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विदेशी बाजारों में सोयाबीन डीगम दाम टूटने से बीते सप्ताह अधिकांश तेल-तिलहन कीमतों में गिरावट
Posted Date : 15-Apr-2024 2:51:26 am

विदेशी बाजारों में सोयाबीन डीगम दाम टूटने से बीते सप्ताह अधिकांश तेल-तिलहन कीमतों में गिरावट

नईदिल्ली। विदेशी बाजारों में सोयाबीन डीगम का दाम टूटने के बीच आयातित खाद्य तेलों की कीमतें प्रभावित होने के कारण बीते सप्ताह देश के तेल-तिलहन बाजारों में अधिकांश तेल-तिलहन कीमतों में गिरावट दर्ज हुई।
इस दौरान सरसों, मूंगफली तेल-तिलहन, सोयाबीन तेल, कच्चा पामतेल (सीपीओ) एवं पामोलीन तेल कीमतों में गिरावट देखने को मिली जबकि किसानों की अपेक्षा के अनुरूप दाम नहीं मिलने के कारण मंडियों में कम बिक्री करने से सोयाबीन तिलहन तथा बाजार में आवक घटने के बीच बिनौला तेल के दाम तेजी दर्शाते बंद हुए।
बाजार के जानकार सूत्रों ने कहा कि बंदरगाह सहित अन्य स्थानों पर खाद्य तेलों के कमजोर स्टॉक के बीच समीक्षाधीन सप्ताह में विदेशों में सोयाबीन डीगम तेल के थोक दाम पहले के 1,015-1,020 डॉलर प्रति टन से घटकर 975-980 डॉलर प्रति टन रह गये। इस गिरावट का असर बाकी तेल-तिलहनों पर भी आया और पिछले सप्ताह के मुकाबले समीक्षाधीन सप्ताह में अधिकांश तेल-तिलहनों के दाम गिरावट दर्शाते बंद हुए। विदेशों में सोयाबीन डीगम के थोक दाम भले ही टूट गये हों पर देश में इन तेलों की बिक्री प्रीमियम दाम के साथ जारी है। बेशक प्रीमियम की राशि पिछले महीने लगभग 10 प्रतिशत थी जो अब घटकर 4-5 प्रतिशत रह गई है।
सूत्रों ने कहा कि सरकार को इस बात पर ध्यान देना होगा कि खाद्य तेलों के दाम मामूली वृद्धि के साथ लगभग 20 साल पहले की कीमत के आसपास हैं जबकि अन्य वस्तुओं के दाम काफी अधिक हुए हैं। यह स्थिति तेल- तिलहन कारोबार के लिए अच्छा नहीं है।
इसके अलावा तेल- तिलहन का उत्पादन बढ़ाने की मंशा उचित हो सकती है लेकिन इसके लिए देशी तेल-तिलहन का बाजार विकसित करने तथा आयात नीति और शुल्कों का उचित निर्धारण भी जरूरी है।
उन्होंने कहा कि विदेशी तेलों के थोक दाम सस्ता होने के कारण सरसों जैसा अन्य देशी तेल को बाजार से जूझना पड़ रहा है क्योंकि देशी तेल के दाम बेपड़ता हो रहे हैं और तेल पेराई मिलों को नुकसान उठाना पड़ रहा है।
सूत्रों ने कहा कि बीते सप्ताह किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर सरसों की खरीद तो शुरू हुई मगर यह उम्मीदों से कम थी। इसलिए सरसों की आवक बढऩे की कुछ विशेषज्ञों की उम्मीद (लगभग 16 लाख बोरी) के विपरीत आवक 7.25-9.25 लाख बोरी पर स्थिर बनी हुई है। इस बार भी लगभग 28.2 लाख टन फसल खरीद का लक्ष्य है लेकिन इससे काम पूरा नहीं होगा।
देशी तेल-तिलहनों का बाजार विकसित करने पर ध्यान नहीं दिया गया तो हम खाद्य तेलों के लिए आगे भी भारी मात्रा में विदेशी मुद्रा खर्च करते नजर आयेंगे। सूत्रों ने कहा कि विदेशों में सोयाबीन डीगम का दाम टूटने से यहां सोयाबीन तेल कीमतों में गिरावट देखने को मिली लेकिन सोयाबीन तिलहन इसके विपरीत चला। किसानों को दो साल पहले सोयाबीन के एमएसपी से काफी ऊंचे दाम मिलते रहे हैं।
बाजार में पिछले सप्ताह तक किसान सोयाबीन एमएसपी से 2-4 प्रतिशत नीचे दाम पर बेच रहे थे जो अब जाकर लगभग एमएसपी के आसपास हुआ है। किसानों की कम दाम पर बिकवाली कम करने से सोयाबीन तिलहन कीमतों में सुधार दिखा। उन्होंने कहा कि सोयाबीन की कम बिक्री करना सोयाबीन संयंत्र वालों के लिए खतरे की घंटी है क्योंकि किसान अगर सोयाबीन खेती से विमुख हुए तो इसका सीधा असर देश के तेल संयंत्रों पर आयेगा।
