छत्तीसगढ़

किसानों के हित में केंद्रीय पूल में छत्तीसगढ़ से 32 लाख मीट्रिक टन चावल उपार्जन की अनुमति देने का मुद्दा उठाएं: श्री भूपेश बघेल
Posted Date : 05-Nov-2019 1:17:25 pm

किसानों के हित में केंद्रीय पूल में छत्तीसगढ़ से 32 लाख मीट्रिक टन चावल उपार्जन की अनुमति देने का मुद्दा उठाएं: श्री भूपेश बघेल

मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ के सांसदों के साथ बैठक में कहा  
    रायपुर, 05 नवम्बर 2019/ मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज यहां मंत्रालय महानदी भवन में इस वर्ष किसानों से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी और केन्द्र सरकार से पूर्व वर्ष की भांति इस वर्ष भी केन्द्रीय पूल के लिए छत्तीसगढ़ से धान उपार्जन के संबंध में आयोजित छत्तीसगढ़ के सांसदों की बैठक में कहा कि छत्तीसगढ़ के सांसद किसानों के हित में दलगत राजनीति से ऊपर उठकर केन्द्र सरकार द्वारा सेन्ट्रल पूल में इस वर्ष छत्तीसगढ़ से 32 लाख मीट्रिक टन चावल का उपार्जन करने की अनुमति देने का मुद्दा उठाएं। बैठक में प्रदेश के कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे, लोकसभा सांसद डॉ. (श्रीमती) ज्योत्सना महंत, श्री दीपक बैज और राज्यसभा सांसद श्रीमती छाया वर्मा, मुख्य सचिव श्री आर.पी. मण्डल, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री गौरव द्विवेदी, प्रमुख सचिव कृषि और कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. (श्रीमती) मनिन्दर कौर द्विवेदी, खाद्य विभाग के सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह उपस्थित थे।
   मुख्यमंत्री ने बैठक में कहा कि छत्तीसगढ़ के किसानों से जुड़ी इस बैठक में प्रदेश के सभी सांसदों को आमंत्रित किया गया था। कुछ सांसदों ने व्यस्तता के कारण उपस्थित न हो सकने के संबंध में सूचना दी है। श्री बघेल ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार ने वर्ष 2014 में कहा कि जो राज्य सरकार किसानों को समर्थन मूल्य पर धान खरीदी पर बोनस देगी उनसे सेन्ट्रल पूल में चावल नहीं लिया जाएगा। लेकिन इसके बावजूद पूर्व में दो वर्षों में इस प्रावधान को शिथिल कर सेन्ट्रल पूल में छत्तीसगढ़ से चावल लिया गया। वर्ष 2019-20 में सेन्ट्रल पूल में हमने प्रधानमंत्री से प्रावधान को शिथिल कर सेन्ट्रल पूल में छत्तीसगढ़ से 32 लाख मीट्रिक टन चावल लेने का आग्रह किया है, क्योंकि इस वर्ष धान की ज्यादा आवक की संभावना है। इस संबंध में प्रधानमंत्री और केन्द्रीय खाद्य मंत्री को पत्र भी लिखा गया है, लेकिन वहां से असहमति का पत्र भेजा गया है, जिसमें लिखा है कि 2500 रूपए प्रति क्विंटल में धान खरीदी से बाजार अव्यवस्थित हो जाएगा।
    मुख्यमंत्री ने बैठक में कहा कि छत्तीसगढ़ में 2500 रूपए प्रति क्विंटल में धान खरीदी से बाजार फला-फूला है। श्री बघेल ने छत्तीसगढ़ के सभी सांसदों, किसानों और व्यापारियों से आग्रह किया है कि वे किसानों के हित में प्रधानमंत्री को पत्र लिखें कि केन्द्र सरकार प्रावधान को शिथिल करते हुए इस वर्ष सेन्ट्रल पूल में छत्तीसगढ़ से 32 लाख मीट्रिक टन चावल का उपार्जन करने की अनुमति दे।
