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176 करोड़ की आईटीसी धोखाधड़ी में दो और लोग गिरफ्तार
Posted Date : 26-Aug-2021 1:50:15 am

176 करोड़ की आईटीसी धोखाधड़ी में दो और लोग गिरफ्तार

नईदिल्ली,। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) खुफिया महानिदेशालय की गुरुग्राम क्षेत्रीय इकाई, हरियाणा ने 176 करोड़ रुपये के फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट धोखाधड़ी मामले का भंडाफोड़ किया हैं जिसमें इन बिलों को संजय गोयल मालिक मेसर्स रेडामेंसी वर्ल्ड और दीपक शर्मा ने पेश किया था। दीपक शर्मा ऐसी आठ कंपनियों के वास्तव में नियंत्रक हैं जो अस्तित्व में ही नहीं थी। इस मामले में क्षेत्रीय इकाई ने संजय गोयल और दीपक शर्मा को पहले ही गिरफ्तार कर लिया है। इस मामले की जांच के दौरान दो और प्रमुख व्यक्तियों मनीष मोदी और गौरव अग्रवाल का नाम भी उभर कर सामने आया है। इस मामले की विस्तृत जानकारी के आधार पर क्षेत्रीय इकाई ने मनीष मोदी, चार्टर्ड अकाउंटेंट निवासी पीतमपुरा, नई दिल्ली को फर्जी फर्म रैकेट चलाने तथा फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट बिल मामले में गिरफ्तार किया गया है जिसमें वस्तुओं और सेवाओं की वास्तव में आपूर्ति ही नहीं हुई थी। यह भी पाया गया है कि मनीष मोदी फर्जी फर्मों मेसर्स निवारण एंटरप्राइजेज और मेसर्स पंचवटी एंटरप्राइजेज का प्रबंधन/नियंत्रण कर रहे थे और इनके आधार पर मनीष ने 36 करोड़ रुपये के फर्जी आईटीसी बिल पेश किए। मनीष मोदी के पास से कुछ आपत्तिजनक साक्ष्य भी पाए गए हैं जो यह दर्शाते हैं कि इस तरह की ही अन्य फर्मों को वह नियंत्रित करते थे। इस मामले की जांच की जा रही है।
गौरव अग्रवाल, सहयोगी मेसर्स अग्रवाल एंड कंपनी (आईटीसी का अधिकृत डीलर) का नाम भी आईटीसी धोखाधड़ी रैकेट मामले में सामने आया है। गौरव अग्रवाल ने धोखाधड़ी करते हुए 15 करोड़ रुपये के फर्जी आईटीसी बिल (जिसमें जीएसटी और सेस शामिल हैं।) पेश किए हैं और इन आरोपों के चलते गौरव अग्रवाल को भी गिरफ्तार किया गया है। तद्नुसार मनीष मोदी और गौरव अग्रवाल को 23.08.2021 को गिरफ्तार किया गया और ड्यूटी मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट दिल्ली के समक्ष पेश किया गया जिन्होंने दोनों को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया। दोनों व्यक्तियों की ओर से 36 करोड़ रुपये और 15 करोड़ रुपये से अधिक आईटीसी बिल धोखाधड़ी करते हुए पेश किए गए थे। मामले की विस्तृत जांच जारी है।

नॉर्थ ईस्टर्न रीजन डिस्ट्रिक्ट एसडीजी इंडेक्स एंड डैशबोर्ड होगा जारी
Posted Date : 26-Aug-2021 1:30:01 am

