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जामगाँव में हुई रेल दुर्घटना के कारण कई गाडिय़ों का परिचालन प्रभावित
Posted Date : 29-Mar-2022 2:47:34 am

जामगाँव में हुई रेल दुर्घटना के कारण कई गाडिय़ों का परिचालन प्रभावित

रायपुर। आज लगभग शाम 04.15 बजे मंडल के जामगाँव स्टेशन में दो मालगाडिय़ों के पीछे से टकराने की घटना से लगभग 18 वैगन बेपटरी हुई है। इसके कारण अप व डाउन दोनों लाइन की कई गाडिय़ां प्रभावित है। 
रेल मंडल अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार इस घटना की सूचना मिलते ही राहत कार्य हेतु ब्रजराजनगर, रायगढ़ तथा बिलासपुर से राहत गाडिय़ो के साथ संबन्धित विभागों के अधिकारी व कर्मचारियों की टीम घटना स्थल के लिए रवाना कर हो गए हैं 7 इधर इस घटना के कारण कुछ गाडिय़ां रद्द, कुछ गाडिय़ो को रास्ते में समाप्त एवं कुछ गाडिय़ों को परिवर्तित मार्ग से रवाना किया जाएगा।
रद्द होने वाली गाडियो में गाड़ी संख्या 08736 बिलासपुर-रायगढ़ पैसेंजर स्पेशल आज रद्द रही, गाड़ी संख्या 08735 बिलासपुर-रायगढ़ पैसेंजर स्पेशल कल दिनांक 29 मार्च को रद्द रहेगी। इसी प्रकार रास्ते में समाप्त होने वाली गाडिय़ों में गाड़ी संख्या 08263 टीटलागढ़-बिलासपुर पैसेंजर स्पेशल आज झारसुगुड़ा रोड स्टेशन में समाप्त होगी ,  गाड़ी संख्या 08861गोंदिया-झारसुगुड़ा पैसेंजर स्पेशल आज किरोड़ीमल स्टेशन में समाप्त होगी  एवं गाड़ी संख्या 12070 गोंदिया-रायगढ़ जन शताब्दी आज रायपुर डिवीजन के बिल्हा में समाप्त होगी , वही परिवर्तित मार्ग से रवाना होने वाली गाडिय़ों में आज गाड़ी संख्या 12809 सीएसएमटी-हावड़ा एक्सप्रेस परिवर्तित मार्ग लखोली मार्ग से, गाड़ी संख्या 20471बीकानेर-पुरी एक्सप्रेस परिवर्तित मार्ग बिलासपुर-रायपुर-लखोली मार्ग से, गाड़ी संख्या 12811 एलटीटी-हटिया एक्सप्रेस परिवर्तित मार्ग लखोली मार्ग सेगाड़ी संख्या 12860 हावड़ा-एलटीटी एक्सप्रेस , परिवर्तित मार्ग झारसुगुड़ा-टीटलागढ़ मार्ग से
5 आज गाड़ी संख्या 22845 हटिया-पुणे एक्सप्रेस परिवर्तित मार्ग झारसुगुड़ा-टीटलागढ़ मार्ग से एवं गाड़ी संख्या 17322 जसीडीह-वास्को डिगामा एक्सप्रेस परिवर्तित मार्ग झारसुगुड़ा-टीटलागढ़ मार्ग से रवाना होगी।
 
