नई दिल्ली । ऑनलाइन ट्रैवल पोर्टल इक्सिगो ने तुर्किये, चीन और अजरबैजान के लिए अपनी सभी फ्लाइट और होटल बुकिंग सेवाओं को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। कंपनी के ग्रुप सीईओ आलोक बाजपेयी ने इस फैसले की जानकारी देते हुए कहा है कि ‘खून और बुकिंग एक साथ संभव नहीं हैं’, जो भारत-पाकिस्तान संघर्ष में इन देशों के कथित भारत-विरोधी रुख के विरोध में उठाया गया एक प्रतीकात्मक लेकिन महत्वपूर्ण कदम है।
इक्सिगो के ग्रुप सीईओ आलोक बाजपेयी ने शनिवार को अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर इसकी जानकारी साझा की। उन्होंने अपने पोस्ट में स्पष्ट शब्दों में लिखा, बहुत हो गया! खून और बुकिंग एक साथ नहीं हो सकते। हम ढ्ढ&द्बद्दश पर तुर्किये, चीन और अजरबैजान के लिए सभी फ्लाइट और होटल बुकिंग निलंबित कर रहे हैं। उनका यह बयान इन देशों के कथित भू-राजनीतिक झुकाव और भारत की संप्रभुता व सुरक्षा पर उनके रुख के खिलाफ एक कड़ा संदेश माना जा रहा है।
यह उल्लेखनीय है कि भारतीय ट्रैवल उद्योग में यह पहला ऐसा कदम नहीं है। भारतीय ट्रैवल कंपनियों जैसे ईजमाईट्रिप और कॉक्स एंड किंग्स ने भी पहले इसी तरह के निर्णय लिए हैं। भारतीय ट्रैवल कंपनियों का यह एकजुट रुख भारत-पाकिस्तान संघर्ष में तुर्किये और अजरबैजान के कथित भारत विरोधी रुख की प्रतिक्रिया के रूप में देखा जा रहा है, जहां इन देशों ने पाकिस्तान का समर्थन किया था।
इसी क्रम में, कॉक्स एंड किंग्स ने भी घोषणा की है कि उसने अजरबैजान, उज्बेकिस्तान और तुर्किये के लिए सभी नए यात्रा विकल्पों को अस्थायी रूप से हटाने का फैसला किया है। कॉक्स एंड किंग्स के निदेशक करण अग्रवाल ने इस निर्णय पर टिप्पणी करते हुए कहा, यह निर्णय हमारे और हमारे देश के लोगों के लिए अहम सिद्धांतों को बनाए रखने की हमारी प्रतिबद्धता से प्रेरित है। उन्होंने भारतीय यात्रियों को सलाह दी है कि वे विवेक का प्रयोग करें और व्यापक भू-राजनीतिक माहौल में अधिक स्पष्टता होने तक इन गंतव्यों की किसी भी गैर-जरूरी यात्रा से बचें। यह कदम भारतीय ट्रैवल कंपनियों के बढ़ते राष्ट्रीय चेतना और विदेश नीति के मुद्दों पर अपनी राय रखने की प्रवृत्ति को दर्शाता है।
नई दिल्ली । ओपनएआई ने मंगलवार को चैटजीपीटी सर्च को लेकर कई नए सुधारों को पेश करने की घोषणा की। इसमें यूजर के लिए बेहतर शॉपिंग एक्सपीरियंस को भी शामिल किया गया है।
सर्च चैटजीपीटी के सबसे लोकप्रिय फीचर्स में से एक है। पिछले हफ्ते में ही 1 बिलियन से अधिक वेब सर्च रिकॉर्ड किए गए हैं।
सैम ऑल्टमैन द्वारा संचालित कंपनी ने कहा, चैटजीपीटी यूजर्स अब किसी प्रोडक्ट को सर्च करने से लेकर प्रोडक्ट की खरीदारी तक कर सकते हैं। इसके अलावा, यूजर्स के लिए प्रोडक्ट कंपेयर करने की सुविधा भी मौजूद है। यूजर्स के पास पर्सनलाइज्ड रिकमेंडेशन, विजुअल प्रोडक्ट डिटेल्स, प्राइसिंग, प्रोडक्ट रिव्यू और खरीदारी के डायरेक्ट लिंक की सुविधा मौजूद होगी।
कंपनी ने आगे कहा कि प्रोडक्ट से जुड़े रिजल्ट स्वतंत्र रूप से चुने जाते हैं और विज्ञापन नहीं होते हैं।
ओपनएआई ने कहा, चैटजीपीटी में व्यापार अभी भी शुरुआती चरण में है और हम व्यापारियों को अपनी यात्रा में शामिल करना जारी रखेंगे क्योंकि हम तेजी से सीखने पर ध्यान देते हैं।
शॉपिंग को लेकर इन नए सुधारों को हर उस बाजार के लिए लाया जा रहा है, जहां चैटजीपीटी उपलब्ध है। इसके साथ ही यह सुविधा प्लस, प्रो, फ्री और लॉग-आउट यूजर्स के लिए लाई जा रही है।
