रायगढ़। जिले के ग्रामीण इलाकों में झोलाछाप डॉक्टर काफी सक्रिय हैं। जिला प्रशासन व पुलिस टीम द्वारा समय-समय इन पर कार्यवाही जा रही है। इन झोलाछाप डॉक्टरों के चंगुल में फंसकर कुछ रूपये बचाने के चक्कर में ग्रामीण अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं।
वर्तमान में कोरोना के प्रारंभिक लक्षण पर मरीज ऐसे झोलाछाप डॉक्टरों के सम्पर्क में आ रहे हैं, जबकि सभी शासकीय एवं गैर शासकीय अस्पतालों में कोरोना के प्रारंभिक लक्षण वालें मरीजों के कोविड टेस्ट के बाद आगे जांच/परामर्श का निर्देश है किन्तु जब मरीज झोलाछाप डॉक्टरों के पास जाते हैं तो बगैर कोविड जांच के दवाईयां के सहारे अपना ईलाज शुरू कराते हैं जिससे मरीज का समय खराब होता है और स्थिति बिगडऩे के बाद अस्पताल पहुंचते हैं। कोरोना की पहली लहर के दौरान भी कई झोलाछाप डॉक्टरों पर धारा 188 भादवि एवं जुर्माने की कार्यवाही की गई थी, बावजूद कुछ क्षेत्रों में फिर से संदिग्ध मरीजों के ईलाज की जानकारी स्थानीय प्रशासन को मिलने पर आज नायब तहसीलदार खरसिया अर्पण कुमार कुर्रे, खरसिया टीआई एस.आर. साहू एवं बीएमओ सुरेश राठिया एवं खरसिया थाना स्टाफ की संयुक्त टीम खरसिया क्षेत्र के कई गांव में झोलाछाप डॉक्टर्स के घर, उनके क्लीनिक, मेडिकल स्टोर्स पर दबिश दिया गया। पांच जगहों पर टीम को अवैधानिक तरीके से संदिग्ध कोरोना मरीजों की जांच करने की शिकायत प्राप्त हुई, जिनके विरूद्ध रिपोर्ट तैयार कर कार्यालय कलेक्टर, रायगढ़ के पास भेजा जा रहा है , जिन पर भारी जुर्माने के साथ कानूनी कार्यवाही भी की जा सकती है।
इन झोलाछाप डॉक्टरों पर कार्यवाही-
1- प्रदीप साहू, ग्राम बोतलदा
2- दिलीप मजूमदार, ग्राम जैमुरा
3- गोविंद चंद मजूमदार, ग्राम चोढा
4-श्याम यादव ग्राम टेलीकोट
5- जुलाहा क्लीनिक ग्राम चोढा।
रायगढ़, 9 मई2021/ अंग्रेजी में एक कहावत है प्रिवेंशन इस बेटर देन क्योर जिसका मतलब है रोकथाम हमेशा उपचार से बेहतर होता है। यह कहावत अभी के हालातों में एकदम सटीक बैठती है। कोरोना वायरस की यह दूसरी लहर पहले के मुकाबले ज्यादा संक्रामक और घातक सिद्ध हुई है। लेकिन राहत कि बात भी है कि जहां पहली लहर के दौरान इसके रोकथाम के लिए कोई टीका नहीं था। अभी हमारे पास टीके का विकल्प मौजूद है, वो भी दो-दो टीके का। पहले जहां हमे अपने आप को संक्रमण से सुरक्षित रखने के लिए कोविड एप्रोप्रियेट बेहवियर के पालन पर निर्भर थे। अभी टीके के साथ हम कोरोना वायरस के प्रति अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाने में सक्षम हैं।
जब से कोरोना वायरस ने समूचे मानव जाति को इतने व्यापक और भयावह रूप से प्रभावित किया है, तब से समूचे विश्व में वैज्ञानिक शोधों का केन्द्र इस वायरस से निपटने के लिए दवा या टीका बना रहा है। हमारे प्रयास इस मामले में काफी अग्रणी साबित हुए। हमने एक साल के भीतर ही टीका बना लिया और जन समुदाय के लिए व्यापक टीकाकरण शुरू कर दिया।
