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सुपरटेक ट्विन टावर गिराने का ट्रायल शुरू, 22 मई को पूरी तरह जमींदोज होगी इमारत
Posted Date : 11-Apr-2022 2:56:57 am

सुपरटेक ट्विन टावर गिराने का ट्रायल शुरू, 22 मई को पूरी तरह जमींदोज होगी इमारत

नोएडा । नोएडा स्थित करीब 100 मीटर ऊंची सुपरटेक ट्विन टावर गिराने के लिए एक ट्रायल आज से शुरू हो गया। इस इमारत को 22 मई को जमींदोज कर दिया जाएगा। भारत में इतनी ऊंची इमारत पहली बार गिराई जाएगी। 32 मंजिला ट्विन टॉवर को ढहाने का काम मुंबई की एडिफिस एजेंसी को दिया गया है। कंपनी ने दक्षिण अफ्रीका की कंपनी डेमोलिशन एजेंसी को इस काम के लिए अपना सहयोगी बनाया है, ट्रायल के लिए इमारत में 5 किलो वोस्फोटक लगाया जाएगा और 5 धमाके किए जाएंगे।
ये टावर सुपरटेक बिल्डर ने अवैध तरीके से बनाए थे, जिन्हें सुप्रीम कोर्ट ने ध्वस्त करने का आदेश दिया था। इमारत को गिराने की तैयारी के बीच इमारत के आस पास पुलिस बल तैनात किया गया है और उस सडक़ को भी बंद कर दिया गया है। स्थानीय लोगों के लिए एक एडवाइजरी भी जारी की गई है, जिसके तहत विस्फोट के वक्त पड़ोसी इमारतों के लोग बाहर नहीं निकलेंगे।
ट्विन टावर को तोडऩे में करीब 18 करोड़ का खर्च आएगा, अंदाजा है कि इमारत से करीब 25 हजार टन मलबा निकलेगा। हालंकि अभी बेसमेंट और 14वें फ्लोर में वोस्फोटक की मदद से ब्लास्ट किया जाएगा और इमारत की 5 पिलर में किया ब्लास्ट किया जाएगा।
पुलिस सुरक्षा में यह 5 किलो विस्फोट मंगाया गया है, इस ट्रायल के बाद टीमें यह अनुमान लगा सकेंगी कि पूरी इमारत के लिए कितना विस्फोट की जरूरत पडऩे वाली है। वहीं इमारत में ड्राई रन से ठीक पहले एक सायरन बजाया जाएगा, ताकि लोग एतिहात बरत सकें।
जानकारी के अनुसार, अफ्रीका की जेट डेमोलिशन 108 मीटर की बिल्डिंग अफ्रीका में पहले गिरा चुकी है। ट्रायल ब्लास्ट के दौरान एडिफिस इंजीनियरिंग के वरिष्ठ अधिकारी और तकनीकी विशेषज्ञ जेट डिमोलिशन के प्रबंध निदेशक जो ब्रिंकमैन, विस्फोट डिजाइन और सुरक्षा प्रमुख मार्थिनस बोथा व सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीबीआरआई) भी मौजूद रहेंगे।

पीएम ने उमिया माता मंदिर के 14वें स्थापना दिवस समारोह को संबोधित किया
Posted Date : 11-Apr-2022 2:56:44 am

