छत्तीसगढ़

 कचरे से जैविक खाद बनाने में निगम की रूचि नहीं, बढ़ता जा रहा कचरे का ढेर
Posted Date : 30-Dec-2018 12:59:08 pm

कचरे से जैविक खाद बनाने में निगम की रूचि नहीं, बढ़ता जा रहा कचरे का ढेर

जगदलपुर, 30 दिसंबर । संभाग के सबसे बड़े नगर निगम जगदलपुर द्वारा कचरे से जैविक खाद बनाने में कोई रूचि नहीं ली जा रही है, जिसके कारण आज 25 हजार किलो वार्षिक जैविक खाद बनाने का लक्ष्य प्राप्त नहीं किया जा सका है, वहीं कचरा बढ़ता ही जा रहा है। 
जानकारी के अनुसार निगम ने शहर के लालबाग, प्रवीर वार्ड और लोकमान्य तिलक वार्ड और सुंदरलाल शर्मा वार्ड में कचरे से खाद बनाने का केंद्र तो बड़ी तेजी से किया लेकिन इन केंद्रों में आज भी काम नहीं हो पा रहा है। अब तक निगम केवल सुंदरलाल शर्मा वार्ड में बनाए एसएलआरएम (सॉलिड लिच्डि रिसोर्स मैनेजमेंट) सेंटर में खाद का निर्माण करा रहा है। बाकी के तीन सेंटर में खाद का निर्माण अब तक शुरू नहीं हो पाया है।
उल्लेखनीय है कि पंडित सुंदरलाल वर्मा वार्ड को छोडक़र बाकी के तीनों केंद्रों में केवल गीला और सूखा कचरा को अलग -अलग करने का काम हो रहा है। जबकि निगम ने स्वयं ही सालभर में 25000 किलो जैविक खाद बनाने का लक्ष्य रखा था और अब तक केवल 5000 किलो ही जैविक खाद बना पाया है। 
इस संबंध में कर्मचारियों से जब पूछताछ की गई तो उन्होंने बताया कि अभी तक शेष केंद्रों में आधारभूत सुविधा और ढांचा तैयार नहीं किया जा सका है। जिसके कारण वे केवल गीला और सुखा कचरा ही इन केंद्रों में अलग करने का कार्य हो रहा है। आलम यह है कि इस सेंटर में खाद बनाने के लिए टंकी तो बनाई गई है लेकिन खाद बनाने के दौरान टंकी से निकलने वाले गंदे पानी के लिए पाइप नहीं लगाया है। बाकी सभी केंद्रों के सामने भी इसी प्रकार की स्थिति है और निगम को जैविक खाद बनाने में कोई रूचि नहीं है। केवल खानापूर्ति के लिए काम हो रहा है। 
इस संबंध में निगम आयुक्त एके हलधर ने कहा कि एसएलआरएम सेंटर में खाद बनाने की योजना नहीं है। यहां पर केवल सूखे और गीले कचरे को अलग किया जाता है। शुरूआती दौर में कंपोस्ट सेंटर नहीं बनने से खाद बनाने का काम यहां पर शुरू किया था लेकिन अब शीघ्र ही ग्राम कंगोली में बन गए कंपोस्ट सेंटर में ही कचरे से खाद बनाई जाएगी। लालबाग में जो महिलाएं सेंटर चला रही है उन्हें इस सेंटर में होने वाले कामों को लेकर पूरी जानकारी नहीं है। 

बस्तर के साढ़े 85 हजार उपभोक्ताओं को बिजली बिल आधा होने का इंतजार
Posted Date : 30-Dec-2018 12:58:31 pm

