नई दिल्ली ,13 जून । भारतीय रेल सभी बाधाओं को पार करते हुए तथा नए समाधान निकाल कर देश के विभिन्न राज्यों में तरल मेडिकल ऑक्सीजन (एलएमओ) पहुंचाना जारी रखे हुए है।
ऑक्सीजन एक्सप्रेस ने देश की सेवा में 30000 मीट्रिक टन तरल मेडिकल ऑक्सीजन पहुंचा कर मील का पत्थर पार किया है।
अभी तक देश के विभिन्न राज्यों में 1734 से अधिक टैंकरों में 30182 मीट्रिक टन से अधिक तरल मेडिकल ऑक्सीजन (एलएमओ) पहुंचाई गई है।
ज्ञात हो कि 421 ऑक्सीजन एक्सप्रेस गाडिय़ों ने अपनी यात्रा पूरी कर विभिन्न राज्यों को सहायता पहुंचाई है।
ऑक्सीजन एक्सप्रेस ने देश के दक्षिणी राज्यों में 15000 एमटी से ज्यादा तरल मेडिकल ऑक्सीजन की डिलीवरी की है।
ऑक्सीजन एक्सप्रेस द्वारा देश के दक्षिणी राज्यों आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और तमिलनाडु को क्रमश: 3600, 3700 और 4900 एमटी से अधिक एलएमओ पहुंचाई गई है।
इस विज्ञप्ति के जारी होने तक 2 ऑक्सीजन एक्सप्रेस गाडिय़ां 10 टैंकरों में 177 एमटी से अधिक एलएमओ लेकर चल रही हैं।
ऑक्सीजन एक्सप्रेस ने 50 दिन पहले 24 अप्रैल को महाराष्ट्र में 126 एमटी तरल मेडिकल ऑक्सीजन की डिलीवरी करने के साथ अपना काम प्रारंभ किया था।
भारतीय रेलवे का यह प्रयास रहा है कि ऑक्सीजन का अनुरोध करने वाले राज्यों को कम से कम संभव समय में अधिक से अधिक संभव ऑक्सीजन पहुंचाई जा सके।
ऑक्सीजन एक्सप्रेस द्वारा 15 राज्यों- उत्तराखंड, कर्नाटक, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु, हरियाणा, तेलंगाना, पंजाब, केरल, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, झारखंड और असम को ऑक्सीजन सहायता पहुंचाई गई है।
इस विज्ञप्ति के जारी होने तक महाराष्ट्र में 614 एमटी ऑक्सीजन, उत्तर प्रदेश में लगभग 3797, मध्य प्रदेश में 656 एमटी, दिल्ली में 5722 एमटी, हरियाणा में 2354 एमटी, राजस्थान में 98 एमटी, कर्नाटक में 3782 एमटी, उत्तराखंड में 320 एमटी, तमिलनाडु में 4941 एमटी, आंध्र प्रदेश में 3664 एमटी, पंजाब में 225 एमटी, केरल में 513 एमटी, तेलंगाना में 2972 एमटी, झारखंड में 38 एमटी और असम में 480 एमटी ऑक्सीजन पहुंचाई गई है।
अब तक ऑक्सीजन एक्सप्रेस ने देश भर के 15 राज्यों में लगभग 39 नगरों /शहरों में एलएमओ पहुंचाई है। इन शहरों में उत्तर प्रदेश में लखनऊ, वाराणसी, कानपुर, बरेली, गोरखपुर और आगरा, मध्य प्रदेश में सागर, जबलपुर, कटनी और भोपाल, महाराष्ट्र में नागपुर, नासिक, पुणे, मुंबई और सोलापुर, तेलंगाना में हैदराबाद, हरियाणा में फरीदाबाद और गुरुग्राम, दिल्ली में तुगलकाबाद, दिल्ली कैंट और ओखला, राजस्थान में कोटा और कनकपारा, कर्नाटक में बेंगलुरु, उत्तराखंड में देहरादून, आंध्र प्रदेश में नेल्लोर, गुंटूर, तड़ीपत्री और विशाखापत्तनम, केरल में एर्नाकुलम, तमिलनाडु में तिरुवल्लूर, चेन्नई, तूतीकोरिन, कोयंबटूर और मदुरै, पंजाब में भटिंडा और फिल्लौर, असम में कामरूप और झारखंड में रांची शामिल हैं।
