छत्तीसगढ़

सूने मकान से जेवरात सहित नगदी ले उड़े चोर
Posted Date : 10-Nov-2019 7:33:56 pm

सूने मकान से जेवरात सहित नगदी ले उड़े चोर

न्याय साक्षी/रायगढ़। ग्राम ठेगापाली पुसौर में रहने वाले दीनबंधु बानी उम्र 50 वर्ष ग्राम बनोरा खैरपाली प्राथमिक शाला में शिक्षाकर्मी वर्ग 03 के रूप में पदस्थ है। इनका लडक़ा रायगढ़ में किराये मकान लेकर पढाई कर रहा है। दिनांक 31.10.19 को दीनबंधु बानी अपने लडके को रायगढ् छोडने गये थे और दो दिन उसके पास रूके। दिनांक 02.11.19 को सुबह 08 बजे घर पहुंचे तो उनकी पत्नी दिनांक 01.11.19 के रात्रि कोई अज्ञात व्यक्ति अलमारी में रखे नगदी रकम 6000 रू0 तथा एक सोने का हार एवं सोने का कानफुल चैन सहित जुमला कीमती करीब 65,000 रूपये को चोरी कर ले जाने की बात बतायी। चोरी की रिपोर्ट दिनांक 09.11.19 को दीनबंधु बानी द्वारा थाना पुसौर में दर्ज कराने पर अज्ञात आरोपी के विरूद्ध अप.क्र. 222/19 धारा 457, 380 भादंवि दर्ज कर विवेचना में लिया गया।

व्याख्याता पद की सीधी भर्ती के लिए अभ्यार्थियों के प्रमाण पत्रों का सत्यापन कल
Posted Date : 10-Nov-2019 12:29:46 pm

व्याख्याता पद की सीधी भर्ती के लिए अभ्यार्थियों के प्रमाण पत्रों का सत्यापन कल

रायपुर,10 नवंबर । लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा व्याख्याता की सीधी भर्ती के लिए व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापम) के माध्यम से चयन परीक्षा ली गई थी। व्यापम द्वारा घोषित परीक्षा परिणाम के आधार पर ओवरऑल मेरिट सूची में अर्ह पाये गये अभ्यार्थियों के दस्तावेजों का परीक्षण 05 नवम्बर से 11 नवम्बर तक स्थानीय शिक्षक शिक्षा महाविद्यालय शंकर नगर रायपुर छत्तीसगढ़ में किया जा रहा है। लोक शिक्षण संचालनालय के उप संचालक ने बताया कि 11 नवम्बर (सोमवार) को अंग्रेजी विषय के 593 अभ्यार्थियों के प्रमाण पत्रों का सत्यापन किया जाएगा। सत्यापन दो पालियों में क्रमश: प्रात: 10 बजे व दोपहर 12.30 बजे से रखा गया है।
 प्राप्त जानकारी के अनुसार सत्यापन हेतु सभी संवर्ग के अभ्यार्थियों को मेरिट सूची में ओवरऑल रैंक के आधार पर बुलाया गया है। अंग्रेजी विषय में संवर्गवार बुलाये गये अभ्यार्थियों का अनंतिम रैंक इस प्रकार है:- अनारक्षित ई संवर्ग हेतु 209 टी संवर्ग हेतु 181, अन्य पिछड़ा वर्ग ई संवर्ग हेतु 394 टी संवर्ग हेतु 352, अनुसूचित जाति ई संवर्ग हेतु 1121 टी संवर्ग हेतु 1007, अनुसूचित जनजाति ई संवर्ग हेतु 3090 टी संवर्ग हेतु 2864। इसी प्रकार दिव्यांगजनों के लिए ई संवर्ग हेतु 5288 टी संवर्ग 5003। इससे कम रैंक वालों को आमंत्रित नहीं किया गया है। दस्तावेज सत्यापन हेतु संचालनालय एवं जिला स्तर के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को लगाया गया है। अभ्यार्थियों की सुविधा की दृष्टि से दस टेबल काउंटर लगाये गये है। साथ ही दिनांक 09 नवम्बर को आयोजित वाणिज्य विषय में सत्यापन कार्य में बुलाए गए कुल 731 अभ्यार्थियों में से 39 अभ्यार्थी अनुपस्थित रहे।

मोदी सरकार के किसान विरोधी नीति के विरोध में एक दिवसीय धरना प्रदर्शन नगरी में
Posted Date : 10-Nov-2019 12:28:53 pm

