नई दिल्ली ,02 सितंबर । रेलवे ने लोकल यात्रियों को बड़ी राहत दी है। कोविड की वजह से बंद मासिक पास सेवा (एमएसटी) को फिर से शुरू करने का निर्णय लिया है। 3 सितंबर से यात्री इस पास से यात्रा कर सकेंगे। उत्तर रेलवे ने इस सुविधा को शुरू करने के लिए सर्कुलर जारी कर दिया है। रेलवे ने मासिक पास सेवा को शुरू करने जा रहा है। रेलवे की तरफ से चलाई जा रही ट्रेनों में कोविड की वजह से अमान्य कर दिया था जिसे अब फिर से शुरू किया जा रहा है। हालांकि लंबे समय से पास का रिन्यूअल नहीं होने की वजह से पुराना पास अमान्य हो गया है। लिहाजा यात्रियों को इस पास की सुविधा के लिए फिर से पास बनवाना होगा क्योंकि यह पास 3 महीने के लिए ही मान्य होता है। यात्री इस पास को ऑनलाइन भी बनवा सकेंगे। रेलवे के इस निर्णय से लोकल पैसेंजर खासकर कामकाजी लोगों को काफी सुविधा होगी। इस पास के माध्यम से दिल्ली आसपास के यात्रियों को बड़ी राहत मिलेगी। हालांकि उत्तर रेलवे ने जारी सर्कुलर में कहा है कि रेल यात्री चिन्हित ट्रेन में ही इस पास का इस्तेमाल कर सकेंगे। फिलहाल कौन सी चिन्हित ट्रेन होगी इसका खुलासा नहीं किया गया है, लेकिन यह माना जा रहा है कि डेमू, मेमू, मेल एक्सप्रेस, पैसेंजर ट्रेन में यात्रा की अनुमति होगी। कोविड की वजह से चलने वाली लंबी दूरी की स्पेशल ट्रेन में यात्रा की मंजूरी नहीं होगी। उल्लेखनीय है कि अभी जितनी ट्रेनें चलाई जा रही हैं, उनमें पहले से टिकट लेना जरूरी होता है। यानि पहले की तरह व्यवस्था नहीं है कि स्टेशन पहुंचे और लोकल टिकट लेकर यात्रा कर लिए। ऐसे में बहुत सारे लोगों को परेशानी हो रही है। बुकिंग और अन्य चार्ज के नाम पर यात्रा टिकट के अधिक पैसे भी लिए जा रहे है। क्योंकि कोविड की वजह से स्पेशल ट्रेन चल रही है। पैसेंजर की ट्रेन की जगह स्पेशल मेल/एक्सप्रेस ट्रेन चलाई जा रही है।
इस वजह से आम यात्रियों को परेशानी हो रही है। खासकर डेली पैसेंजर्स यानी रोजाना यात्रा करनेवाले यात्रियों को परेशानी हो रही है। अब मासिक सीजनल टिकट (एमएसटी) के जरिए मिलने वाले रियायती दरों पर ट्रेनों में सफर करना कामकाजी लोगों के लिए आसान हो जाएगा। कोरोना काल में तमाम रियायती सुविधाओं के साथ मंथली पास सुविधा भी बंद कर दी गई है।
राष्ट्रीय स्तर पर संचालित मासिक पास सुविधा पिछले डेढ़ साल से स्थगित है। रेल यात्रा करने वाले अप-डाउनर को मासिक पास की सुविधा शुक्रवार से बहाल की जा रही है। एमएसटी पास पहले की तरह ही लागू होगा। ना तो पास बनाने के लिए अतिरिक्त चार्ज वसूले जाएंगे और ना ही दूरी घटाई जाएगी। यात्री इस पास पर 10 किलोग्राम तक सामान लेकर यात्रा कर सकते हैं।