सीएमएचओ डॉ.केशरी बताते हैं कि टीका लगने से लोगों के शरीर में वायरस से लडऩे के लिए एंटीबाडीज का निर्माण होता है। यह प्रतिरोधक क्षमता को मजबूती देता है। जिससे संक्रमण की रोकथाम के लिए दोहरा फायदा होता है। पहला टीकाकृत व्यक्ति यदि कोरोना से संक्रमित होता है तो उसके शरीर में वायरस से लडऩे के लिए एंटीबाडीज मौजूद होती है। जो संक्रमण के स्तर को नियंत्रित करता है। जिससे व्यक्ति की गंभीर अवस्था में पहुंचने की संभावनाएं न्यूनतम हो जाती हैं। दूसरा संक्रमित व्यक्ति से अन्य व्यक्तियों में संक्रमण का विस्तार संक्रमित व्यक्ति के शरीर में मौजूद वायरल लोड पर निर्भर करता है। एक टीकाकृत व्यक्ति के अंदर चूंकि एंटीबाडीज होती हैं। जब उसके शरीर में वायरस का प्रवेश होता है तो यह एंटीबाडीज वायरस को नष्ट करने का काम शुरू कर देती हैं। जिससे उस टीकाकृत व्यक्ति में वायरल लोड सीमित रहता है और दूसरों को संक्रमित करने की सम्भावनाएँ अत्यंत क्षीण हो जाती हैं।
कोरोना की इस घातक लहर के बीच भी हेल्थ केयर और फ्रंट लाइन वर्कर्स इतनी मुस्तैदी से काम कर पा रहे हैं उसके पीछे टीकाकरण की सबसे अहम भूमिका है। स्वास्थ्य विभाग के श्री भुवनेश्वर मालाकार ने अपना अनुभव साझा करते हुए बताया कि टीका लगने के बाद भी उन्हें संक्रमण हुआ तो उन्हें न के बराबर लक्षण आये, वे बहुत तेजी से रिकवर हुए और संक्रमण का आगे विस्तार भी नही हुआ। सिर्फ कल्पना किया जा सकता है जहां इतने बड़े पैमाने पर लोग संक्रमित हो रहे हैं ऐसे में हेल्थ केयर और फं्रट लाइन वर्कर्स को कितने कठिन हालातों में काम करना पड़ रहा है, ऐसे में इतने बड़े वर्क फोर्स में संक्रमितों की संख्या कम रही और वे भी अपेक्षाकृत तेजी से रिकवर हुए है तो ऐसे में कहा जा सकता है कि टीकाकरण ने इस वायरस के खिलाफ उन्हें एक मजबूत कवच दिया है।
यह अभूतपूर्व चुनौतियों का समय है। इससे निपटने के लिए हर किसी को अपनी भूमिका निभाने की आवश्यकता है। संक्रमण के रोकथाम के लिए विभिन्न ऐहतियाती कदम उठाने पड़े हैं। ऐसे कदम जिसकी कल्पना भी कभी हमने नहीं की थी। जो संक्रमित हो रहे हैं उनकी पहचान और उपचार के लिए अभूतपूर्व स्तर पर कार्य किया जा रहा है। शासन-प्रशासन का मुख्य फोकस आज हेल्थ पर है। इंफ्रास्ट्रक्टर डेवलपमेंट के साथ ही स्वास्थ्य सुविधाओं की उपलब्धता के सभी जरूरी कार्य बिना रुके चल रहे हैं। ऐसे महत्वपूर्ण समय में कोरोना संक्रमण के रोकथाम के लिए सभी से जो सहयोग की जरूरत है, वो कोविड अनुकूल व्यवहार का पालन करना और टीके की दोनों खुराक लगवाना। टीका लगवाने से संक्रमण का प्रसार कमजोर होगा और कोरोना वायरस के नियंत्रण और रोकथाम के प्रयास व्यापक और दीर्घकालिक स्तर पर असरदायक होंगे।
