नाएप्यीडॉ । म्यांमार में पिछले सप्ताह आए विनाशकारी भूकंप में मरने वालों का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। बचाव कार्य लगातारी जारी है। भूकंप के चलते ढही इमारतों से शव निकलने का सिलसिला जारी है। भूकंप की चपेट में आने से अब तक यहां 2700 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। हजारों की संख्या में लोग घायल हुए हैं।
म्यांमार में 28 मार्च 2025 को 7.7 तीव्रता के भूकंप के झटके लगे थे। इसके बाद 6.4 तीव्रता के भी झटके महसूस हुए। भूकंप का केंद्र म्यांमार के मध्य सागाइंग क्षेत्र में स्थित था, जो ऐतिहासिक शहर मांडले के पास है। मांडले में कई इमारतें, पुल और मंदिर नष्ट हो गए हैं या क्षतिग्रस्त हुए हैं। भूकंप के चलते बुनियादी ढांचे, सडक़ें और रिहायशी इमारतों को भारी नुकसान हुआ।
म्यांमार में आया भूकंप देश में एक सदी से भी अधिक समय में आया सबसे शक्तिशाली भूकंप था। हालात ऐसे हैं कि बचाव दल प्रभावित लोगों तक पहुंचने में नाकाम हो रहे हैं। खासतौर पर उन इलाकों में जहां इरावदी नदी पर एक प्रमुख पुल के ढह जाने से संपर्क टूट गया है। माना जा रहा है कि मृतकों की सही संख्या सामने आने में कई सप्ताह लग सकते हैं।
म्यांमार में भूकंप के बाद मलबे में दबी लाशों की भीषण दुर्गंध चारों ओर फैल गई है। महामारी फैलने का भी खतरा बढ़ गया है। जैसे-जैसे वक्त बीत रहा है मलबे में दबे लोगों के जीवित मिलने की उम्मीदें कम होती जा रही हैं। भारत से भी कई टीमें म्यांमार में रेस्क्यू ऑपरेशन चलाने और घायलों के इलाज के लिए पहुंच चुकी हैं। हालात यह हैं कि अस्पतालों में जगह कम पड़ गई है और सडक़ों पर अस्थायी तरीके से मरीजों का इलाज किया जा रहा है।
नईदिल्ली। म्यांमार में शुक्रवार को आए 7.7 तीव्रता के विनाशकारी भूकंप ने काफी तबाही मचाई और बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचाया है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान ने अपनी बेहतरीन पृथ्वी इमेजिंग उपग्रह कार्टोसैट-3 का उपयोग कर इस आपदा से हुए नुकसान की उपग्रह तस्वीरें जारी की हैं।
तस्वीरों में म्यांमार के मांडले और सगाइंग शहरों में ध्वस्त इमारतों, सडक़ों, ऐतिहासिक स्थलों और ब्रिज के पहले और बाद के दृश्यों को दिखाया गया है।
तस्वीरें काफी साफ दिख रही हैं।
इसरो ने कार्टोसैट-3 को 2019 में लॉन्च किया था। यह 50 सेंटीमीटर से भी कम रेज्योल्यूशन वाली तस्वीरों को साफ खींचने में माहिर है।
इसने धरती से 500 किलोमीटर की ऊंचाई से म्यांमार की तबाही की तस्वीरें ली हैं। तस्वीरें भूकंप के एक दिन बाद शनिवार को ली गई थीं, जबकि तुलना 18 मार्च की तस्वीरों के साथ किया।
तस्वीरों में इरावदी नदी पर बना विशाल अवा (इनवा) पुल, मांडले विश्वविद्यालय और अनंदा पगोडा के नुकसान को दिखाया गया है।
म्यांमार में शुक्रवार दोपहर 12:50 बजे 7.7 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप आया था। इसका केंद्र मांडले शहर से लगभग 16 किलोमीटर दूर 10 किलोमीटर जमीन के नीचे था।
इसके 12 मिनट बाद 7 तीव्रता का दूसरा भूकंप आया था। झटकों का असर थाईलैंड के बैंकॉक में भी दिखा। भूकंप से म्यांमार में कई इमारतें और अन्य प्रमुख बुनियादी ढांचे गिर गए।
म्यांमार में 1,644 लोगों की जान भूकंप में गई है और 3,408 लोग घायल हैं।
अहमदाबाद। गुजरात के बनासकांठा जिले के डीसा ढुआ रोड स्थित दीपक ट्रेडर्स नाम की पटाखा फैक्ट्री में भीषण आग लगने का मामला सामने आया है. इस घटना में 17 मजदूरों की मौत हो गई है, जबकि 5 मजदूर घायल हो गए हैं. वहीं, सूचना मिलने के बाद डीएम, जिला विकास अधिकारी समेत पुलिस का काफिला मौके पर पहुंचा और बचाव कार्य शुरू किया. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक दुर्घटना के समय करीब 20 से ज्यादा लोग मौजूद थे.
