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कैट की भारतीयों से अपील, तुर्की समेत इस देश का बायकॉट करने को कहा
Posted Date : 16-May-2025 8:14:21 pm

कैट की भारतीयों से अपील, तुर्की समेत इस देश का बायकॉट करने को कहा

नई दिल्ली  । देश की शीर्ष ट्रेडर्स बॉडी में से एक कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने सभी व्यापारियों और नागरिकों से तुर्की और अजरबैजान का बायकॉट करने की अपील की। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के समय भारत-पाकिस्तान संघर्ष के बीच इन दोनों देशों ने पड़ोसी मुल्क का खुलकर समर्थन किया था।
2024 में तुर्की में करीब 62.2 मिलियन विदेशी यात्री आए थे। इसमें से 3,00,00 के आसपास भारतीय थे। 2023 की तुलना में पिछले साल तुर्की में 20 प्रतिशत अधिक भारतीय यात्री आए थे।
कैट द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, पिछले वर्ष तुर्की की कुल पर्यटन आय 61.1 बिलियन डॉलर थी, जिसमें प्रत्येक भारतीय पर्यटक ने औसतन 972 डॉलर खर्च किए थे। पिछले वर्ष संयुक्त रूप से भारतीयों द्वारा तुर्की में 291.6 मिलियन डॉलर खर्च किए गए थे।
ट्रेडर्स बॉडी ने कहा कि इससे पहले उसने चीनी उत्पादों के बायकॉट के लिए एक राष्ट्रव्यापी अभियान चलाया था, जिसका काफी असर हुआ है। अब वह तुर्की और अजरबैजान की यात्रा के बायकॉट के लिए अभियान चला रहा है।
कैट ने बताया कि इस अभियान को और बड़ा करने के लिए वह ट्रैवल और टूर ऑपरेटर्स के साथ अन्य जरूरी पक्षकारों से बातचीत करेगा।
कैट के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि पाकिस्तान के समर्थन के विरोध में भारतीय नागरिकों द्वारा तुर्की और अजरबैजान की यात्रा का बहिष्कार करने से इन देशों की अर्थव्यवस्थाओं, खासकर उनके पर्यटन क्षेत्र पर काफी असर पड़ सकता है।
उन्होंने कहा कि अगर भारतीय पर्यटक तुर्की का बहिष्कार करते हैं, तो उसे लगभग 291.6 मिलियन डॉलर का सीधा नुकसान हो सकता है।
खंडेलवाल के मुताबिक, भारतीय शादियों, कॉर्पोरेट कार्यक्रमों और अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों के रद्द होने से अप्रत्यक्ष रूप से आर्थिक नुकसान और भी अधिक होगा।
2024 में अजरबैजान में लगभग 2.6 मिलियन विदेशी पर्यटक आए थे, जिनमें से लगभग 2,50,000 भारतीय थे। एक भारतीय पर्यटक द्वारा औसत खर्च 2,170 अजरबैजानी मनात था, जो लगभग 1,276 डॉलर के बराबर है। कुल मिलाकर पिछले साल भारतीयों ने अजरबैजान में 308.6 मिलियन डॉलर खर्च किए थे।
भारतीय पर्यटकों द्वारा अजरबैजान के बहिष्कार से वहां की अर्थव्यवस्था को प्रत्यक्ष तौर पर नुकसान हो सकता है।
तुर्की में अंकारा के पर्यटन विभाग ने भारतीय यात्रियों से अपने देश की यात्रा करने का आग्रह किया है।
विभाग ने एक बयान में कहा, स्थानीय आबादी का बड़ा हिस्सा भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे संघर्ष से अनजान है और इसका यहां के दैनिक जीवन या पर्यटन के माहौल पर कोई असर नहीं पड़ता है।
खंडेलवाल के अनुसार, आर्थिक दबाव तुर्की और अजरबैजान दोनों को भारत के प्रति अपनी नीतियों पर पुनर्विचार करने के लिए मजबूर कर सकता है।

 

केंद्र ने पाकिस्तानी झंडे और अन्य सामान की बिक्री को लेकर ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स को नोटिस जारी किया
Posted Date : 15-May-2025 9:39:59 pm

केंद्र ने पाकिस्तानी झंडे और अन्य सामान की बिक्री को लेकर ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स को नोटिस जारी किया