मोदी सरकार के किसान विरोधी नीति के विरोध में एक दिवसीय धरना प्रदर्शन नगरी में

नगरी, 10 नवम्बर । प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल  एवं प्रदेश कांग्रेस कमेटी छत्तीसगढ़ के निर्देश पर केंद्र सरकार के किसान विरोधी नीति के खिलाफ डॉ . लक्ष्मी धु्रव  विधायक  सिहावा के नेतृत्व में एक दिवसीय ब्लॉक स्तरीय धरना प्रदर्शन का कार्यक्रम नगर पंचायत नगरी  व बाजार चौक बेलर में  आयोजित किया गया है। जिसमे क्षेत्र की विधायक डॉ  लक्ष्मी ध्रुव जी ने  कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि हमारा देश कृषि  प्रधान देश है जहाँ देश  की उन्नति में किसानों का बहुत बड़ा योगदान है ।आज हमारे छत्तीसगढ़ के सरकार भूपेश बघेल जी के नेतृत्व में किसानों का धान 2500 रु में  खरीद रही है  साथ ही  छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सत्ता में आते ही   किसानों का कर्ज माफ किया जिससे नतीजा यहा आया की जहा देश की जी. डी. पी. काम हो रही है उसके अपेक्षा छत्तीसगढ़ में जी. डी .पी. उछाल आया है। वहीं छत्तीसगढ़ के तेजी से बढ़ते हुए विकास को देखते  हुए केंद्र की मोदी सरकार छत्तीसगढ़ के किसानों के साथ अन्याय करते हुए कहा है कि किसानों को 2500 रु समर्थन मूल्य में धान खरीदी व बोनस देने दिए  जाने के विरोध में छत्तीसगढ़ की चावल व धान को खरीदा करने के लिए साफ मना कर दिया है  जिसके विरोध में हम आज  एक दिवसीय धरना प्रदर्शन कर रहे हैं और साथ ही हमारे छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश  बघेल के नेतृत्व में दिल्ली पहुंचकर केंद्र सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन कर एवं हमारी किसान भाइयों के द्वारा उनसे आग्रह किया गया आवेदन  पत्र उनके  समक्ष रखेंगे तथा उन्हें छत्तीसगढ़ के किसानों के साथ अन्याय  नहीं करने  देंगे एवं धान व चावल  कम से कम उनके  समर्थन मूल्य में  खरीदने के लिए आग्रह करेगे  साथ ही इस सभा को पूर्व मंत्री  माधव सिंह ध्रुव,  पूर्व विधायक अंबिका मरकाम विधायक प्रतिनिधि रूद्रप्रताप नाग, पीसीसी सचिव शोभीराम नेताम, पूर्व जिला पंचायत सदस्य  बिंदा नेताम, बेलर  ब्लॉक अध्यक्ष कैलाश नाथ प्रजापति, नगरी ब्लॉक अध्यक्ष राजेन्द्र सोनी, शहर कांग्रेस अध्यक्ष कृष्ण कुमार कश्यप, भूषण साहू, आदित्य तिवारी, भीष्म यादव, विनय चौहान,दउवा लाल देवांगन ,आस्करण पटेल, हिदेश हिरवानी अध्यक्ष अनुसूचित जाति जिला धमतरी , महेन्द्र पाण्डेय  विधानसभा उपाध्यक्ष युवा कांग्रेस सिहावा, मनेद्र साहू ब्लॉक अध्यक्ष बेलरगाँव, ने सम्बोधित किया। जिसमें सुभाष चंद साहू ,हरी राम साहू ,राजेंद्र कुमार ठाकुर ,सुरेश कुमार कोर्राम , नारद साहू, पंकज ध्रुव,बल्लू पटेल, प्रभु लाल निषाद, मनोहर लाल निषाद ,सुभाषचन्द साहू,दुर्गेश कश्यप ,श्यामकुमार , पिकी यदु ,शशि भूषण भारती, राजू कावड़े ,वेद कुमार साहू ,शुदेलाल भास्कर ,हेमलता प्रजापति ,सोहन लाल मरकाम ,सौरभ साहू ,मुकेश कुंजाम ,उदयलाल भास्कर ,सुरेश प्रजापति , माखनलाल पटेल ,तुला राम निषाद ,शत्रुघ्न , नरेंद्र कश्यप ,सौरभ साहू, प्रदीप कौर मनीष साहू, रामप्रसाद, नरेंद्र कश्यप सीताराम मुकेश कुंजाम राजू कावड़े महेश यादव आदि की  उपस्थिति रही।

बीमारों को और बीमार करने मेंं महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा मेकाज
Posted Date : 10-Nov-2019 12:27:45 pm

बीमारों को और बीमार करने मेंं महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा मेकाज

