राजनीति

तीन तलाक पर रास में बिल पेश होने से पहले विपक्ष हुए एकजुट
Posted Date : 31-Dec-2018 11:47:05 am

तीन तलाक पर रास में बिल पेश होने से पहले विपक्ष हुए एकजुट

0-पीएम मोदी ने भी की बैठक
नई दिल्ली,31 दिसंबर । तीन तलाक मामले पर अब केंद्र सरकार के सामने उसे राज्यसभा में पास करवाने की चुनौती है। सोमवार को ट्रिपल तलाक बिल को राज्यसभा में पेश किया जाना है, लेकिन उससे पहले विपक्ष ने एक बड़ा कदम उठाया है। साझी विपक्षी रणनीति के तहत, सभापति को चि_ी लिखकर कहा गया है कि राज्यसभा में पेश होने से पहले बिल को चयन समिति के पास भेजा जाए। इस पत्र पर करीब 12 दलों के नेताओं के साइन बताए जा रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, बीजेपी ने भी बैठक की। जिसमें पीएम नरेंद्र मोदी भी शामिल हुए हैं।
राज्यसभा में बिल पर चर्चा 2 बजे शुरू होनी है, लेकिन उससे पहले ही विपक्षी दलों ने मीटिंग की। इसके लिए कई विपक्षी दलों के सांसद राज्यसभा में नेता विपक्ष गुलाम नबी आजाद के चेंबर में जुटे। सामने आई तस्वीर में कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद के साथ, आनंद शर्मा, आप नेता संजय सिंह, रामगोपाल यादव, तृणमूल कांग्रेस नेता डेरेक ओ ब्रायन, कम्यूनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया के डी राजा, आरजेडी के मनोज कुमार झा ने इस बैठक में हिस्सा लिया।
दूसरी तरफ बीजेपी की तरफ से विजय गोयल ने राज्यसभा में तीन तलाक विधेयक पारित करने के लिए सभी दलों से संपर्क साधा है। इसके अलावा सोमवार को बीजेपी ने भी बैठक की है। जिसमें पीएम मोदी, अमित शाह, नितिन गडकरी, अरुण जेटली, राजनाथ सिंह आदि शामिल हुए।
क्या है विपक्ष की मांग 
विपक्षी दलों की मांग है कि इस बिल को सदन में पेश किए जाने से पहले सेलेक्ट कमिटी को भेजा जाना चाहिए। बता दें कि उच्च सदन में मोदी सरकार बहुमत में नहीं है, ऐसे में उसकी परेशानी बढऩा तय है। उम्मीद की जा रही है कि समोवार को इसपर सदन में इस पर तीखा घमासान देखने को मिल सकता है। 
बीजेपी की राह नहीं आसान 
राज्यसभा में फिलहाल कुल सदस्यों की संख्या 244 है, जिसमें 4 सदस्य मनोनीत हैं। राज्यसभा में बीजेपी बिना विपक्ष के सहयोग के बिल पास नहीं करवा पाएगी। बता दें कि राज्यसभा में एनडीए के 97 सदस्य हैं, जिसमें बीजेपी के 73, जेडीयू के 6, 5 निर्दलीय, शिवसेना के 3, अकाली दल के 3, 3 नामित सदस्य, बोडोलैंड पीपल्स फ्रंट के 1, सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट के 1, नागा पीपल्स फ्रंट के 1, आरपीआई के 1 सांसद शामिल हैं। 
वहीं विपक्ष के पास 115 सांसद हैं। इसमें कांग्रेस के 50, टीएमसी के 13, समाजवादी पार्टी के 13, टीडीपी के 6, आरजेडी के 5, सीपीएम के 5, डीएमके के 4, बीएसपी के 4, एनसीपी के 4, आम आदमी पार्टी के 3, सीपीआई के 2, जेडीएस, केरल कांग्रेस (मनी), आईयूएमएल का एक-एक सदस्य है। इसके अलावा एक निर्दलीय और एक नामित सदस्य भी विपक्ष के साथ हैं।

लोकसभा चुनाव के तैयारी के लिये महिला कांग्रेस तैयार
Posted Date : 27-Dec-2018 12:39:24 pm

