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एनएमडीसी ने 80वें स्कॉच सम्मेलन 2022 में दो पुरस्कार जीते
Posted Date : 12-Apr-2022 7:47:52 pm

एनएमडीसी ने 80वें स्कॉच सम्मेलन 2022 में दो पुरस्कार जीते

नई दिल्ली। इस्पात मंत्रालय के तहत राष्ट्रीय खनिज विकास निगम (एनएमडीसी) भारत का सबसे बड़ा लौह अयस्क उत्पादक है। इस निगम ने अभी हाल में स्कॉच नई दिल्ली द्वारा आयोजित 80वें स्कॉच सम्मेलन और स्कॉच पुरस्कारों में एक स्वर्ण और एक रजत पुरस्कार प्राप्त किया है। स्कॉच सम्मेलन का विषय ‘बीएफएसआई और सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम की स्थिति’ था।
एनएमडीसी ने एनएमडीसी आईटीआई भांसी के माध्यम से दंतेवाड़ा जिले में ‘तकनीकी शिक्षा और कौशल विकास संवर्धन’ परियोजना के लिए सामाजिक दायित्व श्रेणी में स्वर्ण पुरस्कार तथा डिजिटल समावेशन श्रेणी में ईआरपी कार्यान्वयन के लिए ‘प्रोजेक्ट कल्पतरु’ के लिए रजत पुरस्कार जीते हैं। ये पुरस्कार एनएमडीसी के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक सुमित देब की ओर से अमिताव मुखर्जी, निदेशक (वित्त) ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्राप्त किए।
ये स्कॉच पुरस्कार विजेताओं को उनकी वेबसाइट पर जमा किए गए आवेदन पत्र, जूरी के समक्ष प्रस्तुतिकरण के बाद तीन दौर की लोकप्रिय ऑनलाइन वोटिंग और जूरी मूल्यांकन के दूसरे राउंड के आधार पर विजेताओं को प्रदान किए गए हैं। उपरोक्त के अलावा, एनएमडीसी को कल्पतरु परियोजना के सुगमतापूर्वक डिजिटाइजेशन के उल्लेखनीय प्रयासों, दंतेवाड़ा जैसे दूरस्थ जिलों में सीएसआर के माध्यम से तकनीकी शिक्षा और कौशल विकास के विस्तार तथा कोविड का मुकाबला करने की श्रेणी में ‘परियोजना सुरक्षा प्रथम’ के लिए तीन स्कॉच - ऑर्डर ऑफ मेरिट पुरस्कार भी प्राप्त हुए हैं।
इस उपलब्धि पर एनएमडीसी के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, सुमित देब ने कहा, ‘‘मैं राष्ट्र की सेवा के लिए एनएमडीसी के प्रयासों – चाहे वो कौशल विकास एवं प्रशिक्षण के माध्यम से दंतेवाड़ा में युवाओं के जीवन में परिवर्तन लाना हो अथवा कुशल संचालन के लिए हमारी उत्पादन प्रक्रियाओं में डिजिटलीकरण को एकीकृत करना हो दोनों में ही एनएमडीसी के प्रयासों को मान्यता देने के लिए मैं स्कॉच को धन्यवाद देना चाहता हूं। एनएमडीसी सकारात्मक सामाजिक विकास पर जागरूकता से जोर देने के साथ कच्चे माल की मांग को पूरा करने के लिए एनएमडीसी की कड़ी मेहनत का अनूठा एकीकरण मुझे एनएमडीसी टीम का सदस्य होने पर गौरव की अनुभूति कराता है।

टैंक-रोधी निर्देशित मिसाइल हेलीना के उच्च ऊंचाई वाली उड़ान का दूसरा सफल परीक्षण किया गया
Posted Date : 12-Apr-2022 7:47:30 pm

टैंक-रोधी निर्देशित मिसाइल हेलीना के उच्च ऊंचाई वाली उड़ान का दूसरा सफल परीक्षण किया गया