सूत्रों ने कहा कि मूंगफली तेल-तिलहन में गिरावट का कारण इसके अन्य सस्ते आयातित तेलों के मुकाबले महंगा होना और इस कारण बेपड़ता बैठना है। मूंगफली के किसान इसलिए परेशान हैं क्योंकि उन्हें उपज के दाम नहीं मिल रहे और उन्हें एमएसपी से काफी कम दाम पर फसल बेचने की मजबूरी है।
तेल मिल इसलिए नुकसान में हैं कि एमएसपी से नीचे खरीद करने के बाद भी पेराई में उन्हें 5-7 रुपये किलो का नुकसान हो रहा है। सूत्रों ने कहा कि सीपीओ और पामोलीन की हाजिर में भारी कमी है। पाम, पामोलीन का माल ही नहीं है। जब देश के बंदरगाहों पर लोकप्रिय सॉफ्ट आयल- सोयाबीन और सूरजमुखी 84-85 रुपये लीटर बिक रहा है तो 89 रुपये प्रति किलो वाला पामोलीन (हेवी आयल) कोई क्यों खरीदेगा? यह पाम, पामोलीन में गिरावट का मुख्य कारण है। सूत्रों ने कहा कि बिनौला तेल में सुधार का कारण नकली खल को माना जाना चाहिये क्योंकि नकली खल की वजह से मंडियों में कपास की आवक कम हो रही है।
नकली बिनौला खल के दाम सस्ते में हैं तो कोई असली बिनौला खल महंगे दाम में कैसे खरीद पायेगा। इसी वजह से मंडियों में कपास की आवक कम हो रही क्योंकि उससे सबसे अधिक खल मिलता है जिसके दाम नहीं मिलते। जब असली खल के लिवाल नहीं हों तो इसकी भरपाई बिनौला तेल के दाम को बढ़ाकर पूरा किया जाता है जो बिनौला तेल में सुधार का कारण है। बीते सप्ताह सरसों दाने का थोक भाव 95 रुपये की गिरावट के साथ 5,340-5,380 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ।
सरसों दादरी तेल का भाव 350 रुपये घटकर 10,075 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। सरसों पक्की और कच्ची घानी तेल का भाव क्रमश: 45-45 रुपये की गिरावट के साथ क्रमश: 1,720-1,820 रुपये और 1,720-1,835 रुपये टिन (15 किलो) पर बंद हुआ।
समीक्षाधीन सप्ताह में सोयाबीन दाने और लूज का भाव क्रमश: 170-170 रुपये की तेजी के साथ क्रमश: 4,910-4,930 रुपये प्रति क्विंटल और 4,710-4,750 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ।
इसके विपरीत सोयाबीन दिल्ली, सोयाबीन इंदौर और सोयाबीन डीगम तेल का भाव क्रमश: 300 रुपये, 400 रुपये और 375 रुपये की गिरावट के साथ क्रमश: 10,400 रुपये और 10,050 रुपये और 8,700 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। समीक्षाधीन सप्ताह में मूंगफली तिलहन के दाम 75 रुपये की गिरावट के साथ 6,105-6,380 रुपये क्विंटल पर बंद हुए। मूंगफली गुजरात और मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड तेल के भाव भी क्रमश: 250 रुपये और 40 रुपये की गिरावट के साथ क्रमश: 14,750 रुपये क्विंटल और 2,240-2,505 रुपये प्रति टिन पर बंद हुए।
समीक्षाधीन सप्ताह में कच्चा पाम तेल (सीपीओ) 25 रुपये की गिरावट के साथ 9,425 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। पामोलीन दिल्ली का भाव 125 रुपये की गिरावट के साथ 10,625 रुपये प्रति क्विंटल तथा पामोलीन एक्स कांडला तेल का भाव 150 रुपये की गिरावट के साथ 9,650 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। गिरावट के आम रुख के उलट बिनौला तेल 25 रुपये मजबूत होकर 9,725 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ।