लोकसभा चुनाव के तैयारी के लिये महिला कांग्रेस तैयार

० नवनिर्वाचित महिला विधायको का सम्मान 
० महिला कांग्रेस की कार्यकारिणी बैठक
 
रायपुर, 26 दिसंबर । महिला कांग्रेस की कार्यकारिणी बैठक 26 दिसंबर 2018 को राव भवन में संपन्न हुआ इस बैठक में मुख्य रूप से  मुख्यमंत्री श्रीमान भूपेश बघेल  उपस्थित हुये। बैठक की अध्यक्षता महिला कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमति फूलोदेवी नेताम  ने किया।  मुख्यमंत्री श्रीमान भूपेश बघेल  ने सभा को संबोधित करते हुये कहा कि विधानसभा की ऐतिहासिक त में महिला पदाधिकारियों का विशेष योगदान रहा है सबको बधाई एवं शुभकामना देता हू। विधानसभा घेराव में महिला कांग्रेस का महत्वपूर्ण योगदान रहा और पूरजोर विरोध किये। महिला कांग्रेस महिलाओं की हक के लिये गरीबो को न्याय दिलाने के लिये किसानों को न्याय दिलाने के लिये सडक़ से लेकर के सदन तक की लड़ाई लड़ी। अपनी राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री राहुल गांधी  को बधाई देता हूं। राष्ट्रीय अध्यक्ष के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ में भारी बहुमत से कांग्रेस की सरकार बनी। आज पूरा देश राहुल गांधी  का नेतृत्व स्वीकार कर रहा है। राहुल गांधी  ने छत्तीसगढ़ की सत्ता हम सब को सौंप दी अब हमारी जिम्मेदारी है। हमारा 15 साल का वनवास समाप्त हुआ है। विधानसभा में जिस तरह से कंधे से कंधे मिलाकर ऐतिहासिक त हासिल हुआ, उसी तरह लोकसभा में भी ऐतिहासिक त हासिल करना हैं। इसमें भी महिला कांग्रेस का महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को ललकारने वाले यदि कोई शख्स है तो वह कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी  है। लोगो के पास जा-जाकर हमें यह बताना होगा कांग्रेस सत्ता में आते ही इन आठ दिनो में कितना बड़े-बड़े फैसले दिये हैं। विधानसभा में जो प्रोसेस हुआ वहीं प्रोसेस लोकसभा में होगा जिसे जनता जर्नादन चाहेगी, उसे लोकसभा का टिकट मिलेगा। 
मंत्री कवासी लखमा महिला कांग्रेस की बैठक को संबोधित करते हुये कहा कि सभी महिला पदाधिकारियों को धन्यवाद दिया। महिला कांग्रेस कंधे से कंधे मिलाकर काम की जिनके कारण आज में इस पद पर आसिन हूं। 
मंत्री श्रीमति अनिला भेडिय़ा  ने महिला कांग्रेस की बैठक को संबोधित करते हुये सभी महिला पदाधिकारियो का आभार व्यक्त किया। 
छत्तीसगढ़ महिला कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमति फूलोदेवी नेताम  ने सभी महिला पदाधिकारी को बधाई देते हुये कहा कि जिस तरह विधानसभा में कड़ी मेहनत की और भारी बहुमत से कांग्रेस की सरकार बनाई इसी तरह होने वाले लोकसभा चुनाव में भी कड़ी मेहनत करना है और पूरी 11 में से 11 सीट ताना है और पूरी तरह से भाजपा का सूपड़ा साफ करना हैं। 
प्रदेश महिला कांग्रेस द्वारा प्रस्तावित आगामी कार्य योजना 
महिला अधिकार सम्मेलन, धमतरी, बिलासपुर, राजनांदगांव, बस्तर 13 जनवरी, कांकेर 27 जनवरी, रायपुर 3 फरवरी, कोरबा 10 फरवरी, सरगुजा 17 फरवरी, रायगढ़ 24 फरवरी, दुर्ग 3 मार्च, जांजगीर-चांपा 10 मार्च तक आयोजन किया जायेगा और हर 15 दिन में केन्द्र सरकार के खिलाफ कार्यक्रम एवं पुतला दहन किया जायेगा। 
रायपुर एवं भिलाई में प्रियदर्शनी का कार्यक्रम 29 दिसंबर को आहूत की गयी। 
बैठक को संबोधित विधायकगण अनिता योगेन्द्र शर्मा, अंबिका देव सिंह, ममता चंद्राकर, अमरत भगत, पूर्व महापौर किरणमयी नायक, जिला पंचायत अध्यक्ष शारदा वर्मा सभी महिला पदाधिकारियो को ऐतिहासिक त के लिये धन्यवाद देते हुये आभार व्यक्त किया। 
बैठक में महिला कांग्रेस प्रदेश के सभी पदाधिकारीगण एवं महिला जिला अध्यक्षगण उपस्थित हुये। 

चौकीदार चोर है तो गठबंधन छोड़ क्यों नहीं देती शिवसेना?
Posted Date : 27-Dec-2018 12:35:52 pm

चौकीदार चोर है तो गठबंधन छोड़ क्यों नहीं देती शिवसेना?