पीएम ने उमिया माता मंदिर के 14वें स्थापना दिवस समारोह को संबोधित किया

नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रामनवमी के अवसर पर आज गुजरात के जूनागढ़ के गथिला में उमिया माता मंदिर में आयोजित 14वें स्थापना दिवस समारोह को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित किया। इस अवसर पर गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्रभाई पटेल और केंद्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला भी उपस्थित थे।
प्रधानमंत्री ने मंदिर के स्थापना दिवस और रामनवमी के शुभ अवसर पर उपस्थित लोगों को बधाई दी। प्रधानमंत्री ने चैत्र नवरात्रि के पावन अवसर पर कामना करते हुए कहा कि मां सिद्धिदात्री भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करें। उन्होंने गिरनार की पवित्र भूमि को भी नमन किया। प्रधानमंत्री ने सभा में उपस्थित लोगों से कहा कि उन्होंने हमेशा राज्य और देश की बेहतरी के लिए उनकी सामूहिक ताकत और चिंता को महसूस किया है। उन्होंने यह भी कहा कि अयोध्या और पूरे देश में रामनवमी बड़े जोर-शोर से मनाई जा रही है। उन्होंने 2008 में मंदिर को समर्पित करने और पिछले कई वर्षों से मां उमिया को नमन करने का अवसर मिलने के लिए भी आभार व्यक्त किया।
प्रधानमंत्री ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि आध्यात्मिकता और दिव्यता की दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थान होने के अलावा, गथिला में उमिया माता मंदिर सामाजिक चेतना और पर्यटन का स्थान बन गया है। मां उमिया की कृपा से प्रधानमंत्री ने कहा कि समाज और भक्तों ने कई महान कार्य किए हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मां उमिया के भक्त के रूप में लोगों द्वारा धरती मां को कोई नुकसान पहुंचाना संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि चूंकि हम अपनी मां को अनावश्यक दवाएं नहीं खिलाते हैं, इसलिए हमें अपनी जमीन पर भी अनावश्यक रसायनों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। उन्होंने प्रति बूंद अधिक फसल जैसे जल संरक्षण योजनाओं के माध्यम से भूमि क्षेत्र को संरक्षित करने के उपायों के बारे में चर्चा की। उन्होंने राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान किए गए जन आंदोलन को याद किया। उन्होंने कहा कि हम जल संरक्षण के आंदोलन में ढील नहीं दे सकते। उन्होंने यह भी कहा कि धरती मां को रसायनों से बचाने की जरूरत है। उन्होंने प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने की आवश्यकता दोहराई। उन्होंने कहा कि जैसे उन्होंने और केशुभाई ने पानी के लिए काम किया, मौजूदा मुख्यमंत्री धरती मां के लिए काम कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि मां उमिया और अन्य देवी-देवताओं की कृपा और सरकार के प्रयासों से महिला-पुरुष अनुपात में सुधार हुआ और बेटी बचाओ आंदोलन के अच्छे परिणाम निकले। उन्होंने कहा कि गुजरात से बड़ी संख्या में लड़कियां ओलंपिक में देश का प्रतिनिधित्व कर रही हैं। उन्होंने बच्चों और लड़कियों में कुपोषण के खिलाफ सक्रिय होने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। उन्होंने गर्भवती माताओं के पोषण का विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि कुपोषण के दर्द को पूरी तरह खत्म करने की जरूरत है। मोदी ने मंदिर ट्रस्ट द्वारा गांवों में स्वस्थ शिशु प्रतियोगिता आयोजित करने की मांग की। उन्होंने गरीब छात्रों के लिए कोचिंग कक्षाएं संचालित करने का भी अनुरोध किया और कहा कि मंदिर के रिक्त स्थान और हॉल का उपयोग योग शिविरों और कक्षाओं के लिए भी किया जा सकता है।
प्रधानमंत्री ने आजादी का अमृत महोत्सव और अमृत काल के महत्व को भी दोहराया। उन्होंने उपस्थित लोगों से समाज, गांव और देश के बारे में जागरूकता बढ़ाने और अपने दिलों में बसाने का संकल्प लेने को कहा। उन्होंने हर जिले में 75 अमृत सरोवर के अपने दृष्टिकोण पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि हजारों चेक डैम बनाने वाले गुजरात के लोगों के लिए यह कोई बहुत बड़ा काम नहीं होगा, किंतु इस प्रयास का असर बहुत बड़ा होगा। उन्होंने इस कार्य को 15 अगस्त, 2023 से पहले पूरा करने को कहा। उन्होंने इसके लिए सामाजिक आंदोलन की मांग की। उन्होंने कहा कि सामाजिक चेतना की शक्ति से इसे गतिमान होना चाहिए।
रामनवमी के अवसर के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि जब हम रामचंद्र जी के बारे में सोचते हैं, तो हमें शबरी, केवट और निषादराज भी याद आते हैं। उन्होंने वर्षों से लोगों के दिल में सम्मान का स्थान प्राप्त किया है। प्रधानमंत्री ने कहा, यह हमें सिखाता है कि कोई भी पीछे नहीं छूटना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने महामारी के दौरान किए गए प्रयासों का जिक्र करते हुए कहा कि यह वायरस बहुत ही भ्रामक है और हमें इसके लिए सतर्क रहना होगा। उन्होंने कहा कि भारत ने टीकों की 185 करोड़ खुराक देने का अद्भुत कार्य किया है। उन्होंने इसके लिए सामाजिक जागरूकता तथा स्वच्छता एवं सिंगल यूज प्लास्टिक में कमी लाने के प्रयासों जैसे अन्य आंदोलनों की सराहना की। उन्होंने कहा कि आध्यात्मिक आयाम के साथ-साथ आस्था केंद्र भी सामाजिक चेतना फैलाने में मुख्य भूमिका निभाते हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2008 में मंदिर का उद्घाटन भी किया था, जब वे गुजरात के मुख्यमंत्री थे। 2008 में प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए सुझावों के आधार पर, मंदिर ट्रस्ट ने विभिन्न सामाजिक और स्वास्थ्य संबंधी गतिविधियों के साथ-साथ मुफ्त मोतियाबिंद ऑपरेशन और आर्थिक रूप से कमजोर रोगियों के लिए मुफ्त आयुर्वेदिक दवाओं आदि को अपने क्रियाकलापों में शामिल किया है।
उमिया मां को कदवा पाटीदारों की वंश-देवी या कुलदेवी माना जाता है।