 

वित्त वर्ष 2023-24 में देश से वाहनों का एक्सपोर्ट 5.5 प्रतिशत घटा
Posted Date : 15-Apr-2024 2:51:06 am

वित्त वर्ष 2023-24 में देश से वाहनों का एक्सपोर्ट 5.5 प्रतिशत घटा

नईदिल्ली। देश से वाहनों का एक्सपोर्ट बीते वित्त वर्ष 2023-24 में 5.5 प्रतिशत घट गया है। वाहन विनिर्माताओं के संगठन सियाम के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है।
सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स का कहना है कि कई विदेशी बाजारों में मौद्रिक संकट की वजह से देश से वाहनों के निर्यात में गिरावट आई है। आंकड़ों के अनुसार, बीते वित्त वर्ष में कुल वाहन निर्यात 45,00,492 इकाई रहा, जबकि इससे पिछले वित्त वर्ष 2022-23 में यह 47,61,299 इकाई था।
सियाम के अध्यक्ष विनोद अग्रवाल ने कहा कि विभिन्न विदेशी बाजारों में परिस्थितियां अस्थिर बनी हुई हैं। उन्होंने कहा, ‘‘कुछ देश, जहां हम वाणिज्यिक वाहन और दोपहिया निर्यात के मामले में बहुत मजबूत हैं, विदेशी विनिमय से संबंधित मुद्दों का सामना कर रहे हैं।’’
पिछले वित्त वर्ष में वाणिज्यिक वाहनों, दोपहिया और तिपहिया वाहनों के निर्यात में जहां उल्लेखनीय गिरावट आई, वहीं यात्री वाहनों का निर्यात मामूली बढ़ा। उन्होंने कहा कि इस साल जनवरी-मार्च तिमाही में कुछ अच्छा सुधार देखने को मिला है। खासकर दोपहिया वाहनों के खंड में।
अग्रवाल ने कहा, ‘‘हमें पूरी उम्मीद है कि आगे चलकर स्थिति में सुधार होगा।’’ पिछले वित्त वर्ष में यात्री वाहनों का निर्यात 1.4 प्रतिशत बढक़र 6,72,105 इकाई हो गया, जो वित्त वर्ष 2022-23 में 6,62,703 इकाई था। समीक्षाधीन अवधि में मारुति सुजुकी ने 2,80,712 वाहनों का निर्यात किया। इससे पिछले वित्त वर्ष में मारुति का निर्यात 2,55,439 इकाई रहा था। हुंदै मोटर इंडिया ने पिछले वित्त वर्ष में 1,63,155 इकाइयों का निर्यात किया। इससे पिछले वित्त वर्ष में इसने 1,53,019 वाहनों का निर्यात किया था।
किआ मोटर्स ने वर्ष के दौरान 52,105 वाहनों का निर्यात किया, जबकि फॉक्सवैगन इंडिया ने पिछले वित्त वर्ष में 44,180 इकाइयों का निर्यात किया। निसान मोटर इंडिया और होंडा कार्स ने वित्त वर्ष 2023-24 में क्रमश: 42,989 और 37,589 इकाइयों का निर्यात किया।
दोपहिया वाहनों के निर्यात में पिछले वित्त वर्ष में 5.3 प्रतिशत की गिरावट आई और यह 34,58,416 इकाई रहा। इससे पिछले वित्त वर्ष में इस खंड में निर्यात 36,52,122 इकाई था। इसी तरह, वाणिज्यिक वाहनों का निर्यात 16 प्रतिशत घटकर 65,816 इकाई पर आ गया।
2022-23 में वाणिज्यिक वाहनों का निर्यात 78,645 इकाई रहा था। तिपहिया वाहनों का निर्यात पिछले वित्त वर्ष में 18 प्रतिशत घटकर 2,99,977 इकाई रह गया, जबकि 2022-23 में यह 3,65,549 इकाई था।