बस्तर के साढ़े 85 हजार उपभोक्ताओं को बिजली बिल आधा होने का इंतजार

जगदलपुर, 30 दिसंबर । अपने घोषणा पत्र में कांग्रेस ने लोगों के बिजली बिल आधा किये जाने की घोषणा की थी। इस घोषणा की पूर्ति के लिए बस्तर की जनता प्रतिक्षा कर रही है और उसे घोषणा का इंतजार है। 
कांग्रेस ने 15 वर्षों के बाद प्रदेश में सरकार बनाई है और उसके द्वारा अपने घोषणा पत्र में किये गये वादों को पूरा करना भी शुरू कर दिया है। किसानों की कर्ज माफी का कार्य इस समय चल रहा है और उपभोक्ताओं  के बिजली बिल को आधा किये जाने का इस समय सभी को इंतजार है। बस्तर जिले में कुल एक लाख 85 हजार 499 उपभोक्ता हैं।
उल्लेखनीय है कि विद्युत संबंधी सभी कनेक्शनों पर 12 करोड़ रुपए की बिलिंग हर महीने बिजली वितरण कंपनी करती है। बिजली बिल आधा होने से यह राशि छह करोड़ रुपए ही रह जायेगी। बस्तर जिले के सभी लोगों को बिजली बिलों में प्रत्यक्ष, अप्रत्यक्ष तौर पर राहत मिलेगी। अभी इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है, कंपनी को राज्य शासन से अभी तक कोई स्पष्ट गाइड लाइन जारी नहीं हुई है। किस वर्ग के उपभोक्ताओं की राशि आधी की जाएगी। यह भी अभी ज्ञात नहीं है। 
इस संबंध में विद्युत वितरण कंपनी के डिविजनल इंजीनियर नवीन पोयाम ने बताया की उपभोक्ताओं की संख्या से लेकर बिलों की राशि तक की व्यवस्था स्पष्ट है। जैसा शासन का निर्देश जारी होगा वैसा ही निर्देश का पालन किया जायेगा। प्राप्त जानकारी के अनुसार बिजली के बिलों का नया टैरिफ अप्रैल 2019 में लागू होगा। इसे नियामक आयोग की मंजूरी के बाद लागू किया जाएगा।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर हजारों निम्न और मध्यम वर्ग के लोगों को बड़ी राहत
Posted Date : 30-Dec-2018 12:57:08 pm

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर हजारों निम्न और मध्यम वर्ग के लोगों को बड़ी राहत

० पांच डिसमिल से कम रकबे का अब होगा नामांतरण और पंजीयन
० पांच डिसमिल से कम रकबे की खरीदी-बिक्री पर रोक हटी
० राजस्व विभाग द्वारा पूर्व में जारी आदेशों को किया स्थगित

