नई दिल्ली । केंद्र सरकार ने सभी नागरिकों के लिए चेतावनी जारी करते हुए कहा कि पब्लिक वाई-फाई नेटवर्क का उपयोग करके वित्तीय लेनदेन और संवेदनशील गतिविधियां न करें। केंद्र सरकार की ओर से कहा गया कि हवाई अड्डों, कॉफी शॉपों और सार्वजनिक स्थानों पर मुफ्त पब्लिक वाई-फाई सुविधाजनक लग सकता है, लेकिन यह आपकी निजी और वित्तीय जानकारी के लिए बहुत जोखिम भरा हो सकता है।
इनमें से कई पब्लिक वाई-फाई नेटवर्क उचित रूप से सुरक्षित नहीं हैं, जिससे वे हैकर्स और घोटालेबाजों के लिए आसान लक्ष्य बन जाते हैं। डिजिटल सुरक्षा जागरूकता को मजबूत करने के लिए इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम (सीईआरटी-आईएन) ने अपनी ‘जागरूकता दिवस’ पहल के तहत यह नया रिमाइंडर जारी किया है। एडवाइजरी में नागरिकों को पब्लिक वाई-फाई नेटवर्क पर बैंकिंग या ऑनलाइन शॉपिंग जैसी संवेदनशील गतिविधियां करने के प्रति आगाह किया गया है।
सीईआरटी-इन ने बताया कि साइबर अपराधी पब्लिक वाई-फाई पर असुरक्षित कनेक्शन को आसानी से हैक कर सकते हैं, जिससे यूजर्स का डेटा चोरी और वित्तीय हानि का सामाना करना पड़ सकता है। सरकार ने लोगों को सलाह दी है कि वह ऐसे नेटवर्क से जुडऩे पर लेनदेन करने या व्यक्तिगत जानकारी दर्ज करने से बचें। अपने जागरूकता अभियान के हिस्से के रूप में, सीईआरटी-आईएन ने कुछ जरूरी सेफ्टी प्रैक्टिस टिप्स भी शेयर किए हैं। इसमें कहा गया कि कभी भी अज्ञात स्रोतों से लिंक या अटैचमेंट पर क्लिक न करें, सभी ऑनलाइन खातों के लिए लंबे और मजबूत पासवर्ड का उपयोग करें और नियमित रूप से महत्वपूर्ण फाइलों का बैकअप बाहरी ड्राइव पर रखें। यह आदतें व्यक्तिगत जानकारी के इर्द-गिर्द मजबूत सेफ्टी बनाने में मदद कर सकती हैं। सरकार एजेंसी ने कहा कि अगर उचित सावधानी न बरती जाए तो ईमेल चेक करना या सार्वजनिक वाई-फाई पर सोशल मीडिया अकाउंट में लॉग इन करने जैसी सरल गतिविधियां भी जोखिम भरी हो सकती हैं। सीईआरटी-आईएन भारत में साइबर सुरक्षा के लिए जिम्मेदार राष्ट्रीय एजेंसी है। यह इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अधीन काम करती है।
मुंबई । भारतीय शेयर बाजार के लिए अगला हफ्ता काफी अहम होने वाला है। वित्त वर्ष 25 की चौथी तिमाही के नतीजे, ऑटो सेल्स, आईआईपी एवं एफआईआई डेटा और आर्थिक आंकड़ों का असर शेयर बाजार पर देखने को मिल सकता है।
अगले हफ्ते अदाणी ग्रीन, अदाणी टोटल गैस, केपीआईटी टेक, टीवीएस मोटर्स, अंबुजा सीमेंट्स, बजाज फिनसर्व, बजाज फाइनेंस, बीपीसीएल, अदाणी पावर, जेएसडब्ल्यू इंफ्रा और वेदांता जैसी बड़ी कंपनियों की ओर से वित्त वर्ष 25 की चौथी तिमाही के नतीजों का ऐलान किया जाएगा।
इसे अलावा, मार्च के औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) के आंकड़े 28 अप्रैल को आएंगे। वहीं, 1 मई को ऑटो सेल्स के आंकड़े आएंगे, जिसका असर बाजार पर देखने को मिल सकता है।
वैश्विक स्तर पर अगले हफ्ते अमेरिका की जीडीपी से जुड़े अहम डेटा जारी किए जाएंगे, जिसमें पहली तिमाही का जीडीपी डेटा और जॉबलेस क्लेम शामिल हैं।
