छत्तीसगढ़

जिले में मनाया जाएगा आज से शिशु संरक्षण माह
Posted Date : 13-Sep-2022 4:04:23 am

जिले में मनाया जाएगा आज से शिशु संरक्षण माह

रायगढ़।  राज्य शासन के निर्देशानुसार जिले में शिशु संरक्षण माह का आयोजन 13 सितम्बर से14 अक्टूबर2022 तक समस्त ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में आयोजित किया जाना है। उक्त अभियान अंतर्गत प्रत्येक मंगलवार एवं शुक्रवार को गर्भवती माताओं एवं बच्चों को टीकाकृत कर जिले के 09 माह से 5 वर्ष तक के बच्चों को विटामिन ए की दवा तथा के 06 माह से 5 वर्ष तक के बच्चों को आईएफ.ए सिरप पिलाया जाना है।
जिला टीकाकरण अधिकारी,डॉ. बी. पी. पटेल ने बताया कि विटामिन ए का नियमित खुराक प्रत्येक छ: माह में एक बार लेने से बच्चों में रतौंधी, दस्त, श्वांस, संक्रमण, बुखार तथा कुपोषण की संभावना कम हो जाती है, अत: 9 माह से 5 वर्ष के सभी बच्चों को विभिन्न रोगों से बचाव करने वाली विटामिन ए की खुराक अवश्य पिलायें। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी रायगढ़ डॉ. एस. एन. केसरी ने जिले के समस्त हितग्राहियों को शिशु संरक्षण माह के दौरान आयोजित सत्रो में दी जाने वाली सेवाओं का लाभ लेने हेतु आव्हान किया है।

 

मुख्यमंत्री बघेल लैलूंगा में विभिन्न समाज एवं संगठनों के प्रतिनिधियों से की मुलाकात
Posted Date : 13-Sep-2022 4:04:01 am

मुख्यमंत्री बघेल लैलूंगा में विभिन्न समाज एवं संगठनों के प्रतिनिधियों से की मुलाकात

कई सामाजिक भवनों के निर्माण के लिए राशि दिए जाने की घोषणा
रायगढ़।  मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज भेंट-मुलाकात कार्यक्रम के दौरान लैलूंगा में विभिन्न समाज के प्रमुखों एवं सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात कर सामाजिक गतिविधियों एवं उनकी समस्या के बारे में विस्तार से चर्चा की। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा समाज के सभी वर्गों की बेहतरी के लिए कल्याणकारी योजनाएं संचालित की जा रही है। स्वास्थ्य, शिक्षा एवं रोजगार के क्षेत्र को बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने सभी समाज के लोगों को शासकीय योजनाओं एवं कार्यक्रमों का लाभ समाज के जरूरतमंद लोगों तक पहुंचाने में सक्रिय भागीदारी निभाने का आव्हान किया। उन्होंने कहा कि सभी समाज एवं वर्ग के लोगों को आगे बढऩे का मौका मिले और वह सामाजिक, शैक्षणिक और आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर हो, यह हमारी सरकार की प्राथमिकता है। चेम्बर ऑफ कॉमर्स के पदाधिकारियों सहित क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री से भेंट-मुलाकात कर आम जनता के हित में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा संचालित जनकल्याणकारी योजनाओं की प्रशंसा की और इसके लिए मुख्यमंत्री का आभार जताया।
मुख्यमंत्री ने इस मौके पर सर्व यादव समाज, अघरिया, सतनामी, साहू, माली, कोलता, गोंड़, महाकुल यादव, चौहान समाज, अगरिया समाज, मेहर, भोजपुरी, संवरा कंवर, खडिय़ा, मांझी, मुस्लिम, राठिया, कुम्हार, अग्रवाल, मानिकपुरी, पनिका, वैष्णव, उरांव, शिकारी, झेरिया यादव, मसीही समाज  सहित अन्य समाज एवं संगठन के प्रतिनिधियों से एक-एक कर उनके सामाजिक सरोकार के कार्यों एवं समस्याओं के बारे में जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर अघरिया एवं मेहर समाज के भवनों के लिए 10-10 लाख रूपए, गोंड़ समाज के भवन के लिए 20 लाख रूपए, कंवर समाज के भवन के लिए 15 लाख रूपए, मानिकपुरी पनिका एवं मसीही समाज के भवन के लिए 5-5 लाख रूपए दिए जाने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने सतनामी समाज द्वारा डॉ.अम्बेडकर की प्रतिमा की सुरक्षा की मांग पर पुलिस अधीक्षक को सुरक्षा के साथ-साथ असामाजिक तत्वों पर कार्यवाही के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कलेक्टर को श्मशान की फेंसिंग और अतिक्रमण रोकने वृक्षारोपण कराए जाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने राठिया कंवर समाज की मांग पर लारी पानी में धान उपार्जन केन्द्र खोलने की पहल करने की बात कही। उन्होंने कुम्हार समाज को चाक देने तथा कुम्हारों के लिए भूमि आरक्षित करने के लिए निर्देश कलेक्टर को दिए। मुख्यमंत्री ने दिव्यांग महेश श्रीवास को व्यवसाय हेतु डेढ़ लाख रूपए तथा स्वामी आत्मानंद स्कूल की कक्षा 10वीं की छात्रा मुस्कान अग्रवाल को उच्च शिक्षा के लिए 2 लाख रूपए दिए जाने की घोषणा की। इस दौरान लक्ष्मीकांत महंत एवं मयंक गोयल ने मुख्यमंत्री को उनकी तस्वीर भेंट की। मुख्यमंत्री से मुलाकात के दौरान अधिकांश समाज के प्रतिनिधियों ने भवन निर्माण की मांग की। मुख्यमंत्री ने सभी लोगों को समाज के नाम पर भूमि आबंटित कराने के लिए पहले आवेदन करने की बात कही।