 

नरेंद्र मोदी से मुलाकात के बाद क्रिएटर्स बोले, पीएम का विजन गेमिंग में क्रांति लाने वाला है
Posted Date : 13-Apr-2024 6:20:31 am

नरेंद्र मोदी से मुलाकात के बाद क्रिएटर्स बोले, पीएम का विजन गेमिंग में क्रांति लाने वाला है

नई दिल्ली  । कई प्रमुख गेमिंग क्रिएटर्स ने हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और कहा कि उनका दृष्टिकोण देश में गेमिंग में क्रांतिकारी बदलाव लाने वाला है।
अनिमेष अग्रवाल, मिथिलेश पाटणकर, पायल धरे, नमन माथुर और अंशू बिष्ट जैसे क्रिएटर्स ने पीएम मोदी से मुलाकात की और ई-गेमिंग उद्योग के उदय पर चर्चा की।
अग्रवाल और पाटनकर ने इंस्टाग्राम पर पोस्ट किया, हमने हाल ही में प्रधानमंत्री के साथ ईस्पोर्ट्स उद्योग के बारे में एक गहन चर्चा की। उनका दृष्टिकोण भारत में गेमिंग में क्रांति लाने के लिए तैयार है।
भारत में इस समय 45-55 करोड़ खिलाडिय़ों का एक विशाल गेमिंग दर्शक वर्ग है।
हाल के उद्योग आंकड़ों के अनुसार, वित्तवर्ष 2013 में भारतीय गेमिंग उद्योग ने 3.1 अरब डॉलर का राजस्व अर्जित किया, जो वित्तवर्ष 2012 में 2.6 अरब डॉलर से 19 फीसदी की वृद्धि दर्शाता है।
पायल धरे ने अपने इंस्टाग्राम पोस्ट में कहा कि पीएम मोदी के साथ ई-गेमिंग और कंटेंट निर्माण के भविष्य पर चर्चा करने वाली एकमात्र महिला गेमर होना सम्मान की बात है।
उन्होंने कहा, हमारी आवाज को पहचानने और इस उद्योग में समावेशिता का मार्ग प्रशस्त करने के लिए धन्यवाद।
इन्वेस्ट इंडिया के अनुसार, ऑनलाइन गेमिंग सेगमेंट भारतीय मीडिया और मनोरंजन क्षेत्र का चौथा सबसे बड़ा सेगमेंट है।
इसके 20 फीसदी सीएजीआर से बढ़ते हुए 2025 तक 231 अरब रुपये तक पहुंचने की उम्मीद है।
पिछले महीने क्रिएटर्स और प्रभावशाली लोगों के समुदाय ने नई दिल्ली में नेशनल क्रिएटर्स अवार्ड्स के दौरान पीएम मोदी की सराहना करते हुए उन्हें ‘नए भारत का निर्माता और सर्वकालिक महानतम कहा था।

 

एस्सार पावर के नवीकरणीय प्रभाग के सीईओ बने अंकुर कुमार
Posted Date : 13-Apr-2024 6:19:55 am