बीता हफ्ता भारतीय शेयर बाजार मजबूती के साथ बंद हुआ। इस दौरान सेंसेक्स और निफ्टी दोनों करीब 0.80 प्रतिशत बढक़र क्रमश: 79,212.53 और 24,039.35 पर बंद हुए। बाजार में तेजी की वजह अमेरिका और चीन के बीच चल रहे व्यापारिक तनाव के लेकर सकारात्मक अपडेट आना और भारतीय बैंकों की ओर से अच्छे नतीजे पेश करना रहा।
21-25 अप्रैल की अवधि में विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) शुद्ध खरीदार रहे और इस दौरान करीब 17,800 करोड़ रुपये का निवेश किया। वहीं, घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने कैश सेगमेंट में करीब 1,132 करोड़ रुपये का निवेश किया।
अगले हफ्ते 1 मई को महाराष्ट्र दिवस के अवसर पर शेयर बाजार में अवकाश रहेगा।
मास्टर ट्रस्ट ग्रुप के डायरेक्टर, पुनीत सिंघानिया के मुताबिक, लगातार दूसरे हफ्ते निफ्टी सकारात्मक बंद हुआ है। अच्छी बात यह है कि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का मुख्य सूचकांक 24,000 से ऊपर की क्लोजिंग देने में कामयाब रहा है। फिलहाल इसके लिए 24,360 एक बड़ा रुकावट का स्तर है। अगर यह इसके ऊपर निकलता है तो 24,700 के स्तर भी देखने को मिल सकते हैं।
इसके अलावा गिरावट की स्थिति में निफ्टी के लिए 23,800 और 23,500 एक अहम सपोर्ट स्तर है।
सैन फ्रांसिस्को । एलन मस्क द्वारा संचालित स्पेसएक्स ने यूएस नेशनल लेबर रिलेशंस बोर्ड (एनएलआरबी) पर मुकदमा दायर किया है। एजेंसी ने स्पेसएक्स के खिलाफ सीईओ की आलोचना करने के चलते आठ कर्मचारियों को अवैध रूप से निकालने का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज की थी।
गुरुवार को संघीय अदालत में दायर मुकदमे में स्पेसएक्स ने दावा किया कि एनएलआरबी की कार्रवाई असंवैधानिक है।
अमेरिकी राज्य टेक्सस में दायर मुकदमे में कहा गया है, यह कार्रवाई एनएलआरबी द्वारा स्पेसएक्स को एक प्रशासनिक कार्यवाही के अधीन करने का गैरकानूनी प्रयास है, जो अमेरिकी संविधान के अनुच्छेद 2, पांचवें संशोधन और सातवें संशोधन का उल्लंघन है।
इसमें दावा किया गया कि एनएलआरबी की कार्यवाही स्पेसएक्स के जूरी द्वारा परीक्षण के संवैधानिक अधिकार का उल्लंघन करती है।
अमेरिकी लेबर एजेंसी ने अभी तक मुकदमे पर कोई टिप्पणी नहीं की है। लेबर एजेंसी ने आरोप लगाया था कि स्पेसएक्स ने अपने कर्मचारियों की निगरानी की और धमकी दी।
लेबर एजेंसी ने दावा किया कि स्पेसएक्स ने कर्मचारियों के बीच मैसेज के स्क्रीनशॉट को पढक़र और दिखाकर निगरानी की धारणा बनाई। पिछले साल, स्पेसएक्स कर्मचारियों के एक ग्रुप ने ओपन लेटर लिखा था कि कैसे मस्क का व्यवहार उनके लिए शर्मिंदगी का कारण बनता है।
ओपन लेटर में लिखा था, ''सार्वजनिक क्षेत्र में एलन का व्यवहार हमारे लिए अक्सर शर्मिंदगी का कारण बनता है, खासकर हाल के हफ्तों में। हमारी टीमों और हमारे टैलेंट समूह को यह साफ करना महत्वपूर्ण है कि उनका मैसेज हमारे काम, हमारे मिशन या हमारे वैल्यू को प्रतिबिंबित नहीं करता है।''
उस समय, बिजनेस इनसाइडर की एक रिपोर्ट में दावा किया गया था कि स्पेसएक्स ने उस फ्लाइट अटेंडेंट को 250,000 डॉलर का भुगतान किया था जिसका मस्क ने यौन उत्पीडऩ किया था।
