आज के मुख्य समाचार

अगले तीन दिनों में राज्यों को मिलेगी कोरोना की अतिरिक्त डोज
Posted Date : 25-Jun-2021 4:25:41 pm

अगले तीन दिनों में राज्यों को मिलेगी कोरोना की अतिरिक्त डोज

नई दिल्ली ,25 जून । देशव्यापी टीकाकरण अभियान के हिस्से के रूप में केंद्र सरकार राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को नि:शुल्क कोविड वैक्सीन प्रदान करके उन्हें समर्थन दे रही है और  कोरोना टीके की 47 लाख  से अधिक डोज तैयार हैं जो अगले तीन दिनों के भीतर राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को मिल जायेंगी।
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार केंद्र सरकार देश भर में कोविड-19 टीकाकरण का दायरा बढ़ाने और टीके लगाने की गति को तेज करने के लिये प्रतिबद्ध है। कोविड-19 के टीकों की सर्व-उपलब्धता का नया चरण 21 जून, 2021 से शुरू किया गया है। टीकाकरण अभियान को अधिक से अधिक वैक्सीन की उपलब्धता के जरिये बढ़ाया गया।
इसके तहत राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को वैक्सीन की उपलब्धता के बारे में पूर्व सूचना प्रदान की गई, ताकि वे बेहतर योजना के साथ टीके लगाने का बंदोबस्त कर सकें और टीके की आपूर्ति श्रृंखला को दुरुस्त किया जा सके। टीकों की सर्व-उपलब्धता के नये चरण में, केंद्र सरकार वैक्सीन निमार्ताओं  से 75 प्रतिशत टीके खरीदकर उन्हें राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को  नि:शुल्क प्रदान करेगी।
केंद्र सरकार द्वारा निशुल्क और राज्यों द्वारा सीधी खरीद व्यवस्था के तहत अब तक वैक्सीन की 3054 करोड़ से अधिक (30,54,32,450) डोज राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को प्रदान की गई हैं। शुक्रवार सुबह आठ बजे तक उपलब्ध आंकड़ों के हिसाब से उपरोक्त डोज में से बेकार हो जाने वाली डोज को मिलाकर कुल 29,04,04,264 डोज की खपत हो चुकी है। अभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के पास कोविड-19 टीके की 1.50 करोड़ से अधिक (1,50,28,186) डोज बची हैं और इस्तेमाल नहीं हुई हैं, जिन्हें लगाया जाना है। इसके अलावा, टीके की 47 लाख से अधिक डोज तैयार हैं और अगले तीन दिनों के भीतर राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को मिल जायेंगी।अगले तीन दिनों में राज्यों को मिलेगी कोरोना की अतिरिक्त डोज
नई दिल्ली ,25 जून । देशव्यापी टीकाकरण अभियान के हिस्से के रूप में केंद्र सरकार राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को नि:शुल्क कोविड वैक्सीन प्रदान करके उन्हें समर्थन दे रही है और  कोरोना टीके की 47 लाख  से अधिक डोज तैयार हैं जो अगले तीन दिनों के भीतर राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को मिल जायेंगी।
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार केंद्र सरकार देश भर में कोविड-19 टीकाकरण का दायरा बढ़ाने और टीके लगाने की गति को तेज करने के लिये प्रतिबद्ध है। कोविड-19 के टीकों की सर्व-उपलब्धता का नया चरण 21 जून, 2021 से शुरू किया गया है। टीकाकरण अभियान को अधिक से अधिक वैक्सीन की उपलब्धता के जरिये बढ़ाया गया।
इसके तहत राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को वैक्सीन की उपलब्धता के बारे में पूर्व सूचना प्रदान की गई, ताकि वे बेहतर योजना के साथ टीके लगाने का बंदोबस्त कर सकें और टीके की आपूर्ति श्रृंखला को दुरुस्त किया जा सके। टीकों की सर्व-उपलब्धता के नये चरण में, केंद्र सरकार वैक्सीन निमार्ताओं  से 75 प्रतिशत टीके खरीदकर उन्हें राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को  नि:शुल्क प्रदान करेगी।
केंद्र सरकार द्वारा निशुल्क और राज्यों द्वारा सीधी खरीद व्यवस्था के तहत अब तक वैक्सीन की 3054 करोड़ से अधिक (30,54,32,450) डोज राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को प्रदान की गई हैं। शुक्रवार सुबह आठ बजे तक उपलब्ध आंकड़ों के हिसाब से उपरोक्त डोज में से बेकार हो जाने वाली डोज को मिलाकर कुल 29,04,04,264 डोज की खपत हो चुकी है। अभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के पास कोविड-19 टीके की 1.50 करोड़ से अधिक (1,50,28,186) डोज बची हैं और इस्तेमाल नहीं हुई हैं, जिन्हें लगाया जाना है। इसके अलावा, टीके की 47 लाख से अधिक डोज तैयार हैं और अगले तीन दिनों के भीतर राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को मिल जायेंगी।

