों के भी बड़ी संख्या में लोग एकता दौड़ में भाग ले रहे हैं, चाहे पुरूष हों, महिलाएं, शहर के लोग, गांव के लोग, बच्चें, युवा, बुजुर्ग, दिव्यांग हों।
फिट इंडिया के महत्व पर जोर देते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा, एकता दौड़ ऐसा अनोखा कार्यक्रम है, जो दिमाग, शरीर और आत्मा के लिए लाभदायक है। एकता दौड़ के दौरान न केवल हमें दौडऩा होता है, बल्कि इससे फिट इंडिया की भावना की झलक मिलती है। हम खुद को एक भारत, श्रेष्ठ भारत के साथ जुड़ा हुआ पाते हैं। और तो और, न केवल हमारा शरीर, बल्कि हमारा दिमाग भी भारत को शानदार ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए उसे एकता के साथ जोड़ता है ! 

प्रदूषण से निपटने लीक से हटकर समाधान तलाशें वैज्ञानिक:नायडू
Posted Date : 30-Oct-2019 2:44:47 pm

प्रदूषण से निपटने लीक से हटकर समाधान तलाशें वैज्ञानिक:नायडू

नागपुर,30 अक्टूबर । उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने बुधवार को देश के अनेक भागों में प्रदूषण के बढ़ते स्तरों पर चिंता प्रकट की तथा वैज्ञानिकों  और शोधकर्ताओं से प्रदूषण से निपटने के लिए नवोन्मेषी और लीक से हटकर समाधान तलाशने का अनुरोध किया। 
नागपुर में सीएसआईआर-राष्ट्रीय पर्यावरण अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान (एनईईआरआई) में ‘आयनों पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन’ का उद्घाटन करते हुए उपराष्ट्रपति ने भारत के अधिकांश शहरों में हवा की गुणवत्ता के ‘खराब’ या ‘गंभीर’ स्तरों पर चिंता प्रकट की। विज्ञान एवं पर्यावरण केन्द्र की भारत में पर्यावरण की स्थिति (एसओई) रिपोर्ट, 2019 का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि वायु प्रदूषण भारत में होने वाली 12.5 प्रतिशत मौतों के लिए जिम्मेदार है।
उन्होंने कहा कि पर्यावरणीय प्रदूषण और वायु की गुणवत्ता में खराबी देश के समक्ष वर्तमान में मौजूद प्रमुख चुनौतियों में से एक है। नायडू ने इस बात पर जोर दिया कि जब हमारे शहर, प्रगति के वाहक हानिकारक धुएं की घुटन की गिरफ्त में है और पानी तथा मिट्टी प्रदूषित हो चुके हैं, तो ऐसे में सुरक्षित, संरक्षित, स्वस्थ और खुशहाल भविष्य की कल्पना भी नहीं की जा सकती। 
हानिकारक गैसों के उत्सर्जन में कमी लाने के तत्काल उपाए करने का आह्वान करते हुए उपराष्ट्रपति ने ऊर्जा के स्वच्छ और नवीकरणीय स्रोतों को बढ़ावा देने की जरूरत पर बल दिया। उपराष्ट्रपति ने बढ़ते शहरीकरण और उससे जुड़े अन्य कारणों से जहरीले होते जा रहे जल स्रोतों की नियमित सफाई, संरक्षण और रख-रखाव करने का सुझाव दिया। 
उन्होंने कहा कि स्वस्थ और स्वच्छ वातावरण सभी का निरंतर विकास सुनिश्चित करने की दिशा में अनिवार्य आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण के दूषित होने का सीधा प्रभाव राष्ट्र के विकास पर पड़ेगा। विश्व आर्थिक मंच के निष्कर्षों का हवाला देते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत में पर्यावरणीय दुर्दशा की अनुमानित लागत 3.75 ट्रिलियन (80 बिलियन डॉलर) है।
कई अध्ययनों में कैंसर का संबंध प्रदूषण और विकिरण सहित अनेक पर्यावरणीय कारकों से जोड़े जाने का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि यह भारत में हृदय रोग के बाद मौतों का दूसरा प्रमुख कारण है और इस पर चिकित्सकों और नीति-निर्माताओं दोनों को ध्यान देने की जरूरत है। 
उन्होंने कैंसर के लिए निरंतर नवाचार करने तथा ऐसे नवीन और ज्यादा तेजी से न  फैलने वाले उपचार सृजित करने का आह्वान किया, जो किफायती हों और आम लोगों को आसानी से सुलभ हो सकते हों। उन्होंने कहा, ‘मानव स्वास्थ्य और तंदुरुस्ती किसी भी राष्ट्र की प्रगति की बुनियाद है। हमें हर हाल में यह सुनिश्चित करना चाहिए कि प्रत्येक नागरिक को अच्छी गुणवत्ता वाला जीवन तथा प्रगति और खुशहाली के अवसरों तक पहुंच मिले।’
उन्होंने कहा कि सामाजिक-आर्थिक विकास से जुड़े पर्यावरणीय और स्वास्थ्य संबंधी  जोखिमों को समझना अनिवार्य है। उन्होंने वैज्ञानिकों और प्रौद्योगिकीविदों से अनुरोध किया कि वे इसके कारणों और उनमें कमी लाने के उपायों की पहचान करने की दिशा में अपने अनुसंधानों को पुन: व्यवस्थित करें।
उन्होंने वैज्ञानिक समुदाय, शोधकर्ताओं और विद्वानों से अनुरोध किया कि वे जनता को वायु, जल प्रदूषण के बढ़ते स्तरों तथा प्रमुख पर्यावरणीय संसाधनों की दुर्दशा जैसे मामलों से निपटने में भागीदार बनने के लिए प्रोत्साहित करें। नायडू ने कहा कि राष्ट्र विकास की प्रक्रिया में जनता को भागीदार बनाया जाना अनिवार्य है। 
नायडू ने 15वें अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान पत्रिका का विमोचन करते हुए ‘जागृति कार्यक्रम: एक समाज एक लक्ष्य’ का शुभारंभ किया और कहा कि वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं को जनता विशेषकर युवाओं को जीवन के टिकाऊ माध्यमों को अपनाने और अनुसंधान संबंधी जानकारी उन्हें स्थानीय भाषाओं में प्रदान करने की दिशा में प्रयास करने चाहिए, ताकि आम लोग उन्हें बेहतर ढंग से समझ सकें।
इस संगोष्ठी में सांसद (राज्य सभा) डॉ. विकास महात्मे, सीएसआईआर-एनईईआरआई के निदेशक डॉ. राकेश कुमार, संगोष्ठी अध्यक्ष डॉ. सोनाली खन्ना, स्वास्थ्य मंत्रालय में एफएसएसएआई में प्रमुख विशेषज्ञ डॉ. टी.के. जोशी, प्रोफेसर और एसोसिएट डीन, जैक्सन स्टेट यूनिवर्सिटी, मिसिसिपी, अमरीका के प्रो. पॉल टेकोन्वू, और सीएसआईआर-एनईईआरआई के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. एच. जे. पुरोहित उपस्थित थे। इस संगोष्ठी में धातु आयन, जीवविज्ञान और पर्यावरण विज्ञान क्षेत्रों के प्रमुख प्रतिनिधियों ने भाग लिया। 

