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भारत ने नेट जीरो लक्ष्य की ओर बढ़ाया कदम, नीति आयोग ने शुरू किया ट्रांजिशन योजना बनाने का काम
Posted Date : 01-Jul-2024 11:47:36 am

भारत ने नेट जीरो लक्ष्य की ओर बढ़ाया कदम, नीति आयोग ने शुरू किया ट्रांजिशन योजना बनाने का काम

नईदिल्ली। भारत के 2070 तक ‘नेट जीरो’ अर्थव्यवस्था बनने की घोषणा के तीन साल बाद इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए नीति बनाने का काम शुरू हो गया है। नीति आयोग ने भारतीय अर्थव्यवस्था को जीरो-कार्बन लक्ष्य हासिल करने में मदद करने के लिए ट्रांजिशन योजना तैयार करने हेतु विशेष रूप से विभिन्न क्षेत्रों की समितियों का गठन किया है।
नीति आयोग ने इस साल अप्रैल में कार्यालय ज्ञापन में कहा था, ‘यूएनएफसीसीसी में जलवायु परिवर्तन पर भारत की प्रतिबद्धता, विकास की जरूरतों और 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने को ध्यान में रखते हुए ये कार्यसमूह गठित किए हैं। इस कार्यसमूह का उद्देश्य चुनौतियों की पहचान करना, विकास की राह तैयार करना और जलवायु परिवर्तन के विभिन्न पहलुओं पर नीतिगत कार्रवाई का सुझाव देना है।’
इस ज्ञापन का शीर्षक है- नेट जीरो पर राष्ट्रीय संकल्प को पूरा करने के लिए मार्ग विकसित करने और इसे प्राप्त करने के लिए रणनीतियों एवं हस्तक्षेपों का प्रस्ताव करने के लिए अंतर मंत्रालय कार्यसमूह का गठन। इन कार्यसमूह में वर्तमान और पूर्व सरकारी अधिकारियों, क्षेत्र के नियामकों, फाइनैंसरों, विशेषज्ञों, शिक्षाविद, उद्योग के प्रतिनिधियों को शामिल किया गया है।
वर्ष 2021 में भारत उन चुनिंदा देशों में शामिल हुआ था जिन्होंने नेट कार्बन जीरो अर्थव्यवस्था बनने के लिए लक्ष्य वर्ष निर्धारित किया है। ब्रिटेन के ग्लासगो में आयोजित कॉप26 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के लिए पांच आयामी ‘पंचमित्र’ जलवायु कार्रवाई का लक्ष्य दिया था और अमेरिका, ब्रिटेन तथा चीन की तर्ज पर 2070 तक नेट जीरो लक्ष्य हासिल करने की प्रतिबद्धता जताई थी।
उस समय प्रधानमंत्री ने जिन पांच लक्ष्यों का जिक्र किया था उनमें 500 गीगावाट का गैर-जीवाश्म क्षमता विकसित करना और 2030 तक नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों से 50 फीसदी ऊर्जा जरूरतों को पूरा करना, कार्बन उत्सर्जन को 1 अरब टन तक घटना और कुल कार्बन इन्वेंट्री में 45 फीसदी तक कमी लाना शामिल है।
‘पंचमित्र’ के चार अन्य लक्ष्य मूर्त हैं और उनमें उल्लेखनीय प्रगति देखी गई है। यह पहला मौका है जब नेट जीरो लक्ष्य की दिशा में नीति के स्तर पर हस्तक्षेप शुरू किया गया है। नीति आयोग ने 6 कार्यसमूहों का गठन किया है जो नीति प्रारूप, कामकाज के तरीकों और बुनियादी क्षेत्रों के लिए इसे अपनाने का मार्ग प्रशस्त करेंगे।
स्वच्छ ऊर्जा को अपनाने में वृहद आर्थिक प्रभाव, जलवायु फानैंस, महत्त्वपूर्ण खनिजों – शोध एवं विकास और घरेलू विनिर्माण तथा आपूर्ति श्रृंखला, ऊर्जा ट्रांजिशन के सामाजिक पहलुओं, नीति सारांश और परिवहन, उद्योग, इमारतों, बिजली तथा कृषि के लिए 6 क्षेत्रीय कार्यसमूह गठित किए गए हैं।
इन समूहों की रिपोर्ट का नीति आयोग मिलान करेगा और एक समेकित रिपोर्ट तैयार की जाएगी। सभी समूहों को अक्टूबर तक अपनी कार्ययोजना सौंपने के लिए कहा गया है। आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि नीति आयोग की रिपोर्ट जलवायु अनुकूल नीतियों का मसौदा तैयार करने के लिए सभी मंत्रालयों के लिए नीति पुस्तिका बनेगी।
नीति आयोग के ज्ञापन के अनुसार वृहद आर्थिक कार्यसमूह सकल घरेलू उत्पाद, चालू खाते का घाटा, राजकोषीय घाटा, रोजगार, कर राजस्व आदि पर नेट जीरो के असर का मूल्यांकन करेगा और सतत विकास लक्ष्यों के अनुरूप मौद्रिक और वित्तीय नीतियों की सिफारिश करेगा।
नीति आयोग के सदस्य अरविंद विरमानी की अध्यक्षता वाले इस समूह में आर्थिक मामलों का विभाग, पर्यावरण, बिजली, पेट्रोलियम, श्रम एवं रोजगार मंत्रालयों के प्रतिनिधि शामिल हैं। इसके साथ ही इसमें इक्रियर, मैकिंजी, टेरी, आईआईएम-अहमदाबाद, आईआरएडीई, सीईईडब्ल्यू के प्रतिनिधि भी शामिल हैं।
इसी तरह जलवायु फाइनैंस पर कार्यसमूह विभिन्न क्षेत्रों में स्वच्छ ऊर्जा को अपनाने और कार्बन उत्सर्जन को कम करने में भारत के लिए जलवायु फाइनैंस की जरूरतों का अनुमान लगाएगा। नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी की अध्यक्षता वाले इस समूह में वित्त मंत्रालय और एडीबी, विश्व बैंक जैसी बहुतराष्ट्रीय वित्तीय एजेंसियों एवं मूडीज जैसी रेटिंग एजेंसियों के सदस्य शामिल हैं।