जम्मू-कश्मीर में 26 साल बाद परिसीमन करा रही है नरेंद्र मोदी सरकार
Posted Date : 25-Jun-2021 4:14:45 pm

जम्मू-कश्मीर में 26 साल बाद परिसीमन करा रही है नरेंद्र मोदी सरकार

नई दिल्ली ,25 जून । जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक दलों के 14 नेताओं से मुलाकात के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने नए बने केंद्र शासित प्रदेश में परिसीमन को जरूरी बताया है। उन्होंने कहा कि हमारी प्राथमिकता यह है कि जम्मू-कश्मीर में जमीनी तौर पर लोकतंत्र को मजबूत किया जाए। इसके लिए परिसीमन तेजी से कराए जाने की जरूरत है ताकि चुनाव हो सकें और जम्मू-कश्मीर को चुनी हुई सरकार मिल सके। इससे विकास में भी तेजी आ सकेगी।
पीएम की इस मीटिंग से पहले ही इस बात के कयास लगाए जा रहे थे कि मोदी सरकार की ओर से परिसीमन का एजेंडा रखा जा सकता है। बता दें कि परिसीमन आयोग का सरकार की ओर से पहले ही गठन किया जा चुका है और उसने नए बने केंद्र शासित प्रदेश का सर्वे शुरू कर दिया है। जनसंख्या के आधार पर समय-समय पर विधानसभा और लोकसभा सीटों का परिसीमन किया जाता है। इसके तहत विधानसभा और लोकसभा सीटों के क्षेत्र का पुनर्गठन होता है। आबादी और क्षेत्रफल के अनुसार यह होता है। यह काम परिसीमन आयोग की ओर से किया जाता है और उसके फैसले को किसी कोर्ट में चुनौती नहीं दी जा सकती। इसे जनगणना के नवीनतम आंकड़ों के आधार पर किया जाता है ताकि सभी सीटों का बंटावारा व्यवहारिक हो। सीटों के क्षेत्रफल के अलावा इसके चलते कई बार राज्य में विधानसभा या लोकसभा की सीटों में भी बदलाव हो जाता है।
जम्मू-कश्मीर में कब हुआ था आखिरी बार परिसीमन
जम्मू-कश्मीर की लोकसभा सीटों का परिसीमन तो पूरे देश के साथ ही होता रहा है, लेकिन विधानसभा सीटों का परिसीमन आखिरी बार 1995 में हुआ था। इसकी वजह यह थी कि आर्टिकल 370 लागू होने के चलते प्रदेश की विधानसभा का परिसीमन राज्य के संविधान के तहत तय होता था। वहीं लोकसभा सीटों के परिसीमन के लिए भारतीय संविधान ही लागू होता था। जम्मू-कश्मीर में आजादी के बाद से अब तक तीन बार 1963, 1973 और 1995 में ही विधानसभा सीटों का परिसीमन हुआ था। आखिरी बार 1995 में जब परिसीमन हुआ था, तब राज्य में गवर्नर रूल था और 1981 की जनगणना के आंकड़ों के आधार पर किया गया था। राज्य में 1991 में जनगणना ही नहीं हुई थी और फिर 2001 की जनगणना के बाद कोई परिसीमन नहीं हुआ। यहां तक विधानसभा से एक प्रस्ताव को मंजूरी दी गई थी, जिसमें परिसीमन पर 2026 तक के लिए रोक की बात थी।
जम्मू-कश्मीर में परिसीमन के बाद क्या बदलेगा
राज्य की विधानसभा सीटों के परिसीमन पर रोक के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने भी बरकरार रखा था। लेकिन अब 5 अगस्त, 2019 में आर्टिकल 370 हटाए जाने और राज्य के पुनर्गठन के बाद नए नियम लागू हैं और उसके तहत परिसीमन कभी भी केंद्र सरकार द्वारा कराया जा सकता है। राज्य के पुनर्गठन से पहले कुल 111 विधानसभा सीटें थीं, जिनमें से 46 कश्मीर में थीं और 37 सीटें जम्मू के पास थीं। वहीं लद्दाख में 4 सीटें आती थीं। इसके अलावा 24 सीटें पीओके के लिए आरक्षित थीं। विधानसभा सीटों के इस बंटवारे को लेकर बीजेपी समेत कई राजनीतिक दल आपत्ति जताते रहे हैं। उनका कहना था कि इसके तहत जम्मू में कम सीटें आती हैं, जबकि वहां आबादी कश्मीर के मुकाबले अधिक है। इसीलिए अब कहा जा रहा है कि नए परिसीमन के बाद कश्मीर के मुकाबले जम्मू में सीटें अधिक हो सकती हैं।
परिसीमन आयोग का कब हुआ गठन और कौन हैं शामिल
केंद्र सरकार की ओर से 6 मार्च, 2020 को जम्मू-कश्मीर में परिसीमन के लिए आयोग का गठन किया गया था। इसकी अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज रंजन प्रकाश देसाई कर रहे हैं। इस आयोग को परिसीमन के लिए एक साल का समय दिया गया था, लेकिन कोरोना संकट के चलते इसे एक साल के लिए और बढ़ाया गया है। जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक के मुताबिक राज्य में केंद्र शासित प्रदेश में 107 से 114 सीटें हो सकती हैं। इससे यह माना जा रहा है कि जम्मू क्षेत्र को फायदा होगा। आयोग में देसाई के अलावा चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा, जम्मू-कश्मीर के चुनाव आयुक्त केके शर्मा को शामिल किया गया है। इसके अलावा आयोग में 5 एसोसिएट मेंबर भी हैं। इनमें फारूक अब्दुल्ला, मोहम्मद अकबर लोन, हसनैन मसूदी, केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह और बीजेपी के नेता जुगल किशोर शर्मा शामिल हैं।

