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भारत का कृषि निर्यात 50 बिलियन डॉलर की ऐतिहासिक ऊंचाई पर पहुंचा
Posted Date : 06-Apr-2022 5:53:43 pm

भारत का कृषि निर्यात 50 बिलियन डॉलर की ऐतिहासिक ऊंचाई पर पहुंचा

नई दिल्ली । वर्ष 2021-22 के लिए कृषि उत्पाद (समुद्री तथा कृषि उत्पाद सहित) का निर्यात 50 बिलियन डॉलर को पार कर गया है। यह अब तक का सबसे अधिक कृषि उत्पाद निर्यात है। वाणिज्यिक जानकारी एवं सांख्यिकी महानिदेशालय (डीजीसीआईएंडएस) द्वारा जारी अनंतिम आंकड़ों के अनुसार 2021-22 के दौरान कृषि निर्यात 19.92 प्रतिशत बढक़र 50.21 बिलियन डॉलर हो गया। यह वृद्धि दर शानदार है और 2020-21 के 17.66 प्रतिशत यानी 41.87 बिलियन से अधिक है। यह वृद्धि उच्च भाड़ा दरों, कंटेनर की कमी जैसी अप्रत्याशित लॉजिस्टिक चुनौतियों के बावजूद हुई है। पिछले दो वर्षों की यह उपलब्धि किसानों की आय में सुधार के प्रधानमंत्री के विजऩ को साकार करने में काफी अधिक सफल होगी।
चावल (9.65 बिलियन डॉलर), गेहूं (2.19 बिलियन डॉलर), चीनी (4.6 बिलियन डॉलर) तथा अन्य अनाजों (1.08 बिलियन डॉलर) के लिए यह अब तक का सबसे अधिक निर्यात है। गेहूं निर्यात में अप्रत्याशित 273 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। जहां 2020-21 में गेहूं निर्यात 568 मिलियन डॉलर का था वहीं यह 2021-22 में चार गुना बढक़र 2119 मिलियन डॉलर हो गया। इन उत्पादों के निर्यात में वृद्धि से पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, तेलंगाना, आन्ध्र प्रदेश, महाराष्ट्र जैसे राज्यों के किसानों को लाभ हुआ है। भारत ने चावल के लिए विश्व बाजार में लगभग 50 प्रतिशत हिस्से पर कब्जा कर लिया है।
समुद्री उत्पादों का निर्यात अब तक का सबसे अधिक 7.71 बिलियन डॉलर हुआ है इससे तटीय राज्य पश्चिम बंगाल, आन्ध्र प्रदेश, ओडिशा, तमिलनाडु, केरल, महाराष्ट्र तथा गुजरात के किसानों को लाभ मिला है। मसालों का निर्यात लगातार दूसरे वर्ष बढक़र 4 बिलियन डॉलर का हो गया है। आपूर्ति बाधा के बावजूद कॉफी का निर्यात पहली बार 1 बिलियन डॉलर को पार कर गया है जिससे कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु में कॉफी उत्पादकों की प्राप्ति बढ़ी है।
यह उपलब्धि वाणिज्य विभाग और एपीईडीए, एमपीईडीए जैसी उसकी निर्यात संवर्धन एजेंसियों और विभिन्न जिन्स बोर्डों के निरंतर प्रयास का परिणाम है। विभाग ने कृषि निर्यात को प्रोत्साहित करने में राज्य सरकारों तथा जिला प्रशासनों को शामिल करने का विशेष प्रयास किया है। निर्यात से किसानों का लाभ सुनिश्चित करने के लिए वाणिज्य विभाग ने सीधे किसानों तथा एफपीओ को निर्यात मार्केट लिंकेज प्रदान करने के विशेष प्रयास किए हैं। किसानों, एफपीओ/एफपीसी, सहकारी समितियों को निर्यातकों से बातचीत का प्लेटफॉर्म प्रदान करने के लिए एक किसान कनेक्ट पोर्टल बनाया गया है। इन कदमों का परिणाम यह हुआ है कि अब तक अज्ञात क्षेत्रों से भी कृषि निर्यात हो रहा है। वाराणसी (ताजा सब्जियां, आम), अनंतपुर (केला), नागपुर (संतरा), लखनऊ (आम), थेनी (केला), सोलापुर (अनार), कृष्णा तथा चित्तूर (आम) जैसे क्लस्टरों से निर्यात किए गए है। गैर-परम्परागत क्षेत्रों से निर्यात को प्रोत्साहित करने के लिए ‘हैप्पी बनाना’ ट्रेन की पहल की गई है। रीफर कंटेनरों के साथ यह विशेष ट्रेन अनंतपुर से केला जेएनपीटी, मुंबई भेजने के लिए है।
2020 की पहली तिमाही के दौरान कोविड-19 फैलने के कारण खाद्यान्नों की मांग में वृद्धि हुई। इस वृद्धि ने कृषि निर्यात बढ़ाने के लिए अवसर प्रदान किया। राज्य तथा जिला स्तरों पर पहले से बने हुए संस्थागत ढांचों तथा महामारी से उत्पन्न बाधाओं को दूर करने के विशेष प्रयासों के कारण भारत ने स्वयं को साबित किया और खाद्य सामग्री के विश्वसनीय आपूर्तिकर्ता के रूप में उभरा। रूस-यूक्रेन युद्ध के हाल के संकंट के बावजूद विश्व गेहूं तथा अन्य अनाजों की सप्लाई के लिए भारत की ओर देख रहा है।
वाणिज्य विभाग कृषि निर्यात बढ़ाने के लिए अपने प्रयास को जारी रखे हुए है और पिछले दो वर्षों की गति को बनाए रखा गया है और आने वाले वर्षों में कृषि निर्यात नई ऊंचाइयों पर पहुंचेगा।