    श्री बघेल ने बैठक में कहा कि किसानों के हित में छत्तीसगढ़ सरकार इस वर्ष भी किसानों से 2500 रूपए प्रति क्विंटल पर धान की खरीदी करेगी। इस वर्ष लगभग 85 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी होने का अनुमान है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2018-19 में हमने किसानों से 2500 रूपए प्रति क्विंटल पर धान खरीद कर किसानों से किया गया वायदा पूरा किया। इस वर्ष भी 2500 रूपए प्रति क्विंटल पर धान की खरीदी करेंगे।
दलगत राजनीति से उठकर किसानों के हित में सहयोग दें: श्री बघेल
सर्वदलीय बैठक में मुख्यमंत्री की अपील
    मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने समर्थन मूल्य पर धान खरीदी को लेकर मंत्रालय में आयोजित सर्वदलीय बैठक में छत्तीसगढ़ के किसानों के हितों के लिए दलगत राजनीति से ऊपर उठकर सहयोग देने का आग्रह किया। उनके आग्रह पर राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों ने अपना पूरा समर्थन व्यक्त किया।
    मुख्यमंत्री ने बैठक में कहा कि केन्द्रीय पूल में चावल की खरीदी नहीं होने पर राज्य के किसानों तथा अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने कहा कि राज्य शासन अपने संसाधनों के जरिए किसानों को प्रति क्विंटल धान का मूल्य 2500 रूपए दे रही है। केन्द्र सरकार को खरीदी के लिए केवल अनुमति देना है। बैठक में छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस (जे) के विधायक श्री धर्मजीत सिंह ने कहा उनकी पार्टी ने 2500 रूपए क्विंटल में धान खरीदी के निर्णय की तारीफ की थी। इस निर्णय से किसानों को राहत मिली है तथा उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है। किसानों के हितों के लिए वे सरकार के साथ हैं। बहुजन समाज पार्टी के श्री केशव चंद्रा ने कहा कि किसानों को न्याय दिलाने में वे सरकार के पक्ष का समर्थन करते हैं। सी.पी.आई. के श्री सी.आर.बख्शी, सी.पी.आई.(एम) के श्री आर.डी.सी.पी.राव और एन.सी.पी. के श्री सोनू गोस्वामी ने भी किसानों के हित में राज्य सरकार के इस पक्ष का समर्थन किया।
मंत्रालय में किसान संगठनों और किसानों से सीधी चर्चा
    मुख्यमंत्री श्री बघेल ने समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी के संबंध में प्रदेश के विभिन्न जिलों से आए किसान संगठनों और किसानों से सीधी चर्चा की। मुख्यमंत्री ने समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के संबंध में सरकार के निर्णयों और कदमों की विस्तृत जानकारी दी।  
    किसानों ने सरकार के निर्णय का स्वागत किया और कहा कि पहली बार मंत्रालय में किसानों की बैठक हो रही है। इसके लिए मुख्यमंत्री के प्रति आभार व्यक्त किया। किसानों ने बताया कि 2500 रूपए प्रति क्विंटल धान की खरीदी से किसानों की माली हालत में काफी सुधार आया है और खेती से युवा वर्ग भी जुड़ रहे हैं। खेती किसानी में भी रोजगार के नये अवसर मिल रहे हैं।
    मुख्यमंत्री ने बैठक में आए किसान संगठन और किसानों से अपने-अपने क्षेत्र के किसानों, व्यापारियों तथा खेती किसानी से जुड़े विभिन्न संगठनों से सेन्ट्रल पूल में चावल खरीदी के संबंध में प्रधानमंत्री को पत्र लिखने का आग्रह किया। किसानों और संगठनों ने मुख्यमंत्री के इस आग्रह का स्वागत करते हुए पूर्ण समर्थन देने पर सहमति दी।