रेलवे ने ऑक्सीजन सप्लाई स्थानों के साथ विभिन्न मार्गों की मैपिंग की है और राज्यों की बढ़ती हुई आवश्यकता के अनुसार अपने को तैयार रख़ा है। भारतीय रेल को एलएमओ लाने के लिए टैंकर राज्य प्रदान करते हैं।
पूरे देश से जटिल परिचालन मार्ग नियोजन परिदृश्य में भारतीय रेल ने पश्चिम में हापा, बड़ौदा मुंदड़ा, पूर्व में राउरकेला, दुर्गापुर, टाटा नगर, अंगुल से ऑक्सीजन लेकर उत्तराखंड, कर्नाटक, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु, हरियाणा, तेलंगाना, पंजाब, केरल, दिल्ली, उत्तर प्रदेश तथा असम को ऑक्सीजन की डिलीवरी की है।
ऑक्सीजन सहायता तेज गति से पहुंचाना सुनिश्चित करने के लिए रेलवे ऑक्सीजन एक्सप्रेस माल गाड़ी चलाने में नए और बेमिसाल मानक स्थापित कर रही है। लंबी दूरी के अधिकतर मामलों में माल गाड़ी की औसत गति 55 किलोमीटर से अधिक रही है। उच्च प्राथमिकता के ग्रीन कॉरिडोर में आपात स्थिति को ध्यान में रखते हुए विभिन्न मंडलों के परिचालन दल अत्यधिक चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में काम कर रहे हैं ताकि कम से कम संभव समय में ऑक्सीजन पहुंचाई जा सके। विभिन्न सेक्शनों में कर्मियों के बदलाव के लिए तकनीकी ठहराव (स्टॉपेज) को घटाकर 1 मिनट कर दिया गया है।
रेल मार्गों को खुला रखा गया है और उच्च सतर्कता बरती जा रही है ताकि ऑक्सीजन एक्सप्रेस समय पर पहुंच सकें।
यह सभी काम इस तरह किया जा रहा है कि अन्य माल ढ़ुलाई परिचालन में कमी नहीं आए।
नई ऑक्सीजन लेकर जाना बहुत ही गतिशील कार्य है और आंकड़े हर समय बदलते रहते हैं। देर रात ऑक्सीजन से भरी और अधिक ऑक्सीजन एक्सप्रेस गाडिय़ां यात्रा प्रारंभ करेंगी।
नई दिल्ली ,13 जून । देश के विभिन्न हिस्सों में जैसे ही कोविड-19 के मामले बढ़े, वैसे ही अस्पतालों में बुनियादी ढांचे पर भारी दबाव आ गया था। इसके बीच अभिनव मॉड्यूलर अस्पताल एक बड़ी राहत बनकर सामने आया। मॉड्यूलर अस्पताल, अस्पताल के बुनियादी ढांचे का विस्तार है और इसे एक मौजूदा अस्पताल भवन के नजदीक बनाया जा सकता है। भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के कार्यालय (ओ/ओ पीएसए, जीओआई) ने निजी क्षेत्र की कंपनियों, दानदाता संगठनों और व्यक्तियों को राष्ट्रीय महत्व की विभिन्न परियोजनाओं का समर्थन करने के लिए आमंत्रित किया है। परियोजना विस्तार अस्पताल ऐसी ही एक पहल है। पीएसए के कार्यालय ने उन राज्यों के करीब 50 अस्पतालों की जरूरतों की पहचान की है, जहां सबसे ज्यादा कोविड-19 मामले सामने आए थे।
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, मद्रास (आईआईटी-एम) में एक स्टार्ट-अप मॉड्यूलस हाउसिंग ने मेडिकैब अस्पतालों का विकास किया है। इसने 100 बिस्तरों वाली विस्तार सुविधा का निर्माण तीन हफ्तों में सक्षम बनाया है। मेडिकैब अस्पतालों को गहन देखभाल इकाइयों (आईसीयू) के एक समर्पित क्षेत्र के साथ डिजाइन किया गया है, जो विभिन्न लाइफ-सपोर्ट उपकरण और चिकित्सा उपकरणों को समायोजित कर सकता है। इन नकारात्मक दबाव वाले वहनीय अस्पतालों में लगभग 25 वर्षों का स्थायित्व होता है और इन्हें भविष्य में एक हफ्ते से भी