जम्मू कश्मीर में सीआरपीएफ ने लश्कर के दो आतंकवादी को मार गिराया
Posted Date : 11-Apr-2022 2:56:21 am

जम्मू कश्मीर में सीआरपीएफ ने लश्कर के दो आतंकवादी को मार गिराया

श्रीनगर । जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के जवानों पर हाल में हुए हमले में शामिल रहे लश्कर-ए-तैयबा के दो पाकिस्तानी आतंकवादी शहर में रविवार को हुई मुठभेड़ में मारे गए, जबकि तीन सुरक्षाकर्मी घायल हो गए। बिशंबर नगर इलाके में आतंकवादियों की मौजूदगी की सूचना मिलने पर सुरक्षाबलों ने इलाके की घेराबंदी कर तलाश अभियान शुरू किया था, जिसके बाद आतंकवादियों ने उन पर गोलीबारी शुरू कर दी। कश्मीर के पुलिस महानिरीक्षक  विजय कुमार ने बताया कि पुलिस चार अप्रैल को सीआरपीएफ कर्मियों पर हुए हमले के दिन से ही दोनों पाकिस्तानी आतंकवादियों का पीछा कर रही थी और रविवार को उनके ठिकाने का पता लगाने के बाद अभियान शुरू किया गया था।
पुलिस ने कहा, आतंकवादियों का मारा जाना पुलिस और सीआरपीएफ के लिए एक बड़ी सफलता है। मैं एक संदेश देना चाहता हूं कि जो कोई भी निर्दोष पुलिस कर्मियों, नागरिकों या पत्रकारों या किसी पर भी हमला करेगा, चाहे वह पाकिस्तानी हो या स्थानीय आतंकवादी हो, उसे मार गिराया जाएगा।
अधिकारी के अनुसार, सुरक्षाबलों ने जवाबी कार्रवाई की, जिसके चलते आतंकवादियों और सुरक्षा बलों के बीच मुठभेड़ शुरू हो गई और दो आतंकवादी मारे गए। उन्होंने बताया कि दोनों आतंकवादी लश्कर-ए-तैयबा से संबद्ध थे। अधिकारी ने बताया कि इस दौरान मुठभेड़ में तीन सुरक्षाकर्मी भी घायल हो गए।
इससे पूर्व आईजीपी कुमार ने अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया था कि मुठभेड़ में मारा गया आतंकवादी चार अप्रैल को श्रीनगर के मैसूमा इलाके में हुए हमले में शामिल था, जिसमें सीआरपीएफ का एक जवान शहीद हो गया था और एक अन्य घायल हो गया था। उन्होंने बताया कि मुठभेड़ में घायल हुए सुरक्षाकर्मियों को यहां सेना के 92 बेस अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
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सरयू तट पर उमड़ा आस्था का सैलाब : कड़ी सुरक्षा के बीच रामनवमी मेला हुआ संपन्न
Posted Date : 11-Apr-2022 2:55:54 am

