खेल-खिलाड़ी

विश्वनाथन आनंद फिडे के उपाध्यक्ष का चुनाव लड़ेंगे
Posted Date : 15-May-2022 4:13:16 am

विश्वनाथन आनंद फिडे के उपाध्यक्ष का चुनाव लड़ेंगे

चेन्नई  । पांच बार के विश्व शतरंज चैंपियन विश्वनाथन आनंद को अंतरराष्ट्रीय शतरंज संघ (फिडे) के उपाध्यक्ष के पद के लिये उम्मीदवार घोषित किया गया है।
आनंद का नाम फिडे के अध्यक्ष आरकेडी वारकोविच की अध्यक्ष टीम के हिस्से के रूप में घोषित किया गया है। आनंद ने इस बारे में ट्वीट करते हुए कहा, शतरंज के उज्जवल और बेहतर भविष्य का हिस्सा बनने की आशा करता हूं।
ट्वीट में कहा गया कि यदि वोरकोविच अगस्त 2022 में (विश्व चेस ऑलंपियाड के दौरान) चेन्नई में होने वाले फिडे चुनाव जीत जाते हैं तो विश्वनाथन आनंद फिडे के उपाध्यक्ष बन जाएंगे।
इस बारे में वोरकोविच ने कहा, प्रिय साथियों और शतरंज खेलने वाले मित्रों, फाइड अध्यक्ष चुनावों के लिये मैं खुशी के साथ अपनी मौजूदा टीम प्रस्तुत करना चाहूंगा। आरकेडी वोरकोविच- अध्यक्ष, विश्वनाथन आनंद- उपाध्यक्ष (डिप्टी प्रेसिडेंट), ज्हू चेन-कोषाध्यक्ष, जोरियान ऑलिन जैनसन- उपाध्यक्ष (वाइस प्रेसिडेंट), माहिर मामेदोव- उपाध्यक्ष (वाइस प्रेसिडेंट)। उल्लेखनीय है कि आनंद ने पहले ही घोषणा कर दी थी कि वह चुनाव में वोरकोविच का पूर्ण समर्थन करेंगे।

बीकेटी ने लालिगा के साथ अपनी साझेदारी को बरकरार रखा
Posted Date : 15-May-2022 4:12:47 am