 वनांचल की महिलाओं और बच्चों का बढऩे लगा सुपोषण का स्तर
Posted Date : 05-Nov-2019 1:16:36 pm

वनांचल की महिलाओं और बच्चों का बढऩे लगा सुपोषण का स्तर

रायपुर, 05 नवम्बर 2019/ राज्य शासन द्वारा महात्मा गांधी की 150वीं जयंती दो अक्टूबर से मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान चलाकर गर्भवती, शिशुवती महिलाओं के साथ-साथ कुपोषित बच्चों को सुपोषित करने व्यापक अभियान चलाया जा रहा है। अभियान का सकारात्मक और व्यापक असर प्रदेश में दिखाई देने लगा है। धमतरी जिले के आदिवासी बाहुल्य नगरी विकासखण्ड के अंदरूनी गांवों में भी बच्चों के वजन में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। अभियान शुरू होने के माह भर के भीतर अनेक कुपोषित बच्चों के वजन में बढ़ोत्तरी दर्ज की गई। योजना के तहत आहार तालिका में स्थानीय पोषक आहार शामिल करने से हितग्राहियों में खाने की रूचि बढ़ी है और सुपोषण स्तर तेजी से बढऩे लगा है।
    मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के लिए नगरी विकासखण्ड के 352 आंगनबाड़ी केन्द्रों में से 52 का चयन किया गया, क्योंकि यहां पर मध्यम और गम्भीर कुपोषित बच्चों की संख्या 12 या उससे अधिक है। नगरी सेक्टर के ग्राम फरसियां में दो आंगनबाड़ी केन्द्र हैं, जहां तीन से छह वर्ष के 23 बच्चे, 15 गर्भवती एवं 08 शिशुवती माताओं की संख्या दर्ज हैं। इनमें विशेष पिछड़ी जनजाति कमार की दो गर्भवती, दो शिशुवती और पांच बच्चे शामिल हैं। अच्छी बात यह है कि इस अभियान के शुरू होने के पहले केन्द्र में कमार वर्ग की महिलाओं की उपस्थिति नगण्य थी। अब शत-प्रतिशत गर्भवती व शिशुवती माताएं नियमित रूप से केन्द्र आ रही हैं। मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के अंतर्गत फरसियां के आंगनबाड़ी केन्द्र में गम्भीर कुपोषित बच्चों में से रघुलाल पिता पूरणलाल का वजन 400 ग्राम, जशकुमार पिता हलाल का 900 ग्राम तक वजन बढ़ा है, जबकि मध्यम कुपोषित बच्चों में से भूपेश्वर पिता अमृतलाल का वजन 600 ग्राम, रितिक पिता लोमश के वजन में 400 ग्राम की वृद्धि हुई है, जो अब सामान्य वजन वाले बच्चों की श्रेणी में आ चुके हैं। इस इस तरह अभियान का प्रत्यक्ष लाभ बच्चों और शिशुवती व गर्भवती महिलाओं को मिल रहा है।
    महिला एवं बाल विकास विभाग की जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के अंतर्गत आंगनबाड़ी केन्द्रों में तीन से छह साल तक के बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं को पूर्व निर्धारित मीनू के अलावा रूचि अनुसार एक उबला अण्डा और शिशुवती माताओं को एक उबले अण्डे के साथ पका हुआ गर्म भोजन भी दिया जा रहा है। इसके साथ 15 से 49 आयुवर्ग की सभी महिलाओं में एनीमिया का परीक्षण स्वास्थ्य विभाग के द्वारा किया जा रहा है। अभियान के लिए राइस मिलर्स, व्यापारी वर्ग तथा जनप्रतिनिधियों के द्वारा आर्थिक सहयोग किया जा रहा है। साथ ही जिले के अधिकारी-कर्मचारियों ने भी एक दिवस का वेतन अभियान के लिए स्वेच्छा से दान किया है। योजना को सफल बनाने के लिए विभाग द्वारा की जा रही निरंतर सकारात्मक गतिविधियों से लोगों का कुपोषण मुक्ति के लिए जुड़ाव बढ़ा है।

1-1 लाख के इनामी हार्डकोर दो नक्सली मारे गए
Posted Date : 05-Nov-2019 1:16:17 pm

1-1 लाख के इनामी हार्डकोर दो नक्सली मारे गए

0 दो भरमार बंदूक और भारी संख्या में डेटोनेटर भी बरामद 
जगदलपुर/दंतेवाड़ा, 05 नवंबर । छत्तीसगढ,बस्तर के उग्रवाद प्रभावित दंतेवाड़ा जिले के मुनगा के जंगलों में आज नक्सलियों एवं डीआरजी के जवानों के बीच  हुई मुठभेड़ में दो नक्सली मारे गए हैं। पुलिस सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार  दोनों नक्सली हार्डकोर हैं और प्लाटून कमांडर रैंक के हैं। मुठभेड़ में मारा गया एक नक्सली वर्दीधारी है। मारे गये दोनों नक्सलियो की पहचान कमांडर रैंक के नक्सली के रूप में हुई है। एक नक्सली का नाम हिड़मा मंडावी है, जो कटेकल्याण एलजीएस सदस्य था। दूसरे नक्सली का नाम हूंगा मंडावी है। यह कटेकल्याण मिलिशिया प्लाटून कमांडर था। दोनों ही नक्सलियों पर पुलिस ने एक-एक लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा था। सूत्रों ने आगे बताया कि  आज ये मुठभेड़ दंतेवाड़ा के कटेकल्याण थाना क्षेत्र के मुनगा के जंगलों में हुई। मुठभेड़ के बाद जवानों को सर्चिंग के दौरान दो भरमार बंदूक और भारी संख्या में डेटोनेटर भी जवानों ने बरामद किया है।