 

मुख्यमंत्री 13 सितम्बर को लैलूंगा विधानसभा क्षेत्र के ग्राम कुंजेमुरा और खरसिया विधानसभा क्षेत्र के ग्राम चपले में आम जनता से करेंगे भेंट-मुलाकात
Posted Date : 13-Sep-2022 4:03:41 am

मुख्यमंत्री 13 सितम्बर को लैलूंगा विधानसभा क्षेत्र के ग्राम कुंजेमुरा और खरसिया विधानसभा क्षेत्र के ग्राम चपले में आम जनता से करेंगे भेंट-मुलाकात

खरसिया में रोड-शो और सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि मण्डल से मिलेंगे
रायगढ़।  मुख्यमंत्री भूपेश बघेल 13 सितम्बर को अपने भेंट-मुलाकात कार्यक्रम के तहत रायगढ़ जिले के लैलूंगा विधानसभा क्षेत्र के ग्राम कुंजेमुरा तथा खरसिया विधानसभा क्षेत्र के ग्राम चपले में आम जनता से मुलाकात कर शासकीय योजनाओं एवं कार्यक्रमों के क्रियान्वयन की स्थिति का फीडबैक लेंगे और उनकी समस्याओं की सुनवाई करेंगे। मुख्यमंत्री खरसिया में रोड-शो के पश्चात वहां विभिन्न समाज एवं संगठनों के पदाधिकारियों से मुलाकात कर सामाजिक मुद्दों पर चर्चा करेंगे।
जारी दौरा कार्यक्रम के अनुसार मुख्यमंत्री भूपेश बघेल 13 सितम्बर को लैलूंगा में पूर्वान्ह 10 बजे से अधिकारियों की समीक्षा बैठक के बाद विभिन्न विकास कार्यों का लोकार्पण एवं भूमिपूजन करेंगे। मुख्यमंत्री इसके पश्चात हैलीकॉप्टर से लैलूंगा विधानसभा क्षेत्र के ग्राम कुंजेमुरा पहुंचेंगे और वहां पूर्वान्ह 11.30 बजे से दोपहर 12.45 बजे तक आम जनता से भेंट-.मुलाकात करेंगे। मुख्यमंत्री वहां से खरसिया विधानसभा क्षेत्र के ग्राम चपले आएंगे और वहां दोपहर 1.15 बजे से 2.30 बजे तक आम जनता से भेंट-मुलाकात करने के बाद ग्राम नंदेली जाएंगे और वहां स्वर्गीय नंदकुमार पटेल एवं स्वर्गीय दिनेश पटेल की प्रतिमा पर श्रद्धासुमन अर्पित करेंगे। मुख्यमंत्री संध्या 4 बजे से 5 बजे तक खरसिया में आयोजित रोड-शो कार्यक्रम में शामिल होंगे। मुख्यमंत्री संध्या 6.30 बजे से 8.30 बजे तक खरसिया में विभिन्न समाज एवं संगठनों के प्रतिनिधि मण्डल से मुलाकात करेंगे। मुख्यमंत्री खरसिया में रात्रि विश्राम करेंगे।

