नईदिल्ली,29 अगस्त । एयर इंडिया ने दो अक्टूबर से अपनी उड़ानों में प्लास्टिक के उपयोग पर रोक लगाने का फैसला किया है। एयर इंडिया के सूत्रों के अनुसार पहले चरण में इसे एयर इंडिया एक्सप्रेस और एलायंस एयर के सभी विमानों में लागू किया जाएगा और अगले चरण में एयर इंडिया की सभी उड़ानों में लागू किया जाएगा। सूत्रों के अनुसार इस समय केले के चिप्स और सेंडविच प्लास्टिक की थैली में पैक करके दिये जाते हैं जिन्हें अब बटर पेपर में दिया जाएगा। केक स्लाइस को मफिन्स से बदला जाएगा। स्पेशल मील्स में प्लास्टिक कटलरी की जगह बर्च वुड कटलरी दी जाएगी। विमान कर्मियों को हल्की स्टील वाली कटलरी दी जाएगी। चाय कॉफी के लिए प्लास्टिक कप की जगह मोटे कागज वाले कप और पानी पीने के लिए मोटे कागज वाले गिलास दिये जाएंगे।
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के मौके पर प्लास्टिक के उपयोग एवं कचरे की सफाई के अभियान चलाने का आह्वान किया है।
नईदिल्ली,29 अगस्त । पेट्रोल और डीजल के दाम में 10 दिन बाद फिर थोड़ी राहत मिली है। तेल कंपनियों ने दो दिनों की स्थिरता के बाद पेट्रोल और डीजल के दाम में मामूली कटौती की है। देश के चार प्रमुख महानगरों- दिल्ली, कोलकाता, मुंबई और चेन्नई में पेट्रोल गुरुवार को छह पैसे प्रति लीटर सस्ता हो गया। डीजल का भाव भी चारों महानगरों में पांच पैसे प्रति लीटर कम हो गया। इससे पहले 19 अगस्त को तेल कंपनियों ने पेट्रोल और डीजल के दाम में कटौती की थी। इस बीच में 24, 25 और 26 अगस्त को पेट्रोल और डीजल के दाम में वृद्धि का सिलसिला जारी रहा जबकि बाकी दिनों में भाव स्थिर रहे।
इंडियन ऑयल की बेवसाइट के अनुसार, दिल्ली, कोलकता, मुंबई और चेन्नई में पेट्रोल के दाम गुरुवार को छह पैसे घटकर क्रमश: 72.01 रुपये, 74.71 रुपये, 77.67 रुपये और 74.80 रुपये प्रति लीटर हो गए। चारों महानगरों में डीजल के दाम भी पांच पैसे घटकर क्रमश: 65.30 रुपये, 67.68 रुपये और 68.46 रुपये और 68.99 रुपये प्रति लीटर हो गए हैं।
मुंबई ,28 अगस्त। मुंबई का छत्रपति शिवाजी महाराज इंटरनैशनल एयरपोर्ट डमेस्टिक फ्लाइट्स के लिए 1 अक्टूबर से टर्मिनल 1 और टर्मिनल 2 का विलय करेगा। इस एयरपोर्ट से यात्रा करने वाले यात्रियों की सुविधा के लिए यह कदम उठाया गया है और यह यात्रियों और एयरलाइन दोनों के लिए ही बड़े पैमाने पर फायदेमंद होगा।
साल 2018-19 में इस एयरपोर्ट से 48 मिलियन से अधिक यात्रियों ने यात्रा की थी और यह एयरपोर्ट आमतौर पर हर समय यात्रियों से गुलजार रहता है। देश के सबसे व्यस्त हवाई अड्डे में से एक होने की वजह से अब यहां सभी एयरलाइंस के लिए टर्मिनल बोर्डिंग ब्रिज के साथ टर्मिनल 1 अलॉट किया है, जबकि टर्मिनल 2 डमेस्टिक और इंटरनैशनल दोनों फ्लाइट्स का संचालन करता है।
मौजूदा समय में यह 9 घरेलू और 50 इंटरनैशनल एयरलाइन्स को संचालित करता है। छत्रपति शिवाजी महाराज इंटरनैशनल एयरपोर्ट का प्राइमरी रनवे हर घंटे 46 विमानों के आवागमन को संभालता है, जबकि दूसरा रनवे हर घंटे 35 फ्लाइट्स के आवागमन को संभालता है।
एयरपोर्ट की प्रेस रिलीज में कहा गया कि 1 अक्टूबर से इंडिगो और गो एयर अपने सभी डमेस्टिक फ्लाइट्स का संचालन टर्मिनल 1 से और अपने सभी इंटरनैशनल फ्लाइट्स का संचालन टर्मिनल 2 से करेगा। इसके अलावा स्पाइसजेट अपने सभी फ्लाइट्स का संचालन टर्मिनल 2 से करेगी।
नई दिल्ली,28 अगस्त। इंडिगो ने मंगलवार को कहा कि वह लंदन सहित लंबी दूरी की जगहों के लिए सीधी उड़ानें शुरू करने के लिए एक विमान लेना चाहती है। यह पहला मौका है जब इस लो-कॉस्ट करियर ने विदेश में लंबी दूरी की जगहों के लिए उड़ानें शुरू करने की अपनी योजना का ऐलान किया है।
जेट एयरवेज का कामकाज ठप पडऩे से विमानन क्षेत्र में जगह खाली होने के बीच यह बयान आया है। जेट एकमात्र प्राइवेट एयरलाइंस थी, जो भारत और लंदन के बीच फ्लाइट सर्विस दे रही थी। एयर इंडिया यह सेवा देने वाली दूसरी कंपनी है।