 गोंदिया-बरौनी एक्सप्रेस 29 मार्च एवं 02 अप्रैल को परिवर्तित मार्ग से चलेगी
0-छपरा-दुर्ग एक्सप्रेस 02 अप्रैल को परिवर्तित मार्ग से चलेगी
रायपुर। बनारस रेल मंडल में दोहरीकरण का कार्य किया जा रह है। इस कार्य के लिए कुछ दो गाडिय़ो को परिवर्तित मार्ग से रवाना किया जाएगा।
रेल मंडल से मिली जानकारी के अनुसार पूर्वोत्तर रेलवे के बनारस रेल मंडल के अंतर्गत दोहरीकरण का कार्य किया जा रह है। यह कार्य 26 मार्च से 02 अप्रैल तक कियां जाएगा। इसके कारण 29 मार्च एवं 02 अप्रैल को गोंदिया से चलने वाली 15232 गोंदिया-बरौनी एक्सप्रेस परिवर्तित मार्ग औंडि़हार जंक्शन-मऊ-फेफना होकर चलेगी। 02 अप्रैल को छपरा से चलने वाली 15159 छपरा- दुर्ग सारनाथ एक्सप्रेस परिवर्तित मार्ग फेफना-मऊ-औंडि़हार जंक्शन होकर चलेगी।
इटावा सफारी में पर्यटकों की आवक बढ़ाने में मदद करेगा ताजमहल
Posted Date : 29-Mar-2022 2:46:59 am

इटावा सफारी में पर्यटकों की आवक बढ़ाने में मदद करेगा ताजमहल

इटावा । दुनिया के पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र ताजमहल अब चंबल के बीहड़ों में बसे इटावा सफारी में पर्यटकों की आवक बढ़ाने में मदद करेगा। आगरा जोन में अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक व ईको टूरिज्म के नोडल अधिकारी ने कहा कि प्रदेश सरकार सफारी पार्क को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने पर गंभीरता से विचार कर रही है। ताजमहल देखने आने वाले पर्यटक इटावा सफारी पार्क भी आएं, इसके लिए उन्हें लाने के सारे इंतजाम वन विभाग करेगा।
उन्होंने कहा कि इटावा सफारी पार्क को विकास और पर्यटक सुविधाओं के लिये जल्द ही यहां के अधिकारियों से चर्चा की जायेगी। उन्होने कहा  पिछले कई माह से हम योजना बना रहे हैं। गर्मी शुरू हो रही है, इसलिए पर्यटकों की संख्या कम हो रही है। आगरा से इटावा आने वाले पर्यटकों को रास्ते में रेस्टोरेंट इत्यादि की अच्छी सुविधाएं दी जाएंगी। इटावा सफारी पार्क में सुविधाओं में इजाफा किया जाएगा। नोडल अधिकारी ने बताया कि 29 मार्च से अंतर्राष्ट्रीय उड़ानो पर लगी रोक खत्म हो रही है। ऐसे में विदेशी सैलानी की आवक बढऩे के आसार है। इन सैलानियों को यहां पर लाने का प्रयास होगा।
सफारी पार्क के उप निदेशक अरुण कुमार सिंह ने कहा कि आगरा के करीब होने के कारण इटावा सफारी पार्क का महत्व अपने आप में बढ़ा है। सफारी पार्क के प्रति पर्यटकों के आकर्षण में लगातार इजाफा हो रहा है। सफारी पार्क अपने आप में इसलिए भी बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह एशिया का एकमात्र ब्रीडिंग सेंटर है जिसके जरिए एशियाटिक शेरों की संख्या में इजाफा होना तय माना जा रहा है। फिलहाल इटावा सफारी पार्क में 18 शेर है इनमें से नौ अकेले इस सफारी पार्क में ही पैदा हुए हैं। तीन भालू भी यहां पर है लेकिन आगरा से एक दर्जन के आसपास भालुओं को लाया जाना है।
25 नंबवर 2019 को शुभारंभ के बाद सफारी की लोकप्रियता मे खासा इजाफा हो रहा है । सपा सरकार के कार्यकाल में निर्मित इटावा सफारी पार्क का उद्धघाटन एक जून 2017 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया था ,लेकिन आम पर्यटकों के लिए 25 नम्वबर 2019 को शुभारंभ किया गया था।
कुख्यात डाकुओं की शरणस्थली के रूप में बदनाम रही चंबल घाटी को पर्यटकों के लिए आबाद करने की मंशा के तहत सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने 2003 में इस प्रोजेक्ट की शुरूआत कराई थी ,लेकिन 2007 में प्रदेश की तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने सत्ता में आते ही इस प्रोजेक्ट को ठंडे बस्ते में डाल दिया था। उसके बाद इटावा को पर्यटन मानचित्र पर लाने की गरज से बीहड़ में लायन सफारी की स्थापना की रूपरेखा शुरू कराई। रूपरेखा का ही नतीजा आज बीहड मे स्थापित सफारी भव्य रूप मे दिखाई दे रहा है।
सपा अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के ड्रीम प्रोजेक्ट इटावा सफारी पार्क का निर्माण मई 2012 में शुरू हुआ था। यह करीब 350 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला है। इटावा को पर्यटन मानचित्र पर लाने की गरज से बीहड़ में लायन सफारी की स्थापना की रूपरेखा शुरू कराई थी और आज बीहड मे स्थापित सफारी भव्य रूप मे दिखाई दे रहा है।

