व्यापार

सेबी ने हिंडनबर्ग से पहले अदाणी के शेयरों में शॉर्ट कारोबार के लिए दो फंडों की जांच की
Posted Date : 25-Apr-2024 10:02:07 pm

सेबी ने हिंडनबर्ग से पहले अदाणी के शेयरों में शॉर्ट कारोबार के लिए दो फंडों की जांच की

नई दिल्ली  । भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) द्वारा दो विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों के खिलाफ जांच शुरू करने के बाद बुधवार को अदाणी समूह के शेयरों में स्थिरता रही। इन दो कंपनियों में एक पर हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट से ठीक पहले समूह की कंपनियों के शेयरों में शॉर्ट कारोबार का आरोप है। पूंजी बाजार नियामक ने विदेशी फंडों के इन दो अलग-अलग समूहों से संभावित नियम उल्लंघन के लिए स्पष्टीकरण मांगा है।
मामले के जानकार लोगों ने पहचान न बताने की शर्त पर बताया कि बाजार में हेरफेर के आरोपों का सामना कर रहे समूह पर संदेह है कि उसने अरबपति गौतम अडाणी की अगुवाई वाली फर्मों के शेयरों में शॉर्ट कारोबार किया यानि बेहद कम समय के लिए बड़ी संख्या में शेयर खरीदकर दाम बढ़ाए और फिर मुनाफाखोरी कर शेयर बेच दिये क्योंकि उसे खबर मिली थी कि शॉर्ट सेलर रिपोर्ट जल्द ही प्रकाशित की जाएगी।
उन्होंने फंड का नाम नहीं बताया। निवेशकों के दूसरे समूह की जांच जून 2021 में अडाणी के शेयरों में भारी निवेश के लिए की जा रही है। अडाणी समूह पहले ही इन फंडों के साथ किसी भी तरह के जुड़ाव से इनकार कर चुका है। फंड का स्पष्टीकरण सुनने के बाद बाजार नियामक नई जांच में अंतिम आदेश जारी करेगा।
सेबी या अदाणी समूह ने रिपोर्टों पर कोई टिप्पणी नहीं की। रिपोर्टों के अनुसार, सेबी ने फंडों पर अपने अंतिम लाभकारी मालिकों के बारे में जानकारी बनाए रखने और खुलासा करने में विफल रहने के साथ-साथ कुछ अवधि के दौरान अदाणी समूह की सूचीबद्ध संस्थाओं में निवेश सीमा का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है।

 

पेयू को भुगतान एग्रीगेटर के रूप में काम करने के लिए मिली सैद्धांतिक मंजूरी
Posted Date : 25-Apr-2024 10:01:46 pm

पेयू को भुगतान एग्रीगेटर के रूप में काम करने के लिए मिली सैद्धांतिक मंजूरी

नई दिल्ली  । डिजिटल वित्तीय सेवा प्रदाता पेयू ने घोषणा की कि उसे भुगतान निपटान अधिनियम, 2007 के तहत भुगतान एग्रीगेटर (पीए) के रूप में काम करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) से सैद्धांतिक मंजूरी मिल गई है। इस मंजूरी के बाद अब पेयू अपने प्लेटफॉर्म पर नए व्यापारियों को शामिल सकेगी।
पेयू के सीईओ अनिर्बान मुखर्जी ने एक बयान में कहा, यह लाइसेंस भारत में बनी विश्व स्तर पर प्रसिद्ध डिजिटल भुगतान बुनियादी ढांचे को स्थापित करने के हमारे मिशन में महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, सरकार की डिजिटल इंडिया पहल और आरबीआई के दूरदर्शी नियमों के अनुरूप, हम विशेष रूप से छोटे व्यापारियों के लिए डिजिटलीकरण और वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने के लिए समर्पित हैं।
इसके अलावा, कंपनी ने कहा कि आरबीआई की सैद्धांतिक मंजूरी पेयू के अग्रणी डिजिटल भुगतान बुनियादी ढांचे के निर्माण के मिशन को रेखांकित करती है। इस महीने की शुरुआत में, पेयू ने भारतीय व्यापारियों के लिए सीमा पार भुगतान के लिए अमेरिका स्थित फिनटेक कंपनी पेपाल के साथ साझेदारी की थी।
पेयू अपनी तकनीक के माध्यम से ऑनलाइन व्यवसायों को भुगतान गेटवे समाधान प्रदान करता है। इसने देश के अग्रणी उद्यमों, ई-कॉमर्स दिग्गजों और एसएमबी सहित पांच लाख से अधिक व्यवसायों को सशक्त बनाया है। यह व्यवसायों को क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड, नेट बैंकिंग, ईएमआई, बीएनपीएल, क्यूआर, यूपीआई, वॉलेट आदि जैसे 150 से अधिक ऑनलाइन भुगतान तरीकों से डिजिटल भुगतान एकत्र करने की अनुमति देता है।