0-उद्धव ने पीएम पर साधा था निशाना
मुंबई,27 दिसंबर ।राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस)समर्थित मराठी अखबार तरुण भारत के संपादकीय लेख के जरिए शिवसेना पर जमकर हमला बोला गया है. बुधवार को प्रकाशित उक्त लेख में पूछा गया है कि चौकीदार चोर है के नारे से पीएम पर निशाना साधने वाली उद्धव ठाकरे की पार्टी शिवसेना गठबंधन की सरकार से हट क्यों नहीं जाती.
शिवसेना महाराष्ट्र और केंद्र में बीजेपी के नेतृत्व वाली गठबंधन का हिस्सा होने के बाद भी लगातार बीजेपी की आलोचना कर रही है. अखबार के चौकीदार चोर है का नारा देकर ठाकरे खुद को और अपनी पार्टी के मंत्रियों को चोर कह रहे हैं. लेख में साफ तौर पर कहा गया है कि अगर शिवसेना को लगता है कि चौकीदार चोर है तो वो तुरंत सरकार को छोड़ती क्यों नहीं है?
शिवसेना ने सत्ता छोडऩे का इरादा नहीं किया है और न ही ऐसा करने की उसमें हिम्मत है. आज के शिवसेना और बालासाहेब ठाकरे के समय की शिवसेना में काफी अंतर है.
2019 लोकसभा चुनाव को लेकर डर गई है शिवसेना
लेख में दावा किया गया है कि जिस तरह कांग्रेस प्रमुख राहुल गांधी ने चोर शब्द का इस्तेमाल करके प्रधानमंत्री का अपमान करते हुए अपनी अनुभवहीनता दिखाई, उसी तरह ठाकरे ने उस नारे का इस्तेमाल कर अपनी अनुभवहीनता को उजागर किया. संपादकीय में यह भी सवाल उठाया गया है कि शिवसेना ने अचानक राम मंदिर का मुद्दा क्यों उठाया?
लेख में दावा किया गया है कि ऐसा इसलिए है क्योंकि शिवसेना 2019 के चुनाव को लेकर डर गई है. शिवसेना यह मानने को तैयार नहीं है कि छोटा भाई (भाजपा) अब बड़ा भाई (गठबंधन में) बन गया है. इसके साथ ही लेख में कहा गया है कि यह शिवसेना का भ्रम है कि वह राम मंदिर के मुद्दे को आगे बढ़ाकर सत्ता में आ सकती है.

​केजरीवाल के हाथ में रहेगी आप की कमान!
Posted Date : 27-Dec-2018 12:32:57 pm

​केजरीवाल के हाथ में रहेगी आप की कमान!

0-पार्टी बैठक में होगा फैसला
नईदिल्ली ,27 दिसंबर ।आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय परिषद की बैठक आगामी शनिवार को होगी। इस बैठक में अगले सत्र होने वाले आम चुनावों की तैयारियों और देश के मौजूदा राजनीतिक हालात पर चर्चा होगी।
सुविज्ञ सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आप के संविधान में संशोधन किए जाने की संभावना है, ताकि एक व्यक्ति के अधिकतम दो बार पार्टी पदाधिकारी रहने के नियम को बदला जा सके. इसका मतलब यह होगा कि आप के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल हमेशा के लिए पार्टी प्रमुख बने रह सकते हैं.
आप के मौजूदा संविधान के अनुसार, कोई भी सदस्य पार्टी पदाधिकारी के रूप में एक ही पद पर तीन-तीन साल के लिए लगातार दो बार से ज्यादा नहीं रह सकता है.
ज्ञात हो कि केजरीवाल अप्रैल, 2016 में तीन साल के लिए दूसरी बार आप के संयोजक चुने गए थे. इस लिहाज से अप्रैल 2019 में उनका दूसरा कार्यकाल भी खत्म होने वाला है.
सूत्रों ने बताया कि अगले साल अप्रैल में पार्टी के राष्ट्रीय परिषद की बैठक बुलाए जाने की संभावनाएं कम हैं, क्योंकि पार्टी कार्यकर्ता चुनाव प्रचार में व्यस्त होंगे. वहीं इसकी भी संभावना है कि परिषद पार्टी पदाधिकारियों के कार्यकाल में छह माह का विस्तार कर सकती है और पार्टी संगठन का चुनाव लोकसभा चुनावों के बाद होने की संभावना है.