नई दिल्ली। चालू उपयोगकर्ता प्रमाणीकरण परीक्षणों के तहत स्वदेशी रूप से विकसित टैंक-रोधी निर्देशित मिसाइल हेलीना का 12 अप्रैल, 2022 को उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर से एक बार फिर सफलतापूर्वक उड़ान परीक्षण किया गया। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) के साथ भारतीय वायु सेना और भारतीय सेना की टीमों ने इसका अधिक ऊंचाई परिक्षेत्र में इसका परीक्षण किया। यह लगातार दूसरा सफल उड़ान परीक्षण है। इससे पहले 11 अप्रैल, 2022 को पहला सफल उड़ान परीक्षण किया गया था। आज का परीक्षण अलग-अलग परिक्षेत्र और ऊंचाई के लिए किया गया। योजना के अनुरूप मिसाइल ने नकली टैंक लक्ष्य पर सफलतापूर्वक निशाना साधा। परीक्षण के दौरान सेना के वरिष्ठ कमांडर और डीआरडीओ के वैज्ञानिक उपस्थित थे। इस उड़ान-परीक्षण के साथ इमेजिंग इन्फ्रा-रेड सीकर सहित संपूर्ण प्रणाली का लगातार प्रदर्शन स्थापित किया गया है, जो सशस्त्र बलों में हेलीना को शामिल करने में सक्षम होगा।
इससे पहले राजस्थान के पोखरण में हेलीना का प्रमाणीकरण परीक्षण किया गया था, जिसने रेगिस्तानी परिक्षेत्र में मिसाइल की प्रभावशीलता को प्रमाणित किया।
हेलीना तीसरी पीढ़ी की दागकर और भूलने वाली टैंक-रोधी निर्देशित मिसाइल है, जो सीधे प्रहार मोड के साथ-साथ शीर्ष हमला मोड, दोनों में लक्ष्य को भेद सकता है। इस प्रणाली में हर एक मौसम में दिन और रात काम करने की क्षमता है और यह पारंपरिक बख्तरबंद और विस्फोटक प्रतिक्रियाशील बख्तरबंद के साथ युद्धक टैंकों को हरा सकता है।

25 लड़कियों को बेसमेंट में बंधक बनाकर रखा, हर रोज किया गया रेप-कई हुईं प्रेग्नेंट
Posted Date : 12-Apr-2022 7:47:14 pm

25 लड़कियों को बेसमेंट में बंधक बनाकर रखा, हर रोज किया गया रेप-कई हुईं प्रेग्नेंट

कीव  ।  बूचा में ह्दयविदारक नरसंहार ने सबको हिलाकर रख दिया।अब नया दावा सामने आया है जिसमें कहा जा रहा है कि करीब 25 लड़कियों को रूसी सैनिकों ने बंधक बनाकर रखा था।अधिकतर लड़कियों की उम्र 14 से 24 साल के बीच है।इन लड़कियों से रोज रेप किया गया जिसकारण अब ये गर्भवती हो गई हैं। इनमें से कईलड़कियों की हालत खराब है।कई लड़कियों को तो कई दिनों तक बिना कपड़ों के रखा गया और सैनिक बार-बार उनसे रेप करते रहे। शारीरिक शोषण के अलावा लड़कियों का मानसिक शोषणभी शामिल है जिसमें लड़कियों से मारपीट करना और उनसे दुव्र्यवहार करना आदि शामिल हैं।हाल ही में यूक्रेन क्री संसद की सदस्य लीजिया वासिलेंक ने आरोप लगाया था कि रूसी सैनिक लड़कियों का रेप कर उनकी हत्या कर रहे हैं। यह दावा यूक्रेनी मानवाधिकार परिषद की रिपोर्ट में किया गया है। दरअसल बूचा शहर में एक सामूहिक कब्रिस्तान मिला जिसमें से 300 से ज्यादा यूक्रेनी नागरिकों के क्षत-विक्षत शव बरामद किए गए। कई शव तो ऐसे थे जिनके माथे पर गोली का निशान मिला।बूचा शहर की विचलित करने वाली इन तस्वीरों से दुनियाभर में कोहराम मच गया। चारों तरफ इस घटना की निंदा हो रही है। यूक्रेन पर हमले के बाद करीब एक महीने से बूचा शहर रूसी सैनिकों के कब्जे में है। यूक्रेन ने रूस पर बूचा में नरसंहार और युद्ध अपराध का आरोप लगाया है। हालांकि रूस इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कह रहा है कि रूस की छवि खराब करने के लिए ये साजिश रची गई है।

पीएम ने गुजरात के अदलज में अन्नपूर्णाधाम ट्रस्ट के छात्रावास और शिक्षा परिसर का उद्घाटन किया
Posted Date : 12-Apr-2022 7:46:35 pm