 

आत्महत्या रोकथाम सप्ताह के दौरान कैदी, कैड्टस और छात्रों को मानसिक स्वास्थ्य के बारे में दी गई ट्रेनिंग
Posted Date : 13-Sep-2022 4:03:24 am

आत्महत्या रोकथाम सप्ताह के दौरान कैदी, कैड्टस और छात्रों को मानसिक स्वास्थ्य के बारे में दी गई ट्रेनिंग

डिजिटल युग में संवाद करना जरूरी
हिम्मत और साहस से करें जीवन की कठिनाईयों का सामना : डॉ. प्रकाश चेतवानी

रायगढ़।  हर अस्थायी समस्या का एक स्थायी समाधान होता है जो आत्महत्या करने के बारे में सोचते है, वह मरना नहीं चाहते बल्कि केवल अपनी पीड़ा को मारना चाहते हैं। दर्द का इलाज किया जा सकता है और जीवन मे छाई निराशा को एक नई दिशा दी जा सकती है। जन मानस में आत्महत्या जैसे गलत कदम लेने से रोकने और इसके प्रति जागरुकता उत्पन्न करने हेतु विश्व आत्महत्या रोकथाम सप्ताह मनाया जा रहा है। इस बार इसकी थीम “गतिविधि के माध्यम से आशा का संचार करना है”
इस सम्बंध में जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ. प्रकाश चेतवानी ने जानकारी देते हुए बताया: “आत्महत्या का प्रमुख  कारण मानसिक रूप से अस्वस्थ रहना है। अक्सर लोग अपनी मानसिक बीमारियों को छिपाते हैं और खुलकर उस पर बात नहीं करना चाहते हैं। अत: किसी भी परिस्थिति में अकेले ना रहें। यदि किसी को कुछ समस्या है तो अपने परिवार वालों या करीबी से बात करे, उन्हें अपनी समस्या बताएं और समस्या का समाधान खोजें। हमेशा सकारात्मक विचार मन मे लाने का प्रयास करें। आपके करीब ऐसे कई लोग होंगे जिन्हें आपकी जरूरत है। मौत का सामना करने के बजाए अपनी हिम्मत और साहस का उपयोग जीवन की कठिनाइयों का सामना करने के लिए कीजिए।”
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एसएन केशरी ने बताया: “अपने दैनिक गतिविधियों में से कुछ समय निकालकर खुद के लिये समय दें,योगाभ्यास करें, खानपान में सुधार करें और पर्याप्त नींद लें। मानसिक अस्वस्थता की स्थिति हो तो घबराएं नही, जिला अस्पताल में स्पर्श क्लीनिक के माध्यम से मानसिक रोगियों को निःशुल्क परामर्श व उपचार दिया जाता है। इसके अलावा राष्ट्रीय आत्महत्या रोकथाम लाइफलाइन नंबर (1-800-273-8255) में कॉल कर अपनी समस्या बता सकते हैंI”
जिले में आत्महत्या रोकथाम और तनाव प्रबंधन के लिए 7-12 सितंबर तक विशेष सप्ताह मनाया जा रहा है जिसमें मानसिक स्वास्थ्य को लेकर जनजागरूकता के लिए विविध कार्यक्रम स्वास्थ्य विभाग द्वारा आयोजित किये गए। 
आत्महत्या रोकथाम सप्ताह के दौरान जिला जेल में 250 कैदियों को तनाव रहित जीवन और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर करने के लिए कई गतिविधियों का आयोजन किया जिसके माध्यम से कैदियों को परेशान नहीं  होने और अत्यधिक तनाव की स्थिति में किसी साथी से बात करने की सीख दी गई।