भाई के पत्नी की हत्या के बाद आत्महत्या का प्रयास
Posted Date : 05-Nov-2019 1:15:56 pm

भाई के पत्नी की हत्या के बाद आत्महत्या का प्रयास

0 पारिवारिक विवाद में हत्या का आरोपी अस्पताल में भर्ती
जगदलपुर, 05 नवंबर । बस्तर चौकी क्षेत्र के ग्राम रामपाल में मंगलवार की सुबह पारिवारिक विवाद के चलते अपने भाई की पत्नी को मौत के घाट उतार दिया। महिला की हत्या करने के बाद आरोपी ने स्वयं को फांसी के फंदे पर झूलकर आत्महत्या करने की नाकाम कोशिश की। जिसे बेहोशी की हालत में नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार सुबह ग्राम रामपाल के बढ़ई पारा में रहने वाले एक ही परिवार के धनसाय और उसके भाई की पत्नी धनवती के बीच किसी अज्ञात कारणों की वजह विवाद हो गया। विवाद इतना बढ़ गया कि धनसाय ने आवेश में आकर चाकू से गला रेतकर धनवती की निर्मम हत्या कर दी। इस घटना में धनवती की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई। हत्या करने के बाद डरे-सहमे आरोपी ने खुद को फांसी लगाकर आत्महत्या करने की कोशिश करने लगा। लेकिन इसी दौरान गाँव के कोटवार, सरपंच तथा अन्य लोगों ने उसे फांसी के फंदे से उतार लिया। फांसी के फंदे से उतार से पहले ही आरोपी बेहोश हो चुका था। इस घटना की जानकारी डायल 112 की टीम और बस्तर चौकी पुलिस को मिलते ही दोनों मौके पर पहुँच गए। फिलहाल आरोपी को बेहोशी की हालत में नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वहीं इस मामले में पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने पराली जलाने से उत्पन्न प्रदूषण की समस्या का निदान सुझाया
Posted Date : 05-Nov-2019 1:15:20 pm

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने पराली जलाने से उत्पन्न प्रदूषण की समस्या का निदान सुझाया

0 कृषि को मनरेगा से जोड़ा जाए और पराली को खाद में बदला जाए
0 छत्तीसगढ़ ने गौठान परंपरा के जरिए पराली (पैरा) से खाद बनाने की शुरूआत कर दी है