नारद केस : सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश को किया रद्द
Posted Date : 25-Jun-2021 4:12:57 pm

नारद केस : सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश को किया रद्द

0- ममता को आवेदन दाखिल करने के दिए निर्देश
नई दिल्ली ,25 जून । सुप्रीम कोर्ट ने नारद मामले को स्थानांतरित करने की सीबीआई की अर्जी पर दाखिल किए गए पश्चिम बंगाल राज्य, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और कानून मंत्री मलय घटक के जवाबी हलफनामे स्वीकार नहीं करने का कलकत्ता उच्च न्यायालय आदेश शुक्रवार को रद्द कर दिया। न्यायमूर्ति विनीत शरण और न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी की आवकाशकालीन पीठ ने उच्च न्यायालय के कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजेश बिंदल की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय पीठ से आग्रह किया कि सीबीआई की याचिका पर फैसला करने से पहले पश्चिम बंगाल राज्य, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और कानून मंत्री मलय घटक के आवेदनों पर नए सिरे से विचार करे।
शीर्ष अदालत तीन अपीलों पर सुनवाई कर रही थी जिसमें नारद स्टिंग से जुड़े मामले में सीबीआई द्वारा 17 मई को तृणमूल कांग्रेस के चार नेताओं की गिरफ्तारी के दिन मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और कानून मंत्री मलय घटक की भूमिका पर उन्हें हलफनामे दाखिल करने की अनुमति देने से कलकत्ता उच्च न्यायालय के इनकार के खिलाफ राज्य सरकार की अपील भी शामिल है। कोर्ट ने ममता, पश्चिम बंगाल सरकार और कानून मंत्री को हाईकोर्ट में नया आवेदन दाखिल करने को कहा। आरोप लगाया गया है कि राज्य के सत्तारूढ़ दल के नेताओं ने मामले में चारों नेताओं की गिरफ्तारी के बाद सीबीआई को अपना वैधानिक कर्तव्य निभाने में अड़चन डालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी थी। उच्च न्यायालय के आदेश पर सीबीआई ने नारद स्टिंग मामले में मंत्री सुब्रत मुखर्जी और फरहाद हकीम, तृणमूल कांग्रेस के विधायक मदन मित्रा और कोलकाता के पूर्व महापौर शोभन चटर्जी को गिरफ्तार किया था।

ईडी ने आदर्श समूह, रिद्धि सिद्धि ग्रुप की 365.94 करोड़ रुपये की संपत्ति की कुर्क
Posted Date : 25-Jun-2021 4:12:23 pm