नई दिल्ली  । सेंट्रल कंज्यूमर प्रोटेक्शन अथॉरिटी (सीसीपीए) ने अमेजन इंडिया और फ्लिपकार्ट समेत प्रमुख ई-कॉमर्स कंपनियों को उनके प्लेटफॉर्म पर पाकिस्तानी प्रतीकों वाले झंडे और सामान की बिक्री के संबंध में नोटिस जारी किया है। यह जानकारी केंद्रीय मंत्री की ओर से दी गई।  
केंद्रीय उपभोक्ता मामले के मंत्री प्रह्लाद जोशी ने सोशल मीडिया पर यह जानकारी दी। 
केंद्रीय मंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर की पोस्ट में लिखा कि सीसीपीए ने पाकिस्तानी झंडों और उससे संबंधित सामान की बिक्री को लेकर अमेजन, फ्लिपकार्ट, यूबाय इंडिया, एटसी, द फ्लैग कंपनी और द फ्लैग कॉर्पोरेशन को नोटिस जारी किया है।
उन्होंने आगे कहा कि ऐसी असंवेदनशीलता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
जोशी ने कहा, ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्मों को निर्देश दिया जाता है कि वे ऐसी सभी सामग्री को तुरंत हटा दें और राष्ट्रीय कानूनों का पालन करें।
मंत्री ने सभी ऑनलाइन खुदरा विक्रेताओं को देश में व्यापार करते समय भारतीय कानूनों का सख्ती से पालन करने की चेतावनी भी दी। 
पिछले हफ्ते सीसीपीए ने उचित डिस्क्लोजर, लाइसेंसिंग जानकारी या इक्विपमेंट टाइप अप्रूवल (ईटीए) के बिना अपने प्लेटफॉर्म पर वॉकी-टॉकी की लिस्टिंग और बिक्री के खिलाफ अमेजन, फ्लिपकार्ट, मीशो और ओएलएक्स जैसे प्रमुख डिजिटल मार्केटप्लेस को 13 नोटिस जारी किए थे। 
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के अनुसार, वायरलेस ऑपरेटिंग लाइसेंस की आवश्यकता या लागू कानूनों के अनुपालन के बारे में अनिवार्य और स्पष्ट  डिस्क्लोजर के बिना ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर वॉकी-टॉकी बेचे जा रहे हैं। 
प्रारंभिक विश्लेषण से अमेजन पर लगभग 467, फ्लिपकार्ट पर 314, मेशो पर 489 और ट्रेडइंडिया पर 423 ऐसी लिस्टिंग का पता लगा, जो इस मामले की गंभीरता को दिखाती है।  
केंद्रीय मंत्री जोशी ने कहा था कि गैर-अनुपालन वाले वायरलेस उपकरणों की बिक्री न केवल वैधानिक दायित्वों का उल्लंघन करती है, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा संचालन के लिए महत्वपूर्ण जोखिम भी पैदा कर सकती है। 
मंत्री ने एक्स सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट किया, सभी विक्रेताओं को उपभोक्ता अधिकारों को बनाए रखने और गैरकानूनी व्यापार प्रथाओं को रोकने के लिए लागू नियामक मानकों का सख्ती से पालन करना आवश्यक है। 

 

आम आदमी को बड़ी राहत, 6 साल में सबसे कम हुई महंगाई
Posted Date : 15-May-2025 9:39:38 pm

