व्यापार

वोडाफोन आइंडिया ने जून में 42.8 लाख ग्राहक गंवाये, एयरटेल, जियो के ग्राहक बढ़े
Posted Date : 24-Aug-2021 2:15:43 am

वोडाफोन आइंडिया ने जून में 42.8 लाख ग्राहक गंवाये, एयरटेल, जियो के ग्राहक बढ़े

नईदिल्ली। संकट में फंसी वोडाफोन आइडिया लि. (वीआईएल) ने जून में 42.8 लाख मोबाइल ग्राहक गंवाए। इसका फायदा रिलायंस जियो और भारती एयरटेल को हुआ।
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के आंकड़ों के अनुसार, जून में रिलायंस जियो के ग्राहकों की संख्या में 54.6 लाख की बढ़ोतरी हुई। वहीं भारती एयरटेल की ग्राहक संख्या में 38.1 लाख का इजाफा हुआ।
आंकड़ों के अनुसार, समीक्षाधीन महीने में वोडाफोन आइडिया के ग्राहकों की संख्या 42.8 लाख घटकर 27.3 करोड़ रह गई। इससे कर्ज के बोझ तले दबी दूरसंचार कंपनी की दिक्कतें और बढ़ी है, जो बाजार में टिके रहने के लिए संघर्ष कर रही है।
जून में रिलायंस जियो के मोबाइल ग्राहकों की संख्या 54.6 लाख बढक़र 43.6 करोड़ हो गई। मुकेश अंबानी की अगुवाई वाली दूरसंचार कंपनी वायरलाइन कनेक्शन जोडऩे में भी सबसे आगे रही। माह के दौरान कंपनी ने वायरलाइन श्रेणी में 1.87 लाख नए ग्राहक जोड़े। 
भारती एयरटेल के जून में मोबाइल ग्राहकों की संख्या 38.1 लाख बढक़र 35.2 करोड़ पर पहुंच गई। 
आंकड़ों के अनुसार, जून, 2021 के अंत तक देश में कुल फोन ग्राहकों की संख्या मासिक आधार पर 0.34 प्रतिशत बढक़र 120.2 करोड़ हो गई। इस दौरान शहरी क्षेत्रों में फोन ग्राहकों की संख्या बढ़ी, जबकि ग्रामीण इलाकों में कनेक्शनों में मामूली गिरावट आई। 
ट्राई ने कहा, ‘‘जून महीने में 440 ऑपरेटरों से मिली सूचना के आधार पर ब्रॉडबैंड ग्राहकों की संख्या बढक़र 79.27 करोड़ पर पहुंच गई, जो मई अंत तक 78.02 करोड़ थी। इसमें मासिक आधार पर 1.60 प्रतिशत की वद्धि हुई। 
ब्रॉडबैंड बाजार में पांच शीर्ष सेवाप्रदाताओं की बाजार हिस्सेदारी 98.7 प्रतिशत है। 
इनमें रिलायंस जियो इन्फोकॉम लि. (43.99 करोड़), भारती एयरटेल (19.71 करोड़), वोडाफोन आइडिया (12.14 करोड़), बीएसएनएल (2.26 करोड़) और एट्रिया कन्वर्जेंस (19.1 लाख) शामिल हैं। 
ट्राई का जून माह के लिये ग्राहकों की संख्या का यह कार्ड ऐसे समय आया है जब निजी क्षेत्र की तीन दूरसंचार कंपनियों में से एक वोडाफोन आइडिया अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा है। 