एक साथ बनेंगे दस परमाणु ऊर्जा संयंत्र, देश में अगले तीन वर्षों में ‘फ्लीट मोड’ में होगा निर्माण
Posted Date : 29-Mar-2022 2:46:24 am

एक साथ बनेंगे दस परमाणु ऊर्जा संयंत्र, देश में अगले तीन वर्षों में ‘फ्लीट मोड’ में होगा निर्माण

नई दिल्ली ।  कर्नाटक के कैगा में 2023 में 700 मेगावाट के परमाणु ऊर्जा संयंत्र के लिए नींव डालने के साथ भारत अगले तीन वर्षों में ‘फ्लीट मोड’ में एक साथ 10 परमाणु रिएक्टरों के निर्माण कार्यों को गति देने के लिए तैयार है।
नींव के लिए कंक्रीट डालने (एफपीसी) के साथ परमाणु ऊर्जा रिएक्टरों का निर्माण अब पूर्व-परियोजना चरण से आगे बढक़र निर्माण को गति देने का संकेत है, जिसमें परियोजना स्थल पर उत्खनन गतिविधियां शामिल हैं। परमाणु ऊर्जा विभाग (डीएई) के अधिकारियों ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी पर संसदीय समिति को बताया, कैगा इकाइयों 5 और 6 का एफपीसी 2023 में अपेक्षित है, गोरखपुर हरियाणा अणु विद्युत परियोजन इकाइयों 3 और 4 और माही बांसवाड़ा राजस्थान परमाणु ऊर्जा परियोजना इकाई 1 से 4 का एफपीसी 2024 में अपेक्षित है और 2025 में चुटका मध्य प्रदेश परमाणु ऊर्जा परियोजना इकाइयों 1 और 2 का एफपीसी होने की संभावना है।
केंद्र ने जून 2017 में 700 मेगावाट के 10 स्वदेशी विकसित दबावयुक्त भारी जल संयंत्र (पीएचडब्ल्यूआर) के निर्माण को मंजूरी दी थी। ये 10 पीएचडब्ल्यूआर 1.05 लाख करोड़ रुपए की लागत से बनेंगे। यह पहली बार है जब सरकार ने लागत कम करने और निर्माण के समय में तेजी लाने के उद्देश्य से एक बार में 10 परमाणु ऊर्जा रिएक्टरों के निर्माण को मंजूरी दी थी। डीएई अधिकारी ने कहा कि ‘फ्लीट मोड’ परियोजनाओं के लिए थोक स्तर पर खरीद की जा रही थी, जिसमें स्टीम जेनरेटर, एसएस 304 एल जाली ट्यूब और एंड शील्ड के लिए प्लेट, प्रेशराइजर फोर्जिंग, ब्लीड कंडेनसर फोर्जिंग, 40 स्टीम जनरेटर के लिए इंकोलॉय-800 ट्यूब, रिएक्टर हेडर के निर्माण के लिए ऑर्डर दिए गए थे।
उन्होंने कहा कि गोरखपुर इकाई 3 और 4 तथा कैगा इकाई 5 और 6 के टरबाइन आइलैंड के लिए इंजीनियरिंग, खरीद और निर्माण पैकेज प्रदान किए गए हैं। ‘फ्लीट मोड’ के तहत पांच साल की अवधि में एक परमाणु ऊर्जा संयंत्र के निर्माण की उम्मीद है। वर्तमान में भारत में 6780 मेगावाट की कुल क्षमता के साथ 22 रिएक्टरों का संचालन होता है। गुजरात के काकरापार में 700 मेगावाट का रिएक्टर पिछले साल 10 जनवरी को ग्रिड से जोड़ा गया था, लेकिन अब तक इसका वाणिज्यिक संचालन शुरू नहीं हुआ है।
पीएचडब्ल्यूआर प्राकृतिक यूरेनियम को ईंधन के रूप में और भारी जल को मॉडरेटर के रूप में उपयोग करते हैं, जो भारत के परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम के मुख्य आधार के रूप में उभरे हैं। भारत के 220 मेगावाट के पहले दो पीएचडब्ल्यूआर 1960 के दशक में कनाडा के सहयोग से राजस्थान के रावतभाटा में स्थापित की गई थी। लेकिन 1974 में भारत के शांतिपूर्ण परमाणु परीक्षणों के बाद कनाडा के समर्थन वापस ले लेने से दूसरा रिएक्टर महत्वपूर्ण घरेलू कंपनियों के सहयोग से बनाया जाना था। पिछले कुछ वर्षों में भारत ने मानकीकृत डिजाइन और बेहतर सुरक्षा उपायों के साथ 220 मेगावाट के 14 पीएचडब्ल्यूआरएस बनाए हैं। भारतीय इंजीनियरों ने बिजली उत्पादन क्षमता को 540 मेगावाट तक बढ़ाने के लिए डिजाइन में और सुधार किया और ऐसे दो रिएक्टरों को महाराष्ट्र के तारापुर में शुरू किया गया। क्षमता 700 मेगावाट करने के लिए बेहतर सुधार किए गए।

