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ऑपरेशन सिंदूर’ से पाकिस्तान के शेयर बाजार में भी तबाही, रोकी गई ट्रेडिंग
Posted Date : 09-May-2025 9:09:23 pm

ऑपरेशन सिंदूर’ से पाकिस्तान के शेयर बाजार में भी तबाही, रोकी गई ट्रेडिंग

नई दिल्ली  ।  पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान में मौजूद आतंकियों के कैंप को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के जरिए तबाह कर दिया। भारत के एक्शन से पाकिस्तानी सरकार और सेना में खलबली मची है। दूसरी तरफ, पाकिस्तान के खिलाफ लगातार जारी भारत के एक्शन से वहां की अर्थव्यवस्था पर भी बड़ा असर देखने को मिल रहा है। यहां तक कि पड़ोसी देश के शेयर बाजार में भी भारी गिरावट देखी गई है।
पाकिस्तानी स्टॉक एक्सचेंजों में गुरुवार को 6 प्रतिशत से अधिक की गिरावट हुई और जिसके कारण ट्रेडिंग को भी रोक दिया गया है। पहलगाम आतंकी हमले के बाद से पाकिस्तान के शेयर बाजार में लगातार गिरावट देखी जा रही है। मुख्य सूचकांक कराची स्टॉक एक्सचेंज 100 इंडेक्स (केएसई-100) 22 अप्रैल के बाद से करीब 13 प्रतिशत फिसल चुका है। 22 अप्रैल को केएसई-100 इंडेक्स 1,18,430 पर था, जो अब गिरकर 1,03,060 पर आ गया है। इसके अलावा, अन्य पाकिस्तानी स्टॉक इंडेक्स केएसई-30 भी अब तक 14.3 प्रतिशत लुढक़ चुका है। पाकिस्तान का शेयर बाजार वहां की अर्थव्यवस्था की बदहाली की तस्वीर दिखा रहा है। पाकिस्तान के पास केवल 15 अरब डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार है और देश आर्थिक पतन की कगार पर है।
इसके साथ ही, पाकिस्तान अपनी जीडीपी को चलाने के लिए आईएमएफ से भी लोन के लिए गिड़गिड़ा रहा है। आतंकी हमले के बाद से भारत सैन्य के साथ-साथ कई अन्य प्रकार के एक्शन भी पड़ोसी देश पर ले रहा है, जिसमें सिंधु जल समझौता को स्थगित करना शामिल है, जिससे पाकिस्तान को आर्थिक तौर पर काफी चोट पहुंची है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस समझौते को रद्द करने से बड़ी संख्या में पाकिस्तान की इंडस्ट्री को पानी की कमी का सामना करना पड़ सकता है। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत भारत ने पड़ोसी देश पर बड़ी सैन्य कार्रवाई की। इसमें 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया था, जिसमें बड़ी संख्या में आतंकवादी मारे गए हैं। भारतीय सेना के शौर्य से पूरे पाकिस्तान में आतंकवादियों में दहशत का माहौल है।

 

भारत के आईटी सेक्टर में अप्रैल में 16 प्रतिशत बढ़ी भर्तियां
Posted Date : 09-May-2025 9:09:03 pm

