छत्तीसगढ़

विधानसभा अध्यक्ष का निर्वाचन कल, महंत ने दाखिल किया नामांकन
Posted Date : 03-Jan-2019 1:19:29 pm

विधानसभा अध्यक्ष का निर्वाचन कल, महंत ने दाखिल किया नामांकन

रायपुर, 03 जनवरी । छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष का निर्वाचन कल 4 जनवरी को विधानसभा में होगा। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं सक्ती विधानसभा क्षेत्र से विधायक चरणदास महंत ने आज विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल किया। 
कांग्रेस में विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए उम्मीदवारी पर चल रही अटकलों पर आज विराम लग गया। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं सक्ती विधानसभा क्षेत्र के विधायक डा. चरणदास महंत को कांग्रेस ने विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए उम्मीदवार चुना है। डा. महंत ने आज तीन सेट में नामांकन दाखिल किया है। उनके नामांकन पत्र में प्रस्तावों में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, कैबिनेट मंत्री रविन्द्र चौबे एवं शिव डहरिया बने है, जबकि समर्थक में मंत्री ताम्रध्वज साहू, प्रेमसाय सिंह एवं कवासी लखमा बने है। डा. महंत ने आज अपना नामांकन पत्र सभी मंत्रियों की मौजूदगी में दाखिल किया। 
संसदीय कार्यमंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए आज नामांकन दाखिल कर दिया गया है, जिसका निर्वाचन कल विधानसभा में होगा। उन्होंने कहा कि पहले प्रोटेम स्पीकर रामपुकार सिंह प्रदेश के सभी नवनिर्वाचित विधायकों को विधानसभा सदस्यता की शपथ दिलाएंगे। इसके बाद अध्यक्ष पद का निर्वाचन होगा। नये अध्यक्ष निर्वाचित होने के बाद वे आसंदी में विराजमान होंगे इसके बाद ही सदन की आगे की कार्यवाही शुरू होगी। 

किसानों को सस्ती दरों पर पौधे दिलाने लग रही सीडलिंग यूनिट
Posted Date : 03-Jan-2019 1:18:30 pm

किसानों को सस्ती दरों पर पौधे दिलाने लग रही सीडलिंग यूनिट

जगदलपुर, 03 जनवरी । बस्तर जिले के ग्राम आसना में सीडलिंग यूनिट की स्थापना की जायेगी और इससे अत्यंत अल्प दरों पर किसानों को तैयार पौधे दिये जा सकेंगे। 
प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रदेश के रायपुर, बिलासपुर, राजनांदगांव और अंबिकापुर के बाद अब इसकी स्थापना यहां के किसानों के लिए की जा रही है। करीब 5 करोड़ रुपए की लागत से इस प्लग टाइप वेजिटेबल सीडलिंग प्रोडक्शन यूनिट की स्थापना स्थानीय आसना नर्सरी में होने जा रही है। स्थापना के कार्य के लिए आधा काम हो चुका है।
उल्लेखनीय है कि इस सीडलिंग यूनिट से जिले के किसानों को मात्र 50 पैसे में एक माह के भीतर पौधे दिए जाएंगे। यूनिट की शुरुआत दो महीने बाद होगी। इस यूनिट में हर महीने 3 लाख और एक वर्ष में सब्जियों के 40 लाख पौधों की नर्सरी तैयार की जाएगी। किसानों से प्रति पौधे के केवल 50 पैसे की दर से तैयार पौधे दिये जाएंगे। यूनिट में तैयार किए गए पौधे स्वस्थ होंगे। इसमें मिर्च, टमाटर, बैगन, तरबूज समेत अन्य छोटे-छोटे पौधे तैयार किए जाएंगे। यह पौधे विपरीत वातावरण में भी जीवित रहने की क्षमता रखते हैं। यह किसानों के लिए काफी लाभदायक है। 
इस संबंध में ग्रामीण उद्यानिकी विस्तार अधिकारी और नर्सरी प्रभारी करन सोनकर ने बताया कि इस यूनिट का फायदा बस्तर संभाग के करीब 50 हजार से अधिक किसान ले सकेंगे, किसानों को उनकी मांग के अनुसार समय पर पौधे दिए जाएंगे। 

सीएम बघेल के रोड शो में शामिल हुए केशकाल विधायक संतराम नेताम
Posted Date : 03-Jan-2019 1:15:56 pm