नेशनल सुपर-कंप्यूटिंग मिशन के तहत आईआईटी खडग़पुर में पेटास्केल सुपर-कंप्यूटर परम शक्ति का उद्घाटन
Posted Date : 29-Mar-2022 2:45:29 am

नेशनल सुपर-कंप्यूटिंग मिशन के तहत आईआईटी खडग़पुर में पेटास्केल सुपर-कंप्यूटर परम शक्ति का उद्घाटन

नई दिल्ली । नेशनल सुपर-कंप्यूटिंग मिशन के तहत आईआईटी खडग़पुर में पेटास्केल सुपर-कंप्यूटर परम शक्ति को राष्ट्र को समर्पित किया गया। यह इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) की संयुक्त पहल है। इस राष्ट्रीय सुपर-कंप्यूटिंग सुविधा केंद्र का लोकार्पण 27 मार्च, 2022 को पश्चिम बंगाल के माननीय राज्यपाल जगदीप धनकड़ ने किया था। इस अवसर पर आईआईटी खडग़पुर के निदेशक प्रो. वीके तिवारी, सी-डैक के महानिदेशक कर्नल (से.नि.) एके नाथ, आईआईटी खडग़पुर के उप निदेशक प्रो. अमित पात्रा, इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के एनएसएम-एचपीसी डिविजन के ग्रुप को-ऑर्डिनेटर अरविन्द कुमार,  एस ए कुमार, एडवाइसर, एनएसएम, एमईआईटीवाई तथा इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के एनएसएम-एचपीसी डिविजन, डीएसटी, आआईटी खडग़पुर और सी-डैक के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। कंप्यूटेशनल और डाटा विज्ञान के बहुविध क्षेत्रों में अनुसंधान एवं विकास गतिविधियों में तेज़ी लाने के लिये परम शक्ति सुपर कंप्यूटर सुविधा उपलब्ध है। यह आईआईटी खडग़पुर तथा पड़ोसी अकादमिक अनुसंधान और विकास संस्थानों को बड़े पैमाने पर कंप्यूटिंग दक्ष बना रही है।
उल्लेखनीय है कि 44 जीपीयू सहित 17680 सीपीयू कोर वाली उत्कृष्ट सुपर-कंप्यूटिंग सुविधा केंद्र स्थापित करने के लिये समझौता-ज्ञापन पर आईआईटी खडग़पुर तथा प्रगत संगणन विकास केंद्र (सी-डैक) के बीच मार्च 2019 को हस्ताक्षर किये गये थे। इस सुविधा केंद्र में आरडीएचएक्स आधारित दक्ष शीतन प्रणाली का इस्तेमाल होता है, ताकि उच्च उपादेयता क्षमता हासिल हो सके। इस प्रणाली को आईआईटी खडग़पुर और सी-डैक में वाणिज्यिक, मुक्त-स्रोत और घरेलू सॉफ्टवेयर के लिये जांचा गया है। यह जांच विविधतापूर्ण एप्लीकेशनों से जुड़ी है।