रायपुर, 30 दिसंबर ।  मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर छोटे भू-खण्ड धारकों को जमीन की खरीदी-बिक्री के पंजीयन में बड़ी राहत मिली है। श्री बघेल ने छोटे भू-खण्डधारकों को रजिस्ट्री में आ रही दिक्कतों को देखते हुए राजस्व विभाग को इसका तत्काल निराकरण करने के निर्देश दिए गए थे। मुख्यमंत्री के निर्देश पर राजस्व विभाग द्वारा पूर्व में जारी आदेशों को स्थगित करते हुए आज नया आदेश जारी किया गया है, जिसके अंतर्गत पांच डिसमिल से कम रकबे की खरीदी-बिक्री पर रोक हटा दी गई है। अब पांच डिसमिल से कम रकबे की भूमि का अब नामांतरण और पंजीयन आसान होगा। इससे हजारों निम्न और मध्यम वर्ग के लोगों को बड़ी राहत मिलेगी। उल्लेखनीय है कि जन-घोषणा पत्र में भी मुख्यमंत्री श्री बघेल ने इस समस्या का त्वरित निराकरण का वादा किया गया था और इसी वादे के अनुरूप उन्होंने छोटे भू-खण्ड धारकों को उनके छोटे भू-खण्डों के नामांतरण और रजिस्ट्री में यह राहत दी गई है।
इस संबंध में राजस्व विभाग द्वारा वाणिज्यिक-कर (पंजीयन) विभाग को पत्र जारी कर दिया गया है। इसके अनुसार रजिस्ट्री हेतु खसरा नम्बर के नक्शा में अंकन की अनिवार्यता को स्थगित कर दी गई है। सचिव राजस्व विभाग द्वारा सचिव वाणिज्यिक-कर (पंजीयन) को जारी पत्र में कहा है कि पूर्व में छोटे भू-खण्डों का पंजीयन होने और उसका नक्शे में अंकन किए बिना खसरे में भूमि-स्वामी का नाम दर्ज किया गया है। ऐसे खसरा नम्बरों का बिना विस्तृत सर्वेक्षण और गहन जांच के बिना नक्शे में अंकन संभव नहीं होने के कारण यदि कोई भूमि-स्वामी किसी खसरा नम्बर के धारित सम्पूर्ण भूमि को अंतरित करना चाहता है तो पंजीयन के लिए उस खसरा नम्बर के नक्शे में अंकन की अनिवार्यता को स्थगित की जाए। इसी तरह खसरा और नक्शा में आबादी भूमि के रूप में दर्ज भूमि में निवासरत व्यक्तियों द्वारा धारित भू-खण्डों का भूमि-स्वामीवार कोई भी भू-अभिलेख तथा नक्शा शासन द्वारा अभी तैयार नहीं कराया गया है। इसलिए भूमि के रूप में अंकित खसरा नम्बर के अंदर यदि किसी व्यक्ति द्वारा विधिपूर्वक कब्जे की भूमि के विक्रय हेतु पंजीयन के लिए भू-अभिलेख एवं नक्शे की अनिवार्यता को समाप्त किया जाए। राजस्व विभाग द्वारा यह भी कहा गया है कि यदि ले-आऊट के आधार पर किसी भूमि-स्वामी द्वारा किसी भू-खण्ड का विक्रय किया जाता है तो ले-आऊट को पंजीयन का आवश्यक अंग मानते हुए बिना नक्शा बटांकन के पंजीयन की कार्रवाई की जाए। कुछ प्रकरणों में रायपुर विकास प्राधिकरण तथा छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल द्वारा अनुमोदित ले-आऊट भुंईया सॉफ्टवेयर में अपलोड नहीं किया गया है। ऐसे प्रकरणों में संबंधित संस्थान द्वारा जारी अनापत्ति प्रमाण के आधार पर भू-खण्डों के पंजीयन की कार्रवाई की जाएगी। 

अन्नदाताओं से किया गया हर वादा होगा पूरा : भूपेश बघेल
Posted Date : 30-Dec-2018 12:55:16 pm

अन्नदाताओं से किया गया हर वादा होगा पूरा : भूपेश बघेल

0-मुख्यमंत्री ने कौही के ऐतिहासिक शिव दरबार में की पूजा-अर्चना 
रायपुर, 30 दिसम्बर । मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज दुर्ग जिले के ग्राम कौही (पाटन) में आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा है कि अन्नदाताओं से किया गया हर वादा राज्य सरकार द्वारा पूरा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के तत्काल बाद मैंने केबिनेट की बैठक में मुख्यमंत्री के रूप में पहला हस्ताक्षर किसानों की ऋण माफी के फैसले पर किया है। किसानों से 2500 रूपए प्रति क्विंटल के मूल्य पर धान खरीदी के लिए राशि का प्रावधान आगामी बजट में किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ 2500 रूपए प्रति क्विंटल की दर से धान की खरीदी करने वाला देश का पहला राज्य होगा।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इसके पहले कौही स्थित धर्मस्थली आनंद मठ मंदिर पहुंचकर मां काली और प्रसिद्ध ऐतिहासिक शिव मंदिर में पूजा अर्चना कर राज्य की सुख-शांति और समृद्धि की कामना की। मुख्यमंत्री ने यहां आयोजित गरिमामयी संक्षिप्त कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुुए क्षेत्रवासियों के प्रति आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा कि पाटन क्षेत्र का ऐतिहासिक महत्व रहा है। क्षेत्र के अनेक वीरों ने आजादी की लड़ाई में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। पाटन क्षेत्र शिक्षा के क्षेत्र में शुरू से ही अग्रणी रहा है। इस क्षेत्र के पूर्वजों में शुरू से सामाजिक-राजनीतिक चेतना रही है।
मुख्यमंत्री बघेल ने कार्यक्रम में कहा कि प्रदेश के गांवों को विकसित कर यहां रहने वाले गांव-गरीब-मजदूर-किसान एवं कम आमदानी वाले लोगों की आय में बढ़ोत्तरी करने के हर संभव प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने नदी और नरवा के पानी को खेतों तक पहुंचाने की जरूरत बताई। उन्होंने कहा कि खलिहानों और गौठानों को भी सुविधापूर्वक बनाना होगा। गांवों में गोबर की जैविक खाद बनाने के साथ ही गोबर गैस बनाकर घर-घर तक पहुंचाना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार की प्राथमिकता गांवों का विकास करना है। पशुओं के नस्ल सुधार के साथ देशी नस्ल के पशुओं को बढ़ावा देना है, जिससे प्रदेश में दूध के उत्पादन में बढ़ोत्तरी हो सके। इस अवसर पर स्थानीय जनप्रतिनिधि, जिला पंचायत एवं जनपद सदस्य, ग्राम पंचायतों के पदाधिकारी तथा बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे।