कलेक्टर श्री सिंह ने ली जिले के सामाजिक संगठनों के पदाधिकारियों की बैठक
रायगढ़, 9 मई2021/ वर्तमान में कोरोना संक्रमण की भयावह स्थिति है। इसे देखते हुए सामाजिक एवं धार्मिक आयोजनों से दूरी बनाए रखें साथ ही 45 वर्ष ऊपर आयु वाले कोरोना का टीका जरूर लगवाएं, इससे ही कोरोना संक्रमण के फैलाव से जिले और यहां रहने वाले समाज को बचाया जा सकता है।
उक्त बातें कलेक्टर श्री भीम सिंह ने आज जिले के सामाजिक संगठन के पदाधिकारियों की वर्चुअल बैठक में कहीं। कलेक्टर श्री भीम सिंह ने कहा कि वर्तमान में कोरोना वायरस के फैलाव को देखते हुए राज्य शासन ने शादी-विवाह के लिए 10 लोगों की उपस्थिति का निर्देश जारी किया है। इसे जिले में अक्षरश: से लागू करना है यह सामाजिक संगठनों के पदाधिकारियों के सहयोग से ही पूर्ण होगा। उन्होंने सभी पदाधिकारियों को धार्मिक एवं सामाजिक आयोजनों नहीं करने, दूरी बनाए रखने और शादी-विवाह में शासन के गाइडलाइन अनुसार 10 लोगों की उपस्थिति का पालन करने की अपील की। इस पर जिले के सभी सामाजिक संगठनों के पदाधिकारियों ने निर्देशों व गाइडलाइन का पूर्ण रुप से पालन करने की बात कही। संगठनों के पदाधिकारियों ने कहा कि वह समाज के लोगों को कोरोना वायरस के प्रति जागरूक करेंगे और 45 वर्ष से अधिक उम्र वालों को टीकाकरण कराने के लिए प्रेरित करेंगे। इस दौरान संगठन के पदाधिकारियों ने समाज में कोरोना वायरस वैक्सीनेशन को लेकर जो भी भ्रांति व दुष्प्रचार है उसे दूर करने की बात कही। कलेक्टर श्री सिंह ने कहा कि कोरोना संक्रमण की पूर्व फैलाव में भी जिले के सामाजिक संगठनों का पूर्ण सहयोग जिला प्रशासन को मिला है। इसी तरह वर्तमान के कोरोना वायरस संक्रमण के परिदृश्य को देखते हुए सभी सामाजिक संगठनों के पदाधिकारियों, सदस्यों और समाज के लोगों का सहयोग अपेक्षित है। एकजुटता और कोरोना वायरस के प्रति जागरूकता से ही इसके संक्रमण को फैलने से रोका जा सकता है। कलेक्टर श्री सिंह ने शादी विवाह के आयोजनों से दूरी बनाने जहां तक हो सके टालने, तिथि को आगे बढ़ाने और शासन के 10 लोगों की उपस्थिति संबंधित गाइडलाइन का पूर्णता से पालन करने की अपील की। इस दौरान कलेक्टर श्री सिंह ने गाइडलाइन के पालन नहीं करने वालों पर सख्ती से कार्रवाई करने की बात भी कही। बैठक के दौरान सामाजिक संगठनों के पदाधिकारियों ने कोरोना जांच सेंटर खोलने, बेड की उपलब्धता, ऑक्सीजन की उपलब्धता, जन जागरूकता लाने सहित जिला प्रशासन के सहयोग करने संबंधित सुझाव दिए, जिस पर कलेक्टर श्री सिंह सभी बातों पर कार्यवाही करने का आश्वासन दिया। वर्चुअल बैठक में एडीएम श्री राजेंद्र कटारा, निगम कमिश्नर श्री आशुतोष पांडे, एसडीएम श्री युगल किशोर उर्वशा सहित प्रमुख समाज के संगठन पदाधिकारी उपस्थित थे।