शेखावत ने 564 एमएलडी क्षमता वाले सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के निर्माण की प्रगति का किया निरीक्षण
Posted Date : 06-Apr-2022 5:53:14 pm

शेखावत ने 564 एमएलडी क्षमता वाले सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के निर्माण की प्रगति का किया निरीक्षण

नई दिल्ली । केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने 564 एमएलडी क्षमता के ओखला सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का निरीक्षण किया। यमुना कार्य योजना-थ्री के अंतर्गत इस ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण किया जा रहा है। इसके लिए केन्द्र सरकार द्वारा धन उपलब्ध कराए जा रहे हैं। केन्द्रीय मंत्री सबसे पहले आईटीओ स्थित छठ घाट गए और वहां से नाव से 12 किलोमीटर दूर ओखला वोट क्लब पहुंचे। फिर शेखावत सडक़ मार्ग से ओखला एसटीपी स्थल पहुंचे। गंगा की सफाई के लिए राष्ट्रीय मिशन के महानिदेशक जी. अशोक कुमार भी निरीक्षण के दौरान उपस्थित थे। लागत साझा करने की व्यवस्था के अनुसार 85 प्रतिशत लागत का वहन नमामि गंगे कार्यक्रम के अंतर्गत केन्द्र सरकार को और 15 प्रतिशत लागत वहन राज्य सरकार को करना है। ओखला एसटीपी परियोजना की कुल स्वीकृत लागत 665.78 करोड़ रुपये है।
गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा कि दिल्ली में स्थिति पर विचार करते हुए और दिसंबर, 2022 की समय सीमा को ध्यान में रखते हुए एसटीपी कार्य में तेजी लाने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने कहा कि दिसंबर, 2022 के बाद दिल्ली की यमुना नदी में निश्चित रूप से जल की गुणवत्ता में सुधार महसूस किया जाएगा। ओखला एसटीपी एशिया में सबसे बड़ा सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट है। 564 एमएलडी के इस प्लांट के निर्माण के बाद यमुना नदी के जल की गुणवत्ता में काफी सुधार होगा। यह एकीकृत परियोजना है इसलिए इसके कार्य के दायरे में गाद प्रबंधन को भी शामिल किया गया है। इसके अनुसार पर्यावरण संबंधी विषयों को ध्यान में रखते हुए वैज्ञानिक तरीके से गाद का उचित निपटान किया जाएगा।

ईडी व अन्य जांच एजेंसियों के खिलाफ संसद परिसर में शिवसेना सांसदों ने किया विरोध प्रदर्शन
Posted Date : 06-Apr-2022 5:52:52 pm

ईडी व अन्य जांच एजेंसियों के खिलाफ संसद परिसर में शिवसेना सांसदों ने किया विरोध प्रदर्शन