ट्रूकॉलर को टक्कर देने आई भारतीय ऐप
Posted Date : 24-Aug-2021 2:15:23 am

ट्रूकॉलर को टक्कर देने आई भारतीय ऐप

नईदिल्ली। कॉलर आईडी ऐप ट्रूकॉलर को टक्कर देने के लिए भारतीय कॉलर आईडी ऐप लॉन्च हो गया है। इस स्वदेशी कॉलर आईडी का नाम भारतकॉलर है। इसे बनाने वाले इंजीनियरों का दावा है कि यह कॉलर आईडी विदेशी और अन्य कॉलर आईडी की तरह आपके कॉल लॉग्स, कॉन्टैक्ट्स या संदेशों को अपने सर्वर पर अपलोड नहीं करता। न ही इसके कर्मचारियों के पास आपके फोन नंबर्स का डेटाबेस एक्सेस करने का अधिकार है। इस एप के निर्माता का यह कहना है कि वे ट्रूकॉलर से कुछ मामलों में आगे हैं और यह एप भारतीयों को ट्रूकॉलर से बेहतर लगेगी।
इस ऐप को भारत के ही कुछ इंजीनियरों ने बनाया है। आईआईएम बैंगलोर के पूर्व छात्र और इस एप की निर्माता टीम के प्रमुख सदस्य, प्रज्ज्वल सिन्हा यह कहते हैं कि यह एप भारत में ट्रूकॉलर का विकल्प बन सकता है और यह पूरी तरह सुरक्षित है। प्रज्ज्वल कहते हैं कि कुछ समय पहले भारतीय सेना ने भारत में ट्रूकॉलर को बैन कर दिया था। इस समय प्रज्ज्वल और उनके मित्र को यह सूझा कि भारत की कोई अपनी कॉलर आइडी एप नहीं है और होनी चाहिए। तभी उन्होंने इस एप को बनाने का फैसला किया।
प्रज्ज्वल बताते हैं कि तीन महीने की रिसर्च के बाद, दिसंबर 2020 में इस एप पर काम शुरू हुआ और इसे पूरी तरह तैयार होने में छह महीने का समय लग गया। ट्रायल्स के सफल होने के बाद इस एप के पहले वर्जन को लॉन्च किया गया, जो करीब 1 करोड़ यूजर्स के उपयोग करने के लायक है। भारतकॉलर के निर्माता कहते हैं कि अभी भी वह अपनी एप को वहां नहीं पहुंचा पाए हैं जहां यह एप अंतर्राष्ट्रीय स्तर की ऐसी दूसरी एप्स से मुकाबला कर सके। अपडेट्स की प्रक्रिया चल रही है और एआई आधारित ऐल्गोरिद्म में सुधार किए जा रहे हैं। वह कहते हैं कि अभी उन्हें काफी काम और करना है।
यह एप बाकी एप्स से इस तरह भिन्न है कि यह अपने यूजरस के कॉन्टैक्ट्स और कॉल लॉग्स को अपने सर्वर पर सेव नहीं करता जिससे यूजर्स की निजता पर कोई प्रभाव न पड़े। साथ ही, इस एप का सर डाटा इन्क्रिप्टेड फॉर्मैट में स्टोर किया जाता है और इसका सर्वर भारत के बाहर कोई इस्तेमाल नहीं कर सकता है। इसलिए भारतकॉलर एप पूरी तरह से सुरक्षित और यूजर-फ्रेंडली है। भारतकॉलर को विभिन्न भारतीय भाषाओं में लॉन्च किया गया है, जैसे अंग्रेजी, हिन्दी, तमिल, गुजराती, बांग्ला, मराठी आदि। इसके पीछे का कारण है एप को समावेशी यानी इन्क्लूसिव बनाना जिससे हर भारतीय अपने सुख और अपनी पसंद से भाषा चुन सके और उस भाषा में एप को इस्तेमाल कर सके।  इस एप को एंड्रॉयड और आईओएस का इस्तेमाल करने वाले यूजर्स, सभी डाउनलोड कर सकते हैं।

मर्सिडीज बेंज ने एएमजी जीएलई 63 एस मैटिक प्लस कूपे उतारी, कीमत 2.07 करोड रुपये
Posted Date : 24-Aug-2021 2:14:40 am

मर्सिडीज बेंज ने एएमजी जीएलई 63 एस मैटिक प्लस कूपे उतारी, कीमत 2.07 करोड रुपये

नईदिल्ली। जर्मनी की लक्जरी कार कंपनी मर्सिडीज बेंच ने सोमवार को अपनी नई परफॉर्मेंस कार ‘एएमजी जीएलई 63 एस मैटिक प्लस कूपे’ पेश की। इसकी देशभर में शोरूम कीमत 2.07 करोड़ रुपये है।
मर्सिडीज बेंज इंडिया ने सोमवार को बयान में कहा कि इस मॉडल में 4-लीटर का इंजन लगा है जो 612 एचपी की ऊर्जा प्रदान करता है। कंपनी की एएमजी परफॉर्मेंस कार श्रृंखला में यह भारत में उपलब्ध 12वां मॉडल है।
मर्सिडीज बेंज इंडिया के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) मार्टिन श्वेंक ने कहा कि एएमजी पोर्टफोलियो हमारे लिए सबसे तेजी से बढ़ता खंड है। एएमजी जीएलई 63 एस मैटिक प्लस कूपे को पेश किए जाने से लक्जरी प्रदर्शन खंड में हमारी स्थिति और मजबूत हुई है। 
कंपनी ने कहा कि यह वाहन शून्य से 100 किलोमीटर की रफ्तार मात्र 3.8 सेकेंड में पकड़ लेता है। इसकी अधिकतम गति सीमा 280 किलोमीटर प्रति घंटे की है। 