एनएलआरबी स्पेसएक्स के साथ समझौता करना चाहता है। एजेंसी स्पेसएक्स से 120 दिनों के लिए कर्मचारी अधिकारों के बारे में एक नोटिस पोस्ट करने और निकाले गए कर्मचारियों को माफी पत्र लिखने के लिए भी कह रही है।
नई दिल्ली । भारत का यात्री वाहन (पीवी) उद्योग इस वित्त वर्ष में नई ऊंचाई पर पहुंचने के लिए तैयार है, जिसमें घरेलू और निर्यात की बिक्री कुल मिलाकर 5 मिलियन यूनिट को पार कर जाएगी। जबकि, वार्षिक वृद्धि दर धीमी होकर 2-4 प्रतिशत रह जाएगी। यह जानकारी शुक्रवार को जारी एक रिपोर्ट में दी गई।
क्रिसिल रेटिंग्स की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि यह लगातार चौथा साल है, जब बिक्री रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है, हालांकि कोरोना महामारी के बाद वित्त वर्ष 2023 में 25 प्रतिशत की वृद्धि के बाद से बिक्री में काफी कमी आई है।
रिपोर्ट के अनुसार, नए लॉन्च, ब्याज दरों में कमी, सीएनजी को अपनाने में वृद्धि और ग्रामीण इलाकों में अनुकूल परिस्थितियों को देखते हुए यूटिलिटी व्हीकल (यूवी) इस वित्त वर्ष में बिक्री में वृद्धि को बढ़ावा देंगे।
क्रिसिल रेटिंग्स के वरिष्ठ निदेशक अनुज सेठी ने कहा, इस वित्त वर्ष में पीवी की वृद्धि दर 2-4 प्रतिशत तक रहेगी, लेकिन यूवी की वृद्धि दर 10 प्रतिशत रहेगी, जिसे नए लॉन्च का सपोर्ट प्राप्त है। यूवी वॉल्यूम का 68-70 प्रतिशत योगदान देगा।
उन्होंने कहा कि सामान्य से बेहतर मानसून और ब्याज दरों में कमी से ग्रामीण क्षेत्रों में सुधार की उम्मीद है, जिससे एंट्री लेवल कारों की मांग में सुधार होगा।
बेहतर नकदी प्रवाह और मजबूत नकदी अधिशेष मूल उपकरण निर्माताओं (ओईएम) को अपने उच्च पूंजीगत व्यय को फंडिंग की अच्छी स्थिति में रखेगा और उनकी बैलेंस शीट मजबूत और क्रेडिट प्रोफाइल स्थिर रहेगी।
पिछले वित्त वर्ष में कुल वॉल्यूम में घरेलू बाजार का योगदान 85 प्रतिशत था, जबकि निर्यात का योगदान बाकी था।
फ्यूल मिक्स भी तेजी से विकसित हो रहा है। सीएनजी से चलने वाले पीवी की मांग बढ़ रही है। कम परिचालन लागत और 7,000 से अधिक रिफ्यूलिंग स्टेशनों के तेजी से बढ़ते नेटवर्क के कारण इस वित्त वर्ष में उनकी हिस्सेदारी 15 प्रतिशत तक पहुंचने की संभावना है।
रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है, मौजूदा भू-राजनीतिक तनाव निर्यात की गति को प्रभावित कर सकते हैं, लेकिन ओईएम मैक्सिको, खाड़ी देशों, दक्षिण अफ्रीका और पूर्वी एशिया जैसे वैकल्पिक बाजारों की ओर रुख कर सकते हैं।
क्रिसिल रेटिंग्स की निदेशक पूनम उपाध्याय ने कहा, इस वित्त वर्ष में पीवी कैपेक्स 30,000 करोड़ रुपए पर रहने की उम्मीद है, क्योंकि ओईएम क्षमता बढ़ा रहे हैं, ईवी निवेश में तेजी ला रहे हैं और स्थानीयकरण और डिजिटल अपग्रेड्स को बढ़ावा दे रहे हैं। हालांकि, यह हाई कैपेक्स सस्टेनेबल बना हुआ है, जिसे मजबूत आंतरिक स्रोतों और नकदी अधिशेष का समर्थन प्राप्त है, जिसमें कैपेक्स-टू-एबिटा 0.5 गुना पर स्थिर है।