एस्सार पावर के नवीकरणीय प्रभाग के सीईओ बने अंकुर कुमार

मुंबई  । निजी क्षेत्र के स्वतंत्र बिजली उत्पादक एस्सार पावर लिमिटेड ने अपने नवीकरणीय व्यापार प्रभाग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के रूप में अंकुर कुमार की नियुक्ति की घोषणा की। कुमार हरित ऊर्जा में परिवर्तन और भारत में एक मजबूत नवीकरणीय पारिस्थितिकी तंत्र स्थापित करने की एस्सार की प्रतिबद्धता को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
नवीकरणीय ऊर्जा और सार्वजनिक बुनियादी ढांचा क्षेत्रों में 24 वर्षों से अधिक के अनुभव के साथ कुमार अपनी नई भूमिका में विशेषज्ञता लेकर आए हैं। इससे पहले वो एसीएमई सोलर होल्डिंग्स प्राइवेट लिमिटेड में मुख्य कार्यकारी अधिकारी के रूप में कार्यरत थे। कुमार ने कंपनी के ग्रीन हाइड्रोजन और अमोनिया व्यवसाय में रणनीतिक विस्तार का नेतृत्व किया, साथ ही उसके भौगोलिक फुटप्रिंट को भी बढ़ाया।
अपनी नई भूमिका में कुमार एस्सार पावर बोर्ड और नेतृत्व टीमों के साथ मिलकर सहयोग करेंगे। वे नवीकरणीय ऊर्जा में एक मजबूत पोर्टफोलियो बनाने और एस्सार पावर की ग्रीन एनर्जी पहल को आगे बढ़ाने की दिशा में काम करेंगे।
नियुक्ति पर टिप्पणी करते हुए, एस्सार कैपिटल के निदेशक प्रशांत रुइया ने कहा, एस्सार आक्रामक रूप से सेक्टर को हरित में बदलने के अपने दृष्टिकोण के साथ आगे बढ़ा रहा है। अंकुर कुमार के हमारे साथ जुडऩे से, हम नवीकरणीय क्षेत्र में अपनी योजनाओं को आगे बढ़ाने की उम्मीद करते हैं। उनका अनुभव और नेतृत्व एस्सार पावर को अधिक टिकाऊ भविष्य की ओर ले जाने में मदद करेगा।
अपनी नियुक्ति पर कुमार ने कहा, मैं एस्सार पावर के साथ इस यात्रा को शुरू कर उत्साहित हूं। हम नवीकरणीय ऊर्जा के भविष्य को आकार देने की दिशा में काम कर रहे हैं। हमारे सामूहिक प्रयास आने वाली पीढिय़ों के लिए सकारात्मक बदलाव लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
टीबीईए झिंजियांग सुनोएसिस कंपनी लिमिटेड में कुमार का नेतृत्व कार्यकाल व्यावसायिक उद्देश्यों को प्राप्त करने, उच्च प्रदर्शन वाली टीमों को बढ़ावा देने और बजट और समय सीमा के भीतर परियोजनाओं को पूरा करने में उनकी दक्षता को उजागर करता है।
कुमार आईआईएम इंदौर के एक पूर्व छात्र हैं, जहां उन्होंने वित्त और रणनीति में एमबीए की उपाधि प्राप्त की। उनके पास दिल्ली विश्वविद्यालय से बैचलर ऑफ कॉमर्स (ऑनर्स) की डिग्री भी है।

 

देशभर में जीओ की सर्विस ठप, मोबाइल इंटरनेट और जीओ फाईबर नहीं कर रहे काम; यूजर्स परेशान
Posted Date : 13-Apr-2024 6:19:36 am

देशभर में जीओ की सर्विस ठप, मोबाइल इंटरनेट और जीओ फाईबर नहीं कर रहे काम; यूजर्स परेशान