ओपनएआई के अनुसार, मेमोरी जल्द ही सर्च और शॉपिंग के साथ काम करेगी। इसका मतलब है कि चैटजीपीटी यूजर के साथ पहले हुई बातचीत से कॉन्टेक्स्ट समझने की कोशिश करेगा, ताकि यूजर के लिए बेहतर जवाब पेश कर सके।
कंपनी ने कहा, यूजर का चैटजीपीटी की मेमोरी पर पूरा कंट्रोल होगा, जिसे सेटिंग में जाकर किसी भी समय अपडेट किया जा सकेगा। हम इसे कुछ ही हफ्तों में रोलआउट करने की योजना बना रहे हैं। यह ईईए, यूके, स्विटजरलैंड, नॉर्वे, आइसलैंड और लिकटेंस्टीन को छोडक़र सभी प्लस और प्रो यूजर्स के लिए होगा।
चैटजीपीटी को व्हाट्सएप मैसेज भेजकर अप-टू-डेट जवाब पाया जा सकता है। यह सुविधा चैटजीपीटी के साथ सभी यूजर्स के लिए उपलब्ध है। इसके अलावा, व्हाट्सएप इंटीग्रेशन के बारे में अधिक जानकारी ली जा सकती है और क्यूआर कोड की मदद से व्हाट्सएप कॉन्टैक्ट में चैटजीपीटी को जोड़ा जा सकता है।
चैटजीपीटी अब किसी दिए गए विचार के लिए कई साइटेशन शामिल कर सकता है ताकि यूजर्स जवाबों के बारे में अधिक जानकारी ले सकें और साथ ही अलग-अलग सोर्स से जानकारियों को वेरिफाई कर सकें।
कंपनी का कहना है कि जवाब में किस साइटेशन को कहां से लिया गया है, इसे अलग से ज्यादा स्पष्ट तरीके से दिखाने के लिए एक नए हाइलाइट यूआई को भी लाया गया है।
इसके अलावा, यूजर्स अब चैटजीपीटी से रियल-टाइम सुझावों के साथ तेज सर्च रिजल्ट पा सकते हैं।
नई दिल्ली । भारत के फार्मास्यूटिकल बाजार (आईपीएम) ने इस साल अप्रैल में राजस्व में 7.8 प्रतिशत की वृद्धि जारी रखी। यह जानकारी गुरुवार को आई एक रिपोर्ट में दी गई।
रेटिंग एजेंसी इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च (इंड-रा) की रिपोर्ट के अनुसार, कंपनियों की मूल्य वृद्धि की वजह से यह वृद्धि दर्ज की गई है, जिसमें वॉल्यूम में 1.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। लगभग सभी प्रमुख क्रॉनिक थेरेपी ने भी सकारात्मक वैल्यू और वॉल्यूम वृद्धि दर्ज करवाई है। इंड-रा के कॉरपोरेट रेटिंग्स के निदेशक निशीथ सांघवी ने कहा, इंड-रा को उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2026 के दौरान आईपीएम में सात से आठ प्रतिशत की वृद्धि होगी, जिसमें क्रॉनिक थेरेपी में निरंतर वृद्धि की गति होगी। यह निरंतर वृद्धि मूल्य वृद्धि और नए उत्पादों के लॉन्च के साथ देखी जा सकेगी।
रिपोर्ट से पता चला है कि एंटी-डायबिटिक सेगमेंट में जेनेरिकाइजेशन अवसरों के कारण अप्रैल में वॉल्यूम वृद्धि सालाना आधार पर 2.8 प्रतिशत रही।
प्रमुख थैरेपी जैसे कि गैस्ट्रो-इंटेस्टाइनल में 5.5 प्रतिशत, डर्मा में 3.1 प्रतिशत और कार्डियक में 2.2 प्रतिशत की वॉल्यूम वृद्धि भी दर्ज की गई।
इसके अलावा, अप्रैल 2025 में स्थिर प्रदर्शन रहा, जहां सभी थैरेपी में मूल्य वृद्धि देखी गई।
कार्डियक, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल, एंटी-डायबिटिक और डर्मा जैसी थैरेपी में आईपीएम की तुलना में वॉल्यूम में अधिक वृद्धि देखी गई।
गैस्ट्रो-इंटेस्टाइनल, विटामिन, दर्द/एनाल्जेसिक और एंटी-इंफेक्टिव जैसी अक्यूट थैरेपी में क्रमश: 10.1 प्रतिशत, 7.5 प्रतिशत, 8.5 प्रतिशत और 6.5 प्रतिशत की बिक्री वृद्धि देखी गई।
डर्मा, कार्डियक, एंटी-डायबिटिक और सीएनएस जैसी क्रॉनिक थैरेपी में क्रमश: 10.8 प्रतिशत, 10.6 प्रतिशत, 7.7 प्रतिशत और 9.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
इंड-रा की मार्च रिपोर्ट से पता चला है कि एक्यूट सेगमेंट की बिक्री में सालाना आधार पर 6.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