रायपुर, 05 नवम्बर । मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने देश की राजधानी नई दिल्ली में पराली जलाने से हर वर्ष उत्पन्न होने वाली भीषण प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए कृषि को मनरेगा से जोडऩे और पराली को जैविक खाद में बदलने का सुझाव दिया है। मुख्यमंत्री  बघेल ने इस समस्या के निदान के उपाय सुझाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि सितम्बर-अक्टूबर माह में हर साल पंजाब एवं हरियाणा राज्य को मिला दे तो लगभग 35 मिलियन टन पराली या पैरा जलाया जाता है। इसके दो कारण हैं- किसान द्वारा धान की फसल के तुरंत बाद गेंहू की फसल लेना और पैरा डिस्पोजल का जलाने से सस्ता का सिस्टम मौजूद नहीं होना। जबकि किसान जान रहे हैं कि इससे धरती की उर्वरकता नष्ट होती है। भयानक प्रदूषण उत्पन्न होता है। एक सर्वे के अनुसार सितम्बर-अक्टूबर माह में जलाए गए पराली से दिल्ली में 42 प्रतिशत से 46 प्रतिशत तक वायु प्रदूषण में वृद्धि होती है और इससे दमा, कफ और अन्य बीमारियों का प्रतिशत 50 प्रतिशत तक बढ़ जाता है। ये निश्चय ही खतरनाक स्थिति है। एक ओर किसान अपना महत्वपूर्ण जैव घटक जोकि जैविक खाद बनाने में उपयोग होना चाहिए, को आर्थिक संकट की वजह से जला कर नष्ट कर रहें है, वहीं दिल्ली की जनता स्वास्थ्य संकट झेल रही है। यदि मनरेगा के नियोजन से इस पराली और ठूंठ को जैविक खाद में बदलने के लिए केन्द्र सरकार निर्देश दे तो न केवल भारी मात्रा में खाद बनेगा, बल्कि पराली जलाया नही जाएगा, जिससे प्रदूषण नहीं होगा। 100 किलोग्राम पराली से लगभग 60 किलोग्राम शुद्ध जैविक खाद बन सकता है। यानी 35 मिलियन टन पराली से लगभग 21 मिलियन टन यानी 2 करोड़ 10 लाख टन जैविक खाद बन सकता है। जिससे उर्वरकता खोती पंजाब की न केवल भूमि का उन्नयन होगा, बल्कि वहां भयानक रूप से बढ़ते कैंसर का प्रकोप भी कम होगा और दिल्ली का स्वास्थ्य भी ठीक होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने छत्तीसगढ़ में 2000 गांवों में गौठान बनाएं है, जहां जन-भागीदारी से परालीदान (पैरादान) कार्यक्रम जारी है। सरकार उसे गौठान तक लाने की व्यवस्था कर रही है और ग्रामीण युवा उद्यमी उसे खाद में बदल रहे है। ये पराली समस्या का एक सम्पूर्ण हल है। कृषि एक आवर्तनशील प्रक्रिया है, उसके हर उत्पाद वापिस खेतों में  जाएंगे, किसी न किसी स्वरूप में, तभी खेती बचेगी, मनुष्य स्वस्थ होगा। इसमें मनरेगा और गौठान परंपरा एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। 

सरोवर हमारी धरोहर जल संरक्षण अभियान का आयोजन ग्रीन आर्मी ऑफ रायपुर करेगी 9 को
Posted Date : 05-Nov-2019 1:14:54 pm

सरोवर हमारी धरोहर जल संरक्षण अभियान का आयोजन ग्रीन आर्मी ऑफ रायपुर करेगी 9 को

रायपुर, 05 नवंबर । सरोवर हमारी धरोहर जल एवं तालाब संरक्षण जन जागरण अभियान ग्रीन आर्मी ऑफ रायपुर में सदस्यों द्वारा 9 नवम्बर को बुढ़ातालाब परिक्रमा स्थल में मानव श्रृंखला 25 विद्यार्थियों के जरिये शुरू किया जाएगा। उक्त अभियान में स्मार्ट सिटी रायपुर एवं केन्द्र शासन द्वारा स्वच्छ जल प्रदाय आम लोगों को करने के उद्देश्य से जल रथ रैली के माध्यम से निकाला जाएगा। उक्त जन जागरण अभियान के जरिये शहर के सार्वजनिक जलों के माध्यम से जल के अपव्यय को रोकना एवं नगर निगम की जल संरक्षण योजना को प्रचारित किया जाएगा। उक्त जानकारी प्रेस क्लब रायपुर में आयोजित पत्रकारवार्ता में ग्रीन आर्मी के संस्थापक अमिताभ दुबे, चेयरमेन मीडिया कमेटी लीना वाढ़ेर, रैली इंचार्ज पी.के. साहू, चेयरमैन ब्ल्यू विंग मोहन वाल्र्यानी एवं  हिमांशु तिवारी ने संयुक्त रूप से दी। पत्रकारवार्ता में लीना और अमिताभ ने बताया कि गजराज बांध बोरिया खुर्द के चौड़ीकरण, गहरीकरण  के कार्य को शासन के सहयोग से अतिशीघ्र प्रारंभ किया जाएगा। व्यर्थ जल को रोकने के लिए ड्रेन वाटर हार्वोस्टिंग सिस्टम के माध्यम से संरक्षित किया जाएगा। उक्त अभियान 9 नवम्बर को सुबह साढ़े 7 बजे से साढ़े 9 बजे के मध्य आयोजित किया गया है।