बता दें कि विस्फोटक सामग्री में हुए विस्फोट के कारण बगल के गोदाम की छत ढह गई. मृत मजदूरों का शरीर क्षत-विक्षत हो गया और गोदाम का मलबा भी 200 मीटर दूर तक जा गिरा. बहरहाल जेसीबी मशीन के जरिए मलबा को हटाने का काम किया जा रहा है.
कलेक्टर मिहिर पटेल ने कहा कि पूरे मामले की जांच की गई है, लेकिन फैक्ट्री कैसे चल रही थी, विस्फोट कैसे हुआ और विस्फोट का कारण क्या था, इसकी भी जांच की जाएगी. उन्होंने कहा कि सभी मजदूरों को अलग- अलग अस्पताल में रेफर किया गया है. साथ ही आग पर काबू पा लिया गया.
इस पटाखा फैक्ट्री में किस तरह की अग्निशामक सामग्री उपलब्ध थी, क्या यहां काम करने वाले श्रमिकों का बीमा लिया गया था या नहीं, क्योंकि जब पटाखा फैक्ट्री में दारू पाउडर का उपयोग किया जाता है, तो ऐसी जोखमी फैक्ट्री में काम करने वाले श्रमिकों और कर्मचारियों के लिए बीमा कवर लेना भी आवश्यक है. इन सभी पहलुओं पर पुलिस जांच करेगी.
कोलकाता। पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले के पाथर प्रतिमा में बीती रात एक घर में गैस सिलेंडर में विस्फोट हो गया. इस हादसे में चार बच्चों समेत कुल सात लोगों की मौत हो गई जबकि एक महिला घायल हो गई. विस्फोट के कारणों का पता लगाया जा रहा है. इस घटना से इलाके में लोगों में हडक़ंप मचा गया.
रिपोर्ट के अनुसार पथर प्रतिमा प्रखंड के ढोलाहाट गांव में रात करीब नौ बजे एक घर में विस्फोट हुआ. इसके बाद घर में आग लग गई. बताया जाता है कि रसोई गैस की वजह से आग तेजी से फैली. धमाके की आवाज दूर तक सुनाई दी. आवाज सुनकर आसपास के लोग पहुंचे और इसकी सूचना पुलिस को दी. स्थानीय लोगों और पुलिस की मदद से घर में फंसे लोगों को बचाने का प्रयास किया गया लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी.
सुंदरबन पुलिस जिले के एसपी कोटेश्वर राव ने बताया, ‘सभी शव बरामद कर लिए गए. विस्फोट में एक महिला भी घायल हो गयी. घायल महिला को घर से निकालकर अस्पताल में भर्ती कराया गया. उन्होंने बताया कि मृतकों के एक ही परिवार से होने की संभावना है.
पुलिस को संदेह है कि घर में दो गैस सिलेंडर थे और अंदर रखे पटाखों में आग लगने के बाद आग फैल गई. उन्होंने कहा, ‘स्थिति नियंत्रण में है और बचाव अभियान पूरा हो गया. हादसे के दौरान इलाके की घेराबंदी कर दी गई. इस घटना की जांच जारी है. एक अन्य अधिकारी ने बताया कि यह भी पता लगाने के लिए जांच की जाएगी कि घर के अंदर पटाखे बनाए जा रहे थे या नहीं.
नईदिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने 2021 में उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में हुई बुलडोजर कार्रवाई पर सख्त रुख अपनाया है। कोर्ट ने प्रयागराज विकास प्राधिकरण को 5 याचिकाकर्ताओं को 10-10 लाख रुपये मुआवजा देने का आदेश दिया है। प्राधिकरण को यह मुआवजा 6 हफ्ते के भीतर देना होगा।
कोर्ट ने मामले पर सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि यह हमारी अंतरात्मा को झकझोरता है और प्राधिकरण ने घर गिराने की प्रक्रिया मनमानी तरीके से की।
2021 में प्रयागराज में एक वकील, एक प्रोफेसर और 3 अन्य लोगों के मकान तोड़ दिए गए थे।
इन लोगों को 6 मार्च, 2021 को नोटिस दिया गया था। आरोप था कि ये जमीन दिवंगत गैंगस्टर अतीक अहमद के नाम पर थी।
याचिकाकर्ताओं ने दावा किया कि नोटिस जारी होने के 24 घंटे के भीतर और अपील का समय दिए बिना ही मकान तोड़े गए।
बाद में याचिकाकर्ताओं ने इलाहाबाद हाई कोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था।
कोर्ट ने कहा, घर गिराने की प्रक्रिया असंवैधानिक थी। यह हमारी अंतरात्मा को झकझोरता है। राइट टू शेल्टर नाम भी कोई चीज होती है। उचित प्रक्रिया नाम की भी कोई चीज होती है। इस तरह की कार्रवाई किसी तरह से भी ठीक नहीं है।
कोर्ट ने कहा कि यह मुआवजा इसलिए भी जरूरी है, ताकि भविष्य में सरकारें बिना उचित प्रक्रिया के लोगों के मकान गिराने से परहेज कर सकें।