कार्डियक (आईपीएम का 13.4 प्रतिशत क्रोनिक), एंटी-इंफेक्टिव (11.7 प्रतिशत एक्यूट), गैस्ट्रो-इंटेस्टाइनल (12.1 प्रतिशत एक्यूट), एंटी-डायबिटिक (9.2 प्रतिशत क्रोनिक) और विटामिन (9.0 प्रतिशत एक्यूट) ने मार्च 2025 में आईपीएम में 55 प्रतिशत का योगदान दिया।
नई दिल्ली । प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (पीएमएसबीवाई) के तहत संचयी नामांकन में 2016 से 443 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। केंद्र सरकार ने शुक्रवार को इस दुर्घटना बीमा योजना के 10 वर्ष पूरे होने पर एनरॉलमेंट को लेकर जानकारी दी।
यह योजना दुर्घटनाओं और जानमाल के नुकसान के मामले में वित्तीय स्थिरता और सस्ती सुरक्षा प्रदान करती है, जिसकी कीमत केवल 20 रुपए प्रति वर्ष है।
वित्त मंत्रालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा, पीएम सुरक्षा बीमा योजना के साथ अपने प्रियजनों के लिए वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करें! पीएमएसबीवाई के तहत संचयी नामांकन में 443 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो मार्च 2016 में 9.40 करोड़ से बढक़र अप्रैल 2025 में 51.06 करोड़ हो गई है। केवल 20 रुपए प्रति वर्ष पर सस्ती सुरक्षा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2015 में शुरू की गई प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना जनता को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करने के सरकार के प्रयासों की आधारशिला बन गई है।
इस योजना को आधिकारिक तौर पर 9 मई, 2015 को कोलकाता में लॉन्च किया गया था।
योजना 18 से 70 वर्ष की आयु के सभी भारतीय निवासियों और एनआरआई को कवर करती है, बशर्ते उनके पास वैध बैंक खाता हो।
दुर्भाग्यवश दुर्घटना के कारण आंशिक दिव्यांगता की स्थिति में, यह योजना व्यक्ति के खाते में सीधे 1 लाख रुपए की राशि प्रदान करती है।
सडक़ दुर्घटना या किसी अन्य दुर्भाग्यपूर्ण घटना के कारण हुई मृत्यु के दुखद मामले में, मृतक के परिवार या वारिस को 2 लाख रुपए की वित्तीय सहायता मिलती है।
इस योजना के लिए केवल 20 रुपए का वार्षिक प्रीमियम देना होता है, जो पॉलिसीधारक के खाते से अपने आप कट जाता है।
यह 1 जून से 31 मई तक चलने वाली एक साल की कवरेज अवधि प्रदान करता है।
यह पॉलिसी सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनियों के माध्यम से संचालित की जाती है, जिससे यह आम लोगों के लिए सुलभ हो जाती है।
मृत्यु या पूर्ण दिव्यांगता की स्थिति में, नामांकित व्यक्ति को 2 लाख रुपए का हक है।
पूर्ण दिव्यांगता को दोनों आंखों, हाथों या पैरों की पूर्ण हानि के रूप में परिभाषित किया गया है।
आंशिक स्थायी दिव्यांंगता, जैसे कि एक आंख, हाथ या पैर की हानि, 1 लाख रुपए के भुगतान के लिए पात्र है।
हालांकि, आत्महत्या, शराब या नशीली दवाओं के दुरुपयोग के कारण हुई मृत्यु के मामलों में दावे स्वीकार नहीं किए जाते हैं।
इसके अलावा, दावा करने के योग्य होने से पहले व्यक्ति को कम से कम 45 दिनों के लिए योजना में नामांकित होना चाहिए।
नई दिल्ली । भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) और पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) सहित भारत के शीर्ष बैंकों ने कहा कि उनके एटीएम और डिजिटल सेवाएं पूरी तरह से काम कर रही हैं और सभी ऑपरेशन सामान्य हैं।
बैंकों की ओर से यह प्रतिक्रिया सोशल मीडिया पर चल रही उन फर्जी खबरों के जवाब में की गई है, जिनमें दावा किया गया था कि भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच आने वाले दिनों में एटीएम बंद होने की संभावना है।
