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ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने अब आरटीओ में जाने की जरुरत नहीं
Posted Date : 07-Apr-2021 6:03:26 pm

ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने अब आरटीओ में जाने की जरुरत नहीं

नईदिल्ली,07 अपै्रल । कोरोना महामारी के इस दौर में अगर आप भी अपना ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने या उसे रिन्यू करवाने की सोच रहे है, तो ये खबर आपके लिए राहत देने वाली है. दरअसल, केंद्रीय सडक़, परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने और रिन्यू कराने के लिए नई गाईडलाइन जारी कर दी है. इसके तहत आप लर्नर के लाइसेंस की पूरी प्रक्रिया को ऑनलाइन के माध्यम से पूरा कर सकेंगे.
इतना ही नहीं, इलेक्ट्रॉनिक सर्टिफिकेट और डॉक्यूमेंट का उपयोग मेडिकल सर्टिफिकेट, लर्नर्स लाइसेंस, सरेंडर ऑफ ड्राइवर्स लाइसेंस, ड्राइविंग लाइसेंस के रिन्यूअल आदि के लिए उपयोग किया जा सकता है. साथ ही नई गाईडलाइन के तहत नए वाहनों के रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को भी आसान बनाने पर जोर दिया गया है. रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट का रिन्यूअल अब 60 दिन पहले किया जा सकेगा. वहीं, अस्थायी पंजीकरण की समय सीमा को भी एक महीने से बढ़ाकर छह महीने तक कर दिया गया है.
लर्नर लाइसेंस के लिए प्रक्रिया में भी केंद्र सरकार ने बदलाव किए हैं. इसके तहत ट्यूटोरियल के माध्यम से ड्राइविंग टेस्ट अब ऑनलाइन किया जाएगा. इसका मतलब यह हुआ कि अब आपको लाइसेंस के टेस्ट के लिए आरटीओ के चक्कर काटने की जरूरत नहीं पड़ेगी. ड्राइविंग पर ट्यूटोरियल में ट्रैफिक सिग्नल, ट्रैफिक सिग्नल और सडक़ नियमों और रेगुलेशन की जानकारी होगी. लाइसेंस के लिए आवेदन करने वाले आवेदक को टेस्ट में कम से कम 60 फीसदी सवालों के सही जवाब देने होंगे.

आरबीआई मॉनिटरी पॉलिसी की घोषणा के बीच इंडियन इकोनॉमी को लेकर आईएमएफ ने दी खुशखबरी
Posted Date : 07-Apr-2021 6:02:16 pm

आरबीआई मॉनिटरी पॉलिसी की घोषणा के बीच इंडियन इकोनॉमी को लेकर आईएमएफ ने दी खुशखबरी