आम आदमी को बड़ी राहत, 6 साल में सबसे कम हुई महंगाई

नई दिल्ली  । देश की जनता को महंगाई के मोर्चे पर बड़ी राहत मिली है। सरकार द्वारा मंगलवार को जारी किए गए खुदरा महंगाई (ष्टक्कढ्ढ) के आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल 2025 में यह दर घटकर 3.16 प्रतिशत पर आ गई है। यह खुदरा महंगाई दर का लगभग 6 साल का सबसे निचला स्तर है। इससे पहले मार्च में भी महंगाई दर में गिरावट आई थी और यह 5 महीने के निचले स्तर 3.34 प्रतिशत पर पहुंच गई थी।
अप्रैल में महंगाई में आई इस बड़ी गिरावट का सबसे मुख्य कारण खाने-पीने की चीजों की कीमतों में कमी आना है। सब्जियों, फलों, दालों और अन्य प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों की कीमतों में नरमी देखी गई है। यह आंकड़ा भारतीय रिजर्व बैंक (क्रक्चढ्ढ) द्वारा महंगाई के लिए तय की गई सीमा (4त्न +/- 2त्न) के अंदर है, जिसके कारण देश के आर्थिक हालात स्थिर बने हुए हैं।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल 2025 में खुदरा महंगाई दर 3.16 प्रतिशत रही, जबकि मार्च 2025 में यह 3.34 प्रतिशत थी और एक साल पहले अप्रैल 2024 में यह 4.83 प्रतिशत के स्तर पर थी। महंगाई का इससे निचला स्तर इससे पहले जुलाई 2019 में 3.15 प्रतिशत दर्ज किया गया था।
खाद्य महंगाई दर में उल्लेखनीय कमी दर्ज की गई है। अप्रैल 2025 में खाद्य महंगाई सिर्फ 1.78 प्रतिशत रही, जबकि मार्च में यह 2.69 प्रतिशत थी। पिछले साल अप्रैल 2024 में खाद्य महंगाई दर 8.7 प्रतिशत के उच्च स्तर पर थी, जिससे तुलना करने पर मौजूदा दर में भारी गिरावट दिखती है।
हालांकि, कुछ क्षेत्रों में महंगाई दर में बढ़ोतरी भी देखी गई है। अप्रैल 2025 में स्वास्थ्य महंगाई दर 4.25 फीसदी रही, जो मार्च के 4.26 प्रतिशत के लगभग समान है। परिवहन और दूरसंचार में महंगाई दर मार्च 2025 के 3.36 प्रतिशत से बढक़र अप्रैल 2025 में 3.73 फीसदी हो गई। वहीं, ईंधन और बिजली की महंगाई दर में तेज बढ़ोतरी आई है और यह मार्च के 1.42 प्रतिशत के मुकाबले बढक़र अप्रैल के महीने में 2.92 फीसदी तक पहुंच गई है।

 

भारत में स्टोरेज-बैक्ड रिन्यूएबल एनर्जी की इंस्टॉल्ड कैपेसिटी वित्त वर्ष 2027-28 तक बढक़र 25-30 गीगावाट हो जाएगी : रिपोर्ट
Posted Date : 15-May-2025 9:38:54 pm

भारत में स्टोरेज-बैक्ड रिन्यूएबल एनर्जी की इंस्टॉल्ड कैपेसिटी वित्त वर्ष 2027-28 तक बढक़र 25-30 गीगावाट हो जाएगी : रिपोर्ट