नई दिल्ली  । टेलीकॉम कंपनी रिलायंस जियो की सर्विस गुरुवार को देशभर में ठप हो गईं हैं। जियो यूजर्स ने इसकी शिकायत सोशल मीडिया पर दर्ज कराई है। जियो यूजर्स को मोबाइल इंटरनेट और जियोफाइबर इस्तेमाल करने में दिक्कत आ रही है। इतना ही नहीं, कुछ छ्वद्बश यूजर्स का ये भी कहना है कि वे अपने छ्वद्बश सिम का उपयोग करके कॉल भी नहीं कर पा रहे हैं।
रियल टाइम आउटेज रिपोर्टिंग वेबसाइट ने भी जियो नेटवर्क को लेकर मिल रही शिकायतों को कंफर्म किया है। दोपहर 1.50 बजे तक 700 से अधिक लोगों ने छ्वद्बश इंटरनेट सर्विस को लेकर रिपोर्ट की है, जिनमें से 51 प्रतिशत शिकायतें के लिए, 42 प्रतिशत मोबाइल इंटरनेट नेटवर्क के लिए थीं और कॉल के लिए 7 प्रतिशत लोगों ने शिकायत की।
इतना ही नहीं, कुछ यूजर्स ने गेम खेलने के दौरान आ रही नेटवर्क इश्यू को लेकर शिकायत की है। इतना ही नहीं, कुछ जियो यूजर्स का कहा कहना है कि वे अपने डिवाइस में घंटों तक इंटरनेट का इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैं।
हालांकि, छ्वद्बश की तरफ से यूजर्स की शिकायतों पर अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। लेकिन डाउनडिटेक्टर पर ग्राफ अभी भी लाल रंग में है, जिसका अर्थ है कि यूजर्स वर्तमान में समस्याओं के बारे में रिपोर्ट कर रहे हैं।

 

एशियाई विकास बैंक ने दी गुड न्यूज, इस वर्ष भारत की आर्थिक विकास दर 7 प्रतिशत रहने का लगाया अनुमान
Posted Date : 12-Apr-2024 3:31:05 am

एशियाई विकास बैंक ने दी गुड न्यूज, इस वर्ष भारत की आर्थिक विकास दर 7 प्रतिशत रहने का लगाया अनुमान

नई दिल्ली  । एशियाई विकास बैंक ने गुरुवार को चालू वित्त वर्ष के लिए भारत की जीडीपी वृद्धि का अनुमान 6.7 प्रतिशत से बढ़ाकर 7 प्रतिशत कर दिया है। एडीबी का कहना है कि मजबूत वृद्धि सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की निवेश मांग और उपभोक्ता मांग में क्रमिक सुधार से प्रेरित होगी। हालांकि, 2024-25 का विकास अनुमान 2022-23 वित्तीय वर्ष के अनुमानित 7.6 प्रतिशत से कम है। एडीबी ने कहा कि मजबूत निवेश ने वित्त वर्ष 2022-23 में जीडीपी वृद्धि को गति दी क्योंकि खपत कम थी।
एडीबी ने पिछले साल दिसंबर में वित्त वर्ष 2024-25 में भारतीय अर्थव्यवस्था के 6.7 प्रतिशत विस्तार का अनुमान लगाया था। शुक्रवार को जारी एशियाई विकास आउटलुक के अप्रैल संस्करण में एडीबी ने कहा कि विनिर्माण और सेवाओं में मजबूत गति के साथ वित्त वर्ष 2023 में अर्थव्यवस्था में जोरदार वृद्धि हुई है। यह पूर्वानुमानित क्षितिज पर तेजी से बढ़ती रहेगी। विकास मुख्य रूप से मजबूत निवेश मांग और उपभोग मांग में सुधार से प्रेरित होगा। वहीं, मुद्रास्फीति में गिरावट का रुझान जारी रहेगा।
इसमें कहा गया है कि वित्त वर्ष 2024 और वित्त वर्ष 2025 में नरमी के बावजूद विकास मजबूत रहेगा। वित्त वर्ष 2025-26 के लिए एडीबी ने भारत की विकास दर 7.2 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है। एडीबी ने कहा कि इस वित्तीय वर्ष में निर्यात अपेक्षाकृत कम रहने की संभावना है क्योंकि प्रमुख उन्नत अर्थव्यवस्थाओं में वृद्धि धीमी हो गई है लेकिन वित्त वर्ष 2025 में इसमें सुधार होगा।