कम समय में किसी भी आपदा प्रतिक्रिया के लिए स्थानांतरित किया जा सकता है। तेज गति से शुरू किए जा सकने वाले ये अस्पताल, विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों और छोटे शहरों में कोविड-19 के खिलाफ भारत की लड़ाई में एक प्रमुख स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे की कमी को पूरा करेंगे। पीएसए का कार्यालय देशभर में विभिन्न क्षेत्रों में इन परियोजनाओं को लागू करने के लिए सीएसआर समर्थन हासिल करने की दिशा में सक्रिय रूप से काम कर रहा है।
मॉड्यूलस हाउसिंग ने अमेरिकन इंडियन फाउंडेशन (एआईएफ) की सहायता से मेडिकैब एक्सटेंशन अस्पतालों की तैनाती शुरू कर दी है। वहीं मास्टरकार्ड, टेक्सास इंस्ट्रूमेंट्स, जेडस्केलर, पीएनबी हाउसिंग, गोल्डमैन सैक्स, लेनोवो और नैसकॉम फाउंडेशन ने भी सीएसआर समर्थन में विस्तार किया है। 100 बिस्तरों वाले अस्पतालों का पहला बैच बिलासपुर (छत्तीसगढ़), अमरावती, पुणे और जालना (महाराष्ट्र), मोहाली (पंजाब) में शुरू किया जा रहा है। वहीं छत्तीसगढ़ के रायपुर में 20 बिस्तरों वाला एक अस्पताल चालू किया जा रहा है। पहले चरण में बेंगलुरु (कर्नाटक) में 20, 50 और 100 बिस्तरों वाले एक-एक अस्पताल होंगे।
पीएसए के कार्यालय ने पंजाब और छत्तीसगढ़ में कई स्थानों पर मॉड्यूलर अस्पतालों को चालू करने के लिए टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड के साथ भी सहयोग किया है। उन्होंने गुरदासपुर और फरीदकोट (पंजाब) में 48 बिस्तरों वाले मॉड्यूलर अस्पतालों पर काम शुरू किया है। रायपुर, जशपुर, बेमेतरा, कांकेर और गौरेल्ला सहित छत्तीसगढ़ के कई अस्पतालों में आईसीयू के विस्तार का भी काम चल रहा है।
0- जुलाई तक पीएम केयर फंड से 1213 पीएसए ऑक्सीजन प्लांट लग जायेंगे
नई दिल्ली, 13 जून । पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने पंजाबी बाग स्थित महाराजा अग्रसेन हॉस्पिटल में पी.एस.ए. ऑक्सीजन प्लांट का उद्घाटन करते हुए कहा कि देश में कोरोना की तीसरी लहर का संकेत मिलने के बाद से केंद्र सरकार इस बात को लेकर आश्वस्त होना चाहती है कि देश की स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से सुदृढ़ रहे और इस बार ऑक्सीजन को लेकर किसी तरह की अफरा-तफरी का माहौल न बने। किसी भी बीमार की जान कम से कम ऑक्सीजन की कमी से न जाये। उन्होंने कहा कि इसके लिए पीएम केयर फण्ड से पूरे देश में 1213 पीएसए ऑक्सजीन प्लांट लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था, अगले माह जुलाई में पूरा हो जाएगा। लगने वाले नये संयंत्रों की उत्पादन क्षमता प्रतिदिन 35000 मीट्रिक टन होगी। धमेर्न्द्र प्रधान ने कहा कि पेट्रोलियम मंत्रालय में आने वाली जितनी भी कंपनियां हैं सभी अपने सीएसआर फंड से जगह-जगह इस तरह के प्लांट लगा रही हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली में आज आई.जी.