लागू हुए तीन नए कानून, तीन साल के भीतर न्याय, मॉब लिंचिंग के लिए भी प्रावधान
Posted Date : 01-Jul-2024 11:47:10 am

लागू हुए तीन नए कानून, तीन साल के भीतर न्याय, मॉब लिंचिंग के लिए भी प्रावधान

नई दिल्ली। भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम सोमवार से देश में लागू हो गए।
गृह मंत्रालय के मुताबिक, इस बदलाव से एक ऐसी प्रणाली स्थापित होगी जिससे तीन साल में किसी भी पीडि़त को न्याय मिल सकेगा। तीनों कानून संसद ने पिछले साल शीतकालीन सत्र में पारित किए थे। नए कानून देश में ब्रिटिश राज से चले आ रहे इंडियन पीनल कोड (आईपीसी), दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) और एविडेंस एक्ट की जगह आए हैं।
नए कानून में बलात्कार के लिए धारा 375 और 376 की जगह धारा 63 होगी। सामूहिक बलात्कार की धारा 70 होगी। हत्या के लिए धारा 302 की जगह धारा 101 होगी। लोकसभा ने इन तीनों विधेयकों को 20 दिसंबर और राज्यसभा ने 21 दिसंबर को पारित किया था।
भारतीय न्याय संहिता, 2023 में 21 नए अपराधों को जोड़ा गया है। इसमें एक नया अपराध मॉब लिंचिंग का भी है। इसके अलावा 41 विभिन्न अपराधों में सजा बढ़ाई गई है, 82 अपराधों में जुर्माना बढ़ा है, 25 अपराध ऐसे हैं जिनमें न्यूनतम सजा की शुरुआत की गई है। छह अपराधों में सामुदायिक सेवा को दंड के रूप में स्वीकार किया गया है और 19 धाराओं को निरस्त किया गया है।
इसी तरह भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 2023 के अंतर्गत 170 धाराएं होंगी। कुल 24 धाराओं में बदलाव किया है। नई धाराएं और उपाधाराए जोड़ी गई हैं।
सरकार का मानना है कि नए कानून लागू होने से न्याय जल्दी मिलेगा और तय समय के अंदर चार्जशीट फाइल हो सकेगी। साक्ष्य जुटाने के लिए 900 फॉरेंसिक वैन देशभर के 850 पुलिस थानों के साथ जोड़ी जा रही हैं। गरीबों के लिए न्याय महंगा नहीं होगा।
गृह मंत्रालय के मुताबिक नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 में नौ नए सेक्शन और 39 नए सब सेक्शन जोड़े गए हैं। इसके अलावा 44 नई व्याख्याएं और स्पष्टीकरण जोड़े हैं और 14 धाराओं को निरस्त किया है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ये विधेयक संसद में रखे थे, जिन्हें ध्वनिमत से पारित किया गया। पिछले साल 25 दिसंबर को राष्ट्रपति ने इन्हें मंजूरी दी थी।
विधेयक पर चर्चा के दौरान केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में कहा था कि विधेयक का उद्देश्य दंड देना नहीं है, इसका उद्देश्य न्याय देना है। उन्होंने कहा था कि इन विधेयकों की आत्मा भारतीय है। व्यास, बृहस्पति, कात्यायन, चाणक्य, वात्स्यायन, देवनाथ ठाकुर, जयंत भट्ट, रघुनाथ शिरोमणि अनेक लोगों ने जो न्याय का सिद्धांत दिया है उसको इसमें उतारा गया है।