नईदिल्ली,07 अपै्रल। आज रिजर्व बैंक की तरफ से चालू कैलेंडर ईयर के लिए दूसरी मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी के फैसलों की घोषणा की गई.आरबीआई गवर्नर ने कहा, वित्त वर्ष 2022 में जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 10.5 फीसदी पर बरकरार है. उनके मुताबिक, एफवाई22 में रियल जीडीपी ग्रोथ 10.5 फीसदी संभव है. इस बीच अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष की मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ ने कहा है कि ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि भारत में आर्थिक गतिविधियां सामान्य होने लगी हैं. यह इंडियन इकोनॉमी के लिए राहत की खबर है.
उल्लेखनीय है कि मुद्राकोष ने मंगवार को अपने एक अनुमान में भारत की आर्थिक वृद्धि में चालू वित्त वर्ष में इसके शानदार 12.5 फीसदी तक रहने का अनुमान लगाया है. यह दर चीन से भी ऊंची रहेगी. चीन एक मात्र ऐसी बड़ी अर्थव्यवस्था थी जिसने 2020 में वृद्धि दिखाई है. मुद्रा कोष और विश्व बैंक की ग्रीष्मकालीन वार्षिक बैठकों से पहले गीता गोपीनाथ ने कहा कि भारत के बारे में , ‘पिछले दो एक महीनों से हमें जो प्रमाण मिल रहे हैं उससे दिखता है कि आर्थिक गतिविधियां सामान्य हो रही हैं.’
मुद्राकोष ने अपनी वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक शीर्षक रपट में कहा है कि अगले वित्त वर्ष (2022-23) में भारत की आर्थिक वृद्धि 6.9 फीसदी रहेगी. कोविड19 महामारी से प्रभावित 2020-21 में भारतीय अर्थव्यवस्था में अनुमानित रूप से 8 फीसदी का रिकार्ड संकुचन हुआ है. गोपीनाथ ने एक सवाल के जवाब में कहा कि ‘भारत के संबंध में हमने बहुत हल्का संशोधन किया है जो 2021-22 के लिए एक फीसदी है. मु्द्राकोष से पहले चालू वित्त वर्ष में भारत के सकल घरेलू उत्पादन में 2020-21 की तुलना में 11.5 फीसदी की वृद्धि का अनुमान लगाया था.
इधर भारतीय रिजर्व बैंक ने बुधवार को कहा कि उसे उम्मीद है कि चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में खुदरा मुद्रास्फीति 5.2 फीसदी पर रहेगी. रिजर्व बैंक ने मार्च में खत्म हुई तिमाही के दौरान मुद्रास्फीति के अनुमान को घटाकर पांच फीसदी कर दिया है. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को चालू वित्त वर्ष की पहली नीतिगत समीक्षा की घोषणा करते हुए कहा कि प्रमुख मुद्रास्फीति फरवरी 2021 में पांच फीसदी के स्तर पर बनी रही, हालांकि कुछ कारक सहजता की ऊपरी सीमा को तोडऩे की चुनौती उत्पन्न कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि आगे चलकर खाद्य मुद्रास्फीति की स्थिति मानसून की प्रगति पर निर्भर करेगी.
उन्होंने कहा कि इन सभी कारकों को ध्यान में रखते हुए वित्त वर्ष 2020-21 की चौथी तिमाही में सीपीआई मुद्रास्फीति को संशोधित कर पांच फीसदी किया गया है. इसी तरह महंगाई दर के अनुमान वित्त वर्ष 2021-22 की पहली और दूसरी तिमाही के लिए 5.2 फीसदी, तीसरी तिमाही के लिए 4.4 फीसदी और चौथी तिमाही के लिए 5.1 फीसदी हैं. इससे पहले केंद्रीय बैंक ने 2020-21 की चौथी तिमाही में खुदरा मुद्रास्फीति के 5.2 फीसदी रहने का अनुमान जताया था.

एफवाई21 में 9.6 से 9.7 फीसदी तक पहुंच सकता है बैंकों का एनपीए
Posted Date : 06-Apr-2021 6:23:52 pm