 

कोटक महिन्द्रा बैंक को बड़ा झटका, आरबीआई ने नए ग्राहक जोडऩे और नए क्रेडिट कार्ड जारी करने पर लगाया प्रतिबंध
Posted Date : 25-Apr-2024 10:01:30 pm

कोटक महिन्द्रा बैंक को बड़ा झटका, आरबीआई ने नए ग्राहक जोडऩे और नए क्रेडिट कार्ड जारी करने पर लगाया प्रतिबंध

मुंबई  । भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने कोटक महिंद्रा बैंक लिमिटेड के अपने ऑनलाइन और मोबाइल बैंकिंग प्रणाली में नये ग्राहकों को जोडऩे पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया। साथ ही उसने बैंक के नये क्रेडिट कार्ड जारी करने पर भी रोक लगा दी है। हालांकि, आरबीआई ने कहा कि बैंक अपने क्रेडिट कार्ड ग्राहकों सहित अपने मौजूदा ग्राहकों को सेवाएं प्रदान करना जारी रखेगा।
आरबीआई के आदेश में कहा गया है, एक मजबूत आईटी बुनियादी ढांचे और आईटी जोखिम प्रबंधन ढांचे के अभाव में, बैंक के कोर बैंकिंग सिस्टम (सीबीएस) और इसके ऑनलाइन तथा डिजिटल बैंकिंग चैनलों को पिछले दो साल में लगातार और महत्वपूर्ण रुकावटों का सामना करना पड़ा है। हाल ही में 15 अप्रैल 2024 को सेवा में व्यवधान हुआ है जिसके परिणामस्वरूप ग्राहकों को गंभीर असुविधाएं हुईं। आईटी सिस्टम बनाने और अपनी वृद्धि के अनुरूप नियंत्रण करने में विफलता के कारण बैंक को आवश्यक परिचालन सुदृढ़ता तैयार करने में कमी पाई गई है।
केंद्रीय बैंक ने कहा कि कोटक महिंद्रा बैंक पर व्यावसायिक प्रतिबंध ग्राहकों के हित में और किसी भी संभावित लंबे समय के आउटेज को रोकने के लिए लगाए गए हैं, जो न केवल बैंक की कुशल ग्राहक सेवा प्रदान करने की क्षमता बल्कि डिजिटल बैंकिंग और भुगतान प्रणालियों के वित्तीय पारिस्थितिकी तंत्र पर भी गंभीर प्रभाव डाल सकता है।
ये प्रतिबंध 2022 और 2023 में रिजर्व बैंक द्वारा बैंक की आईटी प्रणाली की समीक्षा के बाद लगाये गये हैं। बैंक उसके निर्देशों के अनुरूप आईटी प्रणाली को अपडेट करने में विफल रहा था। आरबीआई ने बताया कि आज लगाए गए प्रतिबंधों की समीक्षा केंद्रीय बैंक की पूर्व मंजूरी के साथ बैंक द्वारा शुरू किए जाने वाले एक व्यापक बाहरी ऑडिट के पूरा होने पर की जाएगी।

 

टेस्ला धीमी गति से बढ़ रही आगे, अब कंपनी को पुनर्गठित करने का समय : मस्क
Posted Date : 25-Apr-2024 10:00:56 pm