भारतीय स्टेट बैंक ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, हमारे सभी एटीएम, सीडीएम/एडीडब्ल्यूएम और डिजिटल सेवाएं पूरी तरह से चालू हैं और जनता के उपयोग के लिए उपलब्ध हैं।
इसके साथ ही भारत के सबसे बड़े सरकारी बैंक ने अपने ग्राहकों से कहा कि वे असत्यापित जानकारी पर भरोसा न करें।
वहीं, पंजाब नेशनल बैंक ने भी कहा, हमारी सभी डिजिटल सेवाएं भी सुचारू रूप से चल रही हैं, जिससे आप घर बैठे ही आसानी से बैंकिंग सुविधाओं का फायदा उठा सकते हैं।
केनरा बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा और पंजाब एंड सिंध बैंक ने भी इसी तरह के पोस्ट किए हैं।
मंत्रालय ने कहा कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण शाम को बैंकों और वित्तीय संस्थानों की साइबर सुरक्षा तैयारियों पर समीक्षा बैठक करेंगी।
इससे पहले देश की सरकारी तेल विपणन कंपनी इंडियन ऑयल ने कहा था कि देश में पर्याप्त मात्रा में पेट्रोल,डीजल और एलपीजी मौजूद है और घबराहट में अतिरिक्त खरीदारी न करें।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में सरकारी तेल विपणन कंपनी ने लिखा, इंडियन ऑयल आपको यह आश्वस्त करना चाहता है कि देशभर में पेट्रोल, डीजल और एलपीजी की पर्याप्त उपलब्धता है। हमारी आपूर्ति श्रृंखलाएं सुचारू रूप से संचालित हो रही हैं, और सभी रिटेल आउटलेट्स पर ईंधन और एलपीजी आसानी से उपलब्ध हैं।
मुंबई । भारतीय म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री के लिए अप्रैल का महीना ऐतिहासिक रहा। इस दौरान सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) इनफ्लो 26,632 करोड़ रुपए रहा। देश में एसआईपी निवेश का यह अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है। यह जानकारी एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) की ओर से शुक्रवार को दी गई।
एम्फी के आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल में सक्रिय एसआईपी खातों की संख्या बढक़र 8.38 करोड़ हो गई है, जो कि मार्च में 8.11 करोड़ थी। यह दिखाता है कि लोग लंबी अवधि के नजरिए से एसआईपी में निवेश कर रहे हैं।
अप्रैल में 46 लाख नए एसआईपी खाते खुले हैं, जबकि मार्च में यह आंकड़ा 40.19 लाख था।
मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट रिसर्च इंडिया के एसोसिएट डायरेक्टर, मैनेजर रिसर्च, हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा, निरंतर इनफ्लो निवेशकों के सेंटीमेंट में सुधार को दर्शाता है, जिसे मजबूत कॉर्पोरेट आय, अच्छे मैक्रोइकॉनॉमिक फंडामेंटल और पसंदीदा एसेट क्लास के रूप में इक्विटी की ओर निरंतर झुकाव से समर्थन मिल रहा है।
उन्होंने कहा, बीते महीने कोई नया फंड भी लॉन्च नहीं हुआ है जो दिखाता है कि निवेशक मौजूदा फंड्स में ही निवेश कर रहे हैं। यह निवेशकों में भारतीय इक्विटी बाजारों की दीर्घकालिक विकास संभावनाओं में उनके विश्वास का प्रमाण भी है।
एसआईपी के साथ एसेट्स अंडर मैनेजमेंट (एयूएम) अप्रैल में बढक़र अपने ऑल-टाइम हाई 70 लाख करोड़ रुपए पर पहुंच गया है। इसे पहले मार्च में यह आंकड़ा 65.74 लाख करोड़ रुपए पर था।
अप्रैल में लार्जकैप म्यूचुअल फंड्स में 2,671.46 करोड़ रुपए का निवेश हुआ है, जो कि मार्च में 2,479.31 करोड़ रुपए का था।
बीते महीने मिडकैप फंडों में 3,313 करोड़ रुपए का निवेश हुआ है जो मार्च में 3,438.87 करोड़ रुपए से मामूली रूप से कम है।
स्मॉलकैप फंडों ने लगातार अच्छा प्रदर्शन जारी रखा और अप्रैल में 3,999.95 करोड़ रुपए जुटाए, जो पिछले महीने के आंकड़े 4,092 करोड़ रुपए से मामूली रूप से कम है।