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एसबीआई ने इंफ्रास्ट्रक्चर बॉन्ड के माध्यम से 10 हजार करोड़ जुटाए
Posted Date : 27-Jun-2024 10:50:01 am

एसबीआई ने इंफ्रास्ट्रक्चर बॉन्ड के माध्यम से 10 हजार करोड़ जुटाए

मुंबई  । देश के सबसे बड़े ऋणदाता भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने 15 सालों के इंफ्रास्ट्रक्चर बॉन्ड के जरिए 10 हजार करोड़ रुपये जुटाए हैं। यह राशि 7.36 प्रतिशत की कूपन रेट पर जुटाई है।  
एसबीआई ने कहा कि बॉन्ड के माध्यम से मिलने वाली राशि का उपयोग राजमार्गों, पावर प्लांट, बुनियादी ढांचे और किफायती आवास क्षेत्रों के वित्तपोषण के लिए किया जाएगा। इसके अलावा लॉन्ग टर्म संसाधनों को बढ़ाने के लिए भी इसका इस्तेमाल किया जाएगा।
एसबीआई ने कहा कि इस निर्गम को निवेशकों से जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली और यह पांच हजार करोड़ रुपये के आधार निर्गम आकार के मुकाबले लगभग चार गुना ज्यादा अभिदान मिला।
एसबीआई के चेयरमैन दिनेश खारा ने कहा कि इस निर्गम से लॉन्ग टर्म बॉन्ड कर्व विकसित करने में मदद मिलेगी और अन्य बैंकों को भी लंबी अवधि के बॉन्ड जारी करने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा।
इंफ्रास्ट्रक्चर बॉन्ड से प्राप्त इनकम को स्टैचटोरी लिक्विडिटी रेश्यो (एसएलआर) और कैश रिजर्व रेश्यो (सीआरआर) जैसी रेग्युलेटरी रिजर्व रिक्वायरमेंट्स से छूट दी गई है। पूरी राशि को ऋण देने के कामों में लगाया जा सकता है।

 

रेलवे का बड़ा फैसला, सफर के दौरान अब यात्रियों को मिलेगी ये खास सुविधा
Posted Date : 26-Jun-2024 11:10:01 pm

रेलवे का बड़ा फैसला, सफर के दौरान अब यात्रियों को मिलेगी ये खास सुविधा

नई दिल्ली । भारतीय रेलवे ने सफर के दौरान यात्रियों को आसानी से सस्ती दवाएं उपलब्ध कराने के लिए 61 स्टेशनों पर प्रधानमंत्री जन भारतीय औषधि केंद्र खोलने का निर्णय लिया है। इसका मकसद ‘करोड़ों यात्रियों को इमरजेंसी के दौरान रेलवे स्टेशन पर सस्ती कीमत पर दवाएं मिल सके’ है।
पिछले कुछ महीनों में 50 स्थानों पर प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र सफलतापूर्वक कार्य शुरू कर चुके हैं। इन 50 केंद्रों में पूर्व मध्य रेलवे में पटना जंक्शन, दरभंगा और पं. दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन पर प्रधानमंत्री जन भारतीय औषधि केंद्र कार्य कर रहे हैं। अब इस पहल की सफलता और लोगों के उत्साह को देखते हुए भारतीय रेलवे ने 61 अन्य स्थानों पर प्रधानमंत्री जन भारतीय औषधि केंद्र के स्टॉल खोलने का निर्णय लिया है। इनमें बिहार के आरा, हाजीपुर, समस्तीपुर, छपरा एवं भागलपुर स्टेशन शामिल हैं। जहां प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र खोले जाएंगे।
इन स्टेशनों पर प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र के स्टॉल खोलने के इच्छुक लोगों से निविदा आमंत्रित किए जा चुके हैं। चयनित निविदाकर्ता को अगस्त के पहले सप्ताह तक आउटलेट का निर्माण पूरा करते हुए सौंप दिया जाएगा। इस महत्वपूर्ण निर्णय से न केवल रोजगार के अवसर पैदा होंगे, बल्कि लोगों को सस्ती कीमतों पर दवाइयां भी मिलेगी।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्रों का उद्देश्य सभी लोगों, विशेषकर गरीबों और वंचितों के लिए किफायती मूल्य पर गुणवत्तापूर्ण दवाइयां उपलब्ध कराना है। जिससे स्वास्थ्य देखभाल में जेब से होने वाले खर्चे को कम किया जा सके। प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र के तहत विभिन्न उत्पादों में 1963 दवाइयां और 293 सर्जिकल उपकरण शामिल हैं, जो सभी प्रमुख चिकित्सीय समूहों जैसे कार्डियोवैस्कुलर, एंटी-कैंसर, एंटी-डायबिटिक्स, एंटी-इंफेक्टिव्स, एंटी-एलर्जिक, गैस्ट्रो-आंत्र संबंधी दवाइयां, न्यूट्रास्युटिकल्स आदि को कवर करते हैं। रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र में कई आयुर्वेदिक उत्पादों को भी शामिल किया गया है और यह लोगों के लिए सस्ती कीमतों पर आसानी से उपलब्ध हैं। 