नई दिल्ली  । क्रिसिल रेटिंग्स की बुधवार को जारी  रिपोर्ट के अनुसार, भारत में स्टोरेज-बैक्ड रिन्यूएबल एनर्जी (आरई) की इंस्टॉल्ड कैपेसिटी वित्त वर्ष 2027-28 तक बढक़र 25-30 गीगावाट (जीडब्ल्यू) हो जाने की संभावना है, जो 2024-25 के दौरान लगभग शून्य है। 
रिपोर्ट में कहा गया है कि वृद्धिशील क्षमता तीन वर्षों में जोड़ी जाने वाली कुल रिन्यूएबल एनर्जी क्षमता का 20 प्रतिशत से अधिक होगी।
स्टोरेज-बैक्ड आरई प्रोजेक्ट रिन्यूएबल एनर्जी जनरेशन की रुक-रुककर होने वाली प्रकृति के लिए एक प्रभावी समाधान प्रदान करती हैं।
ऐसे प्रोजेक्ट आवश्यकता पडऩे पर बिजली की आपूर्ति करते हैं, जिससे ग्रिड स्थिरता को सपोर्ट मिलता है।
उदाहरण के लिए ये प्रोजेक्ट मासिक या प्रति घंटे के शेड्यूल पर या सुबह और शाम के पीक घंटों में ग्रीन पावर प्रदान कर सकते हैं।
सरकार इन प्रोजेक्ट पर जोर दे रही है ताकि रिन्यूएबल एनर्जी को देश के बिजली मिश्रण का एक स्थायी हिस्सा बनाया जा सके।
हाल ही में टेंडर नीलामी में इन प्रोजेक्ट की उच्च मात्रा में जोर देखा गया, जो कैलेंडर वर्ष 2024 में केंद्रीय एजेंसियों द्वारा टेंडर के माध्यम से दी गई कुल क्षमता का लगभग 25 प्रतिशत (या 11 गीगावाट) है, जबकि कैलेंडर वर्ष 2023 में यह 11 प्रतिशत (या 2.5 गीगावाट) है।
हाई-एनर्जी आवश्यकताओं को देखते हुए इन प्रोजेक्ट को कॉन्ट्रैक्टेड कैपेसिटी के 2.5 गुना तक औसत ओवरसाइजि़ंग की आवश्यकता है। इसके परिणामस्वरूप लगभग 34 गीगावाट की संचयी कैपेसिटी पाइपलाइन बन गई है।
हालांकि, इन टेंडर के माध्यम से प्रदान की गई लगभग पूरी क्षमता या तो विकास के चरण में है या निर्माण के प्रारंभिक चरण में है, जिससे प्रोजेक्ट शुरू होने में निहित जोखिम उत्पन्न होते हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, इन प्रोजेक्ट में जोखिम आम तौर पर ऑफटेक समझौते, फंडिंग और निष्पादन में देरी के रूप में सामने आते हैं। लेकिन, हमें लगता है कि कमीशनिंग के लिए जोखिम कम से कम मध्यम होंगे, खासकर ऑफटेक और फंडिंग जोखिम कम होंगे। इसके अलावा, डेवलपर्स का सक्रिय दृष्टिकोण, विशेष रूप से भूमि और कनेक्टिविटी आवश्यकताओं के प्रति, निर्माण जोखिमों को सीमित करने में मदद करेगा।
रिपोर्ट के अनुसार, फंडिंग की उपलब्धता भी कोई बड़ी चुनौती नहीं होगी, क्योंकि प्रोजेक्ट के शुरू होने के बाद नकदी प्रवाह की अच्छी संभावना के साथ-साथ 25-वर्षीय पीपीए के माध्यम से लॉन्ग-टर्म रेवेन्यू विजिबिलिटी से ऋणदाताओं की रुचि बढ़ेगी।
क्रिसिल रेटिंग्स के एसोसिएट डायरेक्टर अंकुश त्यागी ने कहा कि आखिरकार, निर्माण से संबंधित निष्पादन जोखिम कम से मध्यम प्रतीत होते हैं। डेवलपर्स से हमारी समझ के आधार पर, कैलेंडर वर्ष 2024 में प्रदान की गई क्षमताओं में से लगभग 70 प्रतिशत ने बोली में भाग लेने से पहले आवश्यक महत्वपूर्ण संसाधनों मुख्य रूप से भूमि और ग्रिड कनेक्टिविटी, की पहचान कर ली है या उन्हें सुरक्षित कर लिया है। यह उनके लिए फायदेमंद साबित होगा।

 

शेयर बाजार ग्रीन जोन में खुला, सेंसेक्स 130 अंक उछला, निफ्टी 24,613 पर
Posted Date : 14-May-2025 10:46:01 pm

शेयर बाजार ग्रीन जोन में खुला, सेंसेक्स 130 अंक उछला, निफ्टी 24,613 पर

मुंबई। कारोबारी सप्ताह के तीसरे दिन शेयर बाजार हरे निशान पर खुला. बीएसई पर सेंसेक्स 130 अंकों की बढ़ोतरी के साथ 81,278.49 पर ओपन हुआ. वहीं, एनएसई पर निफ्टी 0.14 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 24,613.80 पर खुला.
आज के कारोबार के दौरान ऑरियनप्रो सॉल्यूशंस, वीएसटी टिलर्स ट्रैक्टर्स, वीआईपी इंडस्ट्रीज, हनीवेल ऑटोमेशन, ग्लैक्सोस्मिथक्लाइन फार्मास्यूटिकल्स, मेट्रोपोलिस हेल्थकेयर, आईटीडी सीमेंटेशन इंडिया, मैक्स फाइनेंशियल सर्विसेज, गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स, एएसके ऑटोमोटिव, भारती एयरटेल, टाटा मोटर्स, डालमिया भारत शुगर एंड इंडस्ट्रीज और भारती हेक्साकॉम के शेयर फोकस में रहेंगे.
कारोबारी सप्ताह के दूसरे दिन शेयर बाजार भारी गिरावट के साथ रेड जोन में बंद हुआ. बीएसई पर सेंसेक्स 1281 अंकों की गिरावट के साथ 81,148.22 पर क्लोज हुआ. वहीं, एनएसई पर निफ्टी 1.39 फीसदी की गिरावट के साथ 24,578.35 पर बंद हुआ.
कारोबार के दौरान निफ्टी पर भारत इलेक्ट्रॉनिक्स, जियो फाइनेंशियल, हीरो मोटोकॉर्प, डॉ रेड्डीज लैब्स और सिप्ला के शेयर टॉप गेनर के लिस्ट में शामिल रहे. जबकि पावर ग्रिड कॉर्प, इंफोसिस, इटरनल, टीसीएस, एचसीएल टेक्नोलॉजीज के शेयर टॉप लूजर के लिस्ट में शामिल रहे.
बीएसई मिडकैप सूचकांक स्थिर रहा, जबकि स्मॉलकैप सूचकांक में 0.9 फीसदी की बढ़ोतीर हुई. सेक्टरों में मीडिया, पीएसयू बैंक, फार्मा इंडेक्स में 1-1 फीसदी की तेजी आई. जबकि आईटी, एफएमसीजी, रियल्टी इंडेक्स में 1-2 फीसदी की गिरावट आई.
सेक्टरों में सबसे ज्यादा नुकसान निफ्टी आईटी इंडेक्स में हुआ, जो इंट्रा-डे ट्रेड में करीब 3 फीसदी गिरा. इंफोसिस, टीसीएस और एचसीएल टेक्नोलॉजीज जैसे दिग्गज शेयरों में मुनाफावसूली के चलते 3 से 4 फीसदी तक की गिरावट आई. ऑटो और एफएमसीजी शेयरों पर भी दबाव देखने को मिला.