पीएम ने गुजरात के अदलज में अन्नपूर्णाधाम ट्रस्ट के छात्रावास और शिक्षा परिसर का उद्घाटन किया

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से गुजरात के अदलज में अन्नपूर्णाधाम ट्रस्ट के छात्रावास और शिक्षा परिसर का उद्घाटन किया। कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने जनसहायक ट्रस्ट के हीरामनी आरोग्यधाम का भूमिपूजन भी किया। इस अवसर पर गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्रभाई पटेल उपस्थित लोगों में शामिल थे।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने अन्नपूर्णाधाम के दिव्य, आध्यात्मिक और सामाजिक उपक्रमों से लंबे समय तक जुड़े रहने पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य, शिक्षा और पोषण के क्षेत्र में योगदान देना गुजरात का स्वभाव रहा है। सभी समुदाय समाज के लिए अपनी क्षमता के अनुसार अपनी भूमिका निभाते हैं और पाटीदार समुदाय अपनी भूमिका निभाने में कभी पीछे नहीं रहता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि समृद्धि की देवी मां अन्नपूर्णा को सभी और विशेष रूप से पाटीदार समुदाय द्वारा अत्यधिक सम्मान दिया जाता है, जो रोजमर्रा की जिंदगी की वास्तविकताओं से गहराई से जुड़ा हुआ है। प्रधानमंत्री ने कहा कि मां अन्नपूर्णा की प्रतिमा को हाल ही में कनाडा से काशी वापस लाया गया था। उन्होंने कहा, हमारी संस्कृति के ऐसे दर्जनों प्रतीक पिछले कुछ वर्षों में विदेशों से वापस लाए गए हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी संस्कृति में भोजन, स्वास्थ्य और शिक्षा को हमेशा बहुत महत्व दिया जाता है और आज अन्नपूर्णाधाम ने इन तत्वों का विस्तार किया है। जो नई सुविधाएं तैयार की जा रही हैं, उससे गुजरात के आम लोगों को काफी फायदा होगा, खासकर एक बार में 14 लोगों के डायलिसिस की सुविधा और 24 घंटे ब्लड सप्लाई वाला ब्लड बैंक से एक बड़ी जरूरत पूरी होगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने जिला अस्पतालों में मुफ्त डायलिसिस की सुविधा शुरू की है।
गुजराती के बारे में चर्चा करते हुए, प्रधानमंत्री ने अच्छे काम के लिए ट्रस्ट और उसके नेतृत्व की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि इन गणमान्य व्यक्तियों की महान विशेषता रचनात्मक कार्यों के साथ आंदोलन (आंदोलन) का सम्मिश्रण रहा है। नरम लेकिन दृढ़ निश्चयी मुख्यमंत्री के नेतृत्व और प्राकृतिक खेती पर जोर देने के प्रयासों की सराहना करते हुए, प्रधानमंत्री ने उपस्थित लोगों का आह्वान किया कि जहां तक संभव हो वे प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दें। प्रधानमंत्री ने गुजरात में विकास की समृद्ध परंपरा के बारे में चर्चा की जहां विकास के नए मानक रखे गए हैं। उन्होंने कहा कि विकास की इस परंपरा को मुख्यमंत्री द्वारा आगे बढ़ाया जा रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के रूप में, भारत ने सरदार पटेल को एक अच्छी श्रद्धांजलि अर्पित की है, जिनका नाम दुनिया भर में पहुंचा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मां अन्नपूर्णा की भूमि गुजरात में कुपोषण के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अक्सर कुपोषण अज्ञानता के कारण भी होता