भारत के आईटी सेक्टर में अप्रैल में 16 प्रतिशत बढ़ी भर्तियां

बेंगलुरु  । भारत के आईटी सेक्टर में अप्रैल 2025 में भर्तियों में सालाना आधार पर 16 प्रतिशत की बढ़त देखने को मिली है। यह जानकारी शुक्रवार को जारी हुई एक नई रिपोर्ट में दी गई।  
जॉब्स प्लेटफॉर्म फाउंडइट (पूर्व मॉन्स्टर) की रिपोर्ट में बताया गया कि इस वृद्धि की वजह ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स (जीसीसी) का मजबूत विस्तार होना है। भारत में जीसीसी से 2024-25 में 1,10,000 से ज्यादा नई टेक नौकरियां पैदा हुई हैं। 
हालांकि, मासिक आधार पर अप्रैल में भर्तियों में 11 प्रतिशत की कमी देखने को मिली है। रिपोर्ट में इस गिरावट को आंशिक ट्रेंड बताया गया है और लंबी अवधि में भर्तियों का पारिदृश्य अभी भी सकारात्मक बना हुआ है। 
रिपोर्ट के मुताबिक, अनुभवी और विशेष एवं फ्यूचर-रेडी स्किल की मांग में बढ़ोतरी देखी जा रही है। साथ ही कंपनियां अब स्किल को अधिक प्राथमिकता दे रही है। 
फाउंडिट के सीईओ वी सुरेश के अनुसार, यह क्षेत्र रणनीतिक विकास के एक नए चरण में प्रवेश कर रहा है। देश क्वांटिटी-आधारित भर्तियों से स्किल-आधारित, इनोवेशन-आधारित रोजगार की ओर बढ़ रहा है। 
उन्होंने कहा, यह परिवर्तन साइंस और इनोवेशन में वैश्विक नेतृत्व के लिए अपने युवाओं को सशक्त बनाने के भारत के व्यापक दृष्टिकोण को दर्शाता है। 
सुरेश ने कहा कि टियर-2 शहर डिजिटल अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदानकर्ता बन रहे हैं। जीसीसी विशेष रूप से डेटा इंजीनियरिंग, डेवऑप्स और एंटरप्राइज आर्किटेक्चर जैसे क्षेत्रों में इस बदलाव के लिए केंद्रीय भूमिका निभा रहे हैं।
रिपोर्ट में बताया गया कि डिग्री की तुलना में 62 प्रतिशत कंपनियां स्किल को प्राथमिकता दे रही हैं। विशेष स्किल रखने वाले कर्मचारियों को अच्छा सैलरी पैकेज भी मिल रहा है। एंट्री-लेवल के एआई जॉब के लिए औसत पैकेज 7.2 लाख रुपए प्रतिवर्ष का है। वहीं, अनुभवी एआई पेशेवर के लिए सैलरी पैकेज 76.4 लाख रुपए का है। 
साइबरसिक्योरिटी सबसे अच्छी स्किल है। इसका उच्चतम सैलरी पैकेज 87 लाख रुपए तक है। 

 

भारत के वेयरहाउसिंग सेक्टर में मार्च तिमाही में हुई 50 प्रतिशत की वृद्धि
Posted Date : 09-May-2025 9:08:02 pm

भारत के वेयरहाउसिंग सेक्टर में मार्च तिमाही में हुई 50 प्रतिशत की वृद्धि

मुंबई  । भारत के वेयरहाउसिंग सेक्टर में जनवरी-मार्च तिमाही में 16.7 मिलियन स्क्वायर फीट की लीजिंग गतिविधि देखने को मिली है। इसमें सालाना आधार पर 50 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। यह जानकारी शुक्रवार को जारी हुई रिपोर्ट में दी गई।  
नाइट फ्रैंक इंडिया की रिपोर्ट में कहा गया है कि 2025 की पहली तिमाही में देश के शीर्ष आठ वेयरहाउसिंग बाजारों में मजबूती देखी गई है। इसकी वजह मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में तेजी आना था। जनवरी-मार्च अवधि में इस सेक्टर के वेयरहाउसिंग लीजिंग वॉल्यूम 94 प्रतिशत बढक़र 8 मिलियन स्क्वायर फीट हो गए हैं।
कुल वेयरहाउसिंग मांग में मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों की हिस्सेदारी 48 प्रतिशत है।
रिपोर्ट में आगे कहा गया कि ई-कॉमर्स सेक्टर की ओर से वेयरहाउसिंग स्पेस की मांग में 151 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है और इसकी वजह छोटा आधार था।
थर्ड-पार्टी लॉजिस्टिक्स की वेयरहाउसिंग लीजिंग वॉल्यूम में 12 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है और हालांकि, कुल हिस्सेदारी घटकर 23 प्रतिशत रह गई, जो इस क्षेत्र की गतिशीलता में बदलाव को दर्शाता है।
वेयरहाउसिंग सेक्टर के कुल लेनदेन में मुंबई की हिस्सेदारी 27 प्रतिशत रही और वॉल्यूम 4.4 मिलियन स्क्वायर फीट रही है। इसके बाद पुणे, चेन्नई और एनसीआर का स्थान था। इन सभी शहरों की हिस्सेदारी करीब 16-17 प्रतिशत के बीच रही है।
रिपोर्ट में बताया गया कि पुणे और चेन्नई में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर मुख्य चालक रहा जबकि थर्ड-पार्टी लॉजिस्टिक्स कंपनियों ने एनसीआर में मार्केट वॉल्यूम को बढ़ाया है। चेन्नई और हैदराबाद के बाजारों में क्रमश: 154 प्रतिशत और 137 प्रतिशत की सबसे अधिक वॉल्यूम वृद्धि देखी गई।
नाइट फ्रैंक इंडिया के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक शिशिर बैजल ने कहा, नए टैरिफ माहौल से वैश्विक आपूर्ति शृंखलाओं पर असर पडऩे के बावजूद भारतीय वेयरहाउसिंग बाजार ने 2025 की पहली तिमाही में निरंतर प्रदर्शन किया है। वैश्विक कंपनियों द्वारा तेजी से अपनाई जा रही चीन+1 रणनीति और मेक इन इंडिया पर सरकार के फोकस से देश तेजी से मैन्युफैक्चरिंग को आगे बढ़ा रहा है।

