नईदिल्ली,19 अपै्रल । सरसों, सोयाबीन, बिनौला और मूंगफली तेलों के बीच मक्का रिफाइंड तेल भी अब अपनी जगह बनाता हुआ दिख रहा है। नमकीन बनाने वाली कंपनियों और शादी विवाह के आयोजनों में मक्का रिफाइंड की इन दिनों मांग बढ़ रही है। पिछले चार-पांच साल के दौरान देश में मक्का रिफाइंड तेल का उत्पादन करीब दोगुना हो गया है।
इस लिहाज से मक्का रिफाइंड तेल की मांग बढ़ी है। मक्का रिफाइंड तेल और खल से जुड़े एक अन्य व्यापारी अर्पित गुप्ता का कहना है कि मक्का रिफाइंड तेल का भाव 140 रुपये किलो के आसपास है, जबकि बिनौला तेल 148 रुपये किलो और मूंगफली तेल 160 रुपये किलो तक पड़ता है। उनका कहना है कि नमकीन, मिठाई और इसी तरह के अन्य उत्पाद बनाने वाली प्रमुख कंपनियां जहां पहले बिनौला, सोयाबीन तेल का इस्तेमाल करते थीं, वहीं अब वह मक्का रिफाइंड तेल का अधिक इस्तेमाल कर रही हैं। बिनौला और सरसों की तरह एक्सपैलर से सीधे मक्की खल निकलती है जिसकी अच्छी मांग है।
बिनौला खल में जहां सात प्रतिशत तेल होता है वहीं मक्की खल में 12 से 14 प्रतिशत तक तेल की मात्रा होती है। मक्का खल पशुओं के लिए काफी उपयोगी बताई गई है। इस लिहाज से इसकी मांग काफी बढ़ी है। देश में चार साल पहले जहां 5,000 टन प्रति महीना मक्का रिफाइंड तेल का उत्पादन होता था वहीं अब यह बढक़र आठ से 10 हजार टन महीना तक पहुंच गया है। इस स्थिति को देखते हुये यह कहा जा सकता है कि सरसों, सोयाबीन, मूंगफली तेलों के बीच मक्का रिफाइंड तेल भी अपनी जगह बनाने लगा है।