आईआईटी खडग़पुर सपुर-कंप्यूटिंग प्लेटफार्मों के लिये कारगर सॉफ्टवेयर तथा बड़े पैमाने पर औद्योगिक तथा वैज्ञानिक समस्याओं के लिये एप्लीकेशनों के सम्बंध में एनएसएम के अधिकारों का पालन करता है। आईआईटी खडग़पुर एचपीसी तथा एआई के लिये एनएसएम एक नोडल केंद्र है, जो देशभर में सुपर-कंप्यूटिंग अनुसंधान के लिये आवश्यक श्रमशक्ति के विकास का काम कर रहा है। यह केंद्र पाठ्यक्रमों, कार्यशालाओं, बूटकैंपों, आदि का आयोजन करता रहा है, जो विभिन्न क्षेत्रों से सम्बंधित हैं। ये क्षेत्र सुपर-कंप्यूटिंग के सिद्धांतों, डाटा विज्ञान और कृषि, खगोल-विज्ञान, जीव विज्ञान, यांत्रिक इंजीनियरिंग, भौतिक विज्ञान आदि क्षेत्रों में उनकी उपादेयता से जुड़े हैं। आईआईटी खडग़पुर ने सेंटर फॉर कंप्यूटेशनल एंड डाटा साइंस को भी स्थापित किया है। इसके लिये वह अधिकृत है कि अनुसंधान एवं विकास में तेजी लाने के लिये वह सपुर-कंप्यूटर में अनुसंधानकर्ताओं को प्रशिक्षित करे। नया उच्च क्षमतावान कंप्यूटेशनल सुविधा केंद्र अनुसंधानकर्ताओं की सहायता करेगा कि वे विज्ञान तथा अभियांत्रिकी के विभिन्न क्षेत्रों की बड़ी समस्यों को हल करें।
अति मूल्य-संवर्धित सुपर-कंप्यूटिंग आधारित अनुसंधान के कुछ बड़े क्षेत्रों की पहचान की गई है, जिनमें कंप्यूटेशन फ्लूइड डायनमिक्स, कृत्रिम बौद्धिकता, बिग डाटा एनालिटिक्स, जलवायु परिवर्तन एवं डिजिटर अर्थ, कंप्यूटेशनल बायोलॉजी, क्रिप्टोग्राफी एवं सुरक्षा, स्मार्ट अवसंरचना तथा संवहनीय शहर आदि शामिल हैं। इसके अलावा, एनएसएम ने सुपर-कंप्यूटिंग सुविधा का इस्तेमाल करने वाली कई एप्लीकेशन अनुसंधान परियोजनाओं को प्रायोजित किया है। इसमे आईआईटी तथा अन्य भारतीय संस्थानों और उद्योगों के अनुसंधानकर्ताओं को संलग्न किया गया है। कुल मिलाकार इस सुपर-कंप्यूटिंग सुविधा से भारतीय अकादमिक जगत और उद्योगों में विकासात्मक पहल के लिये अनुसंधान को बढ़ावा मिलेगा, ताकि वे दुनिया में विशिष्ट स्थान प्राप्त कर सकें।