 मंत्री बनने के बाद बोले लखमा-बस्तर मेरी प्राथमिकता में
Posted Date : 25-Dec-2018 11:54:46 am

मंत्री बनने के बाद बोले लखमा-बस्तर मेरी प्राथमिकता में

0-बस्तर में शांति, रोजगार, चिकित्सा सुविधा प्राथमिकता में शामिल
रायपुर, 25 नवंबर । मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के मंत्रिमंडल में शामिल हुए बस्तर से एक मात्र विधायक कवासी लखमा ने मंत्री पद की शपथ लेने के बाद मीडिया को दिए बयान में कहा कि बस्तर उनकी प्राथमिकता में होगा। बस्तर में शांति बनाये रखना, बेरोजगारों को रोजगार व चिकित्सा सुविधा उनकी प्राथमिकता में शामिल है। 
बस्तर संभाग के कोंटा से विधायक बने कवासी लखमा ने आज पुलिस परेड ग्राउंड में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में मंत्री पद एवं गोपनीयता की शपथ ली। शपथ ग्रहण करने के बाद मीडिया चर्चा करते हुए श्री लखमा ने राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया का धन्यवाद देते हुए कहा कि मंत्री बनाकर जो मुझे जिम्मेदारी दी गई है उसे पूरी ईमानदारी व जिम्मेदारी के साथ निभाऊंगा। उन्होंने कहा कि मेरी पहली प्राथमिकता बस्तर रहेगा, जहां शांति बनाए रखना, बेरोजगारों को रोजगार एवं उचित चिकित्सा सुविधा प्राथमिकता में रहेगी। 

 

मंत्रिमंडल के गठन के साथ ही झलकने लगी कांग्रेस विधायकों की नाराजगी
Posted Date : 25-Dec-2018 11:52:29 am

मंत्रिमंडल के गठन के साथ ही झलकने लगी कांग्रेस विधायकों की नाराजगी

0-निगम, मंडल, आयोगों में किया जाएगा एडस्ट 
रायपुर, 25 दिसंबर । राज्य में कांग्रेस की सरकार और मंत्रिमंडल के गठन के साथ ही अब नवनिर्वाचित विधायकों की नाराजगी भी झलकने लगी है। मंत्रिमंडल में स्थान न मिलने के कारण कई विधायकों के चेहरे मुरझा गए हैं। हालांकि ऐसे वरिष्ठ विधायकों और सक्रिय रहने वाले चेहरों को अब निगम-मंडल और आयोगों में बिठाकर उनकी नाराजगी दूर करने का प्रयास किया जाएगा। 
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बहुप्रतीक्षित मंत्रिमंडल का गठन कर लिया है, शपथ ग्रहण के पूर्व तक मंत्री बनने वाले विधायकों के नाम सार्वजनिक नहीं किया गया था। लेकिन आज सुबह से ही अटकलों का बाजार गर्म था कि कुछ वरिष्ठ विधायकों को इस बार मंत्री पद से वंचित रखा जाएगा। यह अटकलें काफी हद तक सही भी साबित हुई और काफी विचार-विमर्श और गंभीर मंथन के बाद आखिरकार मंत्री बनने वाले विधायकों के नाम सार्वजनिक कर दिया गया। इधर मंत्रिमंडल में शामिल होने की आश लेकर राजधानी में डटे ऐसे विधायकों को उस समय जोरदार झटका लगा, जब उन्हें पता चला कि उन्हें कैबिनेट में शामिल नहीं किया गया है। भारी भीड़ के बीच अपने दुख को हंसी में दबाए बैठे और चेहरों में बनावटी मुस्कान लिए लोगों का अभिवादन स्वीकार कर रहे ऐसे विधायकों का दर्द चेहरों से स्पष्ट झलक रहा था। हालांकि किसी ने भी खुलकर इस बात का विरोध दर्ज नहीं कराया, लेकिन उनकी फीकी मुस्कान से स्पष्ट हो रहा था कि वे इस निर्णय से कितने आहत हुए हैं। हालांकि यह चर्चा भी जोरों पर है कि ऐसे विधायकों को जल्द ही विभिन्न निगमों, मंडलों और आयोगों में एडस्ट किया जाएगा, ताकि उनकी नाराजगी दूर हो सके। इसके अलावा कांग्रेस ने विधायकों के लिए कुछ और पद भी सोच कर रखा है, जिनमें उनकी नियुक्तियां की जानी है। बहरहाल मंत्रिमंडल के गठन के साथ ही कांग्रेस के भीतर से नाराजगी की एक लहर उठ गई है अब इस लहर को कांग्रेस कितना संभाल पाती है, यह देखने वाली बात होगी। यह बात भी स्पष्ट है कि मंत्रिमंडल के गठन के साथ ही राजकीय कामकाज के साथ ही प्रशासनिक कामकाज में तेजी आएगी। हाल ही में राज्य की कांग्रेस सरकार ने दर्जनों आईएएस अफसरों की नई पोस्टिंग की है। ऐसे में राज्य की कांग्रेस सरकार के कामकाज में कसावट आने और अन्य कामकाज तेजी से होने की प्रबल संभावना है।