बीकेटी ने लालिगा के साथ अपनी साझेदारी को बरकरार रखा

नयी दिल्ली  । यह फुटबॉल नहीं, यह लालिगा है। - एक ऐसी प्रतियोगिता जहाँ दुनिया के प्रमुख क्लब एक-दूसरे को ललकारते हैं, जहां फुटबॉल के सबसे प्रतिभाशाली खिलाड़ी - सभी समर्पित दीवानों द्वारा प्रशंसित और उनकी प्रेरणा के स्रोत सितारे खेलते हैं। लेकिन यह जबरदस्त भावनाओं का भी स्रोत है क्योंकि लालिगा दुनिया में सबसे अधिक देखी जाने वाली चैंपियनशिप है। यह एक ऐसी प्रतियोगिता है जिसकी पहुंच पूरी दुनिया में है और जो प्रतिभा तथा प्रतिष्ठा का प्रतीक माना जाता है।
इन्ही कारणों से बीकेटी ने ला लिगा दे फुतबॉल प्रोफेशनल (लालिगा) के साथ साझेदारी को बिना किसी संकोच के जारी रखने का फैसला किया है। यह 2024/2025 सीजन के अंत तक लालिगा का आधिकारिक सहयोगी बना रहेगा। यह एक जबरदस्त गठबंधन है जिसके सहारे बीकेटी फुटबॉल के प्रदर्शन के साथ दुनिया के कोने-कोने में हर घर तक पहुंचता है।
बीकेटी ऑफ-हाईवे टायरों की विशेषज्ञ एक भारतीय बहुराष्ट्रीय कंपनी है। यह अंतरराष्ट्रीय खेल जगत में अलग-अलग खेलों के अनेक चैंपियनशिप के प्रायोजक के रूप में अनेक वर्षों से विख्यात है। फुटबॉल (सॉकर) के अलावा बास्केटबॉल, क्रिकेट और रग्बी में भी यह सहयोग करती रही है। इस कंपनी का मानना है कि खेल अनेक प्रकार की संभावनाओं का अत्यंत प्रभावशाली साधन है। बीकेटी अपने ब्रैंड के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए न केवल खेल में सहयोग करता है, बल्कि यह मुख्यत: टीम और सहयोगात्मक भावना तथा समावेशन के साथ भावनाओं और सकात्रत्मक मूल्यों को भी जाग्रत करता है। इन थीमों में बीकेटी की गहरी आस्था है और कंपनी इन्हें पूरे विश्व में संचारित, प्रसारित और संरक्षित करना चाहती है।
लेकिन, स्पेनिश फुटबॉल के साथ यह गठबंधन एक ऐसा सहयोग है जो असाधारण और जोशीले उत्साह के चिन्ह पर केन्द्रित है। वर्ष 2019 से प्रारम्भ यह साझेदारी साझा मूल्यों पर आधारित है, जहाँ स्टेडियमों के भीतर और बाहर, दोनों जगह निष्पक्षता को सम्मानित और महसूस किया जाता है। बीकेटी और लालिगा असल में लोगों और प्रतिद्वंदियों के लिए सम्मान; प्रतिबद्धता और संकल्प, चुनौतियाँ स्वीकार करने के साहस, धैर्य और निरंतरता, तथा सबसे बढक़र टीम वर्क पर आधारित खेल संस्कृति के प्रसार की इच्छा-शक्ति के सहारे संयुक्त हैं।
बीकेटी यूरोप की सीईओ लूसिया सैल्मासो ने कहा कि, हम लालिगा के साथ-साथ चलने पर रोमांच और गर्व का अनुभव कर रहे हैं। मुझे यह आइडिया पसंद है कि हम दोनों अपने-अपने मार्केट में महत्वपूर्ण संगठन हैं जो साधारण मार्केटिंग क्रियाकलापों से अलग हटकर चीजों को देखते हैं और संयुक्त एवं पारस्परिक प्रेरणा प्रदान करते हैं। अब देश का मतलब पूरा विश्व है। वैश्विक रूप से कार्य करने के उद्देश्य से अधिकाधिक व्यापक समुदायों तक पहुँचने के लिए एक साझा भाषा की ज़रुरत है। इसे देखते हुए, खेल से ज्यादा वायरल और क्या हो सकता है
लालिगा के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, ऑस्कर मेयो ने कहा कि, लालिगा और बीकेटी के बीच पिछले तीन वर्षों की साझेदारी से हमें अपने प्रशंसकों और दर्शकों के माध्यम से उनका ग्लोबल एक्सपोजऱ बढ़ाने में मदद मिली है। हम दोनों अपने हर कार्य में उत्कृष्टता की कोशिश करते हैं और इस महत्वपूर्ण संबंध को एक नई अवधि के लिए नवीकृत करके हमें बहुत प्रसन्नता हो रही है।

उमरान को अभी और परिपक्व होने की ज़रूरत है : शमी
Posted Date : 15-May-2022 4:12:11 am

