व्यापार

एयरटेल पेमेंट्स बैंक ने दिन की बैलेंस लिमिट को 2 लाख रुपये तक किया
Posted Date : 19-Apr-2021 5:17:43 pm

एयरटेल पेमेंट्स बैंक ने दिन की बैलेंस लिमिट को 2 लाख रुपये तक किया

नईदिल्ली,19 अपै्रल । भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के दिशानिर्देशों के अनुसार, एयरटेल पेमेंट्स बैंक ने घोषणा की कि वह देश में पहला भुगतान बैंक बन गया है, जो 2 लाख रुपये दिन की लिमिट कर दी है। बैंक ने एक दिन की बैलेंस लिमिट को 1 लाख से बढ़ाकर 2 लाख रुपये कर दिया है।
एयरटेल पेमेंट्स बैंक की एमडी और सीईओ अनुब्रत बिस्वास ने कहा, आरबीआई का बैलेंस लिमिट बढ़ाने का फैसला पेमेंट्स बैंकों की वित्तीय और डिजिटल समावेशन को भारत में आगे बढ़ाने में मदद करने का फैसला है।
बिस्वास ने कहा, एयरटेल पेमेंट्स बैंक में हमने हमेशा माना है कि सबसे ज्यादा बैलेंस लिमिट भुगतान बैंकों के उपभोक्ता के इस्तेमाल को बढ़ाएंगी, साथ ही औपचारिक बैंकिंग तक आसानी से पहुंचने के लिए अनौपचारिक भारत के बड़े वर्गों, जैसे छोटे व्यापारियों को सक्षम करेंगी।
बैंक डिपॉजिट्स को डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (डीआईसीजीसी) के तहत बीमा किया जाता है, जो आरबीआई की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है।
एयरटेल पेमेंट्स बैंक के 55,00,000 उपयोगकर्ता हैं और उन्हें प्रौद्योगिकी और एक खुदरा-आधारित वितरण नेटवर्क के माध्यम से सेवा प्रदान करता है।
एयरटेल बैंक ने 5,00,000 पड़ोसी बैकिग प्वाइंट्स के साथ अपना मजबूत नेटवर्क बना लिया है, जो भारत में सभी बैंक ब्रांचों और एटीएम से ज्यादा हैं।

फल-सब्जियों की कंप्यूटर से छंटाई की तकनीक लाएगी अमेजन
Posted Date : 19-Apr-2021 5:16:45 pm

फल-सब्जियों की कंप्यूटर से छंटाई की तकनीक लाएगी अमेजन

नईदिल्ली,19 अपै्रल । ई-कामर्स प्लैटफार्म चलाने वाली दिग्गज कंपनी अमेजन ने कहा कि वह कंप्यूटर-दृष्टि पर आधारित एक ऐसा समाधान तैयार कर रही है जो बाजार के लिए फल-सब्जियों की छंटाई करने में मदद करेगी। कंपनी की योजना निकटवर्ती-अवरक्त (इन्फ्रारेड) सेंसर प्रणाली से फल की मिठास और उसके पके होने का भी अनुमान लगाया जा सकेगा।अमेजन इंडिया के उपाध्यक्ष (यांत्रिक ज्ञान) राजीव रस्तोगी ने कहा कि फल और सब्जियों के खरीदने में गुणवत्ता की बड़ी महत्वपूर्ण भूमिका होती है। यह ग्राहकों की संतुष्टि का एक बड़ा कारक होती है। टमाटर और प्याज जैसी चीजों के एक-एक नग को गुणवत्ता के आधार पर छांटने के काम पर केवल व्यक्तियों को ला कर हर दिन दसियों लाख नग वस्तुओं का वर्गीकरण करना मुश्किल है। वह अमेजन संवाद कार्यक्रम के एक सत्र को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि फल सब्जियों की छंटाई व वर्गीकरण के लिए कंपनी कंप्यूटर-दृष्टि आधारित प्रणाली का निर्माण कर रही है। ऐसी प्रणाली प्याज और टमाटर जैसे उत्पादों की छंटाई में काम आएगी। यांत्रिक-जानकारी पर आधारित समाधान में इमेज के कंप्यूटरीकृत विश्लेषण के आधार पर सब्जी के कटे-फटे या क्षतिग्रस्त और छोटे होने पर उसको छांट कर मशीन द्वारा ही अलग कर दिया जाता है। उन्होंने कहा कि इससे छंटाई की लागत हाथ की तुलना में 78 प्रतिशत कम की जा सकती है। उन्होंने बताया कि कंपनी ने फल के पके होने और उसके मिठास की जांच के लिए अवरक्त किरणों वाले सेंसर का प्रयोग करने की योजना तैयार की है। इसी तरह पैकेजिंग की लागत कम करने के लिए भी यांत्रिक-ज्ञान का प्रयोग करने की योजना है।