सरकार का मानना है कि यह कानून स्वराज की और बड़ा कदम है। गृह मंत्री ने महात्मा गांधी का जिक्र करते हुए कहा था कि गांधी जी ने शासन परिवर्तन की लड़ाई नहीं लड़ी, उन्होंने स्वराज की लड़ाई लड़ी थी। ये कानून लागू होने से तारीख पर तारीख का जमाना चला जाएगा। तीन साल में किसी भी पीडि़त को न्याय मिल जाए ऐसी न्याय प्रणाली इस देश के अंदर प्रतिस्थापित होगी।
उन्होंने कहा कि इस बिल में इतनी दूरदर्शिता रखी गई है कि आज मौजूद सारी तकनीक से लेकर आने वाले सौ वर्षों की तकनीक, सभी को सिर्फ नियमों में परिवर्तन करके समाहित किया जा सकेगा।
इसमें राजद्रोह कानून के अंग्रेजी प्रावधान को समाप्त कर दिया गया है। सरकार के खिलाफ कोई भी बोल सकता है, लेकिन देश के खिलाफ अब नहीं बोल सकते हैं। देश के खिलाफ बोलने या साजिश करने पर सजा का प्रावधान किया गया है।

 

भारत ने विकसित किया दुनिया का सबसे खतरनाक विस्फोटक, चंद सेकंड में मचा देगा तबाही
Posted Date : 01-Jul-2024 11:46:51 am

भारत ने विकसित किया दुनिया का सबसे खतरनाक विस्फोटक, चंद सेकंड में मचा देगा तबाही

नईदिल्ली। भारत रक्षा क्षेत्र में लगातार नई उपब्धियां हासिल कर रहा है. इसके साथ ही भारत रक्षा उत्पादन में भी पड़ोसी देशों को पीछे छोड़ता जा रहा है. इस बीच भारत ने एक ऐसा विस्फोटक पदार्थ तैयार किया है जो ट्राइनाइट्रोटॉल्विन से दोगुना ज्यादा घातक है. जिसे सेबेक्स 2 नाम दिया गया है. जिसे दुनिया के सबसे ताकतवर गैर-परमाणु विस्फोटकों में से एक माना जा रहा है. 
इस विस्फोटक के इस्तेमाल से  बमों, आर्टिलरी शेल्स और वारहेड्स की क्षमता में कई गुना बढ़ा देगा. यही नहीं इस नए विस्फोटक का वजन भी काफी कम है. सेबेक्स-2 के फॉर्म्युलेशन को भारतीय नौसेना ने सोमवार को टेस्टिंग के बाद सर्टिफाई भी कर दिया है.
इस विस्फोटक की भारतीय नौसेना के डिफेंस एक्सपोर्ट प्रमोशन स्कीम के तहत टेस्टिंग की गई है. इस विस्फोटक के इस्तेमाल से वर्तमान हथियारों की क्षमता में कई गुना की बढ़ोतरी होगी. यही नहीं भारत द्वारा विकसित कि गए इस विस्फोट को दुनियाभर की सेनाएं इस्तेमाल करने के लिए आगे आएंगी. बता दें कि इस इस विस्फोटक को मेक इन इंडिया के तहत, इकॉनोमिक एक्सपलोसिव लिमिटेड ने विकसित किया है.
बता दें कि किसी विस्फोटक की क्षमता या उसकी ताकत को टीएनटी से तुलना कर आंकी जाती है. टीएनटी का मतलब ट्राइनाइट्रोटॉल्विन है जो दुनिया का सबसे लोकप्रिय और ताकतवर विस्फोटक है. एक ग्राम टीएनटी के विस्फोट में निकलने वाली ऊर्जा लगभग 4000 जूल के बराबर होती है. एक मीट्रिक टन यानी एक हजार किलोग्राम टीएनटी के धमाके से जितनी ऊर्जा निकलती है उसे टीएनटी समतुल्य यानी टीएनटी के बराबर माना जाता है. जो जितना टीएमटी समतुल्य होगा वह विस्फोटक उतना ही ज्यादा घातक होगा.
बता दें कि भारत का तब तक का सबसे घाटक विस्फोटक ब्रह्मोस मिसाइल के वारहेड में लगाया जाने वाला है. जिसकी टीएनटी 1.50 समतुल्य है.  फिलहाल दुनिया के अधिकतर वारहेड्स की टीएनटी तुल्यता 1.25-1.30 के बीच होती है. सेबेक्स-2 की टीएनटी तुल्यता 2.01 है. जो अब तक का सबसे घातक गैर-परंपरागत विस्फोटक माना जा रहा है.