नॉर्थ ईस्टर्न रीजन डिस्ट्रिक्ट एसडीजी इंडेक्स एंड डैशबोर्ड होगा जारी

नईदिल्ली। नीति आयोग और पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय (डोनर मंत्रालय) 26 अगस्त को नॉर्थ ईस्टर्न रीजन डिस्ट्रिक्ट एसडीजी इंडेक्स एंड डैशबोर्ड, 2021-22 का पहला संस्करण जारी करेंगे। यह संस्करण देश में अपनी तरह का पहला क्षेत्र-व्यापी जिला एसडीजी सूचकांक है और आठ राज्यों - अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, सिक्किम और त्रिपुरा के 120 जिलों में सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) के स्थानीयकरण की दिशा में हासिल किया गया अहम पड़ाव है।
नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ राजीव कुमार, केंद्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास तथा पर्यटन और संस्कृति मंत्री जी किशन रेड्डी, केंद्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास तथा सहकारिता राज्य मंत्री बी. एल. वर्मा इस सूचकांक और डैशबोर्ड को नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत, पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास मंत्रालय के सचिव डॉ. इंदर जीत सिंह और यूएनडीपी इंडिया की स्थानीय प्रतिनिधि नादिया रशीद की उपस्थिति में जारी करेंगे।
नॉर्थ ईस्टर्न रीजन डिस्ट्रिक्ट एसडीजी इंडेक्स एंड डैशबोर्ड संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) की तकनीकी मदद के साथ नीति आयोग और डोनर मंत्रालय द्वारा किया गया एक सहयोगात्मक प्रयास है। यह एसडीजी और उनके संबंधित लक्ष्यों पर उत्तर-पूर्व क्षेत्र के आठ राज्यों के जिलों के प्रदर्शन को मापता है और उसी के आधार पर जिलों को रैंक करता है। सूचकांक नीति आयोग के एसडीजी इंडिया इंडेक्स पर आधारित है जो राष्ट्रीय और राज्य/केंद्र शासित क्षेत्र के स्तर पर एसडीजी पर प्रगति की निगरानी के लिए मुख्य और आधिकारिक उपकरण है तथा जिलों के बीच प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने के लिए एसडीजी के लिहाज से प्रदर्शन को मापने और रैंकिंग तैयार करने के समान मूल्यों को साझा करता है।

गिफ्ट आईएफएससी में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार वित्त सेवा प्लेटफार्म के लिए आवेदन आमंत्रित
Posted Date : 26-Aug-2021 1:28:28 am

गिफ्ट आईएफएससी में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार वित्त सेवा प्लेटफार्म के लिए आवेदन आमंत्रित

नईदिल्ली। अंतर्राष्ट्रीय वित्त सेवा केंद्र प्राधिकरण (आईएफएससीए) की स्थापना भारत में अंतर्राष्ट्रीय वित्त सेवा केंद्रों (आईएफएससी) में वित्तीय उत्पादों, वित्तीय सेवाओं और वित्तीय संस्थानों को विकसित तथा विनियमित करने के लिए एक एकीकृत नियामक के रूप में की गयी है।
आईएफएससीए ने व्यापार से जुड़ी वित्तीय सेवाएं प्रदान करने हेतु गिफ्ट अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र (आईएफएससी) में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार वित्त सेवा मंच (आईटीएफएस) की स्थापना के लिए 9 जुलाई के परिपत्र के माध्यम से रूपरेखा जारी की थी। इस संबंध में, आईएफएससीए ने पात्र संस्थाओं से आवेदन आमंत्रित किये हैं, जो आईटीएफएस की स्थापना और संचालन के इच्छुक हैं। पात्र संस्थान निर्धारित प्रारूप में 15 सितंबर तक आईएफएससीए को सहायक दस्तावेजों के साथ आवेदन कर सकते हैं।
आईएफएससीए प्रथम दृष्टि में संतुष्ट होने के बाद किसी संस्थान को एक निश्चित अवधि के लिए आईएफएससीए नियामक निगरानी परीक्षण (सैंडबॉक्स) वातावरण में काम करने के लिए सैद्धांतिक मंजूरी प्रदान करेगा। यह प्रक्रिया संस्थान को नियमित संचालन की अनुमति देने से पहले अपनाई जाएगी।
आईटीएफएस एक इलेक्ट्रॉनिक मंच होगा,जो निर्यातकों और आयातकों की व्यापार वित्त से जुड़ी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए उन्हें कई वित्तीय संस्थानों तक पहुंच की सुविधा प्रदान करेगा। एक बार संचालन शुरू होने के बाद, यह प्रतिस्पर्धी लागत पर तथा कमीशन, तीसरे पक्ष द्वारा ऋण सुविधा और अन्य व्यापार वित्तपोषण सेवाओं के आधार पर वैश्विक संस्थानों की सहायता से निर्यातकों और आयातकों के लिए ऋण की व्यवस्था करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। व्यापार वित्त सेवाओं का लाभ उठाने के लिए दुनिया भर के निर्यातकों और आयातकों द्वारा प्लेटफॉर्म का उपयोग किये जाने की उम्मीद है, जिससे गिफ्ट आईएफएससी, अंतरराष्ट्रीय व्यापार वित्तपोषण के लिए एक पसंदीदा स्थान बन जाएगा।
गिफ्ट आईएफएससी में आईटीएफएस स्थापित करने के लिए दिनांक 23 अगस्त, 2021 के परिपत्र के द्वारा आवेदन आमंत्रित किये गए थे।

टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स ने ब्रिटेन में उतारा अपना हिमालयन वॉटर ब्रांड
Posted Date : 25-Aug-2021 2:40:41 am

टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स ने ब्रिटेन में उतारा अपना हिमालयन वॉटर ब्रांड

नईदिल्ली। टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड (टीसीपीएल) ने मंगलवार को कहा कि उसने अपना प्रीमियम प्राकृतिक मिनरल वॉटर ब्रांड हिमालयन वॉटर ब्रिटेन के बाजार में उतारा है। कंपनी ने कहा कि इसके साथ ही उसने अपने मिनरल वॉटर पोर्टफोलियो का विस्तार किया है।
टाटा समूह की एफएमसीजी कंपनी के एक बयान में कहा गया है कि ब्रिटेन में टीसीपीएल द्वारा बाजार में उतारा जाने वाला यह पहला वॉटर ब्रांड है। 
शुरुआत में हिमालयन वॉटर केवल ऑनलाइन उपलब्ध होगा और धीरे-धीरे वितरण का विस्तार किया जाएगा। 
कंपनी ने कहा, ‘‘ब्रिटेन के बाजार में इस ब्रांड को उतारना कंपनी की सभी बाजारों में पहुंच और ब्रांड क्षमता को अधिकतम करने की रणनीति के अनुरूप है।’’ टीसीपीएल ने कहा कि हिमालय के पहाड़ी क्षेत्र की शिवालिक रेंज में उसके बॉटलिंग सुविधा केन्द्र में 100 प्रतिशत नवीकरणीय ऊर्जा का इस्तेमाल होता है। टीसीपीएल के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) सुनील डिसूजा ने कहा कि हिमालयन वॉटर एक महत्वपूर्ण क्षमता वाला ब्रांड है। 
उन्होंने कहा कि यह ब्रांड भारत में लोकप्रिय है और इसे ब्रिटेन में पेश करने से हमें अपने प्रमुख अंतरराष्ट्रीय बाजारों में से एक में अपने पेय पोर्टफोलियो को बढ़ाने में मदद मिलेगी। 
टीसीपीएल के पास टाटा टी, टेटली, टाटा साल्ट, एट ओ क्लॉक कॉफी, हिमालयन वॉटर और टाटा संपन्न, टाटा सोलफुल, टाटा ग्लूको प्लस और टाटा वॉटर प्लस जैसे उभरते ब्रांड हैं। कंपऩी की मौजूदगी 40 से अधिक देशों में है। 

आरबीआई ने दो बैंकों पर लगाया लाखों रुपए का जुर्माना, नियमों के उल्लंघन के कारण हुई कार्रवाई
Posted Date : 25-Aug-2021 2:38:53 am

आरबीआई ने दो बैंकों पर लगाया लाखों रुपए का जुर्माना, नियमों के उल्लंघन के कारण हुई कार्रवाई

मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक ने देश के दो बैंकों पर जुर्माना लगया है। दोनों बैंकों पर यह जुर्माना अलग-अलग नियमों के उल्लंघन करने के कारण लगा है। रिजर्व बैंक के अनुसार, धनलक्ष्मी बैंक पर ‘जमाकर्ताओं की शिक्षा एवं जागरुकता कोष योजना’ से संबंधित नियमों के उल्लंघन के चलते 27.5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। वहीं, केंद्रीय बैंक ने साथ ही गोरखपुर स्थित पूर्वोत्तर (एनई) और मध्य पूर्वी (ईसी) रेलवे कर्मचारियों के बहुराज्यीय प्राथमिक सहकारी बैंक पर कुछ मानदंडों का उल्लंघन करने के चलते 20 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।
आरबीआई ने एक बयान में कहा कि धनलक्ष्मी बैंक पर बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की एक धारा के उल्लंघन के लिए जुर्माना लगाया गया है। वहीं, प्राथमिक सहकारी बैंक पर विशिष्ट निर्देशों के पालन नहीं करने के कारण यह जुर्माना लगा है।
बयान में कहा गया कि पूर्वोत्तर (एनई) और मध्य पूर्वी (ईसी) रेलवे कर्मचारियों के बहुराज्यीय प्राथमिक सहकारी बैंक की 31 मार्च 2019 को वित्तीय स्थिति के आधार पर बैंक की निरीक्षण रिपोर्ट में पर्यवेक्षी कार्रवाई ढांचे (एसएएफ) के तहत जारी किए गए विशिष्ट निर्देशों का पालन नहीं करने या उनका उल्लंघन करने के बारे में पता चला। रिपोर्ट के आधार पर सहकारी बैंक को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था।
केंद्रीय बैंक ने कहा, ‘‘व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान बैंक के जवाब और मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद आरबीआई इस निष्कर्ष पर पहुंचा कि उसके निर्देशों का पालन नहीं करने या उल्लंघन के उपरोक्त आरोप की पुष्टि हुई और इसलिए मौद्रिक जुर्माना लगाना जरूरी है।ज्ज् आरबीआई ने हालांकि, यह जोड़ा कि यह जुर्माना नियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और सहकारी बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर कोई प्रश्नचिन्ह नहीं है।
आरबीआई के मुताबिक- व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान किए गए नोटिस और मौखिक प्रस्तुतियों के बैंक के जवाब पर विचार करने के बाद, रिजर्व बैंक इस नतीजे पर पहुंचा कि योजना के साथ पढ़े गए अधिनियम के उपरोक्त प्रावधानों के उल्लंघन के आरोप की पुष्टि की गई और बैंक पर मौद्रिक जुर्माना लगाया जाना जरूरी है। हालांकि रिजर्व बैंक ने ये साफ किया कि यह जुर्माना रेगुलेटर कंप्लायंस में कमियों पर आधारित है और सहकारी बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर कोई सवाल नहीं खड़े करता है।

वनवेब ने 34 और उपग्रहों के सफल प्रक्षेपण की घोषणा की
Posted Date : 24-Aug-2021 2:16:08 am

वनवेब ने 34 और उपग्रहों के सफल प्रक्षेपण की घोषणा की

नईदिल्ली। भारती समूह द्वारा समर्थित निम्न कक्षा (एलईओ) उपग्रह संचार कंपनी वनवेब ने सोमवार को कहा कि उसने दक्षिणी कजाकिस्तान के बैकोनूर कोस्मोड्रोम से एरियनस्पेस द्वारा 34 उपग्रहों को प्रक्षेपित किया है।
इसके साथ ही कंपनी अब तक कुल 288 उपग्रहों को कक्षा में स्थापित कर चुकी है। वनवेब ने कहा कि वह इस साल सेवा शुरू करने और 2022 में वैश्विक सेवा देने की राह पर है।
कंपनी वाणिज्यिक सेवा शुरू करने और वैश्विक सेवा बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित कर रही है, और ताजा कदम इस व्यावसायिक तैयारी को दर्शाता है। 
कंपनी ने एक बयान में कहा, ‘‘भारती समर्थित निम्न पृथ्वी कक्षा (एलईओ) उपग्रह संचार कंपनी वनवेब ने आज दक्षिणी कजाकिस्तान के बैकोनूर कोस्मोड्रोम से एरियनस्पेस द्वारा 34 उपग्रहों के प्रक्षेपण की पुष्टि की।’’ 
ये उपग्रह वनवेब के 648 एलईओ उपग्रह बेड़े का हिस्सा होंगे, जिसका उद्देश्य उच्च गति वाली वैश्विक कनेक्टिविटी मुहैया कराना है।