एफवाई21 में 9.6 से 9.7 फीसदी तक पहुंच सकता है बैंकों का एनपीए

0-कोरोना इम्पैक्ट
नईदिल्ली,06 अपै्रल। लोन की किस्त अदायगी में छूट जैसे राहत उपायों के चलते 31 मार्च 2021 तक बैंकों ग्रॉस नॉन-परफॉर्मिंग एसेट्स 9.6-9.7 फीसदी तक बढऩे का अनुमान है. इक्रा रेटिंग के मुताबिक, बैंकों का जीएनपीए मार्च 2022 तक और बढक़र 9.9-10.2 फीसदी तक हो सकता है. रेटिंग एजेंसी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि कोविड-19 महामारी के चलते लोन लेने की क्षमता प्रभावित होने के बावजूद बैंकों के लिए ग्रॉस एनपीए चालू वित्त वर्ष 2020-21 के पहले नौ महीनों के दौरान काफी कम 1.8 लाख करोड़ रुपए रही, जो वित्त वर्ष 2019-20 में 3.6 लाख करोड़ रुपए थी.
रेटिंग एजेंसी ने कहा कि विभिन्न राहत उपायों के चलते ऐसा हुआ, हालांकि, एसेट्स चलिटी को लेकर दबाव फिर से शुरू होने की आशंका है. इंक्रा ने कहा, हमारा अनुमान है कि 31 मार्च 2021 तक जीएनपीए (राइट-ऑफ को छोडक़र) 9.6-9.7 फीसदी तक बढ़ जाएगा, और 31 मार्च 2022 तक यह आंकड़ा बढक़र 9.9-10.2 फीसदी हो जाएगा. जीएनपीए 31 मार्च 2020 तक 8.6 फीसदी था.
बता दें कि पिछले हफ्ते सुप्रीम कोर्ट ने लोन मोराटोरियम पीरियड के दौरान इंट्रेस्ट पर इंट्रेस्ट भुगतान में छूट की घोषणा की थी. हालांकि यह 2 करोड़ से ज्यादा लोन पर लागू होगा. इससे कम अमाउंट पर नवंबर 2020 में ही इंट्रेस्ट पर इंट्रेस्ट माफ किया गया था. सूत्रों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के ताजा फैसले से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को 1,800 से 2,000 करोड़ रुपए का ‘नुकसान’ उठाना पड़ सकता है. किस्त के भुगतान पर छूट के दौरान कंपाउंडिंग इंट्रेस्ट समर्थन योजना से सरकार पर 2020-21 में 5,500 करोड़ रुपए का बोझ पड़ा है.
रिजर्व बैंक ने पिछले साल कोविड-19 महामारी की वजह से सभी टर्म लोन पर 1 मार्च से 31 मई, 2020 तक की किस्तों के भुगतान पर छूट दी थी. बाद में इस अवधि को बढ़ाकर 31 अगस्त कर दिया गया था. सुप्रीम कोर्ट का निर्देश सिर्फ उन खातों तक सीमित है जिन्होंने भुगतान की छूट का लाभ लिया है. ऐसे में मोटे अनुमान के अनुसार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को 2,000 करोड़ रुपए का नुकसान होगा.

आईटी डिपार्टमेंट ने आईटीआर-1 और आईटीआर-4 के लिए शुरू की ऑफलाइन सुविधा
Posted Date : 06-Apr-2021 6:23:20 pm