सरयू तट पर उमड़ा आस्था का सैलाब : कड़ी सुरक्षा के बीच रामनवमी मेला हुआ संपन्न

अयोध्या । रामनगरी अयोध्या में श्रीराम के जन्मोत्सव का साक्षी बनने को भक्तों का रामनगरी में रेला उमड़ रहा। सुबह 4 बजे से ही सरयू में स्नान-ध्यान का सिलसिला जारी रहा सडक़ें तो श्रद्धालुओं से पटी पड़ी ही थीं कि घाटों पर भी भक्ति भाव का अद्भुत नजारा दिखा। कनक भवन और जन्मभूमि परिसर के बाहर लम्बी-लम्बी लाइन लगी रही। हनुमानगढ़ी के बाहर सबसे ज्यादा हुजूम दिखाई पड़ा।
श्री राम के जन्म उत्सव में शामिल होने के लिए अयोध्या पहुंचे लाखों श्रद्धालुओं ने सही में स्नान करने के बाद भगवान श्री रामलला सहित हनुमानगढ़ी मंदिर में विराजमान बजरंगबली का भी दर्शन किया। पूरी अयोध्या श्रद्धालुओं से पटी रही। जिसको देखते हुए शासन और प्रशासन की नजरें भी अयोध्या पर बनी रहे पूरी अयोध्या को कड़ी सुरक्षा के बीच रखा गया 6 जून 27 सेक्टर में बांटे गए स्थान स्थान पर पीएसी व पुलिस के जवानों के साथ ही पहली बार सीमा सुरक्षा के बलों ने भी मोर्चा संभाला तो वही एसएसपी, आईजी, डीएम सहित तमाम आला दिखाई खुद मेले के दौरान गस्त कर व्यवस्थाओं का जायजा भी लेते रहे तो वहीं देर शाम होते ही इस पूरे मेला को सकुशल संपन्न हुआ।

केंद्र ने 50 कृषि उत्पादों के लिए सांचा का निर्माण किया
Posted Date : 10-Apr-2022 3:41:07 am