हैदराबाद ,02 सितंबर । हैदराबाद में राजीव गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (आरजीआईए) का संचालन करने वाले जीएमआर समूह ने कहा है कि वह 5,000 करोड़ रुपये की मेट्रो रेल परियोजना में 500 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश करेगा। तेलंगाना सरकार शहर के विभिन्न हिस्सों को हवाई अड्डे से जोडऩे के लिए इस मेट्रो रेल परियोजना का निर्माण कर रही है। जीएमआर हैदराबाद इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड द्वारा प्रस्तावित तीसरी नियंत्रण अवधि (अप्रैल 2021 से मार्च 2026) के लिए टैरिफ संशोधन पर एक परामर्श पत्र के अनुसार समूह 2024 तक 519.52 रुपये का निवेश करेगा। परामर्श पत्र के अनुसार जीएमआर समूह कुल लागत का लगभग 10 प्रतिशत निवेशक करेगा, जो हवाई अड्डे के भीतर मेट्रो संपर्क की अनुमानित लागत के बराबर है।
नयी दिल्ली ,01 सितंबर । चालू वित्त वर्ष में भारतीय विमानन उद्योग को 260 अरब रुपये का नुकसान हो सकता है और वर्ष 2022-24 के दौरान इसको 470 अरब रुपये तक की अतिरिक्त फंडिंग की जरूरत पड़़ सकती है।
बाजार अध्ययन और सलाह सेवा प्रदान करने वाली एजेंसी इक्रा ने मंगलवार को इस संबंध में जारी अपनी रिपोर्ट में यह अनुमान जताते हुये कहा कि चालू वित्त वर्ष में 45 से 50 प्रतिशत तक विमानन यात्रियों की संख्या में बढोतरी होने की संभावना है। मार्च 2022 में समाप्त होने वाले वित्त वर्ष में भारतीय एयरलाइनों के लिए अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की संख्या में 80 से 85 फीसदी की बढोतरी दिख सकती है लेकिन यह अभी भी वित्त वर्ष 2016 के स्तर से कम है।
इक्रा का कहना है कि विमानन ईंधन की कीमतों में तेजी और यात्री किराये की सीमा तय किये जाने से विमानन कंपनियों के लाभ पर असर पड़ सकता है और इसके परिणाम स्वरूप इस उद्योग को अधिक नुकसान होने की आशंका है।
इक्रा की उपाध्यक्ष एवं सह ग्रुप प्रमुख किंजल शाह ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर के बाद से हवाई यात्रियों की संख्या में धीरे धीरे सुधार हो रहा है औँर वित्त वर्ष 2024 तक घरेलू हवाई यात्रियों की संख्या के कोविड के पूर्व स्तर तक पहुंचने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष के पहले पांच महीने तक विमानन ईंधन की कीमतों में वार्षिक आधार पर 71 फीसदी की बढोतरी और विमानन किराये की सीमा तय किया जाना इस उद्योग के लाभ के समक्ष बड़ी चुनौती है। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में भारतीय विमानन उद्योग को चालू वित्त वर्ष में 250 से 260 अरब रुपये के नुकसान का अनुमान है। इसके साथ ही इस उद्योग पर ऋण का स्तर भी बढ़ जायेगा। विमान लीज शुल्क के साथ चालू वित्त वर्ष में इनकी देनदारी 1200 अरब रुपये की हो सकती है। इसके मद्देजनर इस उद्योग को वित्त वर्ष 2022 से वित्त वर्ष 2024 के दौरान 450 से 470 अरब रुपये की अतिरिक्त पूंजी की जरूरत होगी।