है। उन्होंने संतुलित आहार के बारे में जागरूकता फैलाने की आवश्यकता पर बल दिया। भोजन को स्वास्थ्य की दिशा में पहला कदम बताते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि कुपोषण अक्सर भोजन की कमी के बजाय भोजन के बारे में ज्ञान की कमी का परिणाम होता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि महामारी के दौरान सरकार ने 80 करोड़ से अधिक लोगों के लिए मुफ्त खाद्यान्न सुनिश्चित किया। मोदी ने कल रात अमरीकी राष्ट्रपति के साथ अपनी बातचीत का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने अमरीकी राष्ट्रपति से कहा कि अगर विश्व व्यापार संगठन के नियमों में ढील देने की अनुमति दी जाती है, तो भारत अन्य देशों को खाद्यान्न भेजने के लिए पेशकश कर सकता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि मां अन्नपूर्णा की कृपा से भारतीय किसान पहले से ही दुनिया के लोगों का ध्यान रख रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने गुजरात में टीकाकरण अभियान की प्रशंसा की। उन्होंने औद्योगिक विकास के नवीनतम रुझानों की जरूरतों के अनुसार कौशल विकास को बढ़ावा देने की आवश्यकता को भी दोहराया। फार्मा उद्योग में राज्य की प्रमुख भूमिका के लिए फार्मेसी कॉलेज बनाने के प्रारंभिक प्रोत्साहन के बारे में चर्चा करते हुए, उन्होंने कहा कि कौशल विकसित करने में समुदाय और सरकार के प्रयासों का कई गुना प्रभाव पड़ता है। उन्होंने कहा कि उद्योग 4.0 के मानकों तक पहुंचने में गुजरात को देश का नेतृत्व करना चाहिए, क्योंकि राज्य के पास ऐसा करने की क्षमता और स्वभाव है।
डायलिसिस रोगियों की आर्थिक स्थिति पर प्रतिकूल प्रभाव को ध्यान में रखते हुए, प्रधानमंत्री ने देश के सभी जिलों में मुफ्त डायलिसिस की सुविधा फैलाने पर जोर दिया। इसी तरह जन औषधि केंद्र सस्ती दवा उपलब्ध कराकर मरीजों का खर्चा कम कर रहे हैं। स्वच्छता, पोषण, जन औषधि, डायलिसिस अभियान, स्टेंट और घुटने के प्रत्यारोपण की लागतों में कमी जैसे उपायों ने आम लोगों पर बोझ कम किया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इसी तरह, आयुष्मान भारत योजना ने गरीब और मध्यम वर्ग के रोगियों, विशेषकर महिलाओं की मदद की है।
छात्रावास और शिक्षा परिसर में 600 छात्रों के लिए 150 कमरों की सुविधा है। अन्य सुविधाओं में गुजरात लोक सेवा आयोग (जीपीएससी) के लिए प्रशिक्षण केंद्र, संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) परीक्षा, ई-लाइब्रेरी, सम्मेलन कक्ष, खेल कक्ष, टीवी कक्ष और छात्रों के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधाएं आदि शामिल हैं।
जनसहायक ट्रस्ट की ओर से हीरामनी आरोग्य धाम का विकास किया जाएगा। इसमें एक बार में 14 व्यक्तियों के डायलिसिस की सुविधा, 24 घंटे रक्त की आपूर्ति के साथ ब्लड बैंक, चौबीसों घंटे काम करने वाला मेडिकल स्टोर, आधुनिक पैथोलॉजी प्रयोगशाला और स्वास्थ्य जांच के लिए उच्च श्रेणी के उपकरण सहित नवीनतम चिकित्सा सुविधाएं होंगी। यह आयुर्वेद, होम्योपैथी, एक्यूपंक्चर, योग चिकित्सा आदि के लिए उन्नत सुविधाओं वाला एक डे-केयर सेंटर होगा। यहां प्राथमिक चिकित्सा प्रशिक्षण, तकनीशियन प्रशिक्षण और डॉक्टर प्रशिक्षण की सुविधाएं भी होंगी।