जल, जंगल और जमीन के सवर्धन तथा संरक्षण के लिए बनाएं बेहतर  कार्य योजना : कमिश्नर
Posted Date : 30-Dec-2018 12:51:54 pm

जल, जंगल और जमीन के सवर्धन तथा संरक्षण के लिए बनाएं बेहतर कार्य योजना : कमिश्नर

रायपुर, 30 दिसंबर । रायपुर संभाग के आयुक्त जी.आर. चुरेन्द्र ने रायपुर संभाग के समस्त कलेक्टर, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, अपर कलेक्टर, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व, तहसीलदार एवं संभाग स्तरीय अधिकारियों की बैठक लेकर विकास गतिविधियों के संबंध में आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सरकार के मंशानुरूप जल, जंगल और जमीन के सवर्धन तथा संरक्षण के लिए कार्य योजना बनाकर गंभीरता से कार्य करें। सीमांकन, नामांतरण, नजूल प्रकरण आदि राजस्व प्रकरणों के निराकरण में तेजी लाएं तथा प्रकरणों की सुनवाई में लंबा अंतराल न रखें। प्रकरणों के निराकरण के लिए ग्रामीण स्तर पर विशेष शिविर लगाए जाए। शासकीय कार्यों के लिए किए गए भू-अर्जन का मुआवजा हितग्राहियों को निर्धारित अवधि में करें उसके बाद राजस्व रिकार्ड को भी अनिवार्य रूप से दूरूस्त करें। सामुदायिक हितों को ध्यान में रखते हुए लोक प्रयोजन के लिए चिन्हांकित स्थल को अतिक्रमण से मुक्त करें। इसी तरह शासकीय रिक्त भूमि पर औषधीय एवं फलदार पौधों का रोपण करें। ग्रामीण क्षेत्रों में खेल मैदान एवं पशुओं के चारागन के लिए आरक्षित जगहों पर किसी भी स्थिति में अतिक्रमण न हो इसका विशेष ध्यान रखें।  कमिश्नर चुरेन्द्र ने कहा कि जिलों में पदस्थ अधिकारी-कर्मचारी मुख्यालय में रहे और बिना अनुमति के मुख्यालय न छोड़े। बेहतर कार्य के लिए समन्वय बनाएं। स्कूलों में शिक्षक की कमी को दूर करने स्थानीय स्तर पर शिक्षित बेरोजगारों को मानसेवी के रूप पदस्थ किया जा सकता है। कृषकों को रबी में लिए जाने वाले फसलों के लिए कम पानी वाले फसल जैसे दलहन-तिलहन लगाने के लिए प्रेरित करें। जल संरक्षण के लिए ग्रामीण स्तर पर कार्य योजना बनायी जाए। ग्रामीण स्तर पर पलायन को रोकने के लिए रोजगार का सृजन किया जाए। जिला और संभाग स्तरीय अधिकारी जिले में हो रहे विकास कार्यों का सतत निरीक्षण करें। बैठक में राजस्व प्रकरणों के निराकरण के साथ ही ई-कोर्ट, आबादी पट्टा, वन अधिकार पट्टा, असामयिक वर्षा से प्रभावित फसल, फसल बीमा, कार्यालयों का वार्षिक निरीक्षण, आडिट कडिंकाए, धान उपार्जन, मिलिंग और सीएमआर, कर्जमाफी के संबंध में की जा रही कार्यवाही के साथ ही राजस्व प्रशासन के सुदृढ़ीकरण के लिए किए जा रहे कार्यो की समीक्षा किया गया। बैठक में पेयजल, जिला पंचायत द्वारा क्रियान्वित योजना, रोजगार मूलक कार्यो सहित रबी फसल कार्यक्रम की तैयारी की समीक्षा की गई।  