भारतीय रेल ने ई-ऑफिस प्रणाली का किया विस्तार
Posted Date : 30-Oct-2019 2:44:19 pm

भारतीय रेल ने ई-ऑफिस प्रणाली का किया विस्तार

0-पहले चरण का कार्यान्वयन हुआ पूरा
नईदिल्ली,30 अक्टूबर । भारतीय रेल ने पेपरलेस, कारगर, पारदर्शी और तेज कामकाज के लिए ई-ऑफिस प्रणाली को अपना लिया है। उल्लेखनीय है कि रेलटेल ने भारतीय रेल के लिए एनआईसी ई-ऑफिस के पहले चरण का कार्यान्वयन समय से पहले पूरा कर लिया है। इस संबंध में रेलटेल ने मार्च, 2019 में भारतीय रेल के साथ समझौता किया था, जिसके तहत मार्च, 2020 तक यह काम पूरा कर लिया जाना था। रेलटेल ने भारतीय रेल के 58 प्रतिष्ठानों में 50,000 से अधिक उपयोगकर्ता बना लिये हैं। भारतीय रेल के इन प्रतिष्ठानों ने पेपरलेस कार्य-संस्कृति को अपना लिया है और इसके लिये अपने अधिकारियों को प्रशिक्षित भी किया है।
इस काम में पूरी पारदर्शिता कायम रहती है, क्योंकि फाइल में एक बार जो चीज दर्ज हो जाती है, तो उसके बाद वह फाइल आर्काइव्ज में चली जाती है। फाइलों की निगरानी की प्रणाली भी मौजूद है। इसके अलावा फाइलों को तेजी से निपटाया जा सकता है और लंबित फाइलों का पूरा हिसाब-किताब देखा जा सकता है। इस प्रणाली को अपनाकर भारतीय रेल जनता को बेहतर सुविधायें प्रदान करने में सक्षम हो जायेगी। इसके जरिये कामकाज का खर्च कम होने के साथ कार्बन उत्सर्जन में भी कमी आती है।