 

आगामी बजट में सरकारी वेलफेयर योजनाओं के खर्च में हो सकती है बढ़ोतरी : रिपोर्ट
Posted Date : 26-Jun-2024 11:09:37 pm

आगामी बजट में सरकारी वेलफेयर योजनाओं के खर्च में हो सकती है बढ़ोतरी : रिपोर्ट

नई दिल्ली । केंद्र सरकार को आने वाले बजट में पूंजीगत व्यय और विकास के कार्यों को आगे बढ़ाने के लिए किसी भी प्रकार की आर्थिक मुश्किल का सामना नहीं करना पड़ेगा। इसकी वजह भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा सरकार को दिया गया लाभांश और टैक्स से आय में इजाफा होना है।
यह जानकारी वैश्विक ब्रोकरेज फर्म जेफरीज की रिपोर्ट में दी गई। जेफरीज का कहना है कि आने वाले बजट का अफोर्डेबल हाउसिंग, कंज्यूमर कंपनियों, कीमतों को लेकर संवेदनशील उद्योगों और पूंजीगत व्यय से प्रभावित होने वाली कंपनियों पर सकारात्मक असर होगा। हालांकि, आईटी और फार्मा उद्योग पर इस बजट का कोई असर नहीं होगा।
ब्रोकरेज फर्म ने कहा कि सरकार के पास अधिक पूंजीगत और सोशल खर्च के लिए 40 से 50 आधार अंक का फाइनेंशियल बफर मौजूद है।
रिपोर्ट में आगे कहा गया कि बढ़ता हुआ इनकम टैक्स कलेक्शन सरकार को टैक्स में छूट देने की अनुमति देता है। इससे करदाताओं को राहत मिल सकती है। इसके साथ ही खर्च बढऩे से आर्थिक गति को भी सहारा मिलेगा।
जेफरीज ने अपनी रिपोर्ट में दिए गए सुझावों में कहा है कि सरकार को शहरी घरों के लिए क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी स्कीम वापस लानी चाहिए। साथ ही पूंजीगत व्यय को 30,000 करोड़ रुपये बढ़ाना चाहिए।
जेफरीज ने उम्मीद जताई है कि इस बजट में सरकारी वेलफेयर योजनाओं के खर्च में 50,000 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी की जा सकती है। वहीं, उधारी के लक्ष्य को घटाया जा सकता है। इसके अलावा बजट में एफएंडओ ट्रेडिंग पर नकेल कसी जा सकती है। हालांकि, कैपिटल गेन टैक्स के रिजीम में कोई बदलाव नहीं होने की संभावना है।

 