केंद्र ने 50 कृषि उत्पादों के लिए सांचा का निर्माण किया

नई दिल्ली (आरएनएस)। माल भाड़े की उच्च दरों, कंटेनरों की कमी आदि के रूप में कोविड-19 महामारी द्वारा उत्पन्न लॉजिस्ट्क्सि संबंधी चुनौतियों के बावजूद, भारत का कृषि निर्यात वित्त वर्ष 2021-22 के लिए 50 बिलियन डॉलर के आगे पहुंच गया है। कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा), जो वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के तहत कार्य करता है, ने 25.6 बिलियन डॉलर के बराबर के, जो 50 बिलियन डॉलर के भारत के कुल कृषि निर्यात का 51 प्रतिशत है, कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों का निर्यात करने के माध्यम से एक नया इतिहास रच दिया है। 
इसके अतिरिक्त, एपीडा ने 25.6 बिलियन डॉलर का निर्यात दर्ज कराने के द्वारा वित्त वर्ष 2021-22 के लिए 23.7 बिलियन डॉलर के अपने खुद के निर्यात लक्ष्य को भी पार कर लिया है।
डीजीसीआईएंडसी द्वारा जारी अनंतिम आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान कृषि निर्यात 19.92 प्रतिशत बढक़र 50.21 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया है। यह वृद्धि दर उल्लेखनीय है क्योंकि यह वित्त वर्ष 2020-21 में अर्जित 41.87 बिलियन डॉलर में 17.66 प्रतिशत की वृद्धि से अधिक है और माल भाड़े की उच्च दरों, कंटेनरों की कमी आदि के रूप में कोविड-19 महामारी द्वारा उत्पन्न अभूतपूर्व लॉजिस्ट्क्सि संबंधी चुनौतियों के बावजूद अर्जित की गई है। एपीडा अनुसूची उत्पादों के निर्यात को ग्राफ-1 से देखा जा सकता है। यह चालू वर्ष, 2021-22 तथा पिछले वर्ष 2020-21 के लिए एपीडा उत्पादों के तुलनात्मक निर्यात को दर्शाता है। एपीडा निर्यातों में अनाज सेक्टर ने वित्त वर्ष 2021-22 में 52 प्रतिशत से अधिक का योगदान दिया है। वित्त वर्ष 2021-22 में पशु धन उत्पादों तथा अन्य प्रसंस्कृत खाद्यों का क्रमश: 17 प्रतिशत और 15 प्रतिशत का योगदान है।
पिछले दो वर्षों के दौरान हुई ऐतिहासिक उपलब्धि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के किसानों की आय को बढ़ाने के विजन में दीर्घकालिक रूप से सहायता करेगी।
कुल कृषि निर्यातों की तुलना में, एपीडा के निर्यात में 16 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई जब इसने 2020-21 के 22.03 बिलियन डॉलर की तुलना में वित्त वर्ष 2021-22 में 25.6 बिलियन डॉलर के आंकड़े को छू लिया। पिछले वित्त वर्ष की तुलना में वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान एपीडा उत्पादों (30 प्रतिशत से अधिक ) द्वारा दर्ज की गई उच्चतम वृद्धि दर ग्राफ-2 से देखी जा सकती है।
डीजीसीआईएंडसी द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान चावल का निर्यात 9654 मिलियन डॉलर के साथ शीर्ष विदेशी मुद्रा अर्जित करने वाला था जो पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 9.35 प्रतिशत बढ़ कर 8829 मिलियन डॉलर तक पहुंच गया था।
वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान गेहूं के निर्यात ने 2118 मिलियन डॉलर के साथ सर्वकालिक ऊंचाई को छू लिया था जो वित्त वर्ष 2020-21 जब इसने 567 मिलियन डॉलर तक पहुंचा था, की तुलना में 273 प्रतिशत बढ़ गया। अन्य अनाज ने पिछले वित्त वर्ष की तुलना में जब इसने 705 मिलियन डॉलर अर्जित किया था, की तुलना में वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान 1083 मिलियन डॉलर अर्जित करने के द्वारा 53 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज कराई।
दलहनों के निर्यात ने वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान 34 प्रतिशत की बढोतरी दर्ज कराते हुए 358 मिलियन डॉलर अर्जित किया जो वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान 265 मिलियन डॉलर था।
वित्त वर्ष 2021-22 में डेयरी उत्पाद 96 प्रतिशत बढ़ कर 634 मिलियन डॉलर तक पहुंच गए जो वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान 323 मिलियन डॉलर थे। भैंस के मांस के निर्यात ने केवल 4 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज कराई जबकि गोजातीय मांस का निर्यात वित्त वर्ष 2020-21 के 3171 मिलियन डॉलर की तुलना में बढ़ कर वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान 3303 मिलियन डॉलर तक पहुंच गए।
पोल्ट्री उत्पादों का निर्यात पिछले वित्त वर्ष के 58 मिलियन डॉलर की तुलना में बढ़ कर वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान 71 मिलियन डॉलर तक पहुंच गया तथा भेंड़/बकरे के मांस का निर्यात पिछले वित्त वर्ष के 44 मिलियन डॉलर की तुलना में 34 प्रतिशत बढ़ कर वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान 60 मिलियन डॉलर तक पहुंच गया।
फलों तथा सब्जियों का निर्यात पिछले वित्त वर्ष के 1492 मिलियन डॉलर की तुलना में 12 प्रतिशत बढ़ कर वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान 1676 मिलियन डॉलर तक पहुंच गया, जबकि प्रसंस्कृत फलों तथा सब्जियों का निर्यात पिछले वित्त वर्ष के 1120 मिलियन डॉलर की तुलना में 7 प्रतिशत बढ़ कर वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान 1202 मिलियन डॉलर तक पहुंच गया।
अन्य प्रसंस्कृत खाद्य मदों के निर्यात में वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान 34 प्रतिशत की बढोतरी हुई जो वित्त वर्ष 2020-21 के 866 मिलियन डॉलर की तुलना में बढक़र 1164 मिलियन डॉलर तक पहुंच गया। काजू के निर्यात में भी वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान 7 प्रतिशत की बढोतरी हुई जो वित्त वर्ष 2020-21 के 420 मिलियन डॉलर की तुलना में बढक़र 452 मिलियन डॉलर तक पहुंच गया। पुष्प कृषि उत्पादों के निर्यात में 33 प्रतिशत की बढोतरी दर्ज की गई जब यह वित्त वर्ष 2020-21 के 77 मिलियन डॉलर की तुलना में बढक़र 103 मिलियन डॉलर तक पहुंच गया।