जल, जंगल और जमीन के सवर्धन तथा संरक्षण के लिए बनाएं बेहतर  कार्य योजना : कमिश्नर
Posted Date : 30-Dec-2018 12:51:54 pm

जल, जंगल और जमीन के सवर्धन तथा संरक्षण के लिए बनाएं बेहतर कार्य योजना : कमिश्नर

रायपुर, 30 दिसंबर । रायपुर संभाग के आयुक्त जी.आर. चुरेन्द्र ने रायपुर संभाग के समस्त कलेक्टर, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, अपर कलेक्टर, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व, तहसीलदार एवं संभाग स्तरीय अधिकारियों की बैठक लेकर विकास गतिविधियों के संबंध में आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सरकार के मंशानुरूप जल, जंगल और जमीन के सवर्धन तथा संरक्षण के लिए कार्य योजना बनाकर गंभीरता से कार्य करें। सीमांकन, नामांतरण, नजूल प्रकरण आदि राजस्व प्रकरणों के निराकरण में तेजी लाएं तथा प्रकरणों की सुनवाई में लंबा अंतराल न रखें। प्रकरणों के निराकरण के लिए ग्रामीण स्तर पर विशेष शिविर लगाए जाए। शासकीय कार्यों के लिए किए गए भू-अर्जन का मुआवजा हितग्राहियों को निर्धारित अवधि में करें उसके बाद राजस्व रिकार्ड को भी अनिवार्य रूप से दूरूस्त करें। सामुदायिक हितों को ध्यान में रखते हुए लोक प्रयोजन के लिए चिन्हांकित स्थल को अतिक्रमण से मुक्त करें। इसी तरह शासकीय रिक्त भूमि पर औषधीय एवं फलदार पौधों का रोपण करें। ग्रामीण क्षेत्रों में खेल मैदान एवं पशुओं के चारागन के लिए आरक्षित जगहों पर किसी भी स्थिति में अतिक्रमण न हो इसका विशेष ध्यान रखें।  कमिश्नर चुरेन्द्र ने कहा कि जिलों में पदस्थ अधिकारी-कर्मचारी मुख्यालय में रहे और बिना अनुमति के मुख्यालय न छोड़े। बेहतर कार्य के लिए समन्वय बनाएं। स्कूलों में शिक्षक की कमी को दूर करने स्थानीय स्तर पर शिक्षित बेरोजगारों को मानसेवी के रूप पदस्थ किया जा सकता है। कृषकों को रबी में लिए जाने वाले फसलों के लिए कम पानी वाले फसल जैसे दलहन-तिलहन लगाने के लिए प्रेरित करें। जल संरक्षण के लिए ग्रामीण स्तर पर कार्य योजना बनायी जाए। ग्रामीण स्तर पर पलायन को रोकने के लिए रोजगार का सृजन किया जाए। जिला और संभाग स्तरीय अधिकारी जिले में हो रहे विकास कार्यों का सतत निरीक्षण करें। बैठक में राजस्व प्रकरणों के निराकरण के साथ ही ई-कोर्ट, आबादी पट्टा, वन अधिकार पट्टा, असामयिक वर्षा से प्रभावित फसल, फसल बीमा, कार्यालयों का वार्षिक निरीक्षण, आडिट कडिंकाए, धान उपार्जन, मिलिंग और सीएमआर, कर्जमाफी के संबंध में की जा रही कार्यवाही के साथ ही राजस्व प्रशासन के सुदृढ़ीकरण के लिए किए जा रहे कार्यो की समीक्षा किया गया। बैठक में पेयजल, जिला पंचायत द्वारा क्रियान्वित योजना, रोजगार मूलक कार्यो सहित रबी फसल कार्यक्रम की तैयारी की समीक्षा की गई।