शादियों का बाजार अब 130 अरब डॉलर के पार, जानिए शादी पर कितना खर्च करते है भारतीय
Posted Date : 26-Jun-2024 11:09:19 pm

शादियों का बाजार अब 130 अरब डॉलर के पार, जानिए शादी पर कितना खर्च करते है भारतीय

नई दिल्ली । भारतीय शादियां हमेशा एक भव्य आयोजन रही हैं और अब, एक भारतीय परिवार समारोहों पर औसतन 12 लाख रुपये (लगभग 14,500 डॉलर) से अधिक खर्च कर रहा है। जो प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद (2,900 डॉलर) का पांच गुना है। एक नई रिपोर्ट से पता चला है कि यह औसत वार्षिक घरेलू आय 4 लाख रुपये से तीन गुना से भी अधिक है। वैश्विक ब्रोकरेज जेफरीज के अनुसार, दुनियाभर में सबसे बड़े विवाह स्थल के रूप में पहचाने जाने वाले देश में हर साल कम से कम 80 लाख से 1 करोड़ शादियां हो रही हैं।
वित्त वर्ष 2023-2024 में, भारतीय विवाह बाजार 130 बिलियन डॉलर (लगभग 10 लाख करोड़ रुपये) तक पहुंच गया, जो खाद्य और किराना क्षेत्र खुदरा बाजार के कुल 681 बिलियन डॉलर के बाद दूसरे स्थान पर है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत का शादी पर खर्च से जीडीपी का अनुपात अन्य देशों की तुलना में काफी अधिक है। रिपोर्ट के अनुसार, भारत में शादियों का गहरा सांस्कृतिक महत्व है और इसमें बड़े पैमाने पर खर्च होता है, जो अक्सर आय के स्तर से अधिक होता है।
रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि वास्तव में, शादी से संबंधित खर्च 130 बिलियन डॉलर का है, जिसमें आभूषण, परिधान, इवेंट मैनेजमेंट, खानपान, मनोरंजन आदि सहित उत्पादों और सेवाओं की एक विस्तृत श्रृंखला शामिल है। जेफरीज के अनुसार, भारत का विवाह बाज़ार अमेरिका के बाज़ार (70 बिलियन डॉलर) के मुकाबले लगभग दोगुना है, लेकिन चीन का विवाह बाजार (170 बिलियन डॉलर) का है, जिससे भारत का बाजार छोटा है।

 

केंद्र सरकार ने शुरू की 96,238 करोड़ रुपये के टेलीकॉम स्पेक्ट्रम की नीलामी
Posted Date : 25-Jun-2024 9:17:02 am