वित्त वर्ष 2021-22 के आंकड़ों के अनुसार, एपीडा के प्रमुख निर्यात गंतव्य देश बांग्ला देश, संयुक्त अरब अमीरात, वियतनाम, अमेरिका, नेपाल, मलेशिया, सऊदी अरब, इंडोनेशिया, ईरान तथा मिस्र हैं।
कृषि निर्यात में उल्लेखनीय वृद्धि को कृषि तथा प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने पर जोर देने के माध्यम से किसानों की आय बढ़ाने के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता के एक प्रमाण के रूप में देखा जा रहा है।
कृषि तथा प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों के निर्यात में वृद्धि मुख्य रूप से एपीडा के माध्यम से केंद्र सरकार द्वारा की गई विभिन्न पहलों जैसेकि विभिन्न देशों में बी2बी प्रदर्शनियों का आयोजन, भारतीय दूतावासों की सक्रिय भागीदारी द्वारा उत्पाद विशिष्ट तथा सामान्य विपणन अभियानों के माध्यम से नए संभावित बाजारों की खोज करना आदि कदमों के कारण संभव हुई है।
सरकार ने कृषि उत्पादों के निर्यात को बढ़ाने के लिए राज्य सरकारों के सहयोग से 300 से अधिक लोकसंपर्क कार्यक्रमां का आयोजन किया है।
एपीडा के अध्यक्ष डॉ. एम अंगमुथु ने कहा, ‘‘हमने अपने निर्यातों के पोर्टफोलियो को विस्तारित करने के लिए अच्छी निर्यात संभावना वाले 50 कृषि उत्पादों के लिए उत्पाद सांचा (मैट्रिक्स) का भी निर्माण किया है। ‘‘
केंद्र सरकार ने भी विश्व भर के प्रमुख आयातक देशों के साथ कृषि एवं खाद्य उत्पादों पर वर्चुअल क्रेता विक्रेता बैठकों का आयोजन करने के माध्यम से भारत में कृषि तथा प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों के साथ पंजीकृत भौगोलिक संकेतकों (जीआई) को बढ़ावा देने के लिए कई पहल की है।
निर्यात किए जाने वाले उत्पादों का निर्बाध गुणवत्ता प्रमाणन सुनिश्चित करने के लिए, सरकार ने निर्यातकों को उत्पादों की एक व्यापक श्रृंखला को परीक्षण की सेवाएं प्रदान करने के लिए देश भर में 220 प्रयोगशालाओं को मान्यता दी है।
केंद्र सरकार एपीडा के माध्यम से निर्यात परीक्षण तथा अवशेष निगरानी योजनाओं के लिए मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं के उन्नयन तथा सुदृढ़ीकरण में भी सहायता करती है। एपीडा कृषि उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए बुनियादी ढांचा विकास, गुणवत्ता सुधार तथा बाजार विकास की वित्तीय सहायता योजनाओं के तहत भी मदद प्रदान करता है।
अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेलों में निर्यातकों की सहभागिता का आयोजन किया गया जो निर्यातकों को वैश्विक बाजार में अपने खाद्य उत्पादों के विपणन के लिए एक मंच उपलब्ध कराता है। कृषि निर्यातों को बढ़ावा देने के लिए आहार, ऑर्गेनिक विश्व कांग्रेस, बायोफैच इंडिया आदि जैसे राष्ट्रीय कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।
एपीडा के तत्वाधान के माध्यम से सरकार अंतरराष्ट्रीय बाजार की गुणवत्ता आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए बागवानी उत्पादों के लिए पैक-हाउसों के पंजीकरण की भी पहल करती है। उदाहरण के लिए मूंगफली के छिलके, ग्रेडिंग तथा प्रसंस्करण इकाइयों की निर्यात इकाइयों का पंजीकरण ईयू तथा गैर ईयू देशों के लिए गुणवत्ता अनुपालन सुनिश्चित करता है।