आत्महत्या रोकथाम दिवस यानि सितम्बर 10 को संत टेरेसा स्कूल के 12वीं के छात्रों को आत्महत्या को कैसे रोकें इसे स्वास्थ्य विभाग की टीम ने सिखाया। टीम ने बच्चों को अति महत्वाकांक्षी न होने और मित्रों-पालकों के प्रति इमानदार होने की बात कही जिससे छात्र किसी भी तनाव की स्थिति में उबर सकते हैं।
ओपी जिंदल स्कूल में 550 से अधिक एनसीसी कैड्ट्स जो यहां राष्ट्रीय इनटिग्रेटेड कैंप में शामिल होने आए हैं, उनके साथ आत्महत्या रोकथाम के ऊपर कार्यशाला हुई। कैडेट्स को तनाव दूर करने को लेकर कई टिप्स स्वास्थ्य विभाग की टीम ने दिए जिसमें दोस्तों-परिजनों से बात जारी रखना , अपनी समस्या शेयर करना।  मेडिकल कॉलेज प्रांगण स्थित शासकीय नर्सिंग महाविद्यालय के छात्रों के लिए आत्महत्या रोकथाम विषय पर सेमिनार भी होगा।
डिजिटल युग में संवाद करना जरूरी
मानसिक स्वास्थ्य काउंसलर व नर्सिंग अधिकारी अतीत राव ने इस सप्ताह कई वर्कशाप लिए और लोगों को तनाव युक्त जीवन अपनाने के लिए कई युक्तियां बताई। उन्होंने कहा: ” डिजिटल युग में हर हाथ में सेलफोन है और एक-एक कोने में  सब बैठे हैं। आपस में बातचीत जरूरत के लिए ही हो गई है। संवादहीनता के कारण लोग एकतरफा ही सोचते हैं। यही एकाकीपन है और इसमें ही थोड़ी सी बात का बुरा मानकर लोग बड़े कदम उठा लेते हैं ऐसे में संवाद करना बेहद जरूरी है। कैदियों में निराशा के भाव अधिक होते हैं और यही निराशा कई बार आत्महत्या के कारणों में बदल जाती है। इसलिए हमने कैदियों को चुना और उन्हें सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ने के लिए गतिविधियों के माध्यम से संदेश दिया। जो हो चुका है उसे बदला नहीं जा सकता लेकिन जो होने वाला है उसे हम बिलकुल सकारात्मक दिशा में बदल सकते हैं। इसी तरह 12वीं के छात्र और एनसीसी के कैडेट्स जो युवा हैं और एक सुनहरा भविष्य उनके पास है लेकिन आशातीत सफलता नहीं मिलने पर वह आत्महत्या जैसे कदम उठा लेते हैं। ऐसे बच्चे जो अचानक अलग-थलग और थोड़ा विचित्र व्यवहार करे उसकी पहचान करने के लिए सभी को समझाया ताकि समय रहते उसकी मदद की जा सके।“
यह हैं एन.सी.आर.बी. के आंकड़े
एन.सी.आर.बी. (राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो) 2021 के आंकड़ों के अनुसार छत्तीसगढ़ में 1 लाख लोगों में 26.4 लोग आत्महत्या करते हैं जबकि पूरे भारत में 1 लाख की आबादी पर यह औसत 12 है। छत्तीसगढ़ की यह संख्या राष्ट्रीय औसत के दोगुने से भी ज्यादा है। इसको कम करने के लिए ही आत्महत्या रोकथाम दिवस और सप्ताह  मनाया जाता है और लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया जाता है। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा भी आत्महत्या रोकथाम हेतु विशेष प्रयास किये जा रहे हैं जिसके क्रम में सरकार द्वारा स्पर्श क्लिनिक की स्थापना की गयी है। इन क्लीनिकों के माध्यम से आत्महत्या का प्रयास करने वाले एवं अन्य मानसिक समस्याओं से जूझ रहे व्यक्तियों का उपचार किया जा रहा है और उनको एक बेहतर जीवन देने का प्रयास किया जा रहा है।