उमरान को अभी और परिपक्व होने की ज़रूरत है : शमी

मुम्बई  । गुजरात टाइटंस के तेज़ गेंदबाज़ मोहम्मद शमी ने कहा है कि वह सनराइज़र्स हैदराबाद के युवा तेज़ गेंदबाज़ उमरान मलिक की तेज़ी से प्रभावित तो ज़रूर हैं, लेकिन उन्हें अभी और मेहनत करने की ज़रूरत है।
शमी ने एक प्रेस वार्ता में पत्रकारों से बात करते हुए कहा, मैं व्यक्तिगत रूप से पेस का बहुत बड़ा फ़ैन नहीं हूं। पेस होना सही है लेकिन अगर आप 140 (किमी प्रति घंटा) की गति से भी दोनों तरफ़ गेंद को स्विंग करा सकते हैं, तो वह किभी भी बल्लेबाज़ को परेशान करने के लिए काफ़ी होता है। इसलिए मैं कहूंगा कि अभी उमरान मलिक को परिपक्व होने में थोड़ा सा समय है। उसके पास गति ज़रूर है, लेकिन जैसे-जैसे वह मैच खेलता जाएगा, वह गति के साथ गेंदबाज़ी के लिए ज़रूरी अन्य चीज़ों को भी सीखता जाएगा।
शमी इस आईपीएल से निकल रही भारतीय युवा तेज़ गेंदबाज़ों की पीढ़ी से भी प्रभावित दिखे। उन्होंने कहा, यह बहुत अच्छी बात है कि इस सीजऩ में कई युवा भारतीय तेज़ गेंदबाज़ पूरे आत्मविश्वास के साथ गेंदबाज़ी कर रहे हैं और कमाल का प्रदर्शन दे रहे हैं। एक तेज़ गेंदबाज़ के रूप में लगातार बेहतर होने के लिए आपको प्रतिभा के साथ-साथ मैच प्रैक्टिस भी चाहिए होती है। इस आईपीएल से इन युवा तेज़ गेंदबाज़ों को वह मैच प्रैक्टिस मिल रही है। वे सीनियर्स के साथ समय बिता रहे हैं और उनके अनुभवों से भी सीख रहे हैं।इस दौरान उन्होंने गुजरात के यश दयाल और साथ में अभ्यास कर चुके लखनऊ सुपर जायंट्स के मोहसिन ख़ान की भी तारीफ़ की।
ख़ुद के प्रदर्शन और सफ़ेद गेंद क्रिकेट में अपने भविष्य के बारे में बात करते हुए शमी ने कहा, जब-जब मुझे सफ़ेद गेंद की क्रिकेट में मौक़ा मिला है मैंने अपना 100 प्रतिशत देने की कोशिश की है और मैं सफल भी हुआ हूं। पिछले तीन-चार आईपीएल सीजऩ से मैं सबसे अधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज़ों में से हूं।
शमी पर हमेशा यह सवाल उठते हैं कि वह टी20 मैचों में विकेट तो लेते हैं लेकिन काफ़ी रन भी ख़र्च कर देते हैं। पिछले साल हुए टी20 विश्व कप के दौरान उन्होंने पांच मैचों में 23.33 की औसत और 15.8 के स्ट्राइक रेट से छह विकेट लिए थे, लेकिन इस दौरान उनकी इकॉनमी 8.84 की रही थी। इसके बाद से उन्हें भारत की तरफ़ से सीमित ओवर क्रिकेट में नहीं देखा गया है। अगर शमी के टी20 अंतर्राष्ट्रीय करियर की बात की जाए तो वह 9.54 की इकॉनमी से रन देते हैं, वहीं आईपीएल में भी उनकी करियर इकॉनमी 8.52 की रही है। हालांकि पिछले दो सीजऩ से उन्होंने इसे सुधारते हुए क्रमश: 7.50 (2021) और 7.87 (2022) किया है।
इस पर शमी ने कहा, मैं टी20 क्रिकेट में इकॉनमी को अधिक तवज्जो नहीं देता हूं। जब आप इकॉनमी की बात करते हैं, तो आपको यह भी देखना चाहिए कि कोई गेंदबाज़ कब आकर गेंदबाज़ी कर रहा है। अगर कोई गेंदबाज़ पावरप्ले या अंतिम ओवरों में गेंदबाज़ी करता है, तो निश्चित रुप से उसकी इकॉनमी अधिक होगी। लेकिन इसके साथ वह आपको विकेट भी दिलाता है, जो टीम के लिए बहुत ज़रूरी है। हां, आप बहुत महंगे नहीं हो सकते हैं और आपको हमेशा नियंत्रण में ही गेंदबाज़ी करनी चाहिए।
गुजरात के प्लेऑफ़ में पहुंचने वाली पहली टीम बनने पर शमी ने कहा कि कोच आशीष नेहरा और कप्तान हार्दिक पंड्या ने इस नई टीम को बख़ूबी संभाला है और हर एक खिलाड़ी से जाकर व्यक्तिगत रूप से बात करते हुए उनसे उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन बाहर निकालते हैं।

इंग्लैंड की टेस्ट टीम को फ़र्श से उठाना असली चुनौती : मैकुलम
Posted Date : 15-May-2022 4:11:34 am