इंडिगो के सीईओ रणंजय दत्ता ने कहा, साफ तौर पर अभी हमारी रेंज सीमित है। एयरबस 321 एक्सएलआर शानदार विमान है, लेकिन यह लंदन नहीं जा सकता है। यह विमान हमें सोल ले जा सकता है। हम एक्सएलआर के जरिए इस तरह के मार्केट्स तक सेवा देने के बारे में सोच रहे हैं। उन्होंने कहा कि एयरलाइन अब भी चौड़ी बॉडी के एक विमान के लिए मॉडल पर चर्चा कर रही है।
दत्ता ने कहा, हम चौड़ी बॉडी के लिए एक प्लान पर विचार कर रहे हैं। बिना बिजनस क्लास के वाइड-बॉडी एयरक्राफ्ट लॉन्च करने का कोई मतलब नहीं है। लिहाजा हम रोज हम इस बात पर चर्चा कर रहे हैं कि वाइड-बॉडी ऑपरेशंस का फायदा लेने के लिए हमें किस मॉडल को अपनाना चाहिए।
दत्ता ने कहा कि अगले कुछ वर्षों में इंडिगो की ग्रोथ का बड़ा हिस्सा इंटरनैशनल फ्लाइट्स से आएगा। दत्ता ने कहा, इंटरनेशनल सर्विस से हमें बहुत उम्मीद है। अगले कुछ वर्षों तक हम करीब 30 प्रतिशत सालाना की दर से आगे बढ़ेंगे। हमें उम्मीद है कि इस ग्रोथ का करीब आधा हिस्सा इंटरनैशनल मार्केट से आएगा।
नईदिल्ली,28 अगस्त। देश में सबसे ज्यादा बिकने वाला साबुन लाइफबॉय सस्ता हो गया है. लाइफबॉय के अलावा लक्स और डव की कीमतों में भी गिरावट आई है. दरअसल फ़ास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स बनाने वाली दिग्गज कंपनी हिंदुस्तान यूनिलीवर (एचयूएल) ने अपने कुछ साबुनों की कीमतें 30 फीसदी तक कम कर दी है.
रिपोर्ट के मुताबिक हिंदुस्तान यूनिलीवर (एचयूएल) ने अपने कुछ साबुनों की कीमतों में 30 प्रतिशत तक की कर दी है.
खबर के मुताबिक जुलाई में, एचयूएल ने कमजोर मांग और कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करने के लिए लाइफबॉय, लक्स और डव साबुन की कीमतों को कम कर दिया था. लक्स और लाइफबॉय, बिक्री के मामले में देश में सबसे ज्यादा बिकने वाले साबुन ब्रांड्स में से हैं. रिसर्च फर्म यूरोमॉनिटर के अनुसार भारत में टॉयलेट सोप का मार्केट 20,960 करोड़ रुपये का है. रिसर्च कंपनी कंतार के अनुसार, लाइफबॉय भारत में सबसे ज्यादा बिकने वाला साबुन ब्रांड है.
दूसरी ओर, कंपनी ने फेयर एंड लवली, पॉन्ड्स, पीयर्स और डव जैसे ब्रांडों के फेस-वॉश की कीमतों में 4-14 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है. आईटीसी, विप्रो कंज्यूमर केयर और गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स जैसी कंपनियों ने एचयूएल को कड़ी टक्कर दी है.
नईदिल्ली,28 अगस्त। मशहूर फार्मा कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन पर एक बार फिर 57.20 करोड़ डॉलर (करीब 41 अरब रुपए) का जुर्माना लगा है. अमेरिका की एक अदालत ने यह जुर्माना नशीली दवाओं के इस्तेमाल से जुड़े ओपॉयड संकट मामले में लगाया है. अमेरिका की सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन एजेंसी के अनुसार, देश में ओपॉयड के चलते 1999 से 2017 के दौरान करीब 4 लाख लोगों की मौत हुई.
ओकलाहोमा की क्लेवलैंड काउंटी की जिला अदालत के जज थाड बाकमैन ने अपने फैसले में कहा कि कंपनी ने जानबूझकर ओपॉयड के खतरे को नजरअंदाज किया और अपने फायदे के लिए डॉक्टरों को नशीली दर्द निवारक दवाएं लिखने के लिए अपने पक्ष में किया. जज ने राज्य सरकार की ओर से ओपॉयड पीडि़तों के इलाज के लिए मांगी गई राशि के मुकाबले जॉनसन एंड जॉनसन को काफी कम भुगतान करने का आदेश दिया है. राज्य सरकार ने 17 अरब डॉलर की मांग की थी.
जॉनसन एंड जॉनसन की घटिया हिप इंप्लांट का शिकार दुनिया भर के मरीज हुए हैं. इसी साल 7 मई को कंपनी ने अमेरिका की एक कोर्ट में एक बिलियन डॉलर का जुर्माना भरा. कंपनी के खिलाफ यहां करीब 6000 केस दायर हुए थे. कंपनी पर आरोप लगे थे कि साल 2003 से 2013 तक लोग घटिया हिप इंप्लांट के शिकार हुए.
जज ने कहा कि जॉनसन एंड जॉनसन ने राज्य के कानून तोड़ा है. कंपनी की गलत, भ्रामक और खतरनाक मार्केटिंग के कारण तेजी से नशे की लत बढ़ी और ओवरडोज से मौत के मामले सामने आए. कंपनी ने इससे 20 साल के दौरान इससे अरबों डॉलर की कमाई की है. इस फैसले पर ओपॉयड दवा बनाने वाली करीब दो दर्जन कंपनियों की नजर थी, क्योंकि इन दवाओं को बनाने वाली कंपनियों, वितरकों और विक्रेताओं पर अमेरिका में इसी तरह के करीब 2500 मुकदमे चल रहे हैं.