 

 गांव का मोर बना सैलानियों के लिए आकर्षण का केन्द्र
Posted Date : 13-Sep-2022 3:58:32 am

गांव का मोर बना सैलानियों के लिए आकर्षण का केन्द्र

कोरबा  । भटक कर गांव में आ गया मोर अब ग्रामीणों के बीच ही एक सदस्य की तरह  घुल मिल गया है। गांव की गलियों से लेकर घर व दुकानों में फुदकता रहता है। इसे कोई नुकसान नहीं पहुंचाता। जंगल में सैर करने निकले सैलानियों के लिए भी यह आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। पक्षी व ग्रामीणों के बीच के दोस्ती किसी मिसाल से कम नहीं।
राष्ट्रीय पक्षी मोर आमतौर पर जंगल या चिडिय़ाघरों में देखने को मिलता है, पर जिले के सुदूर वनांचल ग्राम लेमरू में जंगल से भटककर आए एक मोर ने आबादी के बीच ही अपना बसेरा बना लिया है। घरों की मुंडेर और गलियों में बेरोकटोक घूमता है, वह ग्रामीणों के लिए उनका दोस्त व परिवार के सदस्य की तरह बन गया है। जिला मुख्यालय से करीब 52 किलोमीटर दूर स्थित लेमरू गांव है। पहाड़ी और घने जंगल से घिरे लेमरू गांव की खूबसूरती को राष्ट्रीय पक्षी मोर ने बढ़ा दिया है। करीब सात साल पहले घने जंगल से भटक यह मोर रिहायशी इलाके में पहुंच गया था, उस वक्त काफी छोटा था। ग्रामीणों ने इसे कोई नुकसान नहीं पहुंचाया बल्कि इसके दाना-पानी की व्यवस्था कर दी। लोगों के इस व्यवहार को देखकर मोर गांव में रुक गया। तब से ये खूबसूरत मोर गांव की शोभा बढ़ा रहा है।
यह मोर गांव की गलियों में इत्मीनान से घूमता है जब भूख लगती है तो गांव के बीच स्थित होटल पहुंच जाता है। होटल व्यवसाई भी इसके इशारे को समझ जाते है। भर पेट दाना चुगने के बाद मोर गांव की सैर पर निकल जाता है। सुबह व शाम के वक्त गांव के चौराहे पर जब अपने पंख को फैलाकर झूमता है उस दौरान इसे देखने के लिए भीड़ लग जाती है। इस मोर की मौजूदगी के कारण लेमरू काफी चर्चित है और आने-जाने वाले राहगीरों के साथ पर्यटक भी उसे देखने ठिठक जाते हैं। इस खूबसूरत मोर को करीब से देखने के लिए दूर से लोग आते है। गांव के लोग इसका पूरा ख्याल रखते है। अब यह मोर ग्रामीणों के परिवार की सदस्य की तरह रहता है। वन विभाग द्वारा भी राष्ट्रीय पक्षी मोर की सुरक्षा का ध्यान रखा जाता है।
वनभ्रमण या पर्यटन के शौकीनों को घने जंगल में पहुंचते ही अब तक मयूर की केवल आवाजें ही सुनाई देती थी। अब एक मोर खुद उनके पास चला आता है। सुदूर वनांचल ग्राम लेमरू में एक दिन जंगल से भटककर आए मोर को ग्रामीणों ने दी शरण। अब वह गांव में स्वतंत्र एवं बिना किसी डर यहां-वहां घूमता रहता है। इतना ही नहीं, पर्यटकों के ठिठकर रुक जाने पर उनके पास चला आता है। होटल हो या किसी ग्रामीण का घर, भूख लगते ही उनके पास चला आता है और वे उसे निस्वार्थ भाव से अपने परिवार का सदस्य मान उसे भरपेट चारा भी खिलाते हैं।