इंग्लैंड की टेस्ट टीम को फ़र्श से उठाना असली चुनौती : मैकुलम

मुम्बई  । इंग्लैंड के नए टेस्ट कोच ब्रेंडन मैकुलम ने कहा है कि सफ़ेद गेंद टीमों को संभालने के आरामदेय काम से इतर उन्होंने इंग्लैंड टेस्ट क्रिकेट को फ़र्श से उभारने की जि़म्मेदारी को पसंद किया। मैकुलम के नियुक्ति की घोषणा की गई और वह कोलकाता नाइट राइडर्स के आईपीएल अभियान की समाप्ति के तुरंत बाद न्यूज़ीलैंड के खिलाफ़ 2 जून से होने वाली सीरीज़ से पहले टीम के साथ जुड़ जाएंगे।
उन्होंने कहा, मैंने दोनों भूमिकाओं को देखा लेकिन सफ़ेद गेंद के कोच की भूमिका मुझे रास नहीं आई। इन प्रारूपों में इंग्लैंड शायद दुनिया की सर्वश्रेष्ठ टीम है और वहां मेरे अच्छे दोस्त ओएन मॉर्गन ने बहुत बढिय़ा सिस्टम बनाया है, जो मुझे लगता है कि उनके बाद भी अच्छे से चलती रहेगी। मेरे लिए ऐसी आरामदेय काम में कोई दिलचस्पी नहीं थी। मुझे हमेशा लगता है कि अगर आप अपने जीवन में कुछ बदलना चाहते हैं तो आपको कुछ ज़्यादा संघर्षपूर्ण चुनौती की ज़रूरत होती है। फि़लहाल इंग्लैंड की टेस्ट टीम फ़र्श पर है और इसे आने वाले वक़्त में एक सफल टीम बनाने में ही असली चुनौती दिखी।
मैकुलम ने यह भी माना कि अपने पिछले 17 में सिफऱ् एक टेस्ट जीते हुए इंग्लैंड को सशक्त बनाना टेस्ट फ़ॉर्मैट के स्वास्थ्य के लिए भी ज़रूरी है। मैकुलम का अनुबंध चार साल का है अर्थात वह 2025-26 में ऑस्ट्रेलिया में होने वाले एशेज तक टीम के साथ होंगे।
उन्होंने कहा, मुझे लगता है टेस्ट क्रिकेट की लोकप्रियता दिन प्रति दिन कम हो रही है। मैं सीमित ओवर की क्रिकेट और फ्ऱैंचाइज़ी क्रिकेट के साथ जुड़े रहने में काफ़ी भाग्यशाली रहा हूं, लेकिन मेरा असली प्यार टेस्ट क्रिकेट ही है। अगर टेस्ट क्रिकेट को कोई देश फिर से आकर्षक और लोकप्रिय बना सकता है तो वह इंग्लैंड ही है। अगर आप चहरे पर मुस्कान लिए एक आकर्षक टेस्ट शैली खेल सकते हैं तो ऐसे में मुझे लगा कि अगर मुझे इस काम के क़ाबिल समझा गया है तो यह मेरे लिए सही है।
मैकुलम बेन स्टोक्स की कप्तानी को कऱीब से देखने के बारे में भी उत्साहित हैं। न्यूज़ीलैंड में जन्मे स्टोक्स और अपने हमवतन होने के बारे में मज़ाक़ करने के बाद वह बोले, जिस प्रकार स्टोक्स अपना क्रिकेट खेलते हैं वह मेरे खेल और कोचिंग शैली से काफ़ी मिलता है। वह स्वच्छंद रूप से विपक्ष पर दबाव डालते हैं। हालांकि लॉर्ड्स टेस्ट का पहला दिन काफ़ी रोचक होगा। लेकिन मज़ा भी आने वाला है।

मुम्बई ने चेन्नई को आईपीएल से बाहर किया
Posted Date : 13-May-2022 1:19:51 pm

मुम्बई ने चेन्नई को आईपीएल से बाहर किया

मुम्बई । प्लेऑफ की होड़ से बाहर हो चुके मुंबई इंडियंस ने अपने गेंदबाजों के घातक प्रदर्शन से चेन्नई सुपरकिंग्स को आईपीएल मुकाबले में पांच विकेट से हराकर टूर्नामेंट से बाहर का दिया।
मुम्बई ने चेन्नई को 16 ओवर में मात्र 97 रन पर ढेर कर दिया और फिर 14.5 ओवर में पांच विकेट पर 103 रन बनाकर जीत अपने नाम की।
मुम्बई की तरफ से डेनियल सैम्स ने 16 रन देकर तीन विकेट हासिल किये जबकि रायली मेरेडिथ और कुमार कार्तिकेय को दो-दो विकेट मिले।जसप्रीत बुमराह और रमनदीप सिंह के हिस्से में एक-एक विकेट आया। डेनियल सैम्स प्लेयर ऑफ द मैच रहे।
चेन्नई के लिए कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने 33 गेंदों में चार चौकों और दो छक्कों की मदद से नाबाद 36 रन बनाये। ड्वेन ब्रावो ने 12 और शिवम दुबे तथा अम्बाती रायुडू ने 10-10 रन का योगदान दिया। पहले ओवर में दो विकेट गिरने के बाद चेन्नई की टीम मुकाबले में नहीं लौट सकी। रोबिन उथप्पा दूसरे ओवर में तीसरे बल्लेबाज के रूप में पवेलियन लौटे।धोनी और ब्रावो के बीच सातवें विकेट के लिए 39 रन की साझेदारी हुई।
धोनी 16 वें ओवर की आखिरी गेंद पर रन लेने के लिए दौड़ पड़े जबकि विकेटकीपर ईशान किशन ने सीधे थ्रो से मुकेश चौधरी को रन आउट कर दिया।
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12वीं आईबीए महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप के दूसरे दौर में पहुंचीं परवीन
Posted Date : 13-May-2022 1:19:29 pm