नई दिल्ली ।  शिवसेना सांसदों ने बुधवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और अन्य केंद्रीय जांच एजेंसियों की कार्रवाई के विरोध में संसद परिसर में प्रदर्शन किया।  दरअसल ईडी ने संजय राउत के परिवार प्रवीण राउत, वर्षा राउत और स्वप्ना पाटकर की 11.15 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्ककर ली है जिसमें संजय राउत की पत्नी का दादर और अलीबाग स्थित फ्लैट भी शामिल है। ईडी ने यह कार्रवाई पात्रा चॉल भूमि घोटाले से जुड़े मामले में की है। इसके विरोध में बुधवार को संसद परिसर में गांधी प्रतिमा के पास तख्ती लेकर शिवसेना सांसदों ने प्रदर्शन किया और कहा, ईडी, सीबीआई, इनकम टैक्स सबने खोया जनता का विश्वास।
इससे पहले ईडी की इस कार्रवाई से भडक़े संजय राउत ने मंगलवार को कहा, क्या मैं विजय माल्या, मेहुल चोकसी, नीरव मोदी या अंबानी-अदानी हूं? चाहे हमारी प्रोपर्टी जब्त हो, गोली मारो या जेल भेजो, हम नहीं डरेंगे। 2 साल से चुप बैठाने की कोशिश है, चुप बैठा क्या? जिसको फुदकना है, नाचना है नाचने दो। आगे पता चलेगा कि सच क्या है और झूठ क्या है।
उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ कार्रवाई तब शुरू हुई जब लोगों ने उन पर महाराष्ट्र सरकार गिराने का दबाव बनाया।
उन्होंने कहा, वे मुझे डरा नहीं सकते। चाहे वे मेरी संपत्ति को जब्त कर लें या मुझे गोली मार दें या मुझे जेल भेज दें.. संजय राउत बालासाहेब ठाकरे के अनुयायी और एक शिव सैनिक है।
गौरतलब है कि कि महाराष्ट्र में ईडी ने शिवसेना नेता संजय राउत पर कार्रवाई की है। ईडी ने 1,034 करोड़ रुपए के पात्रा चॉल भूमि घोटाला मामले में शिवसेना नेता की संपत्ति को अटैच की है। साथ ही निदेशालय ने संजय के अलीबाग में एक प्लॉट और दादर में एक फ्लैट को कुर्क कर दिया है।

कैलाश मानसरोवर सडक़ के लिए 650 करोड़ रुपये मंजूर करेगा केंद्र, जल्द पूरा होगा उत्तराखंड से यात्रा करने का सपना
Posted Date : 06-Apr-2022 5:51:53 pm

कैलाश मानसरोवर सडक़ के लिए 650 करोड़ रुपये मंजूर करेगा केंद्र, जल्द पूरा होगा उत्तराखंड से यात्रा करने का सपना