ईडी ने आदर्श समूह, रिद्धि सिद्धि ग्रुप की 365.94 करोड़ रुपये की संपत्ति की कुर्क

नई दिल्ली ,25 जून । प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आज कहा कि एजेंसी ने आदर्श ग्रुप ऑफ कंपनीज, फर्मो, एलएलपी, रिद्धि सिद्धि ग्रुप ऑफ कंपनीज, फर्मो, एओपी और अन्य की 365.94 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की है। ईडी ने कहा कि संलग्न अचल और चल संपत्ति राजस्थान, हरियाणा और नई दिल्ली में स्थित कृषि, आवासीय, वाणिज्यिक भूमि पार्सल और सावधि जमा, बचत बैंक खातों में शेष राशि के रूप में है।
ईडी ने विशेष अभियान समूह, राजस्थान पुलिस द्वारा मुकेश मोदी, राहुल मोदी और आदर्श समूह के अन्य लोगों, आदर्श क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड (एसीसीएसएल) के अधिकारियों और अन्य निजी व्यक्तियों के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी के आधार पर मामला दर्ज किया।
अधिकारी ने कहा कि ईडी द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग की जांच से पता चला है कि मुकेश मोदी ने अपने रिश्तेदारों वीरेंद्र मोदी, राहुल मोदी, रोहित मोदी, आदि के साथ मिलीभगत की और सोसायटी के अधिकारियों सहित सहयोगियों ने एसीसीएसएल से जमाकतार्ओं के धन को इंटर लिंक्ड धोखाधड़ी लेनदेन के माध्यम से निकाल दिया।
उन्होंने कहा कि मुकेश मोदी, उनके रिश्तेदारों और सहयोगियों ने कई कंपनियों, फर्मों, एलएलपी को एसीसीएसएल से धोखाधड़ी वाले ऋणों का लाभ उठाकर उनके रियल एस्टेट कारोबार में पैसा लगाने के एकमात्र उद्देश्य के लिए शामिल किया।
उन्होंने कहा, मुकेश मोदी ने इन कंपनियों में एसीसीएसएल से शेयर पूंजी के रूप में भारी आय का भी उपयोग किया। इसके अलावा, बड़ी राशि को अपने स्वयं के रिश्तेदारों और कंपनियों / फर्मों को अधिक वेतन, प्रोत्साहन और कमीशन के माध्यम से हटा दिया गया था। मुकेश मोदी और अन्य ने समाज को भारी नुकसान पहुंचाया और 20 लाख निवेशकों को उनकी जीवन भर की बचत से वंचित कर दिया।
इससे पहले ईडी ने सात अक्टूबर 2019 को छह राज्यों में 1,489.03 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की थी।
ईडी ने इस साल 31 मार्च को पीएमएलए अधिनियम के तहत एक विशेष अदालत के समक्ष एक आरोप पत्र भी दायर किया, जिसमें 124 आरोपियों के खिलाफ मुकदमा चलाने के साथ-साथ इन संपत्तियों को जब्त करने का अनुरोध किया गया था।
अधिकारी ने कहा कि ईडी द्वारा अब तक की गई जांच के परिणाम के आधार पर, अपराध की कुल प्रक्रिया (पीओसी) से 3,830 करोड़ रुपये का पता चला है, जिसमें से ईडी ने आदर्श ग्रुप ऑफ कंपनीज, रिद्धि सिद्धि ग्रुप ऑफ कंपनीज, वीरेंद्र मोदी ग्रुप ऑफ कंपनीज और अन्य से अब तक की 1,854.97 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की है।

31 जुलाई तक सभी राज्य 12वीं बोर्ड का रिजल्ट जारी करें : सुप्रीम कोर्ट
Posted Date : 25-Jun-2021 5:41:30 am

31 जुलाई तक सभी राज्य 12वीं बोर्ड का रिजल्ट जारी करें : सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली ,24 जून । सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सीबीएसई की तर्ज पर राज्य 10 जिन के भीतर इंटर्नल असेसटमेंट पॉलिसी जारी करें और 31 जुलाई तक नतीजे घोषित करें। इसी बीच 12वीं बोर्ड की परीक्षा आयोजित कराने पर अड़ी आंध्र सरकार को कोर्ट ने कहा कि वह तब तक परीक्षा आयोजित करने की अनुमति नहीं देगा, जब तक यह सुनिश्चित नहीं हो जाए कि इन परीक्षाओं की वजह से 5.2 लाख छात्रों की जान को खतरा नहीं होगा। सुनवाई खत्म होने पर सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्य बोर्डों को आज से 10 दिनों के भीतर मूल्यांकन के लिए योजना को अधिसूचित करने और 31 जुलाई तक आंतरिक मूल्यांकन का परिणाम घोषित करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही सीबीएसई और आईसीएसई की तरह निर्दिष्ट समयरेखा बनाने को कहा है। यानी 4 जुलाई के आस-पास सभी राज्य के शिक्षा बोर्डों द्वारा कक्षा 12वीं के छात्रों का परिणाम घोषित करने के लिए तैयार की गई मूल्यांकन नीति का विवरण जारी कर दिया जाएगा। दरअसल ज्यादातर राज्यों में 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा रद्द की जा चुकी है। लेकिन आंध्र प्रदेश सरकार 12वीं बोर्ड की परीक्षा आयोजित करने को लेकर अड़ी हुई है। मामले की सुनवाई अब सुप्रीम कोर्ट में हो रही है। शीर्ष अदालत ने राज्य सरकार को सख्त लहजे में चेतावनी देते हए कहा कि अगर एक भी बच्चे को कुछ हुआ तो राज्य सरकार को इसका खामियाजा भुगताना पड़ेगा। कोर्ट ने कहा कि अगर किसी की भी मौत हुई है तो राज्य सरकार को 1 करोड़ का मुआवजा चुकाना पड़ सकता है। 