आईटी डिपार्टमेंट ने आईटीआर-1 और आईटीआर-4 के लिए शुरू की ऑफलाइन सुविधा

नईदिल्ली,06 अपै्रल। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने वित्त वर्ष 2020-21 के लिए करदाताओं के आईटीआर-1 और आईटीआर-4 फॉर्म भरने को लेकर ‘ऑफलाइन’ सुविधा शुरू की है. ऑफलाइन सुविधा ई-फाइलिंग पोर्टल पर उपलब्ध है और नई टेक्नोलॉजी ‘जेएसओएन’ (जावा स्क्रिप्ट आब्जेक्ट नोटेशन) पर आधारित है. यह डेटा स्टोरेज के लिए आसान फॉर्मेट है. ऑफलाइन सुविधा विंडोज 7 या उसके बाद के संस्करणों के साथ कंप्यूटर पर डाउनलोड की जा सकती है. आईटी डिपार्टमेंट ने फाइलिंग के लिए पूरी जानकारी देते हुए कहा है, ऑफलाइन सुविधा केवल आईटीआर-1और आईटीआर-4 के लिए है. अन्य आईटीआर को बाद में जोड़ा जाएगा.
आईटीआर-1 (सहज) और आईटीआर-4 (सुगम) आसान फॉर्मेट हैं जिसका उपयोग बड़ी संख्या में अपेक्षाकृत कम इनकम वाले टैक्सपेयर्स करते हैं. सहज फॉर्म, वे व्यक्ति भर सकते हैं जिनकी सालाना आय 50 लाख रुपए तक है और उनकी यह आय, वेतन, एक मकान वाली संपत्ति/अन्य स्रोतों (ब्याज आदि) से प्राप्त होती है.
आईटीआर-4 वे व्यक्ति, हिंदू अविभाजित परिवार तथा कंपनियां भर सकती हैं, जिनकी कुल आय 50 लाख रुपए तक है और जिनकी आय का स्रोत कारोबार या पेशा है.
साथ ही मार्गदर्शन नोट, परिपत्र और कानून के प्रावधानों का भी उल्लेख है ताकि करदाता बिना किसी समस्या के रिटर्न फाइल कर सके. टैक्स रिटर्न में सुगमता बढऩे और बाधाएं समाप्त होने से अनुपालन का स्तर बढ़ेगा.
व्यक्तियों और एचयूएफ जिनकी बिजनेस या प्रोफेशन से इनकम नहीं है (और सहज को दाखिल करने के लिए योग्य नहीं) आईटीआर-2 फाइल कर सकते हैं जबकि बिजनेस या प्रोफेशन से इनकम वाले व्यक्ति आईटीआर फॉर्म 3 दाखिल कर सकते हैं.
इंडिविजुअल के अलावा व्यक्ति, एचयूएफ कंपनियों यानी साझेदारी फर्म, एलएलपी आदि आईटीआर फॉर्म 5 फाइल कर सकते हैं. कंपनियां आईटीआर फॉर्म 6 और ट्रस्ट, राजनीतिक दल, धर्मार्थ संस्थाएं आदि एक्ट के तहत छूट प्राप्त करने का दावा कर आईटीआर-7 दाखिल कर सकती हैं.

फेसबुक के 53.3 करोड़ यूजर्स का डेटा लीक, भारत के 61 लाख यूजर्स भी शामिल
Posted Date : 05-Apr-2021 6:10:15 pm

फेसबुक के 53.3 करोड़ यूजर्स का डेटा लीक, भारत के 61 लाख यूजर्स भी शामिल

नई दिल्ली ,05 अपै्रल । दुनियाभर में फेसबुक के करीब 53.3 करोड़ यूजर्स का व्यक्तिगत ब्योरा कथित तौर पर ऑनलाइन लीक हो गया है और इसे हैकिंग प्लेटफॉर्म्स पर डाल दिया गया है। इनमें से 61 लाख यूजर्स भारत के हैं। एक साइबर सुरक्षा कार्यकारी ने यह जानकारी दी। लीक डेटा में यूजर्स का नाम, फोन नंबर और अन्य जानकारी शामिल है। 31 दिसंबर, 2020 तक वैश्विक स्तर पर फेसबुक के कुल सक्रिय यूजर्स की संख्या 2.80 अरब थी।
साइबर सुरक्षा कंपनी हडसन रॉक के सह-संस्थापक एवं मुख्य तकनीकी अधिकारी (सीटीओ) एलन गाल ने एक ट्वीट के जरिये यह मुद्दा उठाया है। गाल ने कहा, ‘53.3 करोड़ फेसबुक रेकॉर्ड को मुफ्त में लीक कर दिया गया है। इसका आशय है कि यदि आपका फेसबुक खाता है, तो इस बात की काफी संभावना है कि इस खाते के लिए इस्तेमाल फोन नंबर लीक हो गया है।’ ट्वीट में विभिन्न देशों के यूजर्स की संख्या का जिक्र किया गया है, जिनका डेटा लीक हुआ है। इनमें से 61 लाख प्रयोगकर्ता भारत से हैं। 3.23 करोड़ अमेरिका, 1.15 करोड़ ब्रिटेन और 73 लाख ऑस्ट्रेलिया से हैं।
फेसबुक ने क्या कहा
इस बारे में संपर्क करने पर फेसबुक के प्रवक्ता ने कहा, ‘यह पुराना डेटा है जिसकी जानकारी 2019 में मिली थी। हमने इस मुद्दे को अगस्त, 2019 में हल कर लिया था।’ गाल ने बताया कि 2020 की शुरुआत में एक खामी सामने आई थी। इसके जरिये फेसबुक खाते से जुड़े फोन नंबर को देखा जा सकता था। इसका इस्तेमाल कर दुनियाभर के विभिन्न देशों के 53.3 करोड़ यूजर्स के डेटा को लीक किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रयोगकर्ताओं के लीक डेटा में फोन नंबर, फेसबुक आईडी और पूरा नाम का ब्योरा शामिल है। गाल ने कहा कि कुछ गलत लोग इस सूचना का इस्तेमाल ‘सोशल इंजीनियरिंग’, घोटाले, हैकिंग और मार्केटिंग के लिए कर सकते हैं।