एपीडा वैश्विक खाद्य सुरक्षा तथा गुणवत्ता आवश्यकताओं का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए मांस प्रसंस्करण संयंत्रों तथा बूचडख़ानों का पंजीकरण भी करता है। एक अन्य प्रमुख पहल में ट्रैसिएिबिलिटी प्रणाली का विकास तथा कार्यान्वयन भी शामिल है जो आयातक देशों की खाद्य सुरक्षा तथा गुणवत्ता अनुपालन सुनिश्चित करती है।
निर्यात को बढ़ावा देने के लिए, एपीडा विभिन्न अंतरराष्ट्रीय व्यापार विश्लेषणात्मक सूचना, बाजार पहुंच जानकारी का संकलन करता है तथा निर्यातकों के बीच उसे प्रसारित करता है और व्यापार पूछताछों का समाधान करता है।
पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के एक हिस्से के रूप में, एपीडा कृषि उत्पादों के त्वरित परिवहन के जरिये कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए रेलवे और सडक़ मार्ग मंत्रालय विभिन्न मंत्रालयों के साथ सहयोग कर रहा है। चूंकि कृषि उत्पाद प्रकृति में शीघ्र नष्ट होने वाले होते हैं, इसलिए उनके लिए उत्पादन बिन्दुओं से लेकर इसके गंतव्य तक तत्काल और तेज वितरण की आवश्यकता होती है।
एपीडा के अध्यक्ष डॉ. एम अंगमुथु ने कहा, ‘‘सरकार पूर्वांचल, हिमालयी क्षेत्र, पूर्वोत्तर राज्यों, जम्मू एवं कश्मीर तथा लद्वाख से कृषि निर्यातों को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित करती रही है।‘‘
सरकार की डिजिटल इंडिया नीति के अनुरूप, एपीडा कई नई डिजिटल प्रौद्योगिकी आधारित पहलों को कार्यान्वित किया है जिन्होंने वित्त वर्ष 2021-22 में अपने बास्केट के तहत 25 बिलियन डॉलर के बराबर के कृषि निर्यातों को सक्षम बनाने में प्रमुख भूमिका निभाई है। 
एपीडा ने आईटी प्रभाग में विविध विश्व स्तरीय प्रौद्योगिकी तथा सॉफ्टवेयर को अपनाया है जैसेकि होर्टिनेट ट्रैसिएबिलिटी में कार्यान्वित ब्लौकचेन टेक्नोलॉजी, फार्मर कनेक्ट पोर्टल, भौगोलिक संकेतक (जीआई) संवर्धन पोर्टल, मोबाइल एप, आईटैक सिस्टम, ट्रेसनेट, ऑर्गेनिक प्रमोशनल पोर्टल, एग्रीएक्सचेंज ऐप तथा क्लाउड माइगेशन आदि।
यह देखते हुए कि प्राकृतिक उत्पादों की मांग बढ़ रही है तथा ग्राहक अधिकतर खाद्य उत्पादों, कॉस्मेटिक्स तथा दवाओं अधिक मात्रा की मांग करते हैं जिनमें प्राकृतिक तत्व होते हैं, केंद्र सरकार प्रमाणन प्रणाली के साथ साथ उत्पादन के लिए मानक विकसित करने के लिए कृषि मंत्रालय के परामर्श से प्राकृतिक कृषि उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए एक कार्यनीति तैयार करने की प्रक्रिया में है।
निर्यातकों के साथ परस्पर बातचीत करने के लिए किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) या किसान उत्पादक कंपनियों (एफपीसी), सहकारी संघों तथा महिला उद्यमियों के लिए एक मंच उपलब्ध कराने के लिए एपीडा की वेबसाइट पर एक फार्मर कनेक्ट पोर्टल भी स्थापित की गई है। पोर्टल में अभी तक 3,295 एफपीओ तथा एफपीसी एवं 3,315 निर्यातक पंजीकृत किए जा चुके हैं। 24 लाख से अधिक जैविक किसान एपीडा के साथ पंजीकृत हैं। भारत विश्व में जैविक उत्पादों का अग्रणी उत्पादक है। 
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अनंतनाग में मुठभेड़, सुरक्षा बलों ने लश्कर कमांडर निसार डार को मार गिराया
Posted Date : 10-Apr-2022 3:40:06 am