कोरोना से जान गंवाने वाले परिवारों को कोविड मुआवजे के लिए सुप्रीम कोर्ट ने तय की समयसीमा
Posted Date : 12-Apr-2022 5:13:55 am

कोरोना से जान गंवाने वाले परिवारों को कोविड मुआवजे के लिए सुप्रीम कोर्ट ने तय की समयसीमा

नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना से मरने वालों के परिवारों को कोविड मुआवजे के लिए समयसीमा तय की है। केंद्र ने सोमवार को कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने 24 मार्च को दिए एक आदेश में कोविड -19 मौतों के मुआवजे के दावे दायर करने के लिए समय सीमा निर्धारित की है।  
सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी किए गए प्रमुख दिशा-निर्देश इस प्रकार हैं-
-20 मार्च, 2022 से पहले कोविड-19 के कारण हुई मृत्यु के मामले में मुआवजे के दावे दायर करने के लिए 24 मार्च, 2022 से साठ दिनों की बाह्य समय सीमा लागू होगी।
-भविष्य में कोविड-19 से होने वाली किसी भी मृत्यु के लिए दावा दायर करने के लिए समय-सीमा मृत्यु की तिथि से नब्बे दिन की होगी।
-दावों की जांच एवं कार्यवाही करने के लिए दावे की प्राप्ति की तिथि से तीस दिन की अवधि के भीतर मुआवजे का वास्तविक भुगतान करने का पूर्व आदेश जारी रहेगा।
हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने यह निर्देश भी दिया है कि अत्यधिक कठिनाई के मामले में जहां कोई दावेदार निर्धारित समय-सीमा के अंदर आवेदन नहीं कर सकता है तो वह दावेदार शिकायत निवारण समिति के माध्यम से ऐसा कर सकता है। ऐसे दावों पर शिकायत निवारण समिति द्वारा मामला-दर-मामला आधार पर विचार किया जाएगा और अगर शिकायत निवारण समिति द्वारा यह पाया जाता है कि कोई विशेष दावेदार उस निर्धारित समय-सीमा के भीतर दावा नहीं कर सकता है जो उनके नियंत्रण से बाहर है तो उस मामले में दावे पर गुणदोष के आधार पर विचार किया जा सकता है।
इसके अलावा, सुप्रीम कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि फर्जी दावों के जोखिम को कम से कम करने के लिए 5 प्रतिशत दावा आवेदनों की पहली बार में रैन्डम जांच की जाएगी। अगर यह पाया जाता है कि किसी व्?यक्ति ने फर्जी दावा किया है, तो उस पर डीएम अधिनियम, 2005 की धारा 52 के तहत विचार किया जाएगा और तदनुसार उसे दंडित किया जा सकता है।

देवघर में रोपवे पर हुआ हादसा : खतरे में 48 जिंदगियां, रेस्क्यू में जुटे सेना के हेलीकॉप्टर
Posted Date : 12-Apr-2022 5:13:00 am

देवघर में रोपवे पर हुआ हादसा : खतरे में 48 जिंदगियां, रेस्क्यू में जुटे सेना के हेलीकॉप्टर

रांची ।  देवघर के त्रिकूट पर्वत पर रोपवे हादसे के बाद फंसे लोगों को रेस्क्यू करने के लिए सोमवार सुबह से सेना के हेलीकॉप्टर लगाए गए हैं। अभी 48 लोग अलग-अलग ट्रॉलियों में लगभग 2000 फीट की ऊंचाई पर फंसे हुए हैं। रविवार शाम हुए इस हादसे में एक महिला की मौत हुई है जबकि एक दर्जन से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। घटनास्थल के पास सैकड़ों लोगों की भीड़ जमा है। एनडीआरएफ की टीम ने रविवार रात को रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया था और लगभग दो दर्जन लोगों को सुरक्षित निकाल लिया। रात होने की वजह से ऑपरेशन बंद करना पड़ा। सोमवार सुबह से सेना के हेलीकॉप्टर ट्रॉलियों में फंसे लोगों को बाहर निकालने में जुटे हुए हैं। इन लोगों तक एक खाली ट्रॉली के जरिए बिस्किट और पानी के पैकेट पहुंचाए गए हैं। स्थानीय सांसद निशिकांत दुबे, जिले के उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री सहित कई आला अधिकारी मौके पर मौजूद हैं। रविवार शाम लगभग 6 बजे देवघर के त्रिकूट पर्वत पर रोपवे का एक तार टूट जाने की वजह से यह हादसा हुआ। इस हादसे की वजह से मरने वाली महिला की पहचान सुरा गांव निवासी 40 वर्षीय महिला सुमति देवी के रूप में हुई है। घायलों में असम के कोकराझार निवासी भूपेंद्र वर्मा व उसकी पत्नी दीपा वर्मा, जामताड़ा जिला के करमाटांड़ निवासी रूपा कुमारी, सोनी देवी, गिरिडीह के करमाटांड़ निवासी गोविंद भगत, बिहार के दरभंगा अंतर्गत लहरियासराय निवासी खुशबू रानी, सुधा रानी और एक बालक घायल हैं। घायलों में अज्ञात बालक के साथ एक महिला की स्थिति गंभीर बतायी जा रही है।