टेस्ला धीमी गति से बढ़ रही आगे, अब कंपनी को पुनर्गठित करने का समय : मस्क

नई दिल्ली  । एलन मस्क ने कहा कि अब टेस्ला को पुनर्गठित करने का समय आ गया है। इलेक्ट्रिक कार कंपनी ने 1.1 बिलियन डॉलर की शुद्ध आय और 21 बिलियन डॉलर का राजस्व दर्ज किया है, जो एक साल पहले की अवधि के 23.3 बिलियन डॉलर से 9 प्रतिशत कम है। टेस्ला ने इस महीने अपने 10 प्रतिशत से ज्यादा कर्मचारियों की छंटनी की और मस्क ने कहा कि यह कदम कंपनी के विकास के लिए जरूरी था।
मस्क ने अर्निंग कॉल पर एनालिस्ट से कहा, वैश्विक स्तर पर ईवी अपनाने की दर दबाव में है और कई अन्य ऑटो निर्माता ईवी को वापस खींच रहे हैं और इसके बजाय प्लग-इन हाइब्रिड को अपना रहे हैं। अरबपति ने कहा, हमारा मानना है कि यह सही रणनीति नहीं है, और इलेक्ट्रिक वाहन आखिर में बाजार पर हावी हो जाएंगे। शेयरहोल्डर नोट में, टेस्ला ने कहा कि वह नए और ज्यादा किफायती प्रोडक्ट्स पेश करने के लिए अपने मौजूदा मैन्युफैक्चरिंग का लाभ उठाने पर फोकस कर रही है।
कंपनी ने कहा कि उसने 2025 की दूसरी छमाही में प्रोडक्शन शुरू होने से पहले नए मॉडल्स के लॉन्च में तेजी लाने के लिए व्हीकल लाइन-अप को अपडेट किया है। मस्क ने कहा कि कंपनी अगस्त में निर्मित रोबोटैक्सी या साइबर कैब का प्रदर्शन करेगी। उन्होंने एनालिस्ट को बताया, एआई कंप्यूटिंग के संबंध में, पिछले कुछ महीनों में, हम टेस्ला के मुख्य एआई इंफ्रास्ट्रक्चर के विस्तार पर एक्टिव तरीके से काम कर रहे हैं। कुछ समय के लिए, प्रगति में धीमापन देखा जा रहा है।

 

रिलायंस जियो ने बनाया नया रिकॉर्ड, इस मामले में बना दुनिया का नंबर एक ऑपरेटर
Posted Date : 24-Apr-2024 1:28:30 pm

रिलायंस जियो ने बनाया नया रिकॉर्ड, इस मामले में बना दुनिया का नंबर एक ऑपरेटर

नई दिल्ली  । भारतीय दूरसंचार क्षेत्र में अपनी धाक जमाने के बाद रिलायंस जियो ने डेटा खपत के मामले में भी एक नया वैश्विक रिकॉर्ड कायम किया है, डेटा ट्रैफिक के मामले में वह नंबर एक सेवा प्रदाता बन गई है।
टेलीकॉम कंपनियों के डेटा ट्रैफिक, ग्राहक आधार पर नजर रखने वाली फर्म टीएफिशियंट की रिपोर्ट के अनुसार पिछली तिमाही में रिलायंस जियो के नेटवर्क पर कुल डेटा ट्रैफिक 40.9 एक्साबाइट रहा। डेटा खपत का यह स्तर तय करते हुए इस भारतीय दूसरसंचार सेवा ऑपरेटर ने चाइना मोबाइल को पहले स्थान से विस्थापित कर दिया है। चीन की कंपनी अब दूसरे पायदान पर खिसक गयी है। चाइना मोबाइल के नेटवर्क पर आलोच्य अवधि में डेटा खपत 40 एक्साबाइट से भी कम रही।
चीन की एक और कंपनी चाइना टेलीकॉम डेटा खपत के मामले में तीसरे नंबर पर, तो भारत की एयरटेल चौथे नंबर पर रही। रिलायस जियो के एक अधिकारी ने कहा, 5जी सेवाओं के शुरु होने के बाद, रिलायंस जियो के डेटा खपत में पिछले वर्ष के मुकाबले 35.2 फीसदी का उछाल देखने को मिला। इस उछाल की मुख्य वजह है जियो का ट्रू 5जी नेटवर्क और जियो एयर फाइबर का विस्तार।
रिलायंस जियो के तिमाही नतीजों के मुताबिक जियो ट्रू 5जी नेटवर्क पर 10 करोड़ 80 लाख ग्राहक जुड़ चुके हैं और जियो के कुल डेटा ट्रैफिक का करीब 28 फीसदी हिस्सा अब 5जी नेटवर्क से आ रहा है। दूसरी तरफ जियो एयर फाइबर ने भी देश भर के 5,900 शहरों में अपनी सेवाएं शुरू कर दी हैं।
सोमवार को जारी तिमाही नतीजों में कंपनी ने जो आंकड़े मुहैया कराए हैं उनके मुताबिक जियो नेटवर्क पर प्रति ग्राहक मासिक डेटा खपत बढक़र 28.7 जीबी हो गई है, जो तीन साल पहले केवल 13.3 जीबी थी। गौरतलब है कि 2018 में भारत में एक तिमाही का कुल मोबाइल डेटा ट्रैफिक मात्र 4.5 एक्साबाइट था।