फैसले पर अखिलेश यादव ने लिखा, इस मामले में कोर्ट ने नोटिस मिलने के 24 घंटे के भीतर मकान गिरा देने की कार्रवाई को अवैध घोषित किया है। सच तो ये है कि घर केवल पैसे से नहीं बनता है और न ही उसके टूटने का जख्म सिर्फ पैसों से भरा जा सकता है। परिवारवालों के लिए तो घर एक भावना है। उसके टूटने पर जो भावनाएं आहत होती हैं, उनका कोई मुआवजा नहीं दे सकता है।
कोर्ट ने हाल ही में वायरल एक वीडियो का हवाला भी दिया। इस वीडियो में बुलडोजर कार्रवाई के दौरान एक बच्?ची अपनी किताबें लेकर ढहती झोपड़ी से भागती दिख रही है।
जस्टिस उज्जल भुईयां ने कहा, उत्तर प्रदेश के अंबेडकर नगर 24 मार्च को अतिक्रमण विरोधी अभियान के दौरान एक तरफ झोपडिय़ों पर बुलडोजर चलाया जा रहा था तो दूसरी तरफ एक 8 साल की बच्ची अपनी किताब लेकर भाग रही थी। इस तस्वीर ने सबको झकझोर दिया था।
उत्तर प्रदेश समेत अन्य भाजपा शासित राज्यों में बुलडोजर कार्रवाई को लेकर जमीयत उलेमा-ए-हिंद सुप्रीम कोर्ट गया था। जमीयत का तर्क था कि यह कार्रवाई विशेष समुदाय को निशाना बनाकर की जा रही है।
इसके बाद कोर्ट ने बुलडोजर कार्रवाई पर रोक लगाते हुए कहा था, मनमाने तरीके से बुलडोजर चलाने वाली सरकारें कानून को हाथ में लेने की दोषी हैं। घर बनाना संवैधानिक अधिकार है। राइट टू शेल्टर मौलिक अधिकार है।
छत्रपति संभाजीनगर। महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर में पैरोल पर जेल से बाहर आए एक कैदी ने अपने लिव-इन पार्टनर के साथ आत्महत्या कर ली. घटना पैठण तालुका के कटपुर में हुई. मृतकों के नाम नवनाथ जगधने और शीतल डोडवे-उकड़े हैं. नवनाथ ने शीतल के साथ अपने रिश्ते में बाधा बन रहे उसके छह वर्षीय बेटे की हत्या कर दी थी, जिसके लिए उसे आजीवन कारावास की सजा हुई थी. पैरोल पूरी करने के बाद उसे 28 मार्च को वापस जेल जाना था. हालांकि, उसने अचानक आत्महत्या का कदम क्यों उठाया, इसका कारण अभी भी स्पष्ट नहीं है.
मृतक नवनाथ जगधने (30) और शीतल दोडवे-उघडे (28) पैठण तालुका के कटपुर में लिव-इन रिलेशनशिप में रह रहे थे. मृतक नवनाथ आजीवन कारावास की सजा काट रहा था, लेकिन उसे एक महीने की पैरोल पर रिहा किया गया था. उसकी पैरोल 28 मार्च को समाप्त होने वाली थी, जिस दिन उसे जेल वापस आने की उम्मीद थी. उसने 31 मार्च को अपनी प्रेमिका शीतल के साथ आत्महत्या कर ली. उनके शव गांव के पास एक मक्के के खेत में मिले. सूचना मिलने पर पैठण पुलिस थाने के सहायक पुलिस निरीक्षक ईश्वर जगदाले और अन्य पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे. पुलिस ने दोनों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया.
मृतक नवनाथ और शीतल एक-दूसरे को कई वर्षों से जानते थे. उनके बीच संबंध थे. शीतल कटपुर की रहने वाली थी. उसकी शादी जालना जिले के अंबड़ के एक व्यक्ति से हुई थी. जब नवनाथ 2020 में शीतल से मिलने गया तो उसने उसके छह साल के बेटे की हत्या कर दी, क्योंकि वह उनके रिश्ते में आड़े आ रहा था. नवनाथ इसी अपराध के लिए आजीवन कारावास की सजा काट रहा था. उस समय शीतल को बरी कर दिया गया था.
नवनाथ फरवरी में पैरोल पर घर आया था. पैरोल खत्म होने के कारण उसके वापस जेल जाना था. उसने 28 मार्च को भी कुएं में कूदकर आत्महत्या करने की कोशिश की. उस समय उसके परिवार के सदस्यों ने उसे रोका और समझाने की कोशिश की. हालांकि, 31 मार्च की रात को जब सभी लोग घर की छत पर सो रहे थे, तो वह चला गया. बाद में, उसके और उसकी प्रेमिका दोनों के शव मिले.
पुलिस अधिकारी ईश्वर जगदाले ने कहा कि फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है. मृतक एक-दूसरे से प्यार करते थे. उनके शव खेत में मिले. एक दिन पहले, उन्होंने एक कुएं में कूदने की कोशिश की थी. उनके शवों की जांच की गई है और आगे की जांच जारी है.