उन्होंने कहा कि घरेलू हवाई यात्रियों की संख्या में सुधार पांच कारकों - टीकाकरण की गति, यात्रियों के लक्जरी यात्रा पर व्यय करने की इच्छा शक्ति, वृहद अर्थव्यवस्था में सुधार, केन्द्र और राज्य सरकारों के यात्रा पर लगाये गये प्रतिबंध तथ्का क्वॉरेटिन नियमों को शिथिल करने और कारोबारी यात्रा में सुधार- होने पर निर्भर करेगा।
नयी दिल्ली ,01 सितंबर । कोरोना के कारण बुरी तरह प्रभावित अर्थव्यवस्था अब पटरी पर लौट रही है क्योंकि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर 20.1 फीसदी रही है जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में कठोर लॉकडाउन की वजह से इसमें 24.4 प्रतिशत की ऋणात्मक बढोतरी हुयी थी।
केन्द्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) की मंगलवार को जारी आर्थिक विकास के आंकड़ों के अनुसार, पिछले वर्ष जून में समाप्त तिमाही में देश की जीडीपी 26.95 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान जताया गया था, जो चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में बढक़र 32.38 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया। हालांकि सकल मूल्य वर्द्धन (जीवीए) में 18.8 प्रतिशत की बढोतरी हुयी है और यह 25.66 लाख करोड़ रुपये की तुलना में बढक़र 30.48 लाख करोड़ रुपये हो गया।
आंकड़ों के अनुसार, वर्तमान बाजार मूल्य पर पहली तिमाही में जीडीपी 51.23 लाख करोड़ रुपये रही है, जो पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही के 38.89 लाख करोड़ रुपये की तुलना में 31.7 प्रतिशत अधिक है। इसी तरह से जीवीए भी 36.53 लाख करोड़ रुपये की तुलना में 26.5 प्रतिशत बढक़र 46.20 लाख करोड़ रुपये हो गया है।
नयी दिल्ली ,01 सितंबर । त्योहारी सीजन के करीब आते ही पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) ने अपने ग्राहकों को आसानी से कर्ज दिलाने के लिए फेस्टिवल बोनैंजा ऑफर की पेशकश की है। इस त्योहारी पेशकश के तहत बैंक अपने सभी प्रमुख रिटेल उत्पादों जैसे ग्रह ऋण, वाहन ऋण, माई प्रोपर्टी लोन, पेंशन व गोल्ड लोन पर सभी तरह के सेवा शुल्क/प्रोसेसिंग फीस एवं डाक्यूमेंटेशन चार्ज को माफ कर रहा है।
पंजाब नेशनल बैंक अब गृह ऋण पर 6.8 फीसदी तथा कार ऋण पर 7.15 फीसदी की ब्याज दरों की पेशकश कर रहा है। बैंक 8.95 फीसदी की ब्याज दर पर वैयक्तिक ऋण उपलब्ध कराएगा जो बैंकिंग उद्योग में सबसे कम है। बैंक ने होम लोन पर आकर्षक ब्याज दरों के साथ टॉपअप का भी ऐलान किया है। ग्राहक इन खास ऑफर का लाभ पीएनबी की देश भर में किसी शाखा अथवा डिजिटल चैनलों के माध्यम से 31 दिसम्बर 2021 तक उठा सकते हैं।