 

पुणे में पिकनिक मनाने गया था परिवार, झरने में डूबने से 4 बच्चों समेत पांच की मौत
Posted Date : 01-Jul-2024 11:46:18 am

पुणे में पिकनिक मनाने गया था परिवार, झरने में डूबने से 4 बच्चों समेत पांच की मौत

पुणे । लोनावाला हिल स्टेशन के निकट एक झरने में एक महिला और चार बच्चों सहित पांच लोग बह गए और डूब गए। लोनावाला पुलिस स्टेशन के प्रभारी मयूर अग्नवे ने बताया कि यह घटना रविवार दोपहर करीब दो बजे हुई। जब बच्चे व कुछ अन्य लोग भूशी बांध के पास पहाड़ी जंगलों में बह रहे झरने का आनंद लेने गए थे।
प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, घटना की शिकार महिला की उम्र करीब 40 वर्ष और बच्चों की उम्र 4 से 8 वर्ष के बीच है। येे सभी पुणे के सैय्यद नगर के निवासी थे। स्थानीय लोगों ने कहा कि वे झरने के तल पर काई लगे पत्थरों पर फिसलकर पानी के वेग में बह गए होंगे और डूब गए होंगे। अग्नवे ने बताया कि स्थानीय लोग और पुलिस की बचाव टीमें घटनास्थल पर पहुंच गई हैं।
ताजा जानकारी के अनुसार, इस घटना में 40 वर्षीय महिला और एक 13 वर्षीय और एक 8 वर्षीय लडक़ी की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि 4-9 वर्ष के तीन बच्चे लापता हैं, जिनकी तलाश की जा रही है। स्थानीय एसपी ने एक बयान में बताया कि ऐसा लगता है कि वे एक ही परिवार के सदस्य हैं और भुशी बांध से लगभग दो किलोमीटर दूर झरने में फिसल गए, जहां वे डूब गए। इस घटना में बच्चे लापता हैं, जिनकी तलाश की जा रही है।

 

अमरनाथ यात्रा : दो दिन में 28,534 यात्रियों ने किये बाबा बर्फानी के दर्शन
Posted Date : 01-Jul-2024 11:45:52 am