एल. के फंड से लगाया गया संयंत्र 2.5 टन का है जिसकी लागत 2.5 करोड़ रुपये है। इससे प्रतिदिन 400 से 500 सिलेंडर भरे जा सकते हैं। प्रधान ने कहा कि यहां से गैस भी सप्लाई हो सकती है और सिलेंडर भी भरे जा सकते हैं। दिल्ली में जिस तरह से लोगों को घर पर उपचार कराते हुए परेशानियों का सामना करना पड़ा था, उसी को देखते हुए यह कदम उठाया गया है। धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा कि कोरोना महामारी में जिस तरह से केंद्र सरकार ने सभी वर्गों का ध्यान रखा है वह जगजाहिर है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत 8 महीनों तक सभी को मुफ्त राशन देने का जो वादा किया गया है उसमें लगभग एक लाख करोड़ रुपये खर्च किये जाएंगे। मुफ्त वैक्सीन पर 35,000 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च किये जा रहे हैं। यही नहीं देश के किसानों की महामारी में आर्थिक तंगी को देखते हुए 1000 करोड़ रुपये उनके खाते में जमा किये गए। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार चावल और गेहूं पर एमएसपी की घोषणा कर चुकी हैं जिससे किसानों को बड़ी राहत मिली है।
तिरुमला ,13 जून । रेल मंत्री पीयूष गोयल ने अपने परिवार के सदस्यों के साथ आज सुबह यहां भगवान वेंकटेश्वर की पूजा-अर्चना की। गोयल के आगमन पर तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) के अतिरिक्त कार्यकारी अधिकारी ए. वी. धर्म रेड्डी और मंदिर के पुजारियों ने उनका भव्य स्वागत किया और उन्हें अपने साथ गर्भगृह तक लेकर गये।
बाद में श्री गोयल को वैदिक पंडितों ने वेदाशिर्वचनम प्रदान किया और उन्हें श्रीवरी तीर्थ प्रसाद और भगवान वेंकटेश्वर की लेमिनेशन की गयी फोटो भेंट की गयी। इस अवसर पर आंध्र प्रदेश के मंत्री एस बी राजेंद्रनाथ, एमपी गुरुमूर्ति, टीटीडी बोर्ड के सदस्य चाविरेड्डी भास्कर रेड्डी और अन्य लोग उपस्थित थे।
गुरुग्राम ,13 जून । दो युवती की सात साल की दोस्ती कब प्यार में बदल गई कि दोनों ने शादी के बंधन में बंध कर एक दूसरे के साथ होने की जीने-मरने का वादा कर लिया। दरअसल, हरियाणा के गुरुग्राम और झज्जर जिले की दो लड़कियों ने सोहना स्थित एक मंदिर में कर ली है। पुलिस के मुताबिक गुरुग्राम के पटौदी इलाके की रहने वाली 20 साल की लडक़ी की झज्जर के एक स्कूल में पढऩे के दौरान 19 साल की लडक़ी से दोस्ती हो गई थी। दोनों पिछले 7 साल से दोस्त हैं।
दोनों लड़कियों ने आपसी सहमति से शुक्रवार को सोहना स्थित एक मंदिर में हिंदू रीति-रिवाज से शादी कर ली। गुरुग्राम के पटौदी क्षेत्र की युवती बनी पत्नी, जबकि झज्जर की युवती पति बनी।
लड़कियों ने पहले तो अपने परिवार के सदस्यों के साथ शादी करने की इच्छा व्यक्त की थी, लेकिन उन्होंने एक-दूसरे को भूल जाने के लिए कहा, यह कहते हुए कि यह समाज के खिलाफ है।
इसके बाद, पटौदी की लडक़ी दस दिन पहले लापता हो गई, जिसके बाद उसके पिता ने पुलिस में गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई थी।
पुलिस ने शनिवार को लडक़ी का पता लगाया तो उसने खुलासा किया कि उसने अपने दोस्त से शादी कर ली है।