एलजी ने की स्मार्टफोन कारोबार बंद कर करने की घोषणा
Posted Date : 05-Apr-2021 6:09:51 pm

एलजी ने की स्मार्टफोन कारोबार बंद कर करने की घोषणा

नई दिल्ली ,05 अपै्रल । दक्षिण कोरियाई कंपनी एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स ने मोबाइल फोन कारोबार बंद करने की घोषणा कर दी है। स्मार्टफोन कारोबार में कंपनी का नुकसान हो रहा था, जिसके बाद यह फैसला लिया गया है। एलजी अब अपने कर्मचारियों को स्मार्टफोन डिवीजन से अन्य यूनिट्स में ट्रांसफर कर रहा है। माना जा रहा है कि एलजी अपने दूसरे बिजनेस को मजबूत करने पर फोकस कर रही है। जानकारी के अनुसार,एलजी के डायरेक्टर आफ बोर्ड ने मोबाइल फोन कारोबार बंद करने की पहले ही अनुमति दे दी थी।एलजी के प्रोडक्ट काफी नए तकनीक के साथ मार्केट में रहे, लेकिन सस्ती चाइनीज मोबाइल कंपनियों के प्राइस वार के सामने वे व्यावसायिक रूप से सफल नहीं हो सके। एलजी का फोकस उन बिजनेस को मजबूत करने पर है, जहां से ग्रोथ आ रही है। इनमें इलेक्ट्रिक व्हीकल कंपोनेंट्स, कनेक्टेड डिवाइस, स्मार्ट होम्स, रोबोटिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और बिजनेस टु बिजनेस शामिल हैं।
31 जुलाई तक पूरी हो सकती है प्रक्रिया
रिपोर्ट के अनुसार एलजी अपने मोबाइल विशेषज्ञता का लाभ उठाती रहेगी। 6 जैसी गतिशीलता से संबंधित तकनीक विकसित करने में कंपनी मदद करेगी, जिससे अन्य व्यावसायिक क्षेत्रों में प्रतिस्पर्धा को और मजबूत किया जा सके। एलजी के मोबाइल व्यवसाय संचालन के दो दशकों के दौरान विकसित की गई मुख्य प्रौद्योगिकियों को भी बरकरार रखा जाएगा और मौजूदा और भविष्य के उत्पादों पर लागू किया जाएगा। मोबाइल फोन व्यवसाय बंद करने की प्रक्रिया 31 जुलाई तक पूरी होने की उम्मीद है। हालांकि कुछ मौजूदा मॉडल की लिस्ट उसके बाद भी उपलब्ध हो सकती है।
वहीं, वर्तमान एलजी फोन इन्वेंट्री बिक्री के लिए उपलब्ध रहेगी। एलजी समय-समय पर मौजूदा मोबाइल उत्पादों के ग्राहकों के लिए सेवा समर्थन और सॉफ्टवेयर अपडेट प्रदान करेगा जो क्षेत्र के अनुसार अलग-अलग होंगे। एलजी मोबाइल फोन कारोबार को बंद करने के दौरान सप्लायर्स और बिजनेस पार्टनर्स के साथ मिलकर काम करेगा। रोजगार से संबंधित विवरण स्थानीय स्तर पर निर्धारित किए जाएंगे।