 

 चिल्हाटी के गौठान में अंडा उत्पादन कर स्व-सहायता समूह की महिलाएं
Posted Date : 13-Sep-2022 3:57:40 am

चिल्हाटी के गौठान में अंडा उत्पादन कर स्व-सहायता समूह की महिलाएं

० आर्थिक रूप से हो रही सशक्त
कांकेर  । छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वकांक्षी योजनांतर्गत जिले के गौठानों में विभिन्न आयमूलक नवाचार किया जा रहा है। जिला प्रशासन के निर्देषानुसार गौठानों में वर्मी खाद का उत्पादन कर उसका विक्रय किया जा रहा है, साथ ही समूह की महिलाओं द्वारा मछली पालन, दाल मिल संचालन एवं सब्जियों के उत्पादन कर अच्छी आमदनी प्राप्त कर रहे हैं।  विकासखंड भानुप्रतापपुर के ग्राम चिल्हाटी स्थित आदर्श गौठान में जय मां लक्ष्मी स्व सहायता समूह की महिलाओं द्वारा मुर्गी पालन कर अंडा उत्पादन इकाई का संचालन किया जा रहा है। चिल्हाटी गौठान में समूह की महिलाओं द्वारा अंडा उत्पादन मुर्गियों को पालने और अंडा उत्पादन के लिए केज बनाया गया है, केज में अंडा उत्पादन के लिए वर्तमान में 180 मुर्गियों को रखा गया है। पशुचिकित्सा अधिकारी डॉ. विजया नागवंशी और सहायक पशु चिकित्सा अधिकारी टीकम ठाकुर द्वारा समय-समय पर मॉनिटरिंग कर स्व-सहायता समूह की महिलाओं को प्रोत्साहित किया जा रहा है।
’महिला सशक्तिकरण का जरिया बना गोधन न्याय योजना’

गोधन न्याय योजना महिला स्व-सहायता समूह के महिलाओं के लिए सषक्तिकरण का जरिया बना है। गौठान में अंडा उत्पादन इकाई का संचालन करने वाली महिलाएं  गनेशिया, बबिता, रेमन, बसंताबाई, मालती और भारती ने बताया कि उत्पादित अंडों को विक्रय करने में कोई दिक्कत नहीं हो रही है। मुर्गियों से प्रति दिन 100 नग से ऊपर अंडे मिलते हैं, महज 10 दिन में 1 हजार अंडों के विक्रय से 6 हजार की आय प्राप्त हुई है। ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी प्रवीण कवाची ने बताया कि चिल्हाटी गोठान की महिला समूह इस कार्य को लगन से कर रही हैं, आगे भी मुर्गीपालन कर अंडा उत्पादन इकाई को बढ़ाने का विचार किया जा रहा है। ग्रामीण महिलाओं के घरों में मुर्गीपालन उनकी संस्कृति का हिस्सा है इसलिए इस क्षेत्र की महिलाएं अंडा उत्पादन की बारीकियों से भली भांति परिचित हैं, जिसका फायदा अब उन्हें मिल रहा है। मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के तहत आंगनबाडिय़ों के कुपोषित बच्चों को अंडा खिलाया जा रहा है। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा 5 से 6 रुपये प्रति नग की दर से महिला समूह से अंडा की खरीदी की जा रही है, जिन्हें आंगनबाड़ी केंद्रों में विक्रय कर महिलाएं आय अर्जित कर रही हैं।