सीएम बघेल के रोड शो में शामिल हुए केशकाल विधायक संतराम नेताम

कोण्डागांव, 03 जनवरी । केशकाल विधायक संतराम नेताम अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ कांकेर में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के रोड शो में शामिल हुए। इस दौरान केशकाल विधानसभा के कांग्रेस कार्यकर्ताओं सहित आम जनता ने मुख्यमंत्री से मिलकर अपने विधायक को महत्वपूर्ण पद की जिम्मेदारी देने के लिए निवेदन किया। सीएम को बताया कि केशकाल विधानसभा जो कि भाजपा का गढ़ मानी जाती थी उस क्षेत्र में संतराम नेताम को रिकार्डतोड़ मतों से दो बार क्षेत्र की जनता ने अपना भरोसा जताते हुए विजय दिलाई है।  संतराम नेताम एक ऐसे इकलौते विधायक हैं जिन्होंने विपक्ष के नाक में दम कर क्षेत्र का विकास किया। क्षेत्र की सडक़ों के लिए धरना व भूख हड़ताल की।

एसईसीएल में महिला खातेदारों को नौकरी देने का रास्ता खुला
Posted Date : 03-Jan-2019 1:14:53 pm

एसईसीएल में महिला खातेदारों को नौकरी देने का रास्ता खुला

कोरबा 3 जनवरी । एसईसीएल की सरईपाली परियोजना में विवाहित महिला भू.विस्थापितों को नौकरी प्रदान करना शुरू हो गया है। ऐसे सात प्रकरण समेत 18 विस्थापितों को नौकरी देने पर मुख्यालय ने आदेश जारी कर दिया। अब नियुक्ति पत्र जारी कर अन्य वैधानिक प्रक्रिया पूरी कर नौकरी  प्रदान की जाएगी। इस परियोजना में अब तक 153 लोगों को नौकरी मिल चुकी और 22 प्रकरण पर मुख्यालिय में स्वीकृति हेतु लंबित है।
पाली विकासखंड के ग्राम बुड़बुड़.राहाडीह में एसईसीएल कोरबा की सरईपाली ओपन कास्ट परियोजना शुरू हो चुकी है। इस परियोजना से शीघ्र ही कोयला उत्खनन शुरू हो जाएगा, इसके साथ ही एसईसीएल से भू.विस्थापितों को नौकरी देने की प्रक्रिया तेज हो गई है। इस परियोजना के प्रभावित खातेदार में 12 महिलाएं भी शामिल हैं। इन महिलाओं की जमीन परियोजना में समाहित हो चुकी है। शादी होने से महिलाएं अपने पति के साथ अवश्य रहती हैं, पर जमीन के एवज में एसईसीएल से नौकरी प्रदान की जा रही है। एसईसीएल बोर्ड ने पिछले माह ही ऐसे प्रकरणों पर मंजूरी दी थी। बुधवार को मुख्यालय से जारी आदेश में सात महिला समेत 18 विस्थापितों का नाम शामिल है। स्थानीय स्तर पर मेडिकल परीक्षण व अन्य औपचारिकताएं पूरी करने के बाद नियुक्ति पत्र प्रदान किया जाएगा। 
सरईपाली परियोजना में महिला भू.विस्थापितों को नौकरी देने के साथ ही एसईसीएल में महिला खातेदारों को नौकरी देने का रास्ता खुल गया है। अभी तक महिला खातेदार को नौकरी नहीं मिलने की वजह से विवाद बना रहता था। इस मांग को लेकर भू.विस्थापित लंबे समय से आंदोलन कर रहे हैं। खदान खोलने की प्रक्रिया 16 साल से चल रही है और भू.विस्थापितों के विरोध के कारण कई बार काम बंद करना पड़ गया, इससे खदान खोलने में विलंब हुआ। पिछले एक साल से खदान के काम में तेजी आई और पेड़ कटाई के बाद मिट्टी हटाने का काम शुरू हो सका।

 रामपुकार सिंह बने प्रोटेम स्पीकर, राजभवन में ली शपथ
Posted Date : 03-Jan-2019 1:12:56 pm