वित्त वर्ष 2020-21 में नाबार्ड का ऋ ण 25.2 प्रतिशत बढक़र 6 लाख करोड़ रुपये पर पंहुचा
Posted Date : 23-Aug-2021 3:28:26 am

वित्त वर्ष 2020-21 में नाबार्ड का ऋ ण 25.2 प्रतिशत बढक़र 6 लाख करोड़ रुपये पर पंहुचा

नईदिल्ली । राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) ने रविवार को अपनी वार्षिक रिपोर्ट में बताया कि 2020-21 वित्त वर्ष के दौरान बैंक का ऋण और अग्रिम पिछले साल की तुलना में 25.2 प्रतिशत बढक़र छह लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया।
रिपोर्ट में बताया गया कि नाबार्ड ने वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान 34,671.2 करोड़ रुपये की आय कमाई, जो पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 6.1 प्रतिशत अधिक है। कर से पहले चालू वित्त वर्ष में उसका लाभ 6,081.4 करोड़ रुपये रहा, जबकि इससे पिछले वित्त वर्ष में यह 5,234.3 करोड़ रुपये था।
वही कर के बाद बीते वित्त वर्ष में बैंक का लाभ 4,320 करोड़ रुपये पहुंच गया। इससे पिछले यानी वित्त वर्ष 2019-20 ने यह 3,859.2 करोड़ रुपये था। 
नाबार्ड ने बताया कि 31 मार्च, 2021 को समाप्त वित्त वर्ष में उसका बही-खाता 6.57 लाख करोड़ रुपये रहा। इसमें से अधिकांश गैर-निष्क्रिय (अर्जित) संपत्तियां है, जिसने बदले में जमीनी स्तर पर निजी और सार्वजनिक निवेश जुटाने में मदद की। 
नाबार्ड के अध्यक्ष जी आर चिंताला ने वार्षिक रिपोर्ट में कहा, हमने सालाना आधार पर अपनी कुल संपत्ति में 24 प्रतिशत की रिकॉर्ड वृद्धि हासिल की और ऋण पोर्टफोलियो में इसी तरह की प्रभावशाली वृद्धि हासिल की है। 
उन्होंने कहा कि सरकार के आत्मानिर्भर भारत पैकेज और किसानों की मेहनत के कारण, कृषि क्षेत्र ने पिछले साल 3.6 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की और चालू वित्त वर्ष में भी इसी प्रदर्शन को दोहराने की संभावना है। 
वही 2020-21 में कृषि ऋण बकाया 12.3 प्रतिशत की दर से बढ़ा, जो सभी क्षेत्रों में सबसे अधिक है। 
चिंताला ने कहा, इससे हमें केंद्रीय बजट 2022 में निर्धारित 16.5 लाख करोड़ रुपये के ग्रामीण ऋण प्रवाह के लक्ष्य को पूरा करने का विश्वास मिलता है, क्योंकि चालू वर्ष के दौरान मानसून भी सामान्य रहने की उम्मीद है।

मत्स्य सब्सिडी पर डब्ल्यूटीओ में एक सितंबर से शुरू होगा गहन विचार-विमर्श
Posted Date : 23-Aug-2021 3:27:03 am