अमरनाथ यात्रा : दो दिन में 28,534 यात्रियों ने किये बाबा बर्फानी के दर्शन

जम्मू। जम्मू से सोमवार को 6,461 यात्रियों का एक और जत्था पवित्र अमरनाथ गुफा के लिए रवाना हुआ। यात्रा के पहले दो दिन में 29 और 30 जून को 28 हजार से ज्यादा तीर्थयात्रियों ने बाबा बर्फानी के दर्शन किए हैं।
अधिकारियों ने बताया कि पिछले दो दिन में 28,534 श्रद्धालुओं ने गुफा मंदिर के अंदर दर्शन किए।
एक अधिकारी ने कहा, आज जम्मू के भगवती नगर यात्री निवास से 6,461 यात्रियों का एक और जत्था दो सुरक्षा काफिलों में घाटी के लिए रवाना हुआ। इनमें से 2,321 यात्री 118 वाहनों के काफिले में सुबह 3.15 बजे उत्तरी कश्मीर के बालटाल आधार शिविर के लिए रवाना हुए। वहीं, 147 वाहनों के एक अन्य सुरक्षा काफिले में 4,140 यात्री सुबह 4.10 बजे दक्षिण कश्मीर के नुनवान (पहलगाम) आधार शिविर के लिए रवाना हुए।
इस साल 52 दिन तक चलने वाली अमरनाथ यात्रा 29 जून को शुरू हुई थी और 19 अगस्त को रक्षा बंधन पर समाप्त होगी।
यात्री 48 किलोमीटर लंबे पारंपरिक पहलगाम-गुफा तीर्थ मार्ग से या फिर 14 किलोमीटर लंबे बालटाल-गुफा तीर्थ मार्ग से यात्रा करते हैं।
पहलगाम मार्ग से गुफा मंदिर तक पहुंचने में चार दिन लगते हैं, जबकि बालटाल मार्ग से जाने पर दर्शन करने के बाद उसी दिन वापस आधार शिविर लौट सकते हैं।
समुद्र तल से 3,888 मीटर ऊपर स्थित गुफा मंदिर में बर्फ की एक संरचना है जो चंद्रमा की कलाओं के साथ घटती-बढ़ती रहती है। भक्तों का मानना है कि बर्फ की यह संरचना भगवान शिव की पौराणिक शक्तियों का प्रतीक है।
इस वर्ष लगभग 300 किलोमीटर लंबे जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग पर, दोनों यात्रा मार्गों पर, दोनों आधार शिविरों पर और गुफा मंदिर में सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किए गए हैं, ताकि यात्रा सुचारू और निर्बाध हो सके।
दोनों मार्गों पर और पारगमन शिविरों और गुफा मंदिर में 124 से अधिक लंगर लगाए गए हैं। इस वर्ष की यात्रा के दौरान 7,000 से अधिक सेवादार (स्वयंसेवक) यात्रियों की सेवा कर रहे हैं।
यात्रियों की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए रेलवे ने 3 जुलाई से अतिरिक्त ट्रेनें चलाने का फैसला किया है।
दोनों मार्गों पर यात्रियों के लिए हेलीकॉप्टर सेवाएं भी उपलब्ध हैं।

 

अरविंद केजरीवाल ने सीबीआई की गिरफ्तारी को चुनौती दी, दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया
Posted Date : 01-Jul-2024 11:45:24 am

अरविंद केजरीवाल ने सीबीआई की गिरफ्तारी को चुनौती दी, दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया

नईदिल्ली। दिल्ली की शराब नीति मामले में कथित भ्रष्टाचार को लेकर जेल में बंद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की कार्रवाई को दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी है।केजरीवाल ने सीबीआई की गिरफ्तारी के खिलाफ याचिका दायर की है। साथ ही 26 जून के ट्रायल कोर्ट के आदेश को भी चुनौती दी है, जिसमें उन्हें 3 दिन की सीबीआई हिरासत में भेजा गया था।मामले पर सुनवाई की तारीख अभी सामने नहीं आई है।
रिपोर्ट के मुताबिक, अवकाशकालीन न्यायाधीश अमिताभ रावत ने 26 जून को मुख्यमंत्री को 3 के लिए सीबीआई हिरासत में भेजा था। उन्होंने कहा था कि इस स्तर पर गिरफ्तारी को अवैध नहीं कहा जा सकता।इसके 3 दिन बाद 29 जून को अवकाशकालीन न्यायाधीश सुनैना शर्मा ने केजरीवाल को 12 जुलाई तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया क्योंकि सीबीआई ने आगे की रिमांड नहीं मांगी थी।केजरीवाल अभी तिहाड़ जेल में बंद हैं।
शराब नीति मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों के तहत केजरीवाल पहले से जेल में बंद हैं। केजरीवाल को ईडी ने 21 मार्च को गिरफ्तार किया था। ईडी के मामले में केजरीवाल को ट्रायल कोर्ट से जमानत मिल चुकी थी, जिस पर है कोर्ट ने रोक लगा दी। बीच में उन्हें 21 दिन की जमानत मिली थी, लेकिन 26 जून को मंगलवार रात सीबीआई ने उनसे जेल में पूछताछ की और बाद में गिरफ्तार कर लिया।