 

चौथी तिमाही के नतीजों के बाद टाटा मोटर्स के शेयरों में आई गिरावट
Posted Date : 14-May-2025 10:45:33 pm

चौथी तिमाही के नतीजों के बाद टाटा मोटर्स के शेयरों में आई गिरावट

मुंबई। टाटा मोटर्स के शेयर की कीमत में बुधवार को सुबह के कारोबार में 3 फीसदी की गिरावट आई, जो मंगलवार को बाजार बंद होने के बाद चौथी तिमाही के नतीजों के बाद आई. टाटा मोटर्स ने लाभांश की भी घोषणा की है.
जगुआर लैंड रोवर के कमर्शियल व्हीकल निर्माता टाटा मोटर्स ने मंगलवार 13 मई को जनवरी-मार्च 2025 तिमाही (वित्त वर्ष 25 की चौथी तिमाही) के दौरान अपने समेकित शुद्ध लाभ में 51.34 फीसदी की साल-दर-साल गिरावट दर्ज की, जो 8,470 करोड़ रुपये थी. कंपनी ने पिछले वर्ष इसी अवधि में 17,407 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज किया था. कंपनी की वित्त वर्ष 25 की चौथी तिमाही बिक्री 1,19,502 करोड़ रुपये रही, जो साल-दर-साल 0.4 फीसदी की मामूली बढ़ोतरी दिखाता है.
टाटा मोटर्स, ब्याज, कर, मूल्यह्रास और परिशोधन से पहले की आय साल-दर-साल 4.1 फीसदी गिरकर 16,700 करोड़ रुपये हो गई, जबकि एबिटा मार्जिन 60 आधार अंक घटकर 14 फीसदी हो गया.
वित्तीय वर्ष 2024-2025 के दौरान, हालांकि टाटा मोटर्स ने वित्त वर्ष 25 के लिए 4,39,695 करोड़ रुपये का रिकॉर्ड राजस्व दर्ज किया, जो कि पिछले वर्ष की तुलना में 1.3 फीसदी अधिक था, लेकिन इसका लाभ 11.4 फीसदी गिरकर 27,830 करोड़ रुपये हो गया.
टाटा मोटर्स पर ब्रोकरेज की राय विभाजित है, सीएलएसए ने आउटपरफॉर्म रेटिंग और 805 रुपये का मूल्य लक्ष्य बनाए रखा है, जो बुधवार के समापन मूल्य से 14 फीसदी की संभावित वृद्धि का सुझाव देता है.
सीएलएसए ने उल्लेख किया कि जगुआर लैंड रोवर (जेएलआर) टैरिफ चिंताओं और व्यापक आर्थिक चुनौतियों के कारण वित्त वर्ष 26 में मांग के बारे में सतर्क है, लेकिन समग्र लक्जरी यात्री वाहन खंड पर इसका कोई खास असर नहीं हो सकता है. इन बाधाओं के बावजूद, जेएलआर को अपने वित्त वर्ष 26 के ईबीआईटी मार्जिन मार्गदर्शन को प्राप्त करने का भरोसा है.