अनंतनाग में मुठभेड़, सुरक्षा बलों ने लश्कर कमांडर निसार डार को मार गिराया

श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में मुठभेड़ में सुरक्षा बलों ने लश्कर कमांडर को मार गिराया है। मारे गए लश्कर-ए-तैयबा के कमांडर की पहचान निसार डार के तौर पर हुई है। आईजीपी कश्मीर विजय कुमार ने बताया कि सिरहामा इलाके में सर्च ऑपरेशन फिलहाल जारी है।
सुरक्षा बलों की ओर कुलगाम में भी सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है। यहां भी आतंकियों के छिपे होने की सूचना मिली है। आईजीपी कश्मीर ने कहा, कल रात हमने दो जिले कुलगाम और अनंतनाग में आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन अभियान चलाया। अनंतनाग जिले में अब तक लश्कर-ए-तैयबा का एक आतंकी मारा गया है। यह स्थानीय आतंकी था। कुलगाम में अब तक कोई आतंकी नहीं मिला है, लेकिन आतंकी के होने की संभावना की जांच की जा रही है।
उन्होंने कहा कि इस साल तीन महीनों में अब तक कुल 45 आतंकी मारे गए हैं। जिसमें से 2-3 बहुत बड़े कमांडर शामिल हैं। आतंकियों के खिलाफ सैन्य अभियान जारी रहेगा।