 

एसएटी ने सेबी के आदेश पर रोक लगाने की जेनसोल की याचिका खारिज की
Posted Date : 08-May-2025 10:48:38 pm

एसएटी ने सेबी के आदेश पर रोक लगाने की जेनसोल की याचिका खारिज की

मुंबई  । प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण (एसएटी) ने बुधवार को जेनसोल इंजीनियरिंग लिमिटेड की उस अपील को खारिज कर दिया, जिसमें सेबी के अंतरिम आदेश पर रोक लगाने की मांग की गई थी। इस आदेश में फंड डायवर्जन और गवर्नेंस से जुड़ी चिंताओं के मुद्दे पर जेनसोल और इसके प्रमोटर अनमोल सिंह जग्गी तथा पुनीत सिंह जग्गी पर रोक लगाई गई थी।
अपीलीय न्यायाधिकरण न्यायमूर्ति पीएस. दिनेश कुमार और तकनीकी सदस्य मीरा स्वरूप की पीठ ने कंपनी को अस्थायी एकपक्षीय आदेश पर भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) को जवाब देने के लिए दो सप्ताह का समय दिया है और बाजार नियामक को चार सप्ताह के भीतर जेनसोल के मामले में अंतिम आदेश देने का निर्देश दिया है।
सेबी ने 15 अप्रैल को एक विस्तृत अंतरिम आदेश जारी किया, जिसमें दिखाया गया कि जेनसोल में क्या गलत हुआ। आदेश में कहा गया कि जग्गी बंधुओं सहित जेनसोल के प्रमोटर्स ने कंपनी को अपने निजी ‘गुल्लक’ की तरह इस्तेमाल किया। कोई उचित वित्तीय नियंत्रण नहीं था और प्रमोटर्स ने लोन राशि को खुद या संबंधित संस्थाओं में डायवर्ट कर दिया था।
जेनसोल ने वित्त वर्ष 2022 और वित्त वर्ष 2024 के बीच भारतीय अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी लिमिटेड (इरेडा) और पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन (पीएफसी) लिमिटेड से 977.75 करोड़ रुपए का लोन प्राप्त किया था। इसमें से 663.89 करोड़ रुपए विशेष रूप से 6,400 ईवी की खरीद के लिए थे। हालांकि, कंपनी ने केवल 4,704 वाहन खरीदने की बात स्वीकार की, जिसकी कीमत 567.73 करोड़ रुपए थी, जैसा कि आपूर्तिकर्ता गो-ऑटो द्वारा सत्यापित किया गया है। सेबी की जांच रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि उसे पुणे में जेनसोल इंजीनियरिंग लिमिटेड के इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) प्लांट में कोई विनिर्माण गतिविधि नहीं मिली, साइट पर केवल दो से तीन मजदूर मौजूद थे, जो खुद एक लीज पर दी गई संपत्ति थी।
ऑल-इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) ऐप ब्लूस्मार्ट की मूल कंपनी जेनसोल ने अपने दो ऋणदाताओं, पीएफसी और आईआरईडीए, से जाली पत्र बनाए, ताकि यह दिखाया जा सके कि वह नियमित रूप से अपने लोन का भुगतान कर रही थी। हालांकि, जब क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों ने ऋणदाताओं के साथ पत्रों की जांच शुरू की तो यह दावा उजागर हो गया। इस बीच, सरकारी स्वामित्व वाली पीएफसी ने इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने के लिए लोन लेने के लिए झूठे दस्तावेज दाखिल करने के लिए जेनसोल इंजीनियरिंग लिमिटेड के खिलाफ दिल्ली पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है।

 