कोरोना जांच नेगेटिव होने पर ही शामिल हो सकेंगे विवाह कार्यक्रम में
बैठक के दौरान एसडीएम श्री युगल किशोर उर्वशा ने शासन द्वारा जारी गाइडलाइन की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि विवाह अनुमति के लिए आवेदन के साथ विवाह में शामिल होने वाले कुल 10 लोगों के नामए पता और आधार कार्ड, फोटो सहित पूर्ण जानकारी देना होगा। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा विवाह में शामिल होने वाले उन 10 लोगों की कोरोना जांच की जाएगी और कोरोना नेगेटिव रहने की स्थिति में ही उन्हें विवाह कार्यक्रम में शामिल होने की अनुमति दी जाएगी। पूरी प्रक्रिया पूर्ण करने के बाद सूची संबंधित थाना प्रभारी को दी जाएगी, जो यह सुनिश्चित करेंगे कि विवाह में दिए गए जानकारी अनुसार ही लोग शामिल हुए हैं, जिनकी रिपोर्ट नेगेटिव आई थी। अन्यथा संबंधित लोगों पर वैधानिक कार्यवाही की जाएगी।
होम आइसोलेटेड व कोरोना मरीजों के तालाब में नहाने पर प्रतिबंध
शासन के गाइडलाइन अनुसार होम आइसोलेटेड कोरोना मरीजों के तालाब में नहाने पर भी पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाया गया है। ऐसा करने से अन्य लोग भी संक्रमित हो सकते हैं और कोरोना संक्रमण संबंधित गांव में तेजी से हो सकता है। इसे देखते हुए ही शासन ने गाइडलाइन जारी किया है। गाइड लाइन के अनुसार निस्तारी तालाब नहाने के लिए ग्रामीण बाल्टी और मग्गा का उपयोग करेंगे। इस दौरान वे ऐसे जगहों पर स्नान करेंगे जहां का पानी बह कर तालाबों पर नहीं आता है। इससे गांव के लोग संक्रमण से बचे रहेंगे। इसी तरह गांव में कोरोना संक्रमित होम आइसोलेटेड लोगों को कोरोना प्रोटोकॉल का पूर्ण रुप से पालन करने, घर से बाहर नहीं निकलने, इधर-उधर नहीं घूमने संबंधित बात कही गई। उक्त नियमों के उल्लंघन करने पर संबंधित के खिलाफ भी एफआईआर कराने से लेकर वैधानिक कार्यवाही की जाएगी।
गांवों के निस्तारी तालाब के उपयोग के लिए भी जारी हुए निर्देश
कोरोना संक्रमण की रोकथाम के संबंध में कलेक्टर श्री भीम सिंह ने जारी किए विभिन्न निर्देश
रायगढ़, 9 मई2021/ कलेक्टर श्री भीम सिंह ने रायगढ़ जिले में नोवेल कोरोना वायरस (कोविड-19) संक्रमण प्रभावित व्यक्तियों की संख्या में लगातार वृद्धि होने के कारण उत्पन्न परिस्थितियों को देखते हुये सामाजिक कार्यक्रमों, कोविड मरीजों द्वारा गाइडलाइन्स के पालन व उद्योगों के लिए विभिन्न ऐहतियाती निर्देश जारी किये हैं। जिसके तहत इस जिले के अन्तर्गत विवाह की अनुमति संबंधी आवदेन पत्र में ही वर और वधु पक्ष से विवाह में शामिल होने वाले परिजनों के नाम, पता तथा आधार नंबरों का विवरण लिया जाएगा। यह विवरण तहसीलदार द्वारा संबंधित खण्ड चिकित्सा अधिकारी को भेजा