केंद्र सरकार ने शुरू की 96,238 करोड़ रुपये के टेलीकॉम स्पेक्ट्रम की नीलामी

नई दिल्ली  । केंद्र सरकार ने मंगलवार को ऐलान किया कि टेलीकॉम सर्विसेज के लिए 96,238.45 करोड़ रुपये के स्पेक्ट्रम की नीलामी शुरू कर दी गई है।
संचार मंत्रालय द्वारा कहा गया कि इसमें अलग-अलग बैंड के 10,522.35 मेगाहर्ट्ज के स्पेक्ट्रम की नीलामी की जाएगी। इसका रिजर्व प्राइस 96,238.45 करोड़ रुपये रखा गया है।
इस नीलामी में 800 मेगाहर्ट्ज, 900 मेगाहर्ट्ज, 1800 मेगाहर्ट्ज, 2100 मेगाहर्ट्ज, 2300 मेगाहर्ट्ज, 2500 मेगाहर्ट्ज, 3300 मेगाहर्ट्ज और 26 गीगाहर्ट्ज बैंड के लिए बोलियां लगाई जाएंगी। ये नीलामी प्रक्रिया सुबह 10 बजे से शुरू हो गई है।
इस नीलामी प्रक्रिया में भारती एयरटेल, वोडाफोन आइडिया और रिलायंस जियो इन्फोकॉम भाग लेंगी।
1800 मेगाहर्ट्ज वाले बैंड का रिजर्व प्राइस 21,752.40 करोड़ रुपये रखा गया है। वहीं, 800 मेगाहर्ट्ज वाले बैंड का रिजर्व प्राइस 21,341.25 करोड़ रुपये रखा गया गया है।
मंत्रालय ने कहा कि यह सरकार की ओर से सभी नागरिकों को किफायती दर पर अच्छी गुणवत्ता की टेलीकॉम सर्विसेज उपलब्ध कराने की प्रतिबद्धता के अनुरूप है।
दूरसंचार विभाग की ओर से स्पेक्ट्रम की प्रक्रिया 8 मार्च को शुरू की गई थी।
स्पेक्ट्रम 20 वर्ष की अवधि के लिए दिया जाएगा। बोली जीतने वाली कंपनियों को अगले 20 वर्षों में 20 किस्तों में इसका भुगतान करना होगा। हालांकि, इस दौरान कंपनियों को एनपीवी पर 8.65 प्रतिशत का ब्याज देना होगा।
मंत्रालय ने कहा कि इस नीलामी में खरीदे गए स्पेक्ट्रम को कंपनी न्यूनतम 10 वर्ष बाद सरेंडर कर सकती है। साथ ही कोई स्पेक्ट्रम यूसेज चार्ज (एसयूसी) कंपनियों से नहीं लिया जाएगा।

 

ट्राई ने स्पैम कॉल और मैसेज रोकने के लिए टेलीकॉम कंपनियों को दिए निर्देश
Posted Date : 25-Jun-2024 9:16:46 am

ट्राई ने स्पैम कॉल और मैसेज रोकने के लिए टेलीकॉम कंपनियों को दिए निर्देश

नई दिल्ली  । मोबाइल फोन पर स्पैम कॉल और मैसेज रोकने के लिए सरकार की ओर से टेलीकॉम सेवा प्रदाताओं को नए निर्देश जारी किए गए हैं।
टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) की ओर से टेलीकॉम सेवा प्रदाता कंपनियों को अपने मोबाइल ऐप और वेब पोर्टल को अधिक यूजर फ्रेंडली बनाने को कहा गया है जिससे अनचाही कमर्शियल कम्युनिकेशन (यूसीसी) की आसानी से शिकायत दर्ज कराई जा सके।
ट्राई के दिए निर्देश के अनुसार अब टेलीकॉम ऑपरेटरों को अपने मोबाइल एप्लीकेशन और वेबसाइट में यूसीसी की शिकायत दर्ज कराने का विकल्प देना होगा।
ट्राई ने कहा है कि शिकायत दर्ज के लिए जरूरी जानकारी ऑटोमेटिक रूप से भरी जानी चाहिए। अगर यूजर अपने कॉल लॉग और अन्य जरूरी डेटा तक पहुंच की अनुमति देता है।
ट्राई ने परफॉरमेंस मॉनिटरिंग रिपोर्ट फॉर्मेट्स (पीएमआरएस) में बदलाव लागू कर दिए हैं। अब सभी मोबाइल सेवा प्रदाता कंपनियों को मासिक आधार पर पीएमआर जमा कराने होंगे। पहले यह तिमाही आधार पर जमा करना होता था।
इस महीने की शुरुआत में ट्राई की ओर से 160 मोबाइल फोन सीरीज को आरबीआई, सेबी, आईआरडीएआई और पीएफआरडीए का विनियमित इकाइयों के लिए सर्विस वॉइस कॉल करने के लिए आवंटित किया गया था, जिससे फ्रॉड करने वालों से नागरिकों को बचाया जा सके। जैसे ही यह 160 मोबाइल फोन नंबरों की सीरीज लागू हो जाएगी, आसानी से कॉल करने वाली कंपनियों की पहचान की जा सकेगी।
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