नई दिल्ली ,31 अगस्त । हरेक इंसान अपनी नौकरी-पेशेवाली जिंदगी में कुछ न कुछ बचत करके रखना चाहता है, ताकि वह भविष्य की प्रत्याशित-अप्रत्याशित जरूरतों को पूरा कर सके। इसके लिए वह सावधि जमा यानी फिक्स्ड डिपॉजिट को प्राथमिकता देता है, ताकि वह आड़े वक्त में इसे तोडक़र या उसपर लोन लेकर अपना काम चला सके। अभी तक कोई भी व्यक्ति सिर्फ वहीं पर अपनी फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) करवा सकता था, जहां पर उसका खाता हो या फिर उसी बैंक की कोई शाखा अन्य जगहों पर हो। लेकिन अब गूगल पे ने अपने जरिये सावधि जमा (एफडी) करने का जो ऑफर दिया है, उसके माफऱ्त आप किसी भी बैंक में अपनी फिक्स्ड डिपॉजिट करवा सकते हैं, चाहे वहां पर आपका खाता हो या नहीं। बताया जाता है कि एफडी की परिपक्वता पर गूगल पे से अटैच खाता में पूरी रकम आ जायेगी। बता दें कि गूगल पे ने इस सुविधा को शुरू करने के लिए फिनटेक कंपनी सेतु के साथ इसी आशय का समझौता किया है। जिसके तहत सेतु के एपीआई के जरिये ही भारत के ग्राहकों को एफडी की स्कीम दी जाएगी। दरअसल, फिनटेक स्टार्टअप सेतु एक एप्लिकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस (एपीआई) स्टार्ट-अप है, जो बिल भुगतान, बचत, क्रेडिट और भुगतान में ग्राहकों को एपीआई प्रदान करता है। मशाबले की रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी ने पहले ही प्लेटफ़ॉर्म पर एक परीक्षण संस्करण तैयार कर लिया है जो एफडी के लिए विभिन्न अवधियों की पेशकश करता है।
उल्लेखनीय है कि गूगल ने एफडी देने की शुरुआत इक्विटास स्मॉल फाइनेंस बैंक के साथ शुरू किया है। उसके साथ हुए करार के मुताबिक इक्विटास स्मॉल फाइनेंस बैंक की एफडी एक महज एक साल के लिए ही दी जाएगी। बताया जाता है कि गूगल-पे अपने ग्राहकों को एफडी कराने पर न्यूनतम 3.5 प्रतिशत और अधिकतम 6.35 फीसदी का ब्याज प्रदान करेगा।
जहां तक प्रक्रिया की बात है तो गूगल की इस एफडी स्कीम को लेने के लिए ग्राहक को अपना आधार नंबर देकर केवाईसी कराना होगा। बताया जाता है कि आधार नंबर के द्वारा जुड़े हुए मोबाइल नम्बर के आधार पर ही आपके मोबाइल पर एक ओटीपी आएगा, जिसके लिए ‘सेतु’ ने एपीआई के लिए बीटा वर्जन तैयार कर लिया है। अब इसके बाद का काम जारी रखा गया है ताकि जल्द से जल्द यह स्कीम शुरू की जा सके।
खास बात यह है कि देश-दुनिया का बेहद लोकप्रिय सर्च इंजन गूगल अपनी एफडी स्कीम नहीं बेचेगा बल्कि अन्य बैंकों की एफडी स्कीम को ही गूगल-पे के जरिये ग्राहकों को देगा। यदि गूगल की यह योजना सफल रही तो बैंकों पर सावधि जमा करने वाले ग्राहकों की निर्भरता खत्म होगी। इसलिए गूगल-पे से एफडी ग्राहकों के लिए एक बड़ी सुविधा बताई जा रही है, क्योंकि यह पूरी तरह से मोबाइल पर ही आधारित होगा।
कहना न होगा कि लोगों के हाथों में अधिकांश समय तक रहने वाले स्मार्टफोन में गूगल-पे का चलन जिस तरह से बढ़ा है, उसे देखते हुए बनाई गई इस एफडी स्कीम को बड़ी पहल समझा जा रहा है। क्योंकि सावधि जमा करने वाले ग्राहकों को अब अपनी एफडी करने के लिए सिर्फ बैंकों या गैर-बैंकिंग संस्थाओं पर ही निर्भर नहीं रहना होगा,बल्कि अब यह काम पलक झपकते ही मोबाइल से भी हो सकेगा। वह भी गूगल-पे जैसे सहज उपलब्ध रहने वाले मोबाइल वॉलेट से संभव हो सकेगा। इस ऑफर की सबसे अच्छी बात यह है कि किसी बैंक में एफडी खोलने के लिए उस बैंक में बचत खाता का होना जरूरी नहीं होगा, बल्कि गूगल पे जिस खाता से अटैच होगा, वह एफडी भी परिपक्वता के बाद उसी खाते में डाल दी जाएगी।