 

गर्मी में चुनावों के कारण इस साल चीनी की रिकॉर्ड खपत, गन्ना किसानों को समय पर मिल सकता है भुगतान
Posted Date : 24-Apr-2024 1:28:12 pm

गर्मी में चुनावों के कारण इस साल चीनी की रिकॉर्ड खपत, गन्ना किसानों को समय पर मिल सकता है भुगतान

नई दिल्ली  ।  भीषण गर्मी के बीच हो रहे लोकसभा चुनावों की वजह से देश में इस साल चीनी की खपत बढक़र रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच सकती है। अधिक खपत से न सिर्फ चीनी उत्पादक कंपनियों का मार्जिन बढ़ेगा बल्कि गन्ना किसानों को समय पर भुगतान करने में मदद मिलेगी। हालांकि, चीनी की मांग बढऩे से घरेलू बाजार में इसकी कीमतें बढ़ सकती हैं। नेशनल फेडरेशन ऑफ कोऑपरेटिव शुगर फैक्ट्रीज लि. के प्रबंध निदेशक प्रकाश नाइकनवरे ने कहा, गर्मी के बीच हो रहे लोकसभा चुनावों की वजह से चीनी की मांग में असामान्य वृद्धि देखने को मिल रही है। इससे इस साल चीनी की कुल खपत बढक़र रिकॉर्ड 2.9 करोड़ टन पहुंच सकती है। 30 सितंबर को समाप्त विपणन वर्ष 2022-23 में कुल खपत 2.78 करोड़ टन रही थी। 
रैलियों के कारण मांग औसत से ज्यादा
बलरामपुर चीनी मिल्स की कार्यकारी निदेशक अवंतिका सरावगी ने कहा, देश के कई हिस्सों में अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से अधिक पहुंच गया है। इस बीच हो रही सियासी रैलियों में लाखों की भीड़ जुटने से आइसक्रीम और शीतल पेय की खपत बढ़ गई है, जिससे चीनी की मांग औसत से ज्यादा है।
75 लाख टन खपत का अनुमान
मुंबई स्थित एक डीलर ने बताया, मार्च के मध्य से जून तक गर्मी के महीनों में कोल्ड ड्रिंक और आइसक्रीम की मांग बढ़ जाती है। इससे देश में अप्रैल-जून के दौरान चीनी की खपत बढक़र 75 लाख टन पहुंच सकती है। यह सालाना आधार पर 5 फीसदी ज्यादा है।
तीन फीसदी बढ़े दाम
बॉम्बे शुगर मर्चेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक जैन ने कहा, सरकार ने पिछले साल की तुलना में अप्रैल के लिए अधिक कोटा आवंटित किया है। लेकिन, थोक उपभोक्ताओं की मजबूत मांग से एक पखवाड़े में चीनी के दाम करीब तीन फीसदी बढ़ गए हैं।