नई दिल्ली । नेपाल या चीन के बजाय उत्तराखंड के रास्ते कैलाश मानसरोवर की यात्रा को सक्षम बनाने के लिए केंद्र सरकार जल्द ही 650 करोड़ रुपये से अधिक की सडक़ परियोजान को मंजूरी देगा। 
केंद्र सरकार भारत-चीन सीमा संपर्क सडक़ के अंतिम खंड के लिए काम शुरू करने के लिए तैयार है जो कैलाश मानसरोवर को जोडऩे की सुविधा प्रदान करेगी। उत्तराखंड से यह लिंक रोड वाहनों को तीर्थ स्थल से सिर्फ 75 किमी दूर तक ड्राइव करने की अनुमति देगा।
सरकार परियोजना पर काम में तेजी लाने के लिए लगी हुई है। केंद्र मशीनीकृत निर्माण लाने के लिए एलएंडटी से लेकर टाटा समूह की टॉप कंस्ट्रक्शन कंपनियों और ठेकेदारों को शामिल करने की तैयारी कर रहा है। सडक़ परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने पहले ही शीर्ष फर्मों के साथ बातचीत शुरू कर दी है। परियोजना को आगे बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण कदम पूरा कर लिया गया है।
सीमा सडक़ संगठन (बीआरओ) ने अस्कोट से भारत-चीन सीमा तक पूरे 150 किलोमीटर लिंक का रोड फॉर्मेशन पूरा कर लिया है। रोड फॉर्मेशन में भौगोलिक और भूभाग की चुनौतियों के अलावा उसकी शेप को तय करना शामिल है जिस पर सडक़ बनेगी। इस चुनौतीपूर्ण कार्य को बीआरओ ने दुर्गम हिमालयी इलाके में सफलतापूर्वक पूरा किया।
सडक़ परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय अस्कोट से सीमा तक की आखिरी 80 किलोमीटर सडक़ को पक्का करने के लिए फंड मंजूर करने के लिए तैयार है।  
उन्होंने कहा, इस मामले में सबसे कठिन हिस्सा रोड फॉर्मेशन था। अब रोड फॉर्मेशन के साथ, रोड बनना शुरू हो जाएगा। केंद्र द्वारा जल्द ही इसकी मंजूरी दी जाएगी। हम पूरे दो लेन सडक़ राजमार्ग को 2-3 साल के भीतर पूरा करने की उम्मीद करते हैं।
एक बार पूरी सडक़ बन जाने के बाद उत्तराखंड के पिथौरागढ़ से भारत चीन सीमा तक 5-6 घंटे में पहुंचा जा सकता है। अधिकारी ने कहा कि वहां से साइट पर पहुंचने में करीब दो घंटे का समय लगेगा। वर्तमान में दो से तीन हफ्ते में कैलाश मानसरोवर पहुंच सकते हैं। अभी के मार्ग सिक्किम या नेपाल के माध्यम से हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने आर्य समाज की शादियों को स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत लाने के आदेश पर लगाई रोक
Posted Date : 06-Apr-2022 7:40:32 am

सुप्रीम कोर्ट ने आर्य समाज की शादियों को स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत लाने के आदेश पर लगाई रोक

नई दिल्ली । सर्वोच्च न्यायालय ने मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के उस आदेश पर रोक लगा दी, जिसमें आर्य समाज के एक संगठन को निर्देश दिया गया था कि विवाह करते समय उसे विशेष विवाह अधिनियम के प्रावधानों का पालन करना चाहिए। 
मध्य भारत आर्य प्रतिनिधि सभा का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता श्याम दीवान और वकील वंशजा शुक्ला ने तर्क दिया कि उच्च न्यायालय ने आर्य समाज के मंदिरों द्वारा आर्य समाज के मंदिरों द्वारा किए गए आर्य समाज के विवाह को निर्देश देकर विधायिका के क्षेत्र में प्रवेश करके एक त्रुटि की है। मप्र में याचिकाकर्ता समाज को विशेष विवाह अधिनियम के प्रावधानों के अनुरूप अनुष्ठापन करना होगा। याचिकाकर्ता संगठन ने कहा कि मध्य प्रदेश के सभी आर्य समाज मंदिरों पर उसका अधिकार है।
वकील ने तर्क दिया कि उच्च न्यायालय ने गलत तरीके से निर्देश दिया कि आर्य समाज मंदिरों को विशेष विवाह अधिनियम की धारा 5, 6, 7 और 8 के प्रावधानों का पालन करने के बाद विवाह की अनुमति देनी चाहिए, जो पूवार्पेक्षा शर्तो के लिए प्रदान करते हैं, जैसे कि इच्छित विवाह की सूचना, प्रकाशन का प्रकाशन। नोटिस, शादी की नोटबुक, शादी पर आपत्ति और प्रक्रिया।
जस्टिस के.एम. जोसेफ और हृषिकेश रॉय ने दलीलें सुनने के बाद मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगा दी, जिसने संगठन को अधिनियम के अनुसार अपने दिशानिर्देशों में संशोधन करने का निर्देश दिया, और मध्य प्रदेश सरकार को नोटिस भी जारी किया।
यह मामला 2020 में उच्च न्यायालय में एक अंतर-जातीय जोड़े द्वारा दायर एक याचिका से उत्पन्न हुआ, जिसमें दावा किया गया था कि उन्होंने आर्य समाज की परंपरा के अनुसार शादी की, और राज्य सरकार को उन्हें सुरक्षा प्रदान करने का निर्देश देने के लिए अदालत का रुख किया।

सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने 22 यू-ट्यूब चैनलों को किया ब्लॉक
Posted Date : 06-Apr-2022 7:40:08 am

सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने 22 यू-ट्यूब चैनलों को किया ब्लॉक

नईदिल्ली। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने आईटी नियमावली, 2021 के तहत आपातकालीन शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए सोमवार को बाईस (22) यूट्यूब आधारित समाचार चैनलों, तीन (3) ट्विटर अकाउंट, एक (1) फेसबुक अकाउंट और एक (1) न्यूज वेबसाइट को ब्लॉक करने के आदेश जारी किए हैं। ब्लॉक किए गए यूट्यूब चैनलों के दर्शकों की कुल संख्या 260 करोड़ से अधिक थी, और राष्ट्रीय सुरक्षा, भारत के विदेशी संबंधों और सार्वजनिक व्यवस्था के दृष्टिकोण से संवेदनशील विषयों पर फर्जी समाचार, और सोशल मीडिया पर सुनियोजित दुष्प्रचार फैलाने के लिए उनका दुरुपयोग किया जा रहा था।
भारतीय यूट्यूब आधारित समाचार चैनलों पर कार्रवाई
पिछले साल फरवरी में आईटी नियम, 2021 की अधिसूचना के बाद से भारतीय यूट्यूब आधारित समाचार प्रकाशकों पर यह पहली बार कार्रवाई की गई है। ब्लॉक किए जाने के आदेश के अनुसरण में, अठारह (18) भारतीय और चार (4) पाकिस्तान स्थित यूट्यूब समाचार चैनलों को ब्लॉक कर दिया गया है।
सामग्री का विश्लेषण
भारतीय सशस्त्र बलों, जम्मू-कश्मीर, आदि जैसे विभिन्न विषयों पर फर्जी समाचार पोस्ट करने के लिए कई यूट्यूब चैनलों का उपयोग किया जा रहा था। जिन विषय-सामग्री को ब्लॉक करने का आदेश दिया गया है उनमें कुछ भारत विरोधी विषय-सामग्री भी शामिल थी, जो एक सुनियोजित तरीके से पाकिस्तान से संचालित कई सोशल मीडिया अकाउंट से पोस्ट की गई थी।
यह देखा गया कि इन भारतीय यूट्यूब आधारित चैनलों द्वारा यूक्रेन की मौजूदा स्थिति से संबंधित और अन्य देशों के साथ भारत के विदेशी संबंधों को खराब करने के इरादे से अत्यधिक मात्रा में फर्जी विषय-सामग्री प्रकाशित की जा रही थी।
काम करने का ढंग
ब्लॉक किए गए भारतीय यूट्यूब चैनल कुछ टीवी समाचार चैनलों के टेम्प्लेट और लोगो का उपयोग कर रहे थे, जिसमें उनके समाचार एंकरों की तस्वीरें भी शामिल थीं, ताकि दर्शकों को यह विश्वास दिलाया जा सके कि समाचार प्रामाणिक था। सोशल मीडिया पर सामग्री को वायरल करने के लिए झूठे थंबनेल का इस्तेमाल किया गया और वीडियो के शीर्षक एवं थंबनेल को  अक्सर बदल दिया जाता था। कुछ मामलों में, यह भी पाया गया कि सुनियोजित तरीके से भारत विरोधी फर्जी खबरें पाकिस्तान से आ रही थीं।
इस कार्रवाई के साथ दिसंबर 2021 से, मंत्रालय ने राष्ट्रीय सुरक्षा, भारत की संप्रभुता और अखंडता, सार्वजनिक व्यवस्था आदि से संबंधित आधार पर 78 यूट्यूब आधारित समाचार चैनलों और कई अन्य सोशल मीडिया अकाउंट को अवरुद्ध करने के निर्देश जारी किए हैं।
भारत सरकार एक प्रामाणिक, भरोसेमंद और सुरक्षित ऑनलाइन समाचार मीडिया का वातावरण सुनिश्चित करने के साथ-साथ भारत की संप्रभुता और अखंडता, राष्ट्रीय सुरक्षा, विदेश संबंधों और सार्वजनिक व्यवस्था को कमजोर करने के किसी भी प्रयास को विफल करने के लिए प्रतिबद्ध है।