सवाल है कि गूगल पे से एफडी खाता कौन खोल सकता है। इसे स्पष्ट करते हुए बताया गया है कि एफडी खोलने के लिए आधार आधारित केवाईसी करवाना अनिवार्य होगा। कहने का तातपर्य यह कि जो भी ग्राहक गूगल-पे के जरिये एफडी करना चाहेंगे, उनको किसी भी सूरत में आधार केवाईसी पूरी करनी ही होगी। इसके नहीं करने पर वह अपनी एफडी कतई नहीं करा पाएंगे।
जहां तक इस एफडी पर मिलने वाले ब्याज का सवाल है तो बता दें कि 7 से 365 दिन के बीच वाले 6 स्लैब बनाये गए हैं, जिसमें 7-29 दिन, 30-45 दिन, 46-90 दिन, 91-180 दिन, 181-364 दिन और 365 दिन के लिए एफडी स्कीम दी जाएगी। इसलिए सबसे कम दिन की एफडी पर 3.5 फीसदी और 1 साल की सुनिश्चित एफडी के लिए 6.35 फीसदी ब्याज दिया जाएगा। एफडी की परिवक्वता पर गूगल-पे से जुड़े खाते में आपका पैसा वापस जमा हो जाएगा।
यह भी स्पष्ट कर दिया गया है कि गूगल-पे से एफडी कराने पर जब वह एफडी मैच्योर हो जाएगी तो उसका पैसा वापस होते हुए ग्राहक के गूगल पे खाते में ट्रांसफर हो जाएगा। इस स्कीम में ग्राहक का सीधा संबंध गूगल और गूगल पे होगा, न कि इक्विटास स्मॉल फाइनेंस बैंक से। प्राप्त जानकारी के मुताबिक, इसी तरह की बात उज्जीवन स्मॉल फाइनेंस बैंक और एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक के साथ भी चल रही है, जिसकी सफलता के बाद आप इनकी एफडी स्कीम भी गूगल के जरिये ही खरीदे सकेंगे। बताया जाता है कि यदि यह व्यवस्था कामयाब रहती है तो अन्य पेमेंट ऐप पर भी इसे लागू किया सकता है।
सच कहा जाए तो हाल के समय में भारत में लोगों का निवेश के लिहाज से सबसे ज्यादा ध्यान म्यूचुअल फंड और स्टॉक पर है। लेकिन जब भी बात बचत यानी सेविंग की आती है तो लोगों द्वारा सबसे ज्यादा भरोसा सावधि जमा (एफडी) योजना पर ही किया जाता है। हालांकि यह भी कड़वा सच है कि एफडी स्कीम में मिलने वाले फायदे के बावजूद अभी तलक इसे नजरंदाज ही किया जाता है। आंकड़े बताते हैं कि जिस दर से लोग बचत खाते में पैसा रखते हैं, उस दर से एफडी में निवेश नहीं करते। शायद गूगल का ध्यान इस बात पर गया है कि जिसके चलते उसने योजना बनाई है कि गूगल पे के माध्यम से भी लोगों को एफडी से जोड़ा जा सके।
अमूमन, गूगल पे देश में डिजिटल भुगतान के लिए एक लोकप्रिय प्लेटफॉर्म है। भारत में गूगल प्ले स्टोर पर ऐप के 10 करोड़ से अधिक डाउनलोड हैं। इसलिए उम्मीद की जा रही है कि गूगल पे ने अपने प्लेटफॉर्म पर एफडी लॉन्च करने के लिए एक भारतीय स्टार्टअप सेतु के साथ जो साझेदारी की है, सफल होगी। हालांकि, हैरत की बात यह भी है कि गूगल पे पर नई सुविधा के लिए आधिकारिक लॉन्च की तारीख भी गुप्त रखी गई है।