दोनों लड़कियों को शनिवार को पटौदी की एक स्थानीय अदालत में पेश किया गया। उन्होंने अदालत को सूचित किया कि वे वयस्क हैं और उन्होंने एक मंदिर में शादी की है। हालांकि, लड़कियों के परिवार के सदस्यों ने उन्हें मनाने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया और दोनों ने साथ रहने का फैसला किया।
नई दिल्ली ,12 जून । कृषि कानून के खिलाफ किसानों के प्रदर्शन को 197 दिन हो चुकें हैं। किसानों ने आंदोलन को तेज करने पर विचार किया वहीं सरकार पर दबाब बनाने के लिए रणनीति बनाई। इसी बीच किसानों ने 26 जून को देशभर में राजभवनों पर धरना देने की घोषणा की।
संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के नेताओ ने बताया कि, 26 जून के दिन किसानों का विरोध प्रदर्शन होगा और इस दौरान काले झंडे दिखाए जाएंगे। साथ ही राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को ज्ञापन भेजेंगे।
भारतीय किसान यूनियन के नेता धर्मेंद्र मलिक ने आईएएनएस को बताया कि, 26 जून को खेती बचाओ, लोकतंत्र बचाओ दिवस के रूप में मनाया जाएगा। वहीं राजभवनों पर काले झंडे दिखाकर और हर राज्यों में राज्यपाल के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन देकर अपना विरोध दर्ज करायेंगे।
किसान नेताओं ने अनुसार, 26 जून को ही पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में इमरजेंसी लागू की थी। आज भी मोदी सरकार ने भी देश में अघोषित इमरजेंसी लगा रखी है।
दूसरी ओर किसानों ने बॉर्डर पर महिलाओं की सुरक्षा पर भी चिंता व्यक्त की। किसानों के मुताबिक आंदोलन स्थल पर महिलाओं की सुरक्षा को लेकर शनिवार तक समिति गठित कर देंगे। वहीं एक मोबाइल नंबर की सार्वजनिक किया जाएगा।
एसकेएम के अनुसार, किसान लगातार काले झंडे दिखा कर अलग-अलग जगहों पर बीजेपी नेताओं के खिलाफ धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। हरियाणा सरकार की महिला एवं बाल विकास मंत्री कमलेश ढांडा को कैथल में काले झंडों और नारों का सामना करना पड़ा। महिलाओं और पुरुष किसान दोनों ने बड़ी संख्या में अपना प्रतिरोध व्यक्त करने के लिए भीषण गर्मी का सामना किया। चरखी दादरी में भाजपा की बबीता फोगट को भी किसानों के विरोध का सामना करना पड़ा।
वहीं विभिन्न राज्यों से हजारों किसान दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे आंदोलन मे शामिल हो रहे हैं, आज उत्तराखंड से तराई किसान संगठन की एक टुकड़ी गाजीपुर बॉर्डर पहुंची। इसी तरह तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और बिहार से एआईकेएमएस के प्रतिनिधिमंडल और समर्थक भी गाजीपुर धरना स्थल पर पहुंचे।
दरअस तीन नए अधिनियमित खेत कानूनों के खिलाफ किसान पिछले साल 26 नवंबर से राष्ट्रीय राजधानी की विभिन्न सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
किसान उत्पाद व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अधिनियम,2020; मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा अधिनियम,2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम,2020पर किसान सशक्तिकरण और संरक्षण समझौता हेतु सरकार का विरोध कर रहे हैं ।