जावेगा। विवाह के 02 दिवस पूर्व स्वास्थ्य विभाग का दल विवाह में शामिल होने वाले व्यक्तियों की जांच करेंगे, जांचोपरान्त निगेटिव रिपोर्ट वाले व्यक्ति ही विवाह में शामिल होने के लिए पात्र होंगे। अनुमति पत्र तथा निगेटिव रिपोर्ट वाले व्यक्तियों की सूची संबंधित थाना प्रभारी को उपलब्ध करायी जायेगी। थाना प्रभारी यह सुनिश्चित करेंगे कि पात्र व्यक्ति ही विवाह समारोह में शामिल हों।
जिले के सभी तहसीलदार यह सुनिश्चित करेंगे कि सभी ग्रामों में कोटवार के माध्यम से यह मुनादी कराया जाए कि होम आइसोलेशन वाले संक्रमित व्यक्ति घर में ही स्नान करें। निस्तारी तालाब में नहाने के लिए ग्रामीण बाल्टी मग्गा लेकर जाएंगे। तालाब या स्नान घाट से थोड़ी दूर नहाएंगे ताकि संक्रमित व्यक्ति के नहाने के बाद पानी तालाब में जाकर न मिले और तालाब का पानी दूषित न हो जिससे अन्य लोगों में संक्रमित होने की संभावना न रहे।
खदान संचालन/परिवहन में लगे कर्मचारियों को अनिवार्य रूप से मास्क लगाना, सेनिटाईजर का उपयोग करना, फिजिकल डिस्टेसिंग का पालन किया जाना सुनिश्चित करे। समय-समय पर कर्मचारियों का स्क्रीनिंग टेस्ट किया करें तथा पॉजिटिव होने पर क्वारेंटीन करने की कार्यवाही करें। उपरोक्त निर्देशों का कड़ाई से पालन किया जाना सुनिश्चित किया जावें।
समस्त प्रकार के धार्मिक, सामाजिक, राजनैतिक एवं अन्य आयोजन पूर्णत: प्रतिबंधित रहेंगे
कोरोना पाजिटिव व्यक्ति सार्वजनिक भीड़भाड़ वाली सुविधाओं, तालाब का उपयोग नहीं करें
राज्य शासन द्वारा सामाजिक, धार्मिक एवं अन्य आयोजनों के संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश जारी
रायगढ़, 9 मई2021/ छत्तीसगढ़ शासन द्वारा प्रदेश में कोविड-19 के संक्रमण के नियंत्रण हेतु सामाजिक, धार्मिक एवं अन्य आयोजनों के संबंध में सभी संभागायुक्तों, पुलिस महानिरीक्षकों, कलेक्टरों और पुलिस अधीक्षकों को विस्तृत दिशा-निर्देश आज जारी किए गए। सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा इस संबंध में जारी निर्देशों में कहा गया है कि कोरोना वायरस के नये वेरियन्ट के संक्रमण पर नियंत्रण के परिप्रेक्ष्य में कोविड-19 संक्रमण नियंत्रण हेतु शादियों में 10 व्यक्तियों से अधिक व्यक्तियों की उपस्थिति पर प्रतिबंध रहेगा तथा अन्त्येष्टि में 10 व्यक्तियों से अधिक व्यक्तियों की उपस्थिति पर प्रतिबंध रहेगा। अन्य समस्त प्रकार के धार्मिक, सामाजिक, राजनैतिक एवं अन्य आयोजन पूर्णत: प्रतिबंधित रहेंगे।
धार्मिक एवं सामाजिक त्यौहारों के संबंध में धार्मिक गुरूओं, प्रमुखों से अपील की जाए कि वे लोगों को धार्मिक एवं सामाजिक त्यौहारों में भीड़भाड़ न करने तथा पूजा व अन्य आयोजन अपने-अपने घरों में व्यक्तिगत रूप से करने के लिए प्रोत्साहित करें। कोरोना पॉजिटिव व्यक्तियों के द्वारा आईसोलेशन प्रोटोकॉल के पालन की समय-समय पर जांच की जाए। उनके द्वारा सार्वजनिक भीड़भाड़ वाली सुविधाओं, तालाब का उपयोग न किया जाना है, ताकि संक्रमण आगे न फैले।