12वीं आईबीए महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप के दूसरे दौर में पहुंचीं परवीन

नयी दिल्ली   ।  भारत की परवीन ने इस्तांबुल में शक्तिशाली प्रदर्शन के साथ एकतरफा अंदाज में यूक्रेन की मारिया बोवा को हराकर आईबीए महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप के 12वें संस्करण में दूसरे दौर में प्रवेश किया।
रोहतक की मुक्केबाज परवीन 63 किग्रा भार वर्ग के शुरुआती दौर के मुकाबले में पूरी तरह से हावी रहीं। परवीन ने शुरुआत से आक्रामक रुख बनाए रखा था। उन्होंने न केवल सटीकता से मुक्के बरसाए बल्कि अपने डिफेंस के बूते बोवा को हावी होने का मौका नहीं दिया।
परवीन ने तेज रिफ्लेक्स दिखाते हुए अपनी प्रतिद्वंद्वी पर कुछ करारे घूंसे मारे। उनके लगातार हमलों ने मारिया को सहज नहीं होने दिया और अंतत: परवीन ने 5-0 के अंतर से जीत दर्ज की।
अपने अभियान की प्रभावशाली शुरुआत के बाद परवीन रविवार को प्री-चर्टर फाइनल मुकाबले में पूर्व यूथ ओलंपिक चैंपियन अमेरिका की जज़ैरा गोंज़ालेज़ से भिड़ेंगी।
आज रात बाद में, निकहत जरीन सहित तीन अन्य भारतीय मुक्केबाज भी इस प्रतिष्ठित वैश्विक टूर्नामेंट में अपनी चुनौती शुरू करेंगी। इस टूर्नामेंट में इस साल दुनिया भर के 73 देशों के रिकॉर्ड 310 मुक्केबाज हिस्सा ले रहे हैं।
20 मई तक चलने वाला इस साल का आयोजन आईबीए महिला विश्व चैंपियनशिप की 20वी वर्षगांठ का प्रतीक है।
तेलंगाना की 25 वर्षीय मुक्केबाज निकहत 52 किग्रा भार वर्ग के शुरुआती दौर के मैच में मेक्सिको की हेरेरा अल्वारेज़ के खिलाफ उतरेंगी, जबकि मनीषा (57 किग्रा), जिन्हें शुरुआती दौर में बाई मिली थी, और स्वीटी (75 किग्रा) क्रमश: नेपाल की काला थापा और इंग्लैंड की केरी डेविस से भिड़ेंगी।
2021 एशियाई चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतने वाली जैस्मीन, अनामिका और शिक्षा गुरुवार को अंतिम-32 दौर में अपने अभियान की शुरुआत करेंगी।
जैस्मिन को 60 किग्रा वर्ग में दो बार की यूथ एशियन चैंपियन थाईलैंड की पोर्नटिप बुआपा से चुनौती मिलेगी जबकि अनामिका (50 किग्रा) रोमानिया की यूजेनिया एंजेल से भिड़ेंगी। शुरूआती दौर में बाई हासिल करने वाली शिक्षा 54 किग्रा भार वर्ग के मैच में अर्जेंटीना के हेरेरा मिलाग्रोस रोज़ारियो से भिड़ेगी।
आईबीए महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप का पिछला संस्करण 2019 में रूस में आयोजित किया गया था। उस समय भारतीय मुक्केबाजों ने एक रजत और तीन कांस्य पदक जीते थे।
भारतीय खिलाडिय़ों ने इस प्रतिष्ठित वैश्विक आयोजन के 11 संस्करणों में अब तक नौ स्वर्ण, आठ रजत और 19 कांस्य सहित 36 पदक हासिल किए हैं। रूस (60) और चीन (50) के बाद भारत के नाम सबसे अधिक पदक हैं।