सरसों, सोयाबीन, बिनौला और मूंगफली तेलों के बीच मक्का रिफाइंड ने बनाई जगह, बड़ा उत्पादन
Posted Date : 19-Apr-2021 5:16:14 pm

सरसों, सोयाबीन, बिनौला और मूंगफली तेलों के बीच मक्का रिफाइंड ने बनाई जगह, बड़ा उत्पादन

नईदिल्ली,19 अपै्रल । सरसों, सोयाबीन, बिनौला और मूंगफली तेलों के बीच मक्का रिफाइंड तेल भी अब अपनी जगह बनाता हुआ दिख रहा है। नमकीन बनाने वाली कंपनियों और शादी विवाह के आयोजनों में मक्का रिफाइंड की इन दिनों मांग बढ़ रही है। पिछले चार-पांच साल के दौरान देश में मक्का रिफाइंड तेल का उत्पादन करीब दोगुना हो गया है।
इस लिहाज से मक्का रिफाइंड तेल की मांग बढ़ी है। मक्का रिफाइंड तेल और खल से जुड़े एक अन्य व्यापारी अर्पित गुप्ता का कहना है कि मक्का रिफाइंड तेल का भाव 140 रुपये किलो के आसपास है, जबकि बिनौला तेल 148 रुपये किलो और मूंगफली तेल 160 रुपये किलो तक पड़ता है। उनका कहना है कि नमकीन, मिठाई और इसी तरह के अन्य उत्पाद बनाने वाली प्रमुख कंपनियां जहां पहले बिनौला, सोयाबीन तेल का इस्तेमाल करते थीं, वहीं अब वह मक्का रिफाइंड तेल का अधिक इस्तेमाल कर रही हैं। बिनौला और सरसों की तरह एक्सपैलर से सीधे मक्की खल निकलती है जिसकी अच्छी मांग है।
बिनौला खल में जहां सात प्रतिशत तेल होता है वहीं मक्की खल में 12 से 14 प्रतिशत तक तेल की मात्रा होती है। मक्का खल पशुओं के लिए काफी उपयोगी बताई गई है। इस लिहाज से इसकी मांग काफी बढ़ी है। देश में चार साल पहले जहां 5,000 टन प्रति महीना मक्का रिफाइंड तेल का उत्पादन होता था वहीं अब यह बढक़र आठ से 10 हजार टन महीना तक पहुंच गया है। इस स्थिति को देखते हुये यह कहा जा सकता है कि सरसों, सोयाबीन, मूंगफली तेलों के बीच मक्का रिफाइंड तेल भी अपनी जगह बनाने लगा है।

इंडिगो और स्पाइसजेट के बाद अब एयर एशिया ने दी अपने यात्रियों को यह सुविधा
Posted Date : 18-Apr-2021 5:35:15 pm