कलेक्टर श्री भीम सिंह ने लैब टेक्नीशियन्स की ली समीक्षा बैठक
रायगढ़, 9 मई2021/ जिले में कोरोना संक्रमण की रोकथाम हेतु कोविड के सैंपलिंग और टेस्टिंग की समीक्षा के लिए कलेक्टर श्री भीम सिंह ने जिले के सभी लैब टेक्नीशियन्स की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से बैठक ली। बैठक में उन्होने बॉर्डर के साथ ग्रामीण इलाकों में सैंपलिंग व टेस्टिंग की समीक्षा की। कलेक्टर श्री सिंह ने कहा कि पॉजिटिव आने वाले मरीज के परिवार के सभी सदस्यों को होम आइसोलेट करना है और उन्हें प्रोफाइलेक्टिक दवाइयों की किट देनी है। जिससे वे सभी घर में रह कर दवा की खुराक ले सकें। होम आइसोलेशन की मॉनिटरिंग टीम द्वारा नियमित रूप से ऐसे मरीजों का अपडेट लेना है। जिससे मरीज को या घर के किसी सदस्य को चिकित्सीय सहायता की जरूरत हो तो तुरंत उसे वह उपलब्ध करायी जा सके। उन्होंने संक्रमण की रोकथाम के लिए ग्रामीण इलाकों के साथ औद्योगिक क्षेत्रों में टेस्टिंग में विशेष फोकस रखने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि औद्योगिक इलाकों में बाहर से काम करने आने वालों की टेस्टिंग और उन्हें क्वारेन्टीन करने के लिए उद्योगों की बैठक लेकर निर्देशित किया गया है। जिसकी लगातार मॉनिटरिंग की जाए।
कलेक्टर श्री सिंह ने बॉर्डर चेक पोस्ट में टेस्टिंग में लगी टीम से भी बात की। उन्होंने ओडिसा तथा अन्य राज्यों से आ रहे लोगों के टेस्टिंग और उन्हें क्वारेन्टीन करने के बारे में जानकारी ली। कलेक्टर श्री सिंह ने कहा कि दूसरे राज्य से आने वाले व्यक्ति के पास यदि 72 घंटे के भीतर की नेगेटिव जांच रिपोर्ट है तो उन्हें जाने दिया जाए। आने वाला व्यक्ति यदि लक्षणयुक्त है तो बॉर्डर पर उसकी जांच करें। पॉजिटिव आने पर उसे कोविड केयर सेंटर या आइसोलेशन में भेजें। बिना लक्षणयुक्त व्यक्तियों को 07 दिनों के लिए क्वारेन्टीन किया जाना है। उन्होंने बॉर्डर पर क्वारेन्टीन करने के लिए अलग से कर्मचारी तैनात करने के लिए कहा। जो क्वारेन्टीन किये जाने वाले व्यक्ति को संबंधित क्वारेन्टीन सेंटर में पहुंचाने की व्यवस्था देखेगा। उन्होंने बॉर्डर के समीप के गांवों में भवनों का चिन्हांकन तैयार किये गए क्वारेन्टीन सेंटर्स में आने वाले व्यक्तियों को क्वारेन्टीन करने के निर्देश दिये। इन सेंटर्स में लोगों की सुविधा के लिए सभी व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
बैठक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.एस.एन.केसरी, सभी विकासखंड के बीएमओ व बीपीएम व टेस्टिंग में लगे लैब टेकनिशियन्स शामिल हुए।