घरेलू विमानन कंपनियों की फ्रेश ट्रैवल एडवाइजरी जारी, 10 मई तक कुछ फ्लाइट्स रद्द
Posted Date : 08-May-2025 10:48:18 pm

घरेलू विमानन कंपनियों की फ्रेश ट्रैवल एडवाइजरी जारी, 10 मई तक कुछ फ्लाइट्स रद्द

नई दिल्ली  । घरेलू विमानन कंपनियों ने बुधवार को हवाई यात्रियों के लिए फ्रेश एडवाइजरी जारी की। अथॉरिटी की अधिसूचना के बाद 10 मई तक कुछ और उड़ानें रद्द कर दी गई हैं। इस अधिसूचना में यात्रियों से एयरपोर्ट पर जाने से पहले अपनी उड़ान की स्थिति जांचने को कहा गया है। एयर इंडिया ने कहा, जम्मू, श्रीनगर, लेह, जोधपुर, अमृतसर, भुज, जामनगर, चंडीगढ़ और राजकोट की दोनों तरफ की उड़ानें 10 मई को सुबह 5 बजकर 29 मिनट तक रद्द की जा रही हैं।
एयरलाइन ने कहा कि इस अवधि के दौरान वैध टिकट रखने वाले यात्रियों को रिशेड्यूलिंग चार्जेज पर एक बार छूट दी जाएगी या कैंसलेशन के लिए फुल रिफंड की पेशकश की जाएगी। इंडिगो के अनुसार, हवाई क्षेत्र प्रतिबंधों पर सरकारी अधिसूचना के कारण, कई एयरपोर्ट (अमृतसर, बीकानेर, चंडीगढ़, धर्मशाला, ग्वालियर, जम्मू, जोधपुर, किशनगढ़, लेह, राजकोट और श्रीनगर) से 165 से अधिक इंडिगो उड़ानें 10 मई, 2025 को सुबह 5 बजकर 29 मिनट तक रद्द कर दी गई हैं।
यात्रियों को एयरपोर्ट जाने से पहले एयरलाइन की वेबसाइट या मोबाइल ऐप पर फ्लाइट स्टेटस की जांच करने को कहा गया है। कम लागत वाली एयरलाइन ने एक्स पर एक लेटेस्ट पोस्ट में कहा, जिन ग्राहकों की उड़ानें प्रभावित होती हैं, वे अगली उपलब्ध उड़ान पर बुकिंग को रिशेड्यूल कर सकते हैं या बिना किसी अतिरिक्त लागत के अपनी बुकिंग रद्द करने का विकल्प चुन सकते हैं, जिसके बाद फुल रिफंड की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इन बदलावों को सीधे हमारी वेबसाइट के जरिए मैनेज किया जा सकता है।
इससे पहले, स्पाइसजेट ने कहा, मौजूदा स्थिति के कारण धर्मशाला (डीएचएम), लेह (आईएक्सएल), जम्मू (आईएक्सजे), श्रीनगर (एसएक्सआर) और अमृतसर (एटीक्यू) सहित उत्तर भारत के कुछ हिस्सों में एयरपोर्ट अगली सूचना तक बंद हैं। इसमें कहा गया है, प्रस्थान, आगमन और अन्य उड़ानें प्रभावित हो सकती हैं। यात्रियों को सलाह दी जाती है कि वे अपनी यात्रा की योजना उसी के अनुसार बनाएं और उड़ान की स्थिति की जांच करें।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत भारत ने पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर कार्रवाई की। भारत ने नौ आतंकी ठिकानों पर एयरस्ट्राइक की और पहलगाम आतंकी हमले का बदला ले लिया।

 

हिंदुस्तान जिंक का जिंक बैटरी तकनीक में अनुसंधान, भविष्य के ऊर्जा भंडारण में बनेगा गेम-चेंजर
Posted Date : 07-May-2025 10:20:23 pm

हिंदुस्तान जिंक का जिंक बैटरी तकनीक में अनुसंधान, भविष्य के ऊर्जा भंडारण में बनेगा गेम-चेंजर