रामपुकार सिंह बने प्रोटेम स्पीकर, राजभवन में ली शपथ

रायपुर, 03 जनवरी । कल से प्रारंभ होने वाले विधानसभा सत्र के पूर्व ही नवनिर्वाचित विधायकों को शपथ दिलाने के लिए आज प्रोटेम स्पीकर बने वरिष्ठ विधायक रामपुकार सिंह ने राजभवन में शपथ ली। 
राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने उन्हें शपथ दिलाई। श्री सिंह कल 04 जनवरी को विधानसभा अध्यक्ष सहित नवनिर्वाचित विधायकों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाएंगे। राजभवन में उनके शपथ ग्रहण समारोह में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सहित कांग्रेस के वरिष्ठ नेता विशेष रूप से उपस्थित थे। 
ज्ञात हो कि कल से विधानसभा सत्र प्रारंभ होने वाला है। राज्य की कांग्रेस सरकार ने इसके पूर्व ही आज प्रोटेम स्पीकर के रूप में रामपुकार सिंह को पथ एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई है। कल विधानसभा में श्री सिंह सभी विधायकों व विधानसभा अध्यक्ष को शपथ दिलाएंगे। इधर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डा. चरणदास महंत ने आज छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए नामांकन जमा कर दिया है। कांग्रेस की ओर से श्री महंत को अध्यक्ष पद का उम्मीदवार बनाया गया है। उनकी जीत तय है और वे निर्विरोध अध्यक्ष चुने जाएंगे। 

किसान चाहे तो अधिग्रहित भूमि की वापसी की पहल की जा सकती है : जयसिंह
Posted Date : 03-Jan-2019 1:10:57 pm

किसान चाहे तो अधिग्रहित भूमि की वापसी की पहल की जा सकती है : जयसिंह

कोरबा 3 जनवरी । छत्तीसगढ़ के राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने आज कहा कि प्लांट या अंडरटेकिंन के लिए अधिग्रहित भूमि यदि किसानों को वापस चाहिये और प्लांट नहीं लगा हो, तो भूमि वापसी की पहल की जा सकती है। 
राजस्व मंत्री अग्रवाल आज यहां पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे। उनसे पूछा गया था कि क्या टाटा स्टील की तरह कोरबा के देबू और अन्य उद्योगों के लिए अधिग्रहित भूमि भी किसानों को वापस की जायेगी। अग्रवाल ने कहा कि हर प्लांट और अण्डरटेकिंग का अलग-अलग इशू है। उन्होंने टाटा स्टील बस्तर का उल्लेख करते हुए बताया कि बस्तर में टाटा स्टील ने स्वयं चिट्ठी लिखकर पैसा वापस लेने की पहल की थी। उसकी पूरी जमीन का अधिग्रहण भी नहीं हो पाया था और पूरा मुआवजा भी नहीं बंटा था। 
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ प्रदेश कांगे्रस ने अपने चुनाव जन घोषणा पत्र में बस्तर के लोहाण्डीगुड़ा ब्लाक के दस गांवों में टाटा स्टील के लिए अधिग्रहित एक हजार सात सौ चौसठ (1764) हेक्टेयर कृषि भूमि किसानों को वापस दिलाने का वायदा किया था। कांगे्रस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी बस्तर की अपनी चुनावी सभाओं में टाटा स्टील के लिए अधिग्रहित कृ षि भूमि किसानों को वापस दिलाने का वादा किया था। प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शपथ ग्रहण के बाद अधिकारियों को जमीन वापसी का प्रस्ताव बनाकर केबिनेट में प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था। राज्य मंत्रि मण्डल ने इस प्रस्ताव पर अपनी मुहर भी लगा दी है।
याद रहे कि वर्ष-2005 में तत्कालीन भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने टाटा स्टील के साथ उन्नीस हजार पांच सौ (19500) करोड़ रूपयों के एम.ओ.यू.पर हस्ताक्षर किया था। बस्तर जिले के लोहाण्डीगुड़ा सहित दस गांवों में 2008 में भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया आरंभ हुई थी। कुल एक हजार सात सौ सात (1707) किसानों में से एक हजार पैसठ (1065) किसानों ने अपनी कृषि भूमि का मुआवजा प्राप्त कर लिया था। जबकि शेष भूमि के मुआवजा की राशि राजस्व जमा निधि में जमा करा दिया गया था। हालाकि पिछले  दस वर्षो में टाटा स्टील अपना संयंत्र स्थापित नहीं कर पाया है। अब तो अधिग्रहित भूमि किसानों को वापस लौटायी जा रही है और उद्योग स्थापना की संभावना ही समाप्त हो गयी है।