जालंधर । पंजाब में जालंधर के जिला उपायुक्त डा. हिमांशु अग्रवाल ने गुरुवार को बताया कि राज्य सरकार द्वारा किसानों को उनके खरीदे गए गेहूं की 422 करोड़ रुपए की अदायगी कर दी गई है।
उपायुक्त ने बताया कि जिले की विभिन्न मंडियों में 2,13,686 मीट्रिक टन गेहूं की आवक हो चुकी है, जिसमें से 2,07,098 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद विभिन्न खरीद एजेंसियों द्वारा की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि पनग्रेन द्वारा 72,635 मीट्रिक टन, मार्कफेड द्वारा 62,263, पनसप द्वारा 37,316, पंजाब राज्य वेयरहाउस कार्पोरेशन द्वारा 29,334, एफसीआई द्वारा 3551 मीट्रिक टन तथा निजी व्यापारियों द्वारा 1999 मीट्रिक टन गेहूं खरीदा गया है। डा. अग्रवाल ने बताया कि इस सीजन में जिले की 79 मंडियों में 5.25 लाख मीट्रिक टन गेहूं पहुंचने की संभावना है। उन्होंने कहा कि बंपर फसल उत्पादन को देखते हुए 23 अस्थायी मंडियों की भी व्यवस्था की गई है।
नई दिल्ली । भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने गुरुवार को कहा कि भारत में ब्रॉडबैंड सब्सक्राइबर्स की संख्या फरवरी में 944.04 मिलियन हो गई है। सरकारी एजेंसी द्वारा यह जानकारी 1,189 ऑपरेटर्स से मिले डेटा के आधार पर दी गई। ट्राई के आंकड़ों के अनुसार, फरवरी महीने में 12.06 मिलियन ग्राहकों ने मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी (एमएनपी) के लिए आवेदन किया था। एमएनपी के शुरू होने के बाद से जनवरी के अंत में संचयी एमएनपी आवेदनों की संख्या 1,093.33 मिलियन से बढक़र फरवरी के अंत में 1,105.39 मिलियन हो गई है।
वायरलेस (मोबाइल) सेगमेंट में निजी टेलीकॉम कंपनियों के 92.03 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी थी, जबकि दो सरकारी टेलीकॉम कंपनियों – बीएसएनएल और एमटीएनएल की बाजार हिस्सेदारी केवल 7.97 प्रतिशत थी। भारत में कुल टेलीफोन उपभोक्ताओं की संख्या फरवरी में 1,192.03 मिलियन से बढक़र 1,197.23 मिलियन हो गई, जो 0.42 प्रतिशत की मासिक वृद्धि दर दर्शाती है।
इसी अवधि के दौरान शहरी टेलीफोन उपभोक्ताओं की संख्या 663.83 मिलियन से बढक़र 667.93 मिलियन हो गई और ग्रामीण टेलीफोन उपभोक्ताओं की संख्या भी 528.20 मिलियन से बढक़र 529.31 मिलियन हो गई। भारत में कुल टेली-घनत्व जनवरी के अंत में 84.54 प्रतिशत से बढक़र फरवरी के अंत में 84.85 प्रतिशत हो गया।
शहरी टेली-घनत्व जनवरी के अंत में 131.40 प्रतिशत से बढक़र फरवरी के अंत में 132.01 प्रतिशत हो गया और इसी अवधि के दौरान ग्रामीण टेली-घनत्व भी 58.38 प्रतिशत से बढक़र 58.48 प्रतिशत हो गया। फरवरी के अंत में कुल टेलीफोन उपभोक्ताओं में शहरी और ग्रामीण उपभोक्ताओं की हिस्सेदारी क्रमश: 55.79 प्रतिशत और 44.21 प्रतिशत थी।
मशीन-टू-मशीन (एम2एम) सेलुलर मोबाइल कनेक्शनों की संख्या जनवरी के अंत में 63.09 मिलियन से बढक़र फरवरी के अंत में 64.71 मिलियन हो गई। ट्राई के आंकड़ों के अनुसार, भारती एयरटेल लिमिटेड के पास सबसे अधिक एम2एम सेलुलर मोबाइल कनेक्शन हैं, जिनकी संख्या 33.86 मिलियन है और इसकी बाजार हिस्सेदारी 52.33 प्रतिशत है, जिसके बाद वोडाफोन आइडिया लिमिटेड का स्थान है।