जगदलपुर,10 नवम्बर। जिस स्थान पर बीमार मरीज अपने इलाज व ठीक होने के लिए आता है, उसी स्थान पर उसे बीमारियां और लग जाती हैं। कुछ ऐसा ही हाल आज मेडिकल कॉलेज या मेकॉज का हो गया है। टूटे-फूटे शौचालय और बाथरूम के साथ उठती हुई सड़ांध से मरीज ठीक होने के बजाय और अधिक अपने आप को अस्वस्थ अनुभव करने लगता है। आज यहां पर भर्ती मरीजों को मेकॉज में रहते हुए नारकीय अनुभव से गुजरना पड़ता है। 
उल्लेखनीय है कि आज मेडिकल कॉलेज में प्रतिदिन लिफ्ट का खराब होना सामान्य सी बात हो गई है। ओटी की दिवारों पर लगी हुई टाईल्स उखड़ रही है। मेकॉज के वार्डों में स्थापित बाथरूम व शौचालयों की स्थिति तो और अधिक बिगड़ी हुई है। टाईल्स टूट रही हैं, वासबेसिन उखड़ गये हैं और गंदगी का यहां पर अंबार लगा रहता है। इससे मेकॉज में अल्प समय में ही स्थानांतरण डिमरापाल की नई इमारत में होने के बाद अल्प समय में ही मेकॉज की हालत बिगड़ गई है। आज यह मेकॉज लोगों की पहुंच से दूर होता जा रहा है। आज यह स्थिति है कि मेकॉज में इतनी अधिक समस्यायें पैदा हो गई है कि लोग कहने लगे हैं कि थोड़े ही समय में मेकॉज बीमार होकर लोगों का उपचार करने में असमर्थ हो गया हैै। आज इस कॉलेज में इतनी अधिक लापरवाही और उपेक्षा हो गई है कि लोग अब उपचार के लिए यहां आना ही नहीं चाहते। इसके अलावा मेकॉज के सेंट्रल लैब में भी जितने मशीने मरीजों की जांच के लिए स्थापित की गई है। वे सभी हमेशा बीमार रहती है और लोगों को निजी लैबों में जाकर अपना आवश्यक परीक्षण कराना पड़ता है। 
इस संबंध में मेकॉज के अधीक्षक डॉक्टर केएल आजाद कहते हैं कि आवश्यक मरम्मत के लिए पीडब्लूडी को लिखित में जानकारी दी जा रही है लेकिन उसके द्वारा काम ही नहीं कराया जा रहा है। 

अबूझमाड़ के नृत्य की पूरी दुनिया में है धूम
Posted Date : 10-Nov-2019 12:26:57 pm

अबूझमाड़ के नृत्य की पूरी दुनिया में है धूम

० माड़ की धरती पर गूंजी मांदर की थाप
नारायणपुर 10 नवम्बर । अबूझमाड़ के नर्तक दलों की धूम बस्तर ही नहीं पुरी दुनिया में है। उनके आभूषण, पहनावा, नृत्य मुद्रायें सब कुछ बेहद आकर्षक और ख़ास हंै। यहाँ के अबुझमाडिय़ों की नृत्य शैली किसी का भी मन मोहने वाले गौर माडिय़ा नृत्य में मांदर की थाप से पैर अपने आप थिरकने लग जाते हैं। उक्त बातें विधायक चंदन कश्यप ने आज राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव में कही। इस अवसर पर सीईओ जिपं प्रेमकुमार पटेल, एसडीएम दिनेश कुमार नाग, एसी श्री मसराम व जनप्रतिनिधि तथा गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। ओरछा और नारायणपुर में स्थानीय कलाकारों ने पारंपरिक वेशभूषा और परंपरागत वाद्ययंत्रों की मन मोहक थाप पर आदिवासी महिला-पुरूष ने कदम ताल के साथ नृत्य किया। कलाकार अपने सिर पर सफेद साफ और फू लों के साथ कंघी और चिडिय़ा के सफ़े द पंख लगाये हुए कानों में बाली, हाथों में चमकते हुए कड़े और गले में रंग-बिरंगे पत्थरों की माला धारण किये इन कलाकारों का सादगी भरा श्रृंगार मनमोह लेने वाला था। अबूझमाड़ की धरती पर यह नृत्य महोत्सव अपने आप में खास रहा। विलुप्ति की कगार पर खड़े कोकरेंग नृत्य उसका प्रदर्शन किया गया। वहीं विभिन्न नृत्यों के साथ नारायणपुर में मांदरी नृत्य की धूम रही। नृत्य महोत्सव में बस्तरिया नृत्य, झाली आना नृत्य, मंडप नृत्य, परब नृत्य, लेंजा नृत्य, छेरछेरा, ककसाड़, तुड़बुढ़ी नाच, गेड़ी नृत्य, ढोल नाच, मांदरी, कोकोरेंग, डंडारी नाचा, इत्यादि नृत्यों की प्रस्तुतियां दी गई। 
कलेक्टर पीएस एलमा ने कहा कि आदिवासी संस्कृति को जीवित रखने के लिए राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव आवश्यक था। आदिवासी संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्धन की दिशा में यह शासन का महत्वपूर्ण कदम है। मंडलियों को प्रोत्साहित करने हेतु प्रवेश नि:शुल्क रखा गया। कार्यक्रम में आई सभी मंडलियों को प्रोत्साहन स्वरूप नगद राशि से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम स्थल पर राज्य शासन की योजनाओं के तहत स्टॉल भी लगाया गया ताकि ग्रामीण नृत्य महोत्सव के साथ योजनाओं का भी लाभ ले सके। विभागीय लोगों ने ग्रामीणों को शासन की विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी।