आईएमडी ने दी चेतावनी, कुछ राज्यों में भारी से अति भारी वर्षा होने का लगाया अनुमान
Posted Date : 25-Jun-2021 5:41:09 am

आईएमडी ने दी चेतावनी, कुछ राज्यों में भारी से अति भारी वर्षा होने का लगाया अनुमान

नई दिल्ली ,24 जून । भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के राष्ट्रीय मौसम पूर्वानुमान केंद्र अनुसार, छत्तीसगढ़ में एक-दो स्थानों पर भारी से अति भारी वर्षा होने का अनुमान है। पूर्वी उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, विदर्भ, झारखंड, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, ओडिशा, अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, गुजरात के पूर्वी क्षेत्रों, मध्य महाराष्ट्र, कोंकण और गोवा, तटीय आंध्र प्रदेश और यनम, तेलंगाना, तमिलनाडु, पुडुचेरी, कराईकल, केरल और माहे में भी एक-दो जगहों पर तेज़ वर्षा होने के आसार हैं।
हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में एक-दो स्थानों पर बादलों की तेज़ गर्जना के साथ बिजली गिरने और 50 से 60 किमी प्रति घंटे की गति से आंधी और तूफान चलने की आशंका है। पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और दिल्ली में भी एक-दो स्थानों पर बिजली कडक़ने तथा 40 से 50 किमी प्रति घंटे की गति से आँधी चल सकती है। जम्मू और कश्मीर, लद्दाख, गिलगित-बाल्टिस्तान और मुजफ्फराबाद, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और अंडमान व निकोबार द्वीप समूह में एक-दो स्थानों पर बिजली कडक़ने और 30 से 40 किमी प्रति घंटे की गति तेज़ हवाएँ चलने का अनुमान है। पूर्वी उत्तर प्रदेश, पूर्वी राजस्थान मध्य प्रदेश, विदर्भ, छत्तीसगढ़, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, सिक्किम, ओडिशा, अरुणाचल प्रदेश, असम,मेघालय, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम,त्रिपुरा और तटीय आंध्र प्रदेश, यनम, तेलंगाना, रायलसीमा, केरल, माहे,तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल में एक-दो स्थानों पर बिजली कडक़ने की घटनाएँ हो सकती हैं। पश्चिमी राजस्थान में एक-दो स्थानों पर गरज के साथ 30 से 40 किमी प्रति घंटे की गति से धूल भरी आंधी चलने की संभावना है।
गुजरात के तटों से सटे उत्तर-पूर्वी अरब सागर और दक्षिण-पश्चिमी तथा पश्चिमी-मध्यअरब सागर में 40 से 50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएँ चल सकती हैं। आंध्र प्रदेश के तटों से सटे बंगाल की खाड़ी पश्चिमी-मध्य भागों में भी 40-50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएँ चल सकती हैं। दोनों समुद्री क्षेत्रों में हवाओं की गति 60 किमी प्रति घंटे तक जा सकती है। मछुआरों को इन क्षेत्रों में मछली पकडऩे के लिए न जाने की सलाह दी जाती है।
अधिक जानकारी के लिए कृपया 222.द्बद्वस्र.द्दश1.द्बठ्ठ पर लॉग ऑन करें या दिये गए फोन नंबरों पर संपर्क करें: +91 11 24631913, 24643965, 24629798 (1875 से राष्ट्र की सेवा में समर्पित)
स्थान आधारित विशिष्ट मौसम पूर्वानुमान और चेतावनी के लिए मौसम ऐप, कृषि-मौसम सलाह के लिए मेघदूत ऐप, और बिजली गिरने संबंधी चेतावनी जानने के लिए दामिनी ऐप डाउनलोड करें। जिलेवार मौसम पूर्वानुमान और चेतावनी के लिए राज्यों के मौसम कार्यालय/क्षेत्रीय मौसम कार्यालय की वेबसाइट पर लोग ऑन करें।