रक्षा मंत्रालय ने पोतों के निर्माण के लिए जीएसएल के साथ 473 करोड़ रुपये के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए
Posted Date : 29-Mar-2022 2:44:22 am

रक्षा मंत्रालय ने पोतों के निर्माण के लिए जीएसएल के साथ 473 करोड़ रुपये के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए

नई दिल्ली । रक्षा मंत्रालय ने भारतीय तटरक्षक बल के लिए गोवा शिपयार्ड लिमिटेड (जीएसएल) के साथ 473 करोड़ रुपये की कुल परियोजना लागत पर आठ तीव्र निगरानी पोतों के निर्माण के लिए एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं। इस अनुबंध पर 28 मार्च, 2022 को नई दिल्ली में संयुक्त सचिव (समुद्री और प्रणाली) दिनेश कुमार और जीएसएल के अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक कोमोडोर बीबी नागपाल (सेवानिवृत्त) ने हस्ताक्षर किए।
जीएसएल, खरीदें (भारतीय-आईडीडीएम) श्रेणी के तहत इन सतह प्लेटफार्मों का स्वदेशी रूप से डिजाइन, विकास और निर्माण करेगी। ये आठ उच्च गति वाले पोत उथले जल में भी काम करने और विशाल तट रेखा के साथ सुरक्षा तंत्र को बढ़ाने की क्षमता के साथ भारतीय तट पर तैनात होंगे। आत्मनिर्भर भारत के उद्देश्यों को पूरा करते हुए यह स्वदेशी पोत निर्माण क्षमता को बढ़ावा देगा। साथ ही इस क्षेत्र में रोजगार के अवसरों में बढ़ोतरी करेगा।
वहीं, यह अनुबंध भारत को एक रक्षा विनिर्माण केंद्र, जो न केवल घरेलू बल्कि निर्यात बाजार की जरूरतों को भी पूरा करता है, बनाने के सरकार के संकल्प को और अधिक बढ़ावा देगा।

दिल्ली से जम्मू जा रहा स्पाइसजेट का विमान बिजली के पोल से टकराया, बड़ा हादसा टला
Posted Date : 29-Mar-2022 2:44:00 am

दिल्ली से जम्मू जा रहा स्पाइसजेट का विमान बिजली के पोल से टकराया, बड़ा हादसा टला

नई दिल्ली ।  दिल्ली एयरपोर्ट पर आज एक बड़ा हादसा टल गया। स्पाइसजेट का एक विमान बिजली के खंभे से टकरा गया, इस दौरान विमान और पोल दोनों क्षतिग्रस्त हो गए। पोल पूरी तरह से नीचे की ओर झूक गया। जानकारी के अनुसार, दिल्ली एयरपोर्ट से जम्मू जा रहा स्पाइसजेट का एक विमान बिजली के खंभे से टकरा गया। जिससे विमान और पोल दोनों क्षतिग्रस्त हो गए हैं। ये टक्कर तब हुई जब विमान को यात्री टर्मिनल से रनवे पर ले जाया जा रहा था। बाद में उसमें सवार यात्रियों के लिए विमान बदल दिया गया था और जांच शुरू कर दी गई है। हालांकि राहत की बात ये है कि इससे कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ, लेकिन कहा जा रहा है कि फ्लाइट का एक हिस्सा टक्कर के चलते टूट गया, जबकि बिजली का खंभा भी पूरी तरह से नीचे की ओर झूक गया। राहत की बात ये रही कि जिस वक्त ये हादसा हुआ विमान में यात्री सवार नहीं थे. बाद में दूसरी फ्लाइट से यात्रियों को भेजा गया।