फ सल अवशेष न जलाए, भूमि को उपजाऊ बनाए किसानों से अपील
Posted Date : 10-Nov-2019 12:26:23 pm

फ सल अवशेष न जलाए, भूमि को उपजाऊ बनाए किसानों से अपील

गरियाबंद, 10 नवम्बर । फ सल कटाई के बाद खेत में पड़े अवशेष को जलाने की प्रवृति को लेकर कृषि विभाग के अधिकारियों ने किसानों से अपील करते हुए फसल अवशेष प्रबंधन के लाभ एवं उसे जलाने के दुष्प्रभाव से किसानों को अवगत कराया है। कृषि अधिकारियों ने बताया कि फसल कटाई के उपरांत खेत में पड़े हुए अवशेष के साथ ही जुताई कर हल्की सिंचाई-पानी का छिडक़ाव करने के पश्चात ट्राइकोडर्मा एवं जैविक वेस्ट डिकम्पोजर का छिडक़ाव करने से फसल अवशेष 15 से 20 दिन पश्चात कम्पोस्ट में परिवर्तन हो जायेगें जिससे अगली फसल के लिए मुख्य एवं सूक्ष्म तत्व प्राप्त होगें। फसल अवशेष को कम्पोस्ट में परिवर्तन होने की गति बढ़ाने के लिये सिंचाई उपरांत यूरिया का छिडक़ाव भी किया जा सकता हैं। फसल अवशेष के कम्पोस्ट में परिवर्तन होने से जीवांश की मात्रा मृदा में बढ़ जाती है जिससे मृदा की जलधारणा क्षमता तथा लाभदायक सूक्ष्म जीवों - सूक्ष्म तत्वों की मात्रा बढ़ जाती है जो रासायनिक उर्वरकों के उपयोग क्षमता को बढ़ा देती है, ऐसा करने से कम रासायनिक उर्वरक डालकर अधिक पैदावार ली जा सकती हैं। फसल कटाई उपरांत खेत में बचे हुए फसल अवशेष को इकेा कर गड्ढे में डालकर गोबर का छिडक़ाव करें तत्पश्चात ट्राइकोडर्मा या वेेस्ट डिकम्पोजर डालकर कम्पोस्ट तैयार करें। धान के पैरे को यूरिया से उपचार कर पशुओं के सुपाच्य एवं पौष्टीक चारे के रूप में उपयोग किया जा सकता हैं। फसल अवशेष जलाने के दुष्प्रभाव फसल अवशिष्ट जलाने से निकलने वाले धुएं में मौजूद जहरीली गैसों से न सिर्फ मानव स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ता है साथ ही वायु प्रदूषण का स्तर भी बढ़ रहा हैं। फसल अवशिष्ट जलाने से मृदा का तापमान बढऩे के कारण मृदा की संरचना बिगड़ जाती है तथा लाभदायक सूक्ष्म जीवियों (मित्र कीटों) की संख्या भी कम हो जाती है। जीवांशा पदार्थ की मात्रा कम हो जाने से मृदा की उत्पादकता कम हो जाती हैं। फसल अवशिष्ट जलाने से केचुएं, मकड़ी जैसे मित्र कीटों की संख्या कम हो जाने से हानिकारक कीटों का प्राकृतिक नियंत्रण नही हो पाने के फलस्वरूप मजबूरन मंहगे तथा जहरीले कीटनाशकों का इस्तेमाल करना आवश्यक हो जाता हैं। एन.जी.टी. के प्रावधानों के तहत फसल अवशेष जलाना एक दंडनीय अपराध है, फसल अवशेष जलाने पर 2500 रूपये से 15000 रूपये तक जुर्माने का प्रावधान है।