उदयपुर  । भारत की सबसे बड़ी एकीकृत जिंक उत्पादक, हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड (एचजेडएल), अगली पीढ़ी की जिंक-आधारित बैटरी तकनीकों के अनुसंधान में सक्रिय रूप से निवेश कर रही है, जो कंपनी को ऊर्जा भंडारण समाधानों के तेजी से बढ़ते बाजार में एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाने की क्षमता रखती है। कंपनी का यह रणनीतिक कदम न केवल तकनीकी नवाचार पर केंद्रित है, बल्कि लिथियम की आपूर्ति संबंधी चुनौतियों और बढ़ती लागत के मुकाबले एक अधिक टिकाऊ और लागत-प्रभावी विकल्प तलाशने की दिशा में भी महत्वपूर्ण है। 
एचजेडएल ने इस महत्वाकांक्षी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रतिष्ठित संस्थानों- आईआईटी मद्रास और जवाहरलाल नेहरू सेंटर फॉर एडवांस्ड साइंटिफिक रिसर्च (जेएनसीएएसआर), बेंगलुरु के साथ सहयोगात्मक अनुसंधान साझेदारी स्थापित की है। जेएनसीएएसआर के साथ मिलकर, एचजेडएल जिंक-आयन बैटरी के विकास को आगे बढ़ा रहा है, जिसमें उन्नत इलेक्ट्रोलाइट्स और नए जिंक एनोड फॉर्मूलेशन पर काम शामिल है। प्रारंभिक निष्कर्ष इलेक्ट्रोड/इलेक्ट्रोलाइट इंटरफेस इंजीनियरिंग में उत्साहजनक प्रगति दर्शाते हैं। इसके समानांतर, आईआईटी मद्रास के साथ साझेदारी 1 किलोवॉट रिचार्जेबल जिंक-एयर बैटरी मॉड्यूल के डिजाइन पर केंद्रित है। यह परियोजना रिचार्जेबिलिटी, संरचनात्मक स्थिरता और बैटरी की लंबी उम्र सुनिश्चित करने पर जोर देती है। 
विश्लेषकों का अनुमान है कि जिंक-आधारित बैटरियां इलेक्ट्रिक वाहनों, ग्रिड-स्तरीय ऊर्जा भंडारण और उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं। ब्लूमबर्गएनईएफ की रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक ऊर्जा भंडारण बाजार में 2030 तक 442 गीगावॉट घंटे तक पहुंचने की उम्मीद है, जिसमें 21त्न की वार्षिक वृद्धि दर का अनुमान है। एचजेडएल के ये प्रयास इस बढ़ती मांग को भुनाने और भारत को ऊर्जा स्वतंत्रता की ओर ले जाने में सहायक हो सकते हैं। 
हिंदुस्तान जिंक के सीईओ अरुण मिश्रा ने इस पहल पर टिप्पणी करते हुए कहा कि कंपनी दीर्घकालिक और पर्यावरण के अनुकूल ऊर्जा समाधानों की वैश्विक आवश्यकता को पूरा करने के लिए नवाचार को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत के प्रमुख अनुसंधान संस्थानों के साथ सहयोग अत्याधुनिक तकनीकों को विकसित करने की कंपनी की रणनीति का हिस्सा है, जो ऊर्जा भंडारण के भविष्य को नया आकार दे सकती हैं। 
अपनी धातुकर्म विशेषज्ञता और उन्नत इलेक्ट्रोविनिंग क्षमताओं का लाभ उठाते हुए, एचजेडएल वाणिज्यिक-ग्रेड इलेक्ट्रोड और प्रदर्शन बढ़ाने वाले योजक जैसे महत्वपूर्ण सामग्रियों के उत्पादन में दक्षता हासिल करने पर भी ध्यान केंद्रित कर रहा है। इसके अतिरिक्त, कंपनी ने निकल-जिंक बैटरी तकनीक के लिए अमेरिकी फर्म एईसिर टेक्नोलॉजीज के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया है, जो इस क्षेत्र में अपनी तकनीकी क्षमताओं को और मजबूत करेगा। 
वेदांता समूह की कंपनी होने के नाते और दुनिया की सबसे बड़ी एकीकृत जिंक उत्पादक के रूप में, हिंदुस्तान जिंक इस रणनीतिक अनुसंधान के माध्यम से न केवल एक नए और संभावित रूप से बड़े बाजार में प्रवेश कर रही है, बल्कि वैश्विक ऊर्जा परिवर्तन में भी महत्वपूर्ण योगदान देने की तैयारी कर रही है। यह पहल कंपनी की स्थिरता और नवाचार के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है, खासकर ऐसे समय में जब पर्यावरण के अनुकूल ऊर्जा समाधानों की मांग तेजी से बढ़ रही है।