मत्स्य सब्सिडी पर डब्ल्यूटीओ में एक सितंबर से शुरू होगा गहन विचार-विमर्श

नईदिल्ली । मत्स्य सब्सिडी पर प्रस्तावित समझौते को लेकर मतभेदों को दूर करने के लिए जिनेवा में विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के सदस्यों देशों के बीच एक सितंबर से गहन बातचीत शुरू होगी। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
अधिकारी ने बताया कि इस बातचीत का उद्देश्य जल्द वार्ता को पूरा करना है ताकि सदस्य देश 12वें मंत्रिस्तरीय सम्मेलन से पहले संधि के ब्योरे को अंतिम रूप दे सकें। मंत्रिस्तरीय सम्मेलन 30 नवंबर से जिनेवा में होना है। 
उन्होंने बताया कि सदस्यों देशों के बीच बातचीत दो चरण में होगी। पहला चरण एक से 12 सितंबर तक चलेगा। दूसरा चरण 13 सितंबर से आठ अक्टूबर तक होगा। 
पहले चरण के दौरान नियमों पर वार्ता समूह के प्रमुख राजदूत सैंटियागो विल्स विभिन्न स्वरूपों में परामर्श करेंगे। इसके तहत सदस्य देश प्रमुख मुद्दों पर विल्स से मिलेंगे या आपस में विचार-विमर्श करेंगे। वही 13 सितम्बर से आठ अक्टूबर के बीच दूसरे चरण में मूल मुद्दों पर गहरी बातचीत होगी, जिन पर सदस्य देशों के अलग-अलग विचार हैं। दूसरे चरण का मुख्य उद्देश्य मतभेदों को कम करना और वार्ता के मसौदे में सुधार करना है। 
अधिकारी ने कहा, ‘‘इस बातचीत का उद्देश्य 12वें मंत्रिस्तरीय सम्मेलन से पहले पूरी तरह से सहमति के बाद ब्योरे को अंतिम रूप देना है।’’ 
इससे पहले डब्ल्यूटीओ की मंत्रिस्तरीय बैठक में वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा था कि विकासशील और अल्प विकसित देशों (एलडीसी) की चिंताओं को दूर करने के लिए सदस्य देशों को अभी भी महत्वपूर्ण सुधार करने की आवश्यकता है। 

कर्मचारियों से कैंटीन सुविधा के लिए वसूले गए शुल्क पर नहीं लगेगा जीएसटी
Posted Date : 23-Aug-2021 3:26:22 am

कर्मचारियों से कैंटीन सुविधा के लिए वसूले गए शुल्क पर नहीं लगेगा जीएसटी

नईदिल्ली । कर्मचारियों द्वारा कैंटीन सुविधा के लिए चुकाई गई राशि पर कोई माल एवं सेवा कर (जीएसटी) नहीं लगेगा। अग्रिम निर्णय प्राधिकरण (एएआर) ने यह व्यवस्था दी है। टाटा मोटर्स ने एएआर की गुजरात पीठ से संपर्क कर यह जानकारी मांगी थी कि क्या उसके कर्मचारियों द्वारा कैंटीन सुविधा के इस्तेमाल के लिए उनसे वसूली गई मामूली राशि पर जीएसटी लगेगा। इसके अलावा कंपनी ने यह भी पूछा था कि क्या कारखाने में काम करने वाले कर्मचारियों को उपलब्ध कराई गई कैंटीन सुविधा पर सेवाप्रदाता द्वारा लिए गए जीएसटी पर इनपुट कर क्रेडिट (आईटीसी) की सुविधा मिलेगी। एएआर ने अपने फैसले में यह कहा है कि टाटा मोटर्स ने अपने कर्मचारियों के लिए कैंटीन की व्यवस्था की है, जिसका संचालन तीसरा पक्ष सेवाप्रदाता द्वारा किया जा रहा है। इस व्यवस्था के तहत कैंटीन शुल्क के एक हिस्से का बोझ कंपनी वहन कर रही है और शेष का कर्मचारी उठा रहे हैं। कर्मचारियों के हिस्से के कैंटीन शुल्क को कंपनी द्वारा जुटाया जाता है और इसे कैंटीन सेवाप्रदाता को दिया जाता है। इसके अलावा टाटा मोटर्स ने यह भी कहा है कि कर्मचारियों से कैंटीन शुल्क वसूली में वह अपने मुनाफे का मार्जिन नहीं रखती है। एएआर ने कहा कि कैंटीन सुविधा पर जीएसटी भुगतान के लिए आईटीसी जीएसटी कानून के तहत प्रतिबंधित क्रेडिट है और आवेदक को इसका लाभ नहीं मिला सकता। 
एएमआरजी एंड एसोसिएट्स के वरिष्ठ भागीदार रजत मोहन ने कहा कि अभी सब्सिडी वाला खाने-पीने का सामान उपलब्ध कराने वाली कंपनियां कर्मचारियों से इसकी वसूली पर पांच प्रतिशत का कर ले रही हैं। ‘‘एएआर ने अब व्यवस्था दी है कि जहां कैंटीन शुल्क का एक बड़ा हिस्सा नियोक्ता द्वारा वहन किया जाएगा और कर्मचारियों से सिर्फ मामूली शुल्क लिया जाएगा, उनमें जीएसटी नहीं लगेगा।