इंडिगो और स्पाइसजेट के बाद अब एयर एशिया ने दी अपने यात्रियों को यह सुविधा

नईदिल्ली,18 अपै्रल । इंडिगो और स्पाइसजेट के बाद अब एयर एशिया ने कहा कि वह 15 मई तक यात्रा की तारीख और समय में बदलाव करने पर कोई चार्ज नहीं वसूलेगी. एयरलाइन की तरफ से जारी प्रेस नोट में कहा गया है कि कोरोना के नए वेव के बीच यात्रा प्रतिबंध को ध्यान में रखते हुए उसने यात्रियों को सुविधा दी है कि वे अपनी सुविधा के अनुसार यात्रा की तारीख और समय में बदलाव कर सकते हैं.
एयर एशिया से यात्रा करने वाले यात्री 15 मई तक यात्रा की तारीख और समय में जितनी बार चाहें बदलाव कर सकते हैं और यह सर्विस फ्री होगी. सबसे पहले शुक्रवार को इंडिगो ने इस तरह के ऑफर की घोषणा की थी. इंडिगो के यात्री 30 अप्रैल तक जरूरत के हिसाब से यात्रा की तारीख और समय में बदलाव कर सकते हैं. कंपनी 17 अप्रैल से 30 अप्रैल, 2021 तक नई बुकिंग पर चेंज फीस माफ कर रही है. इसके पीछे की वजह कोरोना महामारी के चलते अलग-अलग राज्यों में लगाए गए लॉकडाउन हैं.
ग्राहकों को राहत देते हुए स्पाइसजेट ने भी चेंज फीस माफ करने का ऐलान किया है. यात्रा के पांच दिन पहले तक टिकट की तरीख या समय में किए गए बदलाव पर कोई एक्सट्रा चार्ज नहीं लगेगा. स्पाइसजेट ने शनिवार को बताया कि 17 अप्रैल से 15 मई के बीच सीधी डोमेस्टिक फ्लाइट की यात्रा के लिए टिकट बुक कराने वाले यात्री एक बार चेंज फीस में छूट का लाभ ले सकते हैं. नए नियम के तहत वे यात्रा से पांच दिन पहले तक टिकट की तारीख या समय में अपने अनुसार बदलाव कर सकते हैं. इससे पहले यह छूट 7 दिन पहले कराए गए फेरबदल पर लागू होती थी.

देश में दवाइयों के निर्यात में आई तेजी, मार्च महीने में हुआ सबसे ज्यादा कारोबार
Posted Date : 18-Apr-2021 5:34:56 pm

देश में दवाइयों के निर्यात में आई तेजी, मार्च महीने में हुआ सबसे ज्यादा कारोबार

नईदिल्ली,18 अपै्रल । कोरोना संकट के बीच दवाइयों की मांग तेज हो गई है. ऐसे में भारतीय औषधियों की डिमांड में भी इजाफा हुआ है. यही वजह है कि कि देश से औषधियों को निर्यात बढ़ गया है. भारतीय औषधि निर्यात संवर्धन परिषद, फार्मेक्सिल के महानिदेशक उदय भास्कर के मुताबिक मार्च 2021 में निर्यात में तेज उछाल देखने को मिला. इस दौरान करीब 2.3 अरब डॉलर का कारोबार हुआ.
मार्च का निर्यात वित्त वर्ष के दौरान किसी भी माह की तुलना में सबसे ज्यादा दर्ज किया गया. एक साल पहले के मार्च से अगर इसकी तुलना की जाएग तो इसमें 48.5 प्रतिशत का इजाफा हुआ. मार्च 2020 में निर्यात 1.54 अरब डॉलर का हुआ था. बताया जाता है कि वर्ष 2020 में वैश्विक औषधि बाजार में एक से दो प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई थी, लेकिन इस साल भारत से दवाइयों की मांग में दोबारा तेजी देखने को मिली.
भारत की दवाओं की गुणवत्ता और इनके मूल्य की व्यावहारिकता के चलते इनकी मांग में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है. कोरोना वायरस से लडऩे में भी भारतीय दवाइयां असरदार साबित हो रही हैं. ऐसे में आने वाले समय में भारत से वैक्सीन के निर्यात में अच्छी वृद्धि होने की संभावना दिख रही है. इसी तरह भारत सरकार की उत्पादकता आधारित प्रोत्साहन योजना से औषधि क्षेत्र में आयात पर निर्भरता कम होगी और निर्यात का आधार मजबूत होगा.
भारत की औषधियों की मांग उत्तर अमेरिका में सबसे ज्यादा देखने को मिली. निर्यात के लिहाज से ये सबसे बड़ा बाजार रहा. इस वर्ष के दौरान निर्यात में इस बाजार का हिस्सा 34 प्रतिशत रहा. उसके बाद दक्षिण अफ्रीका में भा भारतीय दवाइयों की मांग काफी तेज रही. वहां 28 प्रतिशत औषधी भेजी गईं और यूरोपीय बाजार में निर्यात 11 प्रतिशत की दर से बढ़ा.

कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच बिजली की मांग बढ़ी, खपत 60 अरब यूनिट के पार
Posted Date : 18-Apr-2021 5:33:05 pm

कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच बिजली की मांग बढ़ी, खपत 60 अरब यूनिट के पार

नईदिल्ली,18 अपै्रल । इस महीने की शुरूआत से ही कोरोना वायरस से पीडि़तों के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। लेकिन तब भी उद्योग धंधे चल रहे हैं। इसका अंदाजा बिजली की मांग से मिल रही है। केंद्रीय बिजली मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार चालू अप्रैल के पहले पखवाड़े में बिजली की मांग पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले 45 फीसदी बढ़ी है।
केंद्रीय बिजली मंत्रालय के मुताबिक चालू अप्रैल के पहले पखवाड़े में बिजली की खपत पिछले साल की समान अवधि की तुलना में करीब 45 प्रतिशत बढ़ी है। इस दौरान 60.62 अरब यूनिट (बीयू) की खपत हुई है। जबकि पिछले साल अप्रैल के पहले पखवाड़े (एक से 15 अप्रैल, 2020) के दौरान बिजली की खपत 41.91 अरब यूनिट रही थी।
इस अप्रैल के पहले पखवाड़े के दौरान व्यस्त समय की बिजली की मांग (एक दिन में सबसे ऊंची आपूर्ति) भी पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले बढ़ी है। चालू महीने के पहले पखवाड़े में आठ अप्रैल, 2021 को व्यस्त समय की बिजली की मांग 182.55 गीगावॉट के उच्चस्तर पर पहुंच गई। जबकि पिछले साल अप्रैल के पहले पखवाड़े में किसी दिन की पीक डिमांड 132.20 गीगावॉट थी। इस साल की पीक डिमांड पिछले साल के पीक डिमांड के मुकाबले 38 फीसदी अधिक है।
पिछले साल अप्रैल महीने के दौरान देश भर में लॉकडाउन था। इसलिए औद्योगिक डिमांड नहीं के बराबर थी। इसलिए बिजली की मांग वर्ष 2019 के समान महीने के 110.11 अरब यूनिट की तुलना में घटकर 84.55 अरब यूनिट पर आ गई थी। इसके साथ ही पिछले साल अप्रैल में व्यस्त समय की बिजली की मांग एक साल पहले के 176.81 गीगावॉट से घटकर 132.20 गीगावॉट रही थी।
विशेषज्ञों कहना है कि चालू महीने के पहले पखवाड़े में बिजली की ऊंची मांग पिछले साल की समान अवधि के निचले आधार प्रभाव की वजह से है। हालांकि, इससे स्पष्ट तौर पर वाणिज्यिक और औद्योगिक गतिविधियों में सुधार का संकेत मिलता है। इसके साथ ही विशेषज्ञों ने आगाह किया है कि कोविड-19 संक्रमण के मामले बढऩे के बीच वाणिज्यिक और औद्योगिक गतिविधियां प्रभावित होने से आगामी दिनों में बिजली की मांग में गिरावट आ सकती है।