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जीओ के बाद अब एयरटेल ने भी ग्राहकों को दिया झटका, 21% तक महंगे किए सभी प्लान
Posted Date : 28-Jun-2024 7:50:13 am

जीओ के बाद अब एयरटेल ने भी ग्राहकों को दिया झटका, 21% तक महंगे किए सभी प्लान

नई दिल्ली । दूरसंचार क्षेत्र की प्रमुख कंपनी भारती एयरटेल ने शुक्रवार को 3 जुलाई से मोबाइल टैरिफ में भारी बढ़ोतरी की घोषणा की। अनलिमिटेड वॉयस प्लान में कंपनी ने 179 रुपये के प्लान की कीमत बढ़ाकर 199 रुपये, 455 रुपये के प्लान की कीमत बढ़ाकर 599 रुपये और 1,799 रुपये वाले प्लान की कीमत बढ़ाकर 1,999 रुपये कर दी है।
पोस्टपेड प्लान के लिए 399 रुपये वाला टैरिफ प्लान अब 449 रुपये का होगा। वहीं, 499 रुपये वाला प्लान अब 549 रुपये का मिलेगा। मौजूदा 599 रुपये वाला प्लान 699 रुपये का और 999 रुपये वाला प्लान अब 1199 रुपये का होगा। बढ़ी हुई दरें 3 जुलाई से लागू होंगी। भारती एयरटेल ने एक बयान में कहा कि भारत में दूरसंचार कंपनियों के लिए वित्तीय रूप से लाभकारी बिजनेस मॉडल के लिए मोबाइल एवरेज रेवेन्यू पर यूजर (एआरपीयू) 300 रुपये से ज्यादा होना चाहिए।
भारती एयरटेल ने कहा, हमारा मानना है कि एआरपीयू का यह लेवल नेटवर्क टेक्नोलॉजी और स्पेक्ट्रम में जरूरी निवेश को संभव करेगा और पूंजी पर मामूली रिटर्न प्रदान करेगा। भारती एयरटेल के शेयर सुबह के कारोबार में करीब एक प्रतिशत बढक़र 1,491 रुपये पर पहुंच गए। इससे पहले, रिलायंस जियो ने भी मोबाइल टैरिफ में 12 से 27 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी की घोषणा की थी।

 

चीन को झटका, भारत ने कई उत्पादों पर ठोंका डंपिंग रोधी शुल्क
Posted Date : 28-Jun-2024 7:50:01 am

चीन को झटका, भारत ने कई उत्पादों पर ठोंका डंपिंग रोधी शुल्क

नई दिल्ली ।  केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईटीसी) ने चीन तथा कुछ अन्य देशों के कई उत्पादों पर डंपिग रोधी शुल्क लगा दिया। बोर्ड के जारी नोटिफिकेशन में इन शुल्कों की घोषणा की गई है। चीन में बने या चीन से निर्यात किये गये सोडियम सायनाइड पर 554 डॉलर प्रति टन तक का और यूरोपीय संघ में बने या वहां से निर्यात सोडियम सायनाइड पर 230 डॉलर प्रति टन, जापान में बने या वहां से निर्यात किये गये सोडियम सायनाइड पर 447 डॉलर और दक्षिण कोरिया में बने या वहां से निर्यात किये गये सोडियम सायनाइड पर 413 डॉलर प्रति टन का डंपिंग रोधी शुल्क लगाया गया है।
इसी तरह चीन में बने या वहां से निर्यात होने वाले चिजेल टूल और रॉक ब्रेकर्स पर 162.5 प्रतिशत तक और दक्षिण कोरिया में बने या वहां से निर्यात होने वाले चिजेल टूल और रॉक ब्रेकर्स पर 52.77 प्रतिशत तक डंपिंग रोधी शुल्क लगाया गया है। चीन में बने या वहां से निर्यात होने वाले टिन प्लेट पर 741 डॉलर प्रति एक लाख पीस का डंपिंग रोधी शुल्क लगाया गया है। इस तीनों मामलों में ये शुल्क पांच-पांच साल के लिए लगाये गये हैं।
चीन में बने या वहां से निर्यात होने वाले टेलीस्कोपिक चैनल ड्रॉअर स्लाइडर पर 614 डॉलर प्रति टन का डंपिंग रोधी शुल्क लगाया गया है। यह छह महीने तक प्रभावी रहेगा। बता दें कि जब किसी देश को लगता है कि कोई दूसरा देश हमारे उद्योग को नुकसान पहुंचाने के लिए लागत से भी कम कीमत पर किसी वस्तु का हमें निर्यात कर रहा है, तो उस पर डंपिंग रोधी शुल्क लगाया जाता है।

 

ऑल टाइम हाई पर शेयर बाजार, निफ्टी पहली बार 24,100 के पार
Posted Date : 28-Jun-2024 7:48:58 am

ऑल टाइम हाई पर शेयर बाजार, निफ्टी पहली बार 24,100 के पार

मुंबई।  भारतीय शेयर बाजार शुक्रवार को हरे निशान में खुले। टेलीकॉम कंपनियों की ओर से मोबाइल टैरिफ बढ़ाए जाने के कारण इस सेक्टर से जुड़ी कंपनियों के शेयरों में तेजी देखी जा रही है। बाजार खुलने के साथ ही सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ने क्रमश: 79,671 अंक और 24,174 अंक का नया ऑल टाइम हाई बनाया। सुबह 9:50 बजे सेंसेक्स 368 अंक या 0.46 प्रतिशत चढक़र 79,610 अंक और निफ्टी 110 अंक या 0.46 प्रतिशत की बढ़त के साथ 24,155 अंक पर था।
सेंसेक्स में एनटीपीसी, सन फार्मा, टेक महिंद्रा, टाटा मोटर्स, पावर ग्रिड, टाटा स्टील, नेस्ले, एशियन पेंट्स, इन्फोसिस, एचडीएफसी बैंक और जेएसडब्ल्यू स्टील में सबसे ज्यादा तेजी है। वहीं, अल्ट्राटेक सीमेंट, एक्सिस बैंक, इंडसइंड बैंक, मारुति सुजुकी और एचसीएल टेक टॉप लूजर्स हैं।
निफ्टी मिडकैप 100 सूचकांक 346 अंक या 0.46 प्रतिशत बढक़र 55,740 अंक पर और निफ्टी स्मॉलकैप 100 सूचकांक 187 अंक या 1.03 प्रतिशत बढक़र 18,352 अंक पर है। जानकारों का कहना है कि सेंसेक्स 80,000 अंक का स्तर भी छू सकता है। सही वैल्यूएशन वाले लार्जकैप शेयर जैसे रिलायंस इंडस्ट्रीज और एयरटेल में तेजी देखने को मिल सकती है। अगर घरेलू निवेशक मुनाफावसूली करते हैं तो बाजार में गिरावट आ सकती है।
सेक्टर के हिसाब से देखें तो पीएसयू बैंक, वित्तीय सेवाएं, फार्मा, धातु और ऊर्जा सूचकांकों में तेजी है। ऑटो और रियलिटी सूचकांकों पर दबाव बना हुआ है।

 

भारत में 10 में से 8 एमएसएमई बना रहे 2025 में क्लाउड पर खर्च बढ़ाने की योजना
Posted Date : 27-Jun-2024 10:50:50 am

भारत में 10 में से 8 एमएसएमई बना रहे 2025 में क्लाउड पर खर्च बढ़ाने की योजना

नई दिल्ली  । भारत में हर 10 में से 8 या 81 प्रतिशत सूक्ष्म, लघु और मध्यम इकाइयां (एमएसएमई) 2025 में अपना क्लाउड पर खर्च में इजाफा कर सकती है। इसकी वजह एमएसएमई द्वारा कस्टमर रिलेशनशिप मैनेजमेंट (सीआरएम), फाइनेंसियल सर्विसेज और बिजनेस इंटेलिजेंस सॉफ्टवेयर में निवेश करना है। गुरुवार को जारी रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।
ग्लोबल टेक्नोलॉजी कंपनी जोहो की ओर से जारी की गई रिपोर्ट में बताया गया कि डिजिटलाइजेशन में एमएसएमई को कई मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। इसमें सॉफ्टवेयर की अधिक लागत, बजट की कमी, एकीकरण और स्किल की कमी शामिल है।
देश के विकास में एमएसएमई सेक्टर एक बड़ी भूमिका निभाता है। आने वाले समय में इनकी संख्या 6.3 करोड़ से बढक़र 7.5 करोड़ पर पहुंचने की उम्मीद है। जोहो के वाइस प्रेसिडेंट मार्केटिंग और कस्टमर एक्सपीरियंस प्रवल सिंह का कहना है कि इस एमएसएमई दिवस पर हम इन इकाइयों की देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका का जश्न मनाते हैं।
उन्होंने आगे कहा कि एमएसएमई के सामने सबसे बड़ी मुश्किल कारोबार बड़ा करने के लिए सही सॉल्यूशन न होना है।
रिपोर्ट में बताया गया कि 73 प्रतिशत एमएसएमई इकाइयां आने वाले 6 महीने में अपने विकास को लेकर आशावादी हैं। एमएसएमई बड़े स्तर पर कारोबार में तीन चुनौतियों का सामना कर रही हैं, जिसमें आर्थिक अनिश्चितता (54 प्रतिशत), महंगाई (44 प्रतिशत) और स्किल लेबर की कमी (33 प्रतिशत) हैं।
एमएसएमई का फोकस डिजिटल अनुभव को मजबूत बनाने को लेकर है। अपनी वृद्धि दर को बढ़ाने के लिए वे आईटी और क्लाउड सॉल्यूशन पर निवेश कर रहे हैं। रिपोर्ट में जानकारी मिली है कि 97 प्रतिशत एमएसएमई का कहना है कि वे अपनी आय 20 प्रतिशत हिस्सा आईटी और क्लाउड सर्विसेज पर खर्च करेंगे।

 

5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी में लगी 11,000 करोड़ रुपये की बोली, भारती एयरटेल सबसे आगे
Posted Date : 27-Jun-2024 10:50:35 am

5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी में लगी 11,000 करोड़ रुपये की बोली, भारती एयरटेल सबसे आगे

नई दिल्ली  । 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी में 11,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की बोली लगी। इसमें भारती एयरटेल सबसे बड़ी कंपनी के रूप में उभरी है। सरकार की ओर से किए जा रहे 96,000 करोड़ रुपये के स्पेक्ट्रम की नीलामी में सबसे ज्यादा मांग 900 मेगाहर्ट्ज और 1800 मेगाहर्ट्ज के स्पेक्ट्रम की रही।
टेलीकॉम एनालिस्ट पराग कर के मुताबिक 900 मेगाहर्ट्ज के स्पेक्ट्रम के लिए 6,985 करोड़ रुपये की बोली लगी है और वहीं 1800 मेगाहर्ट्ज के लिए 3,579 करोड़ रुपये की बोली लगी है। पराग कर ने अपनी सोशल मीडिया पोस्ट में बताया कि 2,100 मेगाहर्ट्ज में भारती एयरटेल द्वारा 545 करोड़ रुपये की एकमात्र बोली लगाई गई है। वहीं, वोडाफोन आइडिया (वीआई) 2500 मेगाहर्ट्ज में बोली लगाने वाली एकमात्र कंपनी थी। टेलीकॉम डिपार्टमेंट द्वारा इस नीलामी में 800 मेगाहर्ट्ज, 900 मेगाहर्ट्ज, 1,800 मेगाहर्ट्ज, 2,100 मेगाहर्ट्ज, 2,300 मेगाहर्ट्ज, 2,500 मेगाहर्ट्ज, 3,300 मेगाहर्ट्ज और 26 गीगाहर्ट्ज के बैंड नीलामी के लिए रखे गए थे।
इस नीलामी प्रक्रिया में भारती एयरटेल, वोडाफोन आइडिया और रिलायंस जियो ने भाग लिया। एनालिस्ट का कहना है कि स्पेक्ट्रम की ये नीलामी देश में 5जी कवरेज को तेजी से बढ़ाने में मदद करेगी। इससे सेवाओं की गुणवत्ता में भी सुधार होगा। एरिक्सन मोबिलिटी रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में 5जी यूजर्स की संख्या 2029 के अंत तक 84 करोड़ के करीब पहुंच सकती है, जो कि कुल मोबाइल सब्सक्राइबर की संख्या का 65 प्रतिशत होगा। इससे पहले 2022 में 1.5 लाख करोड़ रुपये के स्पेक्ट्रम की नीलामी हुई थी।

 

भारत की डेटा सेंटर क्षमता में 5 गुना का हो सकता है इजाफा : रिपोर्ट
Posted Date : 27-Jun-2024 10:50:19 am

भारत की डेटा सेंटर क्षमता में 5 गुना का हो सकता है इजाफा : रिपोर्ट

नई दिल्ली  । डिजिटाइजेशन से डेटा के बढ़ते उपयोग के कारण भारत के डेटा सेंटर की क्षमता में आने वाले साल में 5 गुना का इजाफा हो सकता है। गुरुवार को जारी की गई एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। रिपोर्ट में बताया गया कि देश को नियोजित 2.32 गीगावाट की डेटा सेंटर क्षमता के अलावा 1.7 से लेकर 3.6 गीगावाट के अतिरिक्त डेटा सेंटर की आवश्यकता है। कुशमैन और वेकफील्ड की रिपोर्ट में अनुमान जताया गया है कि भारत 2028 तक प्रति वर्ष 464 मेगावाट की कोलोकेशन डेटा सेंटर क्षमता जोड़ेगा।
2023 की दूसरी छमाही तक देश के शीर्ष सात शहरों में कोलोकेशन डेटा सेंटर क्षमता 977 मेगावाट थी। रिपोर्ट में आगे कहा गया कि 258 मेगावाट की कोलोकेशन डेटा सेंटर क्षमता अकेले 2023 में ही बनाई गई। वहीं, 2022 में कुल 126 मेगावाट की डेटा सेंटर क्षमता जोड़ी गई थी। ऐसे में पिछले वर्ष के मुकाबले नई डेटा सेंटर बनाने की रफ्तार में 105 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। डेटा सेंटर क्षमता के तेजी से बढऩे की वजह डेटा आधारित टेक्नोलॉजी का उपयोग, डिजिटलीकरण का तेजी से बढऩा और बड़े स्तर पर डेटा की खपत को माना जा रहा है। भारत में डेटा की खपत में पिछले कुछ वर्षों में काफी बढ़त हुई है। एक आम भारतीय मोबाइल फोन औसत 19 जीबी से ज्यादा की डेटा खपत करता है। यह पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा है।
रिपोर्ट में कहा गया कि भारत में कोलोकेशन डेटा सेंटर्स और क्लाउड फर्म की ओर से चलाए जाने वाले डेटा सेंटर दोनों में बढ़ोतरी हो रही है। पिछले कुछ वर्षों में ये तेजी से बढ़े हैं। अगले पांच वर्षों में भारत में स्मार्टफोन, इंटरनेट, ओटीटी सब्सक्रिप्शन और सोशल मीडिया के उपयोग में काफी तेज वृद्धि देखने को मिल सकती है।