छत्तीसगढ़

प्रदेश के नागरिकों को मिली बड़ी राहत: अब आसानी से अनधिकृत निर्माण कार्यों को करा सकेंगे नियमित
Posted Date : 11-Sep-2022 4:16:59 am

प्रदेश के नागरिकों को मिली बड़ी राहत: अब आसानी से अनधिकृत निर्माण कार्यों को करा सकेंगे नियमित

0 मुख्यमंत्री के निर्देश पर नियमों को किया गया शिथिल
0 छत्तीसगढ़ अनधिकृत विकास का नियमितिकरण अधिनियम में हुआ संशोधन
0 नगरीय निकाय सीमा के भीतर नगर निगम, नगर पालिका तथा सीमा के बाहर निवेश क्षेत्र के भीतर नगर निवेश कार्यालय में किए जा सकेंगे आवेदन
0 नए नियम में पार्किंग के लिए कड़े प्रावधान: पार्किंग के लिए निर्धारित स्थलों पर अन्य निर्माण को हतोत्साहित करना तथा पार्किंग व्यवस्था को सुचारू रूप से बनाए रखना है
0 आमजन को इस संशोधन का अधिक से अधिक लाभ पहुंचाने  कलेक्टर करेंगे नियमित समीक्षा

रायपुर। मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल ने प्रदेश में अनियमित निर्माण कार्यों को नियमित कराने के लिए नियमों में पारदर्शिता लाने और सरलीकरण करने के निर्देश दिए है। इसी तारतम्य में छत्तीसगढ़ अनधिकृत विकास का नियमितिकरण अधिनियम में संशोधन किया गया है। संशोधित अधिनियम, 2022 छत्तीसगढ़ के राजपत्र में 14 जुलाई 2022 को प्रकाशित होने के साथ ही यह पूरे प्रदेश में प्रभावशाली हो गया है। इसके नियमों का भी  प्रकाशन 02 अगस्त 2022 को हो गया है। नियम प्रकाशित होने के बाद अब  नये नियमों के तहत आवेदन लिए जा रहे है। इस नए नियम से प्रदेश के नागरिकों को राहत मिलेगी और वे आसानी से निर्माण कार्यों को नियमित करा सकेंगे।  
नगर निगम सीमा के भीतर नगर निगम तथा नगर पालिकाओं में तथा निगम, पालिका के सीमा के बाहर तथा निवेश क्षेत्र के अंदर नगर निवेश विभाग के कार्यालय में आवेदन जमा होंगे। आवेदक को आवेदन के साथ मकान के कागजात, मकान के फोटोग्रॉफ्स आर्किटेक्ट द्वारा बनाए गए मकान का नक्शा और सम्पत्ति कर या बिजली बिल की रशीद की कॉपी संलग्न करनी होगी।
इस अधिनियम में किए गए नए संशोधन के अनुसार निवेश क्षेत्र के अंतर्गत आए हुए आवेदनों के निराकरण के लिए जिम्मेदारी तय कर दी गई है। ऐसे ग्राम/विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण, जो नगरीय निकाय सीमा के बाहर आता है। वहां आवेदन नगर या ग्राम निवेश विभाग के क्षेत्रीय कार्यालयों में लिए जाएंगे। सत्यापन परीक्षण के पश्चात इन आवेदनों को नियमितिकरण के लिए जिम्मेदार अधिकारी को प्रस्तुत करने की जिम्मेदारी सदस्य सचिव की होगी। इसी तरह नगर-निगम, नगर पालिका और नगर पंचायत जो निवेश क्षेत्र के अंतर्गत आते है। इन जगहों पर स्थानीय निकायों द्वारा आवेदन लिए जाएंगे और जिला नियमितिकरण प्राधिकारी के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।
अधिनियम में संशोधन के बेहतर क्रियान्वयन और आमजन को इस संशोधन का अधिक से अधिक लाभ पहुंचाने के लिए कलेक्टर, नगरीय निकाय अधिकारी, नगर एवं ग्राम निवेश अधिकारियों द्वारा नियमित समीक्षा की जाएगी।  
गौरतलब है कि शहरों की बढ़ती आबादी, वाहनों की बढ़ती संख्या और यातायात की बढ़ती समस्याओं को देखते हुए राज्य शासन ने शहरी क्षेत्रों में पार्किंग व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए छत्तीसगढ़ अनाधिकृत विकास का नियमितिकरण अधिनियम 2002 में संशोधन करते हुए अब कड़े प्रावधान किए हैं। इन प्रावधानों का उद्देश्य पार्किंग के लिए निर्धारित स्थलों पर अन्य निर्माण को हतोत्साहित करना तथा पार्किंग व्यवस्था को सुचारू रूप से बनाए रखना है। अधिनियम में यह संशोधन छत्तीसगढ़ अनाधिकृत विकास का नियमितिकरण (संशोधन) विधेयक 2022 के अनुसार किए गए हैं। इस संशोधन के जरिये अपीलार्थियों को राहत भी दी गई है। उन्हें अपील लंबित रहने की अवधि में अब अधिकतम एक वर्ष का ही भाड़ा देना होगा, जबकि पूर्व में उन्हें नियमित भाड़ा देना होता था।  
अधिनियम में यह प्रावधान किया गया है कि यदि अधिकृत विकास निर्धारित पार्किंग हेतु आरक्षित भू-खण्ड/स्थल पर किया गया है, तो नियमितिकरण की अनुमति तभी दी जाएगी जब आवेदन द्वारा पार्किंग की कमी हेतु निर्धारित अतिरिक्त शास्ति राशि का भुगतान कर दिया गया हो।
जारी अधिसूचना के अनुसार विधेयक में छत्तीसगढ़ अनधिकृत विकास का नियमितिकरण अधिनियम 2002 के मूल अधिनियम की धारा 04 की उपधारा (2) के खण्ड (पांच) को प्रतिस्थापित करके नगर तथा ग्राम निवेश विभाग का जिले का प्रभारी अधिकारी/संयुक्त संचालक/उपसंचालक/सहायक संचालक किया गया है। अधिनियम के खण्ड(चार) (क) में निर्धारित प्रयोजन से भिन्न भूमि के उपयोग परिवर्तन करने पर उस क्षेत्र की भूमि के लिए वर्तमान में प्रचलित कलेक्टर गाईड लाईन दर का 5 प्रतिशत अतिरिक्त शास्ति लगाने का प्रावधान किया गया है।
अधिनियम में कहा गया है कि 01 जनवरी 2011 के पूर्व अस्तित्व में आये ऐसे अनाधिकृत विकास/निर्माण, जिनकी भवन अनुज्ञा/विकास अनुज्ञा स्वीकृति हो, अथवा ऐसे अनाधिकृत भवन, जिसके लिए संबंधित स्थानीय निकाय में शासन द्वारा निर्धारित दर से संपत्ति कर का भुगतान किया जा रहा हो, ऐसे भवनों में, यदि छत्तीसगढ़ भूमि विकास नियम, 1984 अथवा संबंधित नगर के विकास योजना के अनुरूप पार्किंग उपलब्ध नहीं है, तो पार्किंग हेतु निम्नानुसार अतिरिक्त शास्ति राशि दिये जाने पर, भवन का नियमितिकरण इस प्रकार किया जा सकेगा कि पार्किंग में 25 प्रतिशत कमी होने पर प्रत्येक कार स्थान हेतु पचास हजार रूपये, 25 प्रतिशत से अधिक एवं 50 प्रतिशत तक प्रत्येक कार स्थान हेतु एक लाख रूपये, 50 प्रतिशत से अधिक एवं 100 प्रतिशत तक प्रत्येक कार स्थान हेतु दो लाख रूपये का प्रावधान किया गया है। नए प्रावधानों के अनुसार 01 जनवरी 2011 अथवा उसके पश्चात् अस्तित्व में आये ऐसे अनधिकृत विकास/निर्माण, जिनकी भवन अनुज्ञा/विकास अनुज्ञा स्वीकृति हो, अथवा ऐसे अनधिकृत भवन, जिनके लिए संबंधित स्थानीय निकाय में शासन द्वारा निर्धारित दर से संपत्ति कर का भुगतान किया जा रहा हो, ऐसे भवनों में, यदि छत्तीसगढ़ भूमि विकास नियम, 1984 अथवा संबंधित नगर के विकास योजना के अनुरूप पार्किंग उपलब्ध नहीं है, तो पार्किंग हेतु अतिरिक्त शास्ति राशि दिये जाने पर, भवन का नियमितिकरण इस प्रकार किया जा सकेगा कि पार्किंग में 25 प्रतिशत तक कमी होने पर प्रत्येक कार स्थान हेतु पचास हजार रूपये, 25 प्रतिशत से अधिक एवं 50 प्रतिशत तक प्रत्येक कार स्थान हेतु एक लाख रूपये का प्रावधान किया गया है। खण्ड (चार) में कहा गया है कि शमन योग्य पार्किंग की गणना इस प्रकार की जायेगी कि 500 वर्ग मीटर तक आवासीय क्षेत्र में पार्किंग हेतु उपलब्ध न्यूनतम क्षेत्रफल प्रति कार स्थान (ईसीएस) के आधार पर निरंक होगी जबकि 500 से अधिक क्षेत्र होने पर पार्किंग हेतु उपलब्ध न्यूनतम क्षेत्रफल प्रति कार स्थान (ईसीएस) के आधार पर 50 प्रतिशत होगी। गैर आवासीय क्षेत्र में पार्किंग हेतु उपलब्ध न्यूनतम क्षेत्रफल प्रति कार स्थान (ईसीएस) के आधार पर निरंक होगी जबकि 500 से अधिक क्षेत्र होने पर पार्किंग हेतु उपलब्ध न्यूनतम क्षेत्रफल प्रति कार स्थान (ईसीएस) के आधार पर 50 प्रतिशत होगी।
प्रावधान में कहा गया है कि (ग) ऐसी गैर लाभ अर्जन करने वाली सामाजिक संस्थायें, जो लाभ अर्जन के उद्देश्य से स्थापित न की गई हो, के अनधिकृत विकास के प्रत्येक प्रकरण में शास्ति प्राक्कलित राशि के 50 (पचास) प्रतिशत की दर से देय होगा। छत्तीसगढ़ भूमि विकास नियम, 1984 के नियम 39 में निर्धारित प्रावधान के अनुसार, मार्ग की चौड़ाई उपलब्ध नहीं होने के कारण, स्थल पर विद्यमान गतिविधियों में किसी प्रकार का लोकहित प्रभावित न होने की स्थिति में, नियश्रिीमतीकरण किया जा सकेगा।

 

गोवंश को उत्तम चिकित्सा सेवा प्रदान करने के लिए छत्तीसगढ़ में शुरू होगी मुख्यमंत्री गोवंश मोबाइल चिकित्सा योजना
Posted Date : 11-Sep-2022 4:16:09 am

गोवंश को उत्तम चिकित्सा सेवा प्रदान करने के लिए छत्तीसगढ़ में शुरू होगी मुख्यमंत्री गोवंश मोबाइल चिकित्सा योजना

० मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने दिए निर्देश
० प्रत्येक जिले में एक अथवा दो चिकित्सा वाहनों से शुरू होगी योजना
० चरणबद्ध तरीके से योजना का किया जाएगा विस्तार

रायपुर।  गोवंश को उत्तम चिकित्सा सेवा प्रदान करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री गोवंश मोबाइल चिकित्सा योजना की शुरुआत की जाएगी। पहले चरण में प्रत्येक जिले में एक अथवा दो चिकित्सा वाहनों से यह योजना शुरू की जाएगी। चरणबद्ध कार्यक्रम के तहत योजना का विस्तार किया जाएगा।
राज्य के प्रत्येक नागरिक के लिए उत्तम स्वास्थ्य सुनिश्चित करने के लिए विकासखंडों से लेकर जिला मुख्यालयों तक सर्वसुविधायुक्त शासकीय अस्पतालों के साथ-साथ मुख्यमंत्री स्लम स्वास्थ्य योजना तथा मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लीनिक योजना का संचालन किया जा रहा है। इसके तहत मोबाइल मेडिकल यूनिटों के माध्यम से शहरी श्रमिक बस्तियों से लेकर दूरस्थ तथा दुर्गम स्थलों में रहने वाले नागरिकों तक बेहतर चिकित्सा सुविधाएं पहुंचाई जा रही है।
इसी तर्ज पर अब पशुधन के संरक्षण एवं संवर्धन के कार्य को आगे बढ़ाते हुए गोवंश के उत्तम स्वास्थ्य के लिए भी मोबाइल चिकित्सा वाहनों का इस्तेमाल किया। जाएगा। वर्तमान में शासकीय पशु-चिकित्सालयों के साथ-साथ राज्य में सुराजी गांव योजना के तहत निर्मित गोठानों में भी पशुधन के स्वास्थ्य की देखभाल की व्यवस्था है। बेहतर पशु स्वास्थ्य के लिए गौठानों में चारागाहों का भी विकास किया गया, ताकि पशुओं के लिए पौष्टिक चारे की व्यवस्था होती रहे। अब नयी योजना के माध्यम से गोवंश की स्वास्थ्य सुविधाओं का और अधिक विस्तार होगा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य के मुख्य सचिव अमिताभ जैन को इस संबंध में शीघ्र आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करने को कहा है। 

 

महिला आरक्षक के खाते से फर्जी हस्ताक्षर कर निकाले गये 4 लाख रूपये
Posted Date : 11-Sep-2022 4:15:05 am

महिला आरक्षक के खाते से फर्जी हस्ताक्षर कर निकाले गये 4 लाख रूपये

0 एफआईआर दर्ज नहीं करने की शर्त पर बैंक महिला आरक्षक को पैसा लौटाने  तैयार हुआ
सुकमा। एसबीआई की सुकमा ब्रांच के बैंक प्रबंधन की लापरवाही से बस्तर बटालियन में पदस्थ महिला आरक्षक पोडिय़ाम रामो के खाते से बीते 08 महीने से दूसरी महिला पैसे आहरण कर रही थी। पीडि़त महिला आरक्षक ने इसकी शिकायत बैंक से की है। महिला के अनुसार अब तक उसके खाते से करीब 04 लाख से भी ज्यादा की राशि निकाली गई है। बैंक महिला आरक्षक पोडिय़ाम रामो को इसकी भरपाई करने के लिए तैयार हो गया है, लेकिन एफआईआर दर्ज नहीं करने की शर्त रखी गई है।  
प्राप्त जानकारी के अनुसार बस्तर बटालियन की महिला आरक्षक पोडिय़ाम रामो की पोस्टिंग कामानार सीआरपीएफ कैंप में है, और उसका बैंक खाता सुकमा के एसबीआई ब्रांच में है। मोबाइल सीम ब्लॉक होने की वजह से बैंक से मेसेज नहीं आ रहा था। महिला आरक्षक पोडिय़ाम रामो ने बताया कि 05 जुलाई को नया सीम लेने के बाद बैंक से मेसेज अलर्ट सुविध को एक्टिवेट करवाया गया, 08 जुलाई को कामानार सीआरपीएफ कैंप में ड्यूटी के दौरान दोपहर करीब एक बजे उसके मोबाइल में 50 हजार रुपये एसबीआई की शाखा सुकमा से कैश विथड्रावल करने का मेसेज आया। मैसेज मिलने के कुछ मिनटों में उसने सुकमा ब्रांच मैनेजर को फोन पर इसकी शिकायत की। जिसके बाद बैंक प्रबंधन ने मामले की पतासाजी की। बैंक में लगे सीसीटीवी फुटेज को खंगाला गया। जिसमें एक महिला द्वारा राशि निकासी करती नजर आई। बैंक स्टाफ ने तत्काल उक्त महिला को ढूंढकर लाया गया और पुलिस को सुपुर्द कर दिया।
सुकमा एसबीआई ब्रांच की लापरवाही से महिला आरक्षक पोडिय़ाम रामो के खाते से दूसरी महिला पैसे निकाल रही थी। बैंक ने सिग्नेचर अपडेट के दौरान जरूरी दस्तावेज और बारीकी से पड़ताल नहीं की। जिसका आर्थिक खामियाजा महिला आरक्षक को उठाना पड़ा। महिला आरक्षक के अनुसार उसके खाते से करीब 04 लाख से ज्यादा रूपये निकाले गये हैं। बैंक में शिकायत करने पर प्रबंधन ने बताया कि 03 जुलाई को पुराना पास बुक के आधार पर सिग्नेचर अपडेट किया गया है। जबकि मैं बीते कई महीनों से बैंक से कैश विथड्रावल नहीं किया है और न ही सिग्नेचर अपडेट के लिए आवेदन दिया है। उसने बताया कि 25 से 30 हजार रुपये की राशि निकालने में बैंक कर्मचारी आधार कार्ड व पासबुक की मांग करते हैं। लेकिन यहां बीते 08 महीने से फर्जी महिला द्वारा लाखों रुपये निकाल लिये गये और प्रबंधन ने जरूरी दस्तावेजों की मांग नहीं की।  
सुकमा एसबीआई के शाख प्रबंधक अभिनव गुप्ता ने बताया कि खाता धारक महिला पोडिय़ाम रामो की लापरवाही से ही उसके खाते से पैसे निकाले गये हैं। उनका कहना है कि अगर वे पास-बुक को संभाल के रखती तो फर्जीवाड़ा नहीं होता। आरोपी युवती ने पुराने पास-बुक के साथ बैंक आई थी और सिग्नेचर अपडेट कराया था। खाता धारक द्वारा इसकी शिकायत करने के बाद आरोपी को पकड़ लिया गया है। उक्त आरोपी महिला से एक लाख 40 हजार रूपये बरामद किये गये हैं। मामला में अभी जांच चल रही है, बैंक महिला आरक्षक को पूरी राशि वापस देने के लिए तैयार है। 

 

पितरों की सेवा करने से संतान का होता है भला
Posted Date : 11-Sep-2022 4:14:42 am

पितरों की सेवा करने से संतान का होता है भला

रायपुर। प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी भादों पूर्णिमा से 15 दिनों तक पितृ पक्ष प्रारंभ हो रहा है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार आश्विन मास में परिवारों के मृत पूर्वज/पितर संतानों के पास धरती पर आशीर्वाद देने आते हैं। शास्त्रानुसार पितरों का तर्पण करने से जहां परिवार का कल्याण होता है वहीं पिंडदान के लिए निर्मित सामाग्री एवं नदियों तालाबों में दिये गये तर्पण से पितर प्रसन्न होते हैं। अपने पितरों के प्रति श्रद्धाभाव भक्तिभाव प्रकट करने के लिए आज से प्रारंभ हो रहे पितृपक्ष के प्रथम दिन शहर के नदी तालाबों में अपने पूर्वजों को जल तर्पण करने/पिंडदान करने के लिए लोग बड़ी संख्या में सुबह दिखाई दिये। मिली जानकारी के अनुसार 15 दिनों तक तिथिवार घरों में तालाबों एवं नदियों में सुबह सुबह घाटों पर पहुंचकर पितरों के निमित  पिंडदान तर्पण का सिलसिला पितृमोक्ष अमावस्या तक जारी रहेगा। ब्राम्हणों को भोजन एवं दक्षिणा देकर लोग अपने पितरों का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। महामाया मंदिर के पं. मनोज शुक्ला द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार पितरों का ऋण उतारने का पितृपक्ष सर्वोत्तम समय है। विधिविधान से पूजा करने पर पितरों की आत्मा संतुष्ठ होकर अपनी वंशजों को आशीर्वाद देती है। गाय, कुत्तों एवं कौएं को भोजन कराने से पितरों की आत्मा संतुष्ठ होती है। ऐसी अज्ञात आत्माएं जिनके बारे में विधिविधान से मृत कर्म होने की जानकारी नहीं है अथवा ज्ञात अज्ञात आत्माओं की संतुष्ठि के लिए एवं आशीर्वाद पाने के लिए 25 सितंबर को पितृमोक्ष अमावस्या के दिन विशेष श्राद किये जाने पर उनका आशीर्वाद भी परिजनों को प्राप्त होता है। 

 

10 लाख के इनामी नक्सली झारखंड रीजनल कमेटी के सदस्य ने किया आत्मसमर्पण
Posted Date : 11-Sep-2022 4:14:17 am

10 लाख के इनामी नक्सली झारखंड रीजनल कमेटी के सदस्य ने किया आत्मसमर्पण

बीजापुर। नक्सलियों के अंतर्राज्यीय कैडर झारखंड रीजनल कमेटी के सदस्य 10 लाख के इनामी नक्सली लालू मोडियम उर्फ समीर ने अपनी पत्नि के साथ शनिवार को बीजापुर पुलिस के डीआईजी कमलोचन कश्यप, एसपी आंजनेय वार्ष्णेय और सीआरपीएफ अधिकारी के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया है। लालू मोडियम संगठन में 13 वर्षों से सक्रिय था, और इस दौरान 12 बड़ी वारदातों में उसकी भागीदारी रही थी। 
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार बीजापुर जिले के पेद्दा कोरमा का निवासी आत्मसमर्पित नक्सली लालू मोडियम वर्ष 2009 में गंगालूर एरिया कमेटी में पीएलजीए सदस्य के रूप में भर्ती हुआ था, इसके बाद 2010 में पदोन्नत हुआ, वर्ष 2014 में सीसीएम सुधाकर का अंगरक्षक बना। अप्रैल 2015 में संगठन ने उसे बिहार-झारखंड कैडर में गतिविधियों को संचालित करने की जिम्मेदारी दी गई, इसके बाद 2018 में उसे झारखंड रीजनल कमेटी का सदस्य नियुक्त किया गया।
वर्ष 2021 तक संगठन में सक्रिय रहते लालू ने छत्तीसगढ़ सहित बिहार-झारखंड में कई नक्सली घटनाओं में शामिल रहा। उसने संगठन छोडऩे के पीछे प्रेम प्रसंग और ओहदे को लेकर संगठन में भेदभाव पूर्ण नीति को जिम्मेदार बताया। आत्मसमर्पण के साथ ही उसे 10,000 रुपए की प्रोत्साहन राशि प्रदान की गई, इसके साथ ही अफसरों ने उसे पुनर्वास नीति का लाभ देने की बात कही गई है। लालू के समर्पण से पुलिस को छत्तीसगढ़ समेत झारखंड-बिहार में नक्सली नेटवर्क के सम्बंध में अहम जानकारियां मिलेगी जिसका लाभ नक्सल उन्मूलन में सहायक होगा।

 

हाथियों ने तीन गांवों में रौंदी कई एकड़ फसल
Posted Date : 11-Sep-2022 4:13:55 am

हाथियों ने तीन गांवों में रौंदी कई एकड़ फसल

कोरबा। कटघोरा वनमंडल का पसान रेंज हाथियों के उत्पात से एक बार फिर थर्रा गया है। यहां 25 की संख्या में घूम रहे हाथियेां के दल ने बीती रात रेंज के खालबहरा, लैंगी सहित एक अन्य गांव में पहुंचकर जमकर उत्पात मचाया और कई एकड़ फसल को रौंद दिया। खालबहरा में एक बैल पर हमला कर उसे घायल कर दिया। जानकारी मिलते ही वन विभाग का अमला पहले रात में पहुंचकर हाथियों को खदेड़ा, फिर सुबह होने पर नुकसानी का आंकलन करने में जुट गया है। 
जानकारी के अनुसार 25 हाथियों का दल पसान रेंज में वितरण का रहा है। इस दल में शामिल हाथी बीती रात लैंगी गांव में प्रवेश कर गए और यहां जमकर उत्पात मचाते हुए ग्रामीणों के बाड़ी में लगे धान व मक्के की फसल को रौंद दिया। बस्ती में हाथियों के घुसने की सूचना मिलने पर वन विभाग का अमला मौके पर पहुंचा और उसे खदेडऩे की कार्यवाही की। रात में काफी मशक्कत के बाद हाथियों का दल आगे बढ़ा और खालबहरा नामक गांव पहुंच गए। यहां भी हाथियों ने उत्पात मचाते हुए एक दर्जन से अधिक ग्रामीणों के खेत व बाड़ी में लगे फसल को रौंद दिया। इस दौरान हाथियों ने एक ग्रामीण के बाड़ी में बंधे बैल को निशाना बनाते हुए उसे सूंड से उठाकर पटक दिया जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। घायल बैल का उपचार कराया जा रहा है। हाथियों का उत्पात इतने पर भी नहीं थमा और पास में ही स्थित एक अन्य गांव में पहुंचकर वहां उत्पात मचाते हुए कई किसानों की फसल रौंद दी। वर्तमान में हाथियों का यह दल लैंगी के जंगल में विश्राम कर रहा है। इस दल को आज सुबह यहां देखा गया। एक ही रात में तीन गांवों में हाथियों के उत्पात से पसान रेंज थर्रा गया है वहीं ग्रामीणों में भय का माहौल है। उधर एतमानगर रेंज के मानगुरू पहाड़ पहुंंचे हाथियों के दल ने कोनकोना का रूख कर लिया है। हाथियों ने यहां पहुंचकर आधा दर्जन से अधिक किसानों की फसल रौंद